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बवाल : धनबाद भाजपा में अंदरूनी कलह सतह पर आया, कार्यकर्ताओं ने नेताओं के खिलाफ लगाए मुर्दाबाद के नारे


धनबाद : भाजपा महानगर इकाई में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. पार्टी के एक गुट ने धनबाद विधायक राज सिन्हा, प्रदेश मंत्री सरोज सिंह और भाजपा महानगर अध्यक्ष श्रवण राय पर गंभीर आरोप लगाते हुए विरोध जताया है.

राज्य में विधानसभा की चुनाव से पहले धनबाद बीजेपी में अंदरूनी कलह खुलकर समाने आया है. भाजपा के एक गुट ने धनबाद विधायक राज सिन्हा, प्रदेश मंत्री सरोज सिंह और भाजपा महानगर श्रवण राय का खुलकर विरोध किया है.

 शहर के हीरापुर स्थित अग्रसेन भवन में भाजपा के एक गुट के कार्यकर्ताओं की बैठक रविवार को हुई. इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने धनबाद विधायक राज सिन्हा, प्रदेश मंत्री सरोज सिंह और भाजपा महानगर अध्यक्ष श्रवण राय के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकाली और तीन नेताओं के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए.

पार्टी के अंदर भेदभाव की राजनीति करने का लगाया आरोप

इस दौरान भाजपा कार्यकर्ता बॉबी पांडे ने बताया कि धनबाद भाजपा में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. उन्होंने कहा कि जब से धनबाद भाजपा महानगर अध्यक्ष श्रवण राय को बनाया गया है, तब से भेदभाव की राजनीति शुरू हो गई है. प्रदेश मंत्री सरोज सिंह और विधायक राज सिन्हा धनबाद जिला महानगर अध्यक्ष श्रवण राय के कंधे पर रखकर बंदूक चलाने का कार्य कर रहे हैं.

बॉबी पांडे ने आरोप लगाया कि श्रवण राय पैसे देकर पार्टी में पद देने का काम कर रहे हैं. उनका आरोप है कि विधायक राज सिन्हा के इशारे पर श्रवण राय काम कर रहे हैं. ऐसे में आगामी विधानसभा में भाजपा अगर राज सिन्हा को टिकट देती है तो भाजपा के कार्यकर्ता ही उन्हें हराने का कार्य करेंगे.

राज सिन्हा को टिकट मिला तो बीजेपी की हार तयः अशोक कुमार

वहीं बैठक में मौजूद भाजपा कार्यकर्ता अशोक कुमार सिन्हा ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान ही धनबाद भाजपा विधायक राज सिन्हा, धनबाद जिला महानगर अध्यक्ष श्रवण राय और प्रदेश मंत्री सरोज सिंह पार्टी के द्वारा ढुल्लू महतो के खिलाफ अनर्गल बयान दिया जा रहा था. उन्होंने तीनों नेताओं पर पार्टी विरोधी कार्य भी करने का आरोप लगाया है. 

अशोक कुमार सिन्हा ने कहा कि ऐसे लोग पार्टी में रहने के लायक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी अगर फिर से राज सिन्हा को टिकट देती है तो निश्चित रूप से कार्यकर्ता इसका विरोध करेंगे और बीजेपी को धनबाद में हार का सामना करना पड़ेगा.

10 लाख के इनामी नक्सली रामदयाल महतो उर्फ़ बच्चन दा ने एनआइए के समक्ष किया सरेंडर, पुलिस ने ली राहत की सांस


गिरिडीह :पिछले कई वर्षो से नक्सली संगठन में जुड़ कर 50 से अधिक नक्सली घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस के लिए सिरदर्द बने हुए कुख्यात व नक्सली संगठन में ज़ोनल कमिटी मेंबर 10 लाख के इनामी नक्सली रामदयाल महतो उर्फ़ बच्चन दा ने आखिरखार अपने आप को एनआईए के समक्ष सरेंडर कर दिया है. रामदयाल महतो उर्फ़ बच्चन दा गिरिडीह जिले के पिरटांड थाना क्षेत्र के पिपराडीह का रहने वाला है.

 रामदयाल महतो की तलाश गिरिडीह पुलिस लम्बे समय से कर रही थी. 15 लाख के इनामी नक्सली कृष्णा हांसदा की गिफ्तारी के बाद रामदयाल ने गिरिडीह में नक्सली संगठन को सँभालने का काम कर रहा था. रामदयाल महतो उर्फ़ बच्चन दा का आतंक न सिर्फ गिरिडीह जिले में था बल्कि आस - पास के जिले में भी इसका खौफ लम्बे समय से बरकरार था. 

लेकिन पिछले कुछ वर्षो से रामदयाल महतो की तबियत ठीक नहीं थी और वह अलग - अलग बिमारियों से ग्रसित था और पुलिस से छिप - छिप कर झोलाझाप डॉक्टरों से इलाज करवा रहा था. 

पुलिस ने कई बार इसकी गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया था लेकिन हर बार यह पुलिस को चकमा देकर भाग निकलता था. लेकिन कुछ ही दिन पूर्व गिरिडीह के एसपी दीपक कुमार शर्मा पूरी टीम के साथ नक्सली रामदयाल महतो के अलावे अन्य कई नक्सलियों के गांव पहुंच कर उनके परिजनों से मिलकर फरार चल रहे नक्सलियों को मुख्यधारा से जुड़कर सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत सरेंडर करने की अपील की थी. इसके कुछ ही दिनों बाद 10 लाख के इनामी नक्सली रामदयाल महतो ने एनआईए के समक्ष सरेंडर कर दिया है.

 हालांकि अभी इस मामले में कोई भी पुलिस पदाधिकारी कुछ भी बताने को तैयार नहीं है. लेकिन पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी रामदयाल ने एनआईए के समक्ष सरेंडर कर दिया है. 

जिसके बाद एनआईए की टीम लगातार रामदयाल से पूछताछ कर रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रामदयाल महतो से पूछताछ के बाद एनआईए को नक्सली संगठन से सम्बंधित अन्य कई महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल हुई है जिसके बाद टीम आगे की रणनीति बनाने में जुट गयी है. गौरतलब रहे की गिरिडीह जिले का पारसनाथ पर्वत नक्सली संगठन का गढ़ रहा है और इसी पहाड़ी में कई नक्सलियों ने अपना ठिकाना बना लिया है. अब भी नक्सली संगठन की बैठकों का आयोजन इसी पारसनाथ पहाड़ी की तराई वाले इलाके में होती है. लेकिन रामदयाल महतो के सरेंडर करने के बाद गिरिडीह जिले में संगठन को तगड़ा झटका लगा है.

मौसम का हाल:झारखण्ड से गुजर रहा हैं मौसम टर्फ, आज और कल कई जगहों पर भारी बारिश की संभावना


झा. डेस्क 

रांची। झारखंड की राजधानी रांची से होकर मॉनसून टर्फ गुजर रहा है। इसका असर आज यानी 19 अगस्‍त से देखने को मिलेगा। इसकी वजह से लगातार दो दिन कई जिलों में बहुत भारी बारिश हो सकती है। यह जानकारी  मौसम केंद्र ने दी हैं.

तापमान में बदलाव होगा

मौसम केंद्र के अनुसार राज्‍य में अगले 2 से 3 दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होने की संभावना है।

आज से सभी जगह बारिश

केंद्र के अनुसार राज्‍य में 19 और 20 अगस्‍त को राज्‍य के लगभग सभी स्‍थानों पर हल्‍के से मध्‍यम दर्जे की बारिश होने की प्रबल संभावना है।

आज से भारी बारिश

केंद्र के अनुसार 19 अगस्‍त को राज्‍य के दक्षिण-पश्चिम और निकटवर्ती मध्‍य भागों में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। इसका असर पश्चिम सिंहभूम, सिमडेगा, गुमला, खूंटी जिलों में कहीं-कहीं देखने को मिलेगा।

इसी तरह 20 अगस्‍त को उत्तर-पश्चिम भागों में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। इसका असर गढ़वा, पलामू, चतरा, लातेहार जिलों में कहीं-कहीं पड़ने की संभावना है।

यहां भारी बारिश संभव

केंद्र के अनुसार 19 अगस्‍त को राज्‍य के उत्‍तर-पश्चिम, निकटवर्ती उत्तर-मध्‍य एवं दक्षिण-पूर्वी भागों में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है। इसका असर गढ़वा, पलामू, लातेहार, चतरा, हजारीबाग, लोहरदगा, रांची, सरायकेला-खरसावां, पूर्वी सिंहभूम जिलों में कहीं-कहीं देखने को मिलेगा।

इसी तरह 20 अगस्‍त को मध्‍य और निकटवर्ती उत्‍तरी भागों में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है। इसका असर कोडरमा, गिरिडीह, हजारीबाग, धनबाद, बोकारो, रामगढ़, रांची, लोहरदगा, गुमला, खूंटी, गुमला जिलों में कहीं-कहीं पड़ने की संभावना है।

राज्य में झामुमो बन गयी राजनीतिक पाठशाला, कई नेता यहां सीखे दाव पेंच, फिर आजमाया दूसरी पार्टी में किस्मत

झा. डेस्क 

झारखंड में अभी सियासी घमासान चल रहा हैं. कारण हैं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को लेकर भाजपा में शामिल होने की चर्चा.यह कोई पहली बार नहीं हो रहा हैं. इसके पूर्व भी झामुमो में रहकर कई नेताओं ने अपने राजनितिक जीवन की शुरुआत की. यहां राजनीती के दावपेंच सीखा और फिर दूसरी पार्टी का हिस्सा बनकर अपने राजनीतिक पारी की शुरुआत की.

कुछ को सफालता मिली तो कुछ गुमनामी की जिंदगी जी रहे हैं.अब फिर झामुमो में चंपाई की नाराजगी, उनका एक्स पर पोस्ट और सियासी हलकों में चर्चा ने एक बार फिर इस चर्चा को बाल दे दिया हैं कि चंपाई सोरेन झामुमो छोड़ भाजपा में शामिल होंगे.

इन्ही चर्चाओं के बीच राजनीतिक गलियारों में झामुमो को अक्सर झारखंड में राजनीति की पाठशाला कहा जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि कई नेताओं ने राजनीति की इस पाठशाला में सियासी दांवपेच सीखने के बाद मौका मिलते ही दूसरे दलों का रुख कर अपने सियासी करियर को नया आयाम दिया। इसमें कई नेता सफल होकर झारखंड की राजनीति के कद्दावर बने।

झारखण्ड मुक्तिमोर्चा छोड़ने वालों कि रही लम्बी पेहरिस्त रही

चंपाई सोरेन से पहले पार्टी के कई महत्वपूर्ण नेताओं ने झमुमो को छोड़ा.कृष्णा मार्डी उन्हीं में से एक हैं. 

झामुमो के कोल्हान क्षेत्र के कद्दावर नेताओं में से एक रहे कृष्णा मार्डी झामुमो के सांसद रह चुके हैं, लेकिन एक समय ऐसा आया, जब उन्होंने पार्टी छोड़ दी. उनके अलावा पूर्व मंत्री दुलाल भुइयां, पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी, पूर्व सांसद सूरज मंडल, हेमलाल मुर्मू, संताल के कद्दावर झामुमो नेता रहे साइमन मरांडी, स्टीफन मरांडी तक ने झामुमो छोड़ दूसरे दलों में अपनी राजनीतिक पारी कि शुरुआत की.

 जिन नेताओं ने झामुमो से अलग रहकर भी अपना सियासी कद बनाए रखा, उनमें अर्जुन मुंडा का नाम सबसे बड़ा है. मुंडा ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत झामुमो से की थी.

1995 में झामुमो के टिकट पर खरसावां सीट से चुनकर बिहार विधानसभा पहुंचने वाले अर्जुन मुंडा भाजपा में जाने के बाद तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने और केंद्र में भी मंत्री रहे. उनका राजनीतिक कद आज भी बरकरार है. इसी तरह झामुमो छोड़ने के बाद विद्युतवरण महतो ने तीन बार लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की.

 झामुमो के सांसद रहे शैलेन्द्र महतो भी सफल माने जाएंगे, क्योंकि उन्होंने भाजपा में जाने के बाद पत्नी आभा महतो को भाजपा के टिकट पर लोकसभा पहुंचाने में सफलता पाई थी. हालांकि उन्हें भाजपा में खुद कोई खास सफलता नहीं मिली.

ताजा उदाहरण जामा विधानसभा सीट से तीन बार से विधायक रहीं सीता सोरेन का है, जिन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा का दामन थाम लिया थ.

इस तरह लगातार टूट के बाद भी झामुमो ने झारखण्ड में अपना अस्तित्व बनाये रखा और राजनीती के केंद्र में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ही रही. साथ ही नेतृत्व भी शिबू सोरेन के परिवार के पास ही रहा.

चम्पाई को भाजपा में जाने से क्या असर पड़ेगा झामुमो पर

दरअसल चंपाई शिबू सोरेन के साथ झामुमो के कोल्हान में एक जुझारू चेहरा रहे. उनकी जुझारूपन के कारण हीं उन्हें टाइगर के नाम से सम्बोधित कीया जाता रहा. लेकिन चंपाई को भाजपा में जाने से थोड़ा बहुत फर्क जरूर पड़ेगा लेकिन झामुमो के राजनितिक अस्तित्व पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा. क्योंकि अभी जो चर्चा हैं की चंपाई के साथ और कई लोग भाजपा का हिस्सा बन सकते हैं इस पर ग्रहण लग गया हैं, कुछ मीडिया हलकों से आ रही खबर से यह सामने आया हैं की कुछ और नाराज लोगों ने चंपाई को अकेले छोड दिया हैं.

छात्र जाते आते रहते पर पाठशाला नहीं बंद होता

झामुमो के एक कद्दावर नेता ने बताया कि नाराजगी से पहले नेतृत्व से बात करने कि जरुरत हैं लेकिन ऐसा नहीं हुआ, अभी यहां चर्चा हैं, कुछ हुआ नहीं. अगर ऐसा कुछ होता हैं तो जनता सब समझती हैं, झामुमो जनता के लिए झारखण्ड कि जनता की पार्टी हैं, और पार्टी जनहित में काम करती रहेगी. झामुमो पाठशाला हैं तो पाठशाला में छात्रों का आना जाना लगा रहता हैं, पर पाठशाला बंद नहीं होता.

झारखंड के जनता के वर्तमान रुझान के अनुसार किसकी बनेगी सरकार,कौन है मुख्यमंत्री के रूप में पहली पसंद,जानने के लिए पढ़िये पूरी खबर...?

झारखंड डेस्क

कुछ ही दिनों में झारखंड में विधानसभा चुनाव होगी जिसको लेकर देश भर के लोगों में यह जिज्ञासा बनी हुई है इस बार जनादेश किसके पक्ष में जायेगा। जिसको लेकर कुछ मीडिया हाउस ने ओपिनियन पोल शुरू कर दिया है।इन ओपिनियन पोल के अनुसार लोगों का रुझान भाजपा के प्रति देखा गया गया है। 

एक मीडिया हाउस द्वारा कराए गए ओपेनियन पोल के अनुसार झारखंड की 81 सदस्‍यीय व‍िधानसभा में जेएमएम को 19 से 24 सीटें, कांग्रेस को 7 से 12 सीटें, भाजपा को 38 से 43 सीटें, आजसू को 2 से 7 सीटें और अन्य को 3 से 8 सीटें मिलने की उम्मीद है। इस ओपिनियन पोल के अनुसार झारखंड में भाजपा 42 सीटों के साथ बहुमत हास‍िल करती द‍िखाई दे रही है।

इसी तरह विधान सभा चुनाव के पूर्व अभी तत्काल का जो रुझान है उसके अनुसार जो ओपिनियन पोल आया है। इस ओपिनियन पोल में झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दूसरे नंबर पर आए हैं। भाजपा के एक पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी झारखंड के लोगों की पहली पसंद बनकर सामने आए हैं।

 ओपिनियन पोल में चार नेताओं का नाम दिया गया था, जिसमें भाजपा के एक पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल को सबसे ज्यादा लोगों ने झारखंड के सीएम के रूप में पसंद किया है।

कौन सबसे आगे...?

झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में सबसे ज्यादा लोगों ने पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी को पसंद किया है। उन्हें कुल 43 प्रतिशत लोगों ने अपनी पहली पसंद बताई है।

 'टाइम्स नाउ नवभारत' के ओपिनियन पोल के अनुसार, इस दौड़ में वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पिछड़ गए हैं, वो दूसरे नंबर पर आए हैं। हेमंत सोरेन को कुल 32 प्रतिशत लोगों ने पहली पसंद बताया है।

 इस लिस्ट में चंपाई सोरेन और अर्जुन मुंडा का नाम भी शामिल है। अर्जुन मुंडा को 9 प्रतिशत जबकि चंपाई सोरेन को 5 प्रतिशत लोगों ने सीएम के रूप में पहली पसंद बताया है।

 झारखंड विधानसभा चुनाव की कब है सम्भावना

शुक्रवार को केंद्रीय चुनाव आयोग ने दो राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। इसमें जम्मू-कश्मीर मे तीन चरणों में जबकि हरियाणा में एक चरण में विधानसभा चुनाव होने हैं। उम्मीद जताई जा रही थी इन दो राज्यों के साथ ही महाराष्ट्र और झारखंड में भी विधानसभा चुनाव कराया जाएगा।

 हालांकि, चुनाव आयोग ने सिर्फ दो राज्यों में चुनाव का ऐलान किया है। अब झारखंड और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव इस साल के आखिरी में करवाने की संभावना है। हालांकि, चुनाव आयोग ने अभी तक इस बारे में कोई अपडेट नहीं दिया है। इस चुनावी ओपिनियन पोल से भाजपा खुश हो सकती है। हालांकि, चुनावी नतीजों के बाद ही तय होगा कि झारखंड का मुख्यमंत्री कौन बनेगा।

अटकलों के बीच आया चम्पई सोरेन का बयान, भाजपा में शामिल होने के सवाल को टालते हुए कहा -हम जहाँ हैं, अभी वहीं हैं, दिल्ली अकेले आने की बात कहीं

झा. डेस्क 

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन दिल्ली पहुंच गए हैं। इधर झारखण्ड के सियासी गलियारी में चल रही अटकलों के बीच चंपाई सोरेन का बयान भी सामने आया है उन्होंने कहा हम अकेले दिल्ली आये हैं. 

 भाजपा में शामिल होने वाली अटकलों को लेकर उनका बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा, 'हम यहां अपने निजी काम के लिए आए हैं। हमारी बच्ची रहती है, उसे देखने के लिए आए हैं। अपने निजी काम के लिए दिल्ली आना-जाना होता रहता है।'

इन्होने कहा कि 'हम अभी जहां पर हैं, वहीं पर हैं। और निजी काम के लिए दिल्ली आए हैं।' भाजपा में शामिल होने वाले सवाल पर चंपाई ने कहा, 'देखिए... हमने बोल दिया, जहां पर अभी हम हैं, वहीं पर हैं।' 

सीएम हेमंत सोरेन से नाराजगी वाले सवाल पर चंपाई ने फिर से वही कहा, 'हम यहां निजी काम के लिए आए हैं और हम जहां हैं, वहीं पर हैं।' वह भाजपा में शामिल होने वाले सवाल को बार-बार टालते रहे। उन्होंने अपनी नाराजगी पर भी कुछ नहीं कहा।

भाजपा में शामिल होने वाली बात स्वीकार नहीं किया तो इनकार भी नहीं किया

' भाजपा में शामिल होने वाले सवाल पर चंपाई ने कहा, 'देखिए... हमने बोल दिया, जहां पर अभी हम हैं, वहीं पर हैं।' सीएम हेमंत सोरेन से नाराजगी वाले सवाल पर चंपाई ने फिर से वही कहा, 'हम यहां निजी काम के लिए आए हैं और हम जहां हैं, वहीं पर हैं।' वह भाजपा में शामिल होने वाले सवाल को बार-बार टालते रहे। उन्होंने अपनी नाराजगी पर भी कुछ नहीं कहा।

छह विधायकों के साथ नहीं, अकेले पहुंचे दिल्ली

सूत्रों के हवाले से यह दावा किया जा रहा था कि चंपाई सोरेन झामुमो के छह विधायकों के साथ दिल्ली पहुंचेंगे। लेकिन वह दिल्ली अकेले आए हैं। बताया जा रहा है कि सीएम पद से इस्तीफा के बाद चंपाई नाराज चल रहे हैं। ऐसे में अगर चंपाई भाजपा में शामिल होते हैं तो विधानसभा चुनाव से पहले हेमंत सोरेन की पार्टी को बड़ा झटका लग सकता है। चंपाई राज्य के बड़े आदिवासी नेता हैं।

सुवेंदु अधिकारी से मुलाकात से इनकार

सूत्रों के हवाले से बताया गया कि चंपाई सोरेन कोलकाता में भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी से मुलाकात किए हैं। हालांकि उनसे दिल्ली पहुंचने पर जब इस बारे में पूछा गया तब उन्होंने साफ इनकार कर दिया। चंपाई ने कहा, 'हमारी अभी किसी से मुलाकात नहीं हुई है।' उन्होंने आगे कहा कि हम यहां (दिल्ली) अपने निजी काम के लिए आए हैं। बाद में हम बताएंगे।' जब उनसे एक बार और पूछा गया कि क्या आप झामुमो में रहेंगे या पार्टी छोड़ देंगे? इसपर उन्होने मुस्कुराते हुए कहा, 'हम जहां पर हैं, वहीं पर हैं।'

शहीद सैनिकों और अग्निवीरों के आश्रितों को नौकरी देगी हेमंत सरकार

मुख्यमंत्री ने दी प्रस्ताव को मंजूरी, राज्य मंत्रिपरिषद से स्वीकृति के बाद लागू हो जाएगी सुविधा



झा. डेस्क
रांची :मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने मिलिट्री ऑपरेशन के दौरान कर्तव्य निर्वहनरत वीरगति प्राप्त करने वाले राज्य निवासी सैनिक, अग्निवीर पत्नी व आश्रित को विशेष अनुग्रह अनुदान एवं अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी देने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है।

अब इस प्रस्ताव पर राज्य मंत्रिपरिषद का अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा।

*अग्नि वीरों को भी प्रावधान का मिलेगा लाभ*

ज्ञात हो कि राज्य सरकार द्वारा मिलिट्री ऑपरेशन के दौरान कर्तव्य निर्वहनरत वीरगति प्राप्त करने वाले राज्य निवासी सैनिक के पत्नी/आश्रित को विशेष अनुग्रह अनुदान के रूप में 10 लाख रुपए एवं अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी प्रदान करने का प्रावधान है।

वहीं, भारतीय सेना (थल, वायु एवं जल सेना) में वर्ष 2022 में अग्निवीर योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत भारतीय सेना में अग्निवीर के रूप में 4 वर्षों के लिए नियुक्ति प्रारंभ की गई है ।अग्निवीरों को नियमित सैनिकों के अनुरूप ही देश की रक्षा/ सुरक्षा का दायित्व सौंपा गया है।

अतः अग्निवीरों पर भी नियमित सैनिकों की भांति देश की रक्षा/ सुरक्षा हेतु समान रूप से जीवन का खतरा बना रहता है। अतः अग्निवीरों के लिए भी यह योजना लागू करने की योजना तैयार की गई है।
जंगली हाथी की पीठ में घुसी जलती मशाल, दर्द से चिंघाड़ते हुए तोड़ा दम

झा. डेस्क
झारखंड के पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में जंगली हाथी की पीठ में नुकीली मशाल घुस गई। इसकी वजह से वह काफी देर तक दर्द से तड़पता रहा, चिंघाड़ता रहा।।अंत में उसकी मौत हो गई। घटना झारखंड की सीमा से सटे झारग्राम की है।

झारग्राम राज कॉलेज परिसर में 16 अगस्त (गुरुवार) की सुबह 4 जंगली हाथी घुस गए। हाथियों को देखने के लिए काफी संख्या में लोग भी एकत्रित हो गए। इस बीच एक जंगली हाथी को निशाना बनाकर किसी ने मशाल से हमला कर दिया। मशाल लोहे की नुकीली छड़ की मदद से बनाई गई थी।

अज्ञात व्यक्ति द्वारा फेंकी गई यह मशाल हाथी की पीठ के बीचोबीच धंस गया। इसके बाद दर्द के मारे हाथी चिंघाड़ने लगा। उसकी चीत्कार से समूचा क्षेत्र गूंज उठा। दर्द से कराहते हाथी ने 17 अगस्त (शुक्रवार) की सुबह दम तोड़ दिया।
छत्तीसगढ़ी साहू समाज के लोगों ने जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय को घेरा, धक्का-मुक्की की नौबत

जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति  के कार्यालय के बाहर शुक्रवार को उस समय अफरातफरी मच गई, जब छत्तीसगढ़ी साहू समाज के लोगों ने जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय को घेर लिया। विधायक से धक्का-मुक्की तक की नौबत आ गई।

हालांकि सरयू भीड़ के बीच से किसी तरह जबरन निकले और गाड़ी में बैठकर चले गए। स्थिति यह रही कि विधायक की अपनी गाड़ी अक्षेस कार्यालय के अंदर ही रह गई और वे बाहर समर्थक की गाड़ी से निकले।

सरयू दोपहर में अपने विधानसभा क्षेत्र की करीब 20 करोड़ से अधिक की दर्जनों योजनाओं का ऑनलाइन शिलान्यास समारोह में भाग लेने के लिए जमशेदपुर अक्षेस कार्यालय पहुंचे थे। शिलान्यास के बाद उपनगर आयुक्त के कार्यालय में विधायक ने बैठक की। इसके बाद जैसे ही वे निकलने लगे तो बाहर करीब 100 महिला-पुरुषों के समूह ने उन्हें रोककर अपनी बात कहने की कोशिश की।

सरयू के खिलाफ नारे लगाने लगे। स्थिति भांपकर सरयू ने भीड़ में शामिल महिलाओं से कहा कि आप यहां जेएनएसी अधिकारियों से मिलने आए हैं, उनके सामने अपनी बात रखिए। मुझसे बात करनी है तो मेरे कार्यालय या निवास पर आइए।भीड़ में लोग उनकी बात सुनने को तैयार नहीं थे। सरयू को रोककर लोग हंगामा करने लगे।

*रघुवर के कार्यकाल में बने भवन पर विवाद*

इस हंगामे की पृष्ठभूमि स्वतंत्रता दिवस के दिन ही तैयार हो चुकी थी। स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए छत्तीसगढ़ी समाज के लोग एग्रिको पोस्ट ऑफिस रोड स्थित सामुदायिक भवन पहुंचे तो उन्हें पता चला कि भवन पर ताला लगा है और सामुदायिक भवन पर बह्मषि समाज का बोर्ड लगा है। समाज के लोग इससे आक्रोशित हो उठे। उनका कहना था कि रघुवर दास ने मुख्यमंत्री रहते हुए छत्तीसगढ़ी साहू समाज की मांग पर सामुदायिक भवन बनवाया था। लेकिन, 2019 के विधानसभा चुनाव में रघुवर की हार हुई तो इस इसका हैंडओवर अटक गया।

जमशेदपुर अक्षेस ने ताला लगवा दिया। इसके विरोध के लिए शुक्रवार को समाज के लोग अक्षेस कार्यालय पहुंचे तो यहां सरयू से उनका सामना हो गया।

*सरयू राय पर समाज ने लगाए आरोप*

समाज के लोगों ने बताया कि ब्रह्मर्षि समाज को विधायक सरयू राय के निर्देश पर जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी कृष्ण कुमार ने भवन की चाबी दी है। इतना ही नहीं, इस भवन को आवंटित भी कर दिया गया है।

*हंगामा करने वाले पूर्व जिलाध्यक्ष के रिश्तेदार*

सरयू राय ने कहा कि भीड़ में मेरे विधानसभा क्षेत्र के काफी कम लोग थे। अधिकतर लोग जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र तथा गोविन्दपुर, बागबेड़ा एवं अन्य क्षेत्रों के थे। मेरे विधानसभा क्षेत्र के कतिपय ऐसे महिला, पुरुष भीड़ में दिखे जो जमशेदपुर महानगर भाजपा के एक पूर्व जिलाध्यक्ष के परिवार एवं रिश्तेदारों के घर के थे।
*भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश भर के मंडल अध्यक्षों की बैठक में दिया विधानसभा जीतने का मंत्र, कहा, भाजपा के पक्ष में माहौल, अपने अपने क्षेत्र के

भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रदेश भर के मंडल अध्यक्षों की बैठक शुक्रवार को रांची में आयोजित की। बैठक में असम के मुख्यमंत्री और चुनाव सह प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा, संगठन प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी भी शामिल हुए। केंद्रीय कृषि मंत्री और चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान ने बैठक को ऑनलाइन संबोधित किया। प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने बैठक की अध्यक्षता की। मंडल अध्यक्षों को विधानसभा चुनाव में जीत का मंत्र देते हुए हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य में हो रही बांग्लादेशी घुसपैठ से जनसंख्या में बदलाव हो रहा है। आदिवासी संस्कृति खतरे में है। भाजपा कार्यकर्ता इस मुद्दे को लेकर आदिवासी समाज में जाएं। इसके साथ ही हेमंत सोरेन सरकार की रोजगार, विधि व्यवस्था के मामले में असफलता से भी जनता को अवगत कराएं। *हेमंत विश्व सरमा का दावा माहौल' भाजपा के पक्ष में* उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय से ही राज्य में भाजपा के पक्ष में माहौल बना हुआ है। सम्मेलन को ऑनलाइन संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बूथ पर जीत सुनिश्चित कर भाजपा कार्यकर्ता राज्य में सरकार बनाने का लक्ष्य प्राप्त करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस अवसर पर कहा कि हेमंत सोरेन सरकार ने जो भ्रष्टाचार और लूट का माहौल बनाया है, उससे राज्य की जनता त्रस्त है। *वाजपेयी ने कार्यकर्ताओं से संवाद का महत्व बताया* झारखंड भाजपा के संगठन प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने चुनाव में जीत का दावा करते हुए मंडल अध्यक्षों से कहा कि प्रतिदिन बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं से संवाद करें। जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की वजह से ही भाजपा आज इतनी बड़ी पार्टी बनी है। बूथ जीतने से ही विधानसभा सीट जीतने का लक्ष्य पूरा हो सकता है। उन्होंने कहा, लोकसभा चुनाव के समय भाजपा कार्यकर्ताओं ने कड़ी मेहनत की जिस वजह से राज्य में 9 सीटों पर हमें जीत मिली है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा से सभी नेता कार्यकर्ता मिलकर झारखंड विधानसभा चुनाव लडे़ंगे और जीत हासिल करेंगे।