हाथियों का आतंक: दलमा सेंचुरी से निकलकर सरायकेला खरसावां जिले में पहुंचा हाथियों का झुंड
सरायकेला :- जिला के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी से पलायन करने लगा गजराज आज अहले सुबह दर्जनों की संख्या में गजराज की झुंड सरायकेला खरसावां जिला के नीमडीह थाना अंतर्गत कादला गांव के पहाड़ पहुंच गए हैं.
गजों के झुंड का दल पहाड़ पहुंचने पर ग्रामीण भयाभीत देखा गया बताया जा रहा है कि शुक्रवार को अहले सुबह लगभग पांच बजे आसपास हाथियों का झुंड जुगीलौंग के रास्ते होते हुए कादला पहाड़ पहुंचा. गजों के झुंड ने कादला पहाड़ में अपना डेरा जमा लिया है।
इस दौरान हाथियों ने रास्ते में पड़ने वाले खेतों में लगी धान की फसल को अपना निवाला बनाया. वहीं हाथियों के झुंड ने पैरों से रौंदकर दूध भरे धान के पौधों को नुकसान भी पहुंचाया. कादला पहाड़ में हाथियों के झुंड के डेरा जमाने के बाद ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है।
जान व माल को नुकसान पहुंचाते रहे हैं गजों का झुंड
नीमडीह थाना के चातरमा पंचायत के दर्जनों गांव जुगीलौंग के अलावा हुंडरू-पाथरडीह, चिंगडा-पांडकीडीह समेत आसपास के गांव के ग्रामीणों को अंदेशा है कि गजों का झुंड शाम ढलते ही पहाड़ से बाहर निकलेंगे और आबादी वाले क्षेत्र में घुस जाएंगे.
इस दौरान हाथी जान व माल को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं. ग्रामीण वन विभाग से जंगली हाथियों के झुंड को वापस दलमा सेंचुरी की ओर ले जाने की मांग कर रहे हैं । ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार जंगली हाथी आबादी वाले क्षेत्र में पहुंचकर जान व माल का नुकसान पहुंचा रहे हैं ।
अनुमंडल क्षेत्र में जंगली हाथियों की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है. जंगली हाथी की समस्या के निदान को लेकर ना विभाग सक्रिय है और ना स्थानीय जनप्रतिनिधि गंभीर हैं जनता समस्या का निदान का गुहार लगा कर थक चुकी है।
सवाल यह उठता है की केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा प्रतिवर्ष वन एवं पर्यावरण विभाग को करोड़ो रुपया मुहैया करते हे जंगल और जंगली जानवरों की संरक्षण के लिए परंतु वन्य जीव जंतु पलायन क्यू करते हे। किसी भी जंगल में गजों के लिए पोष्टिक आहार नही मिलने के कारण सेंचुरी छोड़कर छोटे बड़े जंगली आश्रय लिए हुए ।
Sep 13 2024, 22:18