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कोलकाता रेप मर्डर केस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का बड़ा बयान, बोलीं-बस बहुत हुआ…

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पश्चिम बंगाल के कोलकाता में महिला डॉक्टर से रेप और बेरहमी से हत्या के मामले में लगातार विरोध और प्रदर्शन हो रहा है। डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना से पूरे देश में गुस्सा और नाराजगी का माहौल है। वहीं, अब इस मामले में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी कड़ा बयान दिया है।राष्ट्रपति ने कहा कि वह घटना से निराश और भयभीत हैं। अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए राष्ट्रपति ने महिला अपराधों पर रोक का आह्वान किया और कहा कि अब बस बहुत हुआ। 

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक न्यूज एजेंसी के साथ बातचीत में कोलकाता की घटना पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि 'इतिहास का सामना करने से डरने वाले समाज सामूहिक भूलने की बीमारी का सहारा लेते हैं; अब समय आ गया है कि भारत इतिहास का सामना करे।महिला अपराधों पर राष्ट्रपति ने कहा कि हमें इस विकृति से व्यापक तरीके से निपटना चाहिए ताकि इसे शुरू में ही रोका जा सके।'

महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा है कि समाज को ‘ईमानदार, पूर्वाग्रहरहित आत्मावलोकन’ की जरूरत है और खुद से कुछ कड़े सवाल पूछने की जरूरत है। राष्ट्रपति ने कहा है कि कोई भी सभ्य समाज बेटियों और बहनों पर इस तरह के अत्याचारों की अनुमति नहीं दे सकता। 

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में महिला डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर भी टिप्पणी की है। राष्ट्रपति ने कहा है कि जब छात्र, डॉक्टर और नागरिक कोलकाता में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, उस समय भी अपराधी अन्यत्र शिकार की तलाश में घात लगाए हुए हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस दौरान निर्भया कांड का भी जिक्र किया और अफसोस जताया कि 12 सालों के बाद समाज में अनगिनत बलात्कारों की घटनाएं देखने को मिल रही हैं। यह बहुत ही चौंकाने वाला है। उन्होंने कहा कि निंदनीय मानसिकता वाले ऐसे अपराधी अक्सर महिलाओं कमतर इंसान, कम शक्तिशाली, कम सक्षम और कम बुद्धिमान के रूप में देखती हैं। यह महिलाओं का अपमान है। ऐसा लगता है समाज उस अपराध को भूल चुका है। यह सामूहिक भूलने की बीमारी बहुत ही निंदनीय है।

ममता बनर्जी का बड़ा बयान, बोली-10 दिन में रेप पीड़िताओं को मिलेगा न्याय, विधानसभा में लाएंगे विधेयक

#mamata_banerjee_attack_bjp_over_bengal_bandh 

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कोलकाता में महिला ट्रेनी डॉक्टर को इंसाफ दिलाने को लेकर पिछले कई दिनों भारी प्रदर्शन किया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने कल मंगलवार को छात्रों के प्रदर्शन पर कार्रवाई के खिलाफ आज बंद का आह्वान किया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में जारी बवाल के बीच तृणमूल छात्र परिषद के 27वें स्थापना दिवस पर बड़ा दिया है। उन्होंने कहा कि हमने आज का दिन आरजी कर डॉक्टर को समर्पित किया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हम ऐसा कानून लाएंगे जिसमें 10 दिनों में केस खत्म हो जाएगा।

बीजेपी के बंगाल बंद पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जमकर निशाना साधा है। ममता बनर्जी ने बीजेपी को अहंकारी, भ्रष्टाचार वाली पार्टी कहा। सीएम ने कहा कि बीजेपी शासन वाले यूपी, राजस्थान जैसे राज्यों में केंद्रीय एजेंसियों को नहीं भेजा गया। भाजपा ने कभी भी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और यहां तक कि मणिपुर के मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे की मांग नहीं की। हमने कल (नबान्ना अभियान रैली) की तस्वीरें देखीं, मैं स्थिति को अच्छी तरह से संभालने के लिए पुलिस को सलाम करती हूं।

ममता बनर्जी ने आगे कहा कि आरजी कर महिला डॉक्टर दुष्कर्म-हत्या मामले की जांच सीबीआई कर रही है। 16 दिन से केंद्रीय जांच एजेंसी मामले की जांच कर रही है। कहां है न्याय? कहां तक पहुंची जांच? ममताने कहा कि ऐसे कृत्यों की केवल एक ही सजा है- फांसी पर लटकाना। अगले हफ्ते हम विधानसभा सत्र बुलाएंगे और दुष्कर्मियों के लिए मृत्युदंड सुनिश्चित करने के लिए 10 दिनों के भीतर एक विधेयक पारित करेंगे। हम इस विधेयक को राज्यपाल के पास भेजेंगे। अगर वह इसे पारित नहीं करते हैं, तो हम राजभवन के बाहर धरना देंगे। यह विधेयक पारित होना ही चाहिए और वह इस बार जवाबदेही से बच नहीं सकते।

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा, हम न्याय चाहते हैं लेकिन बीजेपी ने आज बंद का आह्वान किया है। वे न्याय नहीं चाहते हैं। वे केवल बंगाल को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। बनर्जी ने कहा कि हम इस बंद का समर्थन नहीं करते। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि बीजेपी के सीनियर नेताओं के इशारे पर बंगाल में बवाल करवाया जा रहा है। पीएम मोदी को चेतावनी देते हुए कहा कि "अगर हिम्मत है तो चुनाव में हराकर दिखाओ। बीजेपी के लोग अपने लोगों से आग लगवा रहे हैं। मैंने पहले भी ऐसे हालात का सामना किया है, मैं बंदूक के आगे खड़ी होकर लड़ीं हूं।

भारत ने 73 हजार अमेरिकी राइफल्स का ऑर्डर दिया, बढ़ेगी सेना की ताकत

#india_orders_73000_sig_sauer_assault_rifles_from_us

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दुनिया की सबसे खास राइफल। SiG Sauer ऑटोमैटिक असॉल्ट राइफल है। इसकी एक्यूरेसी 100 फीसदी है। यानी दुश्मन के खत्मे की पूरी गारंटी। अपनी सेना को मजबूत कर रही भारत सरकार ने Sig Sauer 716 असॉल्ट राइफल्स का बड़ा ऑर्डर दिया है।ये राइफल सेना पहले से ही यूज कर रही है। भारत इस तरह की 72,400 राइफलें पहले ही खरीद चुका है। अब 73 हजार और राइफल का ऑर्डर दिया गया है।भारत जल्द ही अमेरिका से अतिरिक्त 73,000 SiG Sauer असॉल्ट राइफलें इम्पोर्ट करेगा।

बताया जा रहा है कि भारत इनका इस्तेमाल चीन और पाकिस्तान से लगती सीमाओं पर कर रहा है।इस राइफल के मिलने से भारत के जवानों की ताकत और हौसला कई गुना बढ़ जाएगा। एसआईजी सॉयर, इंक के अध्यक्ष और सीईओ रॉन कोहेन ने कहा, हमें भारतीय सेना के आधुनिकीकरण प्रयास में भागीदार होने पर गर्व है, और इससे भी अधिक गर्व इस बात का है कि एसआईजी716 राइफल दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना के साथ रक्षा मंत्रालय के आधुनिकीकरण लक्ष्यों को हासिल करती है। 

ये है खासियत

SIG 716 दुनिया की सबसे खास राइफलों में से एक मानी जाती है। ये ऑटोमैटिक असॉल्ट राइफल है। इसकी एक्यूरेसी 100 % है, मतलब दुश्मन को खत्म करने की पूरी गारंटी है। इससे हर मिनट 685 राउंड फायरिंग हो सकती है। एक मैगजीन में 20 गोलियां लगती हैं। इसमें NATO ग्रेड की गोलियां इस्तेमाल होती हैं। इसकी रेंज 600 मीटर है, जो AK-47 की रेंज से भी ज्यादा है। गैस ऑपरेटेड रोटेटिंग बोल्ट सिस्टम से लैस है। इसमें एडजस्टेबल फ्रंट भी लगाया जा सकता है, जो दूसरी रायफल से इसको अलग बनाता है। राइफल में रीयर ऑप्टिक्स भी इस्तेमाल किया जाता है।

रूसी राइफल्स में देरी की वजह से भारत ने अमेरिका को ऑर्डर दिया था

2018-19 में राइफल्स की बढ़ती जरूरत के लिए भारत ने रूस से AK-203 राइफल्स का ऑर्डर दिया था, लेकिन इनके मिलने में देरी के चलते भारत ने फरवरी 2019 में अमेरिकी फर्म सिग सॉ से डील की थी। पहले लॉट में आईं 72,400 राइफल्स से सेना को 66,400, एयरफोर्स को 4,000 और नेवी को 2,000 राइफल्स दी गई थीं। ये धीरे-धीरे इनसास राइफल की जगह लेंगी।

लड़के ने मारी आंख, कोर्ट बोला- 'इसके लिए तो उम्र कैद की सजा भी कम' हालांकि बाद में जुर्माना लगा किया रिहा, पढ़िए, पूरी खबर

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 मुंबई से एक अनोखी घटना सामने आई है। यहां एक युवक ने एक लड़की को आंख मार दी। इस अपराध के लिए अदालत ने ऐसी सजा सुनाई कि यह मामला नजीर बन गया। हालांकि, बाद में अदालत ने युवक की कम उम्र को देखते हुए सजा माफ कर दी तथा कहा कि इस अपराध के लिए उम्र कैद की सजा भी कम होगी। अदालत में यह मामला मर्यादा भंग के आरोप में आया था, जिसमें अधिकतम 5 वर्ष तक सजा का प्रावधान है।

खबर के अनुसार, एक लड़की ने पुलिस में शिकायत दी कि आरोपी युवक ने उसे आंख मारी थी, जिससे उसकी मर्यादा भंग हुई है। पुलिस ने संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया तथा अदालत में चार्जशीट पेश की। अदालत में दोनों पक्षों को बुलाया गया एवं बहस के चलते पीड़ित युवती द्वारा लगाए गए आरोप प्रमाणित भी हो गए। तत्पश्चात, अदालत ने इसे जघन्य केस बताते हुए कहा कि इस अपराध के लिए उम्र कैद की सजा भी कम है। अदालत ने कहा कि इस मामले में पीड़िता को मानसिक पीड़ा हुई है तथा इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

मामले में दोषी पाए जाने के बाद भी अदालत ने अपराधी युवक की उम्र का लिहाज करते हुए उसे रिहा कर दिया। साथ ही युवक को चेतावनी दी कि वह दोबारा इस प्रकार की कोई हरकत न करे। भारतीय कानून के मुताबिक, मर्यादा भंग के मामले में अधिकतम पांच वर्ष के कठोर कारावास का प्रावधान है। चूंकि आरोपी की छवि अब तक साफ रही है तथा उसके खिलाफ कोई हिस्ट्रीशीट भी नहीं है, इसलिए उसे सजा देने से भविष्य में उसकी छवि पर असर पड़ सकता है। इसी के साथ अदालत ने आरोपी पर 15 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया तथा उसे रिहा करने का आदेश दिया।

यह मामला अप्रैल 2022 का है। दक्षिण मुंबई के भायखला पुलिस थाने में दी गई शिकायत के मुताबिक, पीड़ित महिला ने बताया कि उसने पड़ोस की दुकान से कुछ सामान मंगाया था। जब दुकान पर काम करने वाला युवक उसके घर आया तथा पानी के लिए पूछा, तो अपराधी ने उसे गलत तरीके से छू लिया तथा उसे आंख मारी। पीड़िता ने कहा कि उसके शोर मचाने पर आरोपी वहां से भाग गया था। हालांकि अपराधी ने अदालत में कहा कि गलती से महिला का हाथ छू लिया था तथा उसका इरादा महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने का नहीं था।

बंगाल में बवाल, बंद के दौरान भाजपा नेता की कार पर फेंके गए बम, गोलीबारी भी हुई

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सरकारी आरजी अस्पताल में प्रशिक्षु महिला चिकित्सक से दरिंदगी की घटना के खिलाफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग पर राज्य सचिवालय नवान्न तक छात्र समाज के मार्च में भाग लेने वालों पर पुलिस की कार्रवाई के विरोध में प्रदेश भाजपा द्वारा बुधवार को बुलाए गए 12 घंटे के बंगाल बंद का व्यापक असर दिख रहा है। सुबह से बंद के समर्थन में सड़कों पर उतरे भाजपा समर्थकों ने हावड़ा व सियालदह मंडल सहित कई जगहों पर ट्रेन सेवा को बाधित कर दिया। विभिन्न स्टेशनों पर बंद समर्थक ट्रेन के सामने खड़े होकर प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे दूरगामी ट्रेन सेवा भी प्रभावित हुई है।

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बंगाल बंद के बीच भाटपाड़ा में बीजेपी नेता पर फायरिंग हुई है। इस हमले में दो लोग घायल हुए हैं। बीजेपी नेता अर्जुन सिंह ने आरोप लगाया कि हमारी पार्टी के नेता प्रियंगु पांडे की कार पर हमला हुआ है। उन पर सात राउंड गोली चली हैं। हमले में दो लोग घायल हुए हैं। कार चालक भी जख्मी हुआ है।

इस घटना का वीडियो भाजपा ने जारी की है। वीडियो जारी करते हुए कैप्शन में लिखा गया," टीएमसी के गुंडों ने गोलियां चलाईं- भाटपारा में भाजपा नेता प्रियंगु पांडे की गाड़ी पर गोलियां चलाईं, जिससे उनका ड्राइवर घायल हो गए। यह ममता बनर्जी की घिनौनी हताशा का प्रदर्शन है! चाहे वे कितना भी खून बहा दें। बंगालबंद एक शानदार सफलता है क्योंकि बंगाल में बहुत कुछ हो चुका है! ममता के गुंडे और उनकी कठपुतली पुलिस हमें सड़कों से नहीं डरा पाएगी। भाजपा तब तक लड़ती रहेगी जब तक उनका भ्रष्ट शासन खत्म नहीं हो जाता।

मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे से भारत सतर्क, टेस्ट के लिए बनाई पहली स्वदेशी आरटी-पीसीआर किट

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दुनियाभर में मंकीपॉक्स वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है।विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंकी पॉक्स को लेकर गंभीर चिंता जताई है। साथ ही इस बीमारी को ग्लोबल इमरजेंसी घोषित की है। इस वायरस का नया स्ट्रेन (क्लैड-1) अधिक संक्रामक माना जाता है और इसकी मृत्यु दर अधिक है। हालांकि, राहत की बात यह है कि भारत में अभी तक मंकीपॉक्स वायरस नहीं पहुंचा है। मगर इसके बढ़ते मामलों को देखते हुए इससे बचाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। इस बीच, स्वास्थ्य उपकरण बनाने वाली एक भारतीय कंपनी ने दावा किया है कि उसने मंकीपॉक्स का पता लगाने वाली एक रियल टाइम किट तैयार की है।

इस किट को सीमेंस हेल्थिनियर्स कंपनी ने बनाया है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने इसे मंजूरी दे दी है। सीमेंस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड ने कहा, यह हमारी ''मेक इन इंडिया'' पहल के लिए बड़ी उपलब्धि है। इस किट से केवल 40 मिनट में एमपॉक्स की जांच के सटीक परिणाम मिल सकेंगे, जबकि इस समय एमपॉक्स की जांच में एक से दो घंटे लगते हैं।

भारतीय कंपनी सीमेंस हेल्थिनर्स ने बताया कि आरटी-पीसीआर परीक्षण किट को वडोदरा की एक इकाई में तैयार किया जाएगा। हर साल करीब 10 लाख किट बनाई जा सकेंगी। हम यह किट लोगों को उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह तैयार है।

यह पीसीआर सेटअप किट सभी लैब वर्कफ़्लो में आसानी से फ़िट हो जाती है। जिससे आप दूसरे मशीन की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। मौजूदा कोविड परीक्षण बुनियादी ढांचे का उपयोग करने की क्षमता दक्षता को बढ़ाएगी। सीमेंस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हरिहरन सुब्रमण्यन ने कहा कि सटीक और सटीक निदान की आवश्यकता ही सबसे महत्वपूर्ण है। भारत में तैयार किया गया यह मंकीपॉक्स डिटेक्शन आरटी- पीसीआर किट हर तरफ से संपन्न है। इस बीमारी से लड़ने में काफी ज्याजा मददगार है। इसके इस्तेमाल से आप बिना समय गवाएं बीमारी का पता लगा सकते हैं।

इस राज्य में भारी बारिश ने मचाई तबाही, 15 लोगों की मौत, 11 हजार से ज्यादा लोगों को किया गया शिफ्ट, 27 जिलों में रेड अलर्ट

गुजरात में बारिश का आफतकाल चल रहा है. रिकॉर्ड बारिश से गुजरात के 27 जिलों में मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी कर दिया है. पहले से 48 घंटे की मूसलाधार बारिश ने गुजरात के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बना दिए थे. अब मौसम विभाग ने 28 और 29 अगस्त के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया है. राज्य के ज्यादातर डैम ओवरफ्लो हो चुके हैं. नदियां खतरे के निशान को पार कर तबाही मचाने को बेकरार हैं. रिहायशी इलाके टापू में तब्दील हो चुके हैं. मूसलाधार बारिश के बाद हुए कई फीट तक जलजमाव ने लोगों को अपने घरों में कैद रहने को मजबूर कर दिया है.

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गुजरात पर आसमानी आफत कहर बनकर टूटी है. जामनगर से जूनागढ़ तक, वडोदरा से बनासकांठा तक और अरावली से अहमदाबाद तक पानी का प्रकोप दिख रहा है. पॉश इलाके में रहने वाले लोग भी पानी भरने से परेशान दिखे. सैलाब के बीच खड़ीं बाइक और स्कूटी करीब करीब डूब चुकी हैं. मूसलाधार बारिश की वजह से श्मशान घाट तक में पानी भर गया. 

वहीं वडोदरा में भी बारिश मुश्किलें लेकर आई. जिन सड़कों पर गाड़ियां फर्राटा भरती थीं. आज वहां कई फीट पानी भरा है. वडोदरा में 48 घंटे से जोरदार बारिश ने शहर की रफ्तार पर भी ब्रेक लगा दिया. लोग कह रहे हैं कि उन्हें किसी तरह सैलाब के सितम से राहत मिल जाए. प्रशासन और एडीआरएफ की टीम निचले इलाकों में रहने वाले लोगों का रेस्क्यू कर रही है. दरअसल, वडोदरा में विश्वामित्र नदी में आजवा सरोवर से पानी छोड़ा जा रहा है. जिसके चलते विश्वामित्र नदी उफान पर है. ये नदी डेंजर लेवल से 8 फीट ऊपर बह रही है. जिसके चलते निचले इलाकों पर डूबने का खतरा मंडरा रहा है. प्रशासन की टीम अब तक 4 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा चुकी है. 

मौसम विभाग के मुताबिक, 29 अगस्त को भी सौराष्ट्र में भारी बारिश का अनुमान है. उत्तर गुजरात के जिलों को छोड़कर सभी जिलों में रेड अलर्ट है. कच्छ, सौराष्ट्र के सभी जिलों में भारी बारिश के साथ रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है. अहमदाबाद, खेड़ा, आणंद, दाहोद, महिसागर, वडोदरा, पंचमहल, छोटाउदेपुर, भरूच और नर्मदा में भारी बारिश के साथ रेड अलर्ट पर हैं. सूरत, तापी, नवसारी, डांग, वलसाड, दमन और दादरा नगर हवेली में भी रेड अलर्ट है. 

इसके अलावा राजकोट में 2 दिनों में 20 इंच से ज्यादा बारिश से शहर में जलभराव लोगों की मुसीबत बढ़ा रहा है. जिससे राजकोट शहर के एंट्री प्वॉइंट माधापर चौकड़ी पर गाड़ियों की आवाजाही प्रभावित है. जूनागढ़ में भी लगातार बारिश से नदियां उफान पर हैं. डैम ओवरफ्लो हो रहे हैं. डैम लबालब होने से पास के इलाकों में दहशत का माहौल है. मौसम विभाग का रेड अलर्ट बता रहा है कि, अभी आसमानी आफत का खतरा टला नहीं है. 

गौरतलब है कि गुजरात में पिछले तीन दिनों में हुई भारी बारिश में 15 लोगों की मौत हो चुकी है. मोरबी में 1, गांधीनगर में 2, आणंद में 6, वडोदरा में 1, खेड़ा में 1, महीसागर में 2, भरूच में 1 और अहमदाबाद में 1 शख्स की जान चली गई. वहीं पिछले तीन दिनों में 11,043 लोगों को स्थानांतरित किया गया. जिसमें सबसे ज्यादा नवसारी जिले में 4160, वलसाड में 1158, आणंद में 1081, वडोदरा में 1008 लोगों को स्थानांतरित किया गया है. अब तक बाढ़ के पानी, भारी बारिश मे फंसे हुए 353 लोगों को बचाया गया है, जिसमें सबसे ज्यादा आणंद जिले में 150, खेड़ा में 108, मोरबी में 59, नवसारी में 20 और सुरेंद्रनगर से 10 लोगों को बचाया गया.

राज्यसभा में बीजेपी की “बल्ले-बल्ले”, 10 साल में पहली बार एनडीए को बहुमत, 12 में से 11 सीटों पर कब्जा*
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राज्यसभा की 12 सीटों पर उपचुनाव में सभी उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए। 12 में से एनडीए को 11 पर जीत मिली है। इनमें भाजपा 9, अजीत पवार गुट और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को एक-एक सीट मिली हैं। वहीं, कांग्रेस का एक उम्मीदवार जीता है। नौ और सदस्यों के जुड़ने के साथ ही राज्यज्सभा में बीजेपी की संख्या 96 तक पहुंच गई है। वहीं, एनडीए 112 पर पहुंच गया है। इसके साथ ही उच्च सदन में जहां भाजपा अकेले अपने दम पर बहुमत के करीब पहुंच गई है, जबकि एनडीए ने बहुमत का आंकड़ा छू लिया है। इतिहास में पहली बार है कि एनडीए राज्यसभा में आत्मनिर्भर हुई है, जिससे मोदी सरकार को बिल पास करवाने में आसानी होगी। *कौन-कौन निर्विरोध निर्वाचित हुए?* राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए भाजपा उम्मीदवारों में असम से मिशन रंजन दास और रामेश्वर तेली, बिहार से मनन कुमार मिश्रा, हरियाणा से किरण चौधरी, मध्य प्रदेश से जॉर्ज कुरियन, महाराष्ट्र से धिर्य शील पाटिल, ओडिशा से ममता मोहंता, त्रिपुरा से भट्टाचार्जी, राजस्थान से रवनीत सिंह बिट्टू और राजीव शामिल हैं। राकांपा अजित पवार गुट के नितिन पाटिल महाराष्ट्र से निर्वाचित हुए। वहीं, आरएलएम के उपेंद्र कुशवाहा बिहार से उच्च सदन में पहुंचे हैं। तेलंगाना से कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी निर्विरोध चुने गए। *राज्यसभा में बहुमत का आंकड़ा* राज्यसभा में सदस्यों की संख्या 245 है, जिसमें से आठ सीटें खाली हैं। इसमें 4 जम्मू-कश्मीर और चार मनोनीत सदस्य शामिल हैं। फिलहाल सदन में सदस्यों की संख्या 237 है। बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने के लिए 119 सदस्यों की जरूरत है। राज्यसभा में बीजेपी के 9 और उम्मीदवार जीतने के बाद उसकी उच्च में सदस्यों की संख्या 96 पहुंच गई है और उसके सहयोगी दलों के 16 सदस्य हैं। ऐसे में राज्यसभा में एनडीए की संख्या 112 हो गई है। हालांकि वह अभी संपूर्ण रूप से बहुमत तक नहीं पहुंची है, लेकिन 6 मनोनीत और एक निर्दलीय सदस्य के समर्थन से बहुमत का आंकड़ा छू लिया है। अब एनडीए को कोई जरूरी बिल पास कराने के लिए बीजेडी, वाईएसआर कांग्रेस, बीआरएस और एआईएडीएमके पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। उच्च सदन में बीजेपी के सहयोगी दलों में जेडी(यू), एनसीपी, जेडी(एस), आरपीआई(ए), शिवसेना, आरएलडी, आरएलएम, एनपीपी, पीएमके, तमिल मनीला कांग्रेस और यूपीपीएल शामिल हैं। *सरकार के लिए राज्यसभा में अहम बिल पास कराना होगा आसान* उच्च सदन में बहुमत का यह आंकड़ा विपक्ष के काफी विरोधों को बावजूद सरकार के लिए जरूरी विधेयकों को पास कराना आसान बना देगा। पिछले कुछ वर्षों में, विपक्ष की बड़ी संख्या अक्सर विवादास्पद सरकारी विधेयकों को उच्च सदन में रोके रखती थी। उनमें से कुछ को नवीन पटनायक की बीजू जनता दल और वाईएस जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस जैसे गुटनिरपेक्ष दलों की मदद से पास करवाया जा सका है। लेकिन अब ये दोनों पार्टियां अपने-अपने राज्यों में सत्ता खो चुकी हैं।ओडिशा में भाजपा के हाथों बीजद की हार और आंध्र प्रदेश में एनडीए के एक सहयोगी चंद्रबाबू नायडू के सामने वाईएसआर कांग्रेस हार के बाद उनके समर्थन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। हालांकि, बहुमत का आंकड़ा छूने के बाद अब भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए सरकार को महत्वपूर्ण बिल पारित कराने के लिए बीजद, वाईएसआर कांग्रेस, बीआरएस और एआईएडीएमके पर निर्भर नहीं रहना होगा। *राज्यसभा में कांग्रेस के लिए विपक्ष की कुर्सी सुरक्षित* इधर, तेलंगाना से कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी निर्विरोध चुने जाने के बाद पार्टी की राज्यसभा में नेता विपक्ष की कुर्सी भी सुरक्षित रहेगी। राज्यसभा में कांग्रेस की संख्या एक बढ़कर 27 हो गई है। विपक्ष की कुर्सी पर काबिज रहने के लिए 25 सीटों की जरूरत होती है। कांग्रेस के पास दो सदस्य अधिक हैं। वहीं, राज्यसभा में विपक्ष के सदस्यों की संख्या 85 हो गई है।
राज्यसभा में बीजेपी की “बल्ले-बल्ले”, 10 साल में पहली बार एनडीए को बहुमत, 12 में से 11 सीटों पर कब्जा

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राज्यसभा की 12 सीटों पर उपचुनाव में सभी उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए। 12 में से एनडीए को 11 पर जीत मिली है। इनमें भाजपा 9, अजीत पवार गुट और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को एक-एक सीट मिली हैं। वहीं, कांग्रेस का एक उम्मीदवार जीता है। नौ और सदस्यों के जुड़ने के साथ ही राज्यज्सभा में बीजेपी की संख्या 96 तक पहुंच गई है। वहीं, एनडीए 112 पर पहुंच गया है। इसके साथ ही उच्च सदन में जहां भाजपा अकेले अपने दम पर बहुमत के करीब पहुंच गई है, जबकि एनडीए ने बहुमत का आंकड़ा छू लिया है। इतिहास में पहली बार है कि एनडीए राज्यसभा में आत्मनिर्भर हुई है, जिससे मोदी सरकार को बिल पास करवाने में आसानी होगी।

कौन-कौन निर्विरोध निर्वाचित हुए?

राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए भाजपा उम्मीदवारों में असम से मिशन रंजन दास और रामेश्वर तेली, बिहार से मनन कुमार मिश्रा, हरियाणा से किरण चौधरी, मध्य प्रदेश से जॉर्ज कुरियन, महाराष्ट्र से धिर्य शील पाटिल, ओडिशा से ममता मोहंता, त्रिपुरा से भट्टाचार्जी, राजस्थान से रवनीत सिंह बिट्टू और राजीव शामिल हैं। राकांपा अजित पवार गुट के नितिन पाटिल महाराष्ट्र से निर्वाचित हुए। वहीं, आरएलएम के उपेंद्र कुशवाहा बिहार से उच्च सदन में पहुंचे हैं। तेलंगाना से कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी निर्विरोध चुने गए।

राज्यसभा में बहुमत का आंकड़ा

राज्यसभा में सदस्यों की संख्या 245 है, जिसमें से आठ सीटें खाली हैं। इसमें 4 जम्मू-कश्मीर और चार मनोनीत सदस्य शामिल हैं। फिलहाल सदन में सदस्यों की संख्या 237 है। बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने के लिए 119 सदस्यों की जरूरत है।

राज्यसभा में बीजेपी के 9 और उम्मीदवार जीतने के बाद उसकी उच्च में सदस्यों की संख्या 96 पहुंच गई है और उसके सहयोगी दलों के 16 सदस्य हैं। ऐसे में राज्यसभा में एनडीए की संख्या 112 हो गई है। हालांकि वह अभी संपूर्ण रूप से बहुमत तक नहीं पहुंची है, लेकिन 6 मनोनीत और एक निर्दलीय सदस्य के समर्थन से बहुमत का आंकड़ा छू लिया है। अब एनडीए को कोई जरूरी बिल पास कराने के लिए बीजेडी, वाईएसआर कांग्रेस, बीआरएस और एआईएडीएमके पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। उच्च सदन में बीजेपी के सहयोगी दलों में जेडी(यू), एनसीपी, जेडी(एस), आरपीआई(ए), शिवसेना, आरएलडी, आरएलएम, एनपीपी, पीएमके, तमिल मनीला कांग्रेस और यूपीपीएल शामिल हैं।

सरकार के लिए राज्यसभा में अहम बिल पास कराना होगा आसान

उच्च सदन में बहुमत का यह आंकड़ा विपक्ष के काफी विरोधों को बावजूद सरकार के लिए जरूरी विधेयकों को पास कराना आसान बना देगा। पिछले कुछ वर्षों में, विपक्ष की बड़ी संख्या अक्सर विवादास्पद सरकारी विधेयकों को उच्च सदन में रोके रखती थी। उनमें से कुछ को नवीन पटनायक की बीजू जनता दल और वाईएस जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस जैसे गुटनिरपेक्ष दलों की मदद से पास करवाया जा सका है। लेकिन अब ये दोनों पार्टियां अपने-अपने राज्यों में सत्ता खो चुकी हैं।ओडिशा में भाजपा के हाथों बीजद की हार और आंध्र प्रदेश में एनडीए के एक सहयोगी चंद्रबाबू नायडू के सामने वाईएसआर कांग्रेस हार के बाद उनके समर्थन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। हालांकि, बहुमत का आंकड़ा छूने के बाद अब भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए सरकार को महत्वपूर्ण बिल पारित कराने के लिए बीजद, वाईएसआर कांग्रेस, बीआरएस और एआईएडीएमके पर निर्भर नहीं रहना होगा।

राज्यसभा में कांग्रेस के लिए विपक्ष की कुर्सी सुरक्षित

इधर, तेलंगाना से कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी निर्विरोध चुने जाने के बाद पार्टी की राज्यसभा में नेता विपक्ष की कुर्सी भी सुरक्षित रहेगी। राज्यसभा में कांग्रेस की संख्या एक बढ़कर 27 हो गई है। विपक्ष की कुर्सी पर काबिज रहने के लिए 25 सीटों की जरूरत होती है। कांग्रेस के पास दो सदस्य अधिक हैं। वहीं, राज्यसभा में विपक्ष के सदस्यों की संख्या 85 हो गई है।

मोहन भागवत को मिलेगी पीएम मोदी और अमित शाह के स्तर की सिक्योरिटी, जानें सुरक्षा Z+ से क्यों बढ़ाई गई*
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केद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत की सुरक्षा को और मजबूत कर दिया है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के सुरक्षा प्रोटोकॉल को जेड-प्लस से बढ़ा दिया गया है। उन्हें अब वही सुरक्षा घेरा मिलेगा जो पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह को मिली हुई है।यह सुरक्षा घेरा एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (एएसएल) कहा जाता है।एएसएल सुरक्षा पीएम और गृह मंत्री को मिलती है। *क्यों बढ़ाई गई भागवत की सुरक्षा?* मोहन भागवत की सुरक्षा बढ़ाए जाने के बाद सवाल उठने लगा है कि आखिर उनको किससे खतरा है कि उनको पीएम मोदी और अमित शाह के स्तर की सुरक्षा दी गई है। टाइम्स ऑफ इंडिया के सूत्रों के अनुसार, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की सुरक्षा की समीक्षा के आधार पर एक पखवाड़े पहले सुरक्षा बढ़ाने को अंतिम रूप दिया गया था। कथित तौर पर गैर-बीजेपी दलों द्वारा शासित राज्यों में मोहन भागवत के दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा 'ढीली' पाई गई थी, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। *भारत विरोधी संगठनों के निशाने पर हैं भागवत!* सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय को कुछ राज्यों में भागवत की सुरक्षा में ढिलाई देखने को मिली थी, जिसके बाद नए सुरक्षा प्रोटोकॉल पर काम किया गया और उनकी सुरक्षा को मजबूत किया गया। ऐसा माना जा रहा है कि वह कई भारत विरोधी संगठनों के निशाने पर हैं। बढ़ती चिंता और तमाम एजेंसियों से मिले इनपुट के बाद गृह मंत्रालय ने भागवत को एएसएल सुरक्षा देने का फैसला किया। सुरक्षा बढ़ाए जाने के संबंध में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जानकारी दी गई है। *क्या है एएसएल सिक्योरिटी?* सिक्यॉरिटी का यह बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा है। इसमें हेलीकॉप्टर यात्रा भी केवल विशेष रूप से डिजाइन किए गए हेलीकॉप्टरों में दी जाती है और तयशुदा प्रोटोकॉल इस पर लागू किया जाता है। नए प्रोटोकॉल के तहत, जिला प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग सहित स्थानीय एजेंसियां भागवत की सुरक्षा में मुस्तैद रहेंगी और सक्रिय भूमिका में होंगी। इस रणनीति में बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा, सख्त तोड़फोड़ विरोधी उपाय और किसी भी दौरे से पहले समीक्षा और रिहर्सल शामिल हैं।