प्रमोद आलोक इन्टरमीडिएट कालेज अमेठी में हुआ जल संवाद गोष्ठी का आयोजन
अमेठी ।अमेठी जल बिरादरी की ओर से प्रमोद आलोक इन्टरमीडिएट कालेज अमेठी में जल साक्षरता अभियान के अन्तर्गत ' चौमासे में बरसात की महत्ता ' विषय पर संवाद गोष्ठी का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती जी के चित्र पर पूजा,अर्चना एवं माल्यार्पण से हुआ
विषय का प्रवर्तन एवं छात्र- छात्राओं से संवाद करते हुए जल बिरादरी के अध्यक्ष पर्यावरणविद् डॉ अर्जुन पाण्डेय ने कहा कि अमेठी की स्थानीय मालती एवं उज्जयिनी नदियां सूखी पड़ी हैं।
संभावा, बढ़ैला मसियांव, चंदवा आदि बड़े ताल खाली पड़े हैं।चौमासे में होने वाली वर्षा से स्थानीय जल स्रोतों तालाबों,
पोखरों एवं नदियों के संचित 20 प्रतिशत जल को धरती के पेट में डालकर भूगर्भ जल स्तर को ऊपर उठाकर गम्भीर जल संकट से निजात मिल सकती है।जनपद का भादर ब्लाक कोकाकोला के नाते डार्क जोन में है,जो गम्भीर चिन्ता का विषय है।मुख्य अतिथि जनपद अग्नि शमन अधिकारी शिव दरश प्रसाद ने अपने उद्बोधन में कहा कि बढ़ रहे गम्भीर जल संकट से उबरने के लिए चौमासे में होने वाली वर्षा का समुचित प्रबन्धन आवश्यक है।
पुरानी पीढ़ी के रास्ते चल कर जल संकट से उबर सकते हैं। अध्यक्षता करते हुए डॉ देवमणि तिवारी ने कहा कि पौधरोपण से ज्यादा जरूरी उसका रखरखाव है। युवाओं को सलाह दी अपने जन्म दिन को पौधरोपण के साथ मनाएं।पंचवटी योजना सबसे ज्यादा कारगर साबित हो सकती है। पूर्व प्राचार्य सत्येन्द्र प्रकाश शुक्ल ने कहा कि पंचभूतों में जल सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं।जल में ही जीवन है। कल के लिए आज बचाना होगा जल।जल संचयन करके धरती को हरा भरा बना सकतें हैं।संवाद गोष्ठी को डॉ ममता तिवारी,प्रताप नारायण ओझा एवं अनुभव मिश्र ने भी सम्बोधित किया। संवाद गोष्ठी में सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
Sep 22 2024, 14:46