मप्र सरकार फिर लेगी 5 हजार करोड़ का कर्ज, 18 दिन पहले लिया था पांच हजार करोड़ का लोन, MP पर 3.8 लाख करोड़ का कर्ज
मध्य प्रदेश सरकार इस सप्ताह 5000 करोड़ रुपये का कर्ज लेने जा रही है। यह इस वित्तीय वर्ष का दूसरा कर्ज होगा। नए कर्ज के साथ इस महीने लिया गया कुल कर्ज 10,000 करोड़ रुपये हो जाएगा। इससे पहले 1 अगस्त को सरकार ने इस वित्तीय वर्ष का पहला 5000 करोड़ रुपये का कर्ज लेने की औपचारिकता शुरू की थी।
यह कर्ज 2500 करोड़ रुपये की दो किस्तों में लिया जाएगा। इस महीने की शुरुआत में लिया गया कर्ज भी 2500 करोड़ रुपये की दो किस्तों में लिया गया था। राज्य सरकार का दावा है कि राजकोषीय स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन 31 मार्च 2024 तक राज्य का कुल कर्ज 3.75 लाख करोड़ रुपये हो गया है। नए कर्ज के साथ मध्य प्रदेश सरकार का कर्ज 3.85 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा।
पिछले साल नवंबर में विधानसभा चुनाव के बाद बनी मोहन यादव सरकार को 3.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज विरासत में मिला था। मप्र सरकार ने पिछले वित्त वर्ष में 42,500 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। जिसमें से मोहन यादव सरकार ने 1 जनवरी 2024 से 31 मार्च के बीच सिर्फ तीन महीनों में 17,500 करोड़ रुपए लगभग 41 फीसदी कर्ज लिया था।
पिछले महीने विधानसभा में राज्य का बजट पेश होने के बाद वित्त विभाग ने निर्देश दिया था कि 125 योजनाओं में पैसा वित्त विभाग की पूर्व अनुमति के बिना नहीं निकाला जा सकता है। प्रभावित 47 विभागों के अंतर्गत आने वाली 125 योजनाओं में कई बड़ी योजनाएं शामिल हैं। इनमें महाकाल परिसर विकास योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, तीर्थ यात्रा योजना, रामपथ गमन क्षेत्रीय विकास, पीएम जन आरोग्य योजना यानि आयुष्मान भारत भी शामिल हैं।
सरकार की प्रमुख वित्तीय जिम्मेदारियों में लाड़ली बहना योजना का भुगतान भी शामिल है, जिसके लिए हर महीने करीब 1,600 करोड़ रुपये की जरूरत होती है। यह योजना पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले शुरू की गई थी। इसे भाजपा के लिए गेम चेंजर बताया गया था। इस योजना के लिए अभी तक धन की कोई कमी नहीं है। इसी तरह सरकार नया सरकारी विमान खरीदने, मंत्रियों के लिए कार खरीदने और मंत्रियों के बंगलों के रिनोवेशन पर भी पैसा खर्च करने से पीछे नहीं हटी है।
राज्य का बजट पेश करने के एक सप्ताह बाद 10 जुलाई को मप्र सरकार ने राज्य के लिए 230 करोड़ रुपये से अधिक की लागत का जेट विमान खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। अगले कुछ महीनों में मंत्रियों के बंगलों के रिनोवेशन पर कम से कम 18 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। मई में सरकार ने मंत्रियों के लिए करीब 5 करोड़ रुपये की एसयूवी खरीदने का ऑर्डर दिया था। अधिकारियों ने बताया कि हर लोन के लिए केंद्र सरकार की सहमति ली जाती है। वित्तीय स्थिति के आधार पर राज्य सरकार द्वारा लोन लेने की सीमा तय की गई थी। सरकार द्वारा लिए गए लोन का इस्तेमाल राज्य में लागू की जाने वाली उत्पादक विकास परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए किया जाता है।
Aug 25 2024, 14:02