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दक्षिणी जापान में शक्तिशाली भूकंप, क्यूशू द्वीप में जमीन से 8.8 किमी नीचे रहा केंद्र, सुनामी का अलर्ट जारी
#powerful_earthquake_strikes_southern_japan_tsunami_warning

जापान में एक बार फिर भूकंप के झटकों ने लोगों को सहमा दिया। गुरुवार को फिर दक्षिणी जापान में 7.1 तीव्रता का भूकंप आया. इसके झटके कई शहरों में महसूस किए गए है। भूकंप के बाद जापान ने सुनामी की चेतावनी जारी की है। भूकंप का केंद्र जापान के क्यूशू शहर में जमीन से करीब 8.8 किमी नीचे रहा। इसलिए मियाजाकी, कोची, कागोशिमा और इहिमे शहर में सुनामी की एडवाइजरी जारी की गई है।

भूकंप के ये झटके जापान के मियाजाकी इलाके में महसूस किए गए। रिएक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 7.1 मापी गई है। हालांकि, पहले इसे 6.9 बताया गया था, बाद में इसे रिवाइज किया गया।  भूकंप तेज झटकों की वजह से अब सुनामी की चेतावनी भी जारी की गई है। जापान के तटीय इलाके खासतौर पर मिायजाकी, कोची, इहिमे, कागोशिमा और आइता में सुनामी को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। इसके लिए सरकार ने टास्क फोर्स का गठन भी कर दिया है।

जापान प्रशांत महासागर को घेरने वाली भूकंपीय दोष रेखा, प्रशांत 'फायर रिंग' पर स्थित है। यह दुनिया के सबसे अधिक भूकंप-प्रवण देशों में से एक है। जापान के उत्तर-मध्य क्षेत्र नोटो में 1 जनवरी को आए भूकंप में 300 से अधिक लोग मारे गए थे। इशिकावा में भूकंप से कई जगहों पर आग लग गई थी। इससे 200 इमारतें जलकर खाक हो गई थीं। अब फिर से इस तरह के भूकंप से लोगों में डर का माहौल है।
हंगामे के बीच लोकसभा में पेश हुआ वक्फ बोर्ड संशोधन बिल, कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने उठाए सवाल*
#waqf_amendment_bill_2024_moved_in_lok_sabha केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में आज वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन से जुड़े दो अहम विधेयकों को पेश किया।केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने लोकसभा में वक्फ संसोधन बिल 2024 पेश किया। लोकसभा में वक्फ बोर्ड संसोधन बिल पेश होने के बाद हंगामा शुरू हो गया। कांग्रेस ने इस बिल पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि यह बिल हरियाणा और महाराष्ट्र को चुनाव को देखते हुए लाया जा रहा है। *कांग्रेस ने कहा- ये बिल संविधान के खिलाफ* मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने कहा कि ये बिल अधिकारों पर चोट है। साथ ही कांग्रेस ने कहा कि यह बिल संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।कांग्रेस नेता के वेणुगोपाल ने कहा कि ये बिल संविधान के खिलाफ है। वक्फ काउंसिल को कहां से संपत्ति आती है, जो अल्लाह को मानते हैं। मैं सरकार से सवाल पूछना चाहता हूं कि क्या कोई सोच सकता है कि क्या अयोध्या में कोई नॉन हिंदू में शामिल हो सकता है। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि देवस्थान बोर्ड में क्या कोई नॉन हिंदू शामिल हो सकता है। ये बिल सीधा-सीधा धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला। ये मूलभूत अधिकारों पर हमला है। हम भारत की संस्कृति और धर्म को मानते हैं। हम हिंदू हैं। लेकिन उसी समय हम दूसरे धर्म को भी मानते हैं। यही बेसिक सिद्धांत है। ये बिल आप केवल महाराष्ट्र, हरियाणा चुनाव के लिए लाए हैं। *आने वाली सदियों तक इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी- सपा सांसद* सपा सांसद मोहिबुल्लाह ने पूछा कि अगर अन्य धर्मों को केवल अपने-अपने वैधानिक निकायों में अपने प्रतिनिधि रखने की अनुमति है तो मुसलमानों को क्यों नहीं? पहला वक्फ बोर्ड मक्का में है, क्या हम इस पर भी सवाल उठाएंगे, मोहिबुल्लाह ने पूछा। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत बड़ी गलती होगी और हमें आने वाली सदियों तक इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। *सुप्रिया सुले ने बिल मीडिया में आने को लेकर उठाए सवाल* लोकसभा में बारामती की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि दुखद बात यह है कि हमें इस विधेयक के बारे में संसद से नहीं बल्कि मीडिया से पता चला। सुप्रिया सुले ने सवाल किया, क्या यह सरकार के काम करने का नया तरीका है? यह कार्यालय लोकतंत्र का मंदिर है और हम अपने काम को गंभीरता से लेते हैं। कृपया मीडिया को चुनिंदा रूप से [विधेयक] लीक करने से पहले हमें सूचित करें।
मुझे चुनौती दी जा रही है, मैं दुखी मन से जा रहा हूं... ऐसा कहकर क्यों कार्रवाई छोड़कर चले गए धनखड़?*
#jagdeep_dhankhar_why_left_chair_rajyasabha
संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है। आज राज्यसभा में महिला रेसलर विनेश फोगाट का मामला उठी। जैसे ही ये मामला उठा, संसद में हंगामा मच गया। विपक्ष ने कई सवाल उठाए, जिससे सभापति जगदीप धनखड़ काफी नाराज हो गए।जगदीप धनखड़ विपक्ष के व्यवहार से इतने आहत दिखे कि कुर्सी छोड़कर चले गए। आज राज्यसभा में कुछ विपक्षी सांसदों के आचरण से दुखी होकर अपने संबोधन में सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि वो कुछ समय के लिए आसन पर बैठने में खुद को सक्षम नहीं पा रहे हैं। ये कहते हुए आसन से उठ कर चले गए। इसके बाद उपसभापति हरिवंश ने सदन की कार्यवाही का संचालन किया। जगदीप धनखड़ ने कहा कि उनके ऊपर विपक्ष चिट्ठी के जरिए, अखबारों के जरिए, आरोपों के जरिए हमले कर रहा है। उन्हें लगता है कि मैं इस पद के काबिल नहीं हूं, इसलिए कुछ समय के लिए मैं इस कुर्सी छोड़कर जा रहा हूं। उन्होंने इसी दौरान सदन में मौजूद कांग्रेस नेता जयराम रमेश को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि मिस्टर रमेश आप हंसिए मत, मैं आपको जानता हूं। दरअसल, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे सदन में विनेश फोगाट के मुद्द को उठाना चाह रहे थे। इसकी अनुमति नहीं मिलने पर विपक्षी नेता नारेबाजी करने लगे।सभापति धनखड़ ने कहा कि पूरा देश विनेश फोगाट के साथ है। उन्होंने कहा कि हर कोई इस घटना पर दुखी है, पीएम और मैंने भी इस पर बयान दिया है, लेकिन इस पर राजनीति होना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस बात पर विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया। इस पर ही सभापति नाराज हो गए। आहत सभापति ने ये भी कहा, 'आज यहा जो हुआ, वह ठीक नहीं है। यहां मुझे नहीं, बल्कि सभापति के पद को चुनौती दी जा रही है। विपक्ष के नेता मेरे खिलाफ टिप्पणी कर रहे हैं। ये चुनौती इसलिए दी जा रही है कि जो व्यक्ति इस पद पर बैठा है वो इसके लायक नहीं है। ऐसा ये सोचते हैं। मुझे हाउस का समर्थन जितना चाहिए उतना नहीं मिला है, ऐसा मैं सोचता हूं। इसी दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जयराम रमेश पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 'नो डॉन्ट लाफ मिस्टर जयराम, नो'। उन्होंने कहा कि इसको मुद्दा मत बनाइए, मैं आपका हैबिट (आदत जानता हूं)। अब मेरे पास एक ही विकल्प है मैंने सदन में बहुत वरिष्ठ सदस्य हैं, अभी उपस्थित हैं। उन्होंने राजनीति मेरे से बहुत ज्यादा देखी है, मैं मेरी शपथ से दूर नहीं भाग रहा हूं। जो आज मैंने देखा है कि जिस तरीके से व्यवहार सदस्य ने किया है, जिस तरीके से व्यवहार इधर से भी हुआ है, मैं कुछ समय के लिए यहां बैठने में सक्षम नहीं पा रहा हूं, मैं दुखी मन से जा रहा हूं।
बस 45 मिनट मिले, जरूरी सामान नहीं ला सकीं हसीना, अब गाजियाबाद में की शॉपिंग
#sheikh_hasina_did_shopping_in_hindon_airbase
बांग्‍लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना इस समय भारत की शरण में हैं। हसीना गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पर मौजूद हैं। बांग्‍लादेश में जारी हिंसा के बीच शेख हसीना ने देश छोड़ दिया था। वह अपने साथ चार सूटकेस ही लेकर आ सकीं थी। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि उन्‍होंने एयरबेस पर बने शॉपिंग कॉम्‍पलेक्‍स से कुठ जरूरी चीजें खरीदे। उन्‍होंने अपने और बहन रिहाना के लिए करीब 30 हजार की खरीददारी की है।

शेख हसीना ने बहन रिहाना के साथ बुधवार को गाजियाबाद में स्थित हिंडन एयरबेस के शॉपिंग कांप्लेक्स से जरूरत का सामान सहित कपड़े खरीदे। सूत्रों के अनुसार उन्होंने करीब 30 हजार रुपये की खरीदारी की। उन्होंने भारतीय रुपये में भुगतान किया है। कुछ पैसे कम पड़े तो बांग्‍लादेशी करेंसी भी दिए। हालांकि, खरीदारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

मीडिया रिपोर्ट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, शेख हसीना और उनकी बहन रिहाना बुधवार को पहली बार सेफ हाउस से बाहर निकलीं, गाजियाबाद में स्थित हिंडन एयरबेस के शॉपिंग कांप्लेक्स से जरूरत का सामान सहित कपड़े खरीदे।

बांग्लादेश की सेना ने शेख हसीना को इस्तीफा देने के लिए सिर्फ 45 मिनट का समय दिया था। जिसके बाद उन्होंने जल्दबाजी में राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन को अपना इस्तीफा सौंप और सिर्फ 4 सूटकेस और 2 बैग ही लेकर जान बचाकर भारत भाग आईं थीं।

बता दें कि बांग्लादेश से भारत पहुंची बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को हिंडन एयरबेस में शरण लिए हुए 48 घंटे से अधिक का समय बीत चुका है। शेख हसीना के भारत छोड़ने या तत्काल यहीं रहने को लेकर भी कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आ रही है।
भारत में घुसने की कोशिश करे रहे हैं बांग्लादेशी, बीएसएफ अलर्ट*
#bangladeshis_trying_to_enter_india पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं।शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद से हिंदूओं पर भीषण अत्याचार हो रहे हैं। राजनीतिक अराजकता और अशांति के बीच बड़ी संख्या में बांग्लादेशी भारत की सीमा पार करने की कोशिश में लगे हुए हैं। हालांकि, चौकस सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने उन्हें पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी के पास भारतीय सीमा में प्रवेश करने से रोक दिया। पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में भारत बांग्लादेश सीमा पर 1 हजार से ज्यादा बांग्लादेशी हिंदू पहुंच गए हैं। वे बॉर्डर पार कर भारत आना चाहते हैं। भारत में इनके घुसपैठ के प्रयास को बीएसफ ने रोक रखा है। बीएसएफ के अधिकारियों ने बताया कि भारी संख्या में बांग्लादेशी नागरिकों के एक समूह को रोका है, जो पश्चिम बंगाल में अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पार कर भारतीय सीमा में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। बीएसएफ ने उन्हें सतकुरा सीमा पर रोक लिया है। यह घटना जलपाईगुड़ी जिले के दक्षिण बेरूबारी पंचायत की है। बता दें कि बांग्लादेशी नागरिकों का कहना है कि देश में जारी हिंसा के बीच उनके घरों में तोड़फोड़ की गई है। शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बावजूद अशांति जारी रहने के कारण वे अपनी जान बचाने के लिए भारत में शरण लेना चाहते हैं। इसी क्रम में एक बांग्लादेशी दंपति को उनके बच्चे के साथ मंगलवार शाम को अवैध रूप से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने का प्रयास करते हुए पकड़ा गया था और दोनों के पास फर्जी आधार और पैन कार्ड थे। पूछताछ के दौरान, उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने इस तरह के फर्जी भारतीय पहचान दस्तावेज तैयार करने के लिए भारी मात्रा में पैसा खर्च किया ताकि उनके बच्चे का इलाज भारतीय अस्पतालों में हो सके। बांग्लादेश के रंगपुर के रहने वाले दो व्यक्ति इनामुल हक सोहेल और संजीदा जीनत इलाही से पूछताछ की गई। उनसे कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए गए, जिसके बाद उन्हें बांग्लादेश वापस भेज दिया गया। दरअसल, बांग्लादेश में नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ शुरू हुआ छात्रों का प्रदर्शन उग्र रूप ले चुका है। छात्रों का प्रदर्शन हिंसक हो गया। हालात ऐसे हो गये कि प्रधानमंत्री शेख हसीना को सोमवार को इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा। वह इस समय भारत में हैं। उनके भारत आने के बाद बांग्लादेश में दंगाइयों ने खूब उत्पात मचाया। सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया। प्रधानमंत्री आवास में घुसकर उन्होंने तोड़-फोड़ की।
*पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का निधन, 80 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

#west_bengal_ex_cm_budhadev_bhattacharya_passes_away 

पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य का निधन हो गया है। वह 80 साल के थे और बीते काफी समय से बीमार चल रहे थे।बुद्धदेव भट्टाचार्य को जुलाई महीने के आखिर में सांस की समस्या के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। भट्टाचार्या ने गुरुवार सुबह करीब 8.20 बजे आखिरी सांस ली। उन्हें सांस लेने में दिक्कत थी, जिसकी वजह से उन्हें जुलाई में अस्पताल में भी भर्ती कराया गया था। वह काफी समय से सीओपीडी (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) और बुढ़ापे से जुड़ी अन्य बीमारियों से पीड़ित थे।

बुद्धदेव की निधन की खबर उनके बेटे सुचेतन भट्टाचार्य ने गुरुवार सुबह दी।जानकारी के मुताबिक, बुद्धदेव ने सुबह नाश्ता भी किया था। इसके बाद वे अस्वस्थ हुए। सुबह करीब 8.20 बजे पाम एवेन्यू स्थित घर पर ही उन्होंने देह त्याग दिया। 

बंगाल में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने बुद्धदेव भट्टाचार्य के निधन पर शोक जताया। सुवेंदु ने ट्वीट कर कहा कि बुद्धदेव भट्टाचार्य अब हमारे बीच नहीं रहे। उनके परिवार के सदस्यों और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं। मैं प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को शाश्वत शांति मिले। इनके अलावा भी कई नेताओं ने बुद्धदेव भट्टाचार्य के निधन पर शोक जताया है।

भट्टाचार्य ने लंबे समय तक बंगाल में शासन किया था। बुद्धदेव भट्टाचार्य नवंबर 2000 से मई 2011 तक बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। वरिष्ठ वामपंथी नेता और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य सीपीएम की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था, पोलित ब्यूरो के पूर्व सदस्य भी थे। 2011 के राज्य चुनावों में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने वामपंथी शासन का अंत किया था। बुद्धदेव भट्टाचार्य की पार्टी के हारते ही बंगाल में 34 साल का कम्युनिस्ट शासन समाप्त हो गया था।

बुद्धदेव भट्टाचार्य का जन्म एक मार्च 1944 को उत्तरी कोलकाता में हुआ था। उनके पुरखों का घर बांग्लादेश में है। उन्होंने कोलकाता के प्रतिष्ठित प्रेसीडेंसी कॉलेज से बंगाली साहित्य की पढ़ाई की थी और बंगाली (ऑनर्स) में बीए की डिग्री प्राप्त की थी। बाद में वह सीपीआई (एम) से जुड़ गए थे। उन्हें सीपीआई की युवा शाखा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन के राज्य सचिव बनाया गया थे, जिसका बाद में डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया में विलय हो गया था। अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर वो तेजी से चमके और बंगाली राजनीति के शिखर तक पहुंचे।

कम होंगी वक्फ बोर्ड की शक्तियां? आज लोकसभा में पेश होगा संशोधन वक्फ बिल, हंगामे के आसार

#wakf_board_amendment_bill_modi_govt_present_in_lok_sabha 

संसद के मानसून सत्र का आज 14वां दिन है। केंद्र सरकार मौजूदा वक्फ एक्ट में करीब 40 संशोधन करने से जुड़ा नया वक्फ बिल आज लोकसभा में पेश कर सकती है। वक्फ बोर्ड को मिली असीमित शक्तियों पर अंकुश लगाने और बेहतर प्रबंधन व पारदर्शिता के लिए सरकार लोकसभा में गुरुवार को दो विधेयक पेश कर सकती है। 

सूत्रों के मुताबिक वक़्फ़ बोर्ड पर लगाम लगाने के लिए बिल में 40 संशोधन किए गए हैं। वहीं विपक्ष ने वक़्फ़ बोर्ड बिल को स्थायी समिति (स्टैंडिंग कमेटी) को भेजे जाने की मांग की है। यानी अगर आम सहमति नहीं बनी तो फिर सरकार सेलेक्ट कमेटी को बिल भेज सकती है। 

विपक्षी दलों ने बुधवार को सरकार से आग्रह किया कि वक्फ (संशोधन) बिल को पेश किए जाने के बाद इस पर गौर करने के लिए इसे संसद की स्थायी समिति के पास भेजा जाना चाहिए। दूसरी तरफ, सरकार ने कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में कहा कि वह सदन की भावना का आकलन करने के बाद इस पर फैसला करेगी। सरकार ने यह भी कहा कि वह बृहस्पतिवार को लोकसभा में पेश होने के बाद विधेयक पर चर्चा और इसे पारित कराने पर जोर नहीं देगी।

इस बात की प्रबल संभावना है कि सरकार इस बिल को संसदीय समिति के पास भेजने पर सहमत हो सकती है। इस विधेयक का कुछ मुस्लिम संगठन विरोध कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि सरकार के एजेंडे का समर्थन करने वाले कुछ दलों ने भी प्रस्तावित कानून पर अपनी आपत्ति व्यक्त की है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने समिति की बैठक में कहा कि सरकार बृहस्पतिवार को इस बात पर विचार करेगी कि विधेयक को संसदीय जांच के लिए भेजा जाए या नहीं। लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई और तृणमूल कांग्रेस सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय उन विपक्षी सदस्यों में शामिल हैं, जिन्होंने बिल पेश होने के बाद इसे संसद की स्थायी समिति को भेजने की मांग की। संयोग से अभी लोकसभा की विभाग-संबंधित स्थायी समितियों का गठन नहीं हुआ है। यदि सरकार इस तरह की कार्रवाई पर निर्णय लेती है तो सदन बिल पर विचार के लिए स्थायी समिति की अनुपस्थिति में एक अलग समिति बना सकता है।

मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का गठन, शपथ ग्रहण आज

#bangladesh_interim_govt_will_be_formed_muhammad_yunus_take_oath_today 

बांग्लादेश में शेख हसीना के इस्तीफे के बाद आज अंतरिम सरकार का गठन होगा। 15 सदस्यीय इस सरकार का नेतृत्व नोबेल प्राइज विजेता मुहम्मद यूनुस करेंगे। रात 8:30 बजे सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होगा। मोहम्मद यूनुस यूरोप में थे और आज बांग्लादेश लौट रहे हैं। जिसके बाद शपथ ग्रहण होगा। 

वहीं, यूनुस ने छात्रों को बधाई देते हुए कहा, इस नई जीत का बेहतरीन उपयोग करें। अपनी गलतियों से जीत को हाथ से न फिसलने दें। यूनुस ने लोगों से शांति बनाए रखने और हिंसा से दूर रहने की अपील की है। उन्होंने कहा, यदि हम हिंसा का रास्ता चुनेंगे, तो सब कुछ नष्ट हो जाएगा। शांत रहें और देश के पुनर्निर्माण के लिए तैयार रहें। 

मोहम्मद यूनुस ने छात्रों से की शांति बनाए रखने की अपील

मोहम्मद यूनुस ने बयान में कहा कि 'मैं सभी से शांत रहने की अपील करता हूँ। कृपया सभी प्रकार की हिंसा से दूर रहें। मैं सभी छात्रों, सभी राजनीतिक दलों के सदस्यों और गैर-राजनीतिक लोगों से शांत रहने की अपील करता हूं। यह हमारा खूबसूरत देश है जिसमें बहुत सारी संभावनाएं हैं। हमें इसे सुरक्षित रखना चाहिए और इसे अपने और अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अद्भुत देश बनाना चाहिए।'

3 साल का हो सकता है अंतरिम सरकार का कार्यकाल

बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में आज अंतरिम सरकार का गठन होगा। इसका कार्यकाल कितना होगा, इसे लेकर बुधवार को राष्ट्रपति से छात्र आंदोलन से जुड़े नेताओं ने चर्चा की। बैठक में वे इस बात पर सहमत हुए कि इस सरकार का कार्यकाल कम से कम 3 साल का होना चाहिए।

छात्र आंदोलन के नेता सरकार में हो सकते हैं शामिल

अंतरिम सरकार में कौन लोग होंगे इस पर अभी तक कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है। हालांकि अलग-अलग नामों की सूची को लेकर राजनीतिक क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। बांग्लादेश के अखबार प्रोथोम अलो ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि छात्र आंदोलन के नेता सरकार में अपने दो प्रतिनिधि चाहते हैं। हालांकि वे दो नाम कौन हैं इसका नाम पता नहीं चल पाया है। इसके अलावा राष्ट्रपति शहाबुद्दीन भी चाहते हैं कि उनके 2 लोग सरकार का हिस्सा बनें।

पेरिस ओलिंपिक में डिसक्वालिफाई होने के बाद विनेश फोगाट का बड़ा फैसला, संन्यास का ऐलान, बोलीं-कुश्ती जीत गई, मैं हार गई

#vinesh_phogat_announced_retirement_from_wrestling

भारतीय रेसलर विनेश फोगाट ने पेरिस ओलिंपिक में डिसक्वालिफाई होने के बाद कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया है। उन्होंने एक्स पर एक भावुक संदेश शेयर किया। विनेश फोगाट ने एक्स पर अपना दुख व्यक्त संन्यास की घोषणा की है। बता दें कि विनेश को ओलंपिक की महिलाओं की 50 किलो कुश्ती स्पर्धा के फाइनल से पहले वजन अधिक पाये जाने के कारण बीते बुधवार को ओलंपिक से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

विनेश ने आज गुरुवार तड़के एक्स पर एक पोस्ट किया। 5.17 बजे किए पोस्ट में विनेश ने लिखा कि, “मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी माफी।”

विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक की महिलाओं की 50 किलो कुश्ती स्पर्धा के फाइनल से पहले वजन अधिक पाये जाने के कारण बीते बुधवार को ओलंपिक से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। जिससे अब वह खाली हाथ ही रह गईं। विनेश ने ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर इतिहास रचा था। बीते सुबह तक उनका कम से कम रजत पदक पक्का लग रहा था लेकिन उनका वजन 100 ग्राम अधिक पाया गया। इसके बाद 29 वर्ष की विनेश को खेलगांव में पोली क्लीनिक ले जाया गया क्योंकि सुबह उनके शरीर में पानी की कमी हो गई थी।

वहीं, हरियाणा सरकार ने विनेश फोगाट के लिए बड़ा ऐलान किया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि हरियाणा सरकार विनेश फोगाट का स्वागत और अभिनंदन एक सिल्वर मेडलिस्ट की तरह करेगी। हरियाणा के लिए विनेश चैंपियन हैं। हरियाणा में ओलंपिक पदक विजेता को जो सम्मान मिलता है। वही सम्मान, ईनाम और सुविधाएं राज्य सरकार की ओर से विनेश फोगाट को भी मिलेंगी।

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि ‘हरियाणा की हमारी बहादुर बेटी विनेश फोगाट ने ज़बरदस्त प्रदर्शन करके ओलंपिक में फाइनल में प्रवेश किया था। किन्हीं भी कारणों से वो भले ही ओलंपिक का फाइनल नहीं खेल पाई हों, लेकिन हम सबके लिए वो एक चैंपियन हैं। हमारी सरकार ने ये फैसला किया है कि विनेश फोगाट का स्वागत और अभिनंदन एक मेडलिस्ट की तरह ही किया जाएगा। हरियाणा सरकार ओलंपिक रजत पदक विजेता को जो सम्मान, ईनाम और सुविधाएँ देती है, वे सभी विनेश फोगाट को भी कृतज्ञता पूर्वक दी जायेंगी। हमें आप पर गर्व है विनेश!’

अंतिम पंघाल को ओलंपिक से किया गया बाहर,अनुशासन तोड़ने का लगा आरोप

#wrestler_antim_panghal_accused_of_breaking_discipline_ordered_to_leave_paris

पेरिस ओलंपिक से भारतीय पहलवान विनेश फोगाट के बाहर होने का गम अभी कम नहीं हुआ था कि खेल प्रशंसकों के लिए एक और झटके की खबर है।पेरिस ओलंपिक से अब जल्द ही पहलवान अंतिम पंघाल और उनके सपोर्ट स्टाफ को वापस भेज दिया जाएगा। भारत के लिए बड़ी शर्मिंदगी की बात है कि युवा पहलवान अंतिम पंघाल और उनके पूरे दल को पेरिस से निर्वासन का सामना करना पड़ रहा है। ओलंपिक के दौरान अंतिम और उनकी टीम पर अनुशासन का उल्लंघन करने के आरोप लगाए गए है। जिसके चलते उन्हें पुलिस कार्रवाई के लिए भी बुलाया गया था।

आईओए के एक बयान में कहा गया, ‘‘भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने फ्रांसीसी अधिकारियों द्वारा आईओए के संज्ञान में अनुशासनात्मक उल्लंघन का मामला लाए जाने के बाद पहलवान अंतिम और उनके सहयोगी स्टाफ को वापस भेजने का फैसला किया है।’’ इस युवा पहलवान ने अपना आधिकारिक मान्यता कार्ड अपनी छोटी बहन को सौंप दिया जिसे सुरक्षाकर्मियों ने खेल गांव से बाहर निकलते हुए पकड़ लिया।

हालांकि आईओए ने अनुशासनात्मक उल्लंघन के बारे में कुछ नहीं बताया लेकिन एक सूत्र ने पीटीआई को विस्तृत जानकारी दी। सूत्र ने कहा, ‘‘खेल गांव जाने के बजाय वह उस होटल में पहुंच गई जहां उसके कोच भगत सिंह और साथी अभ्यास पहलवान विकास, जो वास्तव में उसका कोच है, ठहरे हुए थे। अंतिम ने अपनी बहन को खेल गांव जाने और अपना सामान लेकर वापस आने को कहा। उसकी बहन को किसी ओर के कार्ड पर अंदर जाने के कारण पकड़ा गया और उसे बयान दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन ले जाया गया।’’

इतना ही नहीं अंतिम के निजी सहयोगी स्टाफ विकास और भगत कथित तौर पर नशे की हालत में कैब में यात्रा कर रहे थे। उन्होंने किराया देने से इनकार कर दिया जिसके बाद ड्राइवर ने पुलिस को बुला लिया।