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साल का दूसरा चंद्रग्रहण 18 सितंबर को,पॉजीटिव एनर्जी के लिए करें इन मंत्रों का जाप

डेस्क:– इस साल का दूसरा चंद्रग्रहण जहां पर 18 सितंबर को लगने वाला है वहीं पर इस दिन को लेकर हिंदू धर्म में अलग मान्यता होती है। खगोलशास्त्र के अनुसार, खगोलीय घटना के बारे में वर्णन मिलता है तो वहीं पर इस दिन धार्मिक अनुष्ठान कराए जाते है। इस दौरान चंद्रग्रहण में कई नियमों और पूजा-पाठ के नियमों का पालन करना भी जरूरी होता है। ग्रहण के दौरान मंत्रों का जाप करना आवश्यक माना गया है तो वहीं पर मंत्रों का जाप मन ही मन किया जाता है।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जहां पर पूजा-पाठ करना वर्जित माना जाता है तो वहीं पर इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है इसके लिए बताए गए मंत्रों का जाप करना जरूरी होता है।

जानिए किन मंत्रों का जाप करना है जरूरी

चंद्र ग्रहण के दौरान नकारात्मक उर्जा को दूर भगाने के लिए आप इन खास मंत्रों का जाप चंद्रग्रहण के दौरान कर सकते है इससे सकारात्मक उर्जा का संचार होता है और निगेटिव चीजें दूर भागती है।

1- ॐ नमः शिवाय:

चंद्र ग्रहण के दौरान आप यह सबसे सरल और प्रभावशाली मंत्रों में से एक है. सभी राशियों के लोग इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।

2- “ॐ चंद्राय नमः”

चंद्र ग्रहण के दौरान आप यह मंत्र चंद्रमा के गुण और ऊर्जा को स्वीकार करने और उसकी शांति प्राप्त करने के लिए है

3- “ॐ श्री सोमाय नमः”

चंद्र ग्रहण के दौरान आप यह मंत्र विशेष रूप से चंद्र ग्रहण के समय ग्रहण के प्रभाव को कम करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

4- “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं ॐ स्वाहा:”

चंद्र ग्रहण के दौरान आप यह मंत्र लक्ष्मी जी को समर्पित है. धन प्राप्ति के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है।

5- “ॐ शीतांशु, विभांशु अमृतांशु नमः”

चंद्र ग्रहण के दौरान आप यह मंत्र चंद्र देव को समर्पित है. मन की शांति और शीतलता के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है।

6- “ॐ नमः भगवते चंद्राय”

चंद्र ग्रहण के दौरान आप चंद्र देवता को सम्मान देने और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए यह मंत्र उपयोगी माना जाता है।

चंद्रग्रहण के दौरान ये काम रहेंगे वर्जित

आपको बताते चलें कि, चंद्रग्रहण के दौरान कई चीजें वर्जित होती है यानि ग्रहण के इस दौरान कुछ घंटे के लिए सूतक काल लगा होता है। मान्यता कहती है कि, इस दिन भोजन बनाना, खाना, सोना और कुछ अन्य कार्य वर्जित माने जाते हैं. ग्रहण के दौरान मंदिरों के द्वार बंद कर दिए जाते हैं। इस दिन मंदिर के पट बंद होने से पूजा-पाठ नहीं होती है लेकिन इस दौरान कई चीजों का दान आप कर सकते है। शुभ फल की प्राप्ति के लिए अपने प्रिय भगवान के लिए मंत्रों का जाप करना भी जरूरी मानते है। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान घर के अंदर रहना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि ग्रहण की नकारात्मक ऊर्जा का असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ सकता है।

नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

मंकीपॉक्स महामारी लहर के बाद अब जापान में एक सिफलिस वायरस ने दिया दस्तक

डेस्क :– दुनियाभर में मंकीपॉक्स महामारी की लहर जहां पर खतरनाक होते जा रही है वहीं पर अब जापान में एक वायरस ने दस्तक दे दिया है जिसके अनुसार राजधानी टोक्यो में इस वायरस के लगातार 2500 से ज्यादा मामले सामने आ रहे है। इस बीमारी का नाता यानि फैलने का कारण भी मंकी पॉक्स की तरह है तो इस वायरस को सिफलिस वायरस का नाम दिया गया है।

चीन, जापान में फैली बीमारियों का खतरा पूरी दुनिया में फैलता है जिसका बचाव करना जरूरी है चलिए अच्छी तरह से जानते है इस सिफलिस वायरस के बारे में।

जानिए क्या होता है सिफलिस वायरस

इस सिफलिस वायरस की बात की जाए तो, इसमें सिफलिस ट्रेपोनेमा पैलिडम नामक बैक्टीरिया यौन संपर्क के जरिए एक से दूसरे इंसान में फैलता है। इसके अंतर्गत इस वायरस के फैलाव में कई चरण होते हैं प्राइमरी सिफलिस में संक्रमित व्यक्ति के शरीर के निजी अंग,मुंह, जीभ या बगल में घाव या दाना होता है जिसमें दर्द नहीं होता है। इस बीमारी का प्रसार सबसे ज्यादा 20 से 50 साल के पुरुषों के साथ साथ 20 से 30 साल की औरतों को संक्रमित कर रहा है। इस बीमारी के फैलने की शुरुआत में त्वचा पर दानें नजर आते है तो वहीं पर लिम्फ नोड्स में सूजन आती है, बुखार के साथ कमजोरी आती है.इसके साथ साथ व्यक्ति के बाल गिरने शुरू हो जाते हैं. गंभीर मामलों में इसका दिल, दिमाग और रक्त कोशिकाओं पर बुरा असर पड़ता है।

क्या होते है बीमारी के वास्तविक लक्षण

इस खतरनाक बीमारी के वास्तविक लक्षण की बात की जाए तो, अलग होते है इसके अनुसार इसमें कई प्रकार के लक्षण नजर आते है जो इस प्रकार है।

इस बीमारी में बुखार, त्वचा पर रैशेज, वजन घटना, बाल गिरना, गले में खराश, थकान, मांसपेशियों में दर्द, सिर में दर्द, लिम्फ नोड्स में सूजन आदि तो सामान्य लक्षण होते है। लेकिन अगर कोई गर्भवती महिला सिफलिस से संक्रमित है तो उसके होने वाले बच्चे को भी ये वायरस होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में बच्चे का समय से पहले जन्म, जन्म लेते समय मौत, जन्म के समय वजन कम होने की संभावनाएं पैदा होती है।

अंतिम चरण में घातक होता है वायरस

आपको बताते चलें कि, यह सिफलिस वायरस वैसे तो कभी अपने सामान्य लक्षणों में रहता है लेकिन यह लंबे समय में विकसित होने वाला वायरस है जो अपने आखिरी चरण में घातक साबित होता है. अगर समय रहते इसके शुरुआती लक्षणों को पहचान कर इलाज करवाया जाए तो व्यक्ति ठीक हो सकता है।

नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

हिंदी सिनेमा और संगीत की समृद्ध विरासत को सम्मानित और संरक्षित करने वाले भारतीय ओटीटी प्लेटफॉर्म्स लॉन्च की

डेस्क:– अल्ट्रा मीडिया एंड एंटरटेनमेंट ग्रुप ने शुक्रवार को हिंदी सिनेमा और संगीत की समृद्ध विरासत को सम्मानित और संरक्षित करने वाले ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लॉन्च की घोषणा की। कंपनी ने ‘अल्ट्रा गाने’ और ‘अल्ट्रा प्ले’ के लॉन्च के साथ क्लासिक बॉलीवुड फिल्मों और सदाबहार हिंदी सिनेमा के फैंस के लिए एक विशेष डिजिटल अनुभव प्रदान किया है।

इन प्लेटफॉर्म्स पर दशकों से भारतीय मनोरंजन का प्रतीक रहे फिल्मों और गानों का संग्रह उपलब्ध कराया गया है, जिसके माध्यम से बॉलीवुड के दिग्गजों को सम्मानित किया गया है। इनमें फिल्म इतिहास के प्रसिद्ध क्लासिक्स और मूल्यवान रत्न को रिस्टोर किए गए फॉर्मेट में शामिल किया गया है। ‘अल्ट्रा प्ले’ प्लेटफॉर्म पर 1950 से अब तक प्रदर्शित राज कपूर, शक्ति सामंता, गुरु दत्त, विधु विनोद चोपड़ा, सुभाष घईआदि दिग्गजों द्वारा बनाई गई 2000 से अधिक हिंदी क्लासिक फिल्मों का खजाना उपलब्ध है।

अल्ट्रा गाने का परिचय

भारत का पहला विशेष वीडियो गाने का ओटीटी प्लेटफार्म अल्ट्रा गाने है। अल्ट्रा गाने, 1940 से आज तक 4,000 से अधिक सदाबहार हिंदी गाने स्ट्रीम करता है। देख के सुनो इनकी टैगलाइन है, और इस प्लेटफार्म पर रूप तेरा मस्ताना, बाबूजी धीरे चलना जैसे कई लोकप्रिय गानों का समृद्ध अनुभव मिलेगा। अल्ट्रा गाने प्लेटफार्म पर हर सप्ताह दो नए ओरिजिनल हिंदी गानों का स्ट्रीमिंग किया जाएगा और ये गाने उभरते कलाकारों के होंगे। इसके अलावा, इस प्लेटफॉर्म पर मराठी, गुजराती और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं के वीडियो गाने भी जोड़े जाने की योजना है।

विशेष सब्सक्रिप्शन और सेवाएं

‘अल्ट्रा प्ले’ और ‘अल्ट्रा गाने’ दोनों प्लेटफार्म भारत में सिर्फ ₹199 के वार्षिक शुल्क और 99 तीन महीना के शुल्क उपलब्ध हैं, और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न मूल्य बिंदुओं के साथ पेश किए गए हैं। दर्शक इन फिल्मों और गानों का उच्च गुणवत्ता में, विज्ञापन-मुक्त आनंद ले सकते हैं, जिससे यह अनुभव वाकई खास बन जाता है।

अल्ट्रा के अन्य प्रयास

अल्ट्रा ने 2023 में ‘अल्ट्रा झकास’ नामक एक विशेष मराठी ओटीटी एसवीओडी प्लेटफार्म लॉन्च किया था। इस प्लेटफार्म पर वर्तमान में 1500+ शीर्षक और 3000+ घंटे का उच्चतम गुणवत्ता वाला मराठी कंटेंट उपलब्ध है। इसका वार्षिक सब्सक्रिप्शन प्लान ₹199/- की मामूली कीमत पर है, और इस प्लेटफार्म के 7 लाख डाउनलोड हो चुके हैं, जिनमें से 80% वॉचटाइम महाराष्ट्र से है और शेष 20% दुनिया भर से है।

आप व्हाट्सएप के नए फीचर को जरूर जान लें, अब सेलिब्रिटी की आवाज में कर सकेंगे चैट

डेस्क :– वॉट्सऐप की पैरेंट कंपनी मेटा बहुत जल्दी अपने इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप में टू-वे वॉयस चैट AI फीचर जोड़ने वाली है। वॉट्सऐप में इस फीचर के एडऑन होने के बाद यूजर्स को वॉयस चैट में एक अलग एक्सपीरियंस मिलेगा।

हाल में सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार वॉट्सऐप का ये नया फीचर्स यूजर्स को सेलिब्रिटी की वॉइस यूज करने का मौका देगी। इस फीचर की बदौलत वॉट्सऐप पर यूजर्स को नया एक्सपीरियंस मिलेगा ।

मेटा AI वॉइस मोड

वॉट्सऐप फीचर ट्रैकर WABetaInfo की हाल ही की रिपोर्ट के अनुसार मेटा के वॉयस चैट फीचर में AI वॉइस का ऑप्शन मिलेगा।साथ ही इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वॉट्सऐप पर रोल आउट होने वाला ये फीचर फिलहाल एंड्रॉयड बीटा टेस्टर पर उपलब्ध है। जिसे जल्द ही OTA के जरिए यूजर्स तक पहुंचाया जाएगा।

WABetaInfo की रिपोर्ट के अनुसार वॉट्सऐप के AI वॉइस फीचर में यूजर्स को कई जानी-मानी हस्तियों की आवाज यूज करने के लिए मिलेगी। WABetaInfo के स्क्रीनशॉट से पता चलता है कि मेटा AI वॉयस फ़ीचर अलग-अलग पिच, टोनलिटी और लहजे के साथ कई तरह की आवाज़ें पेश करेगा, जो एक कस्टमाइज़्ड इंटरैक्शन अनुभव प्रदान करेगा।

वॉट्सऐप में कैसी आवाज कर सकेंगे यूज

WABetaInfo के अनुसार वॉट्सऐप के AI वॉइस फीचर में यूजर्स को सिलेक्टिव सेलिब्रिटी की आवाज इस्तेमाल करने के लिए मिलेगी। इस फीचर में यूके और यूएस लहजे में भी वॉइस यूज करने का मौका मिलेगा। पिछले साल, मेटा ने मैसेंजर पर कस्टम AI चैटबॉट पेश किया था। जो सेलिब्रिटी के प्रोफाइल को दिखाता है।

इसके अलावा, इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफ़ॉर्म पर मेटा AI वॉयस मोड के लिए इंटरफ़ेस सीधा होने की उम्मीद है। सक्रिय होने पर, यूजर्स को नीचे की शीट पर “मेटा AI” प्रमुखता से दिखाई देगा और बीच में एक नीला रिंग आइकन होगा। वॉट्सऐप में इस फीचर के एडऑन होने के बाद मेटा AI चैटबॉट और पावरफुल होगा।

बारिश में रेफ्रिजरेटर को किस मोड पर करना चाहिए यूज? जान लेंगे तो नहीं होगा नुकसान, वरना पैसों की बर्बादी तय

बारिश के मौसम में वातावरण में नमी बढ़ जाती है, जिससे आपके घरेलू उपकरणों, विशेष रूप से रेफ्रिजरेटर (फ्रिज), पर इसका असर पड़ सकता है. अगर आप कुछ खास बातों का ध्यान नहीं रखते, तो यह फ्रिज की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है और बिजली की खपत भी बढ़ा सकता है। यहां कुछ ऐसी गलतियां बताई जा रही हैं जो बारिश के मौसम में फ्रिज इस्तेमाल करते समय नहीं करनी चाहिए, और साथ ही, रेफ्रिजरेटर को किस मोड पर सेट करना चाहिए।

फ्रिज के बैक साइड वेंट्स को बंद न करें

कई लोग बारिश में नमी से बचाने के लिए फ्रिज के पीछे लगे वेंट्स को बंद कर देते हैं। ऐसा करने से फ्रिज के कूलिंग सिस्टम पर असर पड़ सकता है और यह ओवरहीट हो सकता है। इसलिए, बैक साइड के वेंट्स को साफ और खुला रखें।

डिफ्रॉस्ट मोड में करें सेट

बारिश के मौसम में फ्रिज के अंदर नमी अधिक हो सकती है, जिससे फ्रिज के अंदर बर्फ जमने लगती है. इस स्थिति में, रेफ्रिजरेटर को डिफ्रॉस्ट मोड पर सेट करें। इससे फ्रिज के अंदर जमी हुई बर्फ पिघल जाएगी और उसकी कार्यक्षमता बेहतर हो जाएगी।

कूलिंग टेम्परेचर को कम करें

बारिश में मौसम ठंडा रहता है, इसलिए आपको अपने फ्रिज का कूलिंग टेम्परेचर थोड़ा कम (1-5 डिग्री सेल्सियस) सेट करना चाहिए। इससे बिजली की बचत होगी और फ्रिज सही तरीके से काम करेगा। कई रेफ्रिजरेटर में मॉइश्चर कंट्रोल फीचर होता है। इसे बारिश के मौसम में ऑन करें ताकि अंदर की नमी को नियंत्रित रखा जा सके और फ्रिज के अंदर के खाने-पीने की चीज़ें ज्यादा देर तक ताज़ा रहें।

ओवरलोडिंग न करें

फ्रिज को जरूरत से ज्यादा सामान से भरने से इसकी कूलिंग एफिशिएंसी कम हो जाती है। बारिश के मौसम में नमी और अधिक होती है, जिससे फ्रिज को कूलिंग करने में और मेहनत करनी पड़ती है। फ्रिज को ठीक से काम करने के लिए उसमें पर्याप्त जगह होनी चाहिए।

बारिश में कारण घर के प्रिंटर में आ गया है मॉइश्चर, आईए जानते हैं इसे ठीक करने के ये हैं टिप्स

डेस्क :–अगर बारिश के कारण आपके प्रिंटर में नमी (मॉइस्चर) आ गई है, तो इससे प्रिंटर के अंदरूनी हिस्से जैसे सर्किट या पेपर फीडिंग मैकेनिज्म प्रभावित हो सकते हैं. इसे ठीक करने के लिए आप निम्नलिखित टिप्स का पालन कर सकते हैं।

प्रिंटर को बंद करें और प्लग निकालें

सबसे पहले, सुरक्षा के लिए प्रिंटर को पूरी तरह से बंद कर दें और उसके प्लग को इलेक्ट्रिक आउटलेट से निकाल लें. इससे शॉर्ट सर्किट का खतरा नहीं रहेगा।

प्रिंटर को सूखे स्थान पर रखें

प्रिंटर को किसी सूखी और हवादार जगह पर रखें. अगर मौसम में नमी अधिक है, तो इसे एयर-कंडीशनिंग या डिह्यूमिडिफायर के पास रखें, ताकि वातावरण से नमी कम हो सके।

इलेक्ट्रिक ड्रायर या ब्लोअर का उपयोग करें

प्रिंटर के अंदर फंसी नमी को निकालने के लिए आप हेयर ड्रायर या इलेक्ट्रिक ब्लोअर का उपयोग कर सकते हैं। इसे कम गर्मी पर सेट करें और सावधानी से इस्तेमाल करें ताकि प्रिंटर के प्लास्टिक हिस्से को कोई नुकसान न हो।

अच्छी तरह से प्रिंटर को साफ करें

प्रिंटर के बाहरी हिस्सों को सूखे और मुलायम कपड़े से साफ करें. पेपर ट्रे, रोलर्स, और प्रिंटर के अंदर वाले हिस्से को भी हल्के हाथों से साफ करें ताकि नमी हट जाए।

सिलिका जेल का उपयोग करें

सिलिका जेल नमी सोखने में मदद करता है। आप इसे प्रिंटर के पास या अंदर रख सकते हैं. इसे प्रिंटर के कवर के पास रखकर कुछ घंटों तक छोड़ दें, ताकि अतिरिक्त नमी सोख ली जाए। नमी को पूरी तरह से हटाने के लिए प्रिंटर को एक-दो दिन तक बिना इस्तेमाल किए सूखे स्थान पर रखें।इससे अंदर की सारी नमी निकल जाएगी।

प्रिंटर को जांचें और टेस्ट करें

जब आपको लगे कि प्रिंटर पूरी तरह से सूख गया है, तो उसे फिर से ऑन करें और टेस्ट पेज प्रिंट करें। अगर कोई समस्या दिखाई दे रही हो तो सर्विस सेंटर पर जांच करवाएं।

अगर नमी अधिक हो और प्रिंटर में समस्या बनी रहे, तो किसी तकनीकी विशेषज्ञ से प्रिंटर की जांच करवाएं. हो सकता है कि सर्किट या अन्य हिस्सों को नुकसान पहुंचा हो, जिसे ठीक करना आवश्यक हो। इन टिप्स की मदद से आप अपने प्रिंटर को मॉइस्चर से बचा सकते हैं और उसे सामान्य स्थिति में ला सकते हैं।

अगर आप भी नई कार खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो हम आज आप लोगों को पांच ऐसी गाड़ियों के बारे में बताएंगे जो सेफ्टी के मामले में बिल्कुल भी सेफ नही

नई गाड़ी खरीदने से पहले फीचर्स और माइलेज नहीं बल्कि गाड़ी की Safety Rating को जरूर चेक कर लेना चाहिए, क्योंकि सड़क हादसे में फीचर्स नहीं बल्कि गाड़ी की ‘लोहालाट’ मजबूती ही आपको बचा सकती है। अगर आप भी नई कार खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो हम आज आप लोगों को पांच ऐसी गाड़ियों के बारे में बताएंगे जो सेफ्टी के मामले में बिल्कुल भी सेफ नहीं है।

अनसेफ गाड़ियों की इस लिस्ट में Maruti Suzuki, Mahindra, Citroen और Honda जैसी कंपनियों की गाड़ियां शामिल हैं। आज जिन मॉडल्स के बारे में हम आप लोगों को जानकारी देने वाले हैं, इन सभी मॉडल्स की मजबूती चेक करने के लिए Global NCAP एजेंसी इन गाड़ियों की क्रैश टेस्टिंग कर चुकी है।

Maruti Suzuki Ignis Safety Rating

मारुति सुजुकी की ज्यादातर गाड़ियों को ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्टिंग में बहुत ही बुरे नंबर मिले हैं और ये गाड़ी भी उन्हीं में से एक है। क्रैश टेस्टिंग के जब नतीजे सामने आए थे तो पता चला कि चाइल्ड सेफ्टी के मामले में इस हैचबैक को जीरो रेटिंग तो वहीं एडल्ट सेफ्टी में 1 स्टार रेटिंग मिली है Ignis Price की बात करें तो इस कार की कीमत 5.84 लाख (एक्स-शोरूम) से 8.06 लाख (एक्स-शोरूम) तक है।

Mahindra Bolero Neo Safety Rating

महिंद्रा की इस एसयूवी को ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्टिंग में कुछ खास अच्छे नंबर नहीं मिले हैं ।एडल्ट और चाइल्ड सेफ्टी के मामले में इस एसयूवी को सिर्फ 1 स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली है। Bolero Neo Price की बात करें तो भारत में इस एसयूवी की कीमत 9.95 लाख (एक्स-शोरूम) से 12.15 लाख (एक्स-शोरूम) तक है।

Honda Amaze Safety Rating

होंडा की इस सेडान ने ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्टिंग में कुछ खास अच्छा परफॉर्म नहीं किया है। क्रैश टेस्टिंग के नतीजे सामने आए तो पता चला कि एडल्ट सेफ्टी के मामले में ये कार 2 स्टार रेटिंग तो वहीं चाइल्ड सेफ्टी के मामले में इस सेडान को जीरो स्टार रेटिंग मिली है। Amaze Price की बात करें तो भारतीय बाजार में इस गाड़ी की कीमत 7.19 लाख (एक्स-शोरूम) से 9.95 लाख (एक्स-शोरूम) तक है।

Citroen eC3 Safety Rating

सिट्रोन कंपनी की इस गाड़ी को क्रैश टेस्टिंग में बहुत ही बुरी रेटिंग मिली है। ग्लोबल NCAP ने जब इस गाड़ी की क्रैश टेस्टिंग की तो पता चला है कि एडल्ट सेफ्टी के मामले में ये कार फिसड्डी निकली क्योंकि इस कार को ग्लोबल NCAP की तरफ से जीरो रेटिंग दी गई है। वहीं, चाइल्ड सेफ्टी मामले में इस कार को 1 स्टार रेटिंग दी गई है। Citroen eC3 Price की बात करें तो इस गाड़ी के इलेक्ट्रिक अवतार की कीमत 12 लाख 76 हजार रुपये (एक्स-शोरूम) से शुरू होती है।

Maruti Suzuki WagonR Safety Rating

मारुति सुजुकी की इस हैचबैक के क्रैश टेस्टिंग नतीजे काफी चौंका देने वाले हैं. ग्लोबल NCAP की ऑफिशियल साइट के मुताबिक, क्रैश टेस्टिंग में इस गाड़ी को चाइल्ड सेफ्टी में जीरो स्टार सेफ्टी रेटिंग तो वहीं एडल्ट सेफ्टी के मामले में 1 स्टार रेटिंग मिली है।

ग्लोबल टेक कंपनी डायसन इंडियन यूजर्स के लिए DJ जैसा साउंड देने वाला हेडफोन लॉन्च करने जा रही है

डेस्क : – डायसन OnTrac हेडफोन जल्द ही इंडिया में पेश किया जाने वाला है, कंपनी ने इसके लिए मशहूर रैपर बादशाह को अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया है। डायसन के इस हेडफोन की कुछ डिटेल्स लॉन्चिग से पहले सामने आई हैं, जिनके बारे में हम यहां बता रहे हैं।

कैसा होगा डायसन OnTrac हेडफोन

अगर आप डायसन के हेडफोन को लॉन्चिग से हपले एक्सप्लोर करना चाहते हैं तो इसे आप डायसन के स्टोर पर देख सकते हैं। इसके साथ ही अगर आप OnTrac हेडफोन को खरीदने की सोच रहे हैं तो इसे डायसन की वेबसाइट पर प्री-बुक कर सकते हैं।

OnTrac हेडफोन के फीचर्स

डायसन ऑनट्रैक हेडफोन के फीचर की बात करें तो ये बेहतरीन नॉइस कैंसिलेशन और बेहतर साउंड रेंज के साथ आते हैं । ये हेडफोन हर ऑडियो नोट को बेहद सटीकता से कैप्चर करते हुए एकदम साफ ऑडियो सुनिश्चित करते हैं। ये ओवर-ईयर हेडफोन ऑडियोफाइल्स और रोजमर्रा के उपयोगकर्ताओं दोनों के लिए हैं, जो बेजोड़ आराम और एक कस्टमाइज करने के लायक डिज़ाइन देते हैं । ईयर कुशन और बाहरी कैप के लिए 2,000 से अधिक कलर कॉम्बिनेशन मिलेंगे

OnTrac हेडफोन के स्पेसिफिकेशन

डायसन के ये हेडफोन एक बार चार्ज करने पर ANC के साथ भी दो हफ्ते तक गहरे सब-बास और क्लीयर हाई देने का वादा करते हैं। डायसन इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा, ‘ डायसन की ऑडियो श्रेणी और इंडस्ट्री दोनों में बड़े बदलाव लाने की महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं। इस साल की शुरुआत में पेश किए गए डायसन ऑनट्रैक हेडफोन से साबित होता है।पूरे भारत में डायसन ऑनट्रैक हेडफोन के लॉन्च का जश्न मनाने के लिए, हमें अपने पहले डायसन ऑनट्रैक हेडफोन एंबेसडर, बादशाह की घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है।

अब GPS से होगी टोल वसूली, नए नियम आज से, फास्टैग भी चलता रहेगा

डेस्क :– राष्ट्रीय राजमार्ग एवं परिवहन मंत्रालय ने देश में GPS सिस्टम से टोल टैक्स की वसूली शुरू कर दी है। फिलहाल ये हाइब्रिड मोड पर केवल हरियाणा के पानीपत-हिसार नेशनल हाईवे 709 पर चालू है। आपको बता दें GPS टोल टैक्स में अगर आपकी गाड़ी नेशनल हाईवे पर पहुंचती है तो आप बिना पैसे के केवल 20 किमी तक का ही सफर कर सकते हैं।

क्या है GPS टोल टैक्स?

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस सिस्टम को ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) नाम दिया गया है। ये सिस्टम नेशनल हाईवे और एक्सप्रेस वे पर टोल टैक्स ‘पे एज यू यूज’ बेसिस की तर्ज पर टैक्स वसूलेगा। इस टोल सिस्टम में आपकी GNSS से लैस गाड़ी केवल 20 किमी तक फ्री में चल सकेगी जैसे ही आपकी गाड़ी 20 किमी का सफर पूरा करेगी वैसे ही टोल टैक्स लगना शुरू हो जाएगा।

GNSS टोल सिस्टम के फायदे

ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम में आपको उतना ही टोल टैक्स देना होगा, जितनी आपकी गाड़ी नेशनल हाईवे या एक्सप्रेसवे पर दौड़ेगी। इसके अलावा इस सिस्टम की बदौलत आपकी गाड़ी की रियल टाइम लोकेशन भी पता चलेगी।वहीं टोल टैक्स बूथ पर लगने वाले जाम से राहत मिलेगी।

GNSS टोल सिस्टम के नुकसान

ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम में जितने फायदे हैं उतने ही नुकसान भी हैं। GNSS टोल सिस्टम में टनल और घाट सेक्शन में सिग्नल में दिक्कत आएगी। ये सिस्टम पूरी तरह सैटेलाइट सिग्नल पर निर्भर होगा। ऐसे में खराब मौसम में दिक्कत आ सकती है।इसके साथ ही GNSS गाड़ी के मूवमेंट को ट्रैक करेगा जिससे प्राइवेसी की चिंता रहेगी।

फास्टैग अभी करेगा काम

GNSS टोल सिस्टम फिलहाल ट्रायल बेस्ड पर शुरू किया गया है। ऐसे में अभी फास्टैग के जरिए ही टोल टैक्स की वसूली कीजाएगी। फास्टैग रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन या RFID तकनीक पर काम करता है। इस तकनीक के जरिए टोल प्लाजा पर लगे कैमरे स्टिकर के बार-कोड को स्कैन कर लेते हैं और टोल फीस अपनेआप फास्टैग के वॉलेट से कट जाती है।

आइए जानते हैं कि बुजुर्ग अपना आयुष्मान कार्ड किस तरह से बनवा सकते हैं

डेस्क: – केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का दायरा बढ़ा दिया है। अब बुजुर्गों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। 70 साल और इससे अधिक उम्र के बुजुर्ग आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं। भले ही वह किसी भी इनकम ग्रुप के हो। आयुष्मान कार्ड से बुजुर्गों को 5 लाख रुपये तक की सीमा में देश के किसी भी अस्पताल में बीमारियों का इलाज निशुल्क मिलेगा। आयुष्मान योजना के लाभ लेने के लिए आयुष्मान भारत कार्ड बनवाने का तरीका भी सरकार ने बताया है ।आइए इस बारे में जानते हैं।

केंद्र सरकार के मुताबिक, आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए बुजुर्गों को किसी दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पडेंगे। सिर्फ कुछ जरूरी कागजों की जरूरत होगी और मोबाइल एप से ही कार्ड बन जाएगा। एक सप्ताह में इसको लेकर सरकार आदेश भी जारी कर देगी। इसको लेकर सरकार एक कम्पैन भी लॉंच करने जा रही है। आधार कार्ड की मदद से बुजुर्ग मोबाइल एप के जरिए आयुष्मान कार्ड बनवा सकेंगे। इस कार्ड के बनने के बाद वह कई तरह की गंभीर बीमारियों का भी अस्पताल में निशुल्क इलाज करा पाएंगे। अभी तक आयुष्मान भारत योजना पर सरकार के आंकड़े बताते हैं कि 30 जून 2024 तक देश के 34.7 करोड़ लोग आयुष्मान कार्ड बनवा चुके हैं।

बुजुर्गों का नया कार्ड बनेगा

केंद्र सरकार ने कहा कि अगर किसी परिवार का कोई सदस्य आयुष्मान भारत योजना का लाभ ले रहा है और उस परिवार में कोई बुजुर्ग है तो अब बुजुर्ग का नया कार्ड अलग बनेगा। इसके लिए पंजीकरण भी नए सिरे से कराना होगा। कार्ड बनने के बाद बुजुर्ग किसी भी अस्पताल में 5 लाख तक का इलाज निशुल्क करा सकेंगे। केंद्र सरकार ने यह भी कहा है की 70 साल या इससे ज्यादा उम्र के बुजुर्ग जो केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ ले रहे हैं, तो वे भी आयुष्मान भारत योजना के तहत आयुष्मान कार्ड बनवाने का विकल्प चुन सकते हैं. अगर किसी की उम्र 70 साल या इससे अधिक है और उन्होंने प्राइवेट हेल्थ बीमा करा रखा है तो भी इस योजना के तहत पंजीकरण करा सकते हैं।

टोल-फ्री नंबर पर मिल जाएगी जानकारी

आयुष्मान कार्ड से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिएटोल-फ्री नंबर 14555 पर कॉल कर सकते हैं. इससे सारी जानकारी मिल जाएगी की कार्ड बनवाने के लिए क्या जरूरी कागज चाहिए और किन अस्पतालों में यह सुविधा मिल जाएगी।

इन राज्यों ने लागू नहीं की आयुष्मान योजना

दिल्ली ओडिशा और पश्चिम बंगाल में फिलहाल आयुष्मान योजना नहीं है । इन राज्य सरकारों ने इस योजना को नहीं लागू किया है। फ़िलहाल दिल्ली उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में बुजुर्गों को आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिलेगा।