नए कानून के विरोध में सड़क पर उतरा भाकपा (माले) : जिला सचिव ने कहा- मोदी सरकार ने लाया है खतरनाक और दमनकारी कानून
बेगूसराय : पूरे देश में आज से लागू किए गए नए कानून के खिलाफ भाकपा (माले) ने आंदोलन शुरू कर दिया है। जिला सचिव दिवाकर कुमार के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने प्रतिवाद दिवस मनाया। कार्यालय से निकला प्रतिवाद जुलूस विभिन्न सड़कों से होते हुए समाहरणालय के उत्तरी द्वार पर पहुंचा। जहां कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी करते हुए बदलाव को रद्द करने की मांग की है।
जिला सचिव दिवाकर ने कहा कि मोदी सरकार ने जो तीन फौजदारी कानून लाया है, यह कानून पिछले संसद सत्र में ही 149 विपक्षी सांसदों को निलंबित करते हुए संसद से बाहर करके बनाया गया था। जिसे आज से लागू कर दिया गया है। यह खतरनाक और दमनकारी कानून है, जन विरोधी कानून है। इसके माध्यम से मोदी सरकार अपने विरोधी नेताओं को कभी भी जेल में उठाकर बंद कर सकती है।
देश के भीतर सत्ता के खिलाफ और असहमति की आवाज को निर्ममता पूर्वक कुचल सकते हैं। यह खतरनाक और दमनकारी कानून है। इस सवाल को लेकर भाकपा माले पूरे देश में विरोध दिवस मना रहा है। बिहार से जीते हमारी पार्टी के सांसद सुदामा प्रसाद और राजाराम ने संयुक्त हस्ताक्षर करके राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा है कि इस कानून पर रोक लगाई जाए।
चन्द्रदेव वर्मा ने कहा है कि नया फौजदारी कानून न्याय संहिता, नागरिक संहिता और साक्ष्य संहिता लाकर भारत सरकार कह रही है कि अंग्रेजों के बनाए गए कानून को हम भारतीय कानून के रूप में लागू कर रहे हैं। लेकिन यह हिंदुस्तान के लोगों के साथ धोखा है। इस कानून की आड़ में मोदी सरकार अपने विरोधियों को बंद करना चाहती है। विरोध की आवाज दबाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि पुलिस राज स्थापित करने के लिए यह कानून लाया गया है। इसलिए आज हम लोग व्यापक रूप से विरोध कर हैं। भाकपा-माले इसका विरोध कर रही है, हम सड़क से सदन तक इसके खिलाफ विरोध कर रहे हैं। यह देश के लोगों के हित में नहीं है, दमनकारी है। गरीबों के आंदोलन पर दमन करने वाला कानून है, इस कानून को वापस लिया जाए।
बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट










Jul 04 2024, 16:08
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