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क्रीमी लेयर पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दिया जवाब, जानें क्या कहा था

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अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के रिजर्वेशन को लेकर नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है।एससी-एसटी) को मिलने वाले आरक्षण के अंदर सब कोटा बनाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का केंद्र सरकार ने विरोध किया है। सरकार ने साफ-साफ लफ्जों में बता दिया है कि आरक्षण में क्रीमी लेयर को आई सुप्रीम कोर्ट की सिफारिश को लागू नहीं किया जाएगा।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिए गए एक फैसले में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग में उप वर्गीकरण और पिछड़ों में भी अति पिछड़ों के हक की बात कही और इसी आधार पर राज्यों को आरक्षण के कोटे में कोटा तय करने का सुझाव दिया। लेकिन कोटे में कोटे का यह मामला सियासी तौर पर इतना संवेदनशील है कि सरकार ने संविधान का हवाला देते हुए क्रीमी लेयर से किनारा कर लिया है।

इस मामले पर शुक्रवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। कैबिनेट मीटिंग खत्म होने के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एससी/एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर का विरोध किया। उन्होंने भीम राव आंबेडकर के दिए संविधान का हवाला देते हुए कहा कि वहां एससी/एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर का कोई प्रावधान नहीं है। यहां क्रीमी लेयर का मतलब उन लोगों और परिवारों से है जो उच्च आय वर्ग में आते हैं।

मोदी सरकार के पीछे कोई राजनीतिक मजबूरी?

अश्विनी वैष्णव भले ही एससी/एसटी आरक्षण पर आंबेडकर के संविधान का हवाला दे रहे हैं, लेकिन सियासी जानकार इस विरोध के पीछे राजनीतिक मजबूरी को भी एक बड़ी वजह मान रहे हैं। दरअसल, सरकार में शामिल तेलगू देशम पार्टी, एनडीए का हिस्सा केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी के अलावा बीजेपी के कई सांसदों ने सुप्रीम कोर्ट के सुझाव का स्वागत किया है लेकिन पार्टी के ही करीब सौ एससी-एसटी सांसदों ने इसका विरोध किया है। ये सांसद पीएम मोदी से मिले और सुप्रीम कोर्ट के सुझाव लागू नहीं करने की मांग की। एनडीए में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी कोर्ट के सुझाव से सहमत नहीं हैं।

क्या है सुप्मी कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने एक अगस्त को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के कोटे में कोटा दिए जाने को मंजूरी दी थी। कोर्ट ने कहा था कि एसटी-एससी कैटेगरी के भीतर नई सब कैटेगरी बना सकते हैं और इसके तहत अति पिछड़े तबके को अलग से रिजर्वेशन दे सकते हैं। ये फैसला चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में सात जजों की संविधान पीठ ने सुनाया था। इस बेंच में चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी, जस्टिस पंकज मिथल, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा शामिल थे। जस्टिस बेला त्रिवेदी ने बहुमत के फैसले से असहमति जताई थी. सुप्रीम कोर्ट की बेंच इस बात की जांच कर रही थी कि क्या ईवी चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश राज्य मामले में 2004 के उसके फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत है, जिसमें यह माना गया था कि अनुसूचित जातियां एक समरूप समूह हैं और इसलिए उनके बीच कोई सब कैटेगरी नहीं हो सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने 8 फरवरी 2024 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और कहा था कि सब कैटेगरी की अनुमति न देने से ऐसी स्थिति पैदा होगी, जहां क्रीमी लेयर के लोग सभी लाभों को हड़प लेंगे। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट 2004 के उस फैसले की जांच कर रहा था, जिसमें पांच जजों की पीठ ने कहा था कि केवल राष्ट्रपति ही यह अधिसूचित कर सकते हैं कि संविधान के अनुच्छेद 341 के अनुसार कौन से समुदाय आरक्षण का लाभ प्राप्त कर सकते हैं और राज्यों के पास इसके साथ छेड़छाड़ करने का अधिकार नहीं है।

अडानी को निशाने पर लेने वाले हिंडनबर्ग ने फिर मचाई खलबली, अब किसकी बारी?

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अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के एक ट्वीट ने सनसनी मचा दी है।निवेश रिसर्च करने वाली कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने बीते दिनों अदाणी समूह को लेकर जो खुलासे किए थे, उससे भारतीय बाजार में भारी उथल-पुथल देखने को मिली थी। अब एक बार फिर हिंडनबर्ग रिसर्च भारत को लेकर कुछ बड़ा खुलासा करने का दावा कर रही है।देखना होगा कि इस बार उसके निशाने पर कौन होगा?

हिंडनबर्ग रिसर्च के एक्स सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया गया कि भारत के लिए जल्द ही कुछ बड़ा आने वाला है। अंग्रेजी में लिखे गए ट्वीट के शब्द थे- Something big soon India.

बता दें कि जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित की।जिसमें स्टॉक की कीमतों में हेरा-फेरी करने जैसे कई गंभीर आरोप शामिल थे। रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद अदाणी ग्रुप के के शेयरों में भारी गिरावट आई और अदाणी समूह के बाजार मूल्य में 86 अरब डॉलर की भारी-भरकम गिरावट दर्ज की गई। 

हालांकि अदाणी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को खारिज कर दिया और समूह के प्रमुख गौतम अदाणी ने कहाथा कि हिंडनबर्ग मामला अदाणी समूह को बदनाम करने की नीयत से रचा गया था। 

अबकी बार हिंडनबर्ग के निशाने पर कौन है, ये तो उसके एक्स पोस्ट से साफ पता नहीं चलता है। लेकिन उसका इस तरह से चेतावनी देना निश्चित तौर पर शेयर मार्केट में निवेशकों की धारणा को प्रभावित करेगा। इतना ही नहीं आम निवेशकों के मन में एक बार फिर अडानी ग्रुप को लेकर संशय के बादल मंडराने लगे हैं। वहीं कुछ यूजर्स हिंडनबर्ग की विश्वसनीयता पर ही सवाल उठा रहे हैं। ये हिंडनबर्ग रिसर्च की पोस्ट पर आए आम यूजर्स के कमेंट से भी पता चल सकता है।

भारत को पेरिस ओलंपिक खेलों में मिला छठा पदक, पहलवान अमन सहरावत ने जीता ब्रॉन्ज मेडल

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अमन सहरावत ने पेरिस ऑलिंपिक्स में भारत को छठा मेडल दिलाया और 57 किलोग्राम कुश्ती में कांस्य पदक जीता। पूरे मैच में अपने विरोधी को कभी भी हावी नहीं होने दिया और बढ़त बनाए रखी और एकतरफा मुकाबला जीता। 21 वर्षीय अमन ने कांस्य के लिए खेले गए मुकाबले में पुअर्तो रिको के डारियान टोई क्रूज को 13-5 के अंतर से हराया। भारत ने पेरिस ओलंपिक में अब तक पांच कांस्य और एक रजत सहित कुल छह पदक जीते हैं।

पहले ही ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन

अमन का यह पहला ओलंपिक था और उन्होंने अपने पहले ही ओलंपिक में कांस्य पदक जीत लिया है। अमन ने इस तरह ओलंपिक में कुश्ती में भारत का पदक का खाता खोला। विनेश फोगाट के अयोग्य करार दिए जाने के बाद निराशा में डूबे भारत को उन्होंने खुशियां दी हैं

एकतरफा अंदाज में 13-5 से दी शिकस्त

पहले राउंड में ही अमन 6-3 से आगे चल रहे थे। दूसरे राउंड अमन ने इस बढ़त को और आगे बढ़ाया और क्रूज को कोई मौका नहीं दिया। इस तरह अमन सहरावत ने जीत हासिल की। अमन ने पुअर्तो रिको के रेसलर को ब्रॉन्ज मेडल मैच में एकतरफा अंदाज में 13-5 से शिकस्त देते हुए ये ब्रॉन्ज मेडल जीता।

ओलंपिक की शानदार शुरूआत

पहली बार ओलंपिक में हिस्सा ले रहे 21 साल के अमन के लिए डेब्यू यादगार रहा। उन्होंने शुरुआत ही शानदार की और पहली ही बाउट में मेसिडोनिया के व्लादिमिर इगोरोव को 10-0 से हरा दिया था. इसके बाद क्वार्टर फाइनल में भी उनका यही कमाल देखने को मिला जहां उन्होंने अल्बानिया के जेलिमखान अबाकरोव को भी 12-0 से हराते हुए सेमीफाइनल में एंट्री मारी थी. सेमीफाइनल में हालांकि अमन को हार का सामना करना पड़ा क्योंकि उनके सामने वर्ल्ड नंबर-1 जापान के रेइ हिगुची थे. हिगुची ने अमन को 10-0 से हराते हुए फाइनल में पहुंचने की उम्मीदों को खत्म कर दिया

अमन पेरिस ओलंपिक में भारत के एकमात्र पुरुष पहलवान थे। हालांकि, उन्होंने कुश्ती में पदकों के सिलसिले को बरकरार रखा। भारत 2008 बीजिंग ओलंपिक के बाद से हर ओलंपिक में कुश्ती में पदक जीत रहा है। 2008 में सुशील कुमार ने कांस्य, 2012 में सुशील ने रजत और योगेश्वर दत्त ने कांस्य, 2016 में साक्षी मलिक ने कांस्य, 2020 टोक्यो ओलंपिक में रवि दहिया ने रजत और बजरंग पूनिया ने कांस्य पदक जीता था।

तिहाड़ जेल से बाहर निकले मनीष सिसोदिया, कार्यकर्ताओं और समर्थकों को किया संबोधित, जानें क्या बोले

डेस्क: आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अब जेल से बाहर आ चुके हैं। सिसोदिया शुक्रवार की देर शाम दिल्ली की तिहाड़ जेल से बाहर निकले जहां आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। बता दें कि आज सुबह ही सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को जमानत दी थी और कानूनी प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद अब वह जेल से बाहर आ चुके हैं। इस दौरान सिसोदिया ने वहां मौजूद समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि 18 महीनों तक आपको संघर्ष करना पड़ा है।

आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा, मैं आपके प्यार, ईश्वर के आशीर्वाद और सत्य की शक्ति के कारण जेल से बाहर आया हूं। यह सबसे बड़ी बात है। बाबासाहेब का सपना है कि अगर कोई तानाशाह सरकार सत्ता में आथी है और तानाशाही कानून बनाकर विपक्षी नेताओं को सलाकों के पीछे डालती है, तो इस देश का संविधान उनकी रक्षा करेगा। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि संविधान की इसी ताकत से अरविंद केजरीवाल भी जेल से बाहर आएंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस दौरान कहा कि जेल के ताले टूटेंगे, केजरीवाल छूटेंगे। उन्होंने नारेबाजी करते हुए कहा कि "भ्रष्टाचार का एक ही साल, केजरीवाल-केजरीवाल।"
विनेश फोगाट को लेकर सामने आया बड़ा अपडेट, सिल्वर मेडल की अपील पर कब आएगा फैसला



डेस्क: ओलंपिक 2024 अब अपने आखिरी दौर में है। 11 अगस्त को पेरिस ओलंपिक की क्लोजिंग सेरेमनी का आयोजन किया जाएगा। इस बार ओलंपिक में भारत ने कुल एक सिल्वर और चार ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। भारतीय एथलीटों ने इस ओलंपिक में उम्मीद के अनुसार प्रदर्शन नहीं किया है। इसी बीच विनेश फोगाट के सिल्वर मेडल की मांग को लेकर फैसला अभी भी फंसा हुआ है। हालांकि उनके आवेदन को 8 अगस्त को स्वीकार कर लिया गया था। दरअसल महिलाओं की रेसलिंग में 50 किग्रा प्रतियोगिता के गोल्ड मैच से पहले विनेश फोगाट को 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

विनेश फोगाट की CAS  (Court of Arbitration for Sports) ने कथित तौर पर पेरिस ओलंपिक 2024 के अंत से पहले भारतीय पहलवान विनेश फोगट की अयोग्यता के खिलाफ याचिका पर अंतिम फैसला लेने का फैसला किया है। बुधवार को महिलाओं की 50 किग्रा की फाइनल बाउट से कुछ घंटे पहले आयोजकों द्वारा उन्हें अयोग्य घोषित किए जाने के बाद विनेश ने सीएएस का दरवाजा खटखटाया था।


29 वर्षीय भारतीय स्टार का वजन अमेरिका की सारा हिल्डेब्रांट के खिलाफ स्वर्ण पदक के लिए अपने अंतिम मुकाबले से कुछ घंटे पहले 100 ग्राम अधिक पाया गया। IOC ने विनेश को अयोग्य घोषित कर दिया और उन्हें रजत पदक देने से इनकार करके भारतीय खेमे को और भी हैरान कर दिया। भारतीय फैंस, भारतीय कुश्ती महासंघ और भारतीय ओलंपिक संघ ने विनेश की अयोग्यता पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

वहीं विनेश ने कुश्ती से संन्यास की घोषणा करके अपने फैंस को चौंका दिया और सीएएस में रजत पदक के लिए अपील की। सीएएस द्वारा जारी मीडिया एडवाइजरी के अनुसार, विनेश ने आईओसी के फैसले को एड हॉक डिवीजन में चुनौती दी और फाइनल मैच से पहले एक और वजन-माप की मांग की, लेकिन तत्काल सुनवाई का अनुरोध नहीं किया।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर विपक्ष की चुप्पी पर अनुराग ठाकुपर ने उठाया सवाल, पूछा-आखिर क्या मजबूरी थी?
#anurag_thakur_on_rahul_gandhi_on_situation_of_minorities_in_bangladesh

बांग्लादेश में हिंसा पर दुनिया के तमाम नेता चिंता जता रहे हैं। वहां अल्पसंख्यकों, हिंदुओं पर हमले की आलोचना कर रहे हैं। भारत के हिंदूवादी संगठनों ने इसे रोकने की अपील की है। हालांकि, विपक्ष के नेताओं का इस मसले पर कोई बयान नहीं आया है। राहुल गांधी समेत इंडिया ब्लॉक के किसी नेता ने बांग्लादेश में हो रही घटनाओं की न तो आलोचना की और न ही किसी तरह का विरोध जताया।शुक्रवार बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में बांग्लादेश का जिक्र किया और जो कुछ वहां चल रहा है उसकी बात की। साथ ही उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधा।

लोकसभा में शून्यकाल के दौरान भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को यह कहते हुए घेरने की कोशिश की कि नेता प्रतिपक्ष ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बारे में (कुछ) नहीं बोला है।

उन्होंने कहा, जब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कार्यभार संभाला, तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें बधाई दी, लेकिन साथ ही उन्होंने उनसे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी कहा। ठाकुर ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नेता प्रतिपक्ष ने अंतरिम सरकार (बांग्लादेश की) को बधाई दी, लेकिन हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का जिक्र नहीं किया। ठाकुर ने कहा, (आखिर) क्या मजबूरी थी? आपने गाजा के बारे में बात की, लेकिन बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के बारे में नहीं।

अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम मोदी ने ट्वीट कर अंतरिम सरकार के प्रमुख को बधाई दी साथ ही हिंदुओं की सुरक्षा की बात की। अनुराग ठाकुर ने कहा कि जब नेता प्रतिपक्ष ने ट्वीट किया और बधाई दी तो हिंदुओं की सुरक्षा की कोई बातचीत नहीं थी और ना ही उल्लेख किया। ऐसी कौन सी मजबूरी थी जो हिंदुओं का नाम नहीं लिया। वह गाजा को लेकर बड़ी बड़ी बाते करते हैं लेकिन इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोले

बता दें कि राजनीतिक रूप से अस्थिरता का सामना कर रहे बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हो गया है। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित यूनुस ने बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ लेने वाले मोहम्मद यूनुस को शुभकामनाएं दीं और देश में जल्द ही स्थिति सामान्य होने तथा हिंदुओं व अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होने की उम्मीद जताई। मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस को मेरी ओर से शुभकामनाएं। हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी और हिंदुओं व अन्य सभी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

वहीं, दूसरी तरफ लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मोहम्मद यूनुस के बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ लेने के बाद गुरुवार को उन्हें बधाई दी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ लेने पर प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस को बधाई। शांति और सामान्य स्थिति की शीघ्र बहाली समय की मांग है।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर विपक्ष की चुप्पी पर अनुराग ठाकुपर ने उठाया सवाल, पूछा-आखिर क्या मजबूरी थी?*
#anurag_thakur_on_rahul_gandhi_on_situation_of_minorities_in_bangladesh बांग्लादेश में हिंसा पर दुनिया के तमाम नेता चिंता जता रहे हैं। वहां अल्पसंख्यकों, हिंदुओं पर हमले की आलोचना कर रहे हैं। भारत के हिंदूवादी संगठनों ने इसे रोकने की अपील की है। हालांकि, विपक्ष के नेताओं का इस मसले पर कोई बयान नहीं आया है। राहुल गांधी समेत इंडिया ब्लॉक के किसी नेता ने बांग्लादेश में हो रही घटनाओं की न तो आलोचना की और न ही किसी तरह का विरोध जताया।शुक्रवार बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में बांग्लादेश का जिक्र किया और जो कुछ वहां चल रहा है उसकी बात की। साथ ही उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधा। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को यह कहते हुए घेरने की कोशिश की कि नेता प्रतिपक्ष ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बारे में (कुछ) नहीं बोला है। उन्होंने कहा, जब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कार्यभार संभाला, तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें बधाई दी, लेकिन साथ ही उन्होंने उनसे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी कहा। ठाकुर ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नेता प्रतिपक्ष ने अंतरिम सरकार (बांग्लादेश की) को बधाई दी, लेकिन हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का जिक्र नहीं किया। ठाकुर ने कहा, (आखिर) क्या मजबूरी थी? आपने गाजा के बारे में बात की, लेकिन बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के बारे में नहीं। अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम मोदी ने ट्वीट कर अंतरिम सरकार के प्रमुख को बधाई दी साथ ही हिंदुओं की सुरक्षा की बात की। अनुराग ठाकुर ने कहा कि जब नेता प्रतिपक्ष ने ट्वीट किया और बधाई दी तो हिंदुओं की सुरक्षा की कोई बातचीत नहीं थी और ना ही उल्लेख किया। ऐसी कौन सी मजबूरी थी जो हिंदुओं का नाम नहीं लिया। वह गाजा को लेकर बड़ी बड़ी बाते करते हैं लेकिन इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोले बता दें कि राजनीतिक रूप से अस्थिरता का सामना कर रहे बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हो गया है। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित यूनुस ने बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ लेने वाले मोहम्मद यूनुस को शुभकामनाएं दीं और देश में जल्द ही स्थिति सामान्य होने तथा हिंदुओं व अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होने की उम्मीद जताई। मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस को मेरी ओर से शुभकामनाएं। हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी और हिंदुओं व अन्य सभी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। वहीं, दूसरी तरफ लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मोहम्मद यूनुस के बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ लेने के बाद गुरुवार को उन्हें बधाई दी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ लेने पर प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस को बधाई। शांति और सामान्य स्थिति की शीघ्र बहाली समय की मांग है।
वक्फ संशोधन विधेयक के लिए जेपीसी की घोषणा, ओवैसी समेत ये सांसद कमिटी में शामिल
#waqf_board_amendment_bill_2024_jpc_31_members

केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन अधिनियम बिल 2024 के लिए आज जेपीसी के सदस्यों के नाम का ऐलान कर दिया। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कुल 31 सदस्यों के नाम का ऐलान किया। लोकसभा के 21 सदस्यों के अलावा राज्यसभा के भी 10 सदस्यों के नाम जेपीसी में शामिल किए गए हैं। गुरुवार को लोकसभा में बहस के बाद बिल को जेपीसी को भेजने का फैसला किया गया था। गुरुवार को लोकसभा में विधेयक पेश किया गया और गरमागरम बहस के बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया। सरकार ने कहा कि प्रस्तावित कानून का मस्जिदों के कामकाज में हस्तक्षेप करने का इरादा नहीं है और विपक्ष ने इसे मुसलमानों को निशाना बनाना और संविधान पर हमला बताया।

जेपीसी का कोरम कुल सदस्यों का एक तिहाई माना जाएगा। कमिटी इस बारे में अपनी रिपोर्ट अगले सत्र के आखिरी सप्ताह में सदन को सौंपेगी।

जेपीसी में लोकसभा के सदस्य
1-जगदंबिका पाल
2-निशिकांत दुबे
3-तेजस्वी सूर्या
4-अपराजिता सारंगी
5-संजय जायसवाल
6-दिलीप सैकिया
7-अविजीत गंगोपाध्याय
8-डी के अरुणा
9-गौरव गोगोई
10-इमरान मसूद
11-मोहम्मद जावेद
12-मौलाना मोइबुल्ला
13-कल्याण बनर्जी
14-ए राजा
15-श्रीकृष्णा देवारायलू
16-दिनेश्वर कमायत
17-अरविंद सावंत
18-एम सुरेश गोपीनाथ
19-नरेश गणपत मास्के
20-अरुण भारती
21-असदुद्दीन ओवैसी


जेपीसी में राज्यसभा के सदस्य
1-बृज लाल
2-डॉ. मेधा विसराम कुलकर्णी
3-गुलाम अली
4-डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल
5-सईद नासिर हुसैन
6-मोहम्मद नदीम उल हक
7-वी विजयसाई रेड्डी
8-एम मोहम्मद अब्दुल्ला
9-संजय सिंह
10-डॉ. डी वीरेंद्र हेगड़े
राज्यसभा में विपक्ष के खिलाफ आया निंदा प्रस्ताव, क्या जया बच्चन और सभापति के बीच बहस से है संबंध
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राज्यसभा में समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने सभापति की टोन पर सवाल उठाए। जया बच्चन के इस अंदाज से सभापति जगदीप धनखड़ भी भड़क उठे और मर्यादा में रहने की नसीहत दे डाली।सभापति ने जया बच्चन की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्हें स्कूली शिक्षा नहीं चाहिए। वह किसी स्क्रिप्ट के अनुसार नहीं चलते हैं और उनकी अपनी स्क्रिप्ट है। इस पर विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा से वाकआउट कर दिया। राज्यसभा में विपक्ष के आचरण को अमर्यादित बताते हुए निंदा प्रस्ताव लाया गया।

केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने राज्यसभा में विपक्ष के व्यवहार की आलोचना की और कहा कि विपक्ष का आचरण अनुचित और निंदनीय है। उन्होंने सदन में विपक्ष के व्यवहार पर निंदा प्रस्ताव पेश किया। नड्डा ने कहा कि विपक्ष चर्चा की दृष्टि से मुद्दा विहीन और मर्यादाहीन हो गया है। प्रजातंत्र के मूल्यों की रक्षा करना सदन की जिम्मेदारी है। सदन सर्वसम्मति से इस घटना की निंदा करता है।

जेपी नड्डा ने कहा कि विपक्ष चर्चा की दृष्टि से मुद्दाहीन हो गया है। प्रजातांत्रिक मूल्यों का हनन होना ये सदन कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। प्रजातंत्र के मूल्यों की रक्षा करना ये सदन का कर्तव्य है। इसलिए यह सदन सर्वसम्मति से आज की घटना की सर्वसम्मति से निंदा करता है। प्रस्तावित करता है कि इस घटनाओं की घोर निंदा की जाए। किसी पार्टी का विरोध करते-करते देश का विरोध करना, देश की विघटनकारी शक्तियों का विरोध करना ये अति ही निंदनीय है। इसलिए सर्वसम्मति से आज की घटना की मैं निंदा करता हूं।
एस जयशंकर ने भी माना भारतीयों नागरिकों को रूसी सेना में भर्ती के लिए किया गया गुमराह, लोकसभा में दिया बयान*
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लोकसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूसी सेना में भर्ती किए गए भारतीयों को लेकर बयान दिया है। जयशंकर के मुताबिक़, 91 भारतीय नागरिक रूसी सेना में शामिल हुए थे। इनमें से आठ नागरिकों की मौत भी हो चुकी है। विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि 14 भारतीयों को सरकारी सहायता से रूसी सेना से बाहर निकाल लिया गया है। जबकि 69 भारतीय अभी भी रूस से वापस भारत आने का इंतज़ार कर रहे हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि कई मामलों में ऐसे संकेत मिले हैं कि भारतीय नागरिकों को गुमराह किया गया। लोकसभा में बोलते हुए मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में नागरिकों की साइबर अपराध तस्करी जैसे मुद्दों को गंभीरता से लिया है। *रूसी सेना से 69 भारतीय नागरिकों की रिहाई का इंतजार* एस जयशंकर ने कहा कि रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती के अब तक कुल 91 मामले सामने आए हैं। इनमें से आठ की मौत हो चुकी है, 14 को छुट्टी दे दी गई है या वापस भेज दिया गया है और 69 नागरिकों की रिहाई का इंतजार है। उन्होंने कहा, 'हम इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। मैंने खुद रूसी विदेश मंत्री के साथ कई बार इस मुद्दे को उठाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पिछले महीने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी बैठक के दौरान इस मुद्दे को उठाया था। *हमारे नागरिकों को गुमराह किया गया-जयशंकर* जयशंकर ने बताया कि समस्या यह है कि रूसी अधिकारी यह मानते हैं कि इन भारतीय नागरिकों ने रूसी सेना के साथ सर्विस के लिए क़रार किया था। लेकिन हम ऐसा नहीं मानते, मुझे लगता है कि हमारे नागरिकों को गुमराह किया गया था, उन्हें बताया गया था कि वे किसी अन्य नौकरी के लिए जा रहे हैं और फिर उन्हें रूसी सेना में तैनात किया गया। विदेश मंत्री ने बताया कि सीबीआई ने 19 व्यक्तियों और संस्थाओं के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज किया है। उन 14 लोगों की जांच भी हुई है, जो रूस से लौटे हैं। 10 मानव तस्करों के ख़िलाफ़ पर्याप्त सबूत सामने आए हैं। इस मामले की जांच के दौरान, 24 अप्रैल को दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया और 7 मई को दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया। सभी चार अभियुक्त अभी में न्यायिक हिरासत में हैं।