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*औरंगाबाद सड़क दुर्घटना वाद के पीड़िता को व्यवहार न्यायालय ने दिया मृतक के परिजनों को 10 लाख का मुआवजा*
औरंगाबाद  जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष श्री अशोक राज के द्वारा नगर थाना काण्ड संख्या 592 /22 के मृतिक उतम कुमार , पिता – स्व रामचंद्र सिंह - ग्राम- मिसिर करमा , थाना- रिसियप , जिला- औरंगाबाद के मृतक के पत्नी किरण देवी को 10 लाख का मुआवजा प्रदान किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव, श्री सुकुल राम द्वारा बताया गया कि दिनांक 13.07.2024 को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में मोटर दुर्घटना वाद संख्या 16 /24 को समझौते के आधार पर निस्तारण कराया गया था। उक्त घटना के सम्बन्ध में सचिव ने बताया कि नगर थाना काण्ड संख्या 592 /22 के मृतिक उतम कुमार , पिता – स्व रामचंद्र सिंह, - ग्राम- मिसिर करमा , थाना- रिसियप , जिला- औरंगाबाद को दिनांक 19-09-2022 को ट्रक संख्या आर जे 21 जी बी 6171 द्वारा माँ मुंडेश्वरी टावर के पास एन एच 02 पर उनके मोटर साईकिल संख्या जे एच 10 ए एल 7274 को धक्का मारने से मृत्यु हो गया था| चेक प्रदान करते समय जिला जज के द्वारा पीड़िता को बताया गया कि चेक से सम्बन्धित राशि को परिवार के कल्याण में लगाये और इसका ज्यादा से ज्यादा सद्पयोग करें, जिससे कि परिवार का भविष्य संवारने में किसी प्रकार की कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। राष्ट्रीय लोक अदालत वादों का निस्तारण सुलह के आधार पर कराने का एक सशक्त माध्यम है जिसमें सम्बन्धित को त्वरित न्याय प्राप्त होता है और बीमा कम्पनी या पक्षकार से समझौते के उपरान्त प्राप्त चेक को पीड़ित को तत्काल प्रदान किया जाता है।
*सड़क दुर्घाना में सिपाही परीक्षार्थी छात्रा की मौत,विरोध में सड़क जाम,पुलिस पब्लिक के बीच हाथापाई नोकझोक*
औरंगाबाद। औरंगाबाद में ट्रक की चपेट में आने से बिहार पुलिस सिपाही भर्ती लिखित परीक्षा में सम्मिलित होने रोहतास से आ रही एक परीक्षार्थी की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई वहीं इस घटना में उनके पति घायल हो गए। मृतिका की पहचान रोहतास जिला के बिक्रमगंज थाना क्षेत्र के घोसी कला गांव निवासी संजय पासवान के 30 वर्षीय पत्नी अनीता देवी के रूप में की गई है। इस घटना में संजय पासवान बुरी तरह से जख्मी हो गए हैं। घटना के बाद पहुंचे परिजनों ने बताया कि अनीता बीते रात्रि अपने मायके काराकाट थाना क्षेत्र के जोरावरपुर में में चली गई थी। आज सुबह औरंगाबाद के राम लखन सिंह महाविद्यालय में परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए बाइक के माध्यम से अपने पति के साथ दाउदनगर होते हुए औरंगाबाद जा रहे थी। इसी बीच खेरा खेरी भरथौली के समीप सामने से आ रही ट्रक ने टक्कर मार दी जिससे अनीता की घटनास्थल पर ही मौत हो गई एवं संजय पासवान की स्थिति गंभीर बनी हुई है। घटना के बाद मृतिका के पुत्री 15 वर्षीय अर्चना कुमारी, 12 वर्षीय पुत्र आदित्य कुमार, 10 वर्षीय पुत्र अनुराग कुमार सहित अन्य परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंचकर शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया में जुट गई है। सिपाही परीक्षार्थी छात्रा की मौत,विरोध में सड़क जाम,पुलिस पब्लिक के बीच हाथा पाई नोक औरंगाबाद। घटना के संबंध में मृतिका अनिता देवी पति संजय पासवान के साथ बिहार पुलिस का लिखित परीक्षा देने रामलखन सिंह यादव कॉलेज औरंगाबाद आ रही थी। दुर्घटना खैरी मोड के समीप कार ने चकमा दिया जिससे रोड पर गिर गई। पीछे से कंटेनर आई और चढ़ा कर पार कर गई। मौके पर ही महिला की मौत हो गई। सूचना पर 112 की पुलिस और मुफस्सिल थाना की पुलिस एक साथ घटना स्थल पर पहुंची। 112 टीम में रहे पुलिस पदाधिकारी ने घटनास्थल का फोटो ले रही थी। तभी मुफसिल थाना की पुलिस के जवानो ने 112 टीम के पुलिस पदाधिकारी के साथ फोटो लेने से मना करने को लेकर हाथापाई कर दिया। इसे देख स्थानीय लोग उग्र हो गाएं और मुफसील थानाध्यक्ष अशोक कुमार के साथ मारपीट करनी शुरू कर दी। इसके बाद मामला काफी उग्र हो गया। वही खैरी खैरा मंजुराही लखानी खाप भारथोली शरीफ सहित आसपास के सैंकड़ो की संख्या में ग्रामीण पहुंच गएं और पुलिस के साथ मुआवजे को लेकर सड़क जाम कर नोक झोंक करना शुरू कर दिया। स्थिति को बिगड़ते देख परीक्षामान डीएसपी मनीषा देवी नगर थाना जम्होर थाना क्यूआर्टी की स्पेश्ल टीम के साथ दल के साथ घटनास्थल पर पहुंची। मृतका की पति संजय पासवान को समझाते हुए कहा की मामला रोड हादसा से संबंधित है। सरकार के द्वारा जो भी नियमानुसार मुआवजा दिया जाना है। उसे हर हाल में निर्धारित समय सीमा के अंदर दिलवा दिया जाएगा। तब जाकर तीन घंटे बाद पुलिस ने शव को सड़क से उठाकर पोस्मार्टम के लिए सदर अस्पताल औरंगाबाद भेज दिया। इधर बताते चले की मृतिका के दो लड़का एक लड़की है। यही नहीं इस संबंध डीएसपी मनीषा देवी से पूछा गया की पुलिस पब्लिक के बीच मारपीट नोकझोक करने की घटना समाने आई है। उन्होंने बताया की यह मेरे संज्ञान में नही है। लेकिन यह पता चला है कि 112 पुलिस पदाधिकारी टीम के साथ नोक झोंक की घटना होने की सूचना मिली है। इसकी जांच कराई जा रही है और जो लोग कानून को हांथ में लिए हैं ऊनपर कानूनी कारवाई की जाएगी।
*शर्मनाक..! बिहार में रेल पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर दो शवों को सोन नदी में फेंक दिया*
- : बिहार में पोस्टमार्टम के बाद अज्ञात शवों की दुर्गति की जाती है. उन्हें डिस्पोजल नहीं किया जाता बल्कि उसे कुत्तों को खाने के लिए फेंक दिया जाता है. *मानवता को शर्मसार करने वाली यह खबर रोहतास जिले से आई है* रोहतास : बिहार के रोहतास में सोन नदी में एक साथ दो शवों की बरामदगी होने से सनसनी फैल गई. शवों के मिलने के बाद कुछ लोग इसे हत्या तो कुछ आत्महत्या करार दे रहे थे. वहीं पुलिस भी परेशान रही कि आखिर डेड बॉडी आई कहां से? किसी ने हत्या कर फेंक दिया या फिर किसी थाना क्षेत्र से अपराधियों ने वारदात के बाद बॉडी को सोन या नहर में फेंक दिया? जिसके बाद बह कर शव यहां पिलर में आ फंसा. *रोहतास में पोस्टमॉर्टम के बाद दो शवों को पानी में फेंका* : बता दें कि डालमियानगर इलाके के मकराईन के नजदीक सोन पुल के पाया नं. 87 के पास एक प्लास्टिक में लिपटा हुआ एक साथ दो शव पानी में पड़ा मिला. सुबह-सुबह जब स्थानीय लोगों ने देखा तो इसकी सूचना डायल 112 को दी. जिसके बाद डेहरी नगर, डालमियानगर व रेल पुलिस भी मौके पर पहुंची. किसी तरह स्थानीय लोगों की मदद से शव को पानी से निकाला गया. *मौके पर पहुंचे एएसपी शुभांक मिश्रा*. *FSL की टीम भी कर रही है जांच* : पुलिस अधिकारियों व एफएसएल की टीम ने शव को प्लास्टिक के रैपर से बाहर निकलवाया और तफ्तीश की. वहीं मौके पहुंचे एएसपी शुभांक मिश्रा ने बताया कि जानकारी मिलने के बाद तुरंत डेहरी नगर थानाध्यक्ष शिवेंद्र कुमार व डालमियानगर थानाध्यक्ष खुशी राज को मौके पर भेजा गया. जहां से शव को किसी तरह से निकाल कर बाहर लाया गया और उसकी जांच की गई. प्रथम दृष्टया में पता चला कि यह दोनों शवों का पोस्टमार्टम किया हुआ है. अभी तक जो जानकारी सामने आई है उसमें एक शव भिखारी का है दूसरा शव ट्रैक पर रन ओवर के बाद मिला था. संभवतः दोनों शव यही हो. मामले की जांच की जा रही है. अभी तक पहचान नहीं हो पाई है. मामले में यूडी केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.''- *शुभांक मिश्रा, एएसपी, डेहरी रोहतास* *लोगों में है गुस्सा* : स्थानीय लोगों का कहना था कि, बिना सामाजिक प्रक्रिया अपनाए हुए दोनों शवों को पानी में फेंक दिया गया. कहते हैं कि बड़े भाग्य के बाद मनुष्य का तन मिलता है लेकिन जिस तरह से पुलिस ने इन लावारिस शवों की दुर्गति की है, यह मानवता को मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा है.

*सोन में छोड़ा गया पांच लाख 22 हजार क्यूसेक पानी अचानक फंसे दर्जनों किसान, किया गया रेस्क्यू, सब्जी की खेती बर्बाद*
औरंगाबाद/बारुण. सोन नद में अचानक बाढ़ आ जाने से दर्जनों लोग फंस गये. बहुत से लोग तो तैर कर बाहर निकल गये, लेकिन जिन्हें तैरना नहीं आता था वे फंस गये और टीले पर मदद की राह ताकते रहे. सूत्रों के मिली जानकारी के अनुसार, इंद्रपुरी डैम से अचानक पांच लाख 21 हजार 964 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. डैम में लगे 69 फाटकों को खोल दिया गया. पता चला कि डैम में खतरे के निशान से ऊपर पानी बह रहा था. वैसे डैम के दोनों तरफ यानी पूर्वी और पश्चिमी कैनाल के फाटक को बंद कर दिया गया है, ताकि कैनाल व गांव का नुकसान न हो. इधर, इंद्रपुरी का पानी सोन में पहुंचते ही अफरा-तफरी की स्थिति बन गयी. सोन के टीले पर खेती करने वाले लोगों के साथ-साथ कुछ अन्य लोग फंस गये. प्रशासन को जानकारी मिली कि बहुत से लोग फंसे हुए है, जिन्हें निकालने की जरूरत है. इसके बाद स्थानीय प्रशासन द्वारा रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया गया. थानाध्यक्ष कुमार सौरभ की देखरेख में सोन में फंसे लोगों को बाहर निकाला गया. यही नहीं ड्रोन के माध्यम से टीले की जानकारी ली गयी. जहां-जहां जरूरत महसूस हुई, वहां-वहां अभियान चलाया गया. थानाध्यक्ष ने खुद एक-एक व्यक्ति को बाहर निकलवाया. पुलिस के जवानों ने पूरी तत्परता के साथ अभियान को अंजाम दिया. कुछ वाहन भी टीले पर फंस गये थे, जिसे नाव की मदद से बाहर निकाला गया. जानकारी मिली कि बाढ़ के पानी से कई एकड़ में लगे सब्जी के फसल तबाह व बर्बाद हो गये. निषाद विकास संघ के जिलाध्यक्ष रंजीत चौधरी उर्फ नंदी ने बताया कि सोननदी में रोपे गये धान, सब्जी, बागवान, फलदार पौधे सहित अन्य तरह के फसल बर्बाद हो गये. दर्जनों पंपसेट मोटर भी डूब गये. सोननदी में सैकड़ों लोग अपने परिवार के साथ खेती करते है और वही रहते है. उनका एकमात्र जीविकाेपार्जन सोन नदी से ही होता है. बाढ़ से उनलोगों का कपड़ा, अनाज, बाइक आदि पानी में बह गये. कुछ पशुओं को भी बहने की जानकारी मिली है. लोगों को भारी नुकसान हुआ है. वहीं, पार्षद प्रतिनिधि रौशन चौधरी ने बताया नगर पंचायत बारुण के उनके वार्ड एक के ज्यादतर लोग फंसे हुए थे, जिन्हें फाइवर का नाव बनाकर निकाला गया. पानी में फंसे किसान सिकेंद्र चौधरी, अर्जुन चौधरी, गुड्डू चौधरी, तेतरी देवी, सोनी कुमारी, योगेंद्र कुमार, प्रभु चौधरी, शिवनाथ चौधरी, लालती देवी, सावित्री देवी, लालमुनी चौधरी, देवंती देवी, अजित कुमार के साथ चार वर्षीय मासूम करण कुमार को फाइवर के नाव से सुरक्षित निकाला गया. किसानों ने बताया कि वे लोग सोननदी में खेती कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. बाढ़ आने की सूचना उन्हें नही मिली थी. पहले प्रशासन द्वारा माईक से घूम-घूमकर एनाउंस किया जाता था. इस बार एनाउंस नही हुआ जिसके कारण परेशानी और नुकसान हुआ है. सीओ मंजेश कुमार ने बताया कि रविवार को एनाउंस हुआ था. सोमवार की सुबह पांच बजे इंद्रपुरी डैम के जेई अमित कुमार द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि डैम से पांच लाख 21 हजार 924 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. लगातार जलस्तर में वृद्धि हो रही है. छोटे-बड़े पहाड़ों का पानी आ रहा है, इसलिए अनुमान लगाना कठिन है. वैसे बाढ़ में फंसे लोगों की जानकारी मिलते ही रेस्क्यू के लिए एसडीआरएफ को सूचना दी गयी. इधर, सोन नद में बाढ़ की सूचना मिलते ही औरंगाबाद एसडीएम संतन कुमार सिंह और एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय बारुण सोननदी पुल पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली. पदाधिकारीयों ने बताया कि बाढ़ में फंसे लोगों को निकाल लिया गया है. कोई हताहत नहीं हुआ है. किसानों की फसले बरबाद हुई है. ड्रोन कैमरे से निगरानी की जा रही है. प्रशासन बिलकुल मुस्तैद है. लोगों से अपील की गयी है कि सोन नद तट पर बसे लोग सावधान रहे. अभी सोन नदी में कोई भी व्यक्ति न जाएं. बताया कि बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड में लगातार हो रही बारिश के कारण दक्षिण बिहार की सीमावर्ती इलाकों की नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण नीचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं. इसी बीच सोन नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया है. हालांकि, स्थिति नियंत्रण में है. बताया जाता है कि वहां पर कई मवेशी भी फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने का प्रयास जारी है. सोन में बाढ़ और बाढ़ के बीच आम लोगों को फंसने का मामला नया नहीं है. कुछ वर्षों के गैप के बाद सोन का बाढ़ विकराल रूप लेता है. जानकारी के अनुसार 23 अगस्त 1975 में 14 लाख 48 हजार क्यूसेक पानी इंद्रपुरी बराज से छोड़ा गया था, जिससे आसपास के गांव भी प्रभावित हुए थे. इसके बाद वर्ष 2011 में सात लाख क्यूसेक पानी आया था. इसके बाद 20 अगस्त 2016 में 11 लाख 67 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. आठ वर्ष बाद यानी चार अगस्त 2024 को पांच लाख 21 हजार 964 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. सोन नद के दोनों तट बारुण और डेहरी के तट तक भरपूर लबालब पानी बह रहा है. सोन नद में खेती कर रहे फंसे हुए दर्जनों किसानों को प्रशासन द्वारा रेस्क्यू कर लिया गया है. इसमें स्थानीय लोगों ने भी भरपूर सहयोग किया.

औरंगाबाद से धीरेन्द्र पाण्डेय
*औरंगाबाद न्यायालय ने पहली पत्नी का हत्यारा को दिया दोषी करार*,
आज व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में एडिजे तीन सुनील कुमार सिंह ने सिमरा थाना कांड संख्या -47/19 ,एस टी आर 62/24 में निर्णय पर सुनवाई करते हुए काराधीन एक मात्र अभियुक्त अरबिंद प्रजापति को भादंवि धारा -302/201/120 बी में दोषी ठहराया हुए सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई के तिथि 08/08/24 निर्धारित किया है अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी सूचक उमेश कुमार सिंह पुलिस अवर निरीक्षक सिमरा ने 23/11/19 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी जिसमें कहा कि सूचना मिली थी कि शिवपुर के पश्चिमी नहर के किनारे एक अज्ञात महिला का शव धान के खेत में पड़ा है वरीय अधिकारियों को सूचना देकर सत्यापन हेतु घटना स्थल पहुंचे तो स्थानीय सरपंच और लोगों ने शव की पहचान पूजा देवी पति अरबिंद प्रजापति चोरहा सिमरा के रूप में की, अभियुक्त ने पहले से शादीशुदा पूजा देवी से प्रेम विवाह किया था उसके साथ दिल्ली में रह कर प्राइवेट नौकरी करता था उसके दो बच्चे थे,फिर उसने अपने को कुंवारा बताते हुए भुसोली तेंन्दुआ नबीनगर में एक युवती से दुसरी शादी कर ली, उसके बाद पहली पत्नी को ठिकाने लगाने के लिए 21/11/19 को नबीनगर पहली ससुराल ले जाने के क्रम में मिर्जापुर रिसियप मंदिर में रात में पहली पत्नी और बच्चों के साथ रूका, और मध्य रात्रि दोनों बच्चों को मंदिर में छोड़कर पूजा देवी को घटना स्थल ले जाकर गमछा से गर्दन कसकर,चापकर हत्या कर दी और भाग गया,जब दोनों बच्चे माता पिता को न देखकर मंदिर में रोने लगे तो थाना के माध्यम से बाल संरक्षण ईकाई औरंगाबाद भेजा गया, बच्चों ने भी घटना के बाद अपने मां के लाश की पहचान की थी, अभियोजन पक्ष ने मजबूती से घटना के समर्थन में गवाही सम्पन्न कराया था,


औरंगाबाद से धीरेन्द्र पाण्डेय
मखदुमपुर में मिला अजीबोगरीब पक्षी देख के लोग हैरान

फेसर थाना क्षेत्र के मखदुमपुर गांव में सोमवार की दोपहर बेहोश हालत में एक अजीबोगरीब पक्षी गिर पड़ा मिला। जिसे देख ग्रामीण अचंभित है। पक्षी को देख लोगों की भीड़ जुट गई और सभी ने पक्षी की पहचान करने में जुट गए। किसी ने गिद्ध तो किसी ने चील बताया। लेकिन कुछ बुजुर्गों ने बताया कि यह अलग प्रजाति की पक्षी है। बेहोश हालत में छटपटाते देख पक्षी को स्थानीय लोगों ने इलाज भी किया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना सोशल मीडिया के माध्यम से वन विभाग तक पहुंचाने का प्रयास किया, ताकि उसे रेस्क्यू कर जान बचाई जा सके। ग्रामीणों ने बताया कि ग्रामीणों ने बताया कि सावन का पवित्र मन है। इस माह में किसी भी जीव का जान खतरे में होना हमारा धर्म बनता है कि उसे बचाया जा सके। उन्होंने संबंधित विभाग के पदाधिकारी से जिसकी हालात देखने की मांग की है।


औरंगाबाद से धीरेन्द्र पाण्डेय

*औरंगाबाद में तालाब में डूबने से 12 वर्षीय बच्चे की मौत, परिवार मे मचा कोहराम*
* औरंगाबाद : जिले के सदर प्रखंड के वार्ड नम्बर 31 के बैजनाथ बीघा गांव में तालाब में डूबने से 12 वर्षीय किशोर की मौत हो गयी। मृतक की पहचान उक्त गांव निवासी प्रमोद यादव उर्फ साधु यादव के पुत्र राकेश कुमार के रूप में हुई है। घटना आज सोमवार की शाम चार बजे की है। सदर अस्पताल में परिजनों ने बताया कि गांव के दो चार लड़का के साथ मृतक खेल रहा था कि अचानक खेलने के दौरान किसी तरह तालाब के समीप उसका पैर फिसल गया, जिससे वह तालाब में गिर गया। तालाब में पानी अधिक होने के कारण डूबने से उसकी मौत हो गयी। घटना के बाद साथ मे रहे अन्य दोस्तों ने शोरगुल मचाया। शोरगुल की आवाज सुनकर घर के परिजन पहुंचे और तालाब में बच्चे को देख चीत्कार उठे। गांव के ही कुछ लोगों ने तालाब में छलांग लगाकर राकेश को बाहर निकाला। हालांकि, परिजन राकेश को जिंदा समझकर आनन-फानन में इलाज के लिए सदर अस्पताल औरंगाबाद लेकर गये, जहां के डॉक्टरों ने नब्ज टटोलते ही मृत घोषित कर दिया। मौत की खबर सुनते ही परिजन शव से लिपटकर चीत्कार उठे। अस्पताल के कर्मियों ने घटना की सूचना नगर थाना की पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी करायी और शव परिजनों को सौंप दिया। थानाध्यक्ष उपेन्द्र कुमार ने बताया कि तालाब में डूबने से किशोर की मौत हुई है। फिलहाल शव का पोस्टमार्टम कराकर दाह संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया गया है। मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है। परिजनों ने बताया कि मृतक दो भाई व दो बहन में सबसे छोटा था। पिता प्रमोद यादव बस पर खलासी का काम करते है। घटना के बाद से परिवार वालों को रो-रोकर बुरा हाल है तो वही गांव में मातम पसरा हुआ है। परिजनों ने जिला प्रशासन से आपदा राहत के तहत मुआवजे की मांग की है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र पाण्डेय
*करंट की चपेट में आने से एक अधेड़ की हुई मौत*
औरंगाबाद जिला के गोह में करंट की चपेट में आने से सोमवार की सुबह एक अधेड़ की मौत हो गई। घटना को गोह प्रखंड के देवकुंड थाना क्षेत्र के दुलार बिगहा गांव की है। मृतक की पहचान स्वर्गीय रमुना यादव के 58 वर्ष के पुत्र ललन यादव के रूप में की गई है। घटना की जानकारी मिलते हैं देवकुंड पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया में जुड़ गई। घटना के संबंध में परिजनों ने जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार की सुबह ललन यादव गांव से करीब 200 मीटर की दूरी पर दक्षिण दिशा की ओर शौच करने के लिए निकले थे, काफी समय तक घर नहीं लौटने पर परिजनों ने खोज भी शुरू किया तो पता चला कि गांव के ट्रांसफार्मर के समीप अचेत अवस्था में पड़े हुए हैं। इसके बाद अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद पुत्र ऋतिक कुमार, पुत्री श्वेता कुमारी, पत्नी मूला देवी का रो रो कर बुरा हाल है। देवकुंड थाना अध्यक्ष आनंद कुमार ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए औरंगाबाद सदा अस्पताल भेज दिया गया है। पुलिस द्वारा अग्रिम कार्रवाई की जा रही है। जानकारी दे दे की मृतक की किसान थे, और खेती बाड़ी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे।


औरंगाबाद से धीरेन्द्र पाण्डेय
स्कूलों में छुट्टी पर ACS सिद्धार्थ ने लिया बड़ा एक्शन, के के पाठक के फैसलों को पलटा, अब रक्षा बंधन, तीज से लेकर अन्य त्योहारों को लेकर की नई घोष
शिक्षा विभाग के पूर्व एसीएस के के पाठक के फैसले को वर्तमान एसीएस डॉ एस सिद्धार्थ ने पूरी तरह पलट दिया है। स्कूलों में जिन छुट्टियों को केके पाठक ने रद्द कर दिया था। उन छुट्टियों को एस सिद्धार्थ ने फिर से बहाल कर दिया है। बिहार सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से इसके लिए आदेश जारी कर दिया गया है। इस आदेश के मुताबिक राज्य के सामान्य एवं उर्दू विद्यालय के प्रारंभिक माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय में वर्ष 20 24 के लिए अवकाश तालिका निर्धारित किया गया है। जिसमें शिक्षा विभाग ने आंशिक रूप से संशोधन किया है। शिक्षा विभाग के आदेश के मुताबिक सावन के अंतिम दिन रक्षाबंधन को एक दिन, हरतालिका व्रत यानी तीज को लेकर दो दिन, अनंत चतुर्दशी को एक दिन, जितिया पर्व को लेकर एक दिन और गुरु नानक जयंती को भी छुट्टी घोषित की गई है।