राकेश कुमार-शीतल देवी की जोड़ी ने जीता ब्रॉन्ज,भारत की झोली में 13वां मेडल
तीरंदाजी में भारत आखिरकार मेडल जीतने में कामयाब रहा है. भारत के राकेश कुमार-शीतल देवी की जोड़ी ने मिश्रित टीम कंपाउंड ओपन इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है. ये पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत का 13वां मेडल है. इसी के साथ युवा खिलाड़ी शीतल देवी ने अपना पहला पैरालंपिक मेडल भी जीत लिया है. इससे पहले वह सिंग्लस के इवेंट में हार गई थीं. लेकिन इस बार उन्होंने दमदार खेल दिखाया और इटली के माटेओ बोनासिना-एलोनोरा सारती को हराया.
रोमांचक रहा ब्रॉन्ज मेडल मैच
भारत के राकेश कुमार और शीतल देवी ने मिश्रित टीम कंपाउंड ओपन तीसरे स्थान के प्ले-ऑफ मैच में इटली के माटेओ बोनासिना और एलोनोरा सारती को 156-155 से रोमांचक मैच में हराया. बता दें, तीसरे राउंड के बाद ये छोड़ी पीछे चल रही थी. लेकिन इसके बाद राकेश कुमार और शीतल देवी की ओर से शानदार वापसी देखने को मिली, जिसके चलते ये मैच भारत के खाते में आया.
सिंगल्स इंवेंट की हार का लिया बदला
आर्चर शीतल देवी एक करीबी मुकाबले में हारकर प्री क्वार्टर फाइनल राउंड से ही बाहर हो गईं थीं. इस मुकाबले में शीतल देवी को सिर्फ 1 प्वॉइंट से हार का सामना करना पड़ा था. टोक्यो पैरालंपिक की सिल्वर मेडल विजेता मारियाना ने इस करीबी मुकाबले में शीतल देवी को 138-137 से हराया था. वहीं, इस बार वह 1 प्वॉइंट से मेडल जीतने में कामयाब रहीं.
बता दें, शीतल देवी जम्मू कश्मीर की एक छोटे गांव किश्तवाड़ की रहने वाली हैं. 7 साल की शीतल के जन्म से ही दो हाथ नहीं हैं. वह फोकोमेलिया नाम की बीमारी से जन्मजात पीड़ित हैं. लेकिन उन्होंने अपने जीवन में कभी भी हार नहीं मानी. महज 17 साल की आर्चर शीतल देवी ने पैरालंपिक के डेब्यू मैच में इतिहास रचा था. दुनिया की पहली आर्मलेस यानि बिना हाथों वाली आर्चर शीतल देवी ने आर्चरी के रैंकिंग राउंड के दौरान 703 प्वॉइंट हासिल किए थे और वर्ल्ड रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया था.
Sep 03 2024, 13:18