26वां दिव्यांगजन स्थापना दिवस समारोह पर श्रवणबाधित और चलन क्रिया से ग्रसित दिव्यांगजनों को हियरिंग एंड ट्राई-साइकिल और व्हीलचेयर की गईं वितरित
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण और उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के उद्देश्य से 18 सितंबर 1998 को स्थापित राज्य आयुक्त, दिव्यांगजन कार्यालय का 26वां स्थापना दिवस समारोह बुधवार को लखनऊ में उत्साहपूर्वक आयोजित किया गया। इस अवसर पर दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहलों की शुरुआत और वितरण कार्यक्रम आयोजित किए गए।
समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि, सुभाष चन्द शर्मा, प्रमुख सचिव, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, उप्र शासन द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने कहा कि राज्य आयुक्त, दिव्यांगजन कार्यालय का उद्देश्य दिव्यांगजनों के अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें न्याय दिलाना है। यह कार्यालय समाज में दिव्यांगजनों की मुख्यधारा में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। आज इस समारोह का आयोजन कर हमें गर्व महसूस हो रहा है, और हमें इस दिशा में और आगे बढ़ने की आवश्यकता है। समारोह के दौरान श्रवणबाधित दिव्यांगजनों को हियरिंग एड्स तथा चलन क्रिया से ग्रसित दिव्यांगजनों को ट्राई-साइकिल और व्हीलचेयर प्रदान की गईं। साथ ही, टीसीआई एक्सप्रेस फाउंडेशन, जयपुर फुट और पुनर्वास केंद्र लखनऊ के सहयोग से 12 दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण वितरित किए गए। यह कार्यक्रम न केवल दिव्यांगजनों के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान करने का मंच बना, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन भी दिया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय, लखनऊ द्वारा एक विशेष दिव्यांगता प्रमाण-पत्र शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 50 दिव्यांगजनों के यूडीआईडी कार्ड और दिव्यांगता प्रमाण-पत्र तत्काल जारी किए गए। इस शिविर से दिव्यांगजनों को उनके अधिकारों और सेवाओं तक सीधी पहुंच प्राप्त हुई। समारोह में दिव्यांगता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले प्रतिष्ठित व्यक्तियों को भी सम्मानित किया गया। इनमें प्रमुख नाम थे गौरव खन्ना, राष्ट्रीय पैरालंपिक कोच, अभय प्रताप सिंह, ज्वाइंट सेक्रेटरी, डीसीसीआई एवं अध्यक्ष, व्हीलचेयर क्रिकेट एसोसिएशन, इच्छा पटेल, पैरालंपिक भारोत्तोलन गोल्ड मेडलिस्ट, पलक कोहली, पैरालंपिक बैडमिंटन खिलाड़ी, और डा. अमित केसरी, कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जन, एसजीपीजीआई, लखनऊ। इन सभी को मुख्य अतिथि द्वारा शॉल, स्मृति चिह्न और बालवृक्ष देकर सम्मानित किया गया। विशिष्ट अतिथि भूपेन्द्र एस. चौधरी, निदेशक, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ने इस अवसर पर कहा कि दिव्यांगजन हमारे समाज का अभिन्न हिस्सा हैं, और उनका सशक्तीकरण हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। बिना दिव्यांगजनों की सक्रिय भागीदारी के राष्ट्र की प्रगति अधूरी है। समारोह के अध्यक्ष और राज्य आयुक्त, दिव्यांगजन, प्रो. हिमांशु शेखर झा ने अपने संबोधन में कहा कि हमारा कार्यालय दिव्यांगजनों को न्याय दिलाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। हम उन दिव्यांगजनों की भी समस्याओं को हल करने के लिए मोबाइल कोर्ट्स का संचालन कर रहे हैं, जो स्वयं हमारे पास नहीं आ सकते हैं। समारोह का समापन उपायुक्त, शैलेन्द्र कुमार सोनकर द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने सभी उपस्थित दिव्यांगजन लाभार्थियों और अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर 100 से अधिक दिव्यांगजन उपस्थित रहे, जिन्होंने समारोह का हिस्सा बनकर इसका महत्व और भी बढ़ा दिया। समारोह में अन्य गणमान्य अधिकारियों में जयनाथ यादव, संयुक्त निदेशक, रणजीत सिंह, संयुक्त निदेशक, अमित कुमार राय, उप निदेशक और कई अन्य प्रमुख अधिकारी भी शामिल रहे।
Sep 28 2024, 18:24