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बिहार सरकार के द्वारा भू सर्वेक्षण में पहुंचे लोगों को हो रही काफी परेशानियां

पटना: बिहार सरकार के द्वारा भू सर्वेक्षण का कार्य करवाया जा रहा है। सभी पंचायत में शिविर लगाकर काम को अंजाम दिया जा रहा है लेकिन भू सर्वे में पहुंचे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

जहां फॉर्म भरने में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है वही पुराने रसीद और नए रसीद के मामले में भी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

सर्वेक्षण कर्मचारी रेणु देवी ने बताया कि जो भी समस्याएं हैं उसका निराकरण किया जा रहा है। वहीं लोगों ने कहा कि कुछ समस्याएं आ रही हैं खास कर पुराने जमीन के सर्वें मे समस्या आ रही है।

भू सर्वे में पहुंचे भू स्वामी विद्यानंद सिंह ने कहा कि सर्वेक्षण जो कराया जा रहा है गलत समय में कराया जा रहा है, और इसमें कई तरह की खामियां सामने आ रही है। यही नहीं अगर सर्वेक्षण का काम करना है तो जमीन पर जाकर अमीनो का सहारा लेना पड़ेगा तभी सही ढंग से सर्वेक्षण हो पाएगा।

पटना से मनीष

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लालू यादव और तेजस्वी यादव को समन, कोर्ट में आज होगी सुनवाई

राऊज एवेन्यू कोर्ट में ED की चार्जशीट पर पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव समेत कुल 8 आरोपियों को समन जारी करने के मामले पर फैसला दोपहर दो बजे आ सकता है।

एक आरोपी लल्लन चौधरी की इस दौरान हुई मौत को लेकर कोर्ट ने आरोपी का डेथ सर्टिफिकेट जमा करने को कहा।

ईडी ने आरोपी लल्लन चौधरी का पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अदालत को सौंपा

इस मामले में ईडी ने कुल 11 आरोपी बनाए थे सुनवाई के दौरान अबतक 3 आरोपियों की मौत हो चुकी है।.

बिहार में स्वास्थ्य के क्षेत्र में केन्द्र द्वारा दिए गए सौगात को लेकर बोले मंत्री अशोक चौधरी, सीएम नीतीश कुमार की शुरु एक ही मंशा थी बिहार

पटना : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के बिहार मे स्वास्थ्य विभाग को कई सौगात दिया हैं। इस पर बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा है कि केन्द्र में मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार तीसरी बार बनी है और हम एनडीए के साथ शुरु से है। हमारे मुखिया नीतीश कुमार की एक ही मंशा थी कि बिहार के साथ किसी तरह का नाइंसाफी ना हो।

मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि जिस तरह से जेपी नड्डा जी ने स्वास्थ्य विभाग के लिए काम किया है। केंद्र के सरकार को बिहार के चार से पांच विभागों की भी मदद की है और हम आशा करते हैं कि चुनाव के पहले और भी विभागों के लिए ऐसे ही मदद मिलेगी। जिससे बिहार को और तेजी से आगे गति दिया जा सके।

वहीं सीएम नीतीश कुमार के द्वारा यह कहने पर की अब गलती नहीं होगी और मैं एनडीए के साथ रहूंगा अशोक चौधरी ने कहा कि नीतीश जी कई बार यह बात कह चुके हैं और असेंबली में भी वह बोल चुके हैं। यह बात सत्य है लेकिन कुछ लोग जबरदस्ती गलतफहमी पैदा कर रहे हैं।

नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव मिले थे इस सवाल पर उन्होंने कहा कि पत्रकारों को स्टोरी चलाना होता है। इसलिए वह नया-नया पांच लाइन निकालते रहते हैं और नीतीश जी को बार-बार सफाई देना पड़ता है। अब रजद के साथ जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता है।

वही अशोक चौधरी ने कहा कि राजद अब टूट रहा है इसलिए वह विधायक को रोकने के लिए यह कह रहे हैं कि नीतीश जी से बात हो रही हैय़ वह अपने विधायकों को रोकने के लिए ऐसी बातें कर रहे हैं। नीतीश जी पावर सेंटर है और टाइगर प्रदेश में एक ही है और नीतीश कुमार को हर कोई चाहता है कि नीतीश का साथ रहे और जंगल पर कब्जा रहे।

राजद के विधायक जदयू के संपर्क में हैं इस पर अशोक चौधरी ने कहा कि हां उनके विधायक हमारे संपर्क में है। राजद हमारे विधायक को तोड़कर सरकार बनना चाहते हैं तो हम भी इससे पीछे नहीं हटेंगे। वही राजद के लोग अब गमछा को छोड़कर टोपी पहनेगी इस पर अशोक चौधरी ने कहा कि कलचर बदलने के साथ-साथ स्वभाव और वर्किंग स्टाइल भी बदलना चाहिए। खाली गमछा बदलने से कुछ नहीं होगा तो कोई भगवा पहन ले तो पंडित नहीं हो जाता। जब उनसे पूछा गया कि आप कांग्रेस के टच में है तो उन्होंने कहा कि मैं इंटरनेशनल लेता हूं मैं पुतिन और और बिल क्लिंटन के भी टच में रहता हूं।

पटना से मनीष प्रसाद

पटना पहुंचे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, एयरपोर्ट पर हुआ भव्य स्वागत

पटना : बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा आज बिहार के दिवसीय दौरे पर आए है।

वही नड्डा के पटना पहुंचने एयरपोर्ट पर बीजेपी के कई नेताओं ने उनका स्वागत किया।

बता दें जेपी नड्डा आज पटना में कई योजनाओं का उद्घाटन करेंगे। वहीं कल भी वह दरभंगा एम्स का निरीक्षण करने के लिए जाएंगे।

पटना एयरपोर्ट पर मौजूद बीजेपी कै संगठन मंत्री ऋतुराज सिंहा ने कहा उनके आने से बिहार को काफी फायदा होगा।

वही चुनाव की तैयारी पर ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि बीजेपी का संगठन हर समय तैयार रहता है।

पटना से मनीष प्रसाद

राजधानी पटना के निजी अस्पताल में हुआ बवाल, मरीज को दिखाने को लेकर भिड़े परिजन और अस्पताल कर्मी

पटना : राजधानी पटना के निजी अस्पतालो की मनमानी लगातार देखने को मिलती है। आये दिन मरीज के परिजनों के साथ मारपीट की घटना सामने आते रहती है। ताजा मामला पटना के चित्रगुप्त नगर थाना अंतर्गत का है। बीते रात निजी अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ।

मिली जानकारी के अनुसार मामला उस समय शुरू हुआ जब मरीज को दिखाने के लिए डॉक्टर और मरीज के परिजनों के बीच तू-तू मैं-मैं हो गया। उसके बाद अस्पताल प्रबंधन के तरफ से मरीज और उसके साथ मारपीट किया गया। यह आरोप मरीज के बेटा के द्वारा लगाया जा रहा है।

बताया जा रहा है कि गया से सुनीता सिन्हा नाम की महिला अस्पताल में अपने इलाज के लिए आई थी। इस दौरान किसी बात पर मरीज के परिजन के साथ अस्पताल में तू तू मैं मैं शुरू हो गई और अस्पताल प्रबंधन के तरफ से मरीज के परिजन के साथ मारपीट किया गया। मारपीट होने के बाद वहां स्थानीय लोग जमा होंगे और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारीबाजी होने लगी।

वहीं घटना की सूचना मिलते ही मौके पर जक्कनपुर, कंकड़बाग और चित्रगुप्त नगर थाने के पुलिस पहुंच गई। काफी समझाने बुझाने के बाद जब लोगों के भीड़ वहां से नहीं हटी तो पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर वहां से लोगों को तीतर-बितर किया।

वहीं स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि परिजन के साथ मारपीट की घटना तो हुई है। मौके पर एएसपी स्वीटी शेरावत भी पहुंची और उन्होंने बताया कि दोनों तरफ से आवेदन दिया गया है और उस पर छानबीन के बाद कार्रवाई किया जाएगा। हालांकि घटना में किसी की घायल होने की कोई सूचना नहीं है।

पटना से मनीष प्रसाद

तेजस्वी यादव के आभार यात्रा को लेकर पार्टी ने जारी किया गाइडलाइन, जानिए पूरा डिटेल

पटना : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव आभार यात्रा शुरू करने जा रहे हैं। जिसको लेकर पार्टी के तरफ से गाइडलाइन जारी कर दिया गया है। आभार यात्रा में तेजस्वी यादव पार्टी के कार्यकर्ताओं को अनुशासन सिखाएंगे।

पार्टी की ओर से जारी गाइडलाइन में कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि आभार यात्रा के दौरान गमछा नहीं रखना है। वहां टोपी पहनकर आना है और पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं से अनुशासन में रहने की अपील भी की गई है।

पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा गया है जहां भी पार्टी के कार्यकर्ताओं से मिलेंगे वहां बिल्कुल बैनर पोस्टर ना हो और ना ही कोई ताम झाम हो।

गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि एक जिले से दूसरे जिले के कार्यकर्ता और पार्टी के पदाधिकारी वहां नहीं पहुंचेंगे। साथ ही सेल्फी और फोटो लेने के लिए भी गाइडलाइन जारी किया गया है। गाइडलाइन में कार्यकर्ताओं को पूरी तरह से अनुशासन में रहने की अपील की गई है।

पटना से मनीष प्रसाद

'बिना कारण ही हिंदुओं को झेलनी पड़ रही गर्मी', बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर बोले मोहन भागवत
#mohan_bhagwat_spoke_on_bangladesh_on_independence_day
आज स्वतंत्रता दिवस पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में संघ मुख्यालय पर तिरंगा फहराया। मोहन भागवत ने ध्वजारोहण के बाद संघ के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। आरएसएस प्रमुख ने बांग्लादेश में जारी हिंसा का जिक्र किया। उन्होंने अपने संबोधन में बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि हिंदूओं को अकारण ही उस हिंसा की गर्मी झेलनी पड़ रही है।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में संघ के हेडक्‍वार्टर पर झंडा फहराते हुए कहा, 'हम अपना 78वां स्वतंत्रता दिन पूरा कर रहे हैं। देश में इस स्वतंत्रता के लिए बलिदान करने वाला समूह और उनके पीछे खड़े होने वाले समाज ये दोनों बातें जब बनी तब हमें स्वतंत्रता प्राप्त हुई। हमने जो बड़ी मेहनत से स्वतंत्रता पाई वो पीढ़ी तो चली गई लेकिन आने वाले पीढ़ी को स्व के रंग में रंगना और उसकी रक्षा करना हमारा दायित्व है। उन्‍होंने कहा, आने वाली पीढ़ी का यह कर्तव्य है कि वह स्वतंत्रता के ‘स्व’ की रक्षा करे क्योंकि दुनिया में हमेशा ऐसे लोग होते हैं जो दूसरे देशों पर हावी होना चाहते हैं और हमें उनसे सतर्क एवं सावधान रहना होगा तथा स्वयं को बचाना होगा।

संघ प्रमुख ने कहा कि भारत ऐसा है कि वह खुद की रक्षा और स्वयं की स्वतंत्रता इसका तो दायित्व है ही, हर देश का होता है लेकिन भारतवर्ष की परंपरा रही है कि भारत अपने आपको दुनिया के उपकार के लिए बड़ा करता है और इसलिए पिछले सालों में हमने देखा होगा कि हमने कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया, कुछ नहीं किया। जब-जब जो संकट में था, उसकी मदद की, वह हमारे साथ कैसा व्यवहार करता है इसको देखा नहीं, जो संकट में है उसकी मदद करना ये हमारा देश है, ऐसा हमको चलना है।

भागवत ने परोक्ष रूप से बांग्लादेश के हालात का जिक्र करते हुए कहा कि कि दुनिया भर के दुखी-पीड़ितों के लिए हम करते हैं, हमारी सरकार भी करती है, तो ऐसी परिस्थिति में अपना देश ठीक रहे और अन्य देशों को ठीक होना है, उनको हमारी मदद की जरूरत हो और उन देशों में जो अस्थिरता की अराजकता की गर्मी झेलने वाले जो लोग हैं। उनको कोई कष्ट न हो, उन पर कोई अत्याचार न हो, एक देश के नाते हमारे सिर पर है कुछ मामले तो सरकार को अपने स्तर पर ही करने पड़ते हैं। परंतु यह सब करके भी उनको शक्ति तब मिलती है जब समाज इस प्रकार की मनोवृत्ति लेकर, सजगता लेकर देश के लिए सबकुछ अर्पण करने के लिए जीता है।

भागवत ने कहा, यह सुनिश्चित करना हमारे देश की जिम्मेदारी है कि अस्थिरता और अराजकता की मार झेल रहे लोगों को किसी परेशानी, अन्याय और अत्याचार का सामना न करना पड़े. कुछ मामलों में सरकार को अपने स्तर पर भी देखना पड़ता है, लेकिन उसे ताकत तभी मिलती है जब समाज अपना कर्तव्य निभाता है और देश के लिए प्रतिबद्धता दिखाता है।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में उम्मीद जताई कि बांग्लादेश में हालात जल्द सामान्य होंगे और वहां हिंदू तथा दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। पीएम मोदी ने कहा, बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है उसको लेकर पड़ोसी देश के नाते हमें चिंता होना स्वाभाविक है। मैं आशा करता हूं कि वहां हालात जल्द सामान्य होंगे। 140 करोड़ देशवासियों की चिंता यह है कि वहां हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा, भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश सुख और शांति के मार्ग पर चलें। शांति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है, हमारे संस्कार हैं। आने वाले दिनों में बांग्लादेश की विकास यात्रा के लिए हमेशा हमारी शुभेच्छा रहेगी क्योंकि हम मानव जाति की भलाई के बारे में सोचने वाले लोग हैं।

बता दें कि बांग्लादेश में पिछले दिनों प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने के बाद से कई हिंदू मंदिरों, हिंदू समुदाय के लोगों के घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की खबरें हैं। नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली को लेकर शेख हसीना नीत सरकार के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद देश में अव्यवस्था का माहौल हो गया। हसीना ने इस्तीफा दे दिया और देश छोड़ कर भारत आ गईं।
पीएम मोदी ने लाल किले से छेड़ा नया राग, सेक्यूलर सिविल कोड का किया जिक्र, कांग्रेस बोली-अंबेडकर का अपमान
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आजादी की 78वीं सालगिरह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से भाषण देते हुए एक बार फिर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का जिक्र किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूसीसी पर अपनी सरकार का रुख भी साफ कर दिया। हालांकि पीएम मोदी ने यूसीसी की जगह जिस नाम का इस्तेमाल किया है, वो विवाद बढ़ाने वाला है। जिसकी शुरूआत हो भी गई है। लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में सेकुलर सिविल कोड की जरूरत बताई।प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश को कम्युनल नहीं, बल्कि एक सेक्युलर सिविल कोड की जरूरत है। अब कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से यह कह कर संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर का घोर अपमान किया है।

जयराम रमेश ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, 'नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री की दुर्भावना और विद्वेष की कोई सीमा नहीं है। आज के उनके लाल किले के भाषण में यह पूरी तरह से दिखा।' उन्होंने आरोप लगाया कि यह कहना हमारे पास अब तक 'सांप्रदायिक नागरिक संहिता' है, डॉ. अंबेडकर का घोर अपमान है, जो हिंदू पर्सनल लॉ में सुधारों के सबसे बड़े समर्थक थे। ये सुधार 1950 के दशक के मध्य तक वास्तविकता बन गए। इन सुधारों का आरएसएस और जनसंघ ने कड़ा विरोध किया था। उन्होंने 21वें विधि आयोग द्वारा 31 अगस्त, 2018 को पारिवारिक कानून के सुधार पर दिए गए परामर्श पत्र के कथन का उल्लेख किया।

*देश को कम्युनल नहीं, सेक्युलर सिविल कोड की जरूरत-पीएम मोदी*
इससे पहले पीएम मोदी ने आज स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से कहा कि आज देश को कम्युनल नहीं, बल्कि एक सेक्युलर सिविल कोड की जरूरत है। जिस सिविल कोड का हम पालन कर रहे हैं, वह कम्युनल सिविल कोड है। समय की यह मांग है कि देश में एक सेक्युलर सिविल कोड हो। इसके बाद ही हमें धर्म के आधार पर भेदभाव से मुक्ति मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी यूनिफॉर्म सिविल कोड पर कई बार चर्चा की है। कई बार आदेश भी दिए हैं। मोदी ने यह भी कहा कि संविधान निर्माताओं का सपना पूरा करना हमारा दायित्व है। धर्म के आधार पर समाज को बांटने वाले कानून आधुनिक समाज स्थापित नहीं कर सकते। इसलिए इनका कोई स्थान नहीं हो सकता है।

*इस गंभीर विषय पर व्यापक चर्चा हो-पीएम मोदी*
पीएम मोदी ने कहा, ऐसे सिविल कोड से जब हम संविधान के 75 वर्षा मना रहे हैं अब संविधान की भावना जो कहती है हमें करने के लिए, देश की सुप्रीम कोर्ट भी हमें कहती है करने के लिए और तब संविधान निर्माताओं का जो सपना था, उसे पूरा करने की जिम्मेदारी हमारी है और मैं चाहता हूं की इस गंभीर विषय पर व्यापक चर्चा हो, हर कोई अपने विचार लेकर आए और उन कानूनों को, जो कानून देश को धर्म के आधार पर बांट दे, समाज में ऊंच-नीच का कारण बन जाए, ऐसे कानून का समाज में कोई स्थान नहीं है और इसलिए मैं तो कहूंगा और समाज की मांग है कि देश में एक सेक्यूलर सिविल कोड होना चाहिए। हमने कम्यूनल सिविल कोड में 75 साल बिताए हैं, अब हमें सिविल कोड की तरफ जाना होगा और तब जाकर के जो भेदभाव हो रहे हैं, उससे हमें मुक्ति मिलेगी।

*क्या है यूसीसी ?*
यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता, जिसे प्रधानमंत्री ने सेक्युलर सिविल कोड के नाम से संबोधित किया, इसका सीधा सा मतलब है देश में रहने वाले हर धर्म, जाति, संप्रदाय और वर्ग के लिए हर मुद्दे पर एक समान नियम-कानून। एक ऐसा कानून जो पूरे देश के लिए एक समान हो। इसमें सभी धर्म वालों के लिए विरासत, शादी, तलाक और गोद लेने के नियम एक ही होंगे। भारत के संविधान में भी देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून की बात कही गई है। इसका अनुच्छेद-44 नीति निर्देशक तत्वों में शामिल है और इस अनुच्छेद का उद्देश्य संविधान की प्रस्तावना में दिए गए धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य के सिद्धांत का पालन करना है। अनुच्छेद-44 में कहा गया है कि सभी नागरिकों के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड बनाना सरकार का दायित्व है।

*पहले भी एक परिवार में एक नियम की कर चुके हैं पैरवी*
ये पहली बार नहीं है जब पीएम मोदी ने समान नागरिक संहिता को देश की जरूरत बताया है। पिछले साल मध्य प्रदेश में एक रैली में उन्होंने कहा था, परिवार के एक सदस्य के लिए एक नियम हो, दूसरे सदस्य के लिए दूसरा नियम हो तो क्या वो घर चल पाएगा? तो ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा?'

*यूसीसी बीजेपी सरकार का टॉप एजेंडा*
बता दें कि समान नागरिक संहिता का मुद्दा मोदी सरकार के टॉप एजेंडे में रहा है। बीजेपी के तीन बड़े वादों- अयोध्या में राम मंदिर बनाना, कश्मीर से 370 हटाना के साथ- साथ समान नागरिक संहिता भी शामिल रहा है. राम मंदिर और 370 का वादा पूरा हो चुका है। अब बारी समान नागरिक संहिता या कहें तो सेक्यूलर सिविल कोड लागू करने की बारी है।
पेरिस ओलंपिक में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों से पीएम मोदी ने की मुलाकात, मनु भाकर की पिस्टल थामे आए नजर
#pm_modi_meets_with_india_athletes_returned_from_paris_olympics

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस ओलंपिक से लौटे इंडियन एथलीट्स से मुलाकात की है। पीएम 15 अगस्त के मौके पर इन एथलीट्स से मिले और उनका हौसला बढ़ाते नजर आए। इस दौरान मनु भाकर, भारतीय हॉकी टीम समेत अन्य खिलाड़ी मौजूद रहे। भारतीय हॉकी टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने पीएम मोदी को अपनी जर्सी दी। वहीं, शूटर मनु भाकर ने प्रधानमंत्री को पिस्टल दी।

भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस में लगातार दो ओलंपिक में मेडल जीतकर इतिहास रचा था. भारत के महान गोलकीपर पीआर श्रीजेश और कप्तान हरमनप्रीत सिंह समेत जब पूरी टीम ने उनसे मुलाकात की तो तोहफे के रूप में साइन की हुई जर्सी दी. इसके अलावा हॉकी स्टिक भी गिफ्ट किया।

मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में शूटिंग में दो ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रचा था। वो इस खेल में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं। इतना ही नहीं उन्होंने ओलंपिक के एक ही एडिशन में दो मेडल हासिल कर इतिहास रचा है।

मनु के साथ मिस्क्ड इवेंट में ब्रॉन्ज जीतने वाले सरबजोत सिंह और शूटिंग के 50 मीटर 3 पोजिशंस इवेंट में ब्रॉन्ज हासिल करने वाले स्वप्निल कुसाले ने भी पीएम से मिलकर बातचीत की। इसके अलावा युवा पहलवान और पेरिस में रेसलिंग के एकमात्र मेडल विजेता अमन सहरावत ने भी पीएम मोदी से मुलाकात की।

हालांकि, इस दौरान नीरज चोपड़ कहीं नजर नहीं आए। दरअसल, नीरज चोपड़ा सर्जरी कराने के लिए पेरिस से सीधा जर्मनी चले गए हैं। इसके चलते वह भारत नहीं आ सके।बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु भी निजी कारणों के चलते पीएम से मिलने नहीं पहुचीं। 2 ओलंपिक मेडल जीतने वाली सिंधु इस बार खाली हाथ रहीं। उन्हें क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा और लगातार तीसरा ओलंपिक मेडल जीतने का सपना टूट गया।

पेरिस ओलंपिक में भारत को 6 मेडल मिले। शूटिंग में 3, रेसलिंग में 1, हॉकी में 1 और जेवलिन थ्रो में 1। पिछले ओलंपिक में भारत ने 7 मेडल जीते थे, जो किसी भी एडिशन में मिले सबसे ज्यादा मेडल हैं। पेरिस में हुए ओलंपिक में मनु भाकर ने शूटिंग में ब्रॉन्ज मेडल दिलाने के साथ भारत की झोली में पहला मेडल डाला। दूसरा ब्रॉन्ज मनु भाकर और सरबजोत सिंह की जोड़ी ने शूटिंग में दिलाया। तीसरा मेडल स्वप्निल कुसाले ने जीता जो ब्रॉन्ज मेडल था। यह मेडल भी शूटिंग में ही मिला। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पिछले ओलंपिक की तरह इस बार भी ब्रॉन्ज जीता। रेसलिंग में अमन सहरावत ने भारत को ब्रॉन्ज दिलाया और आखिरी मेडल (सिल्वर) नीरज चोपड़ा ने दिलाया।
* कोलकाता लेडी डॉक्टर की हत्या-रेप मामले में घिरीं ममता बनर्जी, पहली बार नहीं लगा आरोपियों को बचाने का आरोप
#mamata_banerjee_on_kolkata_rape_case

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ के साथ हैवानियत की हदें पार की गई।पहले अस्मत लूटी गई, फिर बेरहमी से मौत के घाट उतारा गया। इस घटना ने एक बार फिर निर्भया कांड की याद दिला दी। जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। देश भर में भारी प्रदर्शन और लोगों के आक्रोश को देखते हे लेडी डॉक्टर रेप-मर्डर केस की जांच सीबीआई क सौंप दी गी है। दिल्ली से सीबीआई की 25 सदस्यीय टीम कोलकाता पहुंच चुकी है और जांच शुरू कर दी है। इस बीच राज्य की ममता बनर्जी सरकार सवालों के घेरे में है।

एक तरफ जहां विपक्षी बीजेपी और सीपीएम प्रशासन की लापरवाही को मुद्दा बनाकर बंगाल सरकार से इस्तीफा मांग रही हैं। वहीं दूसरी तरफ उनकी पार्टी के नेता और सहयोगी कांग्रेस भी ममता सरकार पर हमलावर है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने तो यहां तक पूछ दिया कि आखिर ममता सरकार उसे प्रोटेक्ट क्यों कर रही हैं?

दरअसल, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल प्रो. (डॉ.) संदीप घोष ने कल यानी सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके कुछ ही देर बाद उन्हें कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में नियुक्त कर दिया गया। ममता सरकार के इसी फैसले की आलोचना हुई। हाईकोर्ट ने अदालत में मौजूद ममता सरकार के वकील से पूछा, ‘आप उनका बचाव क्यों कर रहे हैं? उनका बयान रिकॉर्ड करिए। उन्हें जो कुछ भी पता है, उन्हें बताने दीजिए।’हाईकोर्ट ने सवाल उठाया कि नैतिक जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा देने वाले प्रिंसिपल को दूसरे सरकारी कॉलेज का प्रिंसिपल कैसे बनाया जा सकता है?

हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब किसी मुद्दे पर बंगाल सरकार की फजीहत हो रही है। पहले भी संदेशखाली केस जैसे बड़े मुद्दों पर ममता बनर्जी चौतरफा घिर चुकी हैं।2024 के लोकसभा चुनाव से पहले संदेशखाली के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस बैकफुट पर आई थी। आरोप था कि तृणमूल के नेता शक्ति का इस्तेमाल कर इन इलाकों में महिलाओं का यौन शोषण करते हैं। ममता ने इस मुद्दे को बीजेपी प्रायोजित बताया।