*बांग्लादेश ने की शेख हसीना के प्रत्यार्पण की मांग, बीएनपी की मांग भारत के लिए होगी कितनी मुश्किल *
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बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद विरोधी से भागकर शेख हसीना ने भारत शरण ली है। हालांकि, हसीना की मुश्किलें यहां भी कम नहीं हो रही हैं। बांग्लादेश के पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ स्वदेश में कई आपराधिक मामले चल रहे हैं। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में मंगलवार को एक नई शिकायत दर्ज की गई, जिसमें शेख हसीना और 23 अन्य पर मई 2013 में एक इस्लामी समूह की रैली के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार करने का आरोप लगाया गया। इन सबके बीच उनके प्रत्यर्पण की मांग भी जोर पकड़ने लगी है। बांग्लादेश नैशनलिस्ट पार्टी ने भारत से अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है।
शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग की मुख्य प्रतिद्वंद्वी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी यानी बीएनपी ने भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की है। बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर देश में क्रांति को बाधित करने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को भारत से कहा कि हसीना को प्रत्यर्पित किया जाए ताकि उन पर मुकदमा चलाया जा सके। फखरुल के हवाले से एक स्थानीय अखबार ने लिखा, हमारी आपसे मांग है कि आपको उन्हें कानूनी तरीके से बांग्लादेश की सरकार के हवाले कर देना चाहिए। इस देश की जनता ने उन पर मुकदमे का फैसला किया है। उन पर मुकदमा चलने दें।
“भारत के संकल्प के अनुरूप नहीं”
आलमगीर ने पार्टी के संस्थापक जियाउर रहमान को ढाका में श्रद्धांजलि देने के बाद ये बातें कहीं। आलमगीर ने कहा कि शेख हसीना को शरण लेने की अनुमति देना लोकतांत्रिक सिद्धांतों की रक्षा के भारत के संकल्प के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा, 'वहां रहकर उन्होंने (शेख हसीना ने) बांग्लादेश में हुई क्रांति को धता बताने की कई साजिशें शुरू की हैं।' बीएनपी महासचिव ने कहा कि बांग्लादेश और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि है, इसलिए जिनके खिलाफ कोर्ट केस हो, उन्हें जरूर सौंपना चाहिए।
बीएनपी ने शेख हसीना को बताया बांग्लादेश का दुश्मन
शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करते हुए आलमगीर ने एक तरह से भारत के खिलाफ अप्रत्यक्ष रूप से जहर उगला। उन्होंने कहा, ‘मैं यह बात दृढ़ता से कह रहा हूं और हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि मुझे नहीं लगता कि भारत को बांग्लादेश के लोगों के दुश्मन (शेख हसीना) को पनाह देकर ज्यादा प्यार मिल सकता है, जिसे देश से भागना पड़ा था।
भारत-बांग्लादेश के बीच प्रत्यार्पण संधि
बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यार्पण को लेकर जिस संधि का जिक्र किया है वो नई दिल्ली और ढाका के बीच 2013 में हुई थी। इस संधि के तहत दोनों देशों को उन लोगों को एक-दूसरे के हवाले करना जरूरी है, जिनके खिलाफ किसी भी अपराध के लिए अदालतों में कार्रवाई शुरू की गई हो। इस संधि के तहत कुछ भगोड़ों को भारत लाया गया है तो कुछ को बांग्लादेश वापस भी भेजा गया है। साल 2016 में इस प्रत्यर्पण संधि में संशोधन किया गया था। इन अपराधों में वित्तीय अपराध भी शामिल हैं, जिनमें एक साल या उससे अधिक की सजा हो सकती है। बीएनपी का कहना है कि शेख हसीना के खिलाफ दर्ज हत्या और जबरन एक्सटॉर्शन के मामले प्रत्यर्पण वाले कैटेगरी में हैं।
हसीना को भारत से बांग्लादेश प्रत्यर्पित किया लजा सकता है?
अब सवाल उठता है कि क्या शेख हसीना को भारत से बांग्लादेश प्रत्यर्पित किया जा सकता है? भारत प्रत्यर्पण संधि के अनुच्छेद 8 का हवाला देकर शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने से इनकार कर सकता है। अनुच्छेद 8 कहता है कि अगर प्रत्यर्पण की मांग के पीछे इरादा सही या न्याय के हक में नहीं हो तो प्रत्यर्पण से इनकार किया जा सकता है।
हसीना पर अब तक करीब 25 मामले दर्ज
बता दें कि शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश में हत्या समेत कई मामले दर्ज हैं। मंगलवार तक उनके खिलाफ दर्ज केसों की संख्या करीब 25 पहुंच चुकी है। बांग्लादेश में 5 अगस्त को छात्रों का विरोध प्रदर्शन हुआ था, जिसमें करीब 100 लोगों की मौत हो गई थी। उस बवाल के बाद शेख हसीना को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी और 6 अगस्त को वह बांग्लादेश छोड़कर भारत भाग आई थीं।
Aug 22 2024, 13:36