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राज्यसभा में अमिताभ के नाम को लेकर एक बार फिर भड़की जया बच्चन


नई दिल्ली : संसद में एक बार फिर जया बच्चन के बयान पर हंगामा छिड़ गया। समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने आज एक विवाद खड़ा कर दिया, जब उन्होंने अपने पति और अभिनेता अमिताभ बच्चन का नाम लेने से इनकार कर दिया था।

सोमवार के सत्र में भी उन्होंने इसी तरह के विचार दोहराए।

धनखड़ बोले- आधिकारिक रूप से बदलें नाम

हालांकि, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने इस बार उन्हें खुलकर जवाब दिया। धनखड़ ने कहा,

मैडम आप बदल दीजिए, मैं बदल दूंगा। आपने अपने निर्वाचन प्रमाण पत्र के लिए जो नाम प्रस्तुत किया है, उसे बदलने की एक प्रक्रिया है। मैंने 1989 में खुद इस प्रावधान का उपयोग किया था और यह सभी सदस्यों के लिए उपलब्ध है। कृपया इसे आधिकारिक रूप से बदल दें।

मनोहर लाल ने खास अंदाज में दिया जवाब

जया बच्चन के बाद आवास एवं शहरी मामलो के मंत्री मनोहर लाल जैसे ही बोलने के लिए उठे तो जया ने कहा कि जैसे मुझे मेरे पति के नाम से बुलाया जाता है, इन सभी को भी पत्नी के नाम से बुलाएं। इस पर धनखड़ ने कहा कि मैं तो कई बार अपनी पत्नी के नाम का आगे इस्तेमाल कर चुका हूं।

मनोहर लाल ने उठते ही कहा कि अगर वो चाहती है कि मेरे नाम के साथ कुछ जोड़ा जाए तो मैं जवाब दे दूं कि मुझे ऐसा करने के लिए अगले जन्म का इंतजार करना पड़ेगा। दरअसल, मनोहर लाल खट्टर ने शादी नहीं की है।

आज का इतिहास:1945 में आज ही के दिन अमेरिका ने जापानी नगर ‘हिरोशिमा’ पर गिराया था परमाणु बम


नयी दिल्ली : 6 अगस्त का इतिहास काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि 1945 में आज ही के दिन अमेरिका ने जापानी नगर हिरोशिमा पर पहला परमाणु बम गिराया था। 2012 में 6 अगस्त के दिन ही नासा का क्यूरिओसिटी रोवर मंगल ग्रह पर पहुंचा था। 

2002 में आज ही के दिन भारत और पाकिस्तान में तनाव के कारण ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान से अपने नागरिकों को वापस बुलाया था।

2001 में 6 अगस्त के दिन ही भारत और ऑस्ट्रेलिया में आर्थिक समझौता हुआ था।

2012 में 6 अगस्त के दिन ही नासा का क्यूरिओसिटी रोवर मंगल ग्रह पर पहुंचा था।

2002 में आज ही के दिन भारत और पाकिस्तान में तनाव के कारण ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान से अपने नागरिकों को वापस बुलाया था।

2001 में 6 अगस्त के दिन ही भारत और ऑस्ट्रेलिया में आर्थिक समझौता हुआ था।

1996 में आज ही के दिन अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने मंगल पर जीवन होने की संभावना जताई थी।

1964 में 6 अगस्त के दिन ही अमेरिका के नेवादा में विश्व का सबसे प्राचीन वृक्ष प्रोमेथस को काटा गया था।

1962 में आज ही के दिन जमैका में यूनाइटेड किंगडम का साम्राज्य खत्म हुआ और उसे स्वतंत्रता मिल गई।

1945 में आज ही के दिन अमेरिका ने जापानी नगर हिरोशिमा पर पहला परमाणु बम गिराया था।

1914 में 6 अगस्त के दिन ही ऑस्ट्रिया ने रूस के खिलाफ युद्ध की घोषणा की थी।

1906 में आज ही के दिन प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी चितरंजन दास और अन्य लोगों ने मिलकर वंदेमातरम समाचार पत्र का प्रकाशन शुरू किया था।

1862 में 6 अगस्त के दिन ही मद्रास उच्च न्यायालय की स्थापना की गई थी।

1825 में आज ही के दिन बोलीविया ने पेरू से स्वतंत्रता हासिल की थी।

6 अगस्त को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति

1959 में आज ही के दिन भारत के प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता राजेन्द्र सिंह का जन्म हुआ था।

1933 में 6 अगस्त के दिन ही भारतीय क्रिकेटर एजी कृपाल सिंह का जन्म हुआ था।

1915 में आज ही के दिन भारत के पांचवें लोकसभा अध्यक्ष गुरदयाल सिंह ढिल्‍लों का जन्म हुआ था।

1921 में 6 अगस्त के दिन ही स्वतंत्रता सेनानी और गुजरात और मध्य प्रदेश के भूतपूर्व राज्यपाल केएम. चांडी का जन्म हुआ था।

6 अगस्त को हुए निधन

2006 में आज ही के दिन भारतीय राजनीतिज्ञ सूरज भान का निधन हुआ था।

1981 में 6 अगस्त के दिन ही भारतीय नेता भूपेश गुप्ता का निधन हुआ था।

1982 में आज ही के दिन प्रसिद्ध मलयालम साहित्यकार एसके. पोट्टेक्काट्ट का निधन हुआ था।

1925 में 6 अगस्त के दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस नेता सुरेन्द्र नाथ बनर्जी का निधन हुआ था।

"सॉरी मम्मी, पीजी-हॉस्टल वाले पैसा लूट रहे हैं' लिखकर दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी कर रही छात्रा ने की आत्महत्या,


नई दिल्ली: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में UPSC की तैयारी करने वाले तीन छात्रों की मौत का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है कि यहां एक और छात्रा के खुदकुशी करने का मामला सामने आया है।

पुलिस को घटना स्थल से एक सुसाइड नोट भी मिला है जो बेहद परेशान करने वाला है. द‍िल्‍ली पुल‍िस के मध्‍य ज‍िला पुल‍िस उपायुक्‍त एम. हर्षवर्धन ने कहा कि मामला दिल्ली पुलिस के संज्ञान में है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

क्या लिखा है सुसाइड नोट में?

जानकारी के अनुसार छात्रा महाराष्ट्र की रहने वाली थी और ओल्‍ड राजेंद्र नगर इलाके में पीजी में रहकर UPSC की तैयारी कर रही थी. वह पीजी व हॉस्टल के रूम रेंट के बढ़ने से परेशान थी. सुसाइड नोट में उसने लिखा है कि, "UPSC के छात्र किस दबाव में सिविल सेवा की तैयारी करते हैं. 

पीजी और हॉस्टल वाले स्टूडेंट्स से पैसा लूट रहे हैं. हर छात्र दिल्ली में रहकर कोचिंग का खर्च नहीं उठा सकता." उसने उसकी रोजमर्रा की दिक्कतों व परेशानियों का जिक्र भी सुसाइड नोट में किया है."

माता-पिता से मांगी माफी: छात्रा ने अपने माता-पिता से माफी मांगते हुए लिखा है, "मैं बहुत कोशिशों के बाद भी मानसिक तनाव से बाहर नहीं निकल पा रही हूं. मैं करियर में आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही हूं, लेकिन नहीं हो पा रहा है. मेरा सिर्फ एक सपना था कि यूपीएससी परीक्षा फर्स्ट अटेंप्ट में क्लियर करूं. आप सभी ने मुझे बहुत सपोर्ट किया है, लेकिन मुझसे नहीं हो पा रहा है. पीजी और हॉस्टल वाले छात्रों को लूट रहे हैं, कई छात्र इसका खर्च उठाने में सक्षम नहीं है."

ओल्‍ड राजेंद्र नगर इलाके में जीवन फ्लैट के ग्राउंड फ्लोर पर बने तीन कमरों में से एक जी-1 पर छात्रा रहती थी. इसका क‍िराया तकरीबन 18 हजार रुपये बताया गया है. इस कमरे में ही वॉशरूम अटैच है लेक‍िन तीनों कमरों के ल‍िए कॉमन ओपन क‍िचन है. उसने अपने सुसाइड नोट में इलाके में एक कमरे के ल‍िए ज्‍यादा रूम रेंट का ज‍िक्र क‍िया है. छात्रा ने 11 जुलाई को अपनी एक फ्रेंड श्वेता के साथ व्हाट्सएप चैटिंग भी की थी. उसने कहा था कि पीजी का रेंट बढ़ा दिया गया है, इसलिए वह पीजी छोड़ना चाहती है. द‍िल्‍ली पुल‍िस मामले की जांच में जुटी है.

ओल्‍ड राजेंद्र नगर हादसे के बाद से द‍िल्‍ली में कोचिंग सेंटरों संचालन पर सवाल खड़े हो रहे हैं. न‍ियमों की अनदेखी कर चल रहे अध‍िकांश कोच‍िंग सेंटरों के खिलाफ शासन-प्रशासन की तरफ से कार्रवाई भी की जा रही है. एमसीडी की ओर से द‍िल्‍ली के अलग-अलग ह‍िस्‍सों में संचाल‍ित कोच‍िंग सेंटरों के ख‍िलाफ सील‍िंग की बड़ी कार्रवाई भी की गई है. ऐसे में अब छात्रों से मनमाफिक तरीके से रूम रेंट और हॉस्टल फीस वसूलने के सामने आए मामले से बहस का नया मुद्दा छ‍िड़ गया है.

क्रिप्टो घोटाले में ईडी ने लेह-जम्मू और सोनीपत में की छापेमारी,एक करोड़ रुपये नकद जब्त किए


नई दिल्ली:- प्रवर्तन निदेशालय (ED) की श्रीनगर इकाई ने क्रिप्टोकरेंसी घोटाले के सिलसिले में लेह, जम्मू और हरियाणा के सोनीपत में छह स्थानों पर तलाशी ली। एजेंसी ने इस दौरान एक करोड़ रुपये नकद के साथ में आपत्तिजनक दस्तावेज और संपत्ति रिकॉर्ड जब्त किए हैं।

ईडी के मुताबिक, इस हफ्ते की शुरुआत में एआर मीर और अन्य के खिलाफ धन शोधन मामले में छापेमारी की गई थी। ईडी ने एक पोस्ट में कहा कि यह मामला इमोलिएंट कॉइन नाम की नकली क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए झूठे तरीके से प्रभावित करके निर्दोष लोगों को धोखा देने से जुड़ा है।

2 अगस्त को ईडी ने लिया तलाशी अभियान

ईडी के मामले की जानकारी देते हुए कहा है कि 2 अगस्त को तलाशी अभियान के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज, संपत्ति के दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और 1 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर भीषण हादसा,ट्रक ने कार को मारी टक्कर,रतलाम के एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत


रतलाम:- दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेस पर रविवार सुबह हुए हादसे में रतलाम के आलोट निवासी परिवार के 4 सदस्यों दर्दनाक मौत हो गई और 6 लोग घायल हो गए. 

सवाई माधोपुर में एक्सप्रेस-वे पर तेज रफ्तार ट्रक ने अर्टिगा कार को टक्कर मार दी. जिसमें कार में सवार चार लोगों की मौत हो गई. सभी मृतक विक्रमगढ़ आलोट के प्रजापति परिवार से थे. जो ऋषिकेश से यात्रा कर अपने घर लौट रहे थे. तभी रास्ते में तेज रफ्तार ट्रक प्रजापति परिवार के लिए काल बन कर आया है.

रतलाम में घटना में 4 की मौत

घटना राजस्थान के सवाई माधोपुर की है. जहां दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर रविवार सुबह ट्रक ने कार को टक्कर मार दी. जिसमें विक्रमगढ़ आलोट निवासी चार लोगों की मौत हो गई. घटना में 3 महिला और 1 पुरुष की मौत हुई है. हादसे में 6 लोग घायल हुए हैं. जिनका इलाज सवाई माधोपुर के अस्पताल में जारी है।

विक्रमगढ़ आलोट का प्रजापति परिवार धार्मिक यात्रा पर ऋषिकेश गया हुआ था. जहां से वापस लौटते समय सभी लोग अर्टिगा कार में सवार थे. इस हादसे में मोनिका (22), रेखा (40), धामू (65) , राजन (22) पुत्र चरणलाल प्रजापत की मौत हो गई.

पोस्टमार्टम के बाद आलोट लाए जा रहे शव

सवाई माधोपुर में पोस्टमार्टम के बाद मृतकों के शव विक्रमगढ़ आलोट लाए जा रहे हैं. जहां आज सुबह से ही हादसे की सूचना मिलने के बाद से माहौल गमगीन बना हुआ है. बता दें कि दो दिन पहले शुक्रवार को सागर में भी दर्दनाक हादसा हुआ था. यहां कार से आ रहे एक परिवार को ट्रक ने सामने से टक्कर मार दी थी. जिसके बाद कार पलटकर खाई में गिर गई थी और ट्रक भी कार के ऊपर चढ़ गया था. हादसे में कार सवार एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हुई थी।

SSC JHT 2024: एसएससी ने जूनियर एवं सीनियर हिंदी ट्रांसलेटर सहित अन्य पदों के लिए शुरू किये आवेदन, यहां से करें अप्लाई


नई दिल्ली:- एसएससी की ओर से ट्रांसलेटर, जूनियर एवं सीनियर हिंदी ट्रांसलेटर पदों पर नोटिफिकेशन जारी कर भर्ती का एलान किया गया है। इस भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 2 अगस्त से शुरू हो गई है जो निर्धारित अंतिम तिथि 25 अगस्त 2024 तक जारी रहेगी। 

इस भर्ती के लिए योग्यता रखने वाले अभ्यर्थी तय तिथियों के अंदर ऑनलाइन माध्यम से SSC की ऑफिशियल वेबसाइट ssc.gov.in पर जाकर या इस पेज पर दिए लिंक से फॉर्म भर सकते हैं। आवेदन से पहले उम्मीदवार इन पदों के लिए निर्धारित योग्यता की जांच अवश्य कर लें।

कौन कर सकता है आवेदन

इस भर्ती में आवेदन के लिए अभ्यर्थी ने पदानुसार मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय/ संस्थान से हिंदी या अंग्रेजी में मास्टर डिग्री या हिंदी विषय (अनिवार्य) के साथ अंग्रेजी मीडियम में मास्टर डिग्री प्राप्त की हो। इसके साथ ही अभ्यर्थी के पास हिंदी- अंग्रेजी ट्रांसलेशन डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स और पदानुसार 2/ 3 वर्ष का अनुभव होना चाहिए। अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष से कम और अधिकतम आयु 30 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। 

आरक्षित श्रेणी से आने वाले उम्मीदवारों को ऊपरी आयु में नियमानुसार छूट दी जाएगी।

महत्वपूर्ण तिथियां

आवेदन शुरू होने की तिथि: 2 अगस्त 2024

एप्लीकेशन फॉर्म भरने की लास्ट डेट: 25 अगस्त 2024

ऑनलाइन फीस पेमेंट करने की अंतिम तिथि: 26 अगस्त 2024

आवेदन में संशोधन करने की तिथियां: 4 से 5 सितंबर 2024

कंप्यूटर बेस्ड एग्जामिनेशन (पेपर 1) की तिथि: अक्टूबर- नवंबर 2024

इस भर्ती में आवेदन के लिए अभ्यर्थी वेबसाइट ssc.gov.in पर जाकर 'One-Time Registration' form लिंक पर 'Continue' पर क्लिक करके मांगी गई डिटेल भरकर वन टाइम रजिस्ट्रेशन (OTR) कर लें। इसके बाद अभ्यर्थी लॉग इन डिटेल दर्ज कर अन्य डिटेल भरकर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण कर लें। अंत में अभ्यर्थी तय शुल्क जमा करें और पूर्ण रूप से फॉर्म को सबमिट करके उसका एक प्रिंटआउट निकालकर सुरक्षित रख लें।

एप्लीकेशन फीस

इस भर्ती में शामिल होने के लिए जनरल, ओबीसी वर्ग के उम्मीदवारों को 100 रुपये जमा करना होगा। एससी/ एसटी/ पीएच/ महिला वर्ग इस भर्ती में शामिल होने के लिए निशुल्क आवेदन कर सकते हैं।

बांग्लादेश हिंसा में 93 लोगों की मौत, कर्फ्यू की घोषणा,केंद्र ने भारतीयों को भी किया अलर्ट; हेल्पलाइन नंबर जारी

ढाका:- बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन लगातार जारी है।बांग्लादेश की राजधानी ढाका में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों और सत्तारूढ़ अवामी लीग के समर्थकों के बीच रविवार को हुई झड़प में कम से कम ,93 लोगों की मौत हो गई और 30 अन्य घायल हुए हैं। 

भारत ने बांग्लादेश में रह रहे अपने नागरिकों से संपर्क में रहने और सतर्क रहने को कहा है। इसके साथ ही छात्रों सहित सभी भारतीयों को आपातकालीन स्थिति में हेल्पलाइन नंबर +88-01313076402 पर संपर्क करने की सलाह दी गई है।

दोनों पक्षों के बीच हुई झड़प

सरकार के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शनकारी एक ‘असहयोग कार्यक्रम’ में भाग लेने पहुंचे। अवामी लीग, छात्र लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया और फिर दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई।

समाचार पत्र ‘ढाका ट्रिब्यून’ ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि प्रदर्शनकारियों और अवामी लीग के समर्थकों के बीच मुंशीगंज में हुई झड़प में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और 30 अन्य घायल हुए हैं। खबर में हालांकि, मृतकों की पहचान का खुलासा नहीं किया गया है।

प्रदर्शनकारियों ने की PM शेख हसीना के इस्तीफे की मांग

समाचार पोर्टल ‘बीडीन्यूज24’ की एक खबर के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग की और आरक्षण में सुधार को लेकर हाल में हुए विरोध प्रदर्शनों में मारे गए लोगों के लिए न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए। प्रदर्शनकारी असहयोग आंदोलन के पहले दिन राजधानी के साइंस लैब चौराहे पर भी एकत्र हुए और उन्होंने सरकार विरोधी नारे लगाए।

'तोड़फोड़ करने वाले लोग छात्र नहीं, बल्कि आतंकवादी'

बांग्लादेश के कई हिस्सों में फिर से हिंसा भड़कने के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने रविवार को कहा कि विरोध के नाम पर तोड़फोड़ करने वाले लोग छात्र नहीं, बल्कि आतंकवादी हैं और ऐसे तत्वों से कड़ाई से निपटने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं देशवासियों से इन आतंकवादियों का सख्ती से दमन करने की अपील करती हूं। 

बैठक में सेना, नौसेना, वायु सेना, पुलिस, रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी), बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के प्रमुख और अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारी शामिल हुए। बैठक में प्रधानमंत्री के सुरक्षा सलाहकार और गृह मंत्री भी मौजूद थे।

200 से अधिक लोगों के मौत के बाद भड़की हिंसा

फिर से हिंसा पुलिस और छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों में 200 से अधिक लोगों के मारे जाने के कुछ दिनों बाद भड़की है। ये प्रदर्शनकारी विवादास्पद कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं, जिसके तहत 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के योद्धाओं के रिश्तेदारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था।

तिरुमाला एक्सप्रेस के चार डिब्बों में लगी आग,विशाखापट्टनम रेलवे स्टेशन पर भीषण हादसा


विशाखापत्तनम:- आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम रेलवे स्टेशन पर एक बड़ा रेल हादसा होते होते बचा। तिरुमाला एक्सप्रेस की चार बोगियों में आग आग लगने की घटना सामने आई है। हालांकि, ट्रेन का डिब्बे खाली थे।समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, ट्रेन में आग लगने की सूचना मिलते ही इसे तुरंत बुझा दिया गया। 

घटना सुबह करीब 10 बजे हुई। के पुलिस आयुक्त शंका ब्रत बागची ने बताया कि सुबह 7 बजकर 30 मिनट पर विजाग रेलवे स्टेशन पर खड़ी तिरुमाला एक्सप्रेस की चार बोगियों में आग लग गई।सौभाग्य से, उस समय उन बोगियों में कोई यात्री नहीं था। इसलिए किसी की जान नहीं गई और कोई घायल नहीं हुआ।

आग लगने का कारण साफ नहीं 

स्थानीय अग्निशमन सेवा अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की और ट्रेन में लगी आग को बुझा दिया। अधिकारी ने कहा कि हम एफआईआर दर्ज करा रहे हैं। आग लगने के पीछे का कारण जानने के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों को बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि इसके पीछे शॉर्ट सर्किट या कोई और कारण हो सकता है।घटनास्थल से फोरेंसिक साक्ष्य एकत्र करने और फोरेंसिक साक्ष्यों की जांच करने के बाद ही दुर्घटना के पीछे के वास्तविक कारण का पता चल पाएगा।

रखरखाव के लिए कोचिंग डिपो जाने थे ये डिब्बे

वाल्टेयर डिवीजन के डीआरएम सौरभ प्रसाद ने बताया कि इन खाली डिब्बों को रखरखाव के लिए कोचिंग डिपो जाना था। इसे यहां प्लेटफॉर्म पर रखा गया था और सुबह 9 बजे के करीब प्लेटफॉर्म पर गश्त कर रहे आरपीएफ कर्मचारियों ने थोड़ा धुआं देखा। उन्होंने तुरंत फायर ब्रिगेड और स्टेशन पर मौजूद कर्मचारियों को सूचित किया।

वे भी आग बुझाने के लिए अतिरिक्त बल के रूप में आए। इसके बाद सुबह 11 बजे आग बुझा दी गई। प्रोटोकॉल के अनुसार दो बगल के कोचों को छोड़कर, बाकी रेक को तुरंत कोचिंग डिपो में ले जाया गया। 

Waqf Board: केंद्र सरकार वक्फ अधिनियम में बदलाव करने की तैयारी में,बोर्ड की शक्तियां पर लगेगी अंकुश और महिलाओं के बढ़ेंगे अधिकार


 नई दिल्ली:- केंद्र सरकार की और से वक्फ बोर्ड को नियंत्रित करने वाले 1995 के कानून में किए जाएंगे बदलाव। केंद्र सरकार जल्द ही वक्फ अधिनियम में कई बड़े बदलाव कर सकती है। सरकार इसके लिए संसद में अगले हफ्ते एक विधेयक ला सकती है, जिसमें कई संशोधन हो सकते हैं। इसके तहत वक्फ बोर्ड की शक्तियों को कम किया जा सकता है।

महिलाओं को मिलेंगे हक

समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, इस विधेयक के तहत किसी भी संपत्ति को अपनी संपत्ति कहने की इसकी 'अनियंत्रित' शक्तियों में कटौती हो सकती है और महिलाओं का प्रतिनिधित्व भी सुनिश्चित हो सकता है।

40 संशोधनों को कैबिनेट की मंजूरी

एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, विधेयक में वक्फ अधिनियम में करीब 40 संशोधन प्रस्तावित किए जाने की संभावना है। सूत्रों ने यह भी कहा कि विधेयक को शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। सूत्रों के मुताबिक, विधेयक में अधिनियम की कुछ धाराओं को निरस्त करने का प्रस्ताव है, जिसका मुख्य उद्देश्य वक्फ बोर्डों के पास मौजूद मनमानी शक्तियों को कम करना है। 

विधेयक में इन बातों पर ध्यान

इस कानून के जरिए केंद्र सरकार बोर्ड की निरंकुशता को खत्म करना चाहता है। 

विधेयक के जरिए बोर्ड में अधिक पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य सत्यापन शामिल है। महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए वक्फ बोर्डों की संरचना और कार्यप्रणाली में बदलाव करने के लिए धारा 9 और धारा 14 में संशोधन हो सकता है।

विवादों को सुलझाने के लिए वक्फ बोर्डों द्वारा दावा की गई संपत्तियों का नए सिरे से सत्यापन किया जाएगा।

वक्फ संपत्तियों की निगरानी में मजिस्ट्रेट शामिल हो सकते हैं। 

मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने ही की बदलाव की मांग

सूत्रों के अनुसार, मौजूदा कानूनों को बदलने की मांग मुस्लिम बुद्धिजीवियों, महिलाओं और शिया और बोहरा जैसे विभिन्न संप्रदायों की ओर से आई है। देश भर में वक्फ बोर्डों के तहत लगभग 8 लाख 70 हजार संपत्तियां हैं और इन संपत्तियों के अंतर्गत कुल भूमि लगभग 9 लाख 40 हजार एकड़ है। 

1995 में लागू हुआ एक्ट

वक्फ अधिनियम 1995 में लागू किया गया था और यह वाकिफ द्वारा वक्फ के रूप में दान की गई और अधिसूचित संपत्तियों को नियंत्रित करता है।  

वक्फ बोर्ड कई बार ऐसे दावे करता है, जिससे विवाद होता है। उदाहरण के लिए सितंबर 2022 में तमिलनाडु वक्फ बोर्ड ने पूरे थिरुचेंदुरई गांव पर अपना हक होना का दावा किया, जहां सदियों से बहुसंख्यक हिंदू आबादी रहती थी। 

दिल्ली:शोध में हुए चौंकाने वाले खुलासे:अब पृथ्वी पर एक दिन 24 की जगह 25 घंटों का होगा ! दूर जा रहा है चांद


नई दिल्ली:- जहां अभी एक दिन का मतलब 24 घंटे था वहीं अब यह एक घंटे बढ़ कर 25 घंटों का एक दिन होने वाला है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अब पृथ्वी पर एक दिन का मतलब 25 घंटे हो सकता है, क्योंकि चंद्रमा लगातार हमसे दूर होता जा रहा है।

विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक शोध के अनुसार, चंद्रमा प्रति वर्ष लगभग 3.8 सेंटीमीटर की दर से पृथ्वी से दूर होता जा रहा है।

अध्ययन में बताया गया है कि चंद्रमा पृथ्वी से लगभग 3.8 सेंटीमीटर प्रति वर्ष की दर से दूर जा रहा है। जिसका हमारे ग्रह पर दिनों की लंबाई पर बहुत वास्तविक प्रभाव पड़ेगा। अंततः इसका परिणाम यह होगा कि 200 मिलियन वर्षों में पृथ्वी पर दिन 25 घंटे तक चलेगा। अध्ययन से पता चलता है कि 1.4 बिलियन वर्ष पहले, पृथ्वी पर एक दिन 18 घंटे से थोड़ा अधिक समय तक चलता था।

पृथ्वी और चंद्रमा के बीच गुरुत्वाकर्षण बल

विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग के प्रोफेसर स्टीफन मेयर्स का सुझाव है कि पृथ्वी और चंद्रमा के बीच गुरुत्वाकर्षण संबंध इसका मुख्य कारण हो सकता है।

 मेयर्स ने कहा कि जैसे-जैसे चंद्रमा दूर होता जाता है, पृथ्वी एक घूमते हुए फिगर स्केटर की तरह होती है जो अपनी बाहें फैलाते ही धीमी हो जाती है।

प्रोफेसर ने आगे कहा कि वे समय बताने में सक्षम होने के लिए 'एस्ट्रोक्रोनोलॉजी' का उपयोग करने का लक्ष्य बना रहे हैं। मेयर ने कहा कि हम उन चट्टानों का अध्ययन करने में सक्षम होना चाहते हैं जो अरबों साल पुरानी हैं, जिस तरह से हम आधुनिक भूगर्भीय प्रक्रियाओं का अध्ययन करते हैं।

चांद का पीछे हटना कोई नई बात नहीं

जबकि चंद्रमा के पीछे हटने का सिद्धांत मनुष्य को वर्षों से ज्ञात है। विस्कॉन्सिन अनुसंधान का उद्देश्य इस घटना के ऐतिहासिक और भूवैज्ञानिक संदर्भ में गहराई से जाना है। शोधकर्ता प्राचीन भूवैज्ञानिक संरचनाओं और तलछट परतों की जांच करके अरबों वर्षों में फैले पृथ्वी-चंद्रमा प्रणाली के इतिहास को ट्रैक करने में सक्षम हैं।

निष्कर्षों से पता चला है कि चंद्रमा की वर्तमान गति अपेक्षाकृत स्थिर रही है। हालांकि, विभिन्न कारकों के कारण भूगर्भीय समय-सीमाओं में इसमें उतार-चढ़ाव होता रहा है। पृथ्वी की घूमने की गति और महाद्वीपीय बहाव को प्रमुख कारणों के रूप में पहचाना गया है।