भाई ने ही खत्म कर दिया अपने भाई का पूरा परिवार
अयाज़ अहमद
सीतापुर। रामपुर मथुरा के पाल्हापुर गांव में हुए जघन्य हत्याकांड का पुलिस ने गुरुवार को खुलासा कर दिया। छोटे भाई ने अपने बड़े भाई, अपनी मां, भाभी और दो भतीजियों और एक भतीजे की हत्या की थी। आईजी तरुण गाबा ने पुलिस लाइन में इस घटना का खुलासा किया। घटना का खुलासा करते हुए आईजी तरुण गाबा ने बताया कि 12 मई को सुबह पुलिस को सभी मृतकों की पी0एम0 रिपोर्ट प्राप्त हुई, जिसमें 03 मृतकों (अनुराग सिंह, उनकी पत्नी प्रियंका सिंह, पुत्री आर्ना सिंह ) को फायर आर्म इंजरी तथा सभी 06 मृतकों के कन्ट्यूजन व अब्रेजन के निशान चेहरे व अन्य शरीर के भागों से पाये गये। विभिन्न शवों पर इसके अतिरिक्त भी कतिपय चोट के निशान पाये गये।
अनुराग सिंह की पी0एम0 रिपोर्ट से यह जानकारी हुई कि अनुराग सिंह के सिर में 02 गोलियां लगी हैं व सिर पर हथौड़े का वार भी है । पी0एम0 रिपोर्ट के गहराई से अध्ययन से यह ज्ञात हुआ कि अनुराग सिंह, जिसके द्वारा सभी की हत्या करते हुए स्वयं आत्महत्या करना अजीत सिंह के द्वारा बताया गया था, उसके सिर में 02 गोलियां पाया जाना इंगित करता है कि उसकी हत्या की गयी है । पी0एम0 रिपोर्ट से उपरोक्त जानकारी होने पर थाना रामपुर मथुरा पुलिस, एस0ओ0जी0 टीम व एस0टी0एफ0 की टीम के द्वारा अजीत सिंह, उसकी पत्नी विभा सिंह व गांव के अन्य व्यक्तियों से पूछताछ की प्रक्रिया प्रारम्भ की गयी ।
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पूछताछ के क्रम में सभी प्रकार के साक्ष्यों, सभी सम्बन्धित व्यक्तियों की सीडीआर तथा पी0एम0 रिपोर्ट के आधार पर अजीत सिंह से गहराई से पूछताछ की गयी, जिसमें उसके द्वारा स्वयं सम्पूर्ण घटना कारित करना तथा पुलिस व मीडिया को गुमराह करके सबूतों से छेड़छाड़ करते हुए घटना को हत्या/आत्महत्या का रूप देना स्वीकार किया गया है । उन्होंने बताया कि अजीत सिंह (जो पेशे से प्राइमरी अध्यापक है) पुत्र स्व. वीरेन्द्र सिंह निवासी पाल्हापुर ने पुलिस टीम को बताया गया कि दिनांक 10/11.05.2024 की रात्रि समय करीब 03 से 04 बजे के बीच उसके भाई अनुराग सिंह उम्र 45 वर्ष पुत्र स्व.वीरेन्द्र सिंह द्वारा हथौड़े व अवैध असलहे से अपनी मां सावित्री सिंह उम्र 62 वर्ष, पत्नी प्रियंका सिंह उम्र 40 वर्ष, पुत्री आर्ना सिंह उम्र 12 वर्ष, आश्वी सिंह उम्र 10 वर्ष व पुत्र आद्विक सिंह उम्र 05 वर्ष की हत्या कर दी गयी है। उसने बताया कि मृतक अनुराग सिंह के नशे के आदी होने व उसकी लत के कारण पति-पत्नी में पारिवारिक विवाद हुआ, जिसके क्रम में अनुराग सिंह द्वारा उक्त घटना को अंजाम दिया गया ।
अजीत सिंह ने यह भी बताया कि वह स्वयं की सुरक्षा हेतु स्वयं को अपने कमरे में बन्द कर लिया। अजीत सिंह द्वारा दी गयी तहरीरी सूचना के आधार पर मु0अ0सं0 196/2024 धारा 302 भा0द0वि0 मृतक अनुराग सिंह उपरोक्त के विरुद्ध थाना रामपुरमथुरा पर पंजीकृत किया गया था। अजीत सिंह ने पूछताछ में बताया कि उसके पिता वीरेन्द्र सिंह का लगभग 01 वर्ष पूर्व निधन होने के पश्चात उसकी तथा उसके भाई अनुराग सिंह के बीच पैसे व जमीन को लेकर कहासुनी, वाद-विवाद होने लगा ।
अनुराग सिंह, जो एक पढ़ा-लिखा युवक होने के बावजूद लगातार शराब के सेवन का आदी था, जिसके कारण अजीत सिंह स्वयं को समाज में अपमानित महसूस करता था। अजीत सिंह के पिता के द्वारा के0सी0सी0 लोन की कुल 24 लाख की रकम बकाया थी, जिसका भुगतान करने से पूर्व ही अजीत सिंह के पिता की मृत्यु हो गयी । अजीत सिंह के अनुसार लोन की रकम कौन चुकायेगा, इस बात को लेकर अजीत सिंह व अनुराग सिंह तथा अनुराग सिंह की पत्नी प्रियंका सिंह के बीच कई बार वाद-विवाद हुआ । अनुराग सिंह के द्वारा गर्मी के अंत में तरबूज की फसल की बिक्री के बाद अपने हिस्से का लोन चुकाने का वादा किया गया था ।
दिनांक 10.05.2024 की शाम को अजीत सिंह अपने गांव पाल्हापुर आया जहां उसकी मां सावित्री सिंह व भाभी प्रियंका सिंह द्वारा उसे बताया गया कि वह (अनुराग सिंह) लोन चुकाने में असमर्थ है । इस बात पर अजीत सिंह गुस्से से भर गया । उसने शाम के समय घर में बनी खिचड़ी में नींद की 04-05 गोलियां मिला दीं और सभी के सोने का इंतजार करने लगा । अजीत सिंह के द्वारा बताया गया कि उसका उद्देश्य अपने भाई व भाभी की हत्या करना था । मां व बच्चों को केवल नींद की गोली देकर सुलाना चाहता था । तत्पश्चात् अजीत सिंह को पता चला कि परिवार के सभी लोग बाहर से खाना खाकर आये हैं और किसी के द्वारा भी उस खिचड़ी को नहीं खाया गया।
अजीत सिंह प्रथम तल पर बने अपने कमरे में जाकर लेट गया। रात्रि 02.00 बजे के पश्चात् अजीत सिंह के द्वारा प्रथम तल पर बने प्रियंका सिंह व बच्चों के कमरे का बिजली का मेन पावर स्विच ऑफ कर दिया गया, जिससे गर्मी के कारण प्रियंका सिंह कमरे से बाहर आ गयी, जहां अजीत सिंह ने उसकी हत्या कर दी। तत्पश्चात् गोली की आवाज सुनकर जगने के कारण मां की हत्या की गयी। फिर अनुराग सिंह के कमरे में उसकी हत्या की गयी तत्पश्चात् अजीत सिंह ने बड़ी लड़की आर्ना सिंह को साथ ले जाकर यह समझाने की कोशिश की कि उसके पिता द्वारा मां व पत्नी की हत्या कर स्वयं आत्महत्या की है, किन्तु बड़ी लड़की आर्ना सिंह नहीं मानी और चिल्लाने लगी। अन्य दोनों बच्चे भी चिल्लाने लगे। अतः अजीत सिंह द्वारा तीनों को बारी-बारी ले जाकर छत से फेंक दिया गया। फिर नीचे आकर उनके तब तक जिन्दा होने के कारण पुनः हत्या का प्रयास किया गया। इसके पश्चात उसके द्वारा फोन करके अपनी पत्नी, अपने अन्य रिश्तेदारों व गांव के अन्य व्यक्तियों को अपनी बनायी हुई कहानी बतायी गयी। यह सभी फोन कॉल प्रातः 04.15 बजे से 05.00 बजे के बीच की गयी। लगभग 05.00 बजे अजीत सिंह के पड़ोस में रहने वाली ताई के चिल्लाने पर गांव के लोग बड़ी संख्या में धीरे-धीरे एकत्र हो गये । अजीत सिंह के रिश्तेदार मौके पर पहुंच गये। उनके द्वारा देखा गया कि 02 बच्चों की मृत्यु तब तक नहीं हुई थी और उनके शरीर में कुछ हरकत बाकी थी।
अतः ग्रामीणों द्वारा दोनों बच्चों को अनुराग सिंह की कार द्वारा महमूदाबाद ले जाया गया, जहां पहुंचकर एक बच्चे की मृत्यु हो गयी व एक बच्चे को ट्रामा सेंटर लखनऊ भेजा गया, जहां पहुंचने से पहले उसकी भी मृत्यु हो गयी । यह प्रकाश में आया है कि अजीत सिंह के द्वारा गाड़ी की चाभी देने में भी काफी समय व्यतीत किया गया। घटना अकेले अजीत सिंह द्वारा कारित की गयी। घर में किसी भी प्रकार की अन्य आमद के साक्ष्य अभी तक की जांच में उपलब्ध नहीं हैं। सी0डी0आर0 एनालिसिस से ज्ञात हुआ कि घटना के समय अजीत सिंह की पत्नी, साला, ससुर, बहन, बहनोई, ताई के दोनों लड़के व अन्य प्रमुख रिश्तेदार अपने-अपने घरों पर मौजूद थे, जिससे घटना में उनकी संलिप्तता का साक्ष्य नहीं मिला। मौके पर भी ऐसा कोई अन्य मोबाइल नम्बर एक्टिव नहीं पाया गया, जो संदिग्ध हो। अनुराग सिंह वर्ष 2023 में एक महीने नशा मुक्ति केन्द्र तथा वर्ष 2024 में एक दिन के लिये नशा मुक्ति केन्द्र लखनऊ में रहा।
के0सी0सी0 का लोन भी शेष होना पाया गया, जिससे अजीत सिंह के द्वारा उक्त अपराध कारित करने का कारण स्पष्ट होता है। मौके पर पुलिस टीम द्वारा क्राइम सीन रिक्रिएशन भी किया गया, जिससे अजीत सिंह के बयानों की सत्यता परखी गयी, जो प्रथमदृष्टया सही पायी गई। साक्ष्य संकलन के क्रम में विभिन्न व्यक्तियों के रक्त का नमूना, डी0एन0ए0 नमूना, फिंगर प्रिन्ट संकलित किया गया । हत्या में प्रयुक्त हथियार (आला कत्ल) भी संकलित किया गया, जिसका एफ0एस0एल0 परीक्षण होने के पश्चात प्राप्त एफ0एस0एल0 रिपोर्ट विवेचना में सम्मिलित की जायेगी । विवेचना क्रम में अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर जांच प्रचलित है । भविष्य में प्राप्त होने वाले अन्य तथ्यों के आधार पर सभी बिन्दुओं पर गहराई से जांच की जायेगी।


ग्रामीणों ने बताया कि अनिल कुमार शराब पीने का आदी है और अक्सर शराब के नशे में घर वालों से लड़ाई झगड़ा करता रहता है। अटरिया थाना प्रभारी रोहित दुबे ने बताया कि युवक शराब के नशे में था। आपसी विवाद में पत्नी पर फरसे से प्रहार किया है महिला की हालत गंभीर है। युवक को सुबह धारदार हथियार के गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी के खिलाफ धारा 307, 326 सहित अन्य संगीन धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर जेल भेज दिया है।
वहीं बस में बैठे रूपेश 20 पुत्र मोहित निवासी टेढीघाट थाना पुरंदरपुर जिला महराजगंज घायल हो गया। इन लोगों को पुलिस ने तुरंत अपनी गाड़ी से सीएचसी कसमंडा पहुंचाया। जहां रानी को डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया। बाकियों का इलाज सीएचसी कसमंडा पर किया गया। थाना प्रभारी कृष्ण बली सिंह ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
रामपुर मथुरा थाना इलाके के पाल्हापुर गांव के रहने वाले अनुराग सिंह (42) मानसिक रूप से परेशान था। उसके नशा करने की बात भी कही जा रही है। उसने शनिवार की सुबह अपनी मां सावित्री (65) को गोली मार दी। बाद में पत्नी प्रियंका (40) पर हथौड़े से कई प्रहार कर उसे मौत की नींद सुला दिया। जबकि बेटी अश्विनी (12), छोटी बेटी अश्वी (10) और बेटे आदनिक (6) को छत से नीचे फेंक दिया। इसके बाद अनुराग ने खुद को भी गोली से उड़ा लिया। सभी छह लोगों की मौत हो गई है। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है।
उन्होंने कहा कि स्वीप आयोजन के अन्तर्गत ऐसे आयोजन किये जायें, जिसमें महिलाओं की भागीदारी हो और महिलाएं मतदान के प्रति जागरूक हों, क्यों कि हमें महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत बढ़ाना है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर विशेष निगरानी रखी जाये।
मंडलायुक्त और आईजी ने आरएमपी इण्टर कालेज में पोलिंग पार्टियों के रवानगी स्थल पहुंचकर प्रशासन द्वारा की गयी तैयारियों की समीक्षा करते हुये रूट मैप चार्ट पर गहनता से अवलोकन किया। एटीसी के निरीक्षण के दौरान मतगणना स्थल की व्यवस्थाओं को देखा एवं निर्देश दिये कि सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध रहें, यह सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि सीसीटीवी कैमरे 24×7 संचालित रहें, कोई भी कैमरा बन्द न हो। हर स्थानों पर साईनेज बोर्ड अवश्य लगाये जायें ताकि आवागमन में कोई परेशानी उत्पन्न न होने पाये। मोबाइल फोन व अन्य इलेक्ट्रानिक डिवाइस का पूर्ण रूप से मतदान एवं मतगणना स्थल पर प्रतिबन्धित रहेगा।
मुख्य विकास अधिकारी निधि बंसल ने प्रतियोगिता का आयोजन उसके उद्देश्य पर चर्चा की गई तथा चुनाव में नारी शक्ति की महत्ता को रेखांकित किया गया। कार्यक्रम में जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी आदि उपस्थित रहे। शटल दौड़ प्रतियोगिता में बेसिक शिक्षा विभाग की आरती प्रजापति, अपूर्वा पांडे, शगुफ्ता इकबाल, रचना पांडे, प्रतिभा यादव प्रथम स्थान पर रहीं। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की कल्पना मिश्रा, रंजन टंडन, नीतू भार्गव, सारिका सेठ, पूनम कनौजिया द्वितीय स्थान तथा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एनआरएलएम की कुसुम लता, अर्चना, राजकुमारी, कंचन मिश्रा, रेखा तृतीय स्थान पर रहीं। पासिंग द बॉल प्रतियोगिता में बेसिक शिक्षा विभाग की वंदना तिवारी, रंजन मिश्रा, शैली सिंह, अर्चना, संगीता, प्रिया पांडे, अस्मिता सिंह, बबीता दुबे, इति श्रीवास्तव, सोनल वर्मा प्रथम रहीं। द्वितीय स्थान पर एनआरएलएम की विनम देवी, ललित गुप्ता, रेखा, संगीता यादव, वैशाली देवी, सुनीता देवी, रीना देवी, सरिता, शारदा, नेहा पांडे द्वितीय स्थान पर रहीं। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की रंजना टंडन, सारिका सेठ, कल्पना मिश्रा, पूनम कनौजिया, नीतू भार्गव, सुमन कुमारी, पट्टू कुमारी, नर्मदा अवस्थी, राम, नीलम पांडे तृतीय रही।
हॉकी ड्रिबलिंग प्रतियोगिता में जूही उपाध्याय, प्रीति पांडे, प्रीती बारी, शुची सिंह, मोनिका गुप्ता प्रथम रही व एनआरएलएम की अदीब, भानु, सरस्वती, रेनू वर्मा, सरिता, प्रिया सिंह द्वितीय रही तथा बाल विकास एवं पुष्टाहार की पूनम राजवंशी, शोभा देवी, अरुण लता, नीलम पांडे, शशि विजय तृतीय रही। मेकअप प्रतियोगिता में बाल विकास परियोजना की कल्पना मिश्रा, नीतू भार्गव, रंजना टंडन, पूनम कनौजिया, सारिका सेठ प्रथम एनआरएलएम की अंजनी राजवंशी, प्रिया तिवारी, अंजली देवी, पूजा, विनीता द्वितीय रही तथा बेसिक शिक्षा विभाग की प्राची सिंह चौहान, रूपाली, धवन, श्रुति पांडे, अवंतिका गुप्ता, कल्पना वर्मा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया म्यूजिकल चेयर प्रतियोगिता में बेसिक शिक्षा विभाग की शुची मिश्रा प्रथम अपर्णा परदेसी द्वितीय एनआरएलएम की पम्मी देवी तृतीय रहीं। प्रतियोगिता में प्रमोद दीक्षित, लौंग श्री यादव, प्रदीप तिवारी, चंद्रभूषण, प्रदीप वर्मा, अंकिता सिंह, धीरेन्द्र, संतोष, जय प्रताप, पंकज आदि ने सराहनीय सहयोग प्रदान किया।
खास बात ये है कि भाजपा, बसपा और गठबंधन प्रत्याशी पहले एक पार्टी में साथ रह चुके हैं। कई कार्यक्रमों में तीनों ने मंच भी साझा किए हैं, लेकिन अब चुनावी मैदान में एकदूसरे के सामने चुनौती पेश कर रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी कुछ ऐसा ही संयोग देखने को मिला था कि भाजपा के प्रत्याशी राजेश वर्मा, कांग्रेस की प्रत्याशी क़ैसर जहां और गठबंधन के प्रत्याशी नकुल दुबे एक ही पार्टी बसपा में कभी साथ थे।पूर्व विधायक महेंद्र यादव की बग़ावत की एक वजह ये भी मानी जा रही है कि 2017 का चुनाव जीतने के बाद बिसवां से महेंद्र यादव को दुबारा विधानसभा का टिकट नहीं दिया गया। एक तथाकथित अश्लील फोटो वायरल होने के बाद उनकी जगह निर्मल वर्मा को प्रत्याशी बनाया गया। उसके बाद भी वह भाजपा में रहकर पार्टी के लिए काम करते रहे। उन्हें आशा थी कि पार्टी उन्हें लोकसभा के चुनाव में मौक़ा देगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। ऐसे में उन्होंने विकल्प तलाशा और बसपाई हो गए।दूसरी तरफ़ सदर से भाजपा से 2017 में जीते राकेश राठौर ने क़रीब सालभर में ही अपनी ही पार्टी के ख़िलाफ़ बग़ावत कर दी और पार्टी की बैठकों और कार्यक्रमों से दूरी बना ली। पांच साल विधायकी के गुज़ार कर वह सपा की साईकल पर सवार हुए और 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए दावेदारी पेश की, लेकिन बात बन नहीं पाई। उसके बाद नगरपालिका चुनाव लड़ने की इच्छा जताई, लेकिन दोनों ही चुनावों में राधेश्याम जायसवाल उनके रास्ते में आ गए। ऐसे में नाराज़ राकेश राठौर ने अपनी पत्नी को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतार दिया। वह चुनाव जीत तो नहीं पाए, लेकिन राधेश्याम जायसवाल के मुस्लिम वोट बैंक में सेंध ज़रूर लगा दी। नतीजा ये हुआ कि भाजपा उम्मीदवार नेहा अवस्थी ने क़रीबी अंतर से चुनाव जीत लिया। आख़िर में देखा जाए तो कुल मिलाकर दो बाग़ी पूर्व विधायकों ने मौजूदा सांसद के सामने अपनी ज़रूर चुनौती पेश कर दी है।
Jun 21 2024, 16:27
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