हिन्दी साहित्य सम्वर्द्धन में अवधी की भूमिका ' विषयक संगोष्ठी एवं कवि गोष्ठी का शुभारम्भ
अमेठी 25 अगस्त, रविवार को अवधी साहित्य संस्थान की ओर से कलावती लालजी गर्ल्स इन्टरमीडिएट कालेज चतुर्भुजपुर के विवेकानंद सभागार में ' ' ' हिन्दी साहित्य सम्वर्द्धन में अवधी की भूमिका ' विषयक संगोष्ठी एवं कवि गोष्ठी का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती, गोस्वामी तुलसीदास एवं मलिक मोहम्मद जायसी के चित्र पर पूजा अर्चना एवं माल्यार्पण एवं वाणी वंदना मकसूद जाफरी से हुआ।
अतिथियों का स्वागत करते हुए अवधी साहित्य संस्थान अमेठी के अध्यक्ष डॉ अर्जुन पाण्डेय ने कहा साहित्य समाज का दर्पण है। हिन्दी साहित्य सम्वर्द्धन में अवधी की भूमिका अहम है। अवध,अवधी एवं अवधी संस्कृति का स्थान दुनिया में सर्वोपरि है, जिसका प्रमाण श्रीरामचरितमानस दुनिया का सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ है। हमें अपनी निज भाषा पर गर्व है।मुख्य अतिथि कण्व कुमार मिश्र ने कहा कि हिन्दी साहित्य एवं अवधी के सम्वर्द्धन में प्रवासी साहित्यकारों का योगदान सराहनीय है। संगोष्ठी के द्वितीय सत्र में कवियों ने अपनी रसभरी काव्य रचनाओं से श्रोताओं को आह्लादित कर दिया।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैदरगढ़ की धरती से पधारे वेद प्रकाश सिंह प्रकाश ने पढ़ा प्रेम के बीज ना बोय सकै, पर द्वेष के आगि लगाने लगे हैं।
मुख्य अतिथि के रूप में पधारे पुलिस इंस्पेक्टर डॉ कण्व कुमार मिश्रा इश्क सुल्तानपुरी ने पढ़ा - हर माथे पर निशान बाटै , रस्ता सबका भूलन बाटै । प्रतापगढ़ से पधारे आचार्य अनीश देहाती ने पढ़ा - जिस पावन धरती पर हमने जन्म लिया है , उसकी रक्षा में उसके प्रति मरना सीखें ।
सुल्तानपुर से पधारे हरिनाथ शुक्ला हरि ने पढ़ा -धर्म हित धर्म रण के रचैया , धर्म करना सिखाया तुम्हीं ने । संस्थान के उपाध्यक्ष राजेंद्र शुक्ला अमरेश ने पढ़ा - झूलना झूले कदम की डरिया ,कि गोरिया गावैं कजरिया ना । हिंदी के उन्नयन में अवधि की भूमिका पर कैलाश शर्मा , सत्येंद्र नाथ शुक्ला , डॉ अभिमन्यु पांडे , जगन्निवास मिश्रा ने अपने विचार प्रकट किये ।मकसूद जाफरी ने पढ़ा - उस अग्नि पर चल जाऊंगी तुम राम बनो बनवास करो ।
ज्ञानेंद्र पांडे अवधी मधुरस ने पढ़ा - सुनिहौ जबही कविता सजरा पुरजोर दिखै ,चदरायननु ते पदमावतु चहुं मा अवधी । पप्पू सिंह कसक ने पढ़ा - देश दुर्दशा को देख खुद ही रो रहा है , भ्रष्टाचार मुखिया बना न्याय सो रहा है । चंद्र प्रकाश पांडे मंजुल ने पढ़ा- तू समझत थ्या छोटा मोटा , सब चाटि जाब सांसद कोटा । रामेश्वर सिंह निराश ने पढ़ा - देखने में तो ऊपर सलोना बड़ा , सांप से भी विषैला हुआ आदमी ।
हैदरगढ़ से पधारे सौरभ स्माइल ने पढ़ा - प्यार दुलार लुटावत अआपन मात पिता अति ही मन भावैं । सुरेश नवीन ने पढ़ा - उमर को हौसले से नहीं आंकिए, आज भी हम हिमालय पर चढ़ जाएंगे । जगदंबा मधुर ने पढ़ा - ले लो कलयुग में अवतार सुदर्शन धारी आ जाओ । समीर मिश्र ने पढ़ा - खूब फर्जी वोट डवाये अही , तव परधानी पाये अही ।
केसरी शुक्ला ने पढ़ा - यह बिखर प्यार के मोती चलो पलकों पर रख लें हम , न जाने जिंदगी किस मोड़ पर कब अलविदा कह दे । तेज भान सिंह ने पढ़ा - मर्यादा की रक्षा का एक ही आधार हो , मां का आंचल जो मैला कर दे उसका केवल संहार हो । राम बदन ने पढ़ा - भावनाएं नहीं आसुरी चाहिए , राधा कान्हा की छवि माधुरी चाहिए । डॉ अर्चना ओजस्वी ने पढ़ा - चूल्हा चौका से पहले मां सिखा तलवार दो , लड़ सकून खुद के लिए पापा मुझे अधिकार दो । राम कुमारी संसृति ने पढ़ा - मिसरी घोलै हमरी बगिया में झूम झूम के । कार्यक्रम का संचालन कर रहे कवि अनिरुद्ध मिश्रा ने पढ़ा - जो समर्पित किए देशहित जिंदगी उनकी यादों का दीपक बुझाना नहीं।कवियों की रचनाएं सुनकर लोगों ने खूब तालियां बजाई । इस अवसर पर कलावती लाल जी बालिका इंटर कॉलेज के प्रबंधक डॉ देवमणि तिवारी , प्रधानाचार्य विपिन कुमार शुक्ल , रमापति मिश्रा, टीपी मिश्रा , एसपी मिश्रा , अमर बहादुर सिंह, विजय नाथ पांडे, विवेक कुमार सिंह, अरविंद दुबे , जेपी शुक्ला , सहित सैकड़ो लोग उपस्थित रहे ।
विद्यालय के प्रबंधक डॉ देवमणि तिवारी ने आए हुए कवियों एवं अतिथियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि हमें अपनी अवधी भाषा पर गर्व है और हम सभी मिलकर इस और अधिक ऊंचाई पर ले जाने का कार्य करेंगे ।सभी ने कवियों का उत्साह वर्धन किया ।

Aug 27 2024, 13:22
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