हिंदी दिवस: 75 साल पहले हिन्दी राजभाषा बनी, 1953 से हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है हिन्दी दिवस
नयी दिल्ली : आज हिन्दी दिवस है। आज ही के दिन 1949 में हिन्दी को भारत की राजभाषा का दर्जा दिया गया था। दरअसल, साल 1947 में जब भारत आजाद हुआ तो आजाद भारत के सामने कई बड़ी समस्याएं थीं। जिसमें से एक समस्या भाषा को लेकर भी थी।
भारत में सैकड़ों भाषाएं और बोलियां बोली जाती थीं। ऐसे में राजभाषा क्या होगी ये तय करना एक बड़ी चुनौती थी। हालांकि, हिन्दी भारत में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। यही वजह है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हिंदी को जनमानस की भाषा कहा था।
संविधान सभा ने लंबी चर्चा के बाद 14 सितंबर को ये फैसला लिया कि हिन्दी ही भारत की राजभाषा होगी।
संविधान के अनुच्छेद 343 (1) में इसका उल्लेख है। इसके अनुसार भारत की राजभाषा ‘हिन्दी’ और लिपि ‘देवनागरी’ है। साल 1953 से हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए हर साल 14 सितंबर को हिन्दी दिवस मनाने की शुरुआत हुई।
हालांकि हिन्दी को आधिकारिक भाषा चुनने के बाद ही गैर-हिन्दी भाषी राज्यों का विरोध शुरू हो गया। सबसे ज्यादा विरोध दक्षिण भारत के राज्यों से हो रहा था। विरोध को देखते हुए संविधान लागू होने के अगले 15 वर्षों तक अंग्रेजी को भी भारत की राजभाषा बनाने का फैसला लिया गया, लेकिन जैसे ही ये तारीख नजदीक आने लगी दक्षिण भारतीय राज्यों का अंग्रेजी को लेकर आंदोलन फिर से जोर पकड़ने लगा। इसलिए सरकार को 1963 में राजभाषा अधिनियम लाना पड़ा। इसमें अंग्रेजी को 1965 के बाद भी कामकाज की भाषा बनाए रखना शामिल था।
राज्यों को भी अधिकार दिए गए कि वे अपनी मर्जी के मुताबिक किसी भी भाषा में सरकारी कामकाज कर सकते हैं। फिलहाल देश में 22 भाषाओं को आधिकारिक भाषा का दर्जा मिला हुआ है।
आज, हिन्दी दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। हमारे देश में 77 प्रतिशत लोग हिन्दी बोलते, समझते और पढ़ते हैं।
Sep 14 2024, 14:25