हर व्यक्ति को पितृक्रिया के लिए गया जाना चाहिए-संतोष सिंह
समाजसेवी ने गया जा रहे तीर्थयात्रियों का किया सम्मान
अमेठी। पितृपक्ष लगते ही गाजे बाजे के साथ सिर मुंड़ाये गेरुआ वस्त्रधारी लोगों को देखा जाने लगता है।
दरअसल ये पितृ ऋण से उऋण होने के लिए गया जाने वाले लोग हैं। परंपरा के अनुसार ये पहले अपने पितरों, अपनी ननिहाल, अपने पिता की ननिहाल और पत्नी के मायके जाकर चावल के अक्षत बिखेर कर गया चलने और अपने हिस्से का पिण्ड दान ग्रहण करने का आमंत्रण देते हैं फिर अगली कड़ी में अपने घर पर श्राद्ध कर्म करके पहला पिंडदान कर गया के लिए प्रस्थान करते हैं।
कुछ लोगों को जो अपने वाहन से जाते हैं के अलावा ये लोग समूहों में बसों से गया कि लिए निकलते हैं। ये भरत कुंड अयोध्या, सरयू तट और वारणसी के पिशाच मोचन पर पिण्डदान करने के बाद गया पहुँच कर तीन दिन की पिंडदान व पितृक्रिया पूर्ण कर श्री जगन्नाथ पुरी दर्शन को जाते हैं। रविवार को अमेठी क्षेत्र के गोवर्धनपुर निवासी समाजसेवी संतोष सिंह ने बसों में गया के लिए निकले सैकड़ों तीर्थयात्रियों को माल्यार्पण कर सम्मानित किया।
उन्होंने अंगवस्त्र,फल व दक्षिणा देकर आशीर्वाद प्राप्त किया और लोगों के मंगलमय और सुखद यात्रा के लिए कामना किया। उन्होंने कहा कि मातृ-पितृ ऋण से हम कभी उऋण नहीं हो सकते लेकिन हर व्यक्ति को पितृक्रिया के लिए गया जाना चाहिए। इससे हमारे पितरों को मोक्ष और हमें उनके आशीर्वाद का फल मिलेगा।
Sep 22 2024, 14:52