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पर्यटन शांति के लिए... आईआईएचएम जोड़ेगा कॉलेजों को, क्विज के जरिए देंगे संदेश

भोपाल। पर्यटन को व्यवस्थित, सुरक्षित और शांति के साथ आनंदमय बनाने की दिशा में प्रयास तेज हैं। जानकर, समझकर और अपनी जिम्मेदारी मानकर इसके लिए लोगों की सकारात्मक सहभागिता क्या हो, इसको लेकर भी मंथन जारी है। राजधानी स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट ने इसी धारणा को आगे बढ़ाने के लिए शुक्रवार को एक बहुआयामी आयोजन की रूपरेखा बनाई है।

इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट (IIHM) के प्राचार्य डॉ रोहित सरीन ने बताया कि इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, भोपाल 27 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित करेगा। जिसका विषय "पर्यटन और शांति" रखा गया है।

इस अवसर पर "QUIZZARD 3.0" नामक एक अंतर-महाविद्यालयी क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। डॉ. रोहित सरीन ने बताया कि इस दिन को मनाने का उद्देश्य पर्यटन के सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि इसे दुनियाभर में मनाया जाता है, ताकि पर्यटन की उस क्षमता को उजागर किया जा सके, जो जीवन, समुदायों और राष्ट्रों को बदलने की शक्ति रखता है।

डॉ सरीन ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. एके भट्टाचार्य, (IFS ), एमडी बम्बू एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट फाउंडेशन होंगे। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में अनुनय एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी की संस्थापक सुश्री माही भजनी मौजूद रहेंगी।

उद्योग एवं निवेश प्रोत्साहन के लिए हर जिले में हों सकारात्मक एवं ठोस प्रयास: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सरकार की नीति है कि स्थानीय स्तर पर लोगों को अधिकाधिक संख्या में रोजगार मिले। इसके लिए उद्योगों के विकास और निवेश प्रोत्साहन के लिए राज्य सरकार उद्योगपतियों की पूरी मदद करेगी। लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बाजार उपलब्ध कराए जाएंगे। सागर संभाग के प्रमुख क्षेत्रीय उद्योगों जैसे पीतल, अगरबत्ती, फूड इंडस्ट्रीज, टूरिज्म, बीड़ी और फर्नीचर के उद्योग को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं। हमारा प्रयास है कि उद्योगपतियों का व्यवसाय दोगुना हो जाए। उन्होंने कहा कि उद्योग एवं निवेश प्रोत्साहन के लिए हर जिले में सकारात्मक एवं ठोस प्रयास किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योग एवं निवेश के लिए लोगों को प्रोत्साहन एवं सहयोग की कमी नहीं रहेगी। हर जिले में अलग-अलग काम करने की संभावनाओं को तलाशा जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव वीडियो कांफ्रेंसिंग (वर्च्युअली) से समत्व भवन में 27 सितम्बर को सागर में होने वाली रीजनल इंन्डस्ट्री कॉन्क्लेव के संबंध में संभाग के जन-प्रतिनिधियों, उद्योगपतियों और प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि "एक जिला-एक उत्पाद" के अंतर्गत क्षेत्र के उत्पादों पर विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मेसर्स मीनाक्षी मेटल्स के एलएन चतुर्वेदी, मेसर्स पारसनाथ ग्लास टफ्फ प्रा. लि. सागर के राहुल जैन, मेसर्स इंस्प्रिट इंडस्ट्रीज, अर्ध-शहरीय औद्योगिक संस्थान ग्राम गौरगांय, छतरपुर के अर्पित अग्रवाल, एमआरपी एग्रो लि. टीकमगढ़ के मनीष जैन, योग्य इक्विपमेंट प्रा.लि. निवाड़ी के संतोष सूरी, खजुराहो पल्सेस निवाड़ी के राकेश अग्रवाल, होटल मोहन राज विलास पन्ना के मनोज केशरवानी से चर्चा की और सुझाव लिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सागर संभाग में शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के लिए भी निर्देशित किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कलेक्टर्स और कमिश्नर्स को निर्देशित किया कि कॉन्क्लेव की व्यवस्थाओं में अड़चने नहीं रहें। उन्होंने सभी जिलों में उद्योग विस्तार एवं निवेश संभावनाओं के संबंध में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए की स्थानीय जन-प्रतिनिधियों और उद्योगपतियों के साथ विस्तृत चर्चा कर कार्य-योजना बनाएं। वर्तमान संसाधनों के साथ जो जहां से काम कर रहा है उसे मदद दिलाई जाए। खिलौने, मिल्क प्रोडक्ट, आटा मिल, राइस मिल आदि स्थापित करने की संभावनाओं पर होमवर्क कर काम शुरु किया जाए। स्व-सहायता समूहों को जोड़कर काम करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वे सागर में 27 सितम्बर को रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में शामिल होंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पन्ना रामपथ गमन एवं कृष्ण पाथेय में भी शामिल है। इस क्षेत्र के विकास में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। पन्ना में मिलने वाले हीरे की कटिंग के लिए राज्य सरकार उपयुक्त व्यवस्था करेगी। निवाड़ी के विधायक श्री अनिल जैन ने कहा कि ओरछा में टूरिज्म की अपार संभावनाएं है, यहां पर पर्यटकों के लिए भोजन- आवास की बेहतर व्यवस्था करने से टूरिज्म को और बढ़ावा मिलेगा।

बैठक में स्थानीय जन-प्रतिनिधियों और उद्योगपतियों ने अपने- अपने जिले में उद्योग एवं निवेश की संभावनाओं के संबंध में सुझाव दिए। विधायक श्री शैलेन्द्र जैन ने सुझाव रखा कि अगरबत्ती उद्योग के लिए बाहर से बांस लाने पर अगरबत्ती की कीमत बढ़ जाती है, अत: प्रयास किया जाए कि गुणवत्तापूर्ण बांस का स्थानीय स्तर पर उत्पादन हो। उन्होंने बताया कि नौरादेही अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व घोषित होने से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है। इस क्षेत्र के आस-पास पर्यटकों के लिए आवास और भोजन की उचित व्यवस्था किए जाने के सुझाव दिए। पन्ना जिले से विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि बफर जोन घोषित होने से यहां की कई माइंस बफर जोन में चली गई हैं। माइंस को लेकर कुछ क्षेत्र को चिन्हित कराने का सुझाव दिया गया।

बैठक में बताया गया कि 27 सितम्बर को सागर में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में पांच देशों, मंगोलिया के राजदूत गैनबोल्ड दंबजाव और थाईलैंड के महावाणिज्यदूत डोनाविट पूलसावत सहित ईरान, केन्या, अल्जीरिया आदि के प्रतिनिधि शामिल होंगे। बैठक में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चेतन कश्यप, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार, सांसद राहुल सिंह लोधी और स्थानीय विधायक गोपाल भार्गव, शैलेंद्र जैन, बृजेंद्र प्रताप सिंह वर्चुअली जुड़े।

सिंहस्थ-2028 के आयोजन के लिए "कान्ह डायवर्शन क्लोज डक्ट परियोजना" के लिये 919 करोड़ 94 लाख रूपये की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा अनुबंधित एजेंसी से सिंहस्थ-2028 के आयोजन के लिए समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने की महती आवश्यकता के दृष्टिगत प्रो-रेटा आधार पर "कान्ह डायवर्शन क्लोज डक्ट परियोजना" लागत राशि 919 करोड़ 94लाख रूपये की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई।

उल्लेखनीय है कि उज्जैन जिले की कान्ह डायवर्शन क्लोज डक्ट परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति रुपये 598 करोड़ 66 लाख की प्रदान की गई थी। परियोजना अंतर्गत कान्ह नदी के दूषित जल को 16.70 किलोमीटर की भूमिगत क्लोज डक्ट से उज्जैन शहर की सीमा के बाहर कालियादेह के पास क्षिप्रा नदी में प्रवाह किया जाना प्रस्तावित था। कार्य के लिए मेसर्स वेंसर उज्जैन प्रोजेक्ट के साथ राशि रू. 479 करोड़ 89 लाख का 15 मार्च 2024 को अनुबंध निष्पादित किया गया। कार्य सितम्बर 2027 तक पूर्ण किया जाना है।

दूषित जल को पवित्र क्षिप्रा नदी में मिलने से रोकने के लिए क्लोज डक्ट के एलाईंमेंट का परिवर्तन किया गया। परिवर्तन के बाद 18.5 किलोमीटर कट/कवर एवं 12 किलोमीटर टनल प्रस्तावित किये जाने से राशि रू. 321 करोड़ 28 लाख की वृद्धि होकर वर्तमान लागत 919 करोड़ 94 लाख हो रही है।

समर्थन मूल्य पर सोयाबीन उपार्जन की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा खरीफ वर्ष 2024 (विपणन वर्ष 2024-25) में केन्द्र सरकार के प्राईस सपोर्ट स्कीम अंतर्गत सोयाबीन का पंजीकृत कृषकों से उपार्जन, राज्य उपार्जन एजेंसी म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित द्वारा किए जाने का निर्णय लिया गया।

कृषकों का 25 सितम्बर से 20 अक्टूबर तक पंजीयन होगा एवं खरीदी (उपार्जन) 25 अक्टूबर से 31 दिसम्बर तक की जायेगी। सोयाबीन उपार्जन के लिये 1400 केंद्र बनाये जायेंगे, जिनमें यथा संशोधन भी किया जा सकेगा। प्रदेश में किसानों से 13.68 लाख मेट्रिक टन सोयाबीन न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रति क्विटंल 4892 रूपये की दर से उपार्जन किया जाएगा। निर्धारित मात्रा से अधिक उपार्जन होने पर राज्य सरकार अपने स्तर पर सोयाबीन की खरीदी करेगी।

नीमच जिला अंतर्गत भाटखेड़ा से डुंगलावदा तक 4-लेन सीमेंट कांक्रीट सड़क निर्माण की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा नीमच जिला अंतर्गत भाटखेड़ा से डुंगलावदा तक 4-लेन सीमेंट कांक्रीट सड़क लंबाई 16 कि.मी. के निर्माण के लिए 133 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गयी।

विधानसभा अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष (वेतन तथा भत्ता) अधिनियम में संशोधन का अनुमोदन

विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष के भत्तों पर देय आयकर सरकार द्वारा भरने का प्रावधान है। विधानसभा अध्यक्ष ने 1 जुलाई को सदन में घोषणा की थी कि वे अपना आयकर स्वयं भरेंगे। इसी परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष (वेतन तथा भत्ता) अधिनियम में संशोधन करने संबंधी विधेयक पर मंत्रि-परिषद् ने अनुमोदन प्रदान किया है, जिसे विधानसभा के आगामी सत्र में प्रस्तुत किया जायेगा।

विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष के भत्तों पर देय आयकर सरकार द्वारा भरने का प्रावधान है। नेता प्रतिपक्ष ने 1 जुलाई को सदन में घोषणा की थी कि वे अपना आयकर स्वयं भरेंगे। इसी परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश विधानसभा नेता प्रतिपक्ष (वेतन तथा भत्ता) अधिनियम में संशोधन करने संबंधी विधेयक पर मंत्रि-परिषद् ने अनुमोदन प्रदान किया। जिसे विधानसभा के आगामी सत्र में प्रस्तुत किया जायेगा।

नवीन विधायक विश्राम गृह निर्माण के लिए 159 करोड़ 13 लाख रूपये की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा नवीन विधायक विश्राम गृह निर्माण के लिए 159 करोड़ 13 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। उल्लेखनीय है कि वर्तमान विधायक विश्राम गृह का निर्माण वर्ष 1958 में किया गया था। वर्तमान विश्राम गृह के पुराने पारिवारिक खण्ड क्रमांक-1 एवं शापिंग सेंटर के स्थान पर 102 आवास 5 ब्लाकों से निर्मित किये जाना है। प्रत्येक आवास का प्लिंथ एरिया 2615 वर्ग फीट होगा।

उद्योग क्षेत्र की समस्याएं दूर कर मध्यप्रदेश को आगे ले जाएंगे : मुख्यमंत्री डॉ. यादव


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि उद्योग क्षेत्र की समस्याओं को दूर कर मध्यप्रदेश को फार्मा सेक्टर सहित अन्य सेक्टर्स में आगे ले जाएंगे। उद्यमशीलता के विकास और औद्योगिक प्रगति के लिए राज्य सरकार के प्रयासों में कमी नहीं रहेगी। यह आवश्यक है कि हर हाथ को काम मिले और रोजगारपरक उद्योगों के विकास में सभी सहभागी बनें। खर्चों में कटौती के साथ आय बढ़ाने के उपाय खोजना भी जरूरी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को भोपाल में फेडरेशन ऑफ मध्यप्रदेश चेम्बर ऑफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित निवेशक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर फेडरेशन के नव-निवार्चित अध्यक्ष का पदभार ग्रहण कार्यक्रम भी हुआ। कार्यक्रम में फेडरेशन के अध्यक्ष दीपक शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार की उद्योग नीतियों की अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने भी प्रशंसा की है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने ऐसे उद्योगों की स्थापना पर जोर दिया है जो अधिक से अधिक रोजगार प्रदान कर सकते हैं। इससे राज्य के युवाओं को काम मिलेगा और अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। प्रदेश में संभाग स्तर की इंडस्ट्री कॉन्क्लेव हो रही हैं। प्रत्येक संभाग में उद्योगों के विकास की अपार संभावनाएं मौजूद हैं, साथ ही प्रत्येक क्षेत्र में उद्यमशीलता भी विद्यमान है। इन संभावनाओं के दोहन के प्रयास जारी रहेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारत ने गुलामी के दौर में भी अपना स्वाभिमान नहीं खोया। आज से 105 वर्ष पूर्व स्वामी विवेकानंद ने भारत के पुनरोदय की बात कही थी। स्वतंत्रता के बाद भी भारत को गेहूं खरीदने जैसे कार्यों में संघर्ष करना होता था। कुछ प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल में भारत ने अनेक कष्ट उठाए। किसी के मौन रहने से तो किसी के विदेशों में सोना गिरवी रखने के फैसले क्षोभ पैदा करते थे। गत दस वर्ष विश्व पटल पर भारत की गरिमा बढ़ाने वाले वर्ष रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की अर्थव्यवस्था को ग्यारहवें स्थान से पांचवें स्थान पर लाने का कार्य किया है। बहुत जल्द भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। देश- विदेश में प्रत्येक भारतवंशी प्रधानमंत्री मोदी के प्रति सम्मान का भाव रखता है। प्रधानमंत्री मोदी समय के साथ चलते हैं। उनकी कार्यशैली के लिए अनेक देशों के राष्ट्राध्यक्ष आगे बढ़कर प्रधानमंत्री मोदी का अभिनंदन करते हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने फेडरेशन ऑफ मध्यप्रदेश चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री के पदाधिकारियों को आश्वस्त किया कि विभिन्न क्षेत्र के औद्योगिक संस्थानों को राज्य सरकार द्वारा पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रारंभ में फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष आर. एस. गोस्वामी का उद्योगों और राज्य सरकार के मध्य समन्वय कर सेतु की भूमिका निभाने के लिए सम्मान किया। फेडरेशन के नए अध्यक्ष दीपक शर्मा ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उद्योगों को दी गई सुविधाओं की प्रशंसा भी वैश्विक स्तर पर होती है। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय एवं औद्योगिक नीति एवं निवेश संवर्धन राघवेन्द्र कुमार सिंह तथा बड़ी संख्या में फेडरेशन के पदाधिकारी और अन्य संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

परंपरागत पैथी सर्वश्रेष्ठ है, इसके दस्तावेजीकरण की आवश्यकता: आयुष मंत्री परमार

उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार ने रविवार को भोपाल स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के आवृत्ति भवन में "वाचिक परंपरा में प्रचलित हर्बल उपचार प्रणालियाँ: संरक्षण, संवर्धन और कार्य योजना" विषय पर आयोजित दो दिवसीय प्री-लोकमंथन अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह में सम्मिलित होकर पारंपरिक एवं प्राकृतिक उपचार पद्धतियों के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए। मंत्री परमार ने कहा कि आज के परिदृश्य में परंपरागत औषधियों को एक नयी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। जनजातीय वैद्यों के द्वारा स्वदेशी उपचार पद्धतियों के प्रत्यक्ष प्रमाण होने के बावजूद भी स्वास्थ्य सेवाओं में विश्वसनीयता स्थापित करने की आवश्यकता है। परमार ने कहा कि ग्रामीण परिवेश का व्यक्ति भी पौधों एवं वृक्षों के आवश्यक एवं महत्वपूर्ण गुणों की जानकारी रखता है और प्रत्यक्ष प्रमाण होने के बावजूद भी उसे मान्यता नहीं मिल पाती है।

आयुष मंत्री परमार ने कहा कि यह परंपरागत ज्ञान जो पीढ़ियों से सतत् चला रहा है, उसका पालन हम वर्तमान में भी कर रहे हैं। परमार ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने शोध कर के परंपरागत विधाओं को स्थापित किया है, लेकिन आज उस समय का वैज्ञानिकता आधारित दृष्टिकोण विलुप्त हो गया है, जिसे पुनर्शोध एवं अनुसंधान की आवश्यकता है। परमार ने कहा कि देश की परम्पराओं में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अभी भी विद्यमान है। परंपरागत पैथी सर्वश्रेष्ठ है। आज लोग आधुनिक चिकित्सा पद्धति पर निर्भर हो गए हैं, जबकि परंपरागत पैथी की अपनी महत्ता है। परमार ने परंपरागत पैथी के दस्तावेजीकरण करने की बात कही। परमार ने भारतीय परंपरागत ज्ञान को पूंजी बताते हुए कहा कि यह भारत के समाज में रचा बसा है। परमार ने कहा कि जनजातीय वैद्यों एवं उनकी औषधियों को मान्यता देने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर मंत्री परमार ने देश भर से आए सभी पारंपरिक चिकित्सकों एवं वैद्यों के स्टॉल का अवलोकन कर उनसे औषधियों के बारे मे जानकारी भी प्राप्त की।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रज्ञा प्रवाह के सदस्य प्रफुल्ल केलकर ने कहा कि भारत सरकार द्वारा वर्तमान में आयुष्मान भारत एवं वन हेल्थ मिशन द्वारा स्वास्थ्य के ऊपर ध्यान दिया जा रहा है, यह एक नया कदम है।

संग्रहालय के निदेशक डॉ अमिताभ पांडे ने कहा कि जनजाति समुदाय जंगल को ही अपना जीवन मानते हैं। विकासशील देशो में जहाँ एक तिहाई जनसंख्या की आवश्यक औषधियों तक पहुँच नहीं है, वहां एक वैकल्पिक उपाय के रूप में यह सुरक्षित, प्रभावशाली पारंपरिक औषधियां स्वास्थ्य देख भाल को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन सकता है।

उल्लेखनीय है कि प्री-लोकमंथन अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन प्रज्ञा प्रवाह और एंथ्रोपोस इंडिया फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय और दत्तोपंत ठेंगड़ी शोध संस्थान के सहयोग से संयुक्त रूप से आयोजित किया गया।

इस सम्मेलन के आयोजन का उद्देश्य भारत में पारंपरिक, प्राकृतिक उपचार पद्धतियों और हर्बल चिकित्सा के महत्व को उजागर करना है। विशेषकर जनजातीय समुदायों में स्वास्थ्य देखभाल में परंपरागत चिकित्सकों की भूमिका का पता लगाना, उनके सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करना और जैव विविधता और हर्बल उपचार पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर चर्चा करना है। इसके अतिरिक्त, इसका उद्देश्य देश भर में हर्बल चिकित्सकों के लिए नीति निर्माण पर समर्थन और मान्यता के लिए जनजातीय लोक औषधि को बढ़ावा देना है। कार्यक्रम में देश भर के विविध समुदायों के पारंपरिक इलाज करने वाले समूहों की सहभागिता है।

पंचायत स्तर पर 'हीलर्स हट', हर्बल मेडिसिन गार्डन, छात्रवृत्ति जैसी पहलों के माध्यम से देश भर में गैर- संहिताबद्ध हर्बल चिकित्सकों का समर्थन करने के लिए एक कार्य योजना भी तैयार की जाएगी। भारत में जनजातीय हर्बल उपचार के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक व्यापक कार्य योजना को आकार देने में भी सहायक होगी।

इस अवसर पर प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक, प्रखर वक्ता एवं विचारक जे. नंदकुमार, एमसीयू के कुलसचिव प्रो.डॉ. अविनाश वाजपेई, डीन (अकादमिक) ,प्रो.(डॉ.) पी. शशिकला, प्रज्ञा प्रवाह संस्थान के विभिन्न पदाधिकारीगण, सहयोगी संस्थान के पदाधिकारीगण एवं सम्मेलन की संयोजिका डॉ सुनीता रेड्डी सहित देश भर से पधारे विविध पारंपरिक वैद्य, शोधार्थी एवं विषय विशेषज्ञ उपस्थित रहे। कार्यक्रम समन्वयक डॉ सुदीपा रॉय ने आभार ज्ञपित किया।

ज्ञातव्य है कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल में पांच दिवसीय जनजातीय वैद्य शिविर चल रहा है, इसलिये दर्शकों के लिए संग्रहालय 23 एवं 24 सितंबर को खुला रहेगा।

मंत्री प्रहलाद पटेल ने भिण्ड जिले के बाढ़ पीड़ितों से की मुलाकात, क्षतिग्रस्त सड़कों के निर्माण के दिए निर्देश

पंचायत एवं ग्रामीण विकास,श्रम एवं प्रभारी मंत्री प्रहलाद पटेल आज भिण्ड जिले के विकास खण्ड लहार के ग्राम विजपुर, विकास खण्ड मेहगांव के ग्राम कछपुरा, ग्राम गुदावली एवं गोहद विकास खण्ड के मौ में पहुंचकर बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनी। उन्होंने मौके पर संबंधित अधिकारियों को समस्याओं का शीघ्र निराकरण करने के निर्देश दिए।

मंत्री पटेल के साथ विभिन्न बाढ़ पीड़ित ग्रामों में नवीन एवं नवकरणीय उर्जा मंत्री राकेश शुक्ला, क्षेत्रीय सांसद संध्या राय सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं नागरिक उपस्थित थे।

उन्होंने गांव के लिए क्षतिग्रस्त रोड का बनाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। साथ ही प्रधानमंत्री आवास के संबंध में कहा कि जिन लोगों को मकान आवंटित किये गये है उनकी सूची का परीक्षण किया जाए और पात्र व्यक्तियों के यदि योजना के लिए नाम छूट गए है तो नियमानुसार उनके नाम जोड़े जाएं । उन्होंने कहा कि गांव में बाढ़ के कारण सड़कें, मकान, स्कूल की बाउण्ड्री वाल क्षतिग्रस्त हुई है उसे तत्काल बनाया जायेगा। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों की हर संभव सहायता करने का आश्वासन दिया। ग्राम विजपुर में क्षेत्रीय विधायक श्री अम्बरीश शर्मा के द्वारा रखी गई सभी मांगो का प्रभारी मंत्री पटेल ने सहमत होते हुए पूरा करने का आश्वासन दिया।

मंत्री पटेल ने ग्राम मौ, गुदावली एवं कछपुरा में अतिवृष्टि से पीड़ित लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वास दिया। साथ ही ग्राम कछपुरा एवं गुदावली में वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुए मकान, रोड आदि के संबंध में चर्चा की। उन्होंने कहा कि मुख्य मार्ग से गुदावली गांव की ओर जाने वाली सड़क एवं पुलिया बनाई जा रही है, उसकी ऊंचाई में बढोत्तरी की जाए और अच्छी गुणवत्ता के साथ शीघ्र बनाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को मौके पर ही दिए। ग्राम कछपुरा में नदी के बढते जल स्तर के कारण जो मकान डूब जाते हैं, उन लोगो से कहा कि आप लोग की सहमति पर गांव में उपलब्ध शासकीय भूमि पर प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देकर विस्थापन की कार्यवाही कराई जाएगी।

मंत्री पटेल ने रावतपुराधाम पहुंचकर हनुमान जी के दर्शन कर पूजा अर्चना की और आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने दंदरौआधाम पहुंचकर महंत रामदास महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया।

"आचार्य विद्यासागर मेडिकल कॉलेज" होगा सागर मेडिकल कॉलेज का नाम: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

प्रदेश में जैन कल्याण बोर्ड का गठन किया जाएगा

मुख्यमंत्री निवास में क्षमावाणी महोत्सव का हुआ आयोजन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सागर मेडिकल कॉलेज का नाम "आचार्य विद्यासागर मेडिकल कॉलेज" होगा। उन्होंने जैन धर्माम्बलम्बियों को बड़ी सौगात देते हुए कहा है कि प्रदेश में जैन कल्याण बोर्ड का गठन किया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता से जैन मुनियों को उनके विहार के दौरान नगरीय क्षेत्र या ग्रामीण क्षेत्र में भवन की आवश्यकता होने पर नि:शुल्क भवन सुविधा उपलब्ध करायेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मुख्यमंत्री निवास में आयोजित क्षमावाणी महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जैन धर्म और संस्कृति का गौरवशाली इतिहास है। देश-प्रदेश के साथ उज्जैन भी जैन धर्म को हजारों सालों से मानने वाली नगरी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अगले महिने नीमच, मंदसौर और सिवनी में मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का जैन समाज के प्रति समर्पण के लिए प्रतीक चिन्ह और प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मान किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का क्षमावाणी महोत्सव में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य काश्यप ने स्वागत किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कोई भी देश उन्नति, प्रगति करता है और सक्षम बनता है तो अपनी संस्कृति का दूसरों पर भी प्रभाव डालना चाहता है। हमें गर्व है कि हमारा देश हमेशा अपनी शक्ति का सदुपयोग करने की दिशा में बढ़ता है, इसमें हमारा दर्शन छुपा है। भारत शक्ति सम्पन्न बनकर अपने नागरिकों का भला करना तथा विश्व के सर्वश्रेष्ठ देशों में शामिल होना चाहता है। हमें गर्व उस समय और होता है जब इतना शक्ति सम्पन्न होकर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रूस और यूक्रेन के बीच जाकर शांति का संदेश देता है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने खुले में मांस की बिक्री पर रोक लगाई है। कानून व्यवस्था, सुशासन की स्थापना करना सरकार का दायित्व है। राज्य सरकार ने सभी संभागों के अंतर्गत आयुर्वेदिक कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है। गौशालाओं, गाय को पालने के लिए प्रोत्साहन देंगे। दूध बिक्री पर बोनस देने का निर्णय किया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हजारों सालों से हमारे देश के शासकों ने "जियो और जीने दो" की परम्परा का निर्वहन किया। हमने कभी किसी देश पर हमला नहीं किया। किसी को गुलाम नहीं बनाया। यह हमारी परम्परा रही है। कदम-कदम पर हमारी संस्कृति के उदाहरण मिलते हैं। समर्थ, सक्षम और बड़ा आदमी छोटे के प्रति क्षमा का भाव रखें तो सही है। बड़ा आदमी छोटे के प्रति विन्रमता का भाव रखे तो यह वीरता को दर्शाता है। यह भगवान महावीर का दर्शन है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जैन धर्म के आचार्यों ने हमें आगे बढ़ने का मार्ग दिखाया है। जैन मुनियों के माध्यम से जीवन जीने का आनंद, प्रेरणा संबल और सहारा मिलता है।

सांसद वी.डी. शर्मा ने कहा कि क्षमा की भावना रखना बड़ी बात है। क्षमा वही कर सकता है जो क्षमतावान और शक्तिमान है। क्षमावाणी हमारी संस्कृति का बड़ा और पवित्रता का पर्व है। सम्पूर्ण जैन समाज देश और समाज के लिए महत्वपूर्ण भूमिका में रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव सभी समाजों और वर्गो को साथ लेकर चल रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी की भावना के अनुरुप सबका साथ - सबका विकास कर रहे हैं।

सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य काश्यप ने कहा कि क्षमावाणी कार्यक्रम का आयोजन के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्वयं पहल की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जैन दर्शन को बढ़ावा देने का कार्य किया है। हमारी संस्कृति का संदेश का यह महत्वपूर्ण पर्व है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सभी त्यौहारों और पर्व को महत्व दे रहे हैं। पूर्व मंत्री जयंत मलैया ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि बहुत समय के बाद क्षमावाणी कार्यक्रम मुख्यमंत्री निवास में आयोजित हुआ है।

कार्यक्रम में विधायक उज्जैन अनिल जैन कालूखेड़ा, निवाड़ी विधायक अनिल जैन, सागर विधायक शैलेंद्र जैन, शिवपुरी विधायक देवेन्द्र जैन, मंदसौर विधायक विपिन जैन, पूर्व मंत्री ओम प्रकाश सकलेचा, पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा, पूर्व मंत्री जयंत मलैया, पूर्व मंत्री शरद जैन सहित जनप्रतिनिधि और जैन धर्म के अनुयायी उपस्थित थे। कार्यक्रम में मंगलाचरण नृत्य एवं स्वागत गीत और भजनों की प्रस्तुत हुई। क्षमावाणी पर्व से संबंधित लघु वीडियो फिल्म दिखाई गई।

भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. वाजपेयी की जन्मशती पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न

भारत-रत्न, संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी का उद्घोष करने वाले प्रेरणा स्रोत, पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह राष्ट्रीय संगोष्ठी, अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय भोपाल और साहित्य अकादमी नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में भोपाल स्थित केंद्रीय व्यावसायिक शिक्षण संस्थान के पं. सुंदरलाल शर्मा सभागार में 20 एवं 21 सितंबर को आयोजित हुई। संगोष्ठी में साहित्य अकादमी नई दिल्ली के सचिव के. श्रीनिवास राव ने कार्यक्रम के स्वागत वक्तव्य में उपयोगिता, प्रासंगिकता तथा तात्कालिकता की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। विशिष्ट वक्ता के रूप में साहित्य अकादमी के हिंदी परामर्श मंडल के संयोजक डॉ. गोविन्द मिश्रा ने राजनीति के स्तर के उन्नयन के लिए साहित्य के स्पर्श की आवश्यकता बताई। मुख्य वक्ता के रूप में साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डॉ. माधव कौशिक ने करुणा के महत्व को रेखांकित किया। विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. खेमसिंह डहेरिया ने स्व. वाजपेयी की वैश्विक व्यापकता के साथ साथ सम्यक दृष्टि, उदारवादी चरित्र और राष्ट्रीयता को महत्त्वपूर्ण बताया। संगोष्ठी में विभिन्न सत्रों में विभिन्न संदर्भों पर आलेख वाचन प्रस्तुत किया गया। अटल युगीन विश्व और हिंदी, भारत की समावेशी संस्कृति के शिल्पी अटल जी, अटल जी और पत्रकारिता, भारत की एकात्मता हिंदी और अटल जी, राष्ट्र निर्माण में अटल जी का योगदान एवं अटल जी वैज्ञानिक दृष्टिकोण सहित विभिन्न संदर्भों पर विभिन्न विषयविदों द्वारा संस्मरण साझा किए गए। इनमें दयानंद पांडेय, चंद्रचारु त्रिपाठी, सुश्री उर्मिला शिरीष, मनोज श्रीवास्तव, मुकेश मिश्रा, सुश्री अलका प्रधान, विजय मनोहर तिवारी, संजय द्विवेदी, आनंद सिंह, सुश्री कुसुमलता केडिया, राजीव वर्मा एवं सुश्री नुसरत मेंहदी शामिल थीं। साहित्य अकादमी नई दिल्ली के उप सचिव शैलेन्द्र कुमार जैन ने आभार व्यक्त किया
समर्थन मूल्य पर उपार्जन कार्य में उपयोगी नाप-तौल उपकरणों का होगा सत्यापन,खाद्य मंत्री श्री राजपूत ने दिये निर्देश, सत्यापन की साप्ताहिक रिपोर्ट


भोपाल। खरीफ उपार्जन वर्ष 2024 -25 में समर्थन मूल्य पर उपार्जन कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा। अभी किसानों द्वारा रजिस्ट्रेशन का कार्य किया जा रहा है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि उपार्जन केन्द्रों से संबंधित समितियां एवं कृषि उपज मंडी समितियों के4 नाप-तौल यंत्रों का शत- प्रतिशत सत्यापन उपार्जन कार्य शुरू होने के पूर्व कराया जाए।

साथ ही जिले में उत्पादन कार्य में संलग्न शासकीय, निजी अथवा संयुक्त भागीदारी के भंडार गृहों के धर्म कांटा की भी जांच/ सत्यापन सुनिश्चित करें। जांच एवं सत्यापन कार्य की साप्ताहिक रिपोर्ट भी भेजें। नियंत्रक नापतौल ने सभी नापतौल निरीक्षकों को निर्देश दिए हैं

कि उक्त कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें तथा खाद्य मंत्री राजपूत के निर्देशों का अक्षरशः पालन करें।

मध्य प्रदेश में गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार की रणनीति: स्टॉक लिमिट तय, कालाबाजारी पर निगरानी

भोपाल। मध्यप्रदेश में गेहूं के दाम स्थिर रखने और कालाबाजारी रोकने के लिए सख्त नियम बनाए गए हैं। मार्च 2025 तक गेहूं की स्टॉक सीमा तय करने के पूर्व में भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों में नवीन अधिसूचना के द्वारा थोक विक्रेता/व्यापारी की अधिकतम स्टॉक क्षमता एवं प्रोसेसर्स की मासिक स्थापित क्षमता में संशोधन किया गया है ।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया है कि संशोधित आदेश के अनुसार 15 दिनों के भीतर व्यापारी/थोक विक्रेता को गेहूं का स्टॉक 2000 मिट्रिक.टन तक लाना है। इसी प्रकार प्रोसेसर्स का स्टॉक भी उसकी मासिक स्थापित क्षमता के 60 प्रतिशत मात्रा को वर्ष 2024-25 के शेष महीनों की संख्या से गुणा करने पर आने वाली मात्रा के समतुल्य से अधिक नहीं रखना है।

खाद्य मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने पर व्यापारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए तय सीमा से अधिक रखे अनाज को जब्त कर लिया जाएगा। भंडारण को लेकर खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं।

जिला आपूर्ति नियंत्रक भोपाल मीना मालाकार ने बताया कि इस संबंध में म.प्र. शासन द्वारा म.प्र. गेहूं नियंत्रण आदेश को अधिसूचित किया गया है तथा स्टॉक सीमा का उल्लंघन पाये जाने पर सक्षम अधिकारियों को प्रवेश तलाशी एवं अभिग्रहण आदि की शक्तियां दी गई हैं।

उन्होंने भोपाल जिले के सभी गेहूं व्यापारियों, थोक विक्रेताओं से कहा है कि भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा दी गई सीमा अनुसार ही गेहूं का स्टॉक संधारित करें अन्यथा किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाए जाने पर म.प्र. गेहूं नियंत्रण आदेश के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।