सशस्त्र बलों को युद्ध के लिए तैयार रहने की जरूरत”,रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऐसा क्यों कहा?
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दुनियाभर में भारत की पहचान शांति दूत के रूप में रही है। आज भी जब दुनिया के दो मुहानों युद्द के हालात है भारत शांति की बात कर रहा है। इस बीच केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बड़ा बयान दिया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत दुनिया का एकमात्र देश है जिसने 'वसुधैव कुटुम्बकम' का संदेश दिया है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि शांति बनाए रखने के वास्ते सेना के जवानों को जंग के लिए तैयार रहने की जरूरत है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना के तीनों अंगों थलसेना, नौसेना और वायु सेना के शीर्ष कमांडरों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भविष्य में होने वाली किसी जंग से तुरंत मिल-जुलकर मुकाबले के लिए ज्वाइंट थिएटर कमांड बनाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है और शांति बनाए रखने के वास्ते सशस्त्र बलों को युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने यूक्रेन और गाजा में छिड़ी जंग के साथ-साथ बांग्लादेश के हालात पर भी बात की और कहा कि सेना को ऐसे किसी हालात से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए।
राजनाथ सिंह ने कहा कि आधुनिक युद्ध में साइबर और अंतरिक्ष-आधारित क्षमताओं के रणनीतिक महत्व पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, जो भविष्य के संघर्षों की तैयारी की आवश्यकता को रेखांकित करता है। हमें अपने वर्तमान पर ध्यान रखना होगा। मौजूदा समय में हमारे आस-पास हो रही गतिविधियों पर नजर रखने की जरूरत है। इसके लिए हमारे पास एक मजबूत और राष्ट्रीय सुरक्षा घटक होना चाहिए। हमारे पास हर तरह के इंतजाम होने चाहिए।
राजनाथ सिंह ने अंतरिक्ष और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के क्षेत्र में क्षमता के विकास पर जोर दिया और उन्हें आधुनिक समय की चुनौतियों से निपटने के लिए अभिन्न अंग बताया। उन्होंने सैन्य नेतृत्व से डेटा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकी प्रगति के इस्तेमाल को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा, ये घटक किसी भी संघर्ष या युद्ध में सीधे तौर पर भाग नहीं लेते हैं। उनकी अप्रत्यक्ष भागीदारी काफी हद तक युद्ध की दिशा तय कर रही है।
Sep 06 2024, 14:18