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बस्तर के समग्र विकास के लिए छत्तीसगढ़ शासन की योजनाएं कारगर साबित हो रही है - सांसद महेश कश्यप

रायपुर- वन मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री केदार कश्यप अपने एक दिवसीय बीजापुर जिले के प्रवास के दौरान जवाहर नवोदय विद्यालय ज्ञानगुड़ी एजुकेशन सिटी में आयोजित जिला स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने अपने उद्बोधन में जिला प्रशासन की टीम की प्रशंसा करते हुए कहा कि बीजापुर जिला अब शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाईयों को छूने लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार की योजनाओं की अंतिम व्यक्ति तक पहुंच अब सुनिश्चित हो रही है। मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि बीजापुर के बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है। बस उन्हें सही अवसर मिलना चाहिए। केन्द्र और राज्य सरकार की योजना से समूचे बस्तर के आदिवासी बच्चों का भविष्य बेहतर हो रहा है। बीजापुर का नवोदय विद्यालय राज्य में दूसरे स्थान पर है यह जिले के लिए गर्व की बात है। यहां केन्द्रीय विद्यालय, एकलव्य विद्यालय, नवोदय विद्यालय सहित ज्ञानगुड़ी एजुकेशन सिटी में उच्च स्तर के शैक्षणिक संस्थान है जिससे जिले के बच्चों का बेहतर भविष्य तय हो रहा है। मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति से शिक्षा में व्यापक बदलाव आएगा। शिक्षा के क्षेत्र में हमारी सरकार ने कई बड़े फैसले लिए है। स्कूलों की अद्योसंरचना, शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण, गुणवत्तायुक्त मध्यान्ह भोजन, छात्रवृत्ति सहित तमाम योजनाएं बेहतर शिक्षा के लिए कारगर सिद्ध हो रही है।

बस्तर संसदीय क्षेत्र के सांसद महेश कश्यप ने जिला स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना से तथा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रयासों से बस्तर अंचल अब विकास शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल जैसे बुनियादि सुविधाओं की ओर अग्रसर है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि सहित सभी बुनियादि सुविधाएं, व्यक्तिमूलक योजनाओं का क्रियान्वयन अब जमीनी स्तर पर हो रही है। अतिथियों द्वारा इस अवसर पर नवप्रवेशी बच्चों को फूल-माला, मिठाई एवं तिलक-चंदन लगाकर प्रोत्साहित किया गया। विधायक विक्रम शाह मंडावी एवं पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने शाला प्रवेशोत्सव पर सभी बच्चों को शुभकामनाएं दी।

कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुड़ियम, उपाध्यक्ष कमलेश कारम, जिला पंचायत सदस्य बसंत राव ताटी, नीना रावतिया उद्दे, बी पुष्पाराव, वरिष्ठ नागरिक जी वेंकट, श्रीनिवास मुदलियार, पुलिस अधीक्षक डा. जितेन्द्र यादव, डीएफओ सामान्य श्री रामाकृष्ण, उप निर्देशक इंद्रावती टाईगर रिजर्व संदीप बल्गा, सीईओ जिला पंचायत हेमंत रमेश नंदनवार, गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

पहाड़ी कोरवाओं को मिला रोजगार तो समाज के बच्चे पहुँचने लगे शिक्षा के द्वार

रायपुर-   विशेष पिछड़ी जनजाति के पहाड़ी कोरवा गुरवार सिंह, बिरसराम, करम सिंह कोरबा जिले के वनांचल के सारबाहर,छातीबहार के रहने वाले हैं। आज इन्हें मलाल है कि उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई नहीं की। किसी ने पांचवीं तक तो किसी ने आठवी से पहले ही स्कूल और पढ़ाई से नाता तोड़ लिया था। बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले इन पहाड़ी कोरवाओं का कहना है कि काश उन्होंने उस वक्त पढ़ लिया होता। बीच में पढ़ाई नहीं छोड़ी होती तो आज उन्हें जंगल में बकरी चराना नहीं पड़ता। वे भी किसी स्कूल और अस्पताल में नौकरी कर रहे होते और उन्हें गरीबी से नहीं जूझना पड़ता। हालांकि उनका कहना है कि घर परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी और उन्हें कोई बताने वाला भी नहीं था, इसलिए वे स्कूल नहीं जा सके। अब जबकि पहाड़ी कोरवाओं को नौकरी मिलने लगी हैं तो उन्हें भी लगने लगा है कि पढ़ाई का बहुत महत्व है और इस महत्व को समझते हुए इन्होंने अपने बच्चों को छठवीं से आगे की पढ़ाई कराने ग्राम लेमरू के आश्रम में दाखिला कराया। आश्रम में इन पहाड़ी कोरवा बच्चों को निःशुल्क किताबे, गणवेश के साथ सोने के लिए बिस्तर आदि दिया गया।

कोरबा ब्लॉक के अंतर्गत सारबहार के पहाड़ी कोरवा गुरवार सिंह ने अपने बेटे अमित कुमार, बिरस राम ने अपने बेटे रंजीत और और छातीबहार के करम सिंह ने अपने बेटे सोनू को कक्षा छठवीं की पढ़ाई कराने के लिए लेमरू के अनुसूचित जनजाति आश्रम में दाखिला कराया। गुरवार सिंह ने बताया कि उन्हें मालूम हुआ कि कोरबा जिले में पहाड़ी कोरवाओं के लड़के-लड़कियों को स्कूल और अस्पताल में नौकरी दी जा रही है। उनका बेटा पांचवी पास है। इसलिए नौकरी नहीं मिली है। अब आगे की पढ़ाई कराना है इसलिए लेमरू के आश्रम में भर्ती कराया है। उन्होंने बताया कि हम पहाड़ी कोरवाओं के बच्चों का घर में रहकर पढ़ाई कर पाना मुश्किल हो जाता है। जंगल के आसपास रहने से बच्चे जंगल की ओर चले जाते हैं। आश्रम में एक जगह रहकर पढ़ाई करना आसान हो जाएगा। भोजन भी समय पर मिलेगा। छातीबहार के करम सिंह ने अपने बेटे सोनू का दाखिला कराया। उन्होंने बताया कि उनका जीवन गाँव में जंगल में भटकते हुए कटता है। घर में 7 सदस्य है। उनकी एक बेटी को देवपहरी के आश्रम में और अपने बेटे सोनू को लेमरू के आश्रम में भर्ती कराया है। आश्रम में व्यवस्था देखकर खुशी है कि बेटा-बेटी यहाँ आगे कि पढ़ाई बिना इधर-उधर भटके कर लेगा। यहाँ समय पर सोना-जागना, नहाना, खाना होगा तो निश्चित ही पढ़ाई में मन लगेगा और ज्यादा कक्षा पढ़कर नौकरी पा सकेगा। बिरस राम ने अपने बेटे रंजीत को कक्षा 6 वी में भर्ती कराने के बाद कहा कि पहले हम अपने बच्चों को अपने पास ही घर में रखते थे। जब कही जाते थे,बच्चे भी साथ चले जाते थे। इससे स्कूल भी छूट जाता था। अब हमें पढ़ाई का महत्व मालूम हुआ है। इसलिए आश्रम में अपने बेटे को भर्ती कराया है। वह अच्छे से पढ़ाई करके नौकरी पायेगा तो वह अपने परिवार को अच्छा रख सकेगा। इधर आश्रम में दाखिले और स्कूल में भर्ती के साथ ही पहाड़ी कोरवाओं के बच्चों को यहाँ नई ड्रेस, किताबें और अपने सोने के लिए लाइट-पंखे लगे हुए कमरे और अलग से बिस्तर पाकर बहुत खुशी महसूस हो रही है। उनका कहना है कि हम यहाँ अच्छे से रहकर पढ़ाई करेंगे और नौकरी मिलेगी तो वह भी करेंगे। आश्रम के अधीक्षक और हेड मास्टर रामनारायण भगत ने बताया कि आश्रम में अनुशासन के साथ बच्चों को समय पर पढ़ना, भोजन, खेलकूद कराया जाता है। यहाँ उन्हें दो टाइम भोजन, रविवार को विशेष भोजन, तेल, साबुन भी दी जाती है। आश्रम में पहले से ही पहाड़ी कोरवा 3 बच्चे हैं। उन्होंने बताया कि शुरुवात के दिनों में पहाड़ी कोरवा बच्चों को रहने में कुछ अटपटा से लगता है, क्योंकि ये अपने परिवार के साथ जंगल में एक अलग तरह से रहते रहे हैं। यहाँ समय पर रहना, खाना होने से इनकी दिनचर्या बदलेगी और इन्हें भी अन्य बच्चों के साथ घुलमिलकर अच्छा लगेगा। उन्होंने बताया कि पहाड़ी कोरवा बच्चों का आश्रम में आकर दाखिला लेना खुशी की बात है वरना ये अन्य समाज से भी दूर-दूर रहने की कोशिश करते हैं।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के दिशा निर्देशन में कोरबा जिले में निवासरत् विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय पहाड़ी कोरवा और बिरहोर जनजाति के 108 बेरोजगार युवाओं को नौकरी दी गई है। जिला प्रशासन की पहल पर जिला खनिज न्यास मद से मानदेय के आधार पर 79 विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार के युवाओं को भृत्य तथा 29 युवाओं को अतिथि शिक्षक के रूप में तथा अस्पताल में रिक्त चतुर्थ श्रेणी के पदों पर रोजगार प्रदान किया गया है। अपने समाज के युवाओं को नौकरी मिलने के पश्चात शिक्षा में रुचि नहीं लेने वाले कोरवा भी जागरूक हुए हैं और वे अपने बच्चों को शिक्षा से जोड़ने आश्रमों में दाखिला कराने लगे हैं, जो कि एक अच्छा संदेश भी है।

18 जुलाई को होने वाला जनदर्शन स्थगित

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का हर सप्ताह गुरुवार को होने वाला जनदर्शन इस गुरूवार 18 जुलाई को अपरिहार्य कारणों से नहीं होगा।
हमारा संकल्प 2047 तक बनाएंगे विकसित छत्तीसगढ़ : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि विकसित छत्तीसगढ़ बनाने के लिए विजन डॉक्यूमेंट सभी की भागीदारी से तैयार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का संकल्प लिया है इसे पूरा करने के लिए हम विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण करेंगे। मुख्यमंत्री आज यहां न्यू सर्किट हाउस में छत्तीसगढ़ विजन 2047 तैयार करने के लिए राज्य नीति आयेाग द्वारा आयोजित मोर सपना मोर विकसित छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय संवाद कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में प्रदेश के युवाओं, कृषकों, महिलाओं और प्रबुद्धजनों ने अपने-अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में भारत विश्व की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। प्रधानमंत्री जी ने अगले पांच साल में भारत को विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का आह्वान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस उद्देश्य को पूरा करने में छत्तीसगढ़ का भी महत्वपूर्ण योगदान होगा। छत्तीसगढ़ एक समृद्ध राज्य है जहां प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक संसाधन, वन संपदा और मानव संसाधन हैं। यहां की धरती उर्वरा है, मेहनतकश किसान हैं। यहां के संसाधनों का वैल्यू एडिशन करके हम विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण कर सकते हैं। इसमें सभी का सहयोग आवश्यक होगा। छत्तीसगढ़ युवा प्रदेश है, हमने नई शिक्षा नीति लागू की गई है, जिसमें वोकेशन ट्रेनिंग पर जोर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार हर क्षेत्र में सबके सहयोग से रिफॉर्म ला रही है। सरकार काम-काज में भी पारदर्शिता लाने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। हमारी सरकार की नीति करप्शन के प्रति जीरो टालरेंस की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं, कृषकों, महिलाओं और प्रबुद्धजनों ने विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण विचार साझा किए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने छत्तीसगढ़ का विजन डॉक्यूमेंट और नई उद्योग नीति राज्य स्थापना दिवस 01 नवम्बर 2024 को आम जनता को समर्पित करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में कृषि के क्षेत्र में जैविक कृषि को लेकर बहुत महत्वपूर्ण चर्चा हुई है। युवाओं ने भी आगामी भविष्य को लेकर अपना बेहतर दृष्टिकोण रखा है। कार्यक्रम में नारी शक्ति बड़ी संख्या में उपस्थित हैं, यहां आने के लिए उनका विशेष धन्यवाद। मुख्यमंत्री ने कहा, मैं स्वयं किसान का बेटा हूं मेरी भी कृषि में बहुत रूचि है मैं जब भी गांव जाता हूं तो अपने खेत में जरूर समय बिताता हूं।

कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के युवा, कृषक, महिला और प्रबुद्धजनों के साथ विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ को लेकर परिचर्चा में मुख्यमंत्री श्री साय ने ड्रोन दीदी को लेकर आए प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि भिलाई में तकनीकी विश्वविद्यालय में ड्रोन दीदी योजना के अंतर्गत ट्रेनिंग की व्यवस्था की गई है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का आह्वान किया है, जिसमें ड्रोन दीदी का भी अहम योगदान होगा। मुख्यमंत्री ने पद्मश्री जागेश्वर यादव की तारीफ़ करते हुए कहा कि जागेश्वर जी पढ़े-लिखे नहीं हैं, उन्हें साइकिल चलाना नहीं आता, हाफ पेंट पहनकर और बिना चप्पल के अपना काम चलाते हैं लेकिन आज इन्होंने कोरवा-बिरहोर समुदाय की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया है, मैं उनका अभिनन्दन करता हूं।

वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी ने कहा कि कार्यक्रम में प्राप्त सुझावों का नीति आयोग द्वारा संकलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन तथा सर्विस सेक्टर में भी असीम संभावनाएं हैं। वर्तमान में कृषि में रसायनिक खाद के उपयोग से कैंसर रोगियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। हमें जैविक खेती को बढ़ावा देना होगा। कृषि में युवाओं की भागीदारी भी बढ़ानी होगी। उन्होंने कहा कि प्रोग्रेसिव फॉर्मिंग के लिए किसानों की जमीन को एक साथ करने के लिए विचार करने की जरूरत है। हॉर्टिकल्चर क्रॉप के लिए जमीन की लेबलिंग, फेंसिंग और सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता आदि पर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि एग्रो टूरिज्म को भी बढ़ावा दिया जा सकता है। विकसित छत्तीसगढ़ बनाने में स्किल डेव्हलपमेंट को भी बढ़ाना होगा। मुख्य सचिव एवं उपाध्यक्ष राज्य नीति आयोग  अमिताभ जैन और योजना विभाग के सचिव अंकित आनंद ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।

संवाद कार्यक्रम में लगभग 200 प्रतिभागी शामिल हुए। कार्यक्रम में काष्ठ शिल्पकार एवं पद्मश्री से सम्मानित अजय मण्डावी एवं पद्मश्री जागेश्वर यादव, कोण्डागांव से आयी महिला कृषक उदेश्वरी, शुभम दीक्षित, सिमरन, अंकित जैन, शताब्दी पाण्डेय, सुधा वर्मा सहित अनेक लोगों ने सुझाव दिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री के सलाहकार धीरेन्द्र तिवारी, राज्य नीति आयोग के सदस्य के. सुब्रमण्यम, सचिव  अनूप श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत भी उपस्थित थे।
व्यापम द्वारा विभिन्न पदों की लिखित भर्ती परीक्षा की संभावित तिथियां घोषित

रायपुर-   छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा विभिन्न पदों की भर्ती परीक्षा हेतु अभ्यर्थियों से ऑनलाईन आवेदन व्यापम की वेबसाईट पर आमंत्रित किए गए थे, जिसके लिए लिखित भर्ती परीक्षा के लिए संभावित तिथियां घोषित कर दी गई है। जिसमें सहायक ग्रेड-3 (एचएजी23) छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के लिए 28 जुलाई 2024 को सुबह, प्रयोगशाला सहायक (एफडीएलटी24) राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला के लिए 25 अगस्त 2024 सुबह एवं प्रयोगशाला तकनीशियन (एफडीएलटी24) राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला के लिए 25 अगस्त 2024 संध्या को आयोजित की जाएगी।

इसी तरह छात्रावास अधीक्षक (टीएचएस24) श्रेणी ‘द‘ आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास की परीक्षा 15 सितंबर 2024 सुबह, प्रयोगशाला तकनीशियन (एचईएलटी24) उच्च शिक्षा संचालनालय 29 सितंबर 2024 सुबह, मत्स्य निरीक्षक (एफएफआई24) संचालनालय मछली पालन विभाग 29 सितंबर 2024 संध्या, सहायक सांख्यिकी अधिकारी (केएएसएल23) संचालनालय कृषि की परीक्षा 20 अक्टूबर 2024 सुबह एवं प्रयोगशाला सहायक (केएएसएल23) संचालनालय कृषि की परीक्षा 20 अक्टूबर 2024 संध्या को आयोजित की जाएगी।
छत्तीसगढ़ में अब गौ तस्करी संभव नहीं- उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर गृह विभाग द्वारा गौवंश व दुधारु पशुओं के अनाधिकृत परिवहन (तस्करी), वध व मांस की बिक्री आदि घटनाओं की रोकथाम तथा संलिप्त आरोपियों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करने के संबंध में आदेश जारी किया गया है।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि साय सरकार गौवंश के अवैध परिवहन पर सख्ती से निपट रही है। हमने सजा और जुर्माने का प्रावधान करके यह सुनिश्चित किया है कि कोई भी इस कानून का उल्लंघन न कर सके। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। उन्होंने कहा छत्तीसगढ़ में अब गौ तस्करी संभव नहीं और इसके लिए हमने प्रत्येक स्तर पर जिम्मेदारी तय की है। उन्होंने कहा कि अवैध परिवहन पर सात साल की सजा और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। यह सिद्ध करना कि तस्करी नहीं हो रही है, अभियुक्त पर होगा। अपराध को संज्ञेय और गैर-जमानती बनाया गया है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सक्षम अधिकारी के अनुमति के बिना गौवंश का परिवहन नहीं किया जा सकेगा। परिवहन के दौरान वाहन में फ्लेक्स आदि लगाना होगा। तस्करी करने पर वाहन राजसात किया जाएगा और वाहन मालिक पर भी कार्यवाही होगी। इससे अर्जित संपत्ति को चिन्हित कर कुर्क किया जाएगा।

श्री शर्मा ने कहा कि राजपत्रित अधिकारी को उक्त घटनाओं की रोकथाम और पर्यवेक्षण के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। पुलिस के अधिकारी शिथिल या संलिप्त होने पर उन पर कठोर कार्यवाही होगी। आसूचना एकत्रित करना, जिले के सभी प्रकारों का अध्ययन करना और सभी आरोपियों की पुनः समीक्षा व सतत निगरानी आवश्यक होगी।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यदि नियम विरुद्ध परिवहन होना पाया जाता है तो जहां से परिवहन शुरू हुआ और जहां वाहन जब्त किया गया है, उस बीच के समस्त पुलिस अधीक्षक और थाना प्रभारियों के सर्विस बुक में नकारात्मक टीप अंकित की जाएगी और पांच से अधिक बार नकारात्मक टीप अंकित होने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही भी की जाएगी। यदि किसी पुलिस अधिकारी-कर्मचारी की गौवंश के वध तथा गौवंश व दुधारू पशुओं की तस्करी (अवैध परिवहन) की कार्यवाही में किसी प्रकार की शिथिलता व संलिप्तता पायी जाती है, तो उनके विरुद्ध कठोर दंडात्मक और विभागीय कार्यवाही की जाएगी।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय सहायक ग्रेड-3 पद हेतु प्रथम स्तर की लिखित परीक्षा 28 जुलाई को

रायपुर-     छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के लिए सहायक ग्रेड 03 पद हेतु प्रथम स्तर के लिखित परीक्षा 28 जुलाई को आयोजित की जाएगी। परीक्षा के लिए सरगुजा, बिलासपुर, जगदलपुर, दुर्ग और रायपुर में केन्द्र बनाया गया है।

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के वेबसाइट पर आवेदक द्वारा सहायक ग्रेड-3 के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा किए गए थे। सभी आवेदित अभ्यर्थियों को प्रथम स्तर की लिखित परीक्षा हेतु प्रवेश पत्र के लिए छत्तीसगढ़ व्यापम के वेबसाइट में जाकर पंजीयन कराना आवश्यक होगा तथा परीक्षा जिला का चयन करना अनिवार्य होगा। व्यापम के वेबसाईट पर परीक्षा के लिए पंजीयन व जिला चयन की प्रारंभिक तिथि 2 जुलाई तथा अंतिम तिथि 16 जुलाई निर्धारित की गई है।

नियंत्रक व्यावसायिक परीक्षा मंडल से प्राप्त जानकारी के अनुसार व्यापम पंजीयन नंबर व परीक्षा केन्द्र जिला के चयन के आधार पर ही लिखित परीक्षा हेतु अभ्यर्थियों को 22 जुलाई को प्रवेश पत्र जारी किया जाएगा। जिन अभ्यर्थियों द्वारा छत्तीसगढ़ व्यापम के वेबसाइट पर पंजीयन नहीं किया है। उन्हें छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के निर्देशानुसार लिखित परीक्षा से वंचित माना जायेगा व जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी अभ्यर्थी के स्वयं की होगी तथा इस संबंध में कोई पत्राचार स्वीकार नहीं होंगे। अभ्यर्थी द्वारा पूर्व में जमा किये गए ऑनलाइन आवेदन पत्र में किसी भी तरह का सुधार या संशोधन किये जाने की अनुमति नहीं होगी।
कैबिनेट मंत्री टंक राम वर्मा ने कोसा, कॉटन व हाथकरघा वस्त्रों के भव्य प्रदर्शनी सह-विक्रय का किया शुभारंभ, 22 जुलाई तक बलौदाबाजार में सजेगा

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन ग्रामोद्योग विभाग हाथकरघा बलौदाबाजार-भाटापारा के सौजन्य से जिला मुख्यालय बलौदाबाजार में भव्य प्रदर्शनी सह-विक्रय का आयोजन किया जा रहा है। जिसका शुभारंभ कैबिनेट मंत्री टंक राम वर्मा ने किया। इस दौरान नगर पालिका अध्यक्ष चितावर जायसवाल, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अशोक जैन सहित अन्य जनप्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

मंत्री श्री वर्मा ने आयोजन के लिए विभाग की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन बीच-बीच में करते रहना चाहिए। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है। उन्होंने जिले के सभी लोगों से इस मेले का लाभ लेने और अधिक से अधिक उत्पादों का क्रय कर हाथकरघा को बढ़ावा देने की अपील की, ताकि लोग अधिक से अधिक सक्षम व आत्मनिर्भर हो सके और गाँधी जी के सपने को पूरा कर सके। उक्त मेले में छतीसगढ़ के सुप्रसिद्ध कोसा, कॉटन हथकरघा वस्त्रों का विशाल प्रदर्शनी होगा। यह प्रदर्शनी बलौदाबाजार शहर के मध्य स्थित पं.बाल्मीकि शुक्ल विप्र वाटिका गॉर्डन चौक में लगाई गई है। यह प्रदर्शनी आज से 22 जुलाई तक प्रतिदिन सुबह 11 बजे से रात्रि 9 बजे तक खुला रहेगा। इस प्रदर्शनी के विशेष आर्कषक के रूप में महामहिम राष्ट्रपति के द्वारा सम्मानित छत्तीसगढ़ के कुशल बुनकरों द्वारा हाथों से निर्मित वस्त्रों का प्रर्दशन कर विक्रय किया जायेगा। इसके लिए 15 स्टॉलों को सजाया जा रहा है। इस मेले में उत्कृष्ट कलात्मक कोसा साड़िया, कोसा मलमल,कोसाड्रेस मटेरियल, कोसा सलवार सूट,कोसा बाफ्ता,सूती साड़िया शर्टिंग, बेड शीट, पिलो कवर, टॉवेल नेपकिन गमछा इत्यादि एक ही जगह मिल जायेगा। जिला हथकरघा के सहायक संचालक बी आर शेन्द्रे ने बताया कि वस्त्रों आदि सभी उत्पादों की खरीदी में लोगों को 20 प्रतिशत का विशेष छूट दिया जायेगा।

छत्तीसगढ़ में आज बारिश के आसार : मौसम विभाग ने 8 जिलों में जारी किया अलर्ट


रायपुर- छत्तीसगढ़ में बारिश को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है. अगले 3 घंटों के लिए दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर में ऑरेंज अलर्ट और गरियाबंद, धमतरी, बस्तर, कोंडागांव, नारायणपुर के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है.

सोमवार को प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर बारिश हुई. इनमें राजिम में 150 मिमी हुई वर्षा, अंबिकापुर में 92 मिमी , पेंड्रा रोड में 70, गोबरा नवापारा में 90 मिमी, मैनपुर- अभनपुर में 70 मिमी वर्षा दर्ज की गई. राजधानी रायपुर में भी झमाझम बारिश हुई. आज भी राजधानी में गरज चमक के साथ बारिश की संभावना है. मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण छत्तीसगढ़ में 17 जुलाई के बाद मानसूनी गतिविधियों में वृद्धि होगी.

राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के मुताबिक एक जून 2024 से अब तक राज्य में 248.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है. राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून 2024 से आज 15 जुलाई सवेरे तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 410.7 मिमी और सरगुजा जिले में सबसे कम 135.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है.

अमृतकाल छत्तीसगढ़ विजन@2047 - राज्य के विभिन्न जिलों से आए प्रबुद्धजनों ने दस्तावेज तैयार करने दिए सुझाव

रायपुर-    छत्तीसगढ़ नीति आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ विजन डाक्यूमेंट 2047 तैयार करने के संबंध में आज राजधानी स्थित न्यू सर्किट हाउस में संवाद कार्यक्रम का शुभारंभ वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी द्वारा किया गया। जिसमें पद्मश्री अजय मांडवी, पद्मश्री जागेश्वर यादव, इंदर भगत, बृजेन्द्र शुक्ला सहित छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से आए प्रबुद्धजनों ने परिचर्चा में भाग लिया और विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ के संबंध में अपनी परिकल्पनाओं के संबंध में अपने विचार व्यक्त किया।

परिचर्चा में स्वास्थ्य छत्तीसगढ़, सुखी छत्तीसगढ़, सुस्थायित्व (स्टेनेबिलिटी) स्थायी समुदाय सतत् उत्पादन और उपभोग, कृषि सुपरफूड्स शक्ति, सेहत प्राकृतिक औषधालय, सेवा क्षेत्र आईटी का नया गढ़, लॉजिस्टिक्स जुड़ता छत्तीसगढ़, बढ़ता छत्तीसगढ़ पर विस्तृत चर्चा की गई। इसी प्रकार शिक्षा फ्यूचर रेडी, प्रतिभाशाली छत्तीसगढ़, संस्कृति कला और संस्कृति की नई पहचान, विनिर्माण उद्योग की नई परिभाषा, वन्य उत्पाद स्थानीय उत्पाद, वैश्विक पहचान, पर्यटन प्रकृति से संस्कृति तक, गवर्नेस सरल, सुरक्षित छत्तीसगढ़ विषय पर चर्चा की गई। प्रबुद्धजनों ने सुझाव दिया कि छत्तीसगढ़ के जनजाति समाज की सभ्यता एवं संस्कृति को संरक्षित करते हुए विकास किया जाए। वनांचल में योग ध्यान केन्द्र स्थापित करने, लोगों को अध्यात्म से जोड़ने जैसे विषयों को दस्तावेज में शामिल किया जाएगा।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस परिकल्पना को साकार करने में राज्य की प्रभावी भूमिका सुनिश्चित करने के लिए राज्य नीति आयोग द्वारा तैयार दस्तावेज आगामी राज्य स्थापना दिवस 01 नवम्बर 2024 को विजन डॉक्यूमेंट ‘अमृतकाल: छत्तीसगढ़ जारी किया जाएगा। वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी विजन डॉक्यूमेंट जनता के समक्ष रखेंगे।

राज्य नीति आयोग द्वारा ‘‘अमृतकाल: छत्तीसगढ़ संबंधित विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने के संबंध में सभी विभागों, सेक्टर विशेषज्ञों से विचार-विमर्श प्रारंभ किया जा चुका है। इसके लिए आठ वर्किंग ग्रुप का गठन किया गया है। लगातार बैठकें आयोजित कर विचार-विमर्श किया जा रहा है। जनप्रतिनिधियों एवं आम नागरिकों से भी विकसित छत्तीसगढ़ की उनकी परिकल्पना साझा करने के लिए आयोग द्वारा वेब-पोर्टल ‘‘मोर सपना-मोर विकसित छत्तीसगढ़‘‘ लिंक http://sdgspc.cg.gov.in/viksitcg/#homeभी तैयार किया गया है।