*अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) द्वारा विनोवापुरी में बनाये गये एस.टी.पी. प्लांट, गौशाला व एमआरएफ केन्द्र का किया गया औचक निरीक्षण*
सुलतानपुर,अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) एस. सुधाकरन द्वारा जिले में नगर पालिका परिषद क्षेत्रांतर्गत नगर के नालों का दूषित पानी सीधे गोमती नदी में ना जाए इसके लिए जल निगम द्वारा विनोबापुरी में बनाए गए एस.टी.पी. प्लांट का औचक निरीक्षण किया गया। 10 एमएलडी की क्षमता के इस संयंत्र में नगर के 3 बड़े नालों यथा- हथियानाला,गन्दा नाला,वढैयावीर नाला आदि का दूषित पानी प्रतिदिन करीब 8.5 एमएलडी आता है,जिसे एयरेशन प्रक्रिया से ट्रीट करके क्लोरीन आदि का प्रयोग करके शुद्ध किया जाता है। फिर ट्रीटेड पानी को वांछित ऑक्सीजन की मात्रा बीओडी आ जाने पर गोमती नदी में भेज दिया जाता है।
कार्यदायीं संस्था के द्वारा 10 साल का अनुरक्षण और संचालन का दायित्व है,परंतु मौके पर निरीक्षण के दौरान इनलेट में काफी गंदगी पायी गयी,कुछ मशीन खराब भी पायी गयी। कार्य दायी संस्था के कर्मचारियों तथा जल निगम के सहायक अभियंता को तुरंत दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए,साथ ही साथ इनलेट और आउटलेट पर जल की जांच प्रतिदिन अवश्य करें तथा जल गुणवत्ता जांचने के बाद ही आवश्यक ऑक्सीजन की मात्रा बीओडी मिलने के बाद ही गोमती नदी में पानी डिस्चार्ज करने के निर्देश दिए गए।
एस.टी.पी. प्लांट में सभी पांचों जलाशयों के किनारे फेन्सिंग आदि नहीं कराया गया है तथा कुछ जगह पर चहरदीवारी का कार्य अधूरा पाया गया। इसको तुरंत दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए। इसके अतिरिक्त किसी भी प्रकार की लापरवाही की स्थिति में या प्रदूषित जल गोमती नदी में डिस्चार्ज होने की स्थिति में सम्बन्धित कार्यदायी संस्था के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। इसके अतिरिक्त अपर जिलाधिकारी(वि0/रा0) द्वारा नगर पालिका द्वारा संचालित गौशाला का भी निरीक्षण किया गया,जहां रजिस्टर में कुल 137 गोवंश दर्ज थे, जो गिनती के दौरान सही पाया गया।
निरीक्षण के दौरान ये संज्ञान में आया कि जिन पशुओं को बाहर से किसी व्यक्ति के द्वारा छोड़ दिया जाता है या किसी दुर्घटना में पशुओं को गौशाला में लाया जाता है और पशुओं की स्वास्थ्य की स्थिति क्या है। इसका किसी रजिस्टर में कोई ब्यौरा दर्ज नहीं था। मौके पर उपस्थित अधिशासी अधिकारी नगर पालिका लाल चन्द सरोज को रजिस्टर में सभी प्रकार के पशुओं का विवरण प्रतिदिन दर्ज करने के निर्देश दिए गए तथा पशु चिकित्सक के द्वारा प्रतिदिन पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी करने के निर्देश दिए गए, जिससे कि किसी भी प्रकार से गौशाला में गोवंश की असामयिक मृत्यु नहीं हो। पशुओं हेतु चारा आदि भोजन की पर्याप्त और अच्छा प्रबंध पाया गया। गौशाला के मुख्य द्वार पर गौशाला का नाम, संचालन करने वाली संस्था का नाम, कार्यरत कर्मचारी का नाम तथा प्रतिदिन चेक करने वाले पशु चिकित्सक का नाम और फोन नम्बर चस्पा करने के निर्देश दिए गए। तत्पश्चात अपर जिलाधिकारी(वि0/रा0) द्वारा नगर पालिका के द्वारा संचालित एफआरएफ केन्द्र का निरीक्षण किया गया, जहां पर नगर के वार्डों से एकत्रित कूड़े का पृथक्करण किया जा रहा था तथा सेनटरी पिट के द्वारा कूड़े को निस्तारण कर खाद के रूप में परिवर्तित किया जा रहा था, एमआरएफ केन्द्र में कार्य करने वाले सभी कर्मचारियों को समुचित सफ़ाई उपकरण यथा ग्लब्स, मास्क, जुते तथा जैकेट आदि उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए गए। साथ ही एमआरएफ केन्द्र के पास खुले में रखे कूडे़ के ढेर को तत्काल हटाए जाने के निर्देश दिए गए, जिससे बारिश के मौसम में किसी भी प्रकार का संक्रमण या बीमारी ना फैलने पाये। निरीक्षण के दौरान अधिशासी अधिकारी, नायब तहसीलदार तथा नगर पालिका के कर्मचारी आदि उपस्थित रहे।
Aug 08 2024, 22:01