नीट पेपर लीक मामले पर सियासत जारी : सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनो एक-दूसरे पर लगा रहे आरोप-प्रत्यारोप
डेस्क : नीट पेपर लीक मामले को लेकर प्रदेश की सियासत चरम पर है। सत्ता पक्ष और विपक्ष इस मामले को लेकर एक-दूसरे पर हमलावर है। दोनो ओर से एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे है।
बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जांच एजेंसियों से नीट के मामले की निष्पक्ष जांच की अपील की है। उन्होंने कहा कि संजीव मुखिया और उसके साथ आ रहे नामों की जांच की जाए। नहीं तो आरोपितों के संबंधों को उजागर करेंगे। शनिवार को मीडिया से बातचीत में तेजस्वी ने कहा कि संजीव मुखिया, नीतीश और अमित आनंद के खिलाफ जांच कर कार्रवाई हो।
नेता प्रतिपक्ष ने चेतावनी दी कि जांच करें नहीं तो सारी तस्वीर हैं। किन-किन नेताओं के साथ की, सब मेरे पास हैं। इनके संबंधों की जांच हो नहीं तो दिखाना पड़ेगा। कहा कि जांच एजेंसी निष्पक्षता से जांच करें, ये सब चीज छुपने वाली नहीं है। जिसने छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है उसे हम छोड़ने वाले नहीं हैं, हम लोग पर्दाफाश करेंगे। आरोप लगाया और कहा कि सरकार में बैठे लोग भले ही मामले को भटकाएं, इधर उधर करें लेकिन पेपर लीक करने वाले बचेंगे नहीं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पहले मान ही नहीं रही थी कि पेपर लीक हुआ है और अब पेपर लीक करने वालों के खिलाफ कानून लाया जा रहा है।
वहीं बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि लालू-राबड़ी राज में लोगों ने बीपीएससी में भ्रष्टाचार देखा है। 1990 से 2005 के बीच कई परीक्षाओं में घोटाला हुए। बीपीएससी के अध्यक्ष रामाश्रय यादव, लक्ष्मी राय, रामसिंहासन सिंह एवं अन्य को पद पर रहते हुए जेल गए। रामाश्रय यादव पर जमीन देकर अध्यक्ष पद लेने का भी आरोप लग चुका है।
पटना में पत्रकारों से बातचीत में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि नीट परीक्षा में राजद और उनसे जुड़े लोगों का हाथ होना कोई आश्चर्यजनक नहीं है। 2013 से 2024 के बीच 6 वर्षों से अधिक ये सत्ता में रहे पर नहीं सुधरे। इसलिए नीतीश कुमार ने इन्हें बाहर कर दिया। अपने आप्त सचिव प्रीतम कुमार पर लगे आरोप, ईओयू द्वारा पूछताछ का समन, अनुराग-सिकंदर-प्रीतम कनेक्शन और लालू-राबड़ी आवास में सिकंदर की बेरोकटोक आवाजाही पर स्थिति स्पष्ट करने के बजाए ये अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं। सिकंदर को भी ये क्लीन चिट दे रहे हैं। क्योंकि उन्होंने कहा है कि वह बेनीफीशरी (लाभार्थी)हो सकता है, मास्टरमाइंड नहीं है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राजद के सत्ता में रहने पर 2017 में बिहार स्टाफ सेलेक्शन कमीशन में भर्ती घोटाला सामने आया था। इसके किंगपिन रामाशीष राय थे। परीक्षा घोटाला, भर्ती घोटाला, मेधा घोटाला, सिपाही भर्ती घोटाला, पशुपालन घोटाला, अलकतरा घोटाला सभी इनके सत्ता में रहने पर ही हुआ। पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य, नगर विकास और स्वास्थ्य विभाग के पूरे सिस्टम को धराशायी कर दिया। कार्य की गुणवत्ता और पारदर्शिता से इन्हें कोई सरोकार नहीं था। केवल भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी की व्यवस्था बनी थी। वर्तमान सरकार इन मामलों में सख्ती से निपटेगी।
Jun 24 2024, 10:21