स्टेट फार्मेसी काउन्सिल से कहा गायब हो गए अनुभव प्रमाण पत्र, जिम्मेदार दे रहे आग में जलाने का हवाला, RTI से खुली पोल
रायपुर- छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउन्सिल में 4 हजार से ज्यादा पंजीयन अनुभव के आधार पर किए गए है, जिनके अनुभव प्रमाण पत्र कार्यालय में उपलब्ध नहीं हैं। कौंसिल में हजारों अवैध पंजीयन दर्ज है। IPA के सदस्यों ने बताया एक व्यक्ति के नाम से दो पंजीयन दर्ज है। चुनाव में दो मतपत्र जारी होते रहे हैं और एक व्यक्ति के दो वोट डाले गए हैं। वहीं अनुभव प्रमाण का कार्यालय में उपलब्ध नहीं होने पर एमपी कार्यालय में आग लगने का हवाला दिया जा रहा है। सूचना के अधिकार अधिनियम में इसका खुलासा हुआ है।
IPA के सचिव वर्मा ने कहा कि ऐसे फर्जी पंजीयनों को छुपाने अवैध रूप से नियम विरोधी लाइफ टाइम पंजीयन किया गया है ताकि नवीनीकरण के समय गड़बड़ी पकड़ी न जा सके। उन्होंने कहा कि फार्मेसी एक्ट में लाइफ टाइम पंजीयन का कोई प्रावधान ही नहीं है। 30 हजार पंजीयन में से लगभग 4000 पंजीयन लाइफ टाइम किया गया हैं। शासन-प्रशासन को शिकायत करने पर भी जांच एवं कार्रवाई नहीं की जा रही है।
कौंसिल के रजिस्ट्रार बदलते रहे लेकिन किसी ने कार्रवाई की हिम्मत नहीं की। पूर्व सरकार ने जांच समिति बनाई थी लेकिन जांच समिति में अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई, जिनके पास पहले ही ज़्यादा काम हैं नतीजन जांच हो नहीं सकी। फार्मेसी पंजीयन का उपयोग मुख्यतः मेडिकल स्टोर खोलने ड्रग लाइसेंस बनवाने किया जाता है।
मौत के बाद पंजीयन का दुरुपयोग
आजीवन पंजीयन नियम में कही नहीं है लेकिन पंजीयन किया गया है पंजीयन धारी सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है। उसके बाद भी उनकी पंजीयन निरस्त नहीं किया गया है और मौत के बाद उसकी पंजीयन का उपयोग जारी है।
आगजनी की घटना का हवाला देते हुए किया जा रहा गुमराह
IPA के सचिव ने बताया कि अनुभव के आधार पर पंजीयन पहले होता था, जो बंद हो गया है। अनुभव के आधार पर पंजीयन हुआ है तो अनुभव प्रमाण पत्र कहां है। सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत हमने जानकारी मांगी तो कहा गया कि इन लोगों का अनुभव प्रमाण पत्र छत्तीसगढ़ में नहीं है। मौखिक तौर पर यह भी कहा गया कि MP में आग लगी थी तो जल गया है। वहां से दस्तावेज़ नहीं दिए गए है। जब MP में सूचना के अधिकार अधिनियम लगाया गया तो वहां से लिखित में बताया गया कि यहां कोई आग नहीं लगी है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
छत्तीसगढ़ स्टेट मेडिकल फ़ार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार अश्वनी गुरदेकर ने कहा अनुभव के आधार पर पहले रजिस्ट्रेशन होता था। अनुभव प्रमाण पत्र नहीं होने की जानकारी मिल रही है तो ये सही नहीं है। इसमें जांच की जाएगी। आगज़नी की घटना को लेकर कहा कि ऐसे तो कहासुनी में हमने भी सुना है कि आग लगी थी लेकिन इसका कोई प्रमाण हमारे पास नहीं है। MP में आग लगी थी या नहीं यह एक बार हम पूछेंगे फिर आगे आवश्यकता पड़ने पर कार्रवाई की जाएगी।
पंजीयन निरस्त किया जाएगा
छत्तीसगढ़ स्टेट फ़ार्मेसी काउंसिल के वाइस प्रेसीडेंट राहुल तिवारी का कहना है मुद्दा गम्भीर है और इस मुद्दे को काउंसिल की बैठक में उठाया गया था। लगभग छह हज़ार लोगों का लाइफ़टाइम पंजीयन कराया हुआ है, जिनकी कोई जानकारी नहीं है। अब हम इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पता लगा रहे हैं कि कितने लोग जीवित है कितने लोग नहीं है, जीवित हैं तो आगे नियमानुसार कार्रवाई होगी अगर जीवित नहीं है तो उनका पंजीयन निरस्त किया जाएगा।
कम में फायदा नहीं ज्यादा में नुकसान
बीमारियों में जो दवा खाते हैं वो फार्मासिस्ट की ओर से दी जाती है। अगर हम कम डोज लेते हैं तो बीमारी पर दवा असर नहीं करती और ज्यादा डोज लेते हैं तो कई तरह के रिएक्शन का शिकार होते हैं जान भी जा सकती है।
गाइडलाइन बनाकर तुरंत शुरू करें – डॉ राकेश गुप्ता
इस मामले में काउंसिल के सदस्य डॉ राकेश गुप्ता ने बताया कि फार्मेसी काउंसिल और मेडिकल काउंसिल में रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट और डॉक्टरों की संख्या हमेशा भ्रम की स्थिति रही है. राज्य बनने के बाद लगातार रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया ही हुई है. वास्तव में प्रैक्टिस कर रहे फार्मासिस्ट और डॉक्टरों की सही संख्या का अनुमान नवीनीकरण न होने से हमेशा संदेह के दायरे में है. कभी-कभी सर्टिफिकेट की मान्यता भी संदेह के घेरे में आती रही है. नवीनीकरण होने से सही संख्या और सर्टिफिकेट में योग्यता की सत्यता प्रमाणित हो सकेगी. इसे शासन के स्तर पर गाइडलाइन बनाकर तुरंत शुरू किया जाना चाहिए.

रायपुर- छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउन्सिल में 4 हजार से ज्यादा पंजीयन अनुभव के आधार पर किए गए है, जिनके अनुभव प्रमाण पत्र कार्यालय में उपलब्ध नहीं हैं। कौंसिल में हजारों अवैध पंजीयन दर्ज है। IPA के सदस्यों ने बताया एक व्यक्ति के नाम से दो पंजीयन दर्ज है। चुनाव में दो मतपत्र जारी होते रहे हैं और एक व्यक्ति के दो वोट डाले गए हैं। वहीं अनुभव प्रमाण का कार्यालय में उपलब्ध नहीं होने पर एमपी कार्यालय में आग लगने का हवाला दिया जा रहा है। सूचना के अधिकार अधिनियम में इसका खुलासा हुआ है।
बिलासपुर- बिलासपुर नगर निगम के परिसीमन के लिए जारी अधिसूचना के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि आपत्तियों का निराकरण किए बिना अधिसूचना जारी कर दी गई। इसमें कई तरह की अनियमितताएं है, इसलिए परिसीमन रद्द कर पूर्व प्रक्रिया अनुसार निगम चुनाव कराए जाएं।
रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को हरेली त्यौहार की बधाई और शुभकामनाएं दी है। अपने शुभकामना संदेश में श्री साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति यहां के उत्सवों में प्रमुखता से दिखाई देती है। छत्तीसगढ़ का लोक त्यौहार हरेली छत्तीसगढ़ के जन-जीवन में रचा-बसा खेती-किसानी से जुड़ा पहला त्यौहार है। इसमें अच्छी फसल की कामना के साथ खेती-किसानी से जुड़े औजारों की पूजा की जाती है। इस दिन धरती माता की पूजा कर हम भरण पोषण के लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं। मुख्यमंत्री ने नागरिकों से अनुरोध करते हुए कहा है कि इस बार हम धरती माता का आभार उनकी पूजा करने के साथ ’एक पेड़ माँ के नाम’ लगाएं और हरेली की खुशियां मनाएं। श्री साय ने कहा कि हरेली त्यौहार प्रदेशवासियों के जीवन में खुशियां और समृद्धि लेकर आए।
रायपुर- अशोक जुनेजा को 6 महीने का एक्सटेंशन मिल गया है। केंद्र सरकार ने उनके एक्सटेंशन को हरी झंडी दे दी है। अब अशोक जुनेजा अगले 6 महीने तक डीजीपी के पद पर बने रहेंगे। अशोक जुनेजा 1989 बैच के अफसर हैं। बता दें कि, 5 अगस्त 2022 को उन्हें पूर्णकालिक डीजीपी बनाया गया था। वहीं सूत्र बताते हैं कि, गृह विभाग ने नए डीजीपी के लिए नामों का पैनल केंद्र सरकार को भेजने की तैयारी कर ली थी। पैनल में भेजे गए नामों में से किसी एक नाम पर केंद्र सरकार की मुहर लगती, इन नामों में अरुण देव गौतम और हिमांशु गुप्ता के नाम प्रमुख रूप से शामिल थे। इसके अलावा पवन देव भी एक मजबूत चेहरे के रूप में देखे जा रहे थे, पैनल भेजे जाने की प्रक्रिया आगे बढ़ती इससे पहले इसे रोक दिया गया हैं।
रायपुर- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मंत्रियों की तीन घंटे तक चली बैठक समाप्त हो गई है. बैठक की जानकारी उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने दी. उन्होने कहा कि प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन ने आज लगातार कई बैठकें कीं, जिनमें प्रदेश पदाधिकारी, कोर कमिटी और मंत्रिमंडल के सदस्य शामिल हुए. बैठक में “एक पेड़ मां के नाम” कार्यक्रम के तहत सभी मंत्रियों को इसे अपने प्रभार के जिलों और क्षेत्रों में निचले स्तर तक ले जाने का निर्देश दिया गया है.
रायपुर- दिन भर लगातार बारिश और झड़ी के बीच आज स्वर्णप्राशन के लिए अभिभावक बड़ी संख्या में बच्चों को लेकर रायपुर के आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय पहुंचे। बच्चों के व्याधिक्षमत्व, पाचन शक्ति, स्मरण शक्ति, शारीरिक शक्ति वर्धन एवं रोगों से बचाव के लिए यहां आज 1370 बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया गया। आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय के कौमारभृत्य विभाग द्वारा हर पुष्य नक्षत्र तिथि में शून्य से 16 वर्ष के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाता है। स्वर्णप्राशन के साथ ही डॉ. लवकेश चंद्रवंशी ने बच्चों के स्वास्थ्य का परीक्षण भी किया।

रायपुर- बात कुछ महीने पहले की ही है। राजकुमारी की जिंदगी किसी राजकुमारी की तरह तो दूर की बात, एक सामान्य इंसान की तरह भी न थी। जंगल में रहना, तेंदू-चार बीनना,बकरी चराना, घर में बाड़ी में काम करना तो कभी खेतों में हल चलाना और सुबह-शाम चूल्हें फूंकना राजकुमारी के जिंदगी की जद्दोजेहद में शामिल थी। शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर पेंड्रीडीह गाँव की पहाड़ी कोरवा महिला राजकुमारी की ख्वाहिश तो थी कि वह पढाई करें और कुछ नौकरी करें। पढ़ाई की उनकी यह ख्वाहिश पूरी तरह से पूरी नहीं हो सकी। लेकिन जितना भी पढ़ी थीं, उन्हें समझ थी कि पढ़ाई ही एक ऐसा माध्यम है जो उन्हें और और उनके समाज को उन्नति की राह पर आगे ले जा सकता है। एक उम्र के साथ ही घर वालो द्वारा रिश्ता तय करने के बाद ससुराल आई राजकुमारी को जब मालूम हुआ कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा जिले के शिक्षित पहाड़ी कोरवाओं को नौकरी दी जा रही है तो उन्होंने देरी नहीं की। अपना आवेदन दिया और पक्के इरादों के साथ जंगल से दूर आकर शहर में नौकरी शुरू की। अब जब नौकरी मिल गई है तो पहाड़ी कोरवा राजकुमारी की दिनचर्या ही बदल गई है। पहले सुबह उठते ही जो कदम उबड़-खाबड़ पगडंडियों से होकर जंगल की ओर जाया करते थे, अब वह जिंदगी की नई पारी और एक नई जिम्मेदारी के साथ स्कूल की ओर आती है।
रायपुर- हरेली तिहार की तैयारियों के लिए सजा मुख्यमंत्री निवास एक छोटे से गांव के रूप में नजर आ रहा है जहां हर तरफ हरेली की धूम है। मुख्यमंत्री निवास एक ग्रामीण मड़ई मेला की तरह सुंदर साजसज्जा में नजर आ रहा है। रहचुली झूला, गेड़ी और सुंदर बैलगाड़ियों से पूरा परिसर हरेली की रौनक से दमक रहा है।


रायपुर- आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओ. पी चौधरी ने आज यहां न्यू सर्किट हाउस सिविल लाइन में नगर तथा ग्राम निवेश विभाग की समीक्षा की, जिसमें राज्य के सभी क्षेत्रीय कार्यालयों के अधिकारी उपस्थित हुए।
Aug 04 2024, 13:10
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