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सुबह-सुबह बासी मूंह इन पत्तों को चबाए दांतों के पीलेपन से लेकर मुंह की बदबू तक मिलेगा छुटकारा


चेहरे की खूबसूरती में दांतों का भी अहम रोल होता है। मुंह से बदबू (हैलिटोसिस) एक आम समस्या है, लेकिन असहज समस्या है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि खराब मौखिक स्वच्छता, कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन, धूम्रपान, ड्राई माउथ और स्वास्थ्य समस्याएं। 

वहीं दांतों और जीभ की अच्छी तरह सफाई न करने से भोजन के कण और बैक्टीरिया मुंह में रह जाते हैं, जिससे बदबू उत्पन्न होती है। प्याज, लहसुन, मसालेदार भोजन, और कुछ डेयरी उत्पाद मुंह में बदबू पैदा कर सकते हैं। वहीं लार की कमी से मुंह सूखा रहता है, जिससे बैक्टीरिया तेजी से बढ़ते हैं और बदबू उत्पन्न होती है। धूम्रपान और तंबाकू के सेवन से मुंह की बदबू बढ़ सकती है, साथ ही दांतों और मसूड़ों की समस्याएं भी हो सकती हैं, लेकिन इसे प्राकृतिक तरीकों से आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।

सुबह-सुबह खाली पेट कुछ विशेष पत्तियों का सेवन करने से न केवल मुंह की बदबू को दूर किया जा सकता है, बल्कि ये पत्तियां आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से भी स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होती हैं। यहां पांच ऐसी पत्तियों के बारे में बताया गया है, जिनका सेवन करने से मुंह से बदबू की समस्या दूर हो सकती है और आप उनके आयुर्वेदिक लाभों से भी चमत्कृत हो जाएंगे।

पुदीने की पत्तियां

मुंह की बदबू को भगाने में पुदीने की पत्तियां आपके काम आ सकते हैं। पुदीने की पत्तियों में प्राकृतिक ताजगी होती है, जो मुंह से दुर्गंध को दूर करती है और ताजगी का एहसास देती है। यह आपके पाचन को बढ़ावा देता है और पेट की समस्याओं से राहत दिलाता है। साथ ही इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो मुंह के हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करते हैं।

तुलसी की पत्तियां

तुलसी की पत्तियां भी मुंह की बदबू को भगाने में कारगर साबित होते हैं और खाने में भी स्वादिष्ट होते हैं। तुलसी की पत्तियां अपने एंटीमाइक्रोबियल गुणों के कारण मुंह की बदबू को दूर करने में सहायक होती हैं। तुलसी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और संक्रमण से बचाती है। साथ ही यह पाचन में सुधार करती है और गैस्ट्रिक समस्याओं को कम करती है।

पान के पत्ते

जी हां, पान के पत्ते भी मुंह की बदबू को भगाने में मददगार साबित होते हैं। पान के पत्तों का सेवन मुंह की दुर्गंध को नियंत्रित करता है और ताजगी प्रदान करता है। यह पान के पत्ते पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं और अपच की समस्याओं से राहत दिलाते हैं। इसमें एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो मुंह के संक्रमण को रोकते हैं।

करी पत्ते

करी पत्ते भी मुंह की बदबू से राहत दिलाते हैं। करी पत्तों का सेवन मुंह की दुर्गंध को दूर करने में मदद करता है और ताजगी बनाए रखता है। यह करी पत्ते लिवर को डिटॉक्स करते हैं और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं। साथ ही ये पत्ते एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं, जो शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं।

नीम की पत्तियां

प्राचीन कल से ही नीम की पत्तियों का इस्तेमाल मुंह की बदबू को भगाने के लिए किया जाता रहा है। नीम की पत्तियां अपने एंटीबैक्टीरियल गुणों के लिए जानी जाती हैं और ये मुंह की सफाई में मदद करती हैं। नीम के पत्ते मसूड़ों की समस्याओं को दूर करते हैं और ओरल हेल्थ को बेहतर बनाते हैं। नीम शरीर को डिटॉक्स करता है और खून को साफ करने में मदद करता है।

सेवन का तरीका

- सुबह-सुबह बासी मुंह इनमें से किसी भी पत्ती को चबाएं। यह मुंह की बदबू को तुरंत कम करेगा और मुंह की स्वच्छता को बेहतर बनाएगा।

- ये पत्तियां आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर हैं और आपको समग्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती हैं।

इन पत्तियों का नियमित सेवन न केवल मुंह की बदबू को दूर करेगा, बल्कि यह आपकी समग्र स्वास्थ्य स्थिति में भी सुधार करेगा।

रोज सुबह खाली पेट खाएं 1 सेब, सेहत को मिलेंगे ये 6 जबरदस्त लाभ

सेब को एक सर्वश्रेष्ठ फल माना जाता है, जिसका सेवन हमारे शरीर के लिए अत्यधिक फायदेमंद होता है। रोज सुबह खाली पेट सेब खाने से आप कई सेहत लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यहां हम आपको सेब के 6 प्रमुख लाभों के बारे में बता रहे हैं, जो आपकी सेहत को निखार सकते हैं:

1. वजन घटाने में सहायक

अगर आप अपने वजन को नियंत्रित रखना चाहते हैं, तो रोज सुबह खाली पेट सेब खाना एक बेहतरीन विकल्प है। सेब में कैलोरी बहुत कम होती है और फाइबर की मात्रा अधिक होती है। यह आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है, जिससे आप ज्यादा खाने से बचते हैं। फाइबर पाचन को भी सुधारता है, जिससे आपके शरीर को वजन नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

2. पाचन तंत्र को बनाए स्वस्थ

सेब में घुलनशील और अघुलनशील दोनों प्रकार के फाइबर होते हैं, जो आपके पाचन तंत्र को बेहतर बनाते हैं। इससे कब्ज, एसिडिटी, और पेट की अन्य समस्याओं से राहत मिलती है। इसके नियमित सेवन से आपका पाचन तंत्र सुचारू रूप से कार्य करता रहता है, जिससे खाना आसानी से पचता है और आप हल्का महसूस करते हैं।

3. दिल की सेहत के लिए लाभकारी

सेब में मौजूद पोटैशियम, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स दिल को स्वस्थ बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सेब का नियमित सेवन रक्तचाप को नियंत्रित करता है और हृदय रोगों के जोखिम को कम करता है। सेब में पाए जाने वाले फ्लेवोनॉयड्स भी धमनियों में रक्त प्रवाह को सुचारू रखते हैं, जिससे हृदय का स्वास्थ्य बेहतर रहता है।

4. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है

सेब विटामिन C का एक अच्छा स्रोत है, जो हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है। एक मजबूत इम्यून सिस्टम शरीर को विभिन्न संक्रमणों और बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। इसके अलावा, सेब में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर की कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं।

5. त्वचा को बनाता है स्वस्थ और चमकदार

अगर आप स्वस्थ और चमकदार त्वचा पाना चाहते हैं, तो रोज सुबह खाली पेट सेब खाना शुरू करें। सेब में मौजूद विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा को निखारते हैं और उसे स्वस्थ बनाए रखते हैं। यह त्वचा को फ्री रेडिकल्स से बचाता है, जिससे झुर्रियां और अन्य बुढ़ापे के लक्षण कम होते हैं।

6. मस्तिष्क के लिए लाभकारी

सेब में क्वेरसेटिन नामक एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो मस्तिष्क कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है और तंत्रिका तंत्र की कार्यक्षमता को बढ़ाता है। इसके सेवन से मस्तिष्क की गतिविधि में सुधार होता है और स्मरण शक्ति बेहतर होती है। यह अल्जाइमर और अन्य न्यूरोडिजेनरेटिव बीमारियों के जोखिम को भी कम करता है।

निष्कर्ष:

रोज सुबह खाली पेट सेब खाना आपके शरीर को कई जबरदस्त लाभ पहुंचा सकता है। यह न केवल आपके वजन को नियंत्रित करता है, बल्कि पाचन, दिल, त्वचा और मस्तिष्क को भी बेहतर बनाता है। स्वस्थ जीवन के लिए इस आदत को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और खुद बदलाव महसूस करें।

प्रशासन को अवैध कोयला परिवहन की मिली गुप्त सूचना, खनन विभाग ने टोल प्लाजा पर चलाया सघन जांच अभियान


हज़ारीबाग : उपायुक्त श्रीमती नैंसी सहाय के निर्देशानुसार 6 सितंबर को कोयले के अवैध परिवहन के सन्दर्भ में प्राप्त गुप्त सूचना के आलोक में कोयला लदे वाहनों की सघन जांच के लिए खनन विभाग को आदेश दिया गया। 

उपायुक्त के निर्देश पर खनन विभाग के द्वारा पूरी रात राँची-पटना मार्ग पर स्थित नगवां टोल प्लाजा सहित अन्य जगहों पर पुलिस लाइन के पुलिस बल के साथ सघन जाँच किया गया। जांच क्रम में 30 कोयले से लदे वाहनों की जाँच की गई जिसका ई-परिवहन चालान सही पाया गया। 

जाँच दल को देखते हुए NH पर कोयले लदे गाड़ियां संख्या आम दिनों की तुलना मे काफी कम देखी गई। उपायुक्त के आदेश के आलोक में जाँच अभियान जारी रहेगा एवं पूरी सक्रियता से बग़ैर इ-परिवहन चालान के पकड़े जाने पर क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी।

धनिया के बीज का पानी स्वास्थ्य के लिए वरदान, जानें इसके फायदे

क्या आपने कभी सोचा है कि यदि आपकी रसोई में धनिया नहीं होगा, तो आपकी सभी सब्जियां कैसे बनेंगी? वाकई हम अपनी रसोई की धनिये के बिना कल्पना भी नहीं कर सकते हैं, क्योंकि इसकी ज़रूरत हर सब्जी में होती है। हर भारतीय डिश धनिये के बिना अधूरी है। स्वाद बढ़ाने के साथ ही धनिया के ढेर सारे फायदे भी होते हैं, लेकिन क्या अपने कभी धनिया के पानी (coriander seeds water) के बारे में सुना है। अगर नहीं, तो आइए आज जानते हैं इसके कुछ फायदों के बारे में-

पाचन प्रक्रिया दुरुस्त करे

सुबह खाली पेट धनिया पानी पीने से दिन भर पाचन दुरुस्त रहता है। ये गैस, ब्लोटिंग, अपच की समस्या से छुटकारा दिलाता है।

मेटाबोलिज्म बूस्ट करे

धनिया पानी मेटाबोलिज्म बूस्ट करता है जिससे शरीर की अन्य कार्यशैली सुचारू रूप से संचालित होती है।

एंटी-ऑक्सीडेंट रिच

धनिया पानी में एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो कि फ्री रेडिकल के हानिकारक प्रभाव को न्यूट्रल करता है, इससे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम होता है और क्रॉनिक बीमारियों का खतरा भी कम होता है।

ब्लड शुगर कंट्रोल

धनिया का पानी ब्लड शुगर कंट्रोल करने में भी मदद करता है।

कोलेस्ट्रोल मैनेजमेंट

कुछ शोध में यह पाया गया है कि धनिया के पानी से कोलेस्ट्रोल कम होता है, जिसमें अमूमन ये LDL यानी बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है।

थायरॉइड कंट्रोल

धनिया पानी थायरॉइड हार्मोन को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे वेट लॉस शुरू होता है। ये वेट लॉस हाइपोथाइरॉयडिज्म के साथ सम्पूर्ण सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होता है।

इनते फायदे जानने के बाद अगर आप भी इसे पीने का मन बना रहे हैं, तो आइए जानते हैं कि कैसे तैयार करें धनिया पानी-

सबसे पहले एक टेबलस्पून खड़ी सबूत धनिया के बीज लें।

अब इसे अच्छे से धुल लें।

फिर एक गिलास या कटोरी में धुले हुए धनिया बीज को डालें।

इसके ऊपर दो कटोरी पानी डालें।

इस बीज को रात भर इसी पानी में भीगे रहने दें। 

सुबह छलनी से धनिया का पानी छान लें।

धनिया पानी तैयार है।

* जिन्हें तुरंत धनिया पानी का सेवन करना है, वे पानी में सूखे धनिया के बीज उबाल कर इसे छान कर भी पी सकते हैं।

अत्यधिक फोन चलाने से आपके शरीर को हो सकते हैं ये नुकसान,बचाव के लिए अपनाएं कुछ टिप्स

आज के समय में मोबाइल एक ऐसा हथियार है जो लगभग सभी लोगों के पास है।हम इसका इस्तेमाल बातचीत करने, मनोरंजन, जानकारी हासिल करने और भी कई कामों के लिए करते हैं। 

हालांकि, फोन का ज्यादा इस्तेमाल हमारे स्वास्थ्य पर कई नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसलिए अगर आप भी घंटों फोन पर स्क्रॉल करते हैं, तो आपको ये लेख आपको जरूर पढ़ना चाहिए। इसमें हम जानेंगे इसके नुकसान और किन तरीकों से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। 

ज्यादा फोन चलाने के शारीरिक दुष्प्रभाव

आंखों की समस्याएं- फोन की स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी आंखों में तनाव और सूजन का कारण बन सकती है। इससे आंखों की थकान, जलन, और दृष्टि समस्याएं हो सकती हैं।

सिरदर्द और गर्दन दर्द

फोन को देखने के लिए हम अक्सर अपनी गर्दन को अस्वाभाविक स्थिति में रखते हैं, जिससे सिरदर्द और गर्दन दर्द हो सकता है।

नींद की समस्याएं-

फोन की स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी हमारे शरीर की नींद के पैटर्न को प्रभावित करती है। इससे नींद न आना, नींद की गुणवत्ता में कमी और दिन के समय थकान महसूस हो सकती है।

हैंड-फोन सिंड्रोम-

फोन का ज्यादा उपयोग करने से हाथों और कलाई में दर्द और सूजन हो सकती है, जिसे हैंड-फोन सिंड्रोम के रूप में जाना जाता है।

वजन बढ़ना-

फोन के साथ बिताया गया ज्यादा समय शारीरिक गतिविधि को कम कर सकता है, जिससे वजन बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है।

ज्यादा फोन चलाने के मानसिक दुष्प्रभाव

तनाव और चिंता- फोन का ज्यादा इस्तेमाल तनाव और चिंता को बढ़ा सकता है। सोशल मीडिया पर तुलना और गैर-जरूरी जानकारी से मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।

अकेलापन- फोन का ज्यादा इस्तेमाल असल जीवन में लोगों से जुड़ने के समय को कम कर सकता है, जिससे अकेलापन महसूस हो सकता है।

फोमो (Fear of Missing Out)- सोशल मीडिया पर हमेशा कुछ नया हो रहा होता है, जिससे फोमो की भावना पैदा हो सकती है। इससे व्यक्ति को लगता है कि वह कुछ जरूरी चीजें मिस कर रहा है।

डिप्रेशन- फोन का ज्यादा उपयोग डिप्रेशन के जोखिम को बढ़ा सकता है, खासकर यदि व्यक्ति सोशल मीडिया पर नकारात्मक कंटेंट देखता है।

कैसे करें फोन का इस्तेमाल कम?

फोन का समय सीमित करें- प्रति दिन फोन का इस्तेमाल करने का समय निर्धारित करें और उससे ज्यादा फोन न चलाएं।

फोन को दूर रखें- सोने से पहले फोन को कमरे से बाहर या बिस्तर से दूर रखें, ताकि नींद की गुणवत्ता में सुधार हो सके।

शारीरिक गतिविधि बढ़ाएं- फोन के उपयोग के समय को कम करके शारीरिक गतिविधि में समय बढ़ाएं।

डिजिटल डिटॉक्स करें- समय-समय पर फोन का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद करें, ताकि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने का मौका मिल सके।

सोच-समझकर इस्तेमाल करें- फोन का उपयोग करते समय सचेत रहें और उस पर बिताए जाने वाले समय को नियंत्रित करें।

सेहत: औषधीय गुण का भंडार है सदाबहार का फूल इस फूल को खाना किसी दवा से कम नहीं है आइए जानते है इसके फायदे


नयी दिल्ली :-सदाबहार के फूलों को आयुर्वेद में संजीवनी के नाम से जाना जाता है। सदाबहार फूलों वाले पौधे घर या बगीचे की सजावट के अलावा उसके खाने के अनेक फायदे हैं ,इस फूल को खाना किसी दवा से कम नहीं आइए जानते इसके फायदे सदाबहार, जिसे वैज्ञानिक रूप में "Vinca" या "Periwinkle" कहा जाता है, यह एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला पौधा है. इसका पौधा आमतौर पर गहरे हरे पत्तों के साथ एक छोटा और सुंदर पौधा होता है, जिसमें छाले और फूलों में उपयोगी और औषधीय घटक होते हैं. सदाबहार के पत्तों में विभिन्न औषधीय गुण होते हैं, जिनमें आक्सीन, विनक्रिस्टीन, और विनब्लास्टीन शामिल हैं, जो स्वास्थ्य के कई पहलुओं में मदद कर सकते हैं. इसका सेवन कैंसर, मधुमेह, मसूड़ों के रोग, और श्वसन संबंधित रोगों के इलाज में भी किया जा सकता है।

 

सदाबहार के फूल के अर्क का उपयोग ब्रेन हेल्थ को बनाए रखने में और रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी किया जाता है. इसके एंटीऑक्सीडेंट प्रोपर्टीज शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाने में मदद करता है और सामान्य स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है. 

डायबिटीज करे कंट्रोल

सदाबहार के फूल में मौजूद विंकामाइन के कारण डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है. यह विंकामाइन रक्त शुगर को संतुलित रखने में सहायक हो सकता है, शरीर में ब्लड शुगर का स्तर सदाबहार पौधे की फूल और पत्तियां दोनों ही डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद करते हैं. इसका सेवन आप चाय या फिर पाउडर के रूप में कर सकते हैं. 

इम्यूनिटी करे बूस्ट

सदाबहार का फूल इम्यूनिटी को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है, क्योंकि यह गुणकारी अंश जैसे कि एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन सी का स्रोत होता है. यह संक्रमण से लड़ने में मदद करता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकता है. 

नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्याएं करे दूर

तंत्रिक तंत्र से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में सदाबहार के फूल बहुत ही लाभदायक होता है . इसमें प्राकृतिक गुण होते हैं जैसे कि एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीइंफ्लेमट्री गुण, और विटामिन सी, जो न्यूरोन्स की सुरक्षा में मदद करते हैं. 

ब्लड प्रेशर करे कंट्रोल सदाबहार

 ;(Catharanthus) फूल का सेवन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है. इसमें प्राकृतिक गुण होते हैं जैसे कि एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन C, जो रक्तचाप को संतुलित रखने में मदद करता है. सदाबहार के तत्व खून की धड़कन को संतुलित रखकर हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक होता है.

नारियल पानी के फायदे तो हैं लेकिन जोखिम भी हैं, जानें कैसे करें सेवन!


नारियल पानी एक प्राकृतिक और स्वस्थ पेय हैं।नारियल पानी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। आजकल कई हेल्थ और फिटनेस से प्रति झुकाव वाले लोग शुगर से भरे एनर्जी ड्रिंक्स छोड़कर नारियल पानी पीना पसंद कर रहे हैं। 

नारियल पानी प्राकृतिक रूप से हाइड्रेटिंग होता है और इसमें इलेक्‍ट्रोलाइट्स जैसे सोडियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा होती है, जो शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करते हैं। लेकिन क्या नारियल पानी सभी के लिए अच्छा है? आज हम आपको इस नेचुरल ड्रिंक्स में छिपे हुए नुकसानों के बारे में बताने जा रहे हैं।

पोटैशियम का हाई लेवल

नारियल पानी में पोटैशियम की काफी अच्छी मात्रा होती है। ज्यादा पोटैशियम खाने से तेज धड़कनें, हाई बीपी और किडनी की समस्याएं हो सकती हैं। यदि किसी व्यक्ति को हृदय या किडनी से संबंधित समस्या है, तो उसे नारियल पानी बिल्कुल सीमित मात्रा में ही पीना चाहिए।

हाई कैलोरी

नारियल पानी में कैलोरी की मात्रा अन्य ड्रिंक्स की तुलना में कम होती है, लेकिन यह फिर भी ऊर्जा का एक स्रोत है। इसके अत्यधिक सेवन से कैलोरी बढ़ती है, जो वजन बढ़ाने में योगदान करता है।

हार्मोनल असंतुलन

नारियल पानी का अधिक सेवन हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है। नारियल पानी में मौजूद हाई पोटेशियम एल्डोस्टेरोन के स्राव को प्रभावित करता है, जो बीपी और पोटेशियम को संतुलन करने के लिए आवश्यक हार्मोन माना जाता है। इसके साथ ही, ये टेस्टोस्टेरोन के स्तर को भी प्रभावित कर सकता है, जो मांसपेशियों और पुरुषों के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

किडनी समस्याएं

कुछ स्वास्थ्य समस्याएं जैसे किडनी की समस्या में नारियल पानी का सेवन स्थिति बिगाड़ सकता है है। विशेषकर यदि किसी को हाई पोटेशियम स्तर की समस्या है, तो नारियल पानी से परहेज करना बेहतर होता है।

डाइजेशन

नारियल पानी के कुछ ऐसे कंपाउंड होते हैं, जो डाइजेशन की प्रक्रियाओं को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे कुछ लोगों को गैस, सूजन या अन्य पाचन समस्याएं हो सकती हैं।

दवाओं के साथ रिएक्शन

नारियल पानी कुछ दवाओं के साथ रिक्शन कर सकता है, जिससे इसका प्रभाव बदल सकता है। यदि आप किसी दवा का सेवन कर रहे हैं, तो नारियल पानी पीने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

सुबह सुबह खाली पेट किशमिश के पानी पीने से स्वास्थ को मिलते कई लाभ, आईए जाने

नई दिल्ली :- स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए कई प्राकृतिक उपाय अपनाए जाते हैं, जिनमें से एक है किशमिश का पानी। सुबह की शुरुआत कुछ हेल्दी खाकर या पीकर की जाए, तो इससे अच्छा क्या हो सकता है। आखिरकार अंग्रेजी की कहावत “Health is Wealth” पर अमल करना कितना जरूरी है, ये तो पिछले कुछ सालों में सभी की समझ में आ गया है।

ऐसे में सेहत का ख्याल रखने के लिए आप रोज सुबह खाली पेट किशमिश का पानी पी सकते हैं। किशमिश में कई जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिन्हें रातभर पानी में भिगोने से, उस पानी में भी इसके गुण आ जाते हैं। इस लेख में हम रोज सुबह खाली पेट किशमिश का पानी पीने के फायदों के बारे में जानेंगे।

बॉडी डिटॉक्स

बॉडी को डिटॉक्स करना बेहद जरूरी होता है। ऐसा न करने पर लिवर पर काफी जोर पड़ता है, जिसके कारण उससे जुड़ी परेशानियां शुरू हो सकती हैं। ऐसे में किशमिश का पानी बॉडी डिटॉक्स करने में काफी मददगार साबित होता है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स और अन्य तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर के टॉक्सिन्स को बाहर निकालते हैं और लिवर को हेल्दी रखने में मदद करते हैं।

आयरन की मात्रा बढ़ती है

शरीर में आयरन की कमी एनीमिया की वजह बनती है। इसमें शरीर में रेड ब्लड सेल्स कम होने लगते हैं। ये परेशानी ज्यादातर महिलाओं में देखने को मिलती है। इस परेशानी से बचने में भी किशमिश का पानी कारगर साबित हो सकता है। किशमिश में आयरन पाया जाता है, जिससे शरीर में आयरन की कमी नहीं होती और एनीमिया की समस्या से बचाव होता है।

हाइड्रेशन

किशमिश के पानी में एंटी-ऑक्सीडेंट्स, पोटिशियम और अन्य पोषक तत्व भी शामिल होते हैं। इसलिए सुबह खाली पेट किशमिश का पानी पीने से न केवल प्यास बुझती है, बल्कि रात को हुई डिहाइड्रेशन भी दूर होती है। इस वजह से आप एक्टिव और फ्रेश महसूस करते हैं।

हड्डियों की मजबूती

बढ़ती उम्र के कारण हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। खासकर महिलाओं में 30 के बाद बोन डेंसिटी कम होने की समस्या शुरू हो जाती है। इस परेशानी से बचने में किशमिश का पानी पीना फायदेमंद हो सकता है। किशमिश में कैल्शियम और पोटेशियम पाया जाता है, जो हड्डियों की मजबूती के लिए काफी जरूरी है। इसलिए सुबह खाली पेट किशमिश का पानी पीना सेहत के लिए काफी फायदेमंद है।

स्किन के लिए फायदेमंद

किशमिश में विटामिन-ए, ई और एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। ये सभी त्वचा के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। इसलिए रोज सुबह खाली पेट किशमिश का पानी पीने से स्किन हेल्दी रहती है और इससे जुड़ी समस्याएं, जैसे- एक्ने, फाइन लाइन्स आदि भी कम होते हैं।

लंबा और स्वस्थ जीवन जीने के लिए अपनाएं ये 5 आदतें!

आजकल की जिंदगी में परिवार और ऑफिस की इतनी समस्याएं होती हैं कि लोग तनाव से घिरे रहते हैं। ऑफिस की टाइमिंग और पर्सनल लाइफ को साथ में मैनेज करते हुए लोग अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं, जिसके बदले कई गंभीर बीमारियां होने लगती हैं। पुराने जमाने के लोग एक लंबा जीवन जीते थे लेकिन आज के समय में कम उम्र में ही लोग इस दुनिया को अलविदा कह देते हैं। यहां हम आपको 5 ऐसे लाइफस्टाइल के बदलाव बता रहे हैं जिसे अपनाने के बाद आप एक हेल्दी और लंबा जीवन जी सकते हैं।

रोजाना स्वस्थ रहने के लिए क्या करना चाहिए? (How to stay healthy)

1. स्वस्थ और लंबा जीवन पाने के लिए अपने बिजी शेड्यूल से एक्सरसाइज और योग के लिए समय जरूर निकालें। पुराने समय में लोग खेतों में मेहनत और व्यायाम किया करते थे, जिससे स्वस्थ रहते हैं। अगर आप भी अपने डेली रुटीन में एक्सरसाइज को शामिल करेंगे तो स्वस्थ रहेंगे।

2. शरीर को स्वस्थ रखने के लिए खान पान पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। आप प्रोसेस्ड और पैक्ड फूड खाना बंद कर दें। ऐसा करने से आपके शरीर की आधी बीमारियां ठीक होने लगेंगी। आप डाइट में सब्जी और फलों की मात्रा बढ़ा दें। इसके साथ ही ड्राई फूट्स भी खाने में शामिल करें।

3. धूम्रपान और अल्कोहल आजकल स्टेटस सिंबल बन चुका है लेकिन इसका सेहत पर बुरा असर पड़ता है। स्वस्थ रहने के लिए आप इससे दूरी बना लें।

4. अपने काम को तय समय में करें और सोने का एक समय बनाएं। आप हर दिन कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद लें। सोने से आपकी स्किन भी अच्छी होगी और शरीर स्वस्थ रहेगा।

5. स्वस्थ रहने और शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने के लिए पानी बेहद जरूरी है। दिनभर में कम से कम 4 लीटर पानी पिएं। पानी पीने से आपका पाचन तंत्र अच्छे से काम करेगा

ग्रीन टी में दालचीनी और घी को मिलाकर पीने से मिलते हैं कई स्वास्थ लाभ,सेहत से जुड़ी कई परेशानियां हो जाती हैं दूर


ग्रीन टी में दालचीनी और घी मिलाकर पीने से कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। यह मिश्रण न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में भी मदद करता है।दालचीनी एक ऐसा मसाला है जिसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों का खजाना होता है। वहीं, घी का सेवन शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ावा देता है हड्डियों को मजबूती देने के लिहाज से भी काफी फायदेमंद माना जाता है। यही वजह है कि कई मामलों में इन तीनों चीजों को मिलाकर पीने से लाजवाब फायदे मिल सकते हैं। आइए जानें ग्रीन टी में दालचीनी और घी मिलाकर पीने के फायदे।

दालचीनी के फायदे

दालचीनी में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो शरीर को ढेरों फायदे पहुंचाते हैं। दालचीनी ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करती है। यह इंसुलिन के प्रति सेंसिटिविटी को बढ़ाती है जिससे शरीर को ग्लूकोज को अवशोषित करने में मदद मिलती है। 

दालचीनी हार्ट हेल्थ के लिए भी फायदेमंद होती है। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करती है और दिल की बीमारियों के जोखिम को कम करती है। 

दालचीनी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं। 

यह गठिया और सूजन से जुड़ी कई बीमारियों के जोखिम को कम करने में मददगार होती है।

घी के फायदे

घी में शॉर्ट-चैन फैटी एसिड होते हैं जो शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं। 

घी में विटामिन ए और के भी पाए जाते हैं जो हड्डियों और दृष्टि के लिए अच्छे होते हैं। 

घी में ब्यूटिरिक एसिड भी पाया जाता है जो गट हेल्थ के लिए अच्छा होता है।

ग्रीन टी के फायदे

ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाते हैं।

ग्रीन टी में कैटेचिन नामक एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद करता है। 

यह हार्ट के लिए भी फायदेमंद होती है, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करती है और दिल से जुड़ी बीमारियों के जोखिम को कम करती है। 

ग्रीन टी में शामिल एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण शरीर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं।