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कंधार हाईजैकः क्या आतंकियों के निशाने पर थे बालासाहेब? जानें पूरी घटना के बारे में

#ic_814_the_kandahar_hijack_balasaheb_thackeray_the_target_of_terrorist

साल 1999 के कंधार प्लेन हाईजैक की घटना पर 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' सीरीज आई है। 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' सीरीज के बाद कंधार हाइजैक एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है।विवाद विमान को हाइजैक करने वाले अपहरणकर्ताओं के नाम से जुड़ा है। जिन पांच आतंकवादियों ने प्लेन हाईजैक किया था वो सभी मुस्लिम थे। जिनका नाम इब्राहिम अख्तर, शाहिद अख्तर, सन्नी अहमद, ज़हूर मिस्त्री और शाकिर थे। लेकिन इस वेब सीरीज में इन आतंकवादियों के बदले हुए नाम भोला और शंकर रखे गए हैं। इसी पर विवाद छिड़ गया। विवाद बढ़ने पर भारत सरकार ने नेटफ्लिक्स की कंटेंट प्रमुख मोनिका शेरगिल को तलब किया। इसके बाद मोनिका शेरगिल ने सूचना प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू से मुलाकात की। बैठक के बाद नेटफ्लिक्स बयान जारी करके सीरीज में बदलावों की भी जानकारी दी।

सिरीज के रिलीज के बाद वो जख्म फिर हरे हो गए हैं, जिन पर वक्त ने मरहम लगा दिया था। पन्ने दर पन्ने फिर खोले जा रहे हैं। सबकुछ एक बार फिर दोहराया जा रहा है। इसी क्रम में इंडियन एक्सप्रेस ने महाराष्ट्र के रिटायर्ड डीजीपी डी शिवानंदन की किताब ‘ब्रह्मास्त्र’ के हवाले से पब्लिश किया है कि हेमंत करकरे को मिली हिंट से पुलिस को होटल में करंसी एक्सचेंज को लेकर शक हुआ। मामले में कुछ गिरफ्तारियां की गईं तो पूरा मामला खुल गया। डी. शिवानंदन ने ही इस ऑपरेशन को लीड कर रहे थे।

एक्सप्रेस में प्रकाशित किताब के अंश के मुताबिक- '24 दिसंबर 1999 को काठमांडू से नई दिल्ली जा रही इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC814 को नेपाल के काठमांडू एयरपोर्ट से उड़ान भरने के 30 मिनट बाद ही हाई जैक कर लिया गया था। अधिकारियों को अपहरण की जानकारी मिलते ही पूरे देश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया था। उस दौरान मैं मुंबई पुलिस में संयुक्त पुलिस आयुक्त के पद पर तैनात था और मुंबई क्राइम ब्रांच का चीफ था। मुझे मेरे बॉस और मुंबई पुलिस कमिश्नर आर एच मेंडोंका ने इस घटना के बारे में बताया और पूरी क्राइम ब्रांच को हाई अलर्ट पर रखने के लिए कहा। हम सभी लोग सांस रोककर घटनाओं पर नजर रख रहे थे।'

घटना के बाद मुंबई पुलिस और क्राइम ब्रांच काफी ऐक्टिव हो गई थी। पुलिस ने छापेमारी के बाद आतंकियों को जहां से गिरफ्तार किया गया, वहां से शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के घर 'मातोश्री' का नक्शा भी बरामद किया था। अपनी किताब में वह कहते हैं- ‘छापेमारी इतनी सटीकता से की गई कि आतंकवादियों को प्रतिक्रिया करने का एक पल भी नहीं मिला। पूरी टीम ने उन पर ऐसे हमला किया जैसे बाज अपने शिकार को पकड़ता है और कुछ ही समय में आतंकवादियों को काबू में करके गिरफ्तार कर लिया गया।’

किताब के मुताबिक, जिस पांच आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया, उनकी पहचान रफीक मोहम्मद (उम्र 34), अब्दुल लतीफ अदानी पटेल (उम्र 34), मुस्ताक अहमद आजमी (उम्र 45), मोहम्मद आसिफ उर्फ बबलू (उम्र 25), गोपाल सिंह बहादुर मान (उम्र 38) के रूप में हुई. कमरे से दो एके-56 असॉल्ट राइफल, पांच हैंड ग्रेनेड, एंटी टैंक टीएनटी रॉकेट लॉन्चर, गोले और तीन डेटोनेटर और विस्फोटक, छह पिस्तौल, गोला-बारूद का विशाल भंडार और 1,72,000 रुपये नकद सहित हथियारों और गोला-बारूद का एक बड़ा जखीरा बरामद किया गया। ऐसा लग रहा था जैसे आतंकवादियों ने मुंबई में एक बड़ा आतंकी हमला करने की योजना बनाई थी।

किताब में प्रकाशित अंश के मुताबित, 'अपहरण के अगले ही दिन क्रिसमस का दिन था, 25 दिसंबर, मैं क्रॉफर्ड मार्केट में मुंबई पुलिस मुख्यालय में स्थित अपने कार्यालय में था, जब सुबह करीब 11 बजे एक अनजान गेस्ट मेरे पास आया। यह महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस अधिकारी हेमंत करकरे थे, जो उस समय रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के मुंबई कार्यालय में तैनात थे। मुझे तुरंत पता चल गया कि यह कोई खास मुलाकात थी। हेमंत करकरे ने मुझे बताया कि रॉ ने एक फोन नंबर हासिल किया है जो मुंबई में है और पाकिस्तान में एक फोन नंबर के साथ लगातार संपर्क में है। इसके बाद टीमें बनाने के बाद काम शुरू हो गई।

मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर रखा गया। 28 दिसंबर 1999 को शाम 6 बजे के आसपास एक उम्मीद दिखाई दी। टीम ने मुंबई के रहने वाले कॉलर ने पाकिस्तान में अपने हैंडलर को फोन करके बताया कि उसके पास नकदी खत्म हो रही है और उसे तत्काल पैसे की जरूरत है। कॉल करने वाला पाकिस्तान से जैश-ए-मोहम्मद का आतंकवादी था। जैश के आतंकवादी ने मुंबई में अपने साथी को बताया कि उन्होंने एक लाख रुपये का इंतजाम कर लिया है, जिसे हवाला के जरिए भेजा जाएगा। पुलिस को बशीरबाग इलाके का पता चल गया, जहां आतंकी छिपे थे।

फ्लाइट IC-814 एक एयरबस 300 विमान था। 24 दिसंबर 1999 को यह फ्लाइट काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरने वाली थी। शाम करीब चार बजे तक सभी यात्री विमान में बैठ चुके थे। शाम 4.39 तक यह विमान भारतीय एयरस्पेस में पहुंच गया था। 15 मार्च, 2000 को संसद में तत्कालीन विदेश राज्य मंत्री अजित कुमार पांजा ने संसद में बयान देकर विमान अपहरण घटना के सभी पहलुओं को सदन के समक्ष रखा था। बयान के अनुसार, 24 दिसंबर को शाम 04:53 बजे इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 को अपहृत कर लिया गया। यह विमान 24 दिसंबर को काठमांडू से दिल्ली जाने वाला था। 04:56 बजे एयर ट्रैफिक कंट्रोल, (ATC) दिल्ली को अपहरण की पहली सूचना मिली।

आईफोन को टक्कर देने आ रहा है दुनिया का पहला ट्रिपल फोल्डेबल स्मार्टफोन, इस दिन होगा लॉन्च, जानिए कीमत


एपल आईफोन 16 सीरीज का इंतजार जल्द खत्म होने वाला है. 9 सितंबर को आईफोन 16 मॉडल्स से पर्दा उठ जाएगा. उम्मीद है कि नए आईफोन फीचर्स और स्पेसिफिकेशंस के लिहाज से बेहतर होंगे. लेकिन जैसे ही एपल इन आईफोन को लॉन्च करेगी, उसके अगले दिन हुआवे दुनिया का पहला ट्रिपल फोल्डेबल स्मार्टफोन सामने लाएगी. हुआवे के ट्राई-फोल्ड फोन का नाम Huawei Mate XT हो सकता है. हुआवे एक चाइनीज स्मार्टफोन कंपनी और सोशल मीडिया पर ट्राई-फोल्ड फोन को लेकर तेजी से चर्चा चल रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रिपल फोल्डेबल स्मार्टफोन को हुआवे के एक बड़े अधिकारी के हाथों में देखा गया है. हुआवे की Mate सीरीज का यह सबसे नया स्मार्टफोन होगा. एपल ने अभी तक फोल्डेबल फोन सेगमेंट में एंट्री नहीं ली है, लेकिन हुआवे के अलावा सैमसंग और गूगल जैसी टॉप टेक कंपनियां फोल्डेबल फोन की बिक्री करती हैं. चाइनीज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर हुआवे कंज्यूमर बिजनेस ग्रुप के सीईओ रिचर्ड यू ने एक पोस्ट में कंफर्म किया कि पहले ट्राई-फोल्ड स्मार्टफोन को Huawei Mate XT के नाम से जाना जाएगा. इनके मुताबिक, यह पांच साल की लगातार मेहनत और साइंस फिक्शन को रियलिटी में बदलने का नतीजा है. हुआवे मेट एक्सटी को चीन में 10 सितंबर 2024 को भारतीय समयानुसार दोपहर 12 बजे लॉन्च किया जाएगा. कंपनी की अपकमिंग सेरेमनी में इस स्मार्टफोन की घोषणा होगी. इस फोन के अलावा कंपनी HarmonyOS स्मार्ट ड्राइविंग प्रोडक्ट्स को लेकर बड़ा ऐलान कर सकती है. रिपोर्ट्स के अनुसार, हुआवे मेट एक्सटी को रिचर्ड यू के हाथों में देखा गया है. ट्रिपल फोल्डेबल फोन होने के नाते स्क्रीन के तीन सेक्शन मिल सकते हैं. इनमें दो इनवार्ड स्क्रीन, जबकि एक आउटवार्ड स्क्रीन होने की उम्मीद है. इन सभी को डुअल-हिंज टेक्नोलॉजी के जरिए एक साथ जोड़ा जाएगा. इनर स्क्रीन साइज 10 इंच हो सकता है, जिसमें फ्रंट कैमरा के लिए होल-पंच कटआउट मिलने की संभावना है. अपकमिंग फोल्डेबल फोन में रिंग डिजाइन के साथ गोल कैमरा मॉड्यूल मिल सकता है. नए ट्रिपल फोल्डेबल स्मार्टफोन को Kirin 9 सीरीज चिपसेट की सपोर्ट के सथ लॉन्च किया जा सकता है. ऐसी रूमर है कि इस चिपसेट का इस्तेमाल हुआवे मेट 70 सीरीज के लिए भी हो सकता है. हुआवे ट्राई-फोल्ड सबसे महंगा फोल्डेबल स्मार्टफोन हो सकता है. इसका मुकाबला Samsung Galaxy Z Fold 6 के टॉप वेरिएंट होने की संभावना है. ऐसा माना जा रहा है की दुनिया के पहले ट्रिपल फोल्डेबल स्मार्टफोन की संभावित कीमत 29,000 युआन यानी करीब 3.35 लाख रुपये हो सकती है.
आईफोन को टक्कर देने आ रहा है दुनिया का पहला ट्रिपल फोल्डेबल स्मार्टफोन, इस दिन होगा लॉन्च, जानिए कीमत

एपल आईफोन 16 सीरीज का इंतजार जल्द खत्म होने वाला है. 9 सितंबर को आईफोन 16 मॉडल्स से पर्दा उठ जाएगा. उम्मीद है कि नए आईफोन फीचर्स और स्पेसिफिकेशंस के लिहाज से बेहतर होंगे. लेकिन जैसे ही एपल इन आईफोन को लॉन्च करेगी, उसके अगले दिन हुआवे दुनिया का पहला ट्रिपल फोल्डेबल स्मार्टफोन सामने लाएगी. हुआवे के ट्राई-फोल्ड फोन का नाम Huawei Mate XT हो सकता है. हुआवे एक चाइनीज स्मार्टफोन कंपनी और सोशल मीडिया पर ट्राई-फोल्ड फोन को लेकर तेजी से चर्चा चल रही है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रिपल फोल्डेबल स्मार्टफोन को हुआवे के एक बड़े अधिकारी के हाथों में देखा गया है. हुआवे की Mate सीरीज का यह सबसे नया स्मार्टफोन होगा. एपल ने अभी तक फोल्डेबल फोन सेगमेंट में एंट्री नहीं ली है, लेकिन हुआवे के अलावा सैमसंग और गूगल जैसी टॉप टेक कंपनियां फोल्डेबल फोन की बिक्री करती हैं.

चाइनीज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर हुआवे कंज्यूमर बिजनेस ग्रुप के सीईओ रिचर्ड यू ने एक पोस्ट में कंफर्म किया कि पहले ट्राई-फोल्ड स्मार्टफोन को Huawei Mate XT के नाम से जाना जाएगा. इनके मुताबिक, यह पांच साल की लगातार मेहनत और साइंस फिक्शन को रियलिटी में बदलने का नतीजा है.

हुआवे मेट एक्सटी को चीन में 10 सितंबर 2024 को भारतीय समयानुसार दोपहर 12 बजे लॉन्च किया जाएगा. कंपनी की अपकमिंग सेरेमनी में इस स्मार्टफोन की घोषणा होगी. इस फोन के अलावा कंपनी HarmonyOS स्मार्ट ड्राइविंग प्रोडक्ट्स को लेकर बड़ा ऐलान कर सकती है. रिपोर्ट्स के अनुसार, हुआवे मेट एक्सटी को रिचर्ड यू के हाथों में देखा गया है. ट्रिपल फोल्डेबल फोन होने के नाते स्क्रीन के तीन सेक्शन मिल सकते हैं. इनमें दो इनवार्ड स्क्रीन, जबकि एक आउटवार्ड स्क्रीन होने की उम्मीद है. इन सभी को डुअल-हिंज टेक्नोलॉजी के जरिए एक साथ जोड़ा जाएगा.

इनर स्क्रीन साइज 10 इंच हो सकता है, जिसमें फ्रंट कैमरा के लिए होल-पंच कटआउट मिलने की संभावना है. अपकमिंग फोल्डेबल फोन में रिंग डिजाइन के साथ गोल कैमरा मॉड्यूल मिल सकता है. नए ट्रिपल फोल्डेबल स्मार्टफोन को Kirin 9 सीरीज चिपसेट की सपोर्ट के सथ लॉन्च किया जा सकता है. ऐसी रूमर है कि इस चिपसेट का इस्तेमाल हुआवे मेट 70 सीरीज के लिए भी हो सकता है.

हुआवे ट्राई-फोल्ड सबसे महंगा फोल्डेबल स्मार्टफोन हो सकता है. इसका मुकाबला Samsung Galaxy Z Fold 6 के टॉप वेरिएंट होने की संभावना है. ऐसा माना जा रहा है की दुनिया के पहले ट्रिपल फोल्डेबल स्मार्टफोन की संभावित कीमत 29,000 युआन यानी करीब 3.35 लाख रुपये हो सकती है.

उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग की क्रूरता, सिर्फ इस बात पर अपने 30 अफसरों को दी फांसी

#kim_jong_un_hanged_thirty_officers_of_north_korea

उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन अपनी क्रूरता के लिए जाना जाता है। किम जोंग उन एक बार फिर अपने हैरान कर देने वाली हरकत के कारण दुनिया में दहशत का पर्याय बन गया है। किम ने अपने देश के 30 वरिष्ठ अधिकारियों को फांसी दे दी है। किम जोंग ने उत्तर कोरिया में हाल में आई घातक बाढ़ में मौतों को बर्दाश्त से बाहर बताते हुए अपने 30 अधिकारियों को फांसी पर लटका दिया है।

नॉर्थ कोरिया में हाल ही में भयानक बाढ़ आई थी, जिसमें मची तबाही में 4 हजार लोगों की जान चली गई , लोगों के घर तबाह हो गए और जान-माल का भारी नुकसान हुआ, जिसके बाद अब देश के शासक किंग किम जोंग-उन ने बाढ़ न रोक पाने के अपराध में 30 अधिकारियों को जेल की सजा नहीं सुनाई, उन पर जुर्माना नहीं लगाया बल्कि सीधे उन्हें फांसी पर लटका दिया।

चोसुन टीवी ने उत्तर कोरिया के एक अधिकारी के हवाले उसका बिना नाम न छापने की शर्त पर यह सनसनीखेज रिपोर्ट दी है। दक्षिण कोरियाई मीडिया के अनुसार, उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने कथित तौर पर इस गर्मी में भीषण बाढ़ और भूस्खलन को रोकने में कथित विफलता के लिए करीब 30 अधिकारियों को फांसी देने का आदेश दिया। बताया जा रहा है कि उत्तर कोरिया में इन्हीं अधिकारियों की विफलता से लगभग 4,000 लोगों की मौत हो गई। दक्षिण कोरिया के चोसुन टीवी ने एक अनाम उत्तर कोरियाई अधिकारी का हवाला देते हुए खुलासा किया कि किम जोंग उन ने हालिया बाढ़ के कारण हुई जानमाल की "अस्वीकार्य क्षति" के लिए जिम्मेदार लोगों के लिए "कड़ी सजा" की मांग की थी। अधिकारियों को भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोपों का सामना करना पड़ा, कथित तौर पर पिछले महीने के अंत में उन सभी को फांसी दे दी गई।

बता दें कि इस बार नॉर्थ कोरिया में बाढ़ विनाशकारी साबित हुई। भारी बारिश और भूस्खलन के कारण 4000 से ज्यादा लोग मारे गए। इतनी बड़ी त्रासदी के बाद किम जोंग ने खुद बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया था। इसके कुछ वीडियो भी वायरल हुए थे। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि बाढ़ से बचाकर बच्चों, बुजुर्ग और विकलांग सैनिकों समेत 15,400 से ज्यादा लोगों को सुरक्षति जगह पर रखा गया।

*उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग की क्रूरता, सिर्फ इस बात पर अपने 30 अफसरों को दी फांसी

#kim_jong_un_hanged_thirty_officers_of_north_korea 

उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन अपनी क्रूरता के लिए जाना जाता है। किम जोंग उन एक बार फिर अपने हैरान कर देने वाली हरकत के कारण दुनिया में दहशत का पर्याय बन गया है। किम ने अपने देश के 30 वरिष्ठ अधिकारियों को फांसी दे दी है। किम जोंग ने उत्तर कोरिया में हाल में आई घातक बाढ़ में मौतों को बर्दाश्त से बाहर बताते हुए अपने 30 अधिकारियों को फांसी पर लटका दिया है। 

नॉर्थ कोरिया में हाल ही में भयानक बाढ़ आई थी, जिसमें मची तबाही में 4 हजार लोगों की जान चली गई , लोगों के घर तबाह हो गए और जान-माल का भारी नुकसान हुआ, जिसके बाद अब देश के शासक किंग किम जोंग-उन ने बाढ़ न रोक पाने के अपराध में 30 अधिकारियों को जेल की सजा नहीं सुनाई, उन पर जुर्माना नहीं लगाया बल्कि सीधे उन्हें फांसी पर लटका दिया।

चोसुन टीवी ने उत्तर कोरिया के एक अधिकारी के हवाले उसका बिना नाम न छापने की शर्त पर यह सनसनीखेज रिपोर्ट दी है। दक्षिण कोरियाई मीडिया के अनुसार, उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने कथित तौर पर इस गर्मी में भीषण बाढ़ और भूस्खलन को रोकने में कथित विफलता के लिए करीब 30 अधिकारियों को फांसी देने का आदेश दिया। बताया जा रहा है कि उत्तर कोरिया में इन्हीं अधिकारियों की विफलता से लगभग 4,000 लोगों की मौत हो गई। दक्षिण कोरिया के चोसुन टीवी ने एक अनाम उत्तर कोरियाई अधिकारी का हवाला देते हुए खुलासा किया कि किम जोंग उन ने हालिया बाढ़ के कारण हुई जानमाल की "अस्वीकार्य क्षति" के लिए जिम्मेदार लोगों के लिए "कड़ी सजा" की मांग की थी। अधिकारियों को भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोपों का सामना करना पड़ा, कथित तौर पर पिछले महीने के अंत में उन सभी को फांसी दे दी गई।

बता दें कि इस बार नॉर्थ कोरिया में बाढ़ विनाशकारी साबित हुई। भारी बारिश और भूस्खलन के कारण 4000 से ज्यादा लोग मारे गए। इतनी बड़ी त्रासदी के बाद किम जोंग ने खुद बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया था। इसके कुछ वीडियो भी वायरल हुए थे। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि बाढ़ से बचाकर बच्चों, बुजुर्ग और विकलांग सैनिकों समेत 15,400 से ज्यादा लोगों को सुरक्षति जगह पर रखा गया।

कोलकाता की रेप पीड़िता के पिता का पुलिस पर गंभीर आरोप, बोले-हमें पैसे का ऑफर किया गया

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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है।ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या से घिरी ममता सरकार मंगलवार को विधानसभा में एंटी रेप बिल लेकर आई है। इस बिल में पॉक्सो, आईपीसी और भारतीय न्याय संहिता में रेप और सेक्सुअल क्राइम से संबंधित प्रावधानों में संशोधन करने का प्रावधान है। इस बीच मामले में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। बुधवार को धरने पर बैठे जूनियर डॉक्टरों के साथ मीडिया से बात करते हुए पीड़िता के पिता ने कहा कि इस केस को खत्म करने के लिए पुलिस ने जल्दबाजी में शव का अंतिम संस्कार कर दिया था और उन्हें शांत रहने के लिए पुलिस ने रिश्वत की पेशकश की थी।

ट्रेनी डॉक्टर के मामला-पिता ने कहा कि वह आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हो रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे। उसी दौरान पुलिस ने कथित तौर पर जांच पूरी किए बगैर ही पैसे देकर मामले को बंद करने की कोशिश की। पीड़िता के पिता ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा, "पुलिस ने शुरू से ही मामले को दबाने की कोशिश की, हमें शव देखने की परमिशन नहीं दी गई और शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने के दौरान पुलिस स्टेशन में हमें इंतजार करना पड़ा। बाद में जब शव हमें सौंपा गया, तो एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने हमें पैसे देने की पेशकश की, जिसे हमने तुरंत अस्वीकार कर दिया।"

पीड़िता के माता-पिता ने बुधवार की रात जूनियर डॉक्टरों के साथ आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और अपनी बेटी के लिए न्याय की मांग की। वहीं, कोलकाता में बुधवार शाम को नागरिकों ने एकजुटता दिखाते हुए शक्तिशाली प्रदर्शन किया। आरजी कर अस्पताल में महिला चिकित्सक से रेप और हत्या के विरोध में यहां के निवासियों ने रात 9 बजे से 10 बजे तक एक घंटे के लिए अपने घरों की लाइट बंद कर दीं और सड़कों पर कैंडल मार्च निकाला। रात ठीक 9 बजे विक्टोरिया मेमोरियल और राजभवन जैसे प्रमुख स्थल, शहर, उपनगर और जिलों के घर विरोध प्रदर्शन के हिस्से के रूप में अंधेरे में डूब गए।

हरियाणा विस चुनावःभाजपा के 67 उम्मीदवार घोषित, लिस्ट आते ही बगावत शुरू, विधायक से लेकर पूर्व मंत्री तक का इस्तीफा

#haryanabjpmlasformerministersresignationsafterthe1st_list

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 की वोटिंग के लिए अब एक महीने से भी कम समय बचा रह गया है। ऐसे में सभी दल अपनी-अपनी तैयारियों में लगे हुए हैं। भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अपने 67 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। हालांकि, लिस्ट जारी होते ही पार्टी में विरोध शुरू हो गया है।67 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी होने के बाद से अब तक कई बड़े इस्तीफे हो चुके हैं।

रतिया विधानसभा से भाजपा ने मौजूदा विधायक लक्ष्मण नापा का टिकट काट दिया और इसके बाद विधायक ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया। रतिया सीट से भाजपा ने पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल को चुनावी मैदान में उतारा है। विधायक लक्ष्मण नापा ने टिकट कटने के ठीक बाद प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ोली को पत्र लिखा और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। अपने इस्तीफे में नापा ने लिखा, वह भाजपा कि वह भाजपा के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे रहे हैं। गौरतलब है कि फतेहाबाद के रतिया विधानसभा क्षेत्र में लक्ष्मण नापा ने पहली बार कमल खिलाया था। यहां से वह 2019 में 1216 वोटों से जीते थे। इससे पहले भाजपा इस सीट पर कभी नहीं जीती थी। 2009 में यह विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया था।

इसी तरह, अब पूर्व मंत्री कर्ण देव कंबोज ने भी भाजपा से इस्तीपा दे दिया है। वह हरियाणा भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष थे। पूर्व मंत्री कर्णदेव कंबोज करनाल की इंद्री विधानसभा से टिकट चाह रहे थे। लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया। कर्णदेव कंबोज ने पार्टी पर अनदेखी का आरोप लगाकर सभी पदों से इस्तीफा दिया है और कहा कि समर्थकों के अनुसार वह आगामी फैसला लेंगे।

हरियाणा बीजेपी में अब तक के बड़े इस्तीफे

• दादरी किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष विकास उर्फ भल्ले ने बीजेपी से इस्तीफा दिया।

• सोनीपत से बीजेपी युवा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य एवं विधानसभा चुनाव प्रभारी अमित जैन ने इस्तीफा दे दिया।

• जेजेपी से बीजेपी में शामिल हुए पूर्व मंत्री अनूप धानक को उकलाना से बीजेपी द्वारा उम्मीदवार बनाए जाने के विरोध में वहां से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे बीजेपी नेता शमशेर गिल ने अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष को भेजा।

• हरियाणा बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर मांडी ने बीजेपी से दिया इस्तीफा।

• हिसार से बीजेपी नेता दर्शन गिरी महाराज ने बीजेपी से इस्तीफा दिया।

• बीजेपी की वरिष्ठ नेत्री सीमा गैबीपुर ने पार्टी के सभी पदों से तुरंत प्रभाव से दिया इस्तीफा।

आठ विधायकों का टिकट काटा

भाजपा ने बुधवार रात 67 विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। सत्ता विरोधी लहर रोकने के लिए पार्टी ने 40 सीटों से उम्मीदवार बदल दिए हैं। पार्टी ने दो पूर्व सांसदों, एक राज्यसभा सांसद और 27 नए चेहरों को मैदान में उतारा है। पार्टी ने तीन मंत्रियों समेत आठ विधायकों का टिकट काटा है। नौ मौजूदा मंत्रियों व चार पूर्व मंत्रियों को भी मौका दिया गया है। जजपा से भाजपा में आए तीन विधायक व दो नेताओं को भी उम्मीदवार बनाया गया है। राज्यसभा सदस्य कृष्ण लाल पंवार को पार्टी ने एक बार फिर इसराना उम्मीदवार बनाया है। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी और हाल में कांग्रेस छोड़ भाजपा से राज्यसभा सांसद चुनी गईं किरण चौधरी की बेटी व पूर्व सांसद श्रुति चौधरी को भी टिकट दिया गया है। पार्टी ने दो बार से हारे उम्मीदवारों को भी टिकट नहीं दिया है।

पेरिस पैरालंपिक में भारत का जलवा, क्लब थ्रो में डबल धमाका, धरमबीर ने स्वर्ण और प्रणव ने जीता रजत*
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पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय एथलीट बहुत ही शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। क्लब थ्रो के एफ51 वर्ग में भारत के धर्मबीर ने गोल्ड मेडल जीता है। वहीं इसी इवेंट में प्रणव सूरमा ने सिल्वर मेडल जीता है। ब्रॉन्ज मेडल सर्बिया के जेल्को दिमित्रीजेविक ने जीता है। सर्बिया का खिलाड़ी वर्ल्ड चैपियन भी रह चुका है। लेकिन पेरिस पैरालंपिक 2024 में प्लेयर्स के सामने उनकी एक ना चली और उन्हें ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा। भारत के लिए धरमबीर ने 34.92 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता तो प्रणव सूरमा ने 34.59 के सर्वश्रेष्ठ थ्रो करके सिल्वर मेडल को अपने नाम किया। भारत ने पेरिस पैरालंपिक में अपने प्रदर्शन को बेहतर करते हुए 24वां मेडल हासिल किया। भारत अब 5 गोल्ड, 9 सिल्वर और 10 ब्रॉन्ज के साथ मेडल टैली में 13वें स्थान पर पहुंच गया है। फाइनल में धरमबीर की शुरुआत अच्छी नहीं हुई। उनके शुरुआती चार थ्रो फाउल रहे थे। लेकिन 5वें थ्रो में उन्होंने अपनी पूरी ताकत झोंक दी, जिसके कारण इस थ्रो ने 34.92 मीटर की दूरी तय की। अंत में धर्मबीर के इस थ्रो ने भारत की झोली में गोल्ड दे दिया। इसके साथ ही दूसरी तरफ प्रणव सूरमा ने अपना पहला थ्रो 34.59 मीटर का किया। उनका यही सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। इसी थ्रो ने इन्हें सिल्वर मेडल जितवाया. वहीं इसी खेल में भारत के एक और खिलाड़ी अमित कुमार को निराशा हाथ लगी. फाइनल में 10 एथलीट चुने गए थें और वो 10वें नंबर पर रहे थे। पेरिस पैरालंपिक में अब भारत के 24 पदक हो गए हैं। इनमें पांच स्वर्ण, नौ रजत और 10 कांस्य शामिल हैं। इसी के साथ भारत पैरालंपिक की पदक तालिका में 13वें स्थान पर पहुंच गया है। पदकों की यह संख्या अब तक की सर्वश्रेष्ठ है। टोक्यो 2020 पैरालंपिक में भारत ने 19 पदक जीते थे। भारत इस साल 25 पार के लक्ष्य के साथ उतरा है। वहीं, भारत ने एक पैरालंपिक खेलों में सबसे ज्यादा मेडल जीतने का नया रिकॉर्ड कायम किया है।
हरविंदर सिंह ने रचा इतिहास, भारत को आर्चरी में दिलाया पहला गोल्ड*
#paralympics_2024_harvinder_singh_won_gold_medal_in_archery
पेरिस पैरालंपिक में 7वें दिन नया इतिहास बना। हरविंदर सिंह ने पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीता और इस तरह वह पैरालंपिक के इतिहास में तीरंदाजी में सोना जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट बने। हरविंदर ने पुरुषों के व्यक्ति गत रिकर्व स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर बड़ी उपलब्धि दर्ज की है। ओलंपिक या पैरालंपिक में यह किसी भी भारतीय तीरंदाज का आर्चरी में पहला गोल्ड मेडल है। भारत ने इस तरह पेरिस में अपने गोल्ड की संख्या चार पर पहुंचा दिया है जबकि उसके कुल पदकों की संख्या 22 हो गई है। टोक्यो पैरालंपिक के कांस्य पदक विजेता नौवें वरीय हरविंदर ने दुनिया के 35वें नंबर के खिलाड़ी और छठे वरीय पोलैंड के लुकास सिजेक को एकतरफा खिताबी मुकाबले में 6-0 (28-24, 28-27, 29-25) से शिकस्त दी। इससे पहले फाइनल में पहुंचने के लिए हरविंदर सिंह ने सेमीफाइनल में ईरान के मोहम्मदरेजा अरब अमेरी को 6-4 के अंतर से हरा दिया था। वहीं, राउंड ऑफ 8 में हरविंदर सिंह ने इंडोनेशिया के सेतियावान को 6-2 से धूल चटाई थी।इस तरह उन्होंने पैरालंपिक में अपना लगातार दूसरा तीरंदाजी पदक सुनिश्चित किया था। हरविंदर ने 2018 एशियाई पैरा खेलों में व्यक्तिगत कैटेगरी में गोल्ड जीता था, तब वह सुर्खियों में आए थे। 2022 एशियाई पैरा खेलों में वह एक ब्रॉन्ज भी जीतने में कामयाब रहे थे। वहीं, पिछली बार उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भी इतिहास रचा था। यह भारत के लिए तीरंदाजी में पहला पैरालंपिक मेडल था। इसके बाद 2021 में उन्हें भारत सरकार से अर्जुन पुरस्कार मिला था। यह पुरस्कार भारत सरकार की ओर से दिया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा खेल सम्मान है। वहीं, 2022 में वह भीम पुरस्कार से सम्मानित किए गए थे, जो हरियाणा राज्य की सरकार की ओर से दिया जाने वाला सर्वोच्च खेल सम्मान है।
बांग्लादेश बन सकता है आतंकियों का नया ठिकाना, कट्टरपंथ बढ़ने की भी आशंका*
#bangladesh_raises_concerns_of_rising_extremism
बांग्लादेश में फैली हिंसा के बाद शेख हसीना के देश से भागने और फिर वहां बनी अंतरिम सरकार के हाल ही में उठाए गए कुछ कदमों से लगता है कि ढाका पाकिस्तान के बाद आतंकियों का नया ठिकाना बनने वाला है। एक के बाद एक कट्टरपंथी संगठनों पर लगे बैन हट रहे हैं और सजायाफ्ता आतंकी जेल से रिहा हो रहे हैं। पहले बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने देश की सबसे बड़ी इस्लामिक पार्टी जमात-ए-इस्लामी से भी लगा बैन हटा दिया है। उसके बाद अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के प्रमुख जशीमुद्दीन रहमानी को रिहा किया। पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना की सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत जमात-ए-इस्लामी पार्टी पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसमें छात्रों के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों के दौरान घातक हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया था, जो हसीना के खिलाफ विद्रोह में बदल गया, जिससे उन्हें इस्तीफा देने और भारत भागने के लिए मजबूर होना पड़ा। हालांकि, बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार ने देश की मुख्य इस्लामिक पार्टी और उसके समूहों पर से प्रतिबंध हटा दिया और कहा कि उसे 'आतंकवादी गतिविधियों' में उनकी संलिप्तता का कोई सबूत नहीं मिला है। अंतरिम सरकार ने जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध हटा दिया है, इसकी छात्र शाखा पर प्रतिबंध भी हटा लिया गया है। जमात कुछ समय से राजनीतिक दल के रूप में उभरने की कोशिश कर रही है। पिछले चुनाव में उन्होंने कुछ सीटें भी जीती थीं। शेख हसीना ने आतंकवादी संगठन बताकर उन पर प्रतिबंध लगाया था। जमात पर प्रतिबंध हटाने से कट्ट्रपंथ विचारधारा को एक बार फिर खुली छूट मिल गई है। यूनुस द्वारा जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध हटाने के फैसले ने अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं को दोहरे जोखिम में डाल दिया है। बीएनपी (जिसके नेताओं को भी रिहा कर दिया गया है) की राजनीति भारत विरोधी, हिंदू विरोधी एजेंडे के इर्द-गिर्द घूमती है। जब भी बीएनपी सत्ता में आई है, अल्पसंख्यकों विशेषकर हिंदुओं को अत्याचार का सामना करना पड़ा है। पार्टी ने धार्मिक बांग्लादेशी राष्ट्रवाद का समर्थन किया है। बीएनपी जमात-ए-इस्लामी को भी संरक्षण देती है। जमात का लक्ष्य बांग्लादेश को सख्त शरीयत कानून के साथ एक इस्लामिक राज्य के रूप में स्थापित करना है।यदि इस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो बीएनपी जमात को पुनर्जीवित करने में मदद करेगी, जो धर्मनिरपेक्ष बांग्लादेश के लिए एक बड़ा खतरा है। वहीं, अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) जिसे अब अंसार अल इस्लाम कहा जाता है, जो अल-कायदा से प्रेरित आतंकी संगठन है। ने भारत में अपने नेटवर्क को फैलाने की कोशिश की थी, जिसके कारण दो साल पहले भारतीय एजेंसियों द्वारा महीनों तक आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया गया था।बांग्लादेश ने मई 2015 में तीन धर्मनिरपेक्ष ब्लॉगर्स की हत्या में शामिल होने के लिए कट्टरपंथी इस्लामी संगठन एबीटी पर प्रतिबंध लगा दिया था। एबीटी चरमपंथी विचारधाराओं से काफी प्रभावित है, जैसे कि अनवर अल-अवलाकी से, जो 2011 में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया था. इसके बाद, यह समूह बांग्लादेश और विदेशों में ‘पवित्र युद्ध’ छेड़ने के लिए अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट (आईएस) की सशस्त्र जिहादी विचारधारा के करीब आ गया। जाहिर है कि अब उसका समूह भारत में और तेजी से अपना जाल फैलाने की कोशिश करेगा।