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विश्व फोटोग्राफी दिवस आज आइए जानते है 185 सालों में कितनी बदली तस्वीरों की दुनिया


19 अगस्त को हर साल दुनिया भर में विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाया जाता है। यह दिन फोटोग्राफी के प्रति जागरूकता फैलाने, फोटोग्राफरों को सम्मानित करने और इस अद्भुत कला के महत्व को समझाने के लिए मनाया जाता है। 1839 में फोटोग्राफी के आविष्कार के बाद से अब तक की यात्रा अत्यंत रोचक और परिवर्तनशील रही है। आइए जानते हैं, 185 सालों में फोटोग्राफी की दुनिया में कितने बदलाव आए हैं।

1. फोटोग्राफी का प्रारंभिक दौर:

फोटोग्राफी की शुरुआत 1839 में हुई जब फ्रांस के लुइस डागुएरे ने "डागुएरोटाइप" नामक प्रक्रिया का आविष्कार किया। यह प्रक्रिया उस समय की पहली व्यावहारिक और सफल फोटोग्राफी विधि थी, जिसमें तांबे की प्लेट पर सिल्वर आयोडाइड की कोटिंग की जाती थी। शुरुआती दौर में तस्वीरें लेना बहुत जटिल और समय-साध्य था, और केवल कुछ ही लोग इस कला का आनंद ले पाते थे।

2. फिल्म फोटोग्राफी का युग:

19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में फिल्म फोटोग्राफी ने जगह बनाई। 1888 में जॉर्ज ईस्टमैन ने "कोडक" कैमरा लॉन्च किया, जिसने आम लोगों के लिए फोटोग्राफी को सुलभ बना दिया। कोडक कैमरा में रोल फिल्म का इस्तेमाल होता था, जिसे कई बार उपयोग किया जा सकता था। इसने फोटोग्राफी को मास लेवल पर पहुंचा दिया और इस कला को वैश्विक पहचान दिलाई।

3. रंगीन फोटोग्राफी का आगमन:

1930 और 1940 के दशकों में रंगीन फोटोग्राफी ने फिल्म उद्योग और फोटोग्राफी के क्षेत्र में क्रांति ला दी। कोडक और अन्य कंपनियों ने रंगीन फिल्म का उत्पादन शुरू किया, जिससे रंगों का जादू तस्वीरों में भर गया। अब तस्वीरें और भी वास्तविक दिखने लगीं, और फोटोग्राफी का अनुभव और भी समृद्ध हो गया।

4. डिजिटल फोटोग्राफी का युग:

1990 के दशक में डिजिटल कैमरों का आगमन हुआ, जिसने फोटोग्राफी की दुनिया को पूरी तरह बदल दिया। अब फिल्म की आवश्यकता नहीं थी और तस्वीरों को तुरंत देखा जा सकता था। डिजिटल फोटोग्राफी ने फोटोग्राफी को और भी सुलभ और व्यापक बना दिया। इसके साथ ही फोटोशॉप और अन्य एडिटिंग सॉफ़्टवेयर ने तस्वीरों को एडिट करने और उन्हें और अधिक आकर्षक बनाने के विकल्प दिए।

5. स्मार्टफोन फोटोग्राफी:

21वीं सदी में स्मार्टफोन के उभार ने फोटोग्राफी को हर व्यक्ति की जेब में पहुंचा दिया। आजकल के स्मार्टफोन उन्नत कैमरा सुविधाओं के साथ आते हैं, जिससे हर कोई कहीं भी और कभी भी तस्वीरें खींच सकता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने भी इस क्षेत्र में योगदान दिया है, जहां लोग अपनी तस्वीरें साझा कर सकते हैं और एक-दूसरे के साथ जुड़ सकते हैं।

6. फोटोग्राफी का भविष्य:

अब हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) के युग में प्रवेश कर रहे हैं, जहां फोटोग्राफी के नए आयाम खुल रहे हैं। AI आधारित कैमरा सिस्टम और ऑटोमेटेड फोटो एडिटिंग सॉफ़्टवेयर फोटोग्राफी को और भी उन्नत बना रहे हैं।

निष्कर्ष:

फोटोग्राफी की दुनिया में पिछले 185 वर्षों में अभूतपूर्व बदलाव आए हैं। यह कला न केवल यादों को संजोने का एक माध्यम है, बल्कि लोगों के भावनाओं और विचारों को व्यक्त करने का एक सशक्त साधन भी बन गई है। विश्व फोटोग्राफी दिवस के इस मौके पर, हम इस अद्भुत कला का सम्मान करते हैं और इसके भविष्य के विकास की ओर उत्सुकता से देखते हैं।

RRC NR Recruitment 2024: उत्तर रेलवे में अप्रेंटिसशिप के 4096 पदों पर आवेदन शुरू, 10वीं-ITI उत्तीर्ण युवा कर सकते हैं अप्लाई


नई दिल्ली:- रेलवे में सरकारी नौकरी पाने का सपना देखने वाले युवाओं के लिए बेहतरीन मौका है। रेलवे रिक्रूटमेंट सेल (RRC) उत्तर रेलवे की ओर से ट्रेड अप्रेंटिसशिप के 4096 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है। अधिसूचना जारी होने के साथ ही इस भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। 

10वीं/ आईटीआई उत्तीर्ण अभ्यर्थी इस भर्ती में भाग लेने के लिए 16 अगस्त 2024 से ऑनलाइन माध्यम से उत्तर रेलवे की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भर सकते हैं। आवेदन की लास्ट डेट 16 सितंबर तय की गई है।

पात्रता एवं मापदंड

इस भर्ती में भाग लेने के लिए अभ्यर्थी ने मान्यता प्राप्त बोर्ड से 50 प्रतिशत अंकों के साथ 10वीं उत्तीर्ण किया हो और इसके साथ ही अभ्यर्थी ने आईटीआई सर्टिफिकेट प्राप्त किया हो। उम्मीदवार की आयु न्यूनतम 15 वर्ष से कम और अधिकतम आयु 24 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। ऊपरी आयु में रेलवे के नियमनुसार छूट दी जाएगी। उम्र की गणना 16 सितंबर 2024 के अनुसार की जाएगी।

कैसे कर सकेंगे आवेदन

इस भर्ती में आवेदन के लिए आपको सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर rrcnr.org भर्ती से संबंधित लिंक पर लिंक पर क्लिक करना होगा। यहां आपको पहले मांगी गई डिटेल भरकर पंजीकरण करना होगा।

रजिस्ट्रेशन होने के बाद अभ्यर्थी अन्य डिटेल, हस्ताक्षर, फोटोग्राफ आदि अपलोड करें। इसके बाद निर्धारित शुल्क जमा करें और फॉर्म को सबमिट कर दें।

आज का इतिहास:वर्ष 2004 में आज ही के दिन बाजार में अपने शेयर लाई थी सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनी गूगल


नयी दिल्ली : 19 अगस्त का इतिहास काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि वर्ष 2004 में 19 अगस्त को ही दुनिया की सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनी गूगल ने अपने शेयर बाजार में उतारे थे।

वर्ष 2000 में 19 अगस्त को ही हिना जलाली को वर्ल्ड की पहली मानवाधिकार संरक्षक प्रतिनिधि नियुक्त किया गया था। वर्ष 1999 में आज ही के दिन भारत की परमाणु नीति के मसौदे से नाखुश जी-8 ने सभी तरह की मदद पर रोक लगाने की घोषणा की थी।

वर्ष 2010 में आज ही के दिन अमेरिकी सेना की अंतिम ब्रिगेड के कुवैत जाने के साथ ऑपरेशन इराकी फ्रीडम समाप्त हुआ था।

वर्ष 2007 में 19 अगस्त के दिन ही अंतरिक्ष स्टेशन पर गए मिशन एंडेवर के यात्रियों ने स्पेसवॉक पूरा किया था।

वर्ष 2005 में आज ही के दिन श्रीलंका सरकार और लिट्टे (LTTE) में शांति वार्ता फिर शुरू करने पर सहमति हुई थी।

वर्ष 2004 में 19 अगस्त को ही दुनिया की सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनी गूगल ने अपने शेयर बाजार में उतारे थे।

वर्ष 2004 में आज ही के दिन वान डेन हुगेनबैंड ओलंपिक सबसे तेज तैराक बने थे।

वर्ष 2000 में 19 अगस्त को ही हिना जलाली को वर्ल्ड की पहली मानवाधिकार संरक्षक प्रतिनिधि नियुक्त किया गया था।

वर्ष 1999 में आज ही के दिन भारत की परमाणु नीति के मसौदे से नाखुश जी-8 ने सभी तरह की मदद पर रोक लगाने की घोषणा की थी।

वर्ष 1977 में 19 अगस्त के दिन ही सोवियत संघ ने सेरी सागान में न्यूक्लियर टेस्ट किया था।

वर्ष 1973 में आज ही के दिन फ्रांस ने परमाणु परीक्षण किया था।

वर्ष 1964 में आज ही के दिन संचार उपग्रह सिनकोम 3 का प्रक्षेपण किया गया था।

वर्ष 1960 में 19 अगस्त को ही स्पूतनिक 5 अंतरिक्ष यान से 2 कुत्ते और 3 चूहे अंतरिक्ष में भेजे गए थे।

वर्ष 1949 में आज ही के दिन भुवनेश्वर ओडिशा की राजधानी बना था।

वर्ष 1919 में 19 अगस्त के दिन ही अफगानिस्तान ने ब्रिटेन से अपनी फ्रीडम की घोषणा की थी।

वर्ष 1812 में 19 अगस्त के दिन ही अमेरिका के युद्धपोत ने ब्रिटेन के युद्धपोत गंर्रियर को हराया था।

वर्ष 1796 में आज ही के दिन स्पेन और फ्रांस ने ब्रिटेन गठबंधन के खिलाफ साइन किए थे।

19 अगस्त को जन्में प्रसिद्ध व्यक्ति

वर्ष 1950 में 19 अगस्त के दिन ही इन्फोसिस फाउंडेशन के संस्थापक एन. आर. नारायणमूर्ति की पत्नी एवं प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता सुधा मूर्ति का जन्म हुआ था।

वर्ष 1946 में आज ही के दिन अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन का जन्म हुआ था।

वर्ष 1928 में 19 अगस्त के दिन ही हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार शिवप्रसाद सिंह का जन्म हुआ था।

वर्ष 1918 में आज ही के दिन भारत के नौवें राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा का जन्म हुआ था।

वर्ष 1911 में 19 अगस्त के दिन ही भारत के प्रसिद्ध कवि, कथाकार और एकांकीकार आरसी प्रसाद सिंह का जन्म हुआ था।

वर्ष 1907 में आज ही के दिन निबंधकार, उपन्यासकार, आलोचक और शोधकर्ता हज़ारी प्रसाद द्विवेदी का जन्म हुआ था।

वर्ष 1891 में 19 अगस्त के दिन ही भारत के प्रसिद्ध साहित्यकार, कवि, लेखक और पत्रकार हरिशंकर शर्मा का जन्म हुआ था।

वर्ष 1887 में आज ही के दिन भारत के क्रांतिकारी नेता एस. सत्यमूर्ति का जन्म हुआ था।

19 अगस्त को हुए निधन

वर्ष 2013 में 19 अगस्त के दिन ही अनुवादक और हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध इतिहासकार रोनाल्ड स्टुअर्ट मेक्ग्रेगॉर का निधन हुआ था।

वर्ष 1993 में आज ही के दिन हिंदी और बांग्ला फिल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता और निर्माता उत्पल दत्त का निधन हुआ था।

वर्ष 1662 में आज ही के दिन फ्रांस के गणितज्ञ और कैल्कयुलेटर के आविष्कारक ब्लेज़ पास्कल का निधन हुआ था।

19 अगस्त को प्रमुख उत्सव

विश्व फोटोग्राफी दिवस।

भारत रत्न से सम्मानित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज पुण्यतिथि,आइए जानते है उनसे जुड़ी कुछ खास बाते



भारत रत्न से सम्मानित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के उन महान नेताओं में से एक थे जिनका योगदान न केवल राजनीति में, बल्कि देश की सामाजिक और सांस्कृतिक धारा में भी महत्वपूर्ण रहा है। उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर आइए जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ खास बातें:

1. प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर, मध्य प्रदेश में हुआ था। उनके पिता का नाम कृष्ण बिहारी वाजपेयी और माता का नाम कृष्णा देवी था। अटल जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर से पूरी की और आगे की पढ़ाई कानपुर के डीएवी कॉलेज से की, जहाँ से उन्होंने राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की।

2. राजनीतिक करियर की शुरुआत:

वाजपेयी जी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत भारतीय जन संघ से की, जिसे आगे चलकर भारतीय जनता पार्टी के रूप में पुनर्गठित किया गया। 1957 में वे पहली बार बलरामपुर, उत्तर प्रदेश से सांसद चुने गए। इसके बाद उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, जिनमें विदेश मंत्री और प्रधानमंत्री का पद भी शामिल है।

3. प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल:

अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने। पहली बार 1996 में, दूसरी बार 1998 में और तीसरी बार 1999 में। उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किए, जिसने भारत को विश्व स्तर पर एक मजबूत परमाणु शक्ति के रूप में स्थापित किया।

4. भारत रत्न सम्मान:

अटल बिहारी वाजपेयी को 2015 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया। यह सम्मान उन्हें भारतीय राजनीति और समाज में उनके अद्वितीय योगदान के लिए दिया गया।

5. कवि और लेखक:

अटल बिहारी वाजपेयी एक प्रख्यात कवि और लेखक भी थे। उनकी कविताओं में देशभक्ति, समाज सुधार और मानवीय संवेदनाओं की झलक मिलती है। "मेरी इक्यावन कविताएँ" उनकी प्रमुख काव्य संग्रह में से एक है।

6. विनम्रता और सर्वसम्मति की राजनीति:

वाजपेयी जी की राजनीति की सबसे बड़ी खासियत उनकी विनम्रता और सभी दलों के साथ मिलकर काम करने की क्षमता थी। उनकी नेतृत्व क्षमता और सर्वसम्मति बनाने की कला ने उन्हें सभी दलों में सम्मान दिलाया।

7. स्वास्थ्य और निधन:

अटल बिहारी वाजपेयी का स्वास्थ्य उनके जीवन के अंतिम वर्षों में धीरे-धीरे बिगड़ता गया। 16 अगस्त 2018 को उनका निधन हो गया, जिससे पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई।

अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि के अवसर पर, हमें उनके महान विचारों और उनकी सेवाओं को याद करते हुए उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लेना चाहिए। उनका जीवन हमें प्रेरित करता है कि हम अपनी मातृभूमि की सेवा में हमेशा समर्पित रहें।

आज है पुत्रदा एकादशी, इस कथा के बिना अधूरा है पुत्रदा एकादशी व्रत, संतान की होगी प्राप्ति


नयी दिल्ली : हर महीने में 2 बार एकादशी व्रत किया जाता है। सावन माह की पुत्रदा एकादशी का व्रत आज 16 अगस्त 2024 को किया जाएगा। धार्मिक मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी व्रत करने से संतान प्राप्ति और बच्चे की तरक्की से जुड़ी सभी तरह की परेशानियों से मुक्ति मिलती है। यह व्रत बिना अधूरा कथा पाठ करने से अधूरा माना जाता है ।

एकादशी तिथि को शुभ माना जाता है।

इस दिन श्रीहरि की पूजा होती है।

सावन में पुत्रदा एकादशी व्रत किया जाता है। एकादशी तिथि पर विधिपूर्वक भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मत है कि पुत्रदा एकादशी व्रत करने से साधक को भगवान विष्णु की कृपा मिलती है और संतान की प्राप्ति होती है। साथ ही यश कीर्ति सुख और समृद्धि में भी वृद्धि होती है। अगर आप भी संतान की प्राप्ति चाहते हैं, तो सावन की पुत्रदा एकादशी का व्रत करें और पूजा के दौरान व्रत कथा का पाठ करें। इससे साधक के जीवन में खुशियों का आगमन होगा। आइए पढ़ते हैं पुत्रदा एकादशी व्रत कथा।

पुत्रदा एकादशी व्रत कथा

प्राचीन कथा के अनुसार, द्वापर युग के शुरुआत में एक नगरी थी, जिसका नाम महिरूपति था। इस नगरी में महीजित नाम का राजा राज्य करता था। लेकिन उसको पुत्र न होने की वजह से राजा को राज्य सुखदायक नहीं लगता था।

पुत्रदा एकादशी पर राशि अनुसार करें इन चीजों का दान, चमक उठेगा सोया हुआ भाग्य

पुत्र की प्राप्ति के लिए राजा ने कई तरह के उपाय किए। लेकिन पुत्र सुख प्राप्त नहीं हुआ। एक बार राजा ने सभी ऋषि-मुनियों, सन्यासियों और विद्वानों को बुलाया और उनसे पुत्र प्राप्ति के उपाय पूछे। सभी ने राजा की समस्या को सुनकर कहा कि हे राजन तुमने पूर्व जन्म में सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन तालाब से एक गाय को जल नहीं पीने दिया था, जिसकी वजह से गाय ने तुम्हे संतान न होने का श्राप दिया था। इसकी वजह से तुम पुत्र की प्राप्ति से वंचित हो।

इसके पश्चात ऋषि-मुनियों ने कहा कि अगर तुम सावन की एकादशी का व्रत विधिपूर्वक करोगे, तो इस श्राप से मुक्ति पा सकते हो। जिसके बाद तुम्हें संतान की प्राप्ति हो सकती है। इसके बाद राजा न सच्चे मन से सावन की एकादशी का व्रत किया। 

इस व्रत के पुण्य से राजा की पत्नी गर्भवती हुई और पुत्र को जन्म दिया। धार्मिक मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी व्रत को करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और साधक की सभी मुरादें पूरी होती हैं।

बॉलीवुड के मशहूर फिल्म निर्देशक डेविड धवन का 73वां बर्थडे आज,आइए जानते है निर्देशक की जिंदगी से जुड़ी कुछ खास बाते।


नयी दिल्ली : डेविड धवन बॉलीवुड के मशहूर फिल्म निर्देशक हैं, जिनकी फिल्मों के बिना इंडस्ट्री अधूरी है। निर्देशक अपनी फिल्मों से हंसा-हंसाकर दर्शकों के पेट में दर्द करवा चुके हैं। कई साल से वह दर्शकों का अपनी फिल्मों के जरिए मनोरंजन कर रहे हैं। लोगों का उनकी फिल्मों के साथ खास जुड़ाव रहता है। 

डेविड धवन इंडस्ट्री को अपने करियर के दो से ज्यादा के दशक में कई सुपरहिट फिल्में दे चुके हैं। निर्देशक ने बॉलीवुड के कई बड़े सुपरस्टार्स के करियर को चमकाया है। वहीं, उनकी कई बेहतरीन फिल्मों के कारण उन्हें 'किंग ऑफ कॉमेडी' का टैग भी मिला।डेविड धवन आज अपना 73वां जन्मदिन मना रहे हैं। चलिए इस खास मौके पर जानते हैं निर्देशक की जिंदगी से जुड़ी कुछ खास बाते।

निर्देशक डेविड धवन का जन्म 16 अगस्त 1951 में अगरतला में हुआ था। उनका नाम राजिंदर धवन रखा गया। निर्देशक का पिता बैंक में मैनेजर थे, जिनका ट्रांसफर कानपुर हो गया था। डेविड ने कानपुर से अपनी पढ़ाई की। 12वीं पास करने के बाद उनका रुझान फिल्मों की और हो गया और उन्होंने सोचा कि वह फिल्म इंडस्ट्री में ही काम करेंगे। इसके बाद उन्होंने एफटीआईआई में दाखिला लिया, जहां उन्होंने अभिनय से लेकर निर्देशन और एडिटिंग तक की बारीकियां सीखीं। 

अभिनय सीखने के बावजूद डेविड ने निर्देशन और एडिटिंग का रास्ता चुना, क्योंकि वह शुरुआत में ही समझ चुके थे कि वह अभिनय नहीं कर पाएंगे, इसलिए उन्होंने फिल्म मेकिंग पर खास ध्यान दिया।

अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद डेविड धवन ने बॉलीवुड इंडस्ट्री में कदम रखा और एडिटर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की। डेविड की पहली फिल्म 1984 में आई 'सारांश' थी, जिसमें अनुपम खेर ने मुख्य भूमिका निभाई थी। फिल्म का निर्देशन महेश भट्ट ने किया था और एडिटिंग डेविड धवन ने की थी। 

एडिटिंग के बाद डेविड धवन ने अपना हाथ निर्देशन में आजमाया और बहुत जल्दी इस लाइन में अपना सिक्का जमा लिया। डेविड ने 1989 में आई फिल्म 'ताकतवर' से अपना निर्देशन डेब्यू किया था, जिसमें गोविंदा और संजय दत्त मुख्य भूमिका में नजर आए थे। अपनी पहली फिल्म से ही बतौर निर्देशक डेविड धवन इंडस्ट्री में छा गए। इसके बाद लगातार वह अपनी फिल्मों के जरिए सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए।

निर्देशक में 90 के दशक से लेकर अब तक बॉलीवुड के कई बड़े सितारों के साथ काम किया, लेकिन उनकी सबसे ज्यादा जोड़ी गोविंदा के साथ जमी। इस जोड़ी ने कई सुपरहिट फिल्में दीं। दोनों ने एक साथ 17 फिल्मों में काम किया, जिनमें से अधिकतर हिट साबित हुई थीं। डेविड ने 'स्वर्ग', 'आंखें', 'शोला और शबनम', 'साजन चले ससुराल', 'जुड़वा', 'बड़े मियां छोटे मियां', 'दुल्हन हम ले जायेंगे', 'मुझसे शादी करोगी', 'पार्टनर', 'चश्मे बद्दूर', 'मैं तेरा हीरो' और 'जुड़वा 2' सहित कई सुपरहिट फिल्में इंडस्ट्री को दीं। डेविड धवन ने अपने करियर में करीब 42 फिल्मों का निर्देशन किया, जिनमें से 17 फिल्में उन्होंने गोविंदा के साथ की थीं। हालांकि, बाद में दोनों के रिश्ते में दरार आने के बाद कभी वह साथ नहीं दिखे।

डेविड धवन की तमाम सुपरहिट फिल्मों की बदौलत उन्हें किंग ऑफ कॉमेडी के टैग से भी नवाजा गया। वहीं डेविड धवन की निजी जिंदगी के बारे में बात करें तो उन्होंने करुणा चोपड़ा धवन के साथ शादी की, जिनसे उन्हें दो बच्चे हुए- रोहित धवन और वरुण धवन। उनके बेटे वरुण धवन ने बतौर अभिनेता बॉलीवुड इंडस्ट्री में कदम रखा और अपना नाम कमाया।

आज का इतिहास:1990 में आज ही के दिन ही चीन ने अपना पहला न्यूक्लियर टेस्ट किया था,जाने 16 अगस्त से जुड़े महत्वपूर्ण घटनाक्रम


नयी दिल्ली : देश और दुनिया में 16 अगस्त का इतिहास कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी है और कई महत्वपूर्ण घटनाएं इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गई हैं।

16 अगस्त का इतिहास काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि 2012 में आज ही के दिन विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को इक्वाडोर ने राजनीतिक शरण दी थी।

2010 में 16 अगस्त को ही नई दिल्ली में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के लिए एआर रहमान के रचे थीम गीत जियो उठो बढ़ो जीतो को स्वीकृति दी गई थी।

2018 में आज ही के दिन भारत रत्न से सम्मानित अटल बिहारी वाजपेयी की मृत्यु हुई थी।

2008 में आज ही के दिन कांगो में तैनात 125 भारतीय पुलिस अधिकारियों को संयुक्त राष्ट्र शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

2006 में आज ही के दिन संयुक्त राष्ट्र परिषद ने हैती में अपने अभियान को 6 महीने के लिए बढ़ा दिया था।

2004 में 16 अगस्त को ही ओलंपिक नौकायन में ऑस्ट्रेलियाई और अमेरिकी टीम ने वर्ल्ड रिकाॅर्ड बनाया था।

2000 में आज ही के दिन वेरेंटर्स सागर में रूस की परमाणु पनडुब्बी दुर्घटनाग्रस्त हुई थी।

1990 में 16 अगस्त के दिन ही चीन ने अपना पहला न्यूक्लियर टेस्ट किया था।

1960 में आज ही के दिन साइप्रस को ब्रिटेन से छुटकारा मिला था और वहां इस दिन को फ्रीडम के रूप में मनाया जाता है।

1943 में 16 अगस्त को ही बुल्गारिया के जार बोरिस तृतीय अडोल्फ़ हिटलर से मिले थे।

1924 में आज ही के दिन नीदरलैंड-तुर्की के बीच शांति समझौते पर साइन हुए थे।

1918 में आज ही के दिन दूसरी लोकसभा के सदस्य टी. गणपति का जन्म हुआ था।

1787 में 16 अगस्त के दिन ही तुर्की ने रूस के खिलाफ युद्ध की घोषणा की थी।

1777 में आज ही के दिन ही अमेरिका ने ब्रिटेन को बेन्निनगटोन के युद्ध में हराया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से देश को दिया ये संदेश, जानिए भाषण की 15 बड़ी बातें


नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले पर लगातार 11वीं बार तिरंगा झंडा फहराया। इस पर मौके पर पीएम मोदी ने राष्ट्र को करीब एक घंटे 41 मिनट संबोधित किया।

प्रधानमंत्री ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध, भ्रष्ट्राचार, न्यायिक प्रणाली में सुधार, बांग्लादेश के हालात समेत कई मुद्दों पर बात की। आइए जानते हैं पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें।

पीएम मोदी ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध पर चिंता जताते हुए कहा कि हमें गंभीरता से सोचना होगा। हमारी माताओं, बहनों, बेटियों के प्रति जो अत्याचार हो रहे हैं उसके प्रति जन सामान्य का आक्रोश है। 

इसे देश को, समाज को, हमारी राज्य सरकारों को गंभीरता से लेना होगा। महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो। राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो, ये समाज में विश्वास पैदा करने के लिए जरूरी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने को कहा कि अगले पांच वर्षों में मेडिकल की पढ़ाई के लिए 75 हजार नई सीटें सृजित की जाएंगी। उन्होंने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में यह भी कहा कि विकसित भारत के साथ ही हमें स्वस्थ भारत बनाना होगा। 

मोदी ने कहा कि हमने पिछले 10 साल में मेडिकल सीटों को करीब करीब एक लाख कर दिया। हर साल 25 हजार युवा मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं। वे ऐसे-ऐसे देशों में जाते हैं कि मैं सुनकर हैरान रह जाता हूं। उन्होंने घोषणा की कि हमने तय किया है कि अगले पांच साल में मेडिकल लाइन में 75 हजार नई सीटें बनाई जाएंगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब 40 करोड़ देशवासी गुलामी की जंजीरों को तोड़कर देश को आजाद कर सकते हैं तो आज 140 करोड़ ‘परिवारजन’ इसी भाव से समृद्ध भारत भी बना सकते हैं। 

78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ सिर्फ भाषण के शब्द नहीं हैं बल्कि इसके पीछे कठोर परिश्रम जारी है और देश के सामन्य जन से सुझाव लिए जा रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि हम 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। अगर 40 करोड़ देशवासी अपने पुरुषार्थ, समर्पण, त्याग और बलिदान से आजादी दिला सकते हैं, आजाद भारत बना सकते हैं तो 140 करोड़ देशवासी इसी भाव से समृद्ध भारत भी बना सकते हैं। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज यह समय है देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता का और अगर देश के लिए मरने की प्रतिबद्धता आजादी दिला सकती है तो देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता समृद्ध भारत भी बना सकती है।

पीएम मोदी ने कहा कि उनके नेतृत्व वाली सरकार देश में बड़े सुधारों के लिए प्रतिबद्ध है और वह राजनीतिक गुणा-भाग से नहीं, बल्कि ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि’ के संकल्प के साथ कदम उठाती है। 

उन्होंने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में पिछले 10 वर्षों के दौरान उठाए गए कदमों तथा प्रमुख योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने ‘यथास्थिति’ वाली मानसिकता को खत्म किया है। 

मोदी ने कहा कि पहले देश में यथास्थिति का एक माहौल बन गया था। लोग कहते थे कि कुछ होने वाला नहीं है। हमें इस मानसिकता को तोड़ना था और हमने तोड़ा । मोदी ने कहा, ‘‘देश का सामान्य नागरिक बदलाव चाहता था। हमने बड़े सुधार किए हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी। मैं चाहता हूं कि भ्रष्टाचारियों के मन में डर पैदा हो ताकि आम आदमी को लूटने की परंपरा बंद हो। 

हम संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं लेकिन कुछ लोग होते हैं जो प्रगति देख नहीं सकते जो भारत का भला सोच नहीं सकते हैं। जब तक खुदका भला न हो तब तक उन्हें किसी का भला अच्छा नहीं लगता। देश को ऐसे लोगों से बचना होगा। ईमानदारी के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई तीव्र गति से जारी रहेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि हम दुनिया को बताना चाहते हैं कि उन्हें प्रगतिशील भारत को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है।

पीएम मोदी ने कहा कि मैंने सपना देखा है कि 2047 विकसित में सरकार की दखल कम हो। जहां सरकार की जरूरत हो वहां अभाव न हो और सरकार का बिना कारण प्रभाव भी न हो। मोदी ने कहा कि विश्व में सबसे तेज़ गति से करोड़ों लोगों को कोविड वैक्सीनेशन का काम हमारे देश में हुआ।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को उम्मीद जताई कि बांग्लादेश में हालात जल्द सामान्य होंगे और वहां हिंदू तथा दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में यह भी कहा कि बांग्लादेश की विकास यात्रा को लेकर शुभेच्छा रहेगी। 

मोदी ने कहा, ‘‘बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है उसको लेकर पड़ोसी देश के नाते हमें चिंता होना स्वाभाविक है। मैं आशा करता हूं कि वहां हालात जल्द सामान्य होंगे। 140 करोड़ देशवासियों की चिंता यह है कि वहां हिंदू, अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो। 

उन्होंने कहा, ‘‘भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश सुख और शांति के मार्ग पर चलें।

पीएम मोदी ने कहा कि बार-बार चुनाव देश की प्रगति में बाधा उत्पन्न करते हैं । पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि समान नागरिक संहिता को लेकर बार-बार चर्चा की है। मैं कहूंगा कि यह समय की मांग है कि देश में एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता हो...तभी हम धर्म के आधार पर भेदभाव से मुक्त हो पाएंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि करीब 10 करोड़ नई महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं और परिवार के फैसले लेने की प्रक्रिया का अभिन्न अंग बन गई हैं तथा व्यापक सामाजिक बदलाव लाने में योगदान दे रही हैं। 

मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया और महिला सशक्तीकरण की सराहना की। मोदी ने कहा कि हमें यह देखकर गर्व हो रहा है कि महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं आत्मनिर्भर हो जाती हैं तो वे परिवार के निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लेती हैं और यह महत्वपूर्ण सामाजिक परिवर्तन सुनिश्चित करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि क्षेत्र में बदलाव की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि सरकार किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास कर रही है। उन्होंने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से मिट्टी की सेहत में आ रही गिरावट पर भी चिंता जताई। 

उन्होंने कहा कि सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम शुरू किए हैं और ऐसी कृषि पद्धतियों के लिए बजट आवंटन भी बढ़ाया गया है। मोदी ने भरोसा जताया कि भारत दुनिया का जैविक खाद्यान्न उत्पादक बन सकता है। 

उन्होंने कहा, ''हमारी कृषि प्रणाली में बदलाव लाना बहुत जरूरी है। यह समय की मांग है।पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार UCC को लेकर चर्चा की है, अनेक बार आदेश दिए हैं। अब देश की मांग है कि देश में secular civil code हो। 

दुर्भाग्य से हमारे देश में आजादी के बाद लोगों को एक प्रकार के माई-बाप कल्चर से गुजरना पड़ा- सरकार से मांगते रहो, सरकार के सामने हाथ फैलाते रहो। हमने governance के इस मॉडल को बदला है। आज सरकार खुद लाभार्थियों के पास जाती है।

लोगों के जीवन में सरकार का दखल कम हो, इस दिशा में भी हमने काम किया है। हमने देशवासियों के लिए 1,500 से ज्यादा कानूनों को खत्म कर दिया, ताकि कानूनों के जंजाल में देशवासियों को फंसना न पड़े। सदियों से हमारे पास जो criminal law थे, उन्हें हम न्याय संहिता के रूप में लाए हैं। इसके मूल में 'दंड नहीं, नागरिक को न्याय' के भाव को हमने प्रबल बनाया है। मैं हर स्तर पर सरकार के प्रतिनिधियों और जन-प्रतिनिधियों से आग्रह करता हूं कि हमें मिशन मोड में ease of living के लिए कदम उठाने चाहिए।

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के बड़े सुधारों की वजह से भारतीय बैंक वैश्विक स्तर पर मजबूत बैंकों में शामिल हैं। ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मजबूत बैंकिंग प्रणाली औपचारिक अर्थव्यवस्था को मजबूती देती है। 

उन्होंने कहा कि पहले बैंकिंग क्षेत्र कठिन दौर से गुजर रहा था, लेकिन अब इस क्षेत्र में वृद्धि हो रही है। मोदी ने कहा, ''जरा सोचिए हमारे बैंकिंग क्षेत्र की क्या हालत थी। कोई वृद्धि नहीं थी, कोई विस्तार नहीं था और (बैंकिंग प्रणाली में) कोई विश्वास नहीं था। हमारे बैंक कठिन दौर से गुजर रहे थे।

आज जो महानुभाव राष्ट्र रक्षा के लिए पूरी लगन से, पूरी प्रतिबद्धता के साथ देश की रक्षा भी कर रहे हैं और देश को नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास भी कर रहे हैं। वो हमारे किसान हैं, हमारे जवान हैं, हमारे नौजवानों के हौसले हैं, हमारी माताओं-बहनों का योगदान है, दलित-शोषित-वंचित-पीड़ित हैं।

आज का इतिहास:अंग्रेजों की लंबी गुलामी के बाद 15 अगस्त को आज ही के दिन भारत ने देखा आजाद सुबह का पहला सूरज

नई दिल्ली : अंग्रेजों की लंबी गुलामी के बाद भारत ने आखिरकार 15 अगस्त 1947 को आजाद हवा में सांस ली और आजाद सुबह का सूरज देखा। हालांकि, इस सूरज में बंटवारे के जख्म की लाली भी थी। बंटवारे के बाद मिली आजादी खुशी के साथ ही दंगों और सांप्रदायिक हिंसा का दर्द भी दे गई। 

इस दिन से जुड़ी अन्य घटनाओं की बात करें तो 15 अगस्त की तारीख भारतीय डाक सेवा के इतिहास में एक खास कारण से दर्ज है। 

दरअसल 1972 में 15 अगस्त के ही दिन ‘पोस्टल इंडेक्स नंबर’ अर्थात पिन कोड लागू किया गया था। हर इलाके के लिए अलग पिन कोड होने से डाक की आवाजाही में आसानी होने लगी। इसके अलावा अमेरिकी फौज के अफगानिस्तान से वापस जाने के बाद 15 अगस्त 2021 को तालिबान के लड़ाकों ने राजधानी काबुल पर नियंत्रण कर लिया और इसी के साथ पूरे देश पर तालिबान का कब्जा हो गया। इसके बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी अफगानिस्तान छोड़कर चले गए।

देश-दुनिया के इतिहास में 15 अगस्त की तारीख पर दर्ज अन्य प्रमुख घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है:-

1854 : ईस्ट इंडिया रेलवे ने कलकत्ता (अब कोलकाता) से हुगली तक पहली यात्री ट्रेन चलाई, हालांकि आधिकारिक तौर पर इसका संचालन 1855 में शुरू हुआ। 

1866: लिकटेंस्टीन जर्मनी के शासन से मुक्त हुआ।

1872 : भारतीय दार्शनिक श्री अरबिंदो का जन्म।

1886 : भारत के महान संत एवं विचारक गुरु रामकृष्ण परमहंस उर्फ गदाधर चटर्जी का निधन।

1945: दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया दोनों आजाद हुए।

1947 : भारत को अंग्रेज़ों की हुकूमत से आजादी मिली।

1947 : रक्षा वीरता पुरस्कारों-परमवीर चक्र, महावीर चक्र और वीर चक्र की स्थापना।

1975 : बांग्लादेश में सैनिक क्रान्ति।

1950 : भारत में 8.6 की तीव्रता वाले भूकंप के कारण जान और माल की भारी क्षति।

1960: कांगो फ्रांस की गुलामी से आज़ाद हुआ।

1971 : बहरीन ब्रिटेन के शासन से आजाद हुआ।

1972 : पोस्टल इंडेक्स नंबर अर्थात पिन कोड लागू किया गया।

1982 : राष्ट्रव्यापी रंगीन प्रसारण और टीवी के राष्ट्रीय कार्यक्रम की शुरुआत।

1990 : जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल आकाश का सफल प्रक्षेपण।

2007 : दक्षिण अमेरिकी देश पेरु के मध्य तटीय इलाके में 8.0 तीव्रता के भूकंप से 500 से ज्यादा लोगों की मौत।

2021: अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा। राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ा।

2021: हैती में भूकंप से 724 लोगों की मौत

टाटा की कंपनी ने लाई है ऑफर,घर खरीदने पर 19 लाख की छूट!फ्री में होगी रजिस्‍ट्री,जाने है कब तक है मौका।


नई दिल्‍ली- आप भी सपनों का घर खरीदने का सपना देख रहे हैं तो हम ऐसे ऑफर की जानकारी लेकर आए हैं, जो इसे हकीकत बना सकती है. रियल एस्टेट कंपनी टाटा हाउसिंग डेवलपमेंट कंपनी ने भारी मांग के बीच बिक्री बढ़ाने के मकसद से स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में देशभर में अपनी कुछ परियोजनाओं में कम स्टाम्प शुल्क और मुफ्त उपहार सहित कई अन्य पेशकश की घोषणा की है।

कंपनी ने कहा है कि वह भारत के दक्षिण और पश्चिम क्षेत्रों में अपनी प्रतिष्ठित लग्‍जरी परियोजनाओं के लिए विशेष स्वतंत्रता दिवस पेशकश कर रही है. टाटा हाउसिंग इस उच्च मांग की अवधि का लाभ उठाते हुए स्टाम्प शुल्क में कमी जैसे पर्याप्त वित्तीय लाभ प्रदान कर रही है, ताकि इस त्योहारी सत्र के दौरान खरीदारों के लिए घर खरीदना अधिक आसान और फायदेमंद हो सके।

स्‍टांप पर 19 लाख तक छूट

मुंबई के पश्चिमी क्षेत्र ठाणे में टाटा हाउसिंग की ‘सेरीन’ परियोजना पर खरीदारों को सबसे ज्‍यादा छूट मिल रही है. यहां कंपनी स्टाम्प शुल्क पर 19 लाख रुपये तक की पर्याप्त बचत की पेशकश कर रही है. इसका मतलब हुआ कि अगर आप इस प्रोजेक्‍ट में घर खरीदते हैं तो आपको स्‍टांप पर 19 लाख रुपये तक की छूट मिल जाएगी.

यहां 4 लाख तक बचत

इसके अलावा मुंबई के कल्याण इलाके में टाटा हाउसिंग का ‘अमंत्रा’ प्राजेक्‍ट चल रहा है. यहां घर खरीदारों को पहली 25 इकाई के लिए स्टाम्प शुल्क पर चार लाख रुपये तक की बचत प्रदान कर रही है. इसके अलावा पुणे में टाटा वैल्यू होम्स की ‘सेंस 66’ मजबूत भुगतान योजनाएं पेश कर रही है, जिसमें ग्राहकों को आसान किस्‍त का विकल्‍प दिया जा रहा है.

फ्री रजिस्‍ट्री, 3 लाख का वाउचर

तमिलनाडु के कोच्चि में टाटा रियल्टी की ‘त्रित्वम’ परियोजना चल रही है. इस प्रोजेक्‍ट में घर खरीदारों को शून्य स्टाम्प शुल्क का लाभ प्रदान कर रही है. इसका मतलब हुआ कि आपके मकान की रजिस्‍ट्री फ्री में हो जाएगी. इसी तरह, बैंगलोर की ‘न्यू हेवन’ परियोजना में मकान खरीदने वालों को कंपनी 3 लाख रुपये का फर्निशिंग वाउचर दे रही है।