सुप्रीम कोर्ट में आया ऐसा केस, सीजेआई भी हुए हैरान, कहा-हम कुछ नहीं कर सकते
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सुप्रीम कोर्ट में अंधविश्वास खत्म करने की मांग को लेकर एक जनहित याचिका दाखिल की गई। जिसने सरकारों को अंधविश्वासों को खत्म करने के लिए कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की थी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने ये कहते हुए कि उसके पास हर मर्ज की दवा नहीं है, याचिका को स्वीकर करने से इनकार कर दिया जिसके बाद याचिकाकर्ता ने उसे वापस ले ली।
यह जनहित याचिका (PIL) चर्चित वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर की थी। उनका कहना था कि हर साल अंधविश्वास के कारण सैकड़ों लोगों की जान जाती है। उन्होंने अदालत से गुजारिश की कि सरकारों को लोगों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका दायर करने वाले वकील अश्विनी उपाध्याय से कहा कि ‘लोगों में वैज्ञानिक सोच का विकास न्यायिक आदेशों से नहीं किया जा सकता। हम यह निर्देश नहीं दे सकते कि छात्रों को स्कूलों में क्या सीखना चाहिए। यह सरकार के शिक्षा विभाग के विशेषज्ञों के नीतिगत दायरे में आता है। छात्रों पर पहले से ही पढ़ाई के बहुत अधिक विस्तारित पाठ्यक्रमों का बोझ है। हम न्यायिक आदेश से उसमें और इज़ाफा नहीं कर सकते।
जब याचिकाकर्ता ने कहा कि यह सामाजिक सुधारों के लिए एक वास्तविक जनहित याचिका है, तो सीजेआई ने कहा, संवैधानिक अदालतों में जनहित याचिका दायर करने से कोई समाज सुधारक नहीं बन जाता। आप अंधविश्वास के खिलाफ लोगों को शिक्षित करने के लिए जमीनी स्तर पर काम कर सकते हैं। उपाध्याय द्वारा अदालत को मनाने की तमाम कोशिशें नाकाम रहीं, जिसके बाद उन्होंने अपनी याचिका वापस ले ली।
Aug 03 2024, 15:15