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गैंगस्टर अमन साहू को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गिरिडीह केंद्रीय कारा से चाईबासा मंडल कारा शिफ्ट किया गया

जेल सुपरिटेंडेंट को उसने दी थी धमकी, सुबिधा मुहैया नहीं कराने के कारण नुकसान पहुँचाने के. लिए कर रहा था उसके फैमली. का रेकी

झा. डेस्क 

गिरिडीह.:बड़ी खबर गिरिडीह से आई है। गैंगस्टर अमन साहू को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गिरिडीह केंद्रीय कारा से चाईबासा मंडल कारा शिफ्ट किया गया है। 21 जून को अमन को दोबारा पलामू जेल से गिरिडीह शिफ्ट किया गया था।

दरअसल, वह प्रतिबंधित सुविधाएं हासिल करने के लिए गिरिडीह जेल प्रशासन पर लगातार दबाव बना रहा था। उसने न सिर्फ जेल सुपरिटेंडेंट हिमानी प्रिया, बल्कि उनके परिजनों को भी नुकसान पहुंचाने की धमकी मोबाइल पर दी थी।

अमन गिरोह के गुर्गों ने जेल सुपरिटेंडेंट के आवास से लेकर उनके देवघर स्थित घर की रेकी की थी। इसके गुर्गे हमला करने ही वाले थे कि पुलिस ने उन्हें दबोच लिया।

बताया जाता है कि लगभग 10 अन्य अपराधियों को भी अन्यत्र शिफ्ट करने का अनुरोध कारा महानिरीक्षक से किया गया है। इस बारे में अभी तक अनुमति नहीं मिली है।

कारा महानिरीक्षक सुदर्शन मंडल ने अमन साहू को चाईबासा जेल शिफ्ट करने का आदेश शनिवार को भेजा था। उसे शिफ्ट करने की सभी तैयारियां कल ही पूरी कर ली गयी थीं। एक ओर जहां कोर्ट से अनुमति ली गयी, वहीं दूसरी ओर टीम का भी गठन किया गया।

निर्णय के मुताबिक रविवार को प्रात: चार बजे उसे गिरिडीह केंद्रीय कारा से भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच निकालकर लगभग एक बजे चाईबासा मंडल कारा पहुंचा दिया गया। अमन की सुरक्षा में पुलिस के तीन-तीन वाहन लगाये गये थे। इसमें 35 से भी ज्यादा जवान लगाये गये थे।

गैंगस्टर अमन साहू के इशारे पर ना सिर्फ देश के विभिन्न राज्यों में कांड को अंजाम दिया जाता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उसके तार जुड़े हुए हैं।

जबसे इसे गिरिडीह जेल शिफ्ट किया गया था, तभी से जेल की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे थे। बताया जाता है कि जेल में ऐसे अपराधी के लिए जो व्यवस्था होनी चाहिए, वह नहीं है। अंडा सेल समेत अन्य व्यवस्था पर सवाल खड़े किये गये थे।

इससे पूर्व भी एकबार अमन को गिरिडीह जेल शिफ्ट किया गया था। उस वक्त भी जेल सुपरिटेंडेंट अनिमेष चौधरी को न सिर्फ जान से मारने की धमकी दी, बल्कि उनके वाहन पर हमला कराया। हालांकि हमले के दिन श्री चौधरी के स्थान पर वाहन पर जेलर प्रमोद कुमार बैठे हुए थे।

बताया जाता है कि दूसरी बार गिरिडीह जेल में शिफ्ट होने के बाद से लगातार वह जेल प्रबंधन पर तरह-तरह से दबाव बना रहा था। इन बातों को देखते हुए डीसी नमन प्रियेश लकड़ा, एसपी दीपक कुमार शर्मा और जेल सुपरिटेंडेंट हिमानी प्रिया ने कारा महानिरीक्षक को पत्र लिखकर इसे दूसरी जेल में शिफ्ट करने का अनुरोध किया था। अंतत: कारा महानिरीक्षक ने इसकी अनुमति दे दी।

राज्य और केंद्र सरकार ने पहल पर अफ्रीका के कैमरून में फंसे झारखंड के 27 मज़दूरों क़ी वतन वापसी,मज़दूरों के परिवार में ख़ुशी क़ी लहर


झा. डेस्क 

अफ्रीका के कैमरून में फंसे झारखंड के 27 मजदूरों को राज्य सरकार के आग्रह पर मोदी सरकार सकुशल वतन वापस ले आयी . ये मजदूर पिछले दिन वीडियो संदेश जारी कर केंद्र व राज्य सरकार से सुरक्षित वतन वापसी की गुहार लगाई थी। 

राज्य सरकार ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार से आग्रह किया था। चार महीने से मजदूरी नहीं मिलने के कारण खाने-पीने में मजदूरों को परेशानी हो रही थी। कामगारों ने वीडियो संदेश जारी किया था। सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद झारखंड व भारत सरकार हरकत में आई।

इस सिलसिले में प्रवासी श्रमिकों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने केंद्र और राज्य सरकार से मजदूरों की सकुशल वतन वापसी के लिए पहल करने की मांग की थी।

 भारतीय दूतावास में बकाया मजदूरी और वतन वापसी को लेकर संबंधित कंपनी और मजदूरों के बीच वार्ता हुई थी और इसका निष्पादन विनायक कंपनी और एलएंडटी कंपनी की मध्यस्थता के कारण सफल हो पाई और चार महीने का बकाया मजदूरी भुगतान के साथ वतन वापसी का रास्ता साफ हो गया। 

वतन वापसी की खबर की सूचना पर प्रवासी मजदूरों के परिवार में ख़ुशी

वतन वापसी की खबर की सूचना पर प्रवासी मजदूरों के परिवार में खुशी की लहर देखी जा रही है। कैमरून में बोकारो, गिरिडीह, और हजारीबाग जिले के मजदूर हैं। 27 मजदूर में से 18 मजदूर बोकारो, 4 मजदूर गिरिडीह और 5 हजारीबाग जिला के रहनेवाले हैं।

 बोकारो जिला के रहनेवाले मजदूरों में डुमरी विधानसभा क्षेत्र के नावाडीह प्रखंड अंतर्गत पेंक नारायणपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत कडरूखूंटा के मोहन महतो, जगदीश महतो, गोविंद महतो, डेगलाल महतो, चुरामन महतो, मुरारी महतो, पुसन महतो और लखीराम. जबकि गोनियाटो के महेश कुमार महतो, कमलेश कुमार महतो, दामोदर महतो और मुकुंद कुमार नायक, घवईया के अनु महतो और धनेश्वर महतो, नारायणपुर के परमेश्वर महतो और रालीबेड़ा के शीतल महतो और कुलदीप हांसदा के नाम शामिल हैं।

वहीं गिरिडीह जिला के सरिया थाना क्षेत्र स्थित चिचकी के सुकर महतो, डुमरी थाना क्षेत्र के विजय कुमार महतो, अतकी के रमेश महतो और दूधपनिया के दौलत कुमार महतो हैं जबकि हजारीबाग जिले के बिष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के अचलजामु निवासी बिसुन, खरना के छत्रधारी महतो, भीखन महतो, जोबार के टेकलाल महतो और चानो के चिंतामण महतो शामिल हैं। 

इस कार्य के लिए प्रवासी मजदूरों ने सरकार और मीडिया का आभार जताया। सिकंदर अली की भी तारीफ की।

झारखंड में जदयू ने चुना 12 विंधानसभा सीट ,पहले भाजपा से तालमेल की होगी कोशिश,बात नही बनने पर सरयू राय के साथ मिलकर लड़ेंगे चुनाव*

झा. डेस्क झारखंड विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड कम से कम 12 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. नीतीश कुमार की पार्टी ने इसको लेकर प्लान भी तैयार कर लिया है. खुद नीतीश कुमार इस पूरे प्लान की निगरानी कर रहे हैं. जेडीयू की कोशिश इस बार लोकसभा की तरह ही झारखंड विधानसभा में भी किंगमेकर बनने की है. राज्य की 81 विधानसभा सीटों पर अब से 3 महीने बाद चुनाव होने हैं. सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को नीतीश कुमार के साथ झारखंड जेडीयू नेताओं की बैठक हुई, जिसमें उन 12 सीटों को तय किया गया, जिस पर जेडीयू किसी भी हाल में चुनाव लड़ेगी. 12 सीटों की पूरी डिटेल *1. डाल्टनगंज-* पलामू जिले की इस सीट पर जेडीयू चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. साल 2000 और 2005 में जेडीयू को यहां से जीत मिली थी. *2. बिश्रामपुर-* पलामू के बिश्रामपुर में भी नीतीश कुमार की पार्टी का मजबूत दबदबा है. यहां पिछले चुनाव में पार्टी उम्मीदवार को 7,928 वोट मिले थे. *3. मांडू-* 2005 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने यहां से जीत हासिल की थी. यह सीट प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद खीरू महतो की है. महतो को ही सीट पर चुनाव लड़ाने के लिए उम्मीदवार खोजना है. *4. बाघमारा-* यह सीट भी कुर्मी बाहुल्य है और यहां पर जेडीयू लंबे वक्त से लड़ती आ रही है. 2009 में जेडीयू यहां दूसरे नंबर पर रही थी. 2019 में जेडीयू इस सीट पर तीसरे नंबर पर रही थी. *5. छतरपुर-* दलितों के लिए रिजर्व इस सीट पर भी जेडीयू की नजर है. पार्टी 2019 में यहां पर तीसरे नंबर पर रही थी. वर्तमान में इस सीट पर आरजेडी का कब्जा है. *6. चतरा-* बिहार बॉर्डर की इस सीट पर भी जेडीयू चुनाव लड़ने की फुल तैयारी में है. 2019 में पार्टी यहां पर तीसरे नंबर पर आई थी. उसे इस बार यहां जीत की उम्मीद है. *7. पांकी-* यह सीट एक वक्त में समता पार्टी का गढ़ हुआ करता था, लेकिन धीरे-धीरे यहां जेडीयू कमजोर होती गई. 2009 में जेडीयू यहां पर दूसरे नंबर पर थी. 2014 और 2019 में यहां से पार्टी चुनाव ही नहीं लड़ी. *8. तमार-* रांची की तमार सीट जेडीयू की मजबूत पकड़ वाली सीट रही है. 2005 और 2009 में इस सीट पर जेडीयू को जीत मिली थी. हालांकि, 2 चुनाव से जेडीयू यहां पर परफॉर्म नहीं कर पा रही है. *9. हुसैनाबाद–* जेडीयू की नजर हुसैनाबाद सीट पर भी है. यह मुस्लिम बाहुल्य सीट है और वर्तमान में यहां पर एनसीपी का कब्जा है. जेडीयू साल 2009 में यहां पर तीसरे नंबर पर थी. *10. गोड्डा-* संथाल परगना की गोड्डा सीट पर भी नीतीश कुमार की पार्टी नजर गड़ाए हुए है. जेडीयू 2019 में इस सीट तीसरे नंबर पर थी. *11. देवघर-* बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर कभी जेडीयू का मजबूत किला था. 2005 में जेडीयू ने यहां जीत हासिल की थी और 2019 में तीसरे नंबर पर पार्टी रही थी. *12. डुमरी-* कुर्मी बाहुल्य इस सीट पर जेडीयू पहले भी चुनाव लड़ती आई है. 2009 में पार्टी यहां पर दूसरे नंबर पर रही थी. 2019 में पार्टी के उम्मीदवार को यहां पर 5,219 वोट मिले थे. *चुनाव लड़ने के लिए पहले भाजपा से होगी तालमेल कोशिश,प्लान बी में सरयू राय की पार्टी* जेडीयू सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को पटना में जो बैठक हुई, उसमें यह तय हुआ है कि नीतीश कुमार की पार्टी पहले भारतीय जनता पार्टी से बात करेगी. जेडीयू की कोशिश एनडीए फोल्डर में ही रहकर पार्टी का विस्तार करना है. झारखंड में एनडीए की तरफ से बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है. बीजेपी से सीटों पर बात करने का जिम्मा कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा को दिया गया है. झा बीजेपी शीर्ष नेतृत्व से बात करके सीट शेयरिंग फाइनल करेंगे. झारखंड में अभी एनडीए गठबंधन में बीजेपी के साथ आजसू है. *2. नहीं बनी बात तो सरयू राय के साथ लड़ेगी चुनाव* जेडीयू की बात अगर बीजेपी से नहीं बनती है तो पार्टी ने प्लान-बी भी तैयार किया है. पार्टी झारखंड में सरयू राय की पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी. हाल ही में सरयू राय ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की है. राय नीतीश कुमार के पुराने दोस्त माने जाते हैं. अगर प्लान-बी के तहत जेडीयू चुनाव लड़ती है तो उसकी सीटों में कुछ इजाफा भी हो सकता है. हालांकि, यह तब होगा, जब जेडीयू को एनडीए गठबंधन में एक भी सीट न मिले. 2019 के चुनाव में जेडीयू अकेले दम पर 14 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. *सिर्फ एक बार सरकार को मिला है पूर्ण बहुमत* 'न्यूज़ फास्ट' के अनुसार झारखंड में विधानसभा के अब तक 5 बार चुनाव हुए हैं, लेकिन सिर्फ एक बार ही किसी भी एक दल को पूर्ण बहुमत मिला है. नहीं तो 4 बार झारखंड में गठबंधन की ही सरकार बनी है. साल 2014 में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला था. झारखंड में विधानसभा की कुल 81 सीटें हैं, जिसमें सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को 41 विधायकों की जरूरत होती है.
आज सावन का पहला सोमवारी है, आज इन 3 चीजों से जरुर करें शिव क़ी पूजा, आप के कष्ट दूर होंगे

22 जुलाई 2024 का दिन आज पहला सावन का सोमवार है. इस दिन शिव जी की पूजा में कुछ खास चीजों का जरुर इस्तेमाल करें. साथ ही राशि अनुसार महादेव की पूजा करें, इससे लाभ मिलता है.

ये पूरा महीना शिव जी का प्रिय माना गया है. सावन के पावन दिनों में शिव भक्ति में रहें लीन रहते हैं मान्यता है कि सावन में जो लोग शिवलिंग की पूजा करते उनके जीवन से ग्रहों के अशुभ प्रभाव कम हो जाते हैं.

जिन लोगों की कुंडली में शनि की महादशा चल रही है वो हर सावन सोमवार को महादेव का जल, दूध, दही, शहद आदि से अभिषेक करें. इससे समस्त भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है. भोलेनाथ की कृपा दृष्टि बनी रहती है. सावन में महादेव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो पूजा में कुछ खास चीजों का जरुर इस्तेमाल करें. जानें सावन सोमवार की पूजा सामग्री.

सावन सोमवार की पूजा में ये चीजें करें शामिल

सावन सोमवार को शिवलिंग का अभिषेक कर रहे हैं तो जल में गंगाजल मिला लें और फिर महादेव पर एक पतली धारा बनाकर अभिषेक करें, इसे दौरान 108 बार महादेव के मंत्रों का जाप करें. अब मुट्ठीभर चावल और बेलपत्र अर्पित करें. कहते हैं अगर इन तीन चीजों से शिव जी की पूजा की जाए तो शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभाव कम हो जाते हैं. धन संकट दूर होता है. आर्थिक के साथ मानसिक कष्ट भी खत्म हो जाते हैं.

सावन सोमवार राशि अनुसार पूजा

मेष राशि के लोग सावन के पहले सोमवार के दिन शहद का दान करें.

वृषभ राशि के लोग सावन में सफेद कपड़े, घी, तेल और ज्वार का दान करें.

मिथुन राशि के लोग मौसमी फल का दान करें. गौ माता को चारा भी खिलाएं.

कर्क राशि के लोग चांदी, दूध, मोती, चावल और चीनी का दान भी कर सकते हैं.

सिंह राशि वालों को गुड़ और शहद का दान करना चाहिए.

कन्या राशि वालों को कांसे के बर्तन का दान करना चाहिए.

तुला राशि वालों को चावल और दूध का दान करना चाहिए.

वृश्चिक राशि वालों को सोना, तांबा और केसर का दान करना चाहिए.

धनु राशि वाले चने की दाल, केसर युक्त दूध का दान कर सकते हैं.

मकर राशि के लोगों को दान में छाता और कंबल देना चाहिए.

कुंभ राशि के लोगों को नीले-काले वस्त्र का दान करना चाहिए.

मीन राशि वालों को दान में अन्न-धन, दाल, पीले फूल देना चाहिए.

पूर्व सांसद एके राय की मनी पांचवीं पुण्यतिथि ,पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने दी श्रद्धांजलि

धनबाद :रविवार को हीरापुर, लिंडसे क्लब में झारखंड बांग्ला भाषा उन्नयन समिति द्वारा पूर्व सांसद कॉमरेड ए. के.राय की पांचवीं पुण्यतिथि मनाया गया। श्रद्धांजलि सभा का अध्यक्षता जिला अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने किया एवं संचालन वरुण सरकार ने किया।श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए विद्वान शिक्षाविद एवं बुद्धिजीवी व्यक्तियों ने जोर देकर कहा कि कॉमरेड ए. के. राय एक आदर्श राजनीतिज्ञ के साथ-साथ कुशल समाज वैज्ञानिक थे। 

उन्होंने अपनी सामाजिक राजनीतिक जीवन काल में अध्ययन और प्रयोग के साथ-साथ राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम का विश्लेषणात्मक मालखोँ की रचना की है। यह सभी देशों के प्रमुख पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं, यह उल्लेख प्रांत की एवं भविष्य की पीढ़ीओ का पथ प्रांलौकित करते हैं, उनका जीवन सीधा-साधा तथा उच्च विचारों से लबरेज रहा है, सांसद विधायक मजदूर किसान नेता के रूप में त्याग बलिदान और तमाम आदर्शों के का प्रतिमान रहे, 

इतना ही नहीं झारखंड अलग राज्य निर्माण में सक्रिय भूमिका के साथ उन्होंने इंगित किया कि झारखंड की आर्थिक राजनीतिक विकास की दिशा अगर समाजमुखी हुई तो वास्तविक झारखंड बनेगा, वर्ना व्यक्तिमुखी दिशा झारखंड बनाके रख देगा,जिसका परिणाम सबके सामने है, इससे पहले सांस्कृतिक कार्यक्रम का किया गया, जिसमें देश भक्ति गाना एवं नित्य किया गया, साथी मेधावी छात्रों को सम्मानित भी किया गया।

श्रद्धांजलि सभा में मुख्य रूप से झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह, निरसा के पूर्व विधायक अरुप चटर्जी, बीबीएम कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल सिद्धार्था बंधोपाध्याय,पत्रकार नारायण चंद्र मंडल, सोमनाथ चौधरी,गोपाल भट्टाचार्य,खूदू दा,मीरान पाल,जिला सचिव राणा चट्टराज,कल्याण घोषाल, सुशोभन चक्रवर्ती, कल्याण राय,टोनी बनर्जी,जयदीप बनर्जी, राजू प्रमाणिक,देवाशीष पांडे,आदित्य मुखर्जी, बादल पात्र,पिंटू चटर्जी, शिबू चक्रवर्ती,रघुनाथ राय,दिनेश मंडल, कल्याण चक्रवर्ती, सुमंतो मुखर्जी,बबलू सरकार,हीरालाल महतो, कृष्ण दा,शीतल दत्ता, उमेश रजवार,काशी मंडल,शुबल मलिक, असीम दे,विकास कांति खा समेत अन्य शामिल थे।

झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रिय भट्टाचार्य ने बाबू लाल मरांडी पर किया प्रहार


कहा वे ईडी के दूसरे डायरेक्टर हैं बाबूलाल मरांडी जिनके इशारे पर ईडी करती है करबाई-

झामुमो डेस्क 

झामुमो के महा सचिव सुप्रिय भट्टचार्य ने बाबू लम्बी बयान जारी कर कहा कि-देश के गृह मंत्री का झारखंड दौरे का स्वागत है. उन्होंने बाबूलाल मरांडी और भाजपा पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि झारखंड में ईडी की कार्रवाई चिन्हित करके होती है. जो भाजपा के साथ हैं, भाजपा के हैं या भाजपा समर्थक हैं, उनके खिलाफ सबूत रहने के बावजूद कोई कारवाई होती नहीं है. 

जबकि भाजपा के खिलाफत करने वालों के खिलाफ ईडी चुन-चुन करके कार्रवाई करती है. लोकसभा चुनाव के पूर्व झारखंड और देश ने दो तरह की तस्वीर देखी. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, दिल्ली के सीएम समेत ऐसे कई भाजपा और मोदी जी के खिलाफत करने वालों को जेल में डाल दिया गया.

उन्होंने आगे कहा कि ऐसा इसलिए है कि झारखंड में ईडी के सभी अफसरों के अतिरिक्त एक और ईडी के स्पेशल डायरेक्टर हैं, जिनका नाम है बाबूलाल मरांडी.

भाजपा के अध्यक्ष बाबू लाल वे झारखंड में तय करते हैं कि किसके खिलाफ ईडी की कारवाई करनी है और किसके खिलाफ नहीं है. लोकसभा चुनाव के बीचो-बीच ये स्पेशल डायरेक्टर बीएल मरांडी जमीन घोटाले में आरोपी और बेल पर चल रहे विष्णु अग्रवाल को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलवाया. इतना ही नहीं अभी ईडी के नोटिस पर नोटिस होने के बाद भी उसके समक्ष उपस्थित होने नहीं होने वाले पूर्व पत्रकार और जमीन कारोबारी कमलेश को भी वित्त मंत्री से यह ईडी के स्पेशल डायरेक्टर बीएल मरांडी ने मिलवाया.

 यह सभी जानते हैं कि ईडी वित्त मंत्रालय के अधीन आता है. इसलिए अब 22 जुलाई को देश के गृह मंत्री आ रहे हैं, जो पीएम के स्पेशल एफेयरर्स कैबिनेट के मेंबर भी हैं. यह स्पेशल डायरेक्टर बीएल मरांडी गृह मंत्री से किन-किन दागियों और आरोपियों से मिलवाएंगे. किन-किन घुसपैठियों से मिलवाएंगे, उसका नाम अगर आज ही सार्वजनिक हो जाता तो बेहतर रहता. क्योंकि खुद भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और नेता प्रतिपक्ष अपनी पार्टी में घुसपैठी हैं. यह बातें झामुमो के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने वित्त मंत्री के साथ दोनो आरोपियों का फोटो जारी करते हुए कही. इन दोनों फोटो में मरांडी भी मौजूद हैं.

संदिग्ध परिस्थिति में मिला अपने हीं घर में 45 वर्षीय रहमत का खून से लथ-पथ शव, पत्नी संदेह के घेरे में पुलिस कर रही जाँच


झा. डेस्क 

गिरिडीह जिले के जमुआ में भेलवाघाटी थाना क्षेत्र के अमजो में घर के अंदर शनिवार की रात रहमत अंसारी (45) की हत्या कर दी गई। रहमत का शव घर में खून से लथपथ मिला। मृतक के चेहरे पर चोट के निशान हैं।

घटना की सूचना मिलते ही भेलवाघाटी थाना प्रभारी ब्रजेश कुमार दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।

इधर, हत्या का शक मृतक की पत्नी गुलशन बीबी पर लगाया जा रहा है। लोगों का कहना है कि पति-पत्नी दोनों में अक्सर झगड़ा होता रहता था। लोगों का कहना है कि अगर घटना घर के अंदर हुई है, तो पत्नी की भूमिका संदिग्ध है।

वहीं सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे भाकपा (माले) नेता अशोक पासवान, ऐपवा नेत्री मीना दास ने कहा कि मृतक की पत्नी पर ही इस घटना को अंजाम देने का आरोप है। वैसे एक महिला अकेले किसी की हत्या नहीं कर सकती, इसलिए इस घटना में शामिल अन्य अपराधियों की तलाश की जानी चाहिए।

थाना प्रभारी प्रभारी ब्रजेश कुमार ने बताया कि शुरुआती जांच में मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा होने की बात सामने आई है। प्रेम प्रसंग मामले को लेकर पहले भी पंचायत हो चुकी है। फिलहाल इस मामले में मृतक की पत्नी को हिरासत में लिया गया है।

धनबाद जिला के गोविंदपुर थाना क्षेत्र से कोयला व्यवसायी रंजीत शर्मा और उसके 4 वर्षीय पुत्र का अपहरण,दो अपहर्ता गिरफ्तार,


झा. डेस्क 

धनबाद : गोविंदपुर थाना क्षेत्र के कुरची मोड़ से कोयला कारोबारी रंजीत शर्मा (35) और उनके चार वर्षीय पुत्र ऋषभ का अपहरण कर लिया गया . अपहर्ताओं ने रंजीत से पांच करोड़ रुपये की मांग की. यही नहीं, कारोबारी के फोन से उनके दोस्तों को फोन कर पांच करोड़ फिरौती मांगी, जिसे देने में उनलोगों ने असमर्थता जतायी. 

करीब नौ घंटे बाद शाम सात बजे रंजीत शर्मा से मारपीट व लूटपाट कर अपराधियों ने पिता-पुत्र को महुदा ले जाकर छोड़ दिया. इधर, परिजनों से मिली शिकायत के बाद गोविंदपुर पुलिस की सूचना पर तेतुलमारी पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर थाना क्षेत्र के रंगरीटांड़ व नगरीकला के समीप स्थित स्पाइस विला होटल में छापेमारी की. 

होटल से एक अपहर्ता पकड़ा गया. वहीं दूसरा सुभाष चौक से गिरफ्तार हुआ. दोनों अपराधियों को गोविंदपुर थाना पुलिस को सौंप दिया गया है. 

दो अपराधी फरार हो गये. तेतुलमारी थानेदार लव कुमार चौधरी ने बताया कि होटल के समीप खड़े वाहन पर नजर पड़ते ही अंदर छापेमारी की गयी. एक अपराधी पुलिस को देख अपने मोबाइल का सीम निकालकर खिड़की के बाहर झाड़ी में फेंक दिया. जब पुलिस ने पकड़े गये अपराधी से कड़ाई से पूछताछ की, तो उसने सारा कुछ सच-सच बता दिया.

चार साल के बेटे को लेकर गेहूं पिसवाने निकले थे रंजीत शर्मा :

रंजीत अपने पुत्र के साथ सुबह नौ बजे गोविंदपुर बाजार गेहूं पिसवाने गये थे. लौटने के क्रम में अपराधियों ने उनकी बाइक रोकी और पिता-पुत्र का अपहरण कर लिया. इसकी सूचना मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस को दी. रंजीत शर्मा की पत्नी रानी शर्मा ने गोविंदपुर थाना में पति एवं बेटे के अपहरण की लिखित सूचना दी. डीएसपी शंकर कामती व पुलिस इंस्पेक्टर रविकांत प्रसाद ने कुरची मोड़ घटनास्थल पर जाकर छानबीन की. रानी शर्मा ने कहा कि पुलिस जब छानबीन करने के लिए घर पहुंची, तो उन्हें अपहरण की सूचना मिली. वे लोग लगातार रंजीत शर्मा के मोबाइल पर फोन कर रहे थे, पर फोन बंद मिला. 

अपराह्न 4:17 पर जब कॉल रिसीव हुआ, तो अपहर्ताओं ने कहा कि घबराइए मत, वे लोग सीबीआइ वाले हैं. रंजीत शर्मा परिवार के साथ पिछले चार वर्ष से कुरची मोड़ पर घर बना कर रह रहे हैं. पहले पुलिस लाइन धनबाद में रहते थे. ये लोग मूलतः गया के रहने वाले हैं. 

झरिया के किसी कोयला व्यवसायी के साथ जुड़कर रंजीत शर्मा कोयला का काम करते हैं. रंजीत के पिता नरेश शर्मा झरिया में छोटा-मोटा काम करते हैं.

मोबाइल, घड़ी, चेन व अंगूठी लूट ली :

अपहर्ताओं द्वारा छोड़े जाने के बाद रंजीत ने एक ग्रामीण के मोबाइल से परिजनों से बात की. उन्हें बताया कि अपहर्ताओं ने मोबाइल, घड़ी, चेन व अंगूठी लूट ली है. उसके साथ मारपीट भी की है. अपहर्ता उनसे पहले पांच करोड़ की फिरौती मांग रहे थे. बाद में रंजीत के मोबाइल से उसके मित्रों से संपर्क कर फिरौती की राशि उपलब्ध कराने को कहा, परंतु रंजीत शर्मा व उनके मित्रों ने कहा कि ऐसी स्थिति नहीं है कि उसे पांच करोड़ रुपये दें.

 इस दौरान फिरौती की रकम घटाते गये. अंत में एक करोड़ रुपये पर जाकर अपहर्ता माने. रंजीत के छूटने की सूचना पर गोविंदपुर पुलिस उन्हें धनबाद स्टेशन से लेकर आयी. यहां उससे पूछताछ की जा रही है.

भोजुपरी गायक भरत शर्मा व्यास की तबियत धनबाद जेल में बिगड़ी,सीने में दर्द के बाद कराया गया अस्पताल में दाखिल


झारखंड डेस्क

धनबाद : भोजपुरी के नामचीन गायक भरत शर्मा व्यास धनबाद जेल में आयकर के मामले में बंद हैं.अचानक सीने में दर्द और बेचैनी के कारण उन्हें शनिवार को धनबाद मंडल कारा से शहीद निर्मल महतो कालेज अस्पताल (एसएनएमएमसीएच) में भर्ती कराया गया है। उन्हें सीने में दर्द की शिकायत थी। यहां चिकित्सकों ने उनकी जांच की।

भोजपुरी के प्रसिद्ध गायक भरत शर्मा का ब्लड प्रेशर 180 के ऊपर जा रहा है। उन्हें लगातार बेचैनी और घबराहट महसूस हो रही है। 

धनबाद कोर्ट में समर्पण के बाद तबीयत खराब होने पर भरत शर्मा को शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के कार्डियक केयर यूनिट में भर्ती कराया गया है।

बेड नंबर 13 में भर्ती भरत शर्मा को सीने में दर्द है। भरत शर्मा के लिए कराए गए ईसीजी रिपोर्ट भी नॉर्मल नहीं आया है। इलाज कर रहे हैं डॉक्टरों की मानें तो इसमें कुछ गड़बड़ी है। इसके लिए आज रविवार को डॉक्टर विभिन्न प्रकार के पैथोलॉजी जांच कराएंगे। इधर कार्डियक केयर यूनिट के बाहर पुलिस प्रशासन का पहरा है। 

आज होगी लिपिड प्रोफाइल समेत कई जांच

भरत शर्मा का आज लिक्विड प्रोफाइल, किडनी प्रोफाइल समेत अन्य पैथोलॉजी जांच कराए जाएंगे। जांच के बाद आगे स्थिति का आकलन किया जाएगा। डॉक्टर के अनुसार भरत शर्मा ब्लड प्रेशर के मरीज हैं। ऐसे में उन्हें संबंधित दवाई दी जा रही हैं। उनकी निगरानी के लिए उनके घर वाले भी अस्पताल पहुंचे हैं। 

मेडिकल बोर्ड होगा गठित, की जाएगी जांच

सभी रिपोर्ट आ जाने के बाद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की ओर से मेडिकल बोर्ड गठित किया जाएगा। इसमें मेडिसिन, सर्जरी, पैथोलॉजी समेत अन्य विभाग के विशेषज्ञ शामिल रहेंगे। मेडिकल रिपोर्ट की जांच के बाद मंडल कारा प्रबंधन को इसकी सूचना दी जाएगी। 

अस्पताल के बाहर जुट रहे शुभचिंतक

भरत शर्मा की भर्ती होने की सूचना के बाद कई शुभचिंतक भी वार्ड के आसपास घूम रहे हैं। इधर पुलिस प्रबंधन में बाहरी लोगों को अंदर आने पर निषेध कर दिया है। फिलहाल घर के लोग ही उनके साथ हैं। 

आयकर विभाग का चल रहा मामला

भोजपुरी गायक भरत शर्मा ने आयकर विभाग के तीन मामलों में शुक्रवार को धनबाद कोर्ट में सरेंडर किया था। इसके बाद आर्थिक अपराध की विशेष न्यायिक दंडाधिकारी श्वेता कुमारी ने उन्हें तीन मामलों में न्यायिक हिरासत में लेकर शुक्रवार को ही जेल भेज दिया था।

 भरत शर्मा तीनों मामलों में सजायाफ्ता हैं।

इससे पहले शुक्रवार को उन्होंने धनबाद सिविल कोर्ट में आयकर विभाग के तीन मामलों में आत्मसमर्पण किया था। आर्थिक अपराध की विशेष न्यायिक दंडाधिकारी श्वेता कुमार की अदालत ने उन्हें तीनों मामलों में न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया था। वे तीनों मामलों में सजायाफ्ता हैं।

झारखंड HC ने सरेंडर करने का दिया था आदेश

उन्होंने इसी वर्ष 27 जून को झारखंड हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाई कोर्ट ने उन्हें निचली अदालत में आत्मसमर्पण कर सरेंडर सर्टिफिकेट दाखिल करने का आदेश दिया था।

13 जून 2018 को भरत शर्मा को आर्थिक अपराध के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने आयकर विभाग से फर्जी दस्तावेज के आधार पर टीडीएस का भुगतान लेने संबंधी तीन मामलों में अलग-अलग दो वर्ष का कठोर कारावास व दस हजार रुपये का जुर्माने की सजा सुनाई थी।

झारखंड की सत्ता में पुनर्वापसी भाजपा के लिए है बड़ी चुनौती,इस से निपटने के लिए भाजपा का मुहिम होगा कितना सफल..?पढ़िये पूरी खबर...!

 विनोद आनंद

भाजपा झारखण्ड विधानसभा चुनाव को लेकर मिशन मोड में है. सत्ता में वापसी उसके लिए पार्टी के सामने बहुत बड़ी चुनौती है. क्योंकि भाजपा ने जो दाव चली थी झारखण्ड मुक्ति मोर्चा को प्रभावहीन बनाने के लिए वह उल्टा पड़ गया. 

हेमंत सोरेन को जेल से निकलने और ईडी का कोर्ट द्वारा फजीहत होने के बाद हेमंत सोरेन को जनता से सहानुभूति मिली है और बीजेपी के प्रति लोगों में यह धारना बन गयी है कि ईडी और सी बी आई भाजपा के इशारे पर काम कर रही है.

इन सब माहौल के बीच जो ख़बरें छन कर आ रही है कि भाजपा द्वारा कराये गए अंदरूनी सर्वे का रिपोर्ट भी झारखंड में संतोष जनक नहीं है.

 ऐसे हालात में भाजपा कैसे जनता को अपने पक्ष में इन कुछ महीने में करे और कैसे झारखण्ड में सत्ता में उनकी वापसी हो यह सबसे बड़ा टास्क हर नेता और भाजपा कार्यकर्ताओं के पास है.

बड़े नेताओं का आगमन

भाजपा कार्यकर्ताओं का हौसला बढाने और जानता के मन को टटोलने के लिए झारखण्ड में बड़े नेताओं का आना जाना लगा हुआ हैं. भाजपा आदिवासी वोट को साधने के लिए इस बार ज़ी तोड़ मेहनत की जा रही है.

इसलिए आदिवासी के बड़े चेहरे को वोट में उताड़ने की तैयारी भी की गयी है. उन्हें जनता के बीच जाने का निर्देश दिया गया है.

साथ हीं आदिवासी नेताओं से बैठक कर उसे चुनावी टिप्स भी दिया जा रहा है. अभी गृह मंत्री अमित शाह का झारखण्ड दौरा के पीछे भी यही उद्देश्य है.आने वाले दिनों में और कुछ बड़े नेता झारखण्ड में आ सकते हैं और कार्यकर्ताओं से बात करेंगे.साथ हीं जनता से रूबरू होंगे.

सीएम चेहरा घोषित करने से परहेज

भाजपा के झारखण्ड प्रदेश संघठन में अंदरूनी कलह से निपटने लिए अभी सीएम चेहरा सामने लाने से भी भाजपा  परहेज, कर रही है.

 क्योंकि लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद झारखंड बीजेपी में अंदरूनी कलह बढ़ी है. इसका प्रभाव झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव में न पड़े और झारखंड में बीजेपी की सरकार बने इसके लिए पार्टी खास रणनीति पर काम कर रही है.हालांकि इस संबंध में बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता अनिमेष कुमार सिंह कहते हैं किबाबूलाल के नेतृत्व में जब चुनाव लड़ने की घोषणा हुई है तो निश्चित रूप से मुख्यमंत्री का चेहरा भी बाबूलाल को रखने का पार्टी जरूर सोचेगी. इसके अलावे इस बार सीटों के लक्ष्य को सार्वजनिक भी नहीं करने का निर्णय लिया गया है. 

प्रदेश भाजपा को मिला सत्ता में वापसी का टास्क

हर हाल में झारखंड में सत्ता में वापसी का टास्क केंद्रीय नेतृत्व के द्वारा प्रदेश भाजपा को दिया गया है. इसकी झलकपिछले सफ्ताह भाजपा प्रदेश कार्यालय में हुई मैराथन बैठक में भी दिखी थी. चुनाव प्रभारी बनने के बाद पहली बार झारखंड दौरे पर आए केंद्रीय मंत्री और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सह प्रभारी हिमंता बिश्वा सरमा ने जिस तरह से बैठक की है उससे साफ लग रहा है कि बीजेपी आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कितनी चिंतित है.पुरानी गलती से सीख लेकर मिशन मोड में बीजेपी2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था और मुख्यमंत्री का चेहरा भी प्रोजेक्ट किया था. लेकिन जनता ने इसे ठुकरा दिया. हालत यह बनी कि खुद मुख्यमंत्री अपने विधानसभा क्षेत्र से हार गए. पिछले चुनाव में बीजेपी 65 पार का नारा के साथ चुनाव मैदान में उतरी थी, लेकिन फेल हो गई और महज 25 सीटों पर सिमट गई थी.

लोकसभा चुनाव 2024 में भी बीजेपी को लगा है झटका

वहीं, हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी ने देशभर में 400 पार के साथ झारखंड की सभी 14 सीट जीतने का लक्ष्य रखा था. इसमें भी बीजेपी को झारखंड सहित देश के अन्य राज्यों में झटका लगा है. हालांकि बीजेपी नेताओं का मानना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान झारखंड के करीब 50 विधानसभा क्षेत्र में आगे रहना शुभ संकेत है और इसी बल पर सत्ता परिवर्तन की उम्मीद की जा सकती है.

अपनी स्ट्रेटजी में किया बदलाव

लोकसभा चुनाव में ट्राइबल सीटों पर हार का सामना करने के बाद भाजपा ने अपनी स्ट्रेटजी में बदलाव करना शुरू कर दिया है.आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी की नजर ओबीसी वोट बैंक को साधने पर है. इसके अलावे सवर्ण वोट जो बीजेपी की पारंपरिक रही है, वो नाराज न हो इस पर ध्यान दिया जा रहा है. यही वजह है कि ओबीसी का बड़ा चेहरा मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री जो सवर्ण हैं हिमंता बिश्वा सरमा को झारखंड की जिम्मेदारी दी गई है.

शिवराज और हिमंता के लिए झारखंड जीतना है बड़ी चुनौती

 इस साल के अंत में झारखंड में होनेवाले विधानसभा चुनाव को जीतना शिवराज सिंह चौहान और हिमंता बिश्व सरमा के लिए कठिन चुनौती है. वर्तमान राजनीतिक हालात और लोकसभा चुनाव परिणाम स्पष्ट संकेत दे रहा है कि बीजेपी का न केवल ट्राइबल वोट बैंक में कमी आई है, बल्कि सामान्य सीटों पर भी जनाधार में कमी आई है. 2019 की तुलना में 2024 की परिस्थिति और भी खराब है. इसके पीछे कई वजह है. संगठन के अंदर अंदरूनी कलह जो टॉप-टू-बॉटम तक देखी जा रही है. इसे दूर करना दोनों नेताओं के लिए बड़ी चुनौती है.

भ्रष्टाचार के अलावे बीजेपी कोई ऐसा मुद्दा वर्तमान में नहीं बना पा रही है जिसे जनता तक पहुंचाया जा सके. इन सबके बीच इंडिया गठबंधन की ओर से चंपाई सरकार द्वारा लगातार लोकलुभावन घोषणा की गयी थी. जिसका काट बीजेपी के लिए कड़ी चुनौती है.अब हेमन्त सोरेन उसे पूरा करने के दिशा में का कर रहे हैं.अपने आवास पर वे जनता से रूबरू भी हो रहे हैं उनकी समस्याएं भी सुन रहे हैं.

क्या बदलेगी बीजेपी के पक्ष में हवा

अभी झारखंड में शनिबार को गृह राज्य मंत्री आये जनता को भी संबोधित किया वहीं प्रदेश भर से आये कार्यकर्ताओं से संवाद कर जनता के बीच जाने का टिप्स दिया । वहीं दोनों प्रभारी हेमन्त विश्व सरमा और शिव राज सिंह चौहान भी लगातार कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे हैं.यहां तक जनता की सहानुभूति हासिल करने के लिए सीएम आवास का घेराव करने वाले पुलिस कर्मी पर लाठी चार्ज में घायल पुलिस कर्मी से मिलकर सरकार की आलोचना कर रहे हैं.साथ हीं अपने एजेंडा पर भी यह नैरेटिव सेट करने के मुहिम में लगे हैं कि मौजूदा सरकारके दौर में लूट खसौट हुआ है.इसके लिए भाजपा के पास पर्याप्त आधार भी है.पिछले कुछ दिनों में ईडी द्वारा छापामारी में  बरामद नोटों से उन्हें प्रमाणित करने का पर्याप्त अवसर है.

अब इन सारे हालात में देखना है कि भाजपा विंधानसभा चुनाव में अपने टास्क को पूरा करते हुए सत्ता में वापसी की चुनौती को कैसे हल करती है.