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अनिल कुमार जादली ने एनटीपीसी के मानव संसाधन विकास विभाग के निदेशक के रूप में कार्यभार संभाला

एनटीपीसी के मानव संसाधन विकास विभाग के निदेशक के रूप में अनिल कुमार जादली ने 

कार्यभार संभाला।

23 अगस्त 2024 को नए निदेशक (मानव संसाधन ) के रूप में वे पदभार ग्रहण कर नई कि है।

उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एनटीपीसी में

1993 से एक कार्यकारी प्रशिक्षु के रूप में शुरू की थी। एक कार्यकारी प्रशिक्षु के रूप में अपनी साधारण शुरुआत से लेकर एनटीपीसी में मानव संसाधन कार्य के शीर्ष स्तर तक का उनका उत्थान उनके जुनून, प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत को दर्शाता है।

 वे गढ़वाल विश्वविद्यालय से ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में स्नातकोत्तर हैं और उन्होंने एमडीआई, गुड़गांव से मानव संसाधन प्रबंधन में व्यवसाय प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा किया है। उन्होंने ईएससीपी-ईएपी (पेरिस, बर्लिन और ट्यूरिन) से प्रबंधन और नेतृत्व प्रशिक्षण इनपुट भी प्राप्त किए हैं। 

उनका तीन दशकों से अधिक का शानदार करियर रहा है, जिसमें लाइन और मानव संसाधन दोनों कार्य शामिल हैं। लगभग एक दशक तक लाइन फंक्शन में काम करने के बाद, उन्होंने 2004 में एचआर फंक्शन में काम करना शुरू कर दिया। 

2004 के बाद से, उन्होंने एनटीपीसी की विभिन्न परियोजनाओं में एचआर के प्रमुख सहित विभिन्न क्षमताओं में एचआर के विभिन्न पहलुओं को देखा। वे वर्ष 2020 में कॉर्पोरेट एचआर में चले गए, जहाँ उन्होंने विभिन्न एचआर रणनीतियों और पहलों के निर्माण और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 

वे “पीएलएफ से पहले लोग” दर्शन के प्रबल समर्थक हैं। अपने समृद्ध और विविध अनुभव के साथ, एनटीपीसी में एचआर आने वाले दिनों में नई उपलब्धियाँ हासिल करेगा

अब डॉ इस्तियाक के ऊपर ईडी की जाँच शुरू,संदिग्ध आतंकवादी डॉ इश्तियाक से जुड़े लेक व्यू हॉस्पिटल के संचालक को भेजा गया पूछ-ताछ के लिए सम्मन

झा. डेस्क 

 झारखंड की राजधानी रांची से गिरफ्तार अलकायदा के संदिग्ध आतंकवादी डॉ इश्तियाक से जुड़े लेक व्यू हॉस्पिटल के संचालक बबलू खान को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने समन भेजा है. उसे 26 अगस्त को पूछताछ के लिए ईडी के रांची ऑफिस में बुलाया गया है.

ईडी ने जो समन जारी किया है, उसमें बबलू खान से कहा गया है कि वह 26 अगस्त को दिन में 11 बजे जरूरी दस्तावेज के साथ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के ऑफिस पहुंचे. लेक व्यू हॉस्पिटल का लाइसेंस डॉक्टर इश्तियाक के नाम पर है. इश्तियाक को अलक़ायदा से संबंधित होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. डॉ इश्तियाक भारत के अलकायदा मॉड्यूल का लीडर बताया जा रहा है.

एंटी टेररिस्ट स्क्वायड (एटीएस) की टीम ने डॉ इश्तियाक को गुरुवार (22 अगस्त) को रांची के बरियातू से गिरफ्तार किया. अलकायदा इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) मॉड्यूल के खिलाफ दिल्ली पुलिस और झारखंड एटीएस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए झारखंड के 3 जिलों में छापेमारी के बाद 4 लोगों को हिरासत में लिया था. बबलू खान से डॉ इश्तियाक की पारिवारिक रिश्तेदारी है.

सीएम सोरेन और भाजपा प्रभारी शिवराज सिंह चौहान के बीच में वाक़युद्ध


 चौहान ने कहा युवा की रैली से डर गयी सरकार, तो सीएम सोरेन ने कहा-दूसरे राज्य के नेताओं को झारखंड बुलाकर भाजपा षड्यंत्र रच रही है

झारखण्ड डेस्क 

 विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा और सत्ताधारी दल में बाक़ युद्ध शुरू हो गया है.भाजपा द्वारा आयोजित युवा आक्रोश रैली को लेकर झारखंड सरकार ने 144 धारा लगा दिया है जिसके प्रतिक्रिया में झारखंड भाजपा के चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हेमंत सरकार युवा आक्रोश रैली से डर चुकी है. भाजपा के कार्यकर्ताओं को जगह-जगह रोका जा रहा है. यह अन्याय की पराकाष्ठा है. एक डरा हुआ मुख्यमंत्री ही ऐसा कर सकता है.

 रांची में प्रेस कांफ्रेंस कर उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन से न तो झारखंड संभल रहा है और न पार्टी. भाजपा कार्यकर्ता गीदड़ भभकी से डरनेवाले नहीं हैं. भाजपा कार्यकर्ता अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे. झारखंड की जनता को अहिंसात्मक तरीके से न्याय दिलाने तक लड़ाई जारी रहेगी. हेमंत सोरेन सरकार आंदोलन को कुचल नहीं सकती. तो वहीं सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि भाजपा नेताओं से अपनी पार्टी संभल नहीं रही है और दूसरे दलों को परेशान कर रहे हैं.

क्या कहा शिवराज सिंह चौहान 

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हेमंत सोरेन के इशारे पर अलोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन रोकने की कोशिश करनेवाले अधिकारी समझ लें कि जब लोकतंत्र का पालन करनेवालों को इंदिरा गांधी नहीं रोक पायीं, तो हेमंत क्या रोकेंगे. अधिकारियों को समझना होगा कि यह दो महीने की सरकार है. श्री चौहान ने कहा कि डीजीपी, एसपी भाजपा को रोकने और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने का आदेश दे रहे हैं. 

कार्यकर्ताओं को भले जेल भेज दो, लेकिन भाजपा डरनेवाली नहीं है. उन्होंने कहा कि दुमका के मुफ्फसिल थाना में रांची जा रही दो बसों को जब्त कर लिया गया.

जामताड़ा में चार बसों को टाउन डीएसपी ने जब्त कर रांची जाने से रोका. बस मालिकों को रांची न जाने की हिदायत दे कर धमकाया जा रहा है. जामताड़ा के फतेहपुर थाना में रांची जा रहे कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया. शायराना अंदाज में उन्होंने कहा : मूर की एक किरण जुल्मात पे भारी होगी, रात तुम्हारी है, तो सुबह हमारी होगी… 

हेमंत सोरेन ने कहा...

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा नेताओं से अपनी पार्टी संभल नहीं रही है और दूसरे दलों को परेशान कर रहे हैं. दूसरे राज्य के नेताओं को झारखंड बुलाकर भाजपा षड्यंत्र रच रही है. लेकिन राज्य की जनता के ताकत पर महागठबंधन की सरकार टिकी हुई है और सुचारु चलती रहेगी. 

महागठबंधन सरकार विकसित और खुशहाल झारखंड बनाने के लक्ष्य को लेकर काम कर रही है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए गांवों को विकास से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है.

 वहीं, ग्रामीणों को सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ पहुंचाया जा रहा है. आधी आबादी को सशक्त व स्वावलंबी बनाने की दिशा में राज्य सरकार ने कई तरह की योजनाएं संचालित की हैं. ‘झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना’ उसी का एक हिस्सा है. आज 1000 रुपये दे रहे हैं, अगले पांच साल के भीतर हर घर को एक-एक लाख रुपये देंगे.

रांची में भाजपा की युवा आक्रोश रैली का आयोजन।


रिपोर्टर पिंटू कुमार।

युवा समाजसेवी हर्ष अजमेर ने जानकारी दी है कि भारतीय जनता पार्टी ने रांची में एक भव्य युवा आक्रोश रैली का आयोजन किया है। इस रैली में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल होंगे। रैली का मुख्य उद्देश्य हेमंत सोरेन सरकार द्वारा किए गए वादों को दोहराना है। 

हर्ष अजमेर ने कहा, हम सभी हजारीबाग से रैली का आयोजन करते हुए रांची के मोराबादी पहुंचेंगे, ताकि हेमंत सोरेन के वादों को याद दिलाया जा सके। सूत्रों के अनुसार, रैली में एक लाख युवाओं के भाग लेने का दावा किया गया है, जो राज्य के राजनीतिक मंच पर एक महत्वपूर्ण घटना साबित हो सकती है। इस कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के साथ-साथ पार्टी के कई अन्य नेताओं और विधायकों की मौजूदगी सुनिश्चित की गई है। राजधानी रांची में इस रैली के लिए व्यापक तैयारियां की गई हैं। 

यह रैली राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जा रही है और इसे युवा सशक्तीकरण के लिए एक बड़ा मंच माना जा रहा है।

झारखण्ड में बंगालदेशी घुसपैठिये को लेकर केंद्र सरकार द्वारा शपथ पत्र दाखिल किये जाने में किये जा रहे बिलम्ब पर कोर्ट ने लगयी कड़ी फटकार*

झारखण्ड डेस्क 

झारखंड हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से शपथ पत्र दाखिल नहीं किए जाने पर की कड़ी टिप्पणी। कोर्ट ने IB, UIADI और BSF की ओर से अलग-अलग शपथ पत्र दाखिल किए जाने के लिए चार सप्ताह का समय मांगे जाने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि झारखंड में आदिवासी की आबादी कम होती जा रही है और केंद्र सरकार चुप है।

झारखंड का निर्माण आदिवासियों को हितों की रक्षा के लिए किया गया था। लगता है केंद्र सरकार बांग्लादेशी घुसपैठियों के झारखंड में प्रवेश को रोकने को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही है।

कोर्ट ने कहा कि आईबी हर सप्ताह 24 घंटे काम करती है लेकिन बांग्लादेशी घुसपैठियों जैसे संवेदनशील मुद्दों पर अपना जवाब दाखिल नहीं कर रही है। BSF की भी बांग्लादेशी घुसपैठियों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका है लेकिन प्रतीत होता है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को रोकने के मामले में केंद सरकार का सकारात्मक रुख नहीं है। 

चीफ जस्टिस और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए पांच सितंबर की तिथि निर्धारित कर दी।

मामले में राज्य सरकार की ओर से भी जवाब दाखिल किया जा चुका है लेकिन केंद्र सरकार जवाब के लिए चार से छह सप्ताह का समय मांग रही है। कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा चार सप्ताह मांगे जाने संबंधी हस्तक्षेप याचिका (आईए) को खारिज करते हुए केंद्र सरकार को दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इससे पहले राज्य सरकार की ओर से छह जिलों के DC एवं SP की ओर से जवाब दाखिल किया गया।

कोर्ट ने मौखिक कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों का मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा है, इसलिए सभी प्रतिवादियों को समय से अपना जवाब दाखिल करना होगा। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने भारत सरकार के इंटेलिजेंस ब्यूरो के डायरेक्टर, बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के डायरेक्टर जनरल, चीफ इलेक्शन कमीशन ऑफ़ इंडिया , डायरेक्टर जनरल यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया , NIA को प्रतिवादी बनाया था, उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

बांग्लादेशी घुसपैठियों पर कार्रवाई के संबंध में हाई कोर्ट ने पिछली सुनवाई में संथाल परगना के छह जिलों के DC को शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया था। गुरुवार को संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण वहां जनसंख्या की स्थिति में कुप्रभाव को लेकर दानियल दानिश की जनहित याचिका की सुनवाई हुई।

याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा है कि जामताड़ा, पाकुड़, गोड्डा और साहिबगंज आदि झारखंड के बॉर्डर इलाके से बांग्लादेशी घुसपैठिए झारखंड आ रहे हैं। इससे इन जिलों में जनसंख्या पर कुप्रभाव पड़ रहा है। इन जिलों में बड़ी संख्या में मदरसा स्थापित किए जा रहे हैं।

साथ ही स्थानीय आदिवासियों के साथ वैवाहिक संबंध बनाए जा रहे हैं। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि इस मामले में भारत सरकार का गृह मंत्रालय रिपोर्ट दाखिल करे और बताए कि झारखंड के बॉर्डर इलाके से कैसे बांग्लादेशी घुसपैठिए झारखंड आ रहे हैं और उनके द्वारा झारखंड में कैसे लोगों को गुमराह कर वैवाहिक संबंध स्थापित किए जा रहे हैं।

अल-कायदा से प्रभावित एक आतंकी मॉड्यूल के मुखिया रांची का डॉ. इश्तियाक, समेत 14 गिरफ्तार
देश भर में थी आतंकी हमला  की तैयारी, पुलिस ने किया पर्दाफाश


दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने झारखंड, राजस्थान और उत्तरडॉ. इश्तियाक प्रदेश के पुलिस बलों के साथ एक संयुक्त अभियान में अल-कायदा से प्रभावित एक आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है।

इस आतंकी मॉड्यूल का मुखिया झारखंड की राजधानी राँची का डॉ. इश्तियाक है, जिसके नेतृत्व में ये मॉड्यूल देश भर में सार्वजनिक जगहों पर हमलों की तैयारी कर रहा था।

आतंकी हमलों की तैयारी के लिए आतंकियों को ट्रेनिंग भी दी जा रही थी। राजस्थान के भिवाड़ी में ट्रेनिंग ले रहे 6 आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, तो देश के अलग-अलग हिस्सों से 8 अन्य संदिग्धों को भी हिरासत में लिया गया है।

*देश के अलग-अलग 17 हिस्सों में अब भी छापेमारी की कार्रवाई जारी है*

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने खुफिया ऑपरेशन के तहत, राजस्थान के भिवाड़ी में छह संदिग्ध आतंकवादियों को हथियार प्रशिक्षण के दौरान गिरफ्तार किया गया। साथ ही झारखंड और उत्तर प्रदेश से आठ संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।

दिल्ली पुलिस ने छापेमारी के दौरान हथियार, गोला-बारूद और साहित्य बरामद किया, जो अभी भी जारी है। स्पेशल सेल ने संभावित आतंकवादी गतिविधियों को विफल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण सफलता मिली।
दो दिवसीय राज्य स्तरीय महिला पुलिस सम्मेलन, के लिए सीएम सोरेन को किया गया आमंत्रित

झा. डेस्क 

रांची। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में राज्य के पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता और अपर पुलिस महानिदेशक श्रीमती सुमन गुप्ता ने 22 अगस्‍त को भेंट की। 

इस अवसर पर उन्होंने मुख्यमंत्री को प्रथम दो दिवसीय राज्य स्तरीय महिला पुलिस सम्मेलन- 2024 में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित होने को लेकर निमंत्रण पत्र सौंपा। 

ज्ञात हो कि राजधानी रांची में राज्य स्तरीय महिला पुलिस सम्मेलन -2024 का आयोजन 23- 24 अगस्त को होगा।

झारखंड की राजधानी रांची के कई इलाके में धारा 144 लागू, इस दौरान धरना, प्रदर्शन, जुलूस, रैली इत्यादि पर रोक

झा. डेस्क 

रांची। झारखंड की राजधानी रांची के एक इलाके में धारा 144 लगा दी गई है। इस दौरान कई गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। इसका उल्‍लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जा सकती है। इसका आदेश जारी कर दिया गया है।

आदेश में कहा गया है कि कतिपय संगठनों / दलों द्वारा धरना, प्रदर्शन, जुलूस, रैली इत्यादि किए जाने की सूचना है। मुख्यमंत्री आवास घेराव की संभावना है। हाल के दिनों में पूर्व में निर्धारित स्थान जाकिर हुसैन पार्क की जगह यह कार्यक्रम राजभवन मुख्य द्वार, मुख्यमंत्री आवास, कांके रोड पर भी हो रहे हैं।

इस प्रकार के कार्यक्रमों से सरकारी कामकाज में व्यवधान उत्पन्न होने के साथ-साथ यातायात व्यवस्था बाधित होने एवं विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो जाती है। लोक परिशांति भंग होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।

 इसे लेकर अनुमंडल दंडाधिकारी रांची सदर उत्कर्ष कुमार ने बि० एन० एस० एस० की धारा-163 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए रांची सदर अनुमंडल अंतर्गत मोहराबादी मैदान के 500 मीटर परिधि में (मैदान को छोडकर) निम्न प्रकार की निषेधाज्ञा जारी किया गया। यह निषेधाज्ञा 23 अगस्‍त, 2024 के पूर्वाहन 11 बजे से रात 11 बजे तक लागू रहेगा।

इसपर रहेगा प्रतिबंध

उक्त क्षेत्र में पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों का एक जगह जमा होना या चलना

किसी प्रकार का अस्त्र शस्त्र, जैसे-बंदूक, राईफल, रिवाल्वर, पिस्टल, बम, बारूद आदि लेकर निकलना या चलना 

किसी प्रकार का हरवे हथियार जैसे लाठी-डंडा, तीर-धनुष, गडासा-भाला आदि लेकर निकलना या चलना 

किसी प्रकार का घरना, प्रदर्शन, घेराव, जुलूस, रैली या आमसभा का आयोजन करना।

किसी प्रकार का ध्वनि विस्तारक यंत्र का व्यवहार करना

240 घनफीट अवैध बालू लदे 3 टाटा 407 जब्त, एफआइआर दर्ज

धनबाद उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी सुश्री माधवी मिश्रा के निर्देश पर जिले में खनिज संपदा के अवैध खनन, भंडारण व परिवहन के विरुद्ध कार्रवाई जारी रखते हुए जिला खनन टास्क फोर्स ने गुरुवार की सुबह 05:30 बजे अनुमंडल पदाधिकारी श्री उदय रजक की अगुवाई में खान निरीक्षक श्री बिनोद बिहारी प्रमाणिक, श्री सुमित प्रसाद, श्री विजय करमाली, श्री बसंत उरांव एवं आवंटित सशस्त्र पुलिस बल के साथ संयुक्त रूप से खनिजों के अवैध खनन व परिवहन के विरूद्ध जांच अभियान चलाया।

जांच के क्रम में धनबाद थाना अन्तर्गत पार्क मार्केट, स्वामी विवेकानन्द चौक के पास 3 टाटा 407 वाहन, जिस पर बालू लदा हुआ था, को रोकने का ईशारा किया गया।

जांच दल को देखते ही वाहनों के चालक मौके का फायदा उठाकर वाहनों को छोड़कर फरार हो गये।  जब्त टाटा 407 संख्या बीआर 17 जी 2717 तथा एक अन्य टाटा 407 (जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर मिटा दिया गया है) पर लगभग 100 - 100 घनफीट अवैध बालू और टाटा 407 संख्या जेएच 10 यू 4226 पर लगभग 40 घनफीट अवैध बालू लदा हुआ मिला।

तीनों वाहनों को जब्त कर धनबाद थाना को सुपुर्द करते हुए एफआईआर दर्ज की गई।
विधानसभा चुनाव में धनबाद से कई राजपूत नेता बने भाजपा टिकट के दावेदार, जानिये लाइन में लगे इन नेताओं में किनका है क्या प्रभाव...?

झारखंड डेस्क 

देश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले धनबाद की राजनीति में पिछले पांच दशक से राजपूत नेताओं का प्रभाव रहा है.इस राजनितिक वर्चस्व को लेकर खून ख़राब भी होती रही है.

यहां नीरज सिंह, सुरेश सिंह, शकलदेव सिंह, प्रमोद सिंह, राजीव रंजन सिंह और सुशांतो सेन गुप्ता और न जाने कितने लोगों की राजनीति में वर्चस्व को लेकर बलि चढ़ गई. इस बार भी होने वाले विधानसभा चुनाव में अभी से ताना तनी चलने लगी है.

इस बार भी कई राजपूत घरानों के नेता चुनावी मैदान में उतरने के लिए अभी से टाल टोकने लगे हैं. ये अपने भाग्य आजमाएंगे. कोयलांचल की राजनीति में इस बार चर्चित कोयला उद्योग से जुड़े एलबी सिंह की सक्रियता को लेकर चर्चा है. भाजपा से धनबाद या झरिया विधानसभा से चुनाव लड़ने के कोशिश में लगे हुए हैं. 

धनबाद से राज सिन्हा तीन बार विधायक रह चुके हैं. लोगों का कहना है कि पार्टी के भीतर कई नेता और कार्यकर्ता बयानबाजी को लेकर नाराज चल रहे हैं.इसी लिए एलबी सिंह यह उम्मीद लगा बैठे हैं कि भाजपा उन्हें धनबाद या झरिया से टिकट देगी तो वे जरूर जीत जाएंगे.

झरिया विधानसभा से भी वे टिकट के लिए प्रयासरत हैं जहां से सिंह मेंशन का परिवार पचास वर्षों से सत्ता संभाल रही है. सूर्यदेव सिंह से लेकर बच्चा सिंह, कुंती सिंह, संजीव सिंह और अभी कांग्रेस से पूर्णिमा नीरज सिंह सत्ता पर काबिज हैं.

भाजपा के अलावा कांग्रेस में भी कई राजपूत नेता हैं जो चुनावी मैदान में इस बार बढ़चढ़ कर हिस्सा लेंगे. भाजपा के राजपूत नेताओं में कोयला कारोबारी एलबी सिंह समेत असर्फी हॉस्पिटल के मालिक हरेंद्र सिंह, रागिनी सिंह, रणजीत सिंह, विनय सिंह, प्रशांत सिंह, अमरेश सिंह शामिल हैं.

अगर झरिया विधानसभा से भाजपा एलबी सिंह को चुनावी जंग में उतारते हैं तो सिंह मेंशन का 50 वर्षों का चुनावी किला ध्वस्त हो जाएगा. फिर भविष्य में झरिया विधानसभा में सत्ता हासिल करना मुश्किल हो जाएगा. एलबी सिंह कभी सिंह मेंशन के राजनीति की दुनिया के चाणक्य माने जाने वाले रामधीर सिंह के शिष्य थे. कोयले की कारोबार में आने और कोयलांचल में वर्चस्व हासिल करने के लिए मेंशन घराने को ढाल बनाया और बाद में सैकड़ों युवाओं का साथ मिलने से खुद को मेंशन घराने से अलग कर लिया. 

पशुपतिनाथ सिंह कोयलांचल ही नहीं बल्कि झारखंड में भाजपा में सबसे बड़ा राजपूत चेहरा रहे. लोकसभा चुनाव में उनका टिकट कटने से राजपूत समाज में नाराजगी है. राजपूत नेताओं को उम्मीद है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा से किसी राजपूत को टिकट देकर राजपूत समाज की यह नाराजगी दूर करेगी. झरिया के अलावा धनबाद विधानसभा सीट पर टिकट मिलने को लेकर राजपूत नेता काफी आश्वस्त हैं.

 ये राजपूत नेता हैं भाजपा के टिकट का दावेदार...?


रागिनी सिंह-

झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह के जेल जाने के बाद उनकी पत्नी रागिनी सिंह मजबूती से उनका राजनीतिक विरासत संभाल रही हैं. भाजपा के राजनीति और झरिया विधानसभा क्षेत्र में सालों भर सक्रिय रहती हैं. रागिनी सिंह की चुनावी लड़ाई अपनों से है. नीरज सिंह की हत्या के बाद उनके पति को जेल जाना पड़ा. जनता की सहानुभूति पूर्णिमा नीरज सिंह को मिलने से वह चुनाव जीत गई. इस बार रागिनी सिंह और राजपूत समाज को भरोसा है कि इस बार भाजपा से टिकट मिलने पर जीत हासिल कर लेंगी.

एलबी सिंह-

कोलियरी क्षेत्रों में एलबी सिंह की बड़ी आउटसोर्सिंग कंपनी है. कोयलांचल में अपनी पहचान के मोहताज नहीं हैं. इनका नेटवर्क धनबाद से रांची और दिल्ली तक फैला हुआ है. लोग कहते हैं कि भाजपा के कई बड़े नेता से भी एलबी सिंह का संपर्क है. यही उनकी ताकत है, लेकिन राजनीति का कोई अनुभव नहीं है. दबंग छवि है और आम लोगों के बीच पहचान नहीं बना पाए हैं.

रणजीत सिंह-

भाजपा के उभरते नेता हैं. ज्यादातर इलाकों में उन्होंने काफी बेहतर काम किया है. जिला से लेकर प्रदेश के नेताओं से बेहतर संबंध हैं. लोगों की मानें तो पार्टी के कई नेताओं के अनुसार टिकट के लिए और परिपक्व होने की जरूरत है. आम जनता के बीच बड़ी पहचान बनाने की जरूरत है. तभी टिकट मिलने के साथ-साथ विधायक बनने की उम्मीद रहती है.

हरेंद्र सिंह-

हरेंद्र सिंह की पहचान बड़े घरानों के बीच ही सीमित है. आम लोग इन्हें नहीं के बराबर जानते हैं. बड़े लोगों से संपर्क और कुछ गिने चुने लोगों से चुनाव में जीत नहीं दिला सकता है. चुनाव में जीत उसे ही हासिल होता है, जिसे अमीर से लेकर मीडिल क्लास और गरीब परिवार के सभी लोग जानते हैं, वरना मेहनत और पैसा दोनों बेकार चला जाता है. बड़े अस्पताल के संचालक होने के कारण उनका नेटवर्क सिर्फ बड़े लोगों के बीच ही सीमित है. भाजपा के एक राष्ट्रीय नेता से नजदीकी संपर्क है, लेकिन जीत दिलाने के नाकाफी है. राजनीति की दुनिया के नया खिलाड़ी हैं. संगठन का अनुभव नहीं है.

विनय सिंह-

प्रदेश भाजपा की राजनीति में तेजी से उभरे हैं. झारखंड बीजेपी के प्रवक्ता हैं. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन से भी जुड़े हैं. अच्छे वक्ता हैं. भाजपा के बड़े नेताओं से बेहतर संबंध हैं. हालांकि धनबाद विधानसभा क्षेत्र में सक्रियता नहीं के बराबर है. टिकट हासिल करने और चुनाव जीतने के लिए काफी संघर्ष करने की जरूरत है. चुनाव जीतने के लिए आम लोगों के बीच पहचान बनानी पड़ती है और जनता का भरोसा जीतना पड़ता है.

अमरेश सिंह-

भाजपा की राजनीति में कुछ वर्षों से सक्रिय हैं. लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी रहे ढुल्लू महतो जो अब सांसद बन गए, चुनाव के दौरान उनके साथ काफी सक्रिय रहे हैं. भाजपा के एक राष्ट्रीय नेता के करीबी हैं. खुद को बड़े नेता के रूप में जनता के बीच अभी तक मजबूत पकड़ नहीं बना सके हैं. हाल के दिनों में कार्यक्रमों में सक्रियता बढ़ी है.

प्रशांत सिंह-

धनबाद के पूर्व सांसद पशुपतिनाथ सिंह के पुत्र हैं. झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता हैं. बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य भी हैं. बार काउंसिल के सदस्य के रूप में तो सक्रिय रहे हैं, लेकिन कोयलांचल में भाजपा की राजनीति में सक्रियता नहीं के बराबर है. वर्तमान सांसद ढुल्लू महतो से भी बेहतर संबंध नहीं हैं. कई नेताओं की दो-दो सीट पर नजर है.

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता विनय सिंह धनबाद के साथ-साथ निरसा सीट के भी दावेदार हैं. धनबाद सीट से पूर्व सांसद पीएन सिंह के पुत्र अधिवक्ता प्रशांत सिंह, युवा नेता रणजीत सिंह और अमरेश सिंह भी दावेदार हैं. फिलहाल सभी राजपूत नेता चुनावी मैदान में फतेह तभी हासिल कर सकते हैं, जब भाजपा अपने जीते हुए तीनों विधायकों राज सिन्हा, इंद्रजीत महतो और अपर्णा सेन गुप्ता को टिकट नहीं देगी.