/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png StreetBuzz राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गैंगस्टर अमन साहू के भाई को दबोचा Jharkhand
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गैंगस्टर अमन साहू के भाई को दबोचा


राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने झारखंड के कोयला खदान में गोलीबारी, आगजनी और जबरन वसूली के मामले में जेल में बंद गैंगस्टर अमन साहू के एक और गुर्गे को गिरफ्तार है। यह गुर्गा उसका भाई आकाश कुमार साहू उर्फ साकस साहू है। जिसे एनआईए ने आरोपित किये जाने के एक दिन बाद हिरासत में लिया. 

अब आकाश इस मामले में गिरफ्तार होनेवाला 26वां आरोपी है। एनआईए ने यह जानकारी बुधवार को दी।

इस केस को एनआईए 2021 में किया टेकओवर 

एनआईए के मुताबिक मार्च 2021 में यह मामला राज्य पुलिस से जांच अपने हाथ में ली थी। इस जांच में एनआईए को पता चला कि आरोपी आकाश कुमार शंकर यादव और जेल में बंद गैंगस्टर अमन साहू के लिए जबरन वसूली के काम में सक्रिय था। इस पैसे को दोनों रियल एस्टेट में निवेश करने का ढोंग रच रहा था । आकाश अमन साहू गिरोह के सदस्यों को रसद पहुंचाने का काम भी कर रहा था।

बालूमाथ थाना में दर्ज हुआ था मामला 

एनआईए के मुताबिक यह मामला मूल रूप से 19 दिसम्बर 2020 को तेतरियाखंड कोयला खदान में हमले के बाद लातेहार जिले के बालूमाथ पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। अमन साहू ने गैंगस्टर सुजीत सिन्हा और अन्य के साथ मिलकर जबरन वसूली और कोलियरी के संचालन को बाधित करने और घातक हमले की योजना बनायी थी।

अमन साहू गिरोह कई अपराधों में संलिप्त है

एनआईए प्रवक्ता ने बताया कि अमन साहू गिरोह झारखंड में कई सनसनीखेज अपराधों में शामिल रहा है, जिसमें पुलिस अधिकारियों और जेल कर्मचारियों पर गोलीबारी भी शामिल है। साहू के निशाने पर व्यापारी और ठेकेदार रहे हैं। गिरोह ने अपनी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए राज्य के बाहर छोटे-छोटे नक्सली संगठनों और अन्य संगठित आपराधिक गिरोहों के साथ सम्बन्ध भी विकसित किये हैं।

आज जमशेदपुर के उलियांन में होगा महाजुटान,निर्मल महतो के सहादत दिवस पर सीएम हेमंत सोरेन करेंगे सम्बोधित,*


*आज के दिन ही निर्मल महतो की कर दी गयी थी हत्या* झारखंड डेस्क जमशेदपुर निर्मल महतो के शहादत दिवस पर आज गुरुवार को कदमा के उलियान में महा जुटान होगा जहां मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन पहुंचेगें और सभा को सम्बोधित करेंगे । आज यानी आठ अगस्त को निर्मल महतो जमशेदपुर में शहीद हुए थे उनकी आज ही के दिन हत्या कर दी गयी थी ।वर्ष था 1987 ! जमशेदपुर में अवतार सिंह तारी की मां का श्राद्धकर्म था। उस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सात अगस्त को ही निर्मल महतो, ज्ञानरंजन, सूरज मंडल और बाबूलाल सोय रांची से जमशेदपुर आ गये थे। उन लोगों के ठहरने की व्यवस्था चमरिया गेस्ट हाउस में की गयी थी। दो कमरे बुक हुए थे। कमरा नंबर एक सूरज मंडल और कमरा नंबर दो ज्ञान रंजन के नाम से बुक था। निर्मल महतो सूरज मंडल के साथ कमरा नंबर एक में ठहरे थे। आठ अगस्त 1987 का दिन था। निर्मल महतो, ज्ञानरंजन, सूरज मंडल अपने कुछ सहयोगियों के साथ चमरिया गेस्ट हाउस की सीढ़ी से उतर रहे थे। सीढ़ी से उतरते समय निर्मल महतो को धीरेंद्र सिंह उर्फ पप्पू ने सामने से और वीरेंद्र सिंह ने पीछे से गोली मारी। गोली लगते ही निर्मल महतो वहीं गिर पड़े। सूरज मंडल को भी अंगुली में गोली लगी। दोनों को जीप से एमजीएम ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने निर्मल को मृत घोषित कर दिया। निर्मल महतो की हत्या की खबर पूरे राज्य में आग की तरह फैल गयी। हत्या के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा और आजसू के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आये। जमशेदपुर शहर बंद रहा। कई जगह पर तोड़फोड़ भी हुई। तीन दिनों के झारखंड बंद का आह्वान किया गया। शिबू सोरेन भी जमशेदपुर पहुंच गये। बड़ी सभा हुई। निर्मल दा की शवयात्रा में एक लाख से अधिक लोग शामिल हुए। उन्हें जमशेदपुर शहर के उलियान कदमा में दफना दिया गया। निर्मल दा झारखंडियों के अरमानों में आज भी प्रकाशमान हैं। हत्या की प्राथमिकी झामुमो के उस समय के बड़े नेता सूरज मंडल की शिकायत पर बिष्टुपुर थाना में दर्ज की गयी थी. संयुक्त बिहार के दौरान उनकी हत्या के विरोध में जमशेदपुर समेत पूरे प्रदेश में बवाल हुआ था। हत्या की जांच सरकार ने सीबीआइ को 18 नवंबर 1987 को सौंपी। निर्मल दा की हत्या के मामले में धीरेंद्र सिंह, वीरेंद्र सिंह और नरेंद्र सिंह की गिरफ्तारी हुई थी।धीरेंद्र सिंह की गिरफ्तारी हत्या मामले में 11 साल बाद 2001 में और नरेंद्र सिंह की 2003 में हुई थी।जेल में ही गोलमुरी के गाढ़ाबासा निवासी वीरेंद्र सिंह की मौत हो गयी थी।
झारखंड में मानसून एक बार फिर सक्रिय,आठ और नौ अगस्त को कई जिलों में होगा भारी बारिश,मौसम विभाग ने किया येलो अलर्ट जारी*
झारखंड डेस्क झारखंड। रांची समेत राज्य भर में एक बार फिर मॉनसून सक्रिय हो गया है। रांची स्थित मौसम विज्ञान केन्द्र ने आठ और नौ अगस्त को गढ़वा, पलामू, लातेहार, लोहरदगा, गुमला और सिमडेगा में भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार पश्चिम बंगाल के गांगेय क्षेत्र से लेकर समीप के बांग्लादेश के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है। इसके प्रभाव से राज्य में बारिश के आसार हैं। इसके अलावा मॉनसून का ट्रफ लाइन भी रांची से होकर गुजर रहा है। जिसके कारण राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में झमाझम बारिश के आसार है। *11 अगस्त तक के लिए भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट* मौसम विभाग की ओर से 11 अगस्त तक के लिए राज्य के विभिन्न जिलों में भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। इसके तहत 8 और 9 अगस्त को राज्य के पश्चिमी भागों में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है। जबकि 10 अगस्त को राज्य के उत्तर पूर्वी भागों में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है। वहीं 11 अगस्त को उत्तरी और मध्य भागों में कहीं-कहीं भारी बारिश के आसान है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 5 दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में किसी बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। *बोकारो में 172.5 मिलीमीटर बारिश* राज्य में पिछले 24 घंटे में लगभग सभी स्थानों पर हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश हुई। जबकि कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश भी हुई। सबसे अधिक 172.5 मिलीमीटर बारिश बोकारो में हुई। इसके अलावा पेटरवार में भी 172.5, देवरी में 82.4, पालगंज में 80, नीमडीह में 79.8, राजमहल में 76.2, झींकपानी में 72, डालटनगंज में 67.3, हजारीबाग में 54, जमशेदपुर में 45, चांडिल में 43.4, खूंटी में 31.5, कुड़ू में 25, जामताड़ा में 24.2, चाईबासा में 22.3 और रांची के नामकुमर में 17 मिलीमीटर बारिश हुई। *राज्य के 16 जिलों में सामान्य बारिश* झारखंड के 16 जिलां में इस साल सामान्य बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार 1 जून से लेकर 7 अगस्त तक राज्यभर में 489.6 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि सामान्य रूप से इस दौरान 581.9 मिलीमीटर बारिश होती है। इस तरह से औसत रूप से 16 प्रतिशत कम बारिश हुई। पाकुड़ में सामान्य से 53 प्रतिशत कम, पश्चिमी सिंहभूम में 30, लोहरदगा में 43, जामताड़ा में 23, पूर्वी सिंहभूम में 34, देवघर में 39 और चतरा में 40 प्रतिशत कम बारिश हुई। रांची समेत अन्य जिलों में इस बार अब तक सामान्य बारिश हुई है।
झारखंड पर अब ना तो भाजपा शासन करेगा ना जेएमएम, यहां तीसरे मोर्चे की सरकार बनेगी:-सूर्य सिंह बेसरा


झा. डेस्क

झारखंड में ना तो अब इंडिया की सरकार बनेगी ना एनडीए की।अब यहां तीसरे मोर्चे की सरकार बनेगी।यह दावा पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा ने किया .

उन्होंने ने कहा है कि झारखंड में कांग्रेस-जेएमएम गठबंधन और और बीजेपी गठबंधन ने बहुत शासन कर लिया ,लेकिन ना तो राज्य का विकास हुआ और ना जनता को उसका हक.अब इस विधानसभा चुनाव में तीसरे मोर्चे की झारखंड में सरकार बनेगी. 10 पार्टियों के समर्थन से बना यह गठबंधन सभी 81 सीटों पर चुनाव लड़ेगा.

उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन को बड़ा घोटालेबाज कहा,

पूर्व विधायक सह झारखंड नव निर्माण महासभा के संयोजक सूर्य सिंह बसेरा धनबाद पहुंचे. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन मुख्यमंत्री रहे, अब उनके बेटे हेमंत सोरेन झारखंड में मुख्यमंत्री हैं, लेकिन इन पिता पुत्र ने भी कोई काम झारखंड के लिए नहीं किया. बिहार से बड़ा चारा घोटाला यहां किया है. जमीन, माइनिंग, आलमगीर आलम घोटाला हेमंत सोरेन ने किया है.

जमीन घोटाला मामले में अभी जमानत पर बाहर हैं.

बता दें कि झारखंड में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसे लेकर सत्ताधारी जेएमएम-कांग्रेस और राजद चुनावी तैयारी में जुट गए हैं. एनडीए भी सत्ताधारी पार्टी की खामियों को गिनाते हुए पूरी मजबूती के साथ चुनाव की तैयारी कर रहा है. वहीं विधानसभा चुनाव को जीतने को लेकर छोटे-छोटे दल को मिलाकर तीसरा मोर्चा बनाया जा रहा है.

धनबाद में पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा ने कहा कि इस बार झारखंड में झामुमो गठबंधन या बीजेपी गठबंधन अब नहीं चलेगा. राज्य में तीसरा गठबंधन झारखंड नव निर्माण महासभा का उदय हो चुका है. 10 पार्टी ने मिलकर तीसरा मोर्चा बनाया है, जो सभी 81 विधानसभा सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ेंगे.

उन्होंने बताया कि 29 जुलाई को रांची में झारखंड नव निर्माण महासभा का गठन हुआ. जिसमें दस राजनीतिक दलों ने अपनी सहमति दी है. 24 वर्षों में झारखंड की जनता 13 मुख्यमंत्री देख चुकी है. इस राज्य में बीजेपी 17 साल शासन में रही, लेकिन ना ही नियोजन नीति और न ही स्थानीय नीति ही ला पाई.

आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के पास है कई बड़ी चुनौतियां , क्या भाजपा के लिए आसान है सत्ता में पुनर्वापसी..?

 - विनोद आनंद 

झारखण्ड विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर सभी राजनितिक दलों ने कमर कस ली है,इस बार सिर्फ इंडिया गठबंधन बनाम एनडीए के बीच का टक्कर नहीं रहा बल्कि एक तीसरा राजनितिक शक्ति का भी उदय हुआ जो इंडिया और एनडीए दोनों के लिए चुनौती बनने जा रहा है.

 वह तीसरा शक्ति होगा जयराम महतो, जिसके साथ इस बर लॉबीन हेमब्रम, सूर्य सिंह बेसरा सहित कोई छोटे दल संघटित होकर सामने आएंगे.

वैसे इस बार भाजपा ने पूरी ताकत लगा दी है कि झारखण्ड कि सत्ता पुनः उनके हाथ में आ जाये लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव मे ख़राब प्रदर्शन ने भाजपा कि चिंता बढ़ा दी है. इस बार भाजपा के सामने कई चुनौतियां है इन सभी चुनौतियों से भाजपा को गुजरना होगा,लेकिन भाजपा ने कोशिश पूरी शुरू कर दी है.

 झारखण्ड में भाजपा के नैया को पार लगाने के लिए केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व सरमा को दी गयी है. शिवराज सिंह चौहान ओबीसी के बड़ा चेहरा हैं, मध्य्प्रदेश में उनकी अच्छी पकड़ रही, सर्वाधिक वोटों से उनका जितना बताता है कि उनकी लोकप्रियता में कहीं कोई कमी नहीं आयी.

इस लिए उनकी रणनीति झारखण्ड में कितना कारगर सावित होगा यह तो समय बताएगा. वैसे दूसरे सेनानायक असम सीएम हेमंत विश्व सरमा बनाये गए, उनके किस प्रभाव का उपयोग झारखण्ड में किया जायेगा यह भाजपा के रणनीतिकार को पता है लेकिन इस चुनाव में भाजपा के सामने जो चुनौतीयाँ है उसके अनुसार भाजपा का डगर बहुत आसान नहीं है.

वर्तमान में झारखण्ड कि स्थितियां

झारखण्ड में पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा कि जो स्थिति रही उसके अनुसार भाजपा के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता. 

राज्य में 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 11 सीट मिली थी और आजसू को 1 सीट. यानी झारखण्ड के 14 लोकसभा सीट में से 12 सीट हासिल करने में भाजपा सफल रही पिछले चुनाव में भाजपा 1 और झामुमो को एक सीट मिली थी.

लेकिन इसबार भाजपा को 8 सीट, कांग्रेस को 2 सीट झामुमो को 3 सीट मिली.इंडिया गठबंधन ने 5 सीटें झटका ली.

 इस बार भाजपा कि वोट प्रतिशत भी गिरा है 2019 में भाजपा का वोट प्रतिशत 50.96फीसद थी जो 2024 के चुनाव में घट कर 44.60 पर आ गयी. वहीं कांग्रेस का 2019 में 15.63 प्रतिशत थी जो j2024 में बढ़कर 19.19 और झामुमो का 11.51%से बढ़कर 14.60 हो गयी.

आदिवासियों की सहानुभूति हेमंत के साथ,

बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती आदिवासी सीटों पर अपने प्रदर्शन को सुधारने की है. क्योंकि ईडी द्वारा कि गयी करबाई का दाव भाजपा पर उल्टा पड़ गया. आदिवासियों को लग रहा है कि हेमंत सोरेन के राजनितिक अस्तित्व को समाप्त करने के लिए हीं भाजपा ने जेल में डाला. इस लिए आदिवासियों कि सहानुभूति झामुमो के साथ है. 

इसी सहानुभूति के कारण भाजपा के बड़े आदिवासी चेहरा भी धाराशायी हो गए.

झारखंड में अनुसूचित जनजाति के लिए लोकसभा की पांच सीटें आरक्षित हैं और इन सभी सीटों पर बीजेपी को इस बार चुनाव में हार मिली है. इन पांच लोकसभा सीटों में से चार सीटों पर बीजेपी की हार का अंतर 1.2 लाख वोटों से ज्यादा का रहा है.

 पांच लोकसभा सीटों के अंदर विधानसभा की 29 सीटें आती हैं और निश्चित रूप से लोकसभा चुनाव का प्रदर्शन बीजेपी के लिए चिंता का विषय है.

झारखंड में बीजेपी के बड़े आदिवासी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन की बहू सीता सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा को भी लोकसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा.

झारखंड में विधानसभा की 28 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं और अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं का आंकड़ा 26 प्रतिशत है. बीजेपी को झारखंड में सरकार बनाने के लिए इन विधानसभा सीटों पर नए सिरे से रणनीति बनानी होगी.

बीजेपी के सहयोगी दलों का झारखण्ड में चुनाव लड़ने का एलान

केंद्र में बीजेपी कमजोर होने से हर सहयोगी छोटे दल भी उन पर हावी होना चाहता है. भाजपा के सामने यह दूसरी बड़ी चुनौती है कि अपने सहयोगी दलों के बीच सीटों के बंटवारे कैसे करें.

इसके पूर्व भाजपा अकेले चुनाव लड़ती थी, सीट कि बटवारें से भाजपा झारखण्ड में कमज़ोर हो जाएगी साथ हीं टिकट नहीं मिल पाने से भाजपा कार्यकर्त्ता भी नाराज होंगे.

इस बीच एनडीए में बीजेपी के सहयोगी दल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने कहा है कि वह राज्य में 5-6 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है और इसके लिए एनडीए से बात की जाएगी. 

पार्टी ने कहा है कि अगर बात नहीं बनी तो अकेले चुनाव लड़ने पर भी विचार किया जाएगा.

पड़ोसी राज्य बिहार में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार चला रही जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने कहा है कि वह झारखंड में 11 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

सरयू राय का जदयू में शामिल होने से जदयू के सीट के लिए बढेगा दवाब

जेडीयू ने विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा दाव खेला, झारखण्ड में अपनी स्थिति को मज़बूत करने और चुनाव लड़ने के लिए सरयू राय को पार्टी में शामिल कर लिया है. सरयू राय जमशेदपुर के इलाके में लोकप्रिय हैं और 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को हरा दिया था।. सरयू राय बीजेपी में ही थे लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था तो उन्होंने अपने रास्ते अलग कर लिए थे.

सरयू राय के आने से निश्चित रूप से जेडीयू को मजबूती मिलेगी और जेडीयू सीटों के बंटवारे को लेकर बीजेपी पर दबाव बना सकता है.ऐसे हालत मे भाजपा को सरयू राय के आगे हथियार डालना होगा.

भाजपा के पास नही है हेमंत को टककर देने वाला कोई नेता

बीजेपी के सामने एक बड़ी मुश्किल उसके पास राज्य में किसी ऐसे नेता का ना होना भी है जिसकी लोकप्रियता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को टक्कर देती हो. हेमंत सोरेन झारखंड में प्रभावशाली आदिवासी समुदाय से आते हैं और इस समुदाय में उनकी पकड़ है। उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को दिशोम गुरु के नाम से जाना जाता है. दिशोम गुरु का मतलब होता है देश का गुरु.

5 महीने तक जेल में रहने के बाद हेमंत सोरेन ने बीजेपी के खिलाफ जबरदस्त किलेबंदी शुरू कर दी है. उन्होंने आदिवासी कार्ड को भुनाने की कोशिश की है और कहा है कि वह आदिवासी के बेटे हैं और बीजेपी के सामने कतई नहीं झुकेंगे.

हेमंत को जेल भेज कर कल्पना सोरेन को भी भाजपा ने बना दिया बड़ा नेता

हेमंत सोरेन को गैर जेल भेज कर कल्पना सोरेन के रूप में झारखण्ड को एक ऐसा मज़बूत नेता डे दिया जिसकी लोकप्रियता कि डंका आज झारखण्ड में बोल रही है.

कल्पना सोरेन ने जिस तरह दिल्ली से लेकर मुंबई तक दहाड़ी भाजपा के लिए मुसीबत बन गयी. आज झारखंड में कल्पना एक बड़ा चुनावी चेहरा बनकर उभरी हैं और उन्होंने लोकसभा के चुनाव में इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए जमकर प्रचार किया था. कल्पना ने विधानसभा का उपचुनाव 26000 वोटों से जीता था.

हालांकि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी भी आदिवासी समुदाय से आते हैं और बीजेपी के पास अर्जुन मुंडा जैसे बड़े आदिवासी चेहरे भी हैं. लेकिन लोकप्रियता के मामले में बीजेपी को किसी ऐसे नेता की तलाश जरूर करनी होगी जो हेमंत सोरेन का मुकाबला कर सके.

इसके साथ ही विपक्ष के द्वारा संविधान और आरक्षण को बचाने की बात को जिस तरह मुद्दा बनाया जा रहा है, यह भी एक एक चुनौती बीजेपी के सामने है. विपक्षी दलों ने लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भी यह कहा था कि बीजेपी सत्ता में आएगी तो संविधान को बदल देगी और आरक्षण को खत्म कर देगी. इसका असर भी चुनाव नतीजों में देखने को मिला था.

देखना होगा कि बीजेपी इतनी सारी चुनौतियों का मुकाबला किस तरह करेगी.

पंचायत की समस्याओं को लेकर बाघमारा मुखिया प्रतिनिधि मंडल रेल मंत्री एवं कृषि मंत्री से मिला*

बाघमारा :प्रखंड अंतर्गत 61 पंचायत के मुखिया प्रतिनिधिमंडल केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं अश्वनी वैष्णव से पंचायत के विकास के लिए अपनी विभिन्न मांगों को लेकर संसद भवन स्थित उनके कार्यालय में मिला। मुखिया प्रतिनिधि मंडल में मुखिया संघ के अध्यक्ष सह भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष धनेश्वर महतो, मुखिया संघ के महासचिव समीर कुमार लाला,फुलारीटांड़ पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि दिलीप विश्वकर्मा, बॉबी महतो कैलाश रवानी शिबू महतो, गिरिडीह सांसद प्रतिनिधि मटुक मिश्रा ,पार्षद सह भाजपा के जिला मंत्री महेश पासवान ने सोमवार 5 अगस्त 2024 को अपनी मांगों से संबंधित एक ज्ञापन भारत सरकार के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव से मुलाकात कर पंचायत के विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया। प्रधानमंत्री आवास योजना को अविलंब पूर्ण रूप से पंचायत स्तर पर मुहैया करवाने का मांग किया। उन्होने बताया कि मनरेगा योजना के तहत चल रहे 261 योजनाओं मे से केवल पांच, छः योजनाएं ही धरातल पर उतरी है बाकी के दो सौ पच्चपन योजनाएं जिनका अभी तक किसी भी पंचायत में श्री गणेश भी नही हुआ है को क्रियान्वित करने तथा डीएमएफटी फंड का 50% शीघ्र पंचायत के विकास के लिए देने संबंधित मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंप। वही दूसरी ओर महुदा तथा फुलारीटांड़ स्टेशन पर दूरगामी ट्रेनों का ठहराव हो इससे भी संबंधित एक ज्ञापन रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव को भी दिया। दोनों मंत्रियों ने ज्ञापन के संबंध में ठोस कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
पाकुड़ जिले के तारानगर गांव में 18 जुलाई को हुई हिंसा के बाद नौ परिवार आज भी अपने घरों में नहीं लौटे, स्थिति अब सामान्य है


झारखंड के पाकुड़ जिले के तारानगर गांव में 18 जुलाई को हुई हिंसा के बाद नौ परिवार आज भी अपने घरों में नहीं लौटे हैं. वहीं कई परिवार अब अपने घरों को लौट चुके हैं. हिंदू दुकानदार अपनी दुकान भी चला रहे हैं. भाजपा के गंधाईपुर मंडल के अध्यक्ष मनोरंजन सरकार बताते हैं कि 18 जुलाई को हुई हिंसा के बाद कई परिवार अपने घरों को छोड़कर दूसरे जगह चले गये थे.

तारानगर गांव में 300 की आबादी में 35 घर हिंदुओं के

उनमें से कई परिवार अब अपने घर में रहने लगे हैं. 10 परिवार आज भी अपने घरों में नहीं रह रहे हैं. उन्होंने बताया कि तारानगर गांव में कुल 35 घर हिंदुओं का हैं. बच्चे-बूढ़ों को मिलाकर करीब 300 की आबादी है. इनमें से कर्मकार के 4-5 घर और मछुवारों के 3-4 घरों के लोग बाहर रह रहे हैं.

हिंसा के समय तोड़ दी गई थी कुछ दुकानें

उन्होंने बताया कि पाकुड़ के इन गांवों में हुई हिंसा के दौरान कुछ दुकानों को तोड़ दिया था. पक्के के मकान में स्थित किराना दुकानदार दुकान खोल रहे हैं. वहीं, गुमटी और नाश्ता दुकानों को तोड़ देने के कारण दुकान नहीं खुल रहा है. वहीं, इलामी गांव के महादेव दास ने बताया कि ईलामी गांव में करीब 60-65 हिंदू परिवार रहते हैं. गांव में शांति है. सभी परिवार गांव में ही है.

उन्होंने बताया कि गांव में शांति स्थापित करने के लिए गांव में शांति समिति की बैठक भी आयोजित की गयी है, जिसमें सभी लोगों को मिलजुल कर रहने की बात हुई है. यदि कोई गलत काम करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की भी बात कही गयी है.

मुखिया कर रहे हैं सभी लोगों से गांव लौटने की अपील

वहीं, तारानगर गांव के मुखिया अजमल शेख ने बताया कि गांव में अधिकांश हिंदू परिवार रह रहे हैं. चार-पांच परिवार ही बाहर रह रहे हैं. सभी परिवारों को गांव आने के लिए कहा जा रहा है. हिंदू परिवारों में डर नहीं रहे इसके लिए गांव के लोगों के बीच शांति समिति की बैठक की गयी.

दिक्कत हो तो करें लिखित शिकायत, होगी कार्रवाई

बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि गांव के किसी भी परिवार या आदमी को कोई व्यक्ति परेशान करता है, तो उसके खिलाफ पुलिस-प्रशासन में लिखित शिकायत दर्ज करायी जायेगी. इसीलिए जो परिवार गांव नहीं आ रहे हैं, उनसे भी निवेदन है कि वे गांव आएं और रहें, उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी.

शिफ्ट में लगाई जा रही पुलिसकर्मियों की ड्यूटी

मुफ्फसिल थाना प्रभारी संजीव झा ने बताया कि तारानगर, इलामी और नवादा गांव के साथ गोपीनाथपुर गांव में 24 घंटे पुलिस तैनात रहती है. सभी गांवों में शिफ्ट में पुलिसकर्मियों को लगाया जाता है ताकि सभी समय गांव में पुलिस की मौजूदगी रहे. गांव में हिंदू परिवार रह रहे हैं. कुछ परिवार यदि नहीं रह रहे हैं तो वे आकर रहें, उन्हें सुरक्षा संबंधी कोई परेशानी नहीं होगी.

प्राथमिकी के कारण कुछ लोग गांव से बाहर हैं : एसपी

एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि हिंसा के बाद तारानगर से कई परिवार गांव छोड़कर गये थे. पुलिस और प्रशासन के प्रयास के बाद गांव में शांति बहाल की गयी, जिसके बाद कई परिवार गांव लौट गये. कुछ परिवार के लोगों का नाम प्राथमिकी में दर्ज है, जिसके कारण वे गांव से बाहर हैं. वहीं, कुछ परिवार के लोग अपने रोजगार को लेकर भी बाहर रह रहे हैं. तारानगर, इलामी और नवादा गांव में पुलिस 24 घंटे मौजूद हैं. पूरे जिलेवासियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी पाकुड़ पुलिस की है, किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है.

लोगों को सुरक्षा देने पर हो ठोस पहल : ओझा

पाकुड़ दौरे पर आये राजमहल विधायक अनंत ओझा ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि अपने ही राज्य के अपने ही जिले के अपने ही प्रखंड के अपने गांव को छोड़कर लोगों को पलायन करना पड़ रहा है. मैंने विधानसभा में यह मामला उठाया था, मैंने मुख्यमंत्री से मांग की थी अपने लोगों को सुरक्षा दी जायेगी. ऐसा वातावरण तैयार किया जाये कि वे निर्भिक हो कर रह सके. उन्हें सुरक्षा देना राज्य प्रशासन और जिला प्रशासन का है, इस दिशा में ठोस कदम उठाया जाना चाहिए.

तारानगर गांव में हुई हिंसा के कारण कई परिवारों के लोगों के अब तक बाहर रहने की सूचना मिलने पर जिला प्रशासन मामले की जांच करवा रही है. डीसी के निर्देश पर बीडीओ ने पंचायत सचिव को तारानगर गांव भेजा है. तारानगर गांव में रह रहे हिंदू परिवारों की गिनती की जा रही है कि कितने हिंदू परिवार गांव में रह रहे हैं और कितने परिवार गांव से बाहर है. ये भी जांच की जा रही है कि वे किस कारण गांव से बाहर हैं. डीसी मृत्युंजय कुमार बरनवाल ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. जांच के बाद स्थिति स्पष्ट हो जायेगी.

मंईयां सम्मान योजना को लेकर आ रही तकनीकी समस्याओं के त्वरित समाधान का मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिया निर्देश


अब 10 नहीं, 15 अगस्त तक किया जाएगा विशेष कैंप का आयोजन विशेष कैम्प के बाद भी इस योजना का कभी भी लाभ ले सकेंगी महिलाएं

रिपोर्टर जयंत कुमार 

 रांची : झारखण्ड में मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना शुरू होते ही इसका लाभ लेने के लिए झारखंड की महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इसे देखते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखण्ड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (JMMSY) को लेकर कहा कि योजना का लाभ लेने में बहनों को आ रही शुरुआती परेशानी हो रही है जिसकी जानकारी मिली है। 

योजना को लेकर आ रही तकनीकी समस्याओं के त्वरित निवारण के लिए उन्होंने निर्देश दिया है तथा इस मामले को लेकर वरीय पदाधिकारियों की भी बैठक हुई है।

 योजना को लेकर दिख रहे उत्साह को लेकर मुख्यमंत्री ने पूरे राज्य में प्रज्ञा केंद्रों की संख्या बढ़ाने का भी निर्देश दिया है।

उन्होंने कहा है कि सभी बहनों को यह बताना चाहता हूं कि यह हमेशा चलने वाली योजना है। योजना का लाभ लेने हेतु कोई समय सीमा नहीं है। विशेष कैम्प के आयोजन के बाद भी जरूरतमंद बहनें कभी भी अपने नजदीकी प्रज्ञा केंद्र में जाकर इस योजना का लाभ ले सकेंगी। योजना से लोगों को आसानी से लाभ मिले, इसलिए 10 अगस्त तक विशेष कैम्प का आयोजन किया जा रहा था जिसे और 5 दिन बढ़ाने का निर्देश दिया है। विशेष कैम्प के आयोजन के बाद भी आप जब भी चाहें, अपनी सुविधानुसार योजना का लाभ ले सकती हैं।

उन्होंने कहा कि उन्हें यह भी जानकारी मिली है कि योजना में बहनों को मिल रहे लाभ को देखते हुए कहीं-कहीं कुछ बिचौलिए भी सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने कहा कि वह सभी को बताना चाहते हैं कि इस योजना की पूरी प्रक्रिया निःशुल्क है, इसलिए बिचौलियों से सावधान रहें। सभी जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि कहीं भी बिचौलियों की सूचना मिले, तो उनपर कड़ी कार्रवाई करें।

उन्होंने कहा कि यह बहनों की योजना है। राज्य की लाखों बहनों को हर साल 12 हजार रुपए मिलेगा। यही झारखण्ड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (JMMSY) का लक्ष्य है, यही उनका भी लक्ष्य है।

पश्चिमी सिंहभूम जिले में डायरिया के प्रकोप से एक की मौत, कई बीमार, गांव में फैला दहशत


झारखंड डेस्क 

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में डायरिया के प्रकोप से एक व्यक्ति की मौत हो गई है.जबकि दर्जनों लोग पीड़ित हैं. ग्रामीणों की शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में जांच के लिए पहुंची. ऐसा माना जा रहा है कि कुआं का दूषित पानी पीने की वजह से डायरिया का प्रकोप फैला है.

एक महिला कि मौत 34 लोग बीमार 

पश्चिमी सिंहभूम जिले के आनंदपुर प्रखंड के बांडी गांव में डायरिया से एक महिला की मौत हो गयी. 34 लोग बीमार हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में पीड़ितों की जांच कर रही है और उन्हें दवा दे रही है. बांडी गांव के नीचे टोला में डायरिया का प्रकोप देखा जा रहा है.

45 वर्षीय महिला की मौत से फैला दहशत

दस्त के कारण रविवार सुबह विश्वासी कंडुलना (45) की मौत हो गयी, जबकि 34 अन्य ग्रामीण दस्त से पीड़ित हैं. ग्रामीणों के अनुसार, मृतका को पिछले कुछ दिनों से दस्त की शिकायत थी. धीरे-धीरे अन्य ग्रामीण भी दस्त की चपेट में आने लगे. रविवार सुबह विश्वासी कंडुलना की मौत होने के बाद गांव में दहशत फैल गयी.

इलाज के लिए बेड़ाकेंदुदा पहुंचे 10 ग्रामीण

इसके बाद दस्त से पीड़ित पतरस तोपनो, बेरथा तोपनो, सुशीला कंडुलना, आश्रिता कंडुलना समेत 10 ग्रामीण बेड़ाकेंदुदा में इलाज कराने पहुंचे. रविवार को दोपहर में मेडिकल टीम ने आंशिक रूप से पीड़ित लोगों को दवा दी. ग्रामीणों ने बताया कि पेयजल के लिए ग्रामीण कुआं के पानी का इस्तेमाल करते हैं. बारिश के कारण कुआं का पानी दूषित हो गया है.

पीने में कुआं के का उपयोग करते हैं ग्रामीण

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि कुआं के आसपास काफी गंदगी फैल गयी है. स्वास्थ्यकर्मियों ने कुआं और आसपास में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया. रोबकेरा पंचायत के मुखिया स्नेह तोपनो ने बताया कि बांडी नीचे टोला में नल जल योजना के तहत जलमीनार का निर्माण अधूरा है. जलमीनार में टंकी नहीं लगायी गयी है. ठेकेदार काफी सुस्त गति से काम कर रहा है. पेयजल के लिए ग्रामीण सिर्फ कुआं के पानी पर आश्रित हैं.

मोबाइल का बढ़ता जहर :13 साल का बच्चा ने किया मोबाइल के लिए जिद, नहीं देने पर खा लिया कीट नाशक, फिर क्या हुआ पूरी खबर...


झारखंड : गढ़वा जिले के बिशुनपुरा थानांतर्गत जतपुरा गांव निवासी अरुण यादव के 13 वर्षीय पुत्र सोनू कुमार ने रविवार को कीटनाशक खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। बच्चे की हालत बिगड़ता देख परिजनों ने उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया।

घटना के संबंध में परिजनों ने बताया कि वह अपने घर में मोबाइल फोन मांग रहा था। उसी बात को लेकर उसके परिजनों ने डांट फटकार लगाई थी। इसके बाद बच्चे ने गुस्से में आकर कीटनाशक खा लिया। घटना के बाद परिजनों ने उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया है। हालांकि अभी बच्चा खतरे से बाहर है।