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झारखंड पुलिस की बड़ी उपलब्धि,पलामू जिला के झपिया पहाड़ के जंगल से 10 लाख का इनामी नक्सली को दबोचा

झारखंड डेस्क 

झारखंड पुलिस ने पलामू जिला के हुसैनाबाद थाना क्षेत्र स्थित झपिया पहाड़ के जंगल से 10 लाख के इनामी माओवादी कमांडर सीताराम रजवार उर्फ रमन रजवार को गिरफ्तार किया।

 शुक्रवार को उसे जेल भेज दिया। पलामू के विभिन्न थानों में उसपर 28 और बिहार के विभिन्न थाना में 23 मामले दर्ज हैं। वह मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद जिले के एनटीपीसी खैरा थाना क्षेत्र के सलैया गांव का रहने वाला है।

पलामू एसपी रीष्मा रमेशन ने शुक्रवार को मेदिनीनगर में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि हुसैनाबाद के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को माओवादी संगठन के टॉप कमांडर नीतेश यादव के दस्ते के जोनल कमांडर सीताराम रजवार उर्फ रमन रजवार, संजय यादव उर्फ गोदराम एवं अन्य के साथ झरगड़ा गांव से सटे झपिया पहाड़ के जंगल में जुटे होने की सूचना मिली थी।

बताया गया था कि वे किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में है। इस सूचना पर पुलिस अधीक्षक स्तर से हुसैनाबाद एसडीपीओ के नेतृत्व में टीम गठित की गई। टीम में थाना प्रभारी संजय कुमार यादव, लठेया पिकेट प्रभारी धर्मवीर कुमार यादव तथा सशस्त्र बल को शामिल कर दो टीम, झपिया पहाड़ के समीप पहुंचे। पुलिस को देखते चार-पांच की संख्या में लोग पहाड एवं जंगल की तरफ भागने लगे। पीछा करते हुए सशस्त्र बलों ने एक व्यक्ति को पकड़ लिया जिसकी पहचान 65 वर्षीय सीताराम रजवार के रूप में हुई है।

वहीं दूसरी ओर खूंटी पुलिस ने कामडारा थाना क्षेत्र के चुआंटोली स्थित मार्टिन केरकेट्टा के घर और उसकी ससुराल टंगराटोली में गुरुवार रात छापा मारा। एसपी अमन कुमार ने बताया कि तोरपा एसडीओपी ख्रिस्टोफर केरकेट्टा के नेतृत्व में की गई छापेमारी के क्रम में पूछताछ के लिए उसके साला पवन केरकेट्टा को हिरासत में लिया है। एसडीपीओ ने परिवारवालों से मार्टिन को आत्मसमर्पण कराने को कहा है। वहीं, एसपी ने भाकपा माओवादी और पीएलएफआई उग्रवादियों पर कार्रवाई के लिए ढाई घंटे तक मैराथन बैठक कर पुलिस पदाधिकारियों को कई दिशा-निर्देश दिए।

राजधानी रांची में लेवी वसूलने वालों से दहाशत,जमीन कारोबारी से उग्रवादी संघठन के नाम पर मांगी गयी एक करोड़ रूपये


झा. डेस्क 

इन दिनों झारखंड में व्यापार-कारोबार करने वाले सुरक्षित नहीं हैं.उनसे धमकी देकर पैसे वसूली का कारोबार खूब फल फूल रहा है. ताज़ा मामला झारखंड के राजधानी रांची से आ रहा है जहाँ जमीन कारोबारी से अपराधियों एवं उग्रवादी संगठन ने एक करोड़ रूपये कि मांग की है. मामला सुखदेवनगर थाना क्षेत्र की है.सुखदेवनगर मुहल्ला में रहने वाले जमीन कारोबारी जगदीश प्रसाद से एक करोड़ रुपए की लेवी मांगी गई है। 

इस संबंध में जमीन कारोबारी ने शुक्रवार को शाम सुखदेवनगर थाना में लिखित सूचना देकर जानमाल की सुरक्षा की गुहार लगाई है। जमीन का धंधा करने वाले जगदीश के मोबाइल फोन पर व्हाट्सअप कॉल कर लेवी मांगने वाले ने स्वयं का परिचय पीएलएफआई के एरिया कमांडर के तौर पर दिया था। 

कॉल करने वाले उग्रवादी ने पांच दिन के अंदर रुपये नहीं देने पर गंभीर परिणाम भुगतने को चेताया था।

वर्ष 2022 में 30 मई को एक जमीन कारोबारी कमल भूषण की हुई थी हत्या

रातू रोड के मधुकम में रहने वाले जमीन कारोबारी कमल भूषण की ग्लैक्सिया मॉल के पास अपराधियों ने वर्ष 2022 में 30 मई को दिन में हत्या कर दी थी। इस मामले में अभी गवाही पूरी हो गई है। मामले में एक आरोपी मुनव्वर अफात सरकारी गवाह है। इस मामले में जल्द फैसला आ सकता है। कमल भूषण के साझेदार रहे डब्लू कुजूर, पत्नी सुशीला कुजूर, बेटा राहुल कुजूर, भाई छोटू कुजूर, मंजूर आलम, सोनू कुमार समेत अन्य जेल में बंद हैं।

दिवंगत कमल और जगदीश साथ करते थे कारोबार

पुलिस के मुताबिक, जमीन कारोबारी से नगड़ी थाना के दलादली ओपी क्षेत्र में आठ-दस साल पहले एक बड़े भूखंड पर चहारदीवारी खड़ा करने के एवज में लेवी की मांग की गई थी। जगदीश प्रसाद ने जमीन कारोबारी दिवंगत कमल भूषण के साथ मिलकर दलादली में एक भूखंड पर चहारदीवारी का निर्माण कराया था।

कमल भूषण की हत्या के बाद उसके मैनेजर की भी हुई थी हत्या 

कमल भूषण की हत्या के बाद मैनेजर संजय कुमार सिंह की भी पिछले साल पांच जुलाई को रातू रोड में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कमल भूषण की हत्या मामले आठ लोग जेल में बंद हैं। आरोपी डब्लू कुजूर, छोटू कुजूर, राहुल, यामिनी, साहिल बाड़ा, विवेक कुमार शर्मा, आकाश कुमार वर्मा, संदीप कुमार प्रसाद जेल में बंद हैं।

बोकारो थर्मल में नए श्रम अधीक्षक रंजीत कुमार ने ग्रहण किया पदभार


बोकारो : सहायक श्रमायुक्त कार्यालय बोकारो थर्मल में नए श्रम अधीक्षक सह सहायक श्रमायुक्त रंजीत कुमार ने 8 अगस्त को पदभार ग्रहण किया। इनसे पहले प्रवीण कुमार बोकारो थर्मल के श्रम अधीक्षक थे, जिनका तबादला धनबाद कर दिया गया है।

यहां बोकारो थर्मल में पदस्थापित नए श्रम अधीक्षक का स्वागत पूर्व श्रम अधीक्षक प्रवीण कुमार सहित अन्य कर्मचारियों ने गुलदस्ता देकर किया। साथ ही उन्हें शुभकामनाएं दी।

नव पदस्थापित श्रम अधीक्षक रंजित कुमार ने बताया कि क्षेत्र के मजदूरों के समस्याओं का पूर्ण समाधान करवाना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। इसके अलावे सरकारी योजनाओं का लाभ हर महिला पुरुष मजदूरों को मिले, इसके लिए भी पहल तेज किया जाएगा। 

इस अवसर पर राजेश कुमार, एनके वर्मा, गणेश राम, लोकनाथ महतो, जगू महतो, मनोज सिंह सहित कई कर्मचारी व सहायक मित्र उपस्थित थे।

मैनहर्ट कंपनी ने किया सरयू राय पर कोर्ट में 100 करोड़ के मानहानि का दावा, राय ने कहा कोर्ट में दूंगा जवाब


झारखंड डेस्क 

मैनहर्ट कंपनी की ओर से जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय पर रांची के सिविल कोर्ट में 100 करोड़ की मानहानि का दावा करते हुए केस दर्ज किया गया है। 

कोर्ट में दाखिल आवेदन में कहा गया है कि सरयू राय द्वारा बार-बार मुद्दा उठा कर कंपनी पर अनियमितता का आरोप लगाकर 

 कंपनी की छवि खराब की जा रही है जिसके कारण कंपनी को आर्थिक क्षति हो रही है। ऐसे में अदालत कंपनी को 100 करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में दिलाए।

मैनहर्ट कंपनी को यह बौखलाहट सरयू राय द्वारा लिखें गए एक किताब में मैनहर्ट का जिक्र किया है. इस सम्बन्ध में सरयू राय ने कहा कि वे इस केस को कोर्ट में लड़ेंगे.

उल्लेखनीय है कि कंपनी ने आरोप लगाया कि तत्कालीन सरकार ने सरयू राय के मुताबिक निर्णय नहीं लिया गया तो मामले को विवादित करते रहे। इस मुद्दे पर किताब लिखकर भी मानहानि की है।

कंपनी ने दावा किया है कि रांची में वर्ष 2005-06 में सीवरेज-ड्रेनेज की कंसल्टेंसी के संबंध में प्रारंभ से लेकर अंत कर सारे निर्णय कैबिनेट या सक्षम स्तर से लिए गए हैं। शुरू में यह कार्य ओआरजी कंपनी को दिया गया था, लेकिन उसका कार्य संतोषजनक नहीं होने पर उस कंपनी का कार्यादेश निरस्त कर दिया गया। 

सरयू राय कंपनी पर शुरू से ही अनेकों बार अलग-अलग आरोप लगाकर मुद्दा उठाते रहे हैं। इस मामले की विभाग और एक्सपर्ट कमेटी ने जांच की। दो बार तत्कालीन महाधिवक्ता से मंतव्य लिया गया और सारे निर्णय कैबिनेट से लिए गए।

 इसको लेकर विधानसभा की इंप्लीमेंटेशन कमेटी के चेयरमैन के तौर पर सरयू राय मामले में जांचकर्ता बने। कमेटी की रिपोर्ट और हाईकोर्ट के निर्णय के बाद सरकार के उच्चस्तर पर निर्णय लेते हुए मैनहर्ट को काम करने और भुगतान करने का आदेश दिया गया।

सरयू राय ने कहा न्यायालय में इस केस का जवाब दूंगा 

पूर्व मंत्री और जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने कहा कि घपला करने वालों की सम्मिलित साजिश है। ऐसा करके दोषी लोग सजा से बचने का प्रयास कर रहे हैं। इतने लंबे समय के बाद कंपनी की नींद खुली है। 

इसके पीछे मंशा को आसानी से समझा जा सकता है। मैंने एक पुस्तक भी लिखी है लम्हों की खता। इसे पढ़कर भी बहुत कुछ जानकारी मिल जाएगी। उन्होंने डोरंडा थाने में केस भी कराया है। न्यायालय में केस लड़ने के लिए वह तैयार हैं। यह चुनौती उन्हें स्वीकार है।

बांगलादेशी घुसपैठिये पर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जवाब दाखिल नहीं करने पर हाईकोर्ट नाराज, कोर्ट ने क्या की टिप्पणी, पढ़िए पूरी खबर

झा. डेस्क 

दानियल दानिश द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुये झारखंड हाई कोर्ट ने संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों से जुड़े मामले को लेकर केंद्र और राज्य सरकार की ओर से जवाब दाखिल नहीं करने पर नाराजगी जाहिर की है.

 हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता है। वहां के हालात ठीक नहीं हैं। घुसपैठियों के मामले में केंद्र और राज्य सरकार उदासीन है। क्या घुसपैठियों के प्रवेश कर जाने के बाद ही केंद्र सरकार कार्रवाई करेगी।

एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस एके राय की अदालत ने इंटेलिजेंस ब्यूरो(आईबी) के निदेशक, भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त, सीमा सुरक्षा के महानिदेशक, और यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया के महानिदेशक को प्रतिवादी बनाते हुए अगली तिथि को पक्ष रखने का निर्देश दिया। 

आईबी को सीलबंद रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी। बता दें कि संथाल इलाके में बांग्लादेशी घुसपैठ रोकने को लेकर दानियल दानिश ने जनहित याचिका दायर की है।

सुनवाई के दौरान पूर्व निर्देश के आलोक में देवघर, दुमका, गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़ और जामताड़ा के उपायुक्तों द्वारा जवाब दाखिल नहीं किए जाने पर कोर्ट ने राज्य सरकार पर कड़ी नाराजगी जताई। 

कोर्ट ने मौखिक कहा कि संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठिए के आने की बात संज्ञान में लाई गई है। ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर अबतक जवाब नहीं आना दुर्भाग्यपूर्ण है।

घुसपैठियों के आधार और वोटर कार्ड का सत्यापन करे प्रशासन 

सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठिए फर्जी ढंग से आधार कार्ड और वोटर कार्ड बना रहे हैं। वहां की भोली-भाली आदिवासी लड़कियों से शादी कर उनकी जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। इसपर कोर्ट ने राज्य सरकार से मौखिक कहा कि सरकार को संथाल परगना जैसे इलाकों में औचक निरीक्षण कर लोगों के आधार कार्ड एवं वोटर कार्ड का सत्यापन करना चाहिए, ताकि घुसपैठियों की पहचान हो सके। 

कोर्ट ने मौखिक कहा कि झारखंड में घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें तुरंत निकालना जरूरी है, अन्यथा और घुसपैठिए झारखंड आते रहेंगे। राज्य सरकार को झारखंड के सीमावर्ती इलाकों में पुलिस फोर्स को मजबूत कर घुसपैठियों को रोकना होगा। राज्य एवं केंद्र सरकार दोनों को देश एवं राज्य में घुसपैठ पर मिलकर काम करना होगा।

उपायुक्त द्वारा शपथपत्र दाखिल नहीं करने पर कोर्ट हुआ नाराज

पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने संथाल परगना के छह जिलों के उपायुक्तों की बजाय कनीय अधिकारियों द्वारा शपथपत्र दाखिल किए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई थी। अदालत ने कहा था कि कोर्ट को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। अदालत ने देवघर, दुमका, गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़ और जामताड़ा के उपायुक्तों को दोबारा शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया था। अदालत ने सभी उपायुक्तों को यह निर्देश दिया था कि आपसी सामंजस्य से बांग्लादेश की तरफ से आने वाले घुसपैठियों को चिह्नित कर उन्हें वापस भेजने की एक कार्ययोजना तैयार कर काम करें। संबंधित जिलों के एसपी घुसपैठ का डाटा उपलब्ध कराने में उपायुक्तों को सहयोग करेंगे। मुख्य सचिव इन सभी की निगरानी करेंगे

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गैंगस्टर अमन साहू के भाई को दबोचा


राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने झारखंड के कोयला खदान में गोलीबारी, आगजनी और जबरन वसूली के मामले में जेल में बंद गैंगस्टर अमन साहू के एक और गुर्गे को गिरफ्तार है। यह गुर्गा उसका भाई आकाश कुमार साहू उर्फ साकस साहू है। जिसे एनआईए ने आरोपित किये जाने के एक दिन बाद हिरासत में लिया. 

अब आकाश इस मामले में गिरफ्तार होनेवाला 26वां आरोपी है। एनआईए ने यह जानकारी बुधवार को दी।

इस केस को एनआईए 2021 में किया टेकओवर 

एनआईए के मुताबिक मार्च 2021 में यह मामला राज्य पुलिस से जांच अपने हाथ में ली थी। इस जांच में एनआईए को पता चला कि आरोपी आकाश कुमार शंकर यादव और जेल में बंद गैंगस्टर अमन साहू के लिए जबरन वसूली के काम में सक्रिय था। इस पैसे को दोनों रियल एस्टेट में निवेश करने का ढोंग रच रहा था । आकाश अमन साहू गिरोह के सदस्यों को रसद पहुंचाने का काम भी कर रहा था।

बालूमाथ थाना में दर्ज हुआ था मामला 

एनआईए के मुताबिक यह मामला मूल रूप से 19 दिसम्बर 2020 को तेतरियाखंड कोयला खदान में हमले के बाद लातेहार जिले के बालूमाथ पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। अमन साहू ने गैंगस्टर सुजीत सिन्हा और अन्य के साथ मिलकर जबरन वसूली और कोलियरी के संचालन को बाधित करने और घातक हमले की योजना बनायी थी।

अमन साहू गिरोह कई अपराधों में संलिप्त है

एनआईए प्रवक्ता ने बताया कि अमन साहू गिरोह झारखंड में कई सनसनीखेज अपराधों में शामिल रहा है, जिसमें पुलिस अधिकारियों और जेल कर्मचारियों पर गोलीबारी भी शामिल है। साहू के निशाने पर व्यापारी और ठेकेदार रहे हैं। गिरोह ने अपनी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए राज्य के बाहर छोटे-छोटे नक्सली संगठनों और अन्य संगठित आपराधिक गिरोहों के साथ सम्बन्ध भी विकसित किये हैं।

आज जमशेदपुर के उलियांन में होगा महाजुटान,निर्मल महतो के सहादत दिवस पर सीएम हेमंत सोरेन करेंगे सम्बोधित,*


*आज के दिन ही निर्मल महतो की कर दी गयी थी हत्या* झारखंड डेस्क जमशेदपुर निर्मल महतो के शहादत दिवस पर आज गुरुवार को कदमा के उलियान में महा जुटान होगा जहां मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन पहुंचेगें और सभा को सम्बोधित करेंगे । आज यानी आठ अगस्त को निर्मल महतो जमशेदपुर में शहीद हुए थे उनकी आज ही के दिन हत्या कर दी गयी थी ।वर्ष था 1987 ! जमशेदपुर में अवतार सिंह तारी की मां का श्राद्धकर्म था। उस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सात अगस्त को ही निर्मल महतो, ज्ञानरंजन, सूरज मंडल और बाबूलाल सोय रांची से जमशेदपुर आ गये थे। उन लोगों के ठहरने की व्यवस्था चमरिया गेस्ट हाउस में की गयी थी। दो कमरे बुक हुए थे। कमरा नंबर एक सूरज मंडल और कमरा नंबर दो ज्ञान रंजन के नाम से बुक था। निर्मल महतो सूरज मंडल के साथ कमरा नंबर एक में ठहरे थे। आठ अगस्त 1987 का दिन था। निर्मल महतो, ज्ञानरंजन, सूरज मंडल अपने कुछ सहयोगियों के साथ चमरिया गेस्ट हाउस की सीढ़ी से उतर रहे थे। सीढ़ी से उतरते समय निर्मल महतो को धीरेंद्र सिंह उर्फ पप्पू ने सामने से और वीरेंद्र सिंह ने पीछे से गोली मारी। गोली लगते ही निर्मल महतो वहीं गिर पड़े। सूरज मंडल को भी अंगुली में गोली लगी। दोनों को जीप से एमजीएम ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने निर्मल को मृत घोषित कर दिया। निर्मल महतो की हत्या की खबर पूरे राज्य में आग की तरह फैल गयी। हत्या के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा और आजसू के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आये। जमशेदपुर शहर बंद रहा। कई जगह पर तोड़फोड़ भी हुई। तीन दिनों के झारखंड बंद का आह्वान किया गया। शिबू सोरेन भी जमशेदपुर पहुंच गये। बड़ी सभा हुई। निर्मल दा की शवयात्रा में एक लाख से अधिक लोग शामिल हुए। उन्हें जमशेदपुर शहर के उलियान कदमा में दफना दिया गया। निर्मल दा झारखंडियों के अरमानों में आज भी प्रकाशमान हैं। हत्या की प्राथमिकी झामुमो के उस समय के बड़े नेता सूरज मंडल की शिकायत पर बिष्टुपुर थाना में दर्ज की गयी थी. संयुक्त बिहार के दौरान उनकी हत्या के विरोध में जमशेदपुर समेत पूरे प्रदेश में बवाल हुआ था। हत्या की जांच सरकार ने सीबीआइ को 18 नवंबर 1987 को सौंपी। निर्मल दा की हत्या के मामले में धीरेंद्र सिंह, वीरेंद्र सिंह और नरेंद्र सिंह की गिरफ्तारी हुई थी।धीरेंद्र सिंह की गिरफ्तारी हत्या मामले में 11 साल बाद 2001 में और नरेंद्र सिंह की 2003 में हुई थी।जेल में ही गोलमुरी के गाढ़ाबासा निवासी वीरेंद्र सिंह की मौत हो गयी थी।
झारखंड में मानसून एक बार फिर सक्रिय,आठ और नौ अगस्त को कई जिलों में होगा भारी बारिश,मौसम विभाग ने किया येलो अलर्ट जारी*
झारखंड डेस्क झारखंड। रांची समेत राज्य भर में एक बार फिर मॉनसून सक्रिय हो गया है। रांची स्थित मौसम विज्ञान केन्द्र ने आठ और नौ अगस्त को गढ़वा, पलामू, लातेहार, लोहरदगा, गुमला और सिमडेगा में भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार पश्चिम बंगाल के गांगेय क्षेत्र से लेकर समीप के बांग्लादेश के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है। इसके प्रभाव से राज्य में बारिश के आसार हैं। इसके अलावा मॉनसून का ट्रफ लाइन भी रांची से होकर गुजर रहा है। जिसके कारण राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में झमाझम बारिश के आसार है। *11 अगस्त तक के लिए भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट* मौसम विभाग की ओर से 11 अगस्त तक के लिए राज्य के विभिन्न जिलों में भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। इसके तहत 8 और 9 अगस्त को राज्य के पश्चिमी भागों में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है। जबकि 10 अगस्त को राज्य के उत्तर पूर्वी भागों में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है। वहीं 11 अगस्त को उत्तरी और मध्य भागों में कहीं-कहीं भारी बारिश के आसान है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 5 दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में किसी बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। *बोकारो में 172.5 मिलीमीटर बारिश* राज्य में पिछले 24 घंटे में लगभग सभी स्थानों पर हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश हुई। जबकि कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश भी हुई। सबसे अधिक 172.5 मिलीमीटर बारिश बोकारो में हुई। इसके अलावा पेटरवार में भी 172.5, देवरी में 82.4, पालगंज में 80, नीमडीह में 79.8, राजमहल में 76.2, झींकपानी में 72, डालटनगंज में 67.3, हजारीबाग में 54, जमशेदपुर में 45, चांडिल में 43.4, खूंटी में 31.5, कुड़ू में 25, जामताड़ा में 24.2, चाईबासा में 22.3 और रांची के नामकुमर में 17 मिलीमीटर बारिश हुई। *राज्य के 16 जिलों में सामान्य बारिश* झारखंड के 16 जिलां में इस साल सामान्य बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार 1 जून से लेकर 7 अगस्त तक राज्यभर में 489.6 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि सामान्य रूप से इस दौरान 581.9 मिलीमीटर बारिश होती है। इस तरह से औसत रूप से 16 प्रतिशत कम बारिश हुई। पाकुड़ में सामान्य से 53 प्रतिशत कम, पश्चिमी सिंहभूम में 30, लोहरदगा में 43, जामताड़ा में 23, पूर्वी सिंहभूम में 34, देवघर में 39 और चतरा में 40 प्रतिशत कम बारिश हुई। रांची समेत अन्य जिलों में इस बार अब तक सामान्य बारिश हुई है।
झारखंड पर अब ना तो भाजपा शासन करेगा ना जेएमएम, यहां तीसरे मोर्चे की सरकार बनेगी:-सूर्य सिंह बेसरा


झा. डेस्क

झारखंड में ना तो अब इंडिया की सरकार बनेगी ना एनडीए की।अब यहां तीसरे मोर्चे की सरकार बनेगी।यह दावा पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा ने किया .

उन्होंने ने कहा है कि झारखंड में कांग्रेस-जेएमएम गठबंधन और और बीजेपी गठबंधन ने बहुत शासन कर लिया ,लेकिन ना तो राज्य का विकास हुआ और ना जनता को उसका हक.अब इस विधानसभा चुनाव में तीसरे मोर्चे की झारखंड में सरकार बनेगी. 10 पार्टियों के समर्थन से बना यह गठबंधन सभी 81 सीटों पर चुनाव लड़ेगा.

उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन को बड़ा घोटालेबाज कहा,

पूर्व विधायक सह झारखंड नव निर्माण महासभा के संयोजक सूर्य सिंह बसेरा धनबाद पहुंचे. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन मुख्यमंत्री रहे, अब उनके बेटे हेमंत सोरेन झारखंड में मुख्यमंत्री हैं, लेकिन इन पिता पुत्र ने भी कोई काम झारखंड के लिए नहीं किया. बिहार से बड़ा चारा घोटाला यहां किया है. जमीन, माइनिंग, आलमगीर आलम घोटाला हेमंत सोरेन ने किया है.

जमीन घोटाला मामले में अभी जमानत पर बाहर हैं.

बता दें कि झारखंड में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसे लेकर सत्ताधारी जेएमएम-कांग्रेस और राजद चुनावी तैयारी में जुट गए हैं. एनडीए भी सत्ताधारी पार्टी की खामियों को गिनाते हुए पूरी मजबूती के साथ चुनाव की तैयारी कर रहा है. वहीं विधानसभा चुनाव को जीतने को लेकर छोटे-छोटे दल को मिलाकर तीसरा मोर्चा बनाया जा रहा है.

धनबाद में पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा ने कहा कि इस बार झारखंड में झामुमो गठबंधन या बीजेपी गठबंधन अब नहीं चलेगा. राज्य में तीसरा गठबंधन झारखंड नव निर्माण महासभा का उदय हो चुका है. 10 पार्टी ने मिलकर तीसरा मोर्चा बनाया है, जो सभी 81 विधानसभा सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ेंगे.

उन्होंने बताया कि 29 जुलाई को रांची में झारखंड नव निर्माण महासभा का गठन हुआ. जिसमें दस राजनीतिक दलों ने अपनी सहमति दी है. 24 वर्षों में झारखंड की जनता 13 मुख्यमंत्री देख चुकी है. इस राज्य में बीजेपी 17 साल शासन में रही, लेकिन ना ही नियोजन नीति और न ही स्थानीय नीति ही ला पाई.

आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के पास है कई बड़ी चुनौतियां , क्या भाजपा के लिए आसान है सत्ता में पुनर्वापसी..?

 - विनोद आनंद 

झारखण्ड विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर सभी राजनितिक दलों ने कमर कस ली है,इस बार सिर्फ इंडिया गठबंधन बनाम एनडीए के बीच का टक्कर नहीं रहा बल्कि एक तीसरा राजनितिक शक्ति का भी उदय हुआ जो इंडिया और एनडीए दोनों के लिए चुनौती बनने जा रहा है.

 वह तीसरा शक्ति होगा जयराम महतो, जिसके साथ इस बर लॉबीन हेमब्रम, सूर्य सिंह बेसरा सहित कोई छोटे दल संघटित होकर सामने आएंगे.

वैसे इस बार भाजपा ने पूरी ताकत लगा दी है कि झारखण्ड कि सत्ता पुनः उनके हाथ में आ जाये लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव मे ख़राब प्रदर्शन ने भाजपा कि चिंता बढ़ा दी है. इस बार भाजपा के सामने कई चुनौतियां है इन सभी चुनौतियों से भाजपा को गुजरना होगा,लेकिन भाजपा ने कोशिश पूरी शुरू कर दी है.

 झारखण्ड में भाजपा के नैया को पार लगाने के लिए केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व सरमा को दी गयी है. शिवराज सिंह चौहान ओबीसी के बड़ा चेहरा हैं, मध्य्प्रदेश में उनकी अच्छी पकड़ रही, सर्वाधिक वोटों से उनका जितना बताता है कि उनकी लोकप्रियता में कहीं कोई कमी नहीं आयी.

इस लिए उनकी रणनीति झारखण्ड में कितना कारगर सावित होगा यह तो समय बताएगा. वैसे दूसरे सेनानायक असम सीएम हेमंत विश्व सरमा बनाये गए, उनके किस प्रभाव का उपयोग झारखण्ड में किया जायेगा यह भाजपा के रणनीतिकार को पता है लेकिन इस चुनाव में भाजपा के सामने जो चुनौतीयाँ है उसके अनुसार भाजपा का डगर बहुत आसान नहीं है.

वर्तमान में झारखण्ड कि स्थितियां

झारखण्ड में पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा कि जो स्थिति रही उसके अनुसार भाजपा के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता. 

राज्य में 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 11 सीट मिली थी और आजसू को 1 सीट. यानी झारखण्ड के 14 लोकसभा सीट में से 12 सीट हासिल करने में भाजपा सफल रही पिछले चुनाव में भाजपा 1 और झामुमो को एक सीट मिली थी.

लेकिन इसबार भाजपा को 8 सीट, कांग्रेस को 2 सीट झामुमो को 3 सीट मिली.इंडिया गठबंधन ने 5 सीटें झटका ली.

 इस बार भाजपा कि वोट प्रतिशत भी गिरा है 2019 में भाजपा का वोट प्रतिशत 50.96फीसद थी जो 2024 के चुनाव में घट कर 44.60 पर आ गयी. वहीं कांग्रेस का 2019 में 15.63 प्रतिशत थी जो j2024 में बढ़कर 19.19 और झामुमो का 11.51%से बढ़कर 14.60 हो गयी.

आदिवासियों की सहानुभूति हेमंत के साथ,

बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती आदिवासी सीटों पर अपने प्रदर्शन को सुधारने की है. क्योंकि ईडी द्वारा कि गयी करबाई का दाव भाजपा पर उल्टा पड़ गया. आदिवासियों को लग रहा है कि हेमंत सोरेन के राजनितिक अस्तित्व को समाप्त करने के लिए हीं भाजपा ने जेल में डाला. इस लिए आदिवासियों कि सहानुभूति झामुमो के साथ है. 

इसी सहानुभूति के कारण भाजपा के बड़े आदिवासी चेहरा भी धाराशायी हो गए.

झारखंड में अनुसूचित जनजाति के लिए लोकसभा की पांच सीटें आरक्षित हैं और इन सभी सीटों पर बीजेपी को इस बार चुनाव में हार मिली है. इन पांच लोकसभा सीटों में से चार सीटों पर बीजेपी की हार का अंतर 1.2 लाख वोटों से ज्यादा का रहा है.

 पांच लोकसभा सीटों के अंदर विधानसभा की 29 सीटें आती हैं और निश्चित रूप से लोकसभा चुनाव का प्रदर्शन बीजेपी के लिए चिंता का विषय है.

झारखंड में बीजेपी के बड़े आदिवासी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन की बहू सीता सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा को भी लोकसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा.

झारखंड में विधानसभा की 28 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं और अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं का आंकड़ा 26 प्रतिशत है. बीजेपी को झारखंड में सरकार बनाने के लिए इन विधानसभा सीटों पर नए सिरे से रणनीति बनानी होगी.

बीजेपी के सहयोगी दलों का झारखण्ड में चुनाव लड़ने का एलान

केंद्र में बीजेपी कमजोर होने से हर सहयोगी छोटे दल भी उन पर हावी होना चाहता है. भाजपा के सामने यह दूसरी बड़ी चुनौती है कि अपने सहयोगी दलों के बीच सीटों के बंटवारे कैसे करें.

इसके पूर्व भाजपा अकेले चुनाव लड़ती थी, सीट कि बटवारें से भाजपा झारखण्ड में कमज़ोर हो जाएगी साथ हीं टिकट नहीं मिल पाने से भाजपा कार्यकर्त्ता भी नाराज होंगे.

इस बीच एनडीए में बीजेपी के सहयोगी दल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने कहा है कि वह राज्य में 5-6 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है और इसके लिए एनडीए से बात की जाएगी. 

पार्टी ने कहा है कि अगर बात नहीं बनी तो अकेले चुनाव लड़ने पर भी विचार किया जाएगा.

पड़ोसी राज्य बिहार में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार चला रही जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने कहा है कि वह झारखंड में 11 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

सरयू राय का जदयू में शामिल होने से जदयू के सीट के लिए बढेगा दवाब

जेडीयू ने विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा दाव खेला, झारखण्ड में अपनी स्थिति को मज़बूत करने और चुनाव लड़ने के लिए सरयू राय को पार्टी में शामिल कर लिया है. सरयू राय जमशेदपुर के इलाके में लोकप्रिय हैं और 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को हरा दिया था।. सरयू राय बीजेपी में ही थे लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था तो उन्होंने अपने रास्ते अलग कर लिए थे.

सरयू राय के आने से निश्चित रूप से जेडीयू को मजबूती मिलेगी और जेडीयू सीटों के बंटवारे को लेकर बीजेपी पर दबाव बना सकता है.ऐसे हालत मे भाजपा को सरयू राय के आगे हथियार डालना होगा.

भाजपा के पास नही है हेमंत को टककर देने वाला कोई नेता

बीजेपी के सामने एक बड़ी मुश्किल उसके पास राज्य में किसी ऐसे नेता का ना होना भी है जिसकी लोकप्रियता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को टक्कर देती हो. हेमंत सोरेन झारखंड में प्रभावशाली आदिवासी समुदाय से आते हैं और इस समुदाय में उनकी पकड़ है। उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को दिशोम गुरु के नाम से जाना जाता है. दिशोम गुरु का मतलब होता है देश का गुरु.

5 महीने तक जेल में रहने के बाद हेमंत सोरेन ने बीजेपी के खिलाफ जबरदस्त किलेबंदी शुरू कर दी है. उन्होंने आदिवासी कार्ड को भुनाने की कोशिश की है और कहा है कि वह आदिवासी के बेटे हैं और बीजेपी के सामने कतई नहीं झुकेंगे.

हेमंत को जेल भेज कर कल्पना सोरेन को भी भाजपा ने बना दिया बड़ा नेता

हेमंत सोरेन को गैर जेल भेज कर कल्पना सोरेन के रूप में झारखण्ड को एक ऐसा मज़बूत नेता डे दिया जिसकी लोकप्रियता कि डंका आज झारखण्ड में बोल रही है.

कल्पना सोरेन ने जिस तरह दिल्ली से लेकर मुंबई तक दहाड़ी भाजपा के लिए मुसीबत बन गयी. आज झारखंड में कल्पना एक बड़ा चुनावी चेहरा बनकर उभरी हैं और उन्होंने लोकसभा के चुनाव में इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए जमकर प्रचार किया था. कल्पना ने विधानसभा का उपचुनाव 26000 वोटों से जीता था.

हालांकि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी भी आदिवासी समुदाय से आते हैं और बीजेपी के पास अर्जुन मुंडा जैसे बड़े आदिवासी चेहरे भी हैं. लेकिन लोकप्रियता के मामले में बीजेपी को किसी ऐसे नेता की तलाश जरूर करनी होगी जो हेमंत सोरेन का मुकाबला कर सके.

इसके साथ ही विपक्ष के द्वारा संविधान और आरक्षण को बचाने की बात को जिस तरह मुद्दा बनाया जा रहा है, यह भी एक एक चुनौती बीजेपी के सामने है. विपक्षी दलों ने लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भी यह कहा था कि बीजेपी सत्ता में आएगी तो संविधान को बदल देगी और आरक्षण को खत्म कर देगी. इसका असर भी चुनाव नतीजों में देखने को मिला था.

देखना होगा कि बीजेपी इतनी सारी चुनौतियों का मुकाबला किस तरह करेगी.