विधानसभा में बिहार लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) विधेयक 2024 पारित, पेपर लीक मामले में दोषी पाए जाने पर भुगतनी होगी यह बड़ी सजा
डेस्क : बिहार में अब पेपर लीक में दोषी पाये जाने पर कड़ी सजा भुगतनी होगी। बीते बुधवार को विधानसभा ने बिहार लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) विधेयक, 2024 पर मुहर लगा दी। इस नए विधेयक के तहत पेपर लीक मामले में दोषी पाए जाने पर पेपर लीक के आरोप में पकड़े जाने पर जेल जाना तय है। क्योंकि, इस कानून के तहत सभी अपराध संज्ञेय और गैरजमानती होंगे। वहीं तीन से दस साल की सजा होगी और एक करोड़ तक का जुर्माना भी देना होगा।
हालांकि इसके पहले विपक्ष ने सदन का वाकआउट किया। भोजनावकाश के बाद विधानसभा में संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी ने इस विधेयक को पेश किया। उन्होंने कहा कि पेपर लीक को लेकर पहले भी कानून बने थे लेकिन वे प्रभावी नहीं थे। एक तरह से निष्प्रभावी हो गए थे। इसीलिए यह सख्त कानून लाया गया है। बीते कुछ वर्षों में 16 राज्यों में 48 मामले पेपर लीक से संबंधित आए हैं। पिछले दिनों केन्द्र सरकार ने पेपर लीक को लेकर कानून बनाया था और इसे लागू करने के लिए राज्यों से अनुरोध किया था।
मंत्री के अनुसार पेपर लीक को गंभीर अपराध माना जाएगा। आरोपितों पर गैर जमानती धाराएं लगायी जाएंगी। इसमें शामिल व्यक्तियों या संस्थाओं को तीन से दस साल की सजा का प्रावधान किया गया है। यह नियम राज्य सरकार की तरफ से आयोजित होने वाली सभी परीक्षाओं में लागू होगा।
ऐसा करने पर होंगे दोषी
● प्रश्नपत्र या उत्तर के किसी हिस्से को परीक्षा से पहले जारी करना
● प्रश्नपत्र या उत्तर लीक करने में दूसरों के साथ शामिल होना
● प्राधिकार के बिना अनुमति प्रश्नपत्र या उत्तर पुस्तिका (ओएमसी शीट) तक पहुंचना या उसे कब्जे में लेना
● किसी अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा एक या अधिक प्रश्नपत्रों को हल करना
● अनाधिकृत तरीके से अभ्यर्थी की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहायता करना
● उत्तर पुस्तिकाओं और उसके मूल्यांकन में छेड़छाड़ करना
● किसी अभ्यर्थी की मेरिट या रैंक के दस्तावेज से छेड़छाड़ करना
● धोखा देने या पैसा कमाने के लिए जाली वेबसाइट बनाना
● अभ्यर्थी के रोल नंबर, तारीख, पालियों के आवंटन में हेरफेर व सुरक्षा उपकरणों से छेड़छाड़
वहीं अगर कोई अभ्यर्थी नियमों का उल्लंघन करते पाया जाता है तो तीन से पांच साल की सजा और 10 लाख जुर्माने का प्रावधान है। वहीं, परीक्षा प्रक्रिया में शामिल सेवा प्रदाता अगर कानून का उल्लंघन करते हैं तो उनके लिए एक करोड़ जुर्माने का प्रावधन है। साथ ही परीक्षा की लागत उनसे वसूली जाएगी। उन्हें चार साल के लिए काली सूची में भी डाला जाएगा।
1. बिहार लोक सेवा आयोग
2. बिहार कर्मचारी चयन आयोग
3. बिहार तकनीकी सेवा आयोग
4. बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग
5. बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग
6. केंद्रीय सिपाही चयन पर्षद, बिहार
7. राज्य सरकार की तरफ से अधिसूचित अन्य सारे प्राधिकरण
Jul 26 2024, 09:47