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पप्पू नहीं हैं राहुल गांधी, जानें यूएस में ऐसा क्यों बोल गए सैम पित्रोदा

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी अभी अमेरिका हैं। वह तीन दिनों की यात्रा पर अमेरिका गए हैं। अपने दौरे के दौरान राहुल गांधी ने टेक्सास में इंडियन डायसपोरा को संबोधित किया। टेक्सास में आयोजित कार्यक्रम के दौरान इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष और गांधी परिवार के राजनीतिक सलाहकार सैम पित्रोदा भी मंच पर मौजूद रहे। इंडियन डायसपोरा को संबोधित करते हुए सैम पित्रोदा ने मंच से राहुल गांधी को लेकर ऐसी बात कही कि पूरा सदन तालियों और ठहाकों से गूंज उठा। सैम पित्रोदा ने कहा कि राहुल गांधी पप्पू नहीं हैं।

टेक्सास में अपने संबोधन में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा ने कहा, राहुल गांधी का एजेंडा कुछ बड़े मुद्दों पर बात करने का है। उनका विजन बीजेपी से बिल्कुल अलग है, जो करोड़ों-करोड़ रुपये खर्च करके प्रचार करती है। मैं आपको बता दूं कि वो ‘पप्पू’ नहीं हैं। वो बहुत पढ़े-लिखे हैं और किसी भी विषय पर गहराई से सोचने वाले रणनीतिकार हैं।

पित्रोदा ने आगे कहा, कभी-कभी उन्हें समझना इतना आसान नहीं होता। राहुल गांधी सबको साथ लेकर चलने में यकीन रखते हैं। सीथ ही उन्होंने ये भी कहा कि भारत को जुमले की नहीं बल्कि मॉर्डन सोच और युवा नेताओं की जरूरत है।

बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी तीन दिनों के दौरे पर अमेरिका गए हैं। अपनी अमेरिकी यात्रा के पहले दिन राहुल ने डलास में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के छात्रों और शिक्षाविदों से बातचीत की। बातचीत के दौरान राहुल ने भाजपा और आरएसएस पर जमकर हमला भी बोला।

*विदेशी जमीन से राहुल गांधी ने की चीन जमकर की तारीफ, गिना दी भारत की कमियां*

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राहुल गांधी विदेश दौरे पर हैं। कांग्रेस नेता ने एक बार फिर विदेशी जमीन पर अपने देश की कमियां गिनाईं हैं। भारतीयों से बात करते हुए राहुल गांधी ने फिर कुछ ऐसी बातें बोल दी हैं जिसने बीजेपी को कांग्रेस के खिलाफ हल्ला बोलने का मौका दे दिया है। दरअसल राहुल गांधी ने यहां चीन की भरभरकर तारीफ की है और अमेरिका के सामने दुनिया की उभरती नई शक्ति भारत की कमियों को गिनाया।

राहुल गांधी इन दिनों अपनी तीन दिवसीय अमेरिका की यात्रा पर हैं। यहां टेक्सास के डैलस में एक कार्यक्रम में रोजगार के मुद्दे पर बात की। यहां राहुल गांधी ने रोजगार के मसले पर चीन की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि भारत और पश्चिमी देशों में रोजगार की समस्या है लेकिन चीन में ऐसा नहीं है। 

चीन लोगों को रोजगार देने वो अव्वल-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि अब यूरोप और अमेरिका में भी बेरोजगारी एक समस्या बन रही है। भारत में भी बेरोजगारी सबसे बड़ी और सबसे अहम समस्या है। लेकिन चीन के पास ऐसी कोई समस्या नहीं है। चीन लगातार अपना रोजगार बढ़ा रहा है। नौकरियों के नए अवसर पैदा कर रहा है। लोगों को रोजगार देने वो अव्वल रहा है। भारत ने मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर पर ध्यान ही नहीं दिया जिसकी वजह से आज बेरोजगारी के मुख्य समस्या बनकर उभर आई है। 

भारत को मैन्युफैक्चरिंग के बारे में सोचना होगा- राहुल गांधी

यही नहीं राहुल गांधी ने ये भी कहा कि 90 के दशक में अमेरिका वैश्विक उत्पादन का केंद्र था लेकिन बाद ये पूरा प्रोडक्शन कोरिया और जापान में शिफ्ट हो गया। जिसके बाद कोरिया और जापान जैसे देशों ने अर्थव्यवस्था की बुलंदियों को छुआ। अगर भारत को भी अपनी अर्थव्यवस्था मजबूत करनी है और बेरोजगारी से लड़ना है तो उसे मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर पर ध्यान देना होगा।  

 

बताए बेरोजगारी से निपटने के उपाय

नेता प्रतिपक्ष ने आगे ये भी कहा कि जिसे आप विनिर्माण या मैन्युफैक्चरिंग कहते हैं, वह चीन के लिए आरक्षित होने जा रहा है। यह वियतनाम के लिए आरक्षित होने जा रहा है। यह बांग्लादेश के लिए आरक्षित होने जा रहा है। हमें लोकतांत्रिक वातावरण में मैन्युफैक्चरिंग करने के तरीके पर पुनर्विचार करना होगा। जब तक हम ऐसा नहीं करते, हमें उच्च स्तर की बेरोजगारी का सामना करना पड़ेगा।

कहां से आया भारत जोड़ो यात्रा का आइडिया, बीजेपी से लेकर पीएम मोदी तक पर हमले, जानें येस में क्या-क्या बोले राहुल?*

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लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इस समय अमेरिका में हैं। वह तीन दिवसीय दौरे पर रविवार को अमेरिका पहुंचे।यहां टेक्सास के डैलस में एक कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने टेक्सास के डलास में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के छात्रों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने छात्रों को संबोधित भी किया। यहां राहुल गांधी ने बताया कि भारत जोड़ो यात्रा का आइडिया कहां से आया। उन्होंने इसकी शुरुआत कैसे ।

राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा, पहला सवाल जो आपने पूछा, वह यह है कि मैं चार हजार किलोमीटर पैदल क्यों चला, हमें ऐसा करने की क्यों जरूरत पड़ी? इसका कारण यह है कि भारत में हम जो भी कम्युनिकेशन करना चाहते थे, उसे अवरुद्ध कर दिया गया था। हमने संसद में बात की, लेकिन उसका टेलीविजन पर प्रसारण नहीं हुआ। हम मीडिया के पास गए, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी। हमने कानूनी व्यवस्था के सामने दस्तावेज भी पेश किए, लेकिन कुछ नहीं हुआ। तो, सारे रास्ते बंद हो गए, और लंबे समय तक हम समझ ही नहीं पाए कि संवाद कैसे करें। 

भारत में बीजेपी या पीएम मोदी से कोई नहीं डरता-राहुल

इस दौरान नेता प्रतिपक्ष ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस पर जमकर हमला बोला। राहुल ने कहा कि भारत में बीजेपी या पीएम मोदी से कोई नहीं डरता। राहुल ने कहा कि हमने देखा कि लोकसभा चुनाव परिणाम के तुरंत बाद भारत में कोई भी बीजेपी या भारत के प्रधानमंत्री से नहीं डर रहा था तो ये बहुत बड़ी उपलब्धियां हैं और ये उपलब्धियां केवल राहुल गांधी या कांग्रेस पार्टी की नहीं है बल्कि हम सब की है। ये भारत के उन तमाम लोगों की उपलब्धियां हैं, जिन्होंने लोकतंत्र को महसूस किया, जिन्होंने महसूस किया कि हम अपने संविधान पर हमले को स्वीकार नहीं करेंगे।

संघ पर भी जमकर बरसे राहुल

राहुल गांधी ने आरएसएस पर भी जमकर निशाना साधा। राहुल ने कहा कि संघ का मानना है कि भारत एक विचार है। मगर मेरा मानना है कि भारत विविधताओं का देश हैं। यहां लोगों के अपने अलग-अलग विचार हैं। उनके अपने अलग सपने हैं। उनके सोचने का नजरिया अलग है और होना भी चाहिए। जाति, भाषा, धर्म और परंपरा के आधार पर हम इसे अलग नहीं कर सकते है। सपने देखने का हक सभी को है और ये हक उन्हें मिलना चाहिए। हमरी लड़ाई बस इसी बात को लेकर है और लोकसभा चुनाव में यह बात स्पष्ट हो गई थी।

ममता बनर्जी ने जवाहर सिरकार को किया फोन, राज्यसभा से उनके इस्तीफे पर पुनर्विचार करने का किया आग्रह

टीएमसी सांसद जवाहर सिरकार , जिन्होंने रविवार को घोषणा की थी कि वे कोलकाता बलात्कार और हत्या के मद्देनजर पार्टी के राज्यसभा सदस्य के रूप में इस्तीफा देंगे, को कथित तौर पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा।

रविवार को बनर्जी को लिखे एक पत्र में जवाहर सिरकार ने कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के बाद राज्यसभा से अपने इस्तीफे की घोषणा की। उन्होंने टीएमसी प्रमुख से "राज्य को बचाने" का भी आग्रह किया। राजनेता ने राज्यसभा के अध्यक्ष जगदीप धनखड़ को अपना इस्तीफा सौंपने के लिए दिल्ली जाने की अपनी योजना का भी उल्लेख किया। सूत्रों का हवाला देते हुए, इंडिया टुडे ने बताया कि सिरकार के 11 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी का दौरा करने की उम्मीद है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सिरकार के फैसले के बाद, ममता बनर्जी ने उन्हें फोन किया और उनसे टीएमसी के राज्यसभा सदस्य के रूप में इस्तीफा देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। सिरकार ने यह भी लिखा कि उन्हें लगा था कि ममता बनर्जी "पुरानी ममता शैली" में हस्तक्षेप करेंगी।

उन्होंने कहा, "मुझे लगा कि आप ममता की पुरानी शैली में चल रहे आंदोलन में हस्तक्षेप करेंगे, लेकिन मैंने ऐसा नहीं देखा।" उन्होंने कहा कि डॉक्टरों का चल रहा आंदोलन "कुछ खास लोगों और भ्रष्ट लोगों के अनियंत्रित दबंग रवैये" के खिलाफ है। उन्होंने दावा किया कि सरकार के खिलाफ लोगों में गुस्सा और विश्वास की कमी है।

जवाहर सिरकार ने टीएमसी से इस्तीफा दिया: क्या है वजह?

पत्र में लिखा है, "आरजी कर अस्पताल में हुई भयानक घटना के बाद से मैं एक महीने तक धैर्यपूर्वक पीड़ित रहा हूं और ममता बनर्जी की पुरानी शैली में आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों के साथ आपके सीधे हस्तक्षेप की उम्मीद कर रहा था। ऐसा नहीं हुआ है और सरकार अब जो भी दंडात्मक कदम उठा रही है, वह बहुत कम और काफी देर से उठाया गया है।" सिरकार ने दावा किया कि अगर सरकार अनुचित प्रशासनिक कार्रवाई के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह बनाती तो सामान्य स्थिति जल्दी बहाल हो जाती। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अपने इस्तीफे के बाद, वह खुद को राजनीति से "पूरी तरह से अलग" कर लेंगे।

9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अंदर एक प्रशिक्षु डॉक्टर का बलात्कार और हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने संजय रॉय नामक व्यक्ति को इस अपराध के लिए गिरफ्तार किया है। हालांकि, हत्या के बाद अस्पताल प्रशासन और कोलकाता पुलिस की भूमिका संदिग्ध निर्णयों के कारण सवालों के घेरे में आ गई।

अस्पताल के पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष ने कथित तौर पर हत्या को आत्महत्या के रूप में पेश करने की कोशिश की। पीड़ित परिवार को अपनी बेटी का शव देखने की अनुमति देने से पहले तीन घंटे से अधिक समय तक इंतजार करना पड़ा। शव मिलने के करीब 14 घंटे बाद हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गई।

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता कुणाल घोष ने रविवार को कहा कि वह जवाहर सिरकार द्वारा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे गए पत्र के एक बड़े हिस्से से सहमत हैं, जिसमें उन्होंने राज्यसभा सदस्य के रूप में इस्तीफा देने के अपने फैसले के बारे में लिखा है। घोष ने कहा, "हमने सुना है कि जवाहर सिरकार ने एक निर्णय लिया है। वह देश के सबसे अच्छे ब्यूरोकैट में से एक थे, पश्चिम बंगाल के सबसे महान ब्यूरोकैट थे। यह उनका निजी रुख, निर्णय और पत्र है। मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। उन्हें निर्णय लेने का अधिकार है।"

हरियाणा में चुनाव से पहले बीजेपी को एक और झटका, आदित्य चौटाला इनेलो में हुए शामिल

डेस्क: भाजपा के नेता एवं पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल के पोते आदित्य देवीलाल चौटाला ने रविवार को इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ज्वाइन कर लिया है। आदित्य चौटाला को हरियाणा में 5 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए डबवाली से भाजपा ने मैदान में उतारा था लेकिन उन्होंने भाजपा से नाता तोड़कर इनेलो ज्वाइन कर लिया है। आदित्य देवीलाल (46) सिरसा जिले के चौटाला गांव में इनेलो की रैली में पार्टी के वरिष्ठ नेता अभय सिंह चौटाला की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए।

बता दें कि आदित्य देवीलाल चौटाला ने हाल ही में हरियाणा विपणन बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इनेलो में शामिल होने से भाजपा ने ऐसे समय सिरसा जिले में अपना प्रमुख चेहरा खो दिया है जब विधानसभा चुनाव होने में एक महीने से भी कम समय बचा है। राज्य में नेताओं के बागी होने के चलते राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा के लिए दिक्कतें बढ़ गई हैं। वह एक सप्ताह के भीतर भाजपा छोड़ने वाले देवीलाल के परिवार से दूसरे व्यक्ति हैं।

इससे कुछ दिन पहले ही राज्य के ऊर्जा एवं जेल मंत्री रणजीत चौटाला ने भी भाजपा का साथ छोड़ दिया था, वह देवीलाल के बेटे हैं। अगले महीने होने वाले चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों को नेताओं के बागी होने की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इस्तीफा देने वालों में से ज्यादातर टिकट चाहते थे, लेकिन सूची में उनका नाम नहीं था। रणजीत सिंह चौटाला और आदित्य देवीलाल के अलावा भाजपा छोड़ने वाले प्रमुख लोगों में मौजूदा विधायक लक्ष्मण दास नापा, पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य और कांग्रेस में शामिल हुए कालांवाली के पूर्व विधायक बलकौर सिंह शामिल हैं।

कांग्रेस को भी 32 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी करने के बाद पार्टी के भीतर विद्रोह का सामना करना पड़ा। राजेश जून ने पार्टी छोड़ दी, क्योंकि बहादुरगढ़ विधानसभा क्षेत्र से उनकी उम्मीदवारी को नज़रअंदाज किया गया और उन्होंने निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ने की घोषणा की। सोनीपत के बड़ौदा से कांग्रेस नेता कपूर सिंह नरवाल ने पार्टी द्वारा मौजूदा विधायक इंदुराज नरवाल को फिर से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद बगावत का झंडा बुलंद कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे निराश किया गया है।’’ नब्बे सदस्यीय हरियाणा विधानसभा के लिए मतदान 5 अक्टूबर को होगा। मतों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी।

अबू धाबी के क्राउन प्रिंस का दिल्ली में जोरदार स्वागत, पीएम मोदी से करेंगे मुलाकात

डेस्क: अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान अपनी पहली आधिकारिक भारत यात्रा पर दिल्ली पहुंच चुके हैं। भारत में वह तीन दिवसीय यात्रा पर आए हुए हैं। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उनका औपचारिक स्वागत किया।

अबू धाबी के क्राउन प्रिंस के रूप में यह उनकी पहली भारत यात्रा है। क्राउन प्रिंस के साथ यूएई के कई मंत्री और एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया है। वह कल (सोमवार) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे और द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों पर चर्चा करेंगे।

क्राउन प्रिंस का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मिलने और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए राजघाट जाने का भी कार्यक्रम है। मंगलवार को शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान बिजनेस फोरम में भाग लेने के लिए मुंबई जाएंगे, जिसमें दोनों देशों के व्यापारिक नेता भाग लेंगे।

बता दें कि हाल के सालों में भारत और यूएई के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी राजनीतिक, व्यापार, निवेश, संपर्क, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और संस्कृति सहित कई क्षेत्रों में गहरी हुई है। क्राउन प्रिंस की यात्रा से भारत-यूएई के द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती मिलेगी और नए और उभरते क्षेत्रों में साझेदारी के रास्ते खुलेंगे।

मालूम हो कि इस साल फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएई का दौरा किया था। उन्होंने भारत-यूएई द्विपक्षीय संबंधों पर यूएई के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ चर्चा की और 8 समझौतों के आदान-प्रदान के साक्षी बने थे।

भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे पर चर्चा

पीएम मोदी और क्राउन प्रिंस अल नाहयान ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) पर भारत और यूएई के बीच एक अंतर-सरकारी ढांचे के निर्माण के लिए समझौता ज्ञापन का स्वागत किया, जो क्षेत्रीय संपर्क को आगे बढ़ाने में यूएई और भारत द्वारा उठाए गए कदमों को दर्शाता है।

बजरंग पूनिया को मिली जान से मारने के धमकी, कांग्रेस छोड़ने को कहा

डेस्क: कांग्रेस पार्टी में हाल ही में शामिल हुए ओलंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया को जान से मारने के धमकी मिली है। विदेशी नंबर से व्हाट्सएप पर धमकी दी गई है। बजरंग को धमकी में लिखा है कि बजरंग कांग्रेस छोड़ दो वरना तेरे और तेरे परिवार के लिए अच्छा नहीं होगा। ये हमारा आखिरी संदेश है। बजरंग ने सोनीपत के बहालगढ़ थाना में शिकायत दर्ज कराई है।

बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया की राजनीति में एंट्री हो चुकी है। दिल्ली में शुक्रवार को दोनों कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। इससे पहले दोनों ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से उनके आवास पर मुलाकात की।

कांग्रेस में शामिल होने के बाद विनेश फोगाट ने कहा था कि उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश रहेगी। कांग्रेस ने हमारे आंसुओं को समझा। बुरे टाइम में पता चलता है कि आपका कौन है। ये देश के लोगों की सेवा का मौका है। नई पारी की शुरूआत मेरे लिए गर्व की बात है। उन्हें जुलाना से टिकट दिया गया है। वहीं बजरंग को ऑल इंडिया कांग्रेस किसान का वर्किंग चेयरमैन बनाया गया है।

वहीं बजरंग पूनिया ने कहा कि कांग्रेस और देश को मजूबत करेंगे। भाजपा हमारे साथ खड़ी नहीं हुई। कांग्रेस में आने पर आलोचना हो रही है। विनेश फोगाट ने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने से पहले रेलवे से इस्तीफा दे दिया।

भारत में मंकीपॉक्स का खौफ, एक संदिग्ध को किया गया आइसोलेट, स्वास्थ्य मंत्रालय अलर्ट

डेस्क: दुनिया के कई देश इन दिनों मंकीपॉक्स का संक्रमण झेल रहे हैं। अफ्रीकी देशों से शुरू हुआ ये वायरल संक्रमण यूएस-यूके सहित कई एशियाई देशों में भी बढ़ता जा रहा है। इस बीच, भारत में भी मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध रोगी मिला है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे लेकर जानकारी दी है। हालांकि संदिग्ध रोगी के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं दी है। मंत्रालय ने बताया कि संदिग्ध ने हाल ही में मंकीपॉक्स का संक्रमण झेल रहे एक देश की यात्रा की थी। फिलहाल उसे मंकीपॉक्स के लिए तय किए गए एक अस्पताल में आइसोलेट किया गया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि फिलहाल संदिग्ध रोगी की हालत स्थिर है। एमपॉक्स की मौजूदगी की पुष्टि के लिए मरीज के नमूनों का परीक्षण किया जा रहा है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि उसके लक्षण एनसीडीसी द्वारा पहले से बताए गए लक्षणों के अनुरूप ही हैं।

मंत्रालय ने यह भी कहा कि इसे लेकर पर्याप्त सावधानी बरती जा रही है। और सभी प्रोटोकॉल का ध्यान रखा जा रहा है। देश ऐसे अलग यात्रा-संबंधी मामलों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

गौरतलब है कि इस वायरल जूनोटिक रोग से मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के देश सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। कांगो में अब तक 18 हजार से अधिक संदिग्ध मामले सामने आए हैं, जबकि कम से कम 610 लोगों की इससे जान जा चुकी है।

मंकीपॉक्स संक्रमण को चूंकि कई मामलों में गंभीर और जानलेवा माना जाता है इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे 'ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित' कर दिया था। मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत में भी बीते दिनों अलर्ट जारी किया गया है, फिलहाल यहां अब तक संक्रमण के मामले सामने नहीं आए थे।

हालिया अध्ययन में वैज्ञानिकों ने एमपॉक्स के बढ़ते मामलों के लिए इसके नए स्ट्रेन 'क्लेड आईबी' को जिम्मेदार माना है। विशेषज्ञों ने कहा इस बात की गंभीर चिंता है कि वायरस म्यूटेट हो रहा है और नए स्ट्रेन पैदा कर रहा है। यह उन देशों में भी रिपोर्ट किया जा रहा है जहां अब तक एमपॉक्स का खतरा नहीं था।

जिसके बाद भारत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी लोगों को संक्रमण को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी थी। मंत्रालय ने एमपॉक्स कैसे फैलता है और संक्रमण की स्थिति में क्या करें, इस बारे में विस्तार से जानकारी साझा की थी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक पोस्ट में बताया था, एमपॉक्स एक वायरल संक्रमण है जो संक्रमित वस्तुएं, निकट संपर्क, और शरीर के तरल पदार्थों से फैल सकता है। संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग की गई वस्तुएं जैसे कपड़े, चादर, तौलिए आदि के इस्तेमाल से बचें। संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थ या घाव के संपर्क में आने से भी संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है। सामुदायिक तौर पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।

विनेश फोगाट को रेलवे ने दिया कारण बताओ नोटिस, इस्तीफा नहीं किया मंजूर, क्या सियासी पारी में लगा 'ब्रेक'!

डेस्क: महिला कुश्ती पहलवान एवं कांग्रेस नेता विनेश फोगाट का राजनीतिक करियर क्या शुरू होने से पहले ही खत्म हो जाएगा? हरियाणा में विनेश फोगाट के चुनाव लड़ने पर ट्विस्ट आ गया है। रेलवे ने अब तक विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। रेलवे ने दोनों पहलवानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक, जब तक विनेश फोगाट का इस्तीफा रेलवे मंजूर नहीं कर लेता और उन्हें एनओसी नहीं दे देता है। तब तक वो चुनाव नहीं लड़ सकती हैं। उत्तर रेलवे का कहना है कि कारण बताओ नोटिस सेवा नियमावली का हिस्सा है, क्योंकि रेलवे के रिकॉर्ड में वो अभी भी सरकारी कर्मचारी हैं।

रेलवे उनसे इस्तीफा देने का कारण जानना चाहता है। रेलवे के नियमों के अनुसार, रेलवे कर्मचारी द्वारा इस्तीफा देने के बाद तीन महीने के नोटिस पीरियड को पूरा करना जरूरी है। इसलिए बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट के द्वारा इस्तीफा भेजने के बाद एक कारण बताओं नोटिस दिया गया है।

विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया का जवाब मिलने के बाद रेलवे दोनों को कार्यमुक्त कर सकती है। इस्तीफा मानदंडों में ढील देने का फैसला भी कर सकती है। दोनों की सियासी पारी में एक पेंच और फंसा हुआ है। कोई व्यक्ति सरकारी कर्मचारी रहते हुए किसी राजनीति पार्टी को ज्वाइन नहीं कर सकता है।

टिकट मिलने के बाद विनेश फोगाट ने चुनावी प्रचार भी शुरू कर दिया है। विनेश फोगाट का दावा है कि चुनौतियां चाहे जो आएं वो उन्हें पारकर जीतना जानती हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि इनेलो और जेजेपी के गढ़ में लोग इस बार उन्हें बदलाव के लिए वोट देंगे और आखिर जुलाना के लोग इस बार बदलाव के लिए वोट करेंगे। उन्होंने रोड शो में बृजभूषण शरण सिंह पर भी करारा हमला बोला है। विनेश ने कहा कि उनका कोई अस्तित्व नहीं है।

बीजेपी ने अपने नेता बृजभूषण को दी सलाह, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया पर कुछ ना बोलें


डेस्क: विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत तेज है और तीखी बयानबाजी भी जारी ही। वहीं, सूत्रों ने रविवार को कहा कि भाजपा ने पार्टी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह को ओलंपिक पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया के खिलाफ बयान देने से परहेज करने की सलाह दी है। भाजपा के शीर्ष नेताओं की यह सलाह भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख द्वारा हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल होने के लिए दो पहलवानों पर हमला करने के कुछ दिनों बाद आई है। 

6 सितंबर को, फोगट और पुनिया, जिन्होंने पिछले साल सिंह के खिलाफ पहलवानों के विरोध का नेतृत्व किया था, "डरेंगे नहीं या पीछे नहीं हटेंगे" के वादे के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए। पार्टी में शामिल होने के बाद फोगाट ने कहा था कि भाजपा सिंह का समर्थन कर रही थी जबकि कांग्रेस ने विरोध करने वाले पहलवानों का समर्थन किया था जब उन्हें दिल्ली में "सड़कों पर घसीटा जा रहा था"। पुनिया ने भी फोगाट की बात दोहराते हुए कहा कि कठिन समय में कांग्रेस उनके साथ खड़ी रही। बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया कि पहलवानों का विरोध बीजेपी को निशाना बनाने के लिए कांग्रेस की 'साजिश' थी। 

बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि विनेश और बजरंग ने कुश्ती में नाम कमाया और खेल की ताकत के लिए मशहूर हुए लेकिन कांग्रेस में शामिल होने के बाद उनका नामोनिशान मिट जाएगा. विनेश फोगट और बजरंग पुनिया उन पहलवानों में से थे, जिन्होंने पिछले साल बृज भूषण सिंह के खिलाफ धरने का नेतृत्व किया था, और उन पर कई युवा जूनियर पहलवानों को परेशान करने का आरोप लगाया था।

बृजभूषण सिंह ने आगे कहा कि विनेश और बजरंग अगर सोच रहे हैं कि वे विधानसभा चुनाव जीत जाएंगे तो वे गलत हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई ने उनके हवाले से कहा, "वे हरियाणा में किसी भी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं, भाजपा का एक छोटा उम्मीदवार उन्हें हरा देगा।" विशेष रूप से, एक दिन बाद, विनेश को कांग्रेस द्वारा हरियाणा के जुलाना विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा गया। इस बीच, बजरंग पुनिया को अखिल भारतीय किसान कांग्रेस का प्रमुख नियुक्त किया गया और वह चुनाव अभियान में भाग लेंगे।