राज्यसभा में बीजेपी की “बल्ले-बल्ले”, 10 साल में पहली बार एनडीए को बहुमत, 12 में से 11 सीटों पर कब्जा
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राज्यसभा की 12 सीटों पर उपचुनाव में सभी उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए। 12 में से एनडीए को 11 पर जीत मिली है। इनमें भाजपा 9, अजीत पवार गुट और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को एक-एक सीट मिली हैं। वहीं, कांग्रेस का एक उम्मीदवार जीता है। नौ और सदस्यों के जुड़ने के साथ ही राज्यज्सभा में बीजेपी की संख्या 96 तक पहुंच गई है। वहीं, एनडीए 112 पर पहुंच गया है। इसके साथ ही उच्च सदन में जहां भाजपा अकेले अपने दम पर बहुमत के करीब पहुंच गई है, जबकि एनडीए ने बहुमत का आंकड़ा छू लिया है। इतिहास में पहली बार है कि एनडीए राज्यसभा में आत्मनिर्भर हुई है, जिससे मोदी सरकार को बिल पास करवाने में आसानी होगी।
कौन-कौन निर्विरोध निर्वाचित हुए?
राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए भाजपा उम्मीदवारों में असम से मिशन रंजन दास और रामेश्वर तेली, बिहार से मनन कुमार मिश्रा, हरियाणा से किरण चौधरी, मध्य प्रदेश से जॉर्ज कुरियन, महाराष्ट्र से धिर्य शील पाटिल, ओडिशा से ममता मोहंता, त्रिपुरा से भट्टाचार्जी, राजस्थान से रवनीत सिंह बिट्टू और राजीव शामिल हैं। राकांपा अजित पवार गुट के नितिन पाटिल महाराष्ट्र से निर्वाचित हुए। वहीं, आरएलएम के उपेंद्र कुशवाहा बिहार से उच्च सदन में पहुंचे हैं। तेलंगाना से कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी निर्विरोध चुने गए।
राज्यसभा में बहुमत का आंकड़ा
राज्यसभा में सदस्यों की संख्या 245 है, जिसमें से आठ सीटें खाली हैं। इसमें 4 जम्मू-कश्मीर और चार मनोनीत सदस्य शामिल हैं। फिलहाल सदन में सदस्यों की संख्या 237 है। बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने के लिए 119 सदस्यों की जरूरत है।
राज्यसभा में बीजेपी के 9 और उम्मीदवार जीतने के बाद उसकी उच्च में सदस्यों की संख्या 96 पहुंच गई है और उसके सहयोगी दलों के 16 सदस्य हैं। ऐसे में राज्यसभा में एनडीए की संख्या 112 हो गई है। हालांकि वह अभी संपूर्ण रूप से बहुमत तक नहीं पहुंची है, लेकिन 6 मनोनीत और एक निर्दलीय सदस्य के समर्थन से बहुमत का आंकड़ा छू लिया है। अब एनडीए को कोई जरूरी बिल पास कराने के लिए बीजेडी, वाईएसआर कांग्रेस, बीआरएस और एआईएडीएमके पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। उच्च सदन में बीजेपी के सहयोगी दलों में जेडी(यू), एनसीपी, जेडी(एस), आरपीआई(ए), शिवसेना, आरएलडी, आरएलएम, एनपीपी, पीएमके, तमिल मनीला कांग्रेस और यूपीपीएल शामिल हैं।
सरकार के लिए राज्यसभा में अहम बिल पास कराना होगा आसान
उच्च सदन में बहुमत का यह आंकड़ा विपक्ष के काफी विरोधों को बावजूद सरकार के लिए जरूरी विधेयकों को पास कराना आसान बना देगा। पिछले कुछ वर्षों में, विपक्ष की बड़ी संख्या अक्सर विवादास्पद सरकारी विधेयकों को उच्च सदन में रोके रखती थी। उनमें से कुछ को नवीन पटनायक की बीजू जनता दल और वाईएस जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस जैसे गुटनिरपेक्ष दलों की मदद से पास करवाया जा सका है। लेकिन अब ये दोनों पार्टियां अपने-अपने राज्यों में सत्ता खो चुकी हैं।ओडिशा में भाजपा के हाथों बीजद की हार और आंध्र प्रदेश में एनडीए के एक सहयोगी चंद्रबाबू नायडू के सामने वाईएसआर कांग्रेस हार के बाद उनके समर्थन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। हालांकि, बहुमत का आंकड़ा छूने के बाद अब भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए सरकार को महत्वपूर्ण बिल पारित कराने के लिए बीजद, वाईएसआर कांग्रेस, बीआरएस और एआईएडीएमके पर निर्भर नहीं रहना होगा।
राज्यसभा में कांग्रेस के लिए विपक्ष की कुर्सी सुरक्षित
इधर, तेलंगाना से कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी निर्विरोध चुने जाने के बाद पार्टी की राज्यसभा में नेता विपक्ष की कुर्सी भी सुरक्षित रहेगी। राज्यसभा में कांग्रेस की संख्या एक बढ़कर 27 हो गई है। विपक्ष की कुर्सी पर काबिज रहने के लिए 25 सीटों की जरूरत होती है। कांग्रेस के पास दो सदस्य अधिक हैं। वहीं, राज्यसभा में विपक्ष के सदस्यों की संख्या 85 हो गई है।
Aug 28 2024, 11:14