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हल्बा हल्बी आदिवासी समाज के स्थापना दिवस पर रक्तदान शिविर आयोजित

रायपुर- डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय स्थित मॉडल ब्लड बैंक सेंटर एवं अखिल भारतीय हल्बा हल्बी आदिवासी समाज के द्वारा 84वें स्थापना दिवस एवं प्रतिभा सम्मान समारोह के उपलक्ष्य में जरूरतमंद मरीजों के लिए ग्राम पिनकापार तह देवरी जिला बालोद में विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस रक्तदान शिविर में 44 यूनिट रक्त संग्रह किया गया। इस रक्तदान शिविर की एक खास बात यह रही कि इसमें पिता और बेटी द्वारा एक साथ रक्तदान किया गया। यह अन्य लोगों के लिए बेहद प्रेरणादायक पहल रहा जिसकी सभी लोगों ने सराहना की।

अखिल भारतीय हल्बा हल्बी आदिवासी समाज की तरफ से कैंप का कार्यभार घनश्याम धलेंद्र ने संभाला। मॉडल ब्लड बैंक के इंचार्ज डॉ. विजय कापसे के मार्गदर्शन में एवं डॉ. अविरल मिश्रा के सहयोग से यह रक्तदान कार्यक्रम संपन्न हुआ।

रक्तदान शिविर की टीम में डॉ. रविन्द्र , डॉ. रविशंकर, गिरीश, झूल सिंह, मनोज दास, शोभाराम साहू, राकेश बंजारे एवं राकेश शर्मा शामिल थे। सभी के विशेष सहयोग से रक्तदान शिविर का सफल आयोजन किया गया।

ईज डूइंग बिजनेस के तहत ई-वे बिल से संबंधित पूर्व अधिसूचना कोयथावत रखा जाए : अमर पारवानी

रायपुर-   छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि आज चेम्बर का प्रतिनिधि मंडल चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी के नेतृत्व में माननीय मो. अबु समा जी (आई.आर.एस), कमिश्नर, सेन्ट्रल टैक्स, रायपुर से मिलकर चेंबर द्वारा पत्र के माध्यम से ईज डूइंग बिजनेस के तहत ई-वे बिल से संबंधित पूर्व अधिसूचना क्रमांक क्रमांक 10-31/2018/वाक/पांच(46) को यथावत रखने हेतु निवेदन किया।

जिस पर मो. अबु समा जी (आई.आर.एस), कमिश्नर, सेन्ट्रल टैक्स, रायपुर ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए उचित कदम उठाने की बात कही। चेंबर प्रदेश अध्यक्ष अमर परवानी जी ने बताया कि ईज डूइंग बिजनेस के तहत ई-वे बिल से संबंधित पूर्व अधिसूचना को यथावत रखने चेंबर ने पत्र के माध्यम से कमिश्नर, सेन्ट्रल टैक्स, रायपुर को ज्ञापन सौंपा।

पारवानी ने कहा कि वर्तमान मे दिनाँक 24 मई 2024 को जारी अधिसूचना क्रमांक 202 के कारण ई- वे बिल की संख्या एवं अनुपालन से संबंधित जटिलताएं बढ़ जाएगी , जिससे इज ऑफ डूइंग बिजनेस के उद्देश्य को क्षति भी होगी। उन्होंने कमिश्नर, सेन्ट्रल टैक्स, रायपुर से आग्रह किया कि दिनाँक 24 मई 2024 को जारी अधिसूचना पर पुनः विचार करते हुए पूर्व मे जारी अधिसूचना को यथावत रखा जावे। इस अवसर पर चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, उपाध्यक्ष-नरेंद्र हरचंदानी, टी. निवास रेड्डी, जय नानवानी, मंत्री-शंकर बजाज, नीलेश मुंधड़ा, गोल्डी लुनिया एवं चेम्बर टेक्नीकल टीम के सदस्य सी.ए.मुकेश मोटवानी प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

*चावल वितरण में लापरवाही हुई तो होगी सख्त कार्रवाई: खाद्य मंत्री दयालदास बघेल

रायपुर-  गरीबों के हक का चावल उन तक पहुंचाना सरकार की सबसे पहली प्राथमिकता है। वितरण में लापरवाही अथवा खराब चावल के वितरण की सूचना मिली तो, संबंधित खाद्य अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आज नवा रायपुर में खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल ने समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। इस अवसर पर खाद्य विभाग के सचिव बसवराजू एस., संचालक जितेन्द्र कुमार शुक्ला, विशेष सचिव के.डी. कुंजाम, अपर संचालक राजीव कुमार जायसवाल, जिला स्तरीय खाद्य अधिकारी, सहायक खाद्य अधिकारी, विपणन अधिकारी और नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी उपस्थित थे।

खाद्य मंत्री श्री बघेल ने अधिकारियों को कड़ी हिदायत देते हुए कहा कि उचित मूल्य दुकान के माध्यम से लोगों तक प्रत्येक माह समय पर राशन वितरण कराना सुनिश्चित करें। किसी भी खाद्य अधिकारी के संबंध में शिकायत मिलती है तो उनके विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने सभी पंजीकृत श्रमिकों का शत्-प्रतिशत भी राशन कार्ड बनाने के लिए कहा है और खाद्य अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र के दुकानोें का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान उचित मूल्य दुकानों में चावल, चना, शक्कर, नमक, केरोसिन भंडारण की स्थिति, हितग्राहियों को वितरण की स्थिति, स्टॉक पंजी सहित अन्य जानकारी का अवलोकन करने के लिए कहा है।

खाद्य मंत्री ने कहा कि गरीबों का हक का चावल उन्हें ही मिलना चाहिए। इसमें किसी भी तरह की कटौती एवं लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। चावल वितरण के संबंध में शिकायत मिलने पर खाद्य अधिकारी एवं सहायक खाद्य अधिकारी के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। चावल की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखें। किसी भी स्थिति में खराब चावल का वितरण नहीं करेंगे।

खाद्य मंत्री ने बरसात से पूर्व पहुंचविहीन क्षेत्रों में राशन सामग्रियों को अग्रिम भंडारण करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश के ऐसे स्थानों जहां वर्षो ऋतु के दौरान आवागमन मार्ग अवरूद्ध हो जाते है वहां खाद्य़ान्न शक्कर, नमक तथा केरोसिन उपभोक्ताओं को सुलभ उपलब्ध कराने की दृष्टि से वर्षा ऋतु के पूर्व अग्रिम भण्डारण किया जाता है।

खाद्य सचिव बसवराजू एस. ने खाद्य अधिकारियों को विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों का प्राथमिकता से राशन कार्ड बनाने के निर्देश दिए है। उन्होंने इसके लिए ग्राम पंचायत वार छूटे हुए सभी हितग्राहियों का चिन्हांकन कर परिवार के सदस्यों को भी राशन कार्ड में नाम दर्ज करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि जिन राशनकार्ड हितग्राहियों ने अपना कार्ड नवीनीकरण नहीं किया है। वे शीघ्र नवीनीकरण का कार्य करवा लें औार छुटे हुए हितग्राहियों का ई-केवायसी करवाने का निर्देश दिया। सार्वजनिक वितरण प्राणाली के अंतर्गत आधार प्रामाणीकरण आधारित राशन सामग्री के वितरण व्यवस्था के लिए राशन कार्डाें में मुखिया एवं सदस्यों के आधार नबंर प्राप्त कर राशन कार्ड डेटाबेस में सीडिंग का कार्य किया जा रहा है। जिन धान खरीद्रों केन्द्रों से धान का उठाव नहीं हुआ है वहां से उन्होंने शीघ्र धान का उठान करवाने के निर्देश दिए है। राज्य में 77 लाख 11 हजार 537 राशन कार्डधारी हितग्राही हैं, उचित मूल्य दुकानों की संख्या 13 हजार 789, पहुंचविहीन दुकानों की संख्या 184 है।

समीक्षा बैठक में माह जून में पीडीएस सामग्री का भण्डारण, पहुंचविहीन दुकानों में पीडीएस का भण्डारण, दुकानों में बचत स्टॉक की वसूली, बचत स्टॉक की वसूली, बचत चावल के स्टॉक की वसूली, पंजीकृत श्रमिकों को राशनकार्ड जारी करना, विशेष पिछड़ी जनजाति को राशनकार्ड जारी करना, ई-केवायसी की अघतन जानकारी, नियद नेल्लानार योजना का क्रियान्वयन, उचित मूल्य दुकानों का मासिक निरीक्षण, दुकानों को कमीशन का भुगतान, कॉल सेंटर में दर्ज शिकायतों का निराकरण, न्यायालय में लंबित प्रकरणों में जवाबदावा की स्थिति, राशनकार्ड का नवीनीकरण, खरीफ विपणन वर्ष के चावल उपार्जन की स्थिति, उपार्जन केन्द्रों से धान उठाव की स्थिति, खरीफ विपणन वर्ष में समिति लेखा-मिलान की स्थिति एवं अन्य विभागीय योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की ।

बलौदाबाजार हिंसा मामले में कांग्रेस ने की जांच, सरकार को ठहराया जिम्मेदार, कहा- निर्दोष पर न करें कार्रवाई वरना समाज के साथ पार्टी बैठेगी धरने

बलौदाबाजार-   छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में हुई हिंसक घटना के बाद कांग्रेस कमेटी ने जांच दल गठित की है. आज गुरुवार को कांग्रेस की टीम ने घटना स्थल पर पहुंच कर मामले की जांच की जिसके बाद उन्होंने प्रेस वार्ता कर पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान शिव डहरिया ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के शासन काल में इस तरह की घटनाएं होती हैं. पुलिस पूरी तरह फैल साबित हुई है.

समाज के साथ धरने पर बैठेगी कांग्रेस

कांग्रेस नेता शिव डहरिया ने भाजपा सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा, कि उनका इटेलिजेंस क्या कर रहा था ? भाजपा के भी लोग मंच पर थे, उनपर कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है ? इसके साथ ही डहरिया ने कहा कि दोषी जो भी हो बख्शा नहीं जाना चाहिए, पर पुलिस निर्दोष पर कार्यवाही न करें वरना समाज के साथ कांग्रेस धरने पर बैठेगी.

बता दें आज कांग्रेस की 7 सदस्यीय जांच दल आज सुबह गिरौदपुरी धाम पहुंची. वहां पूजा अर्चन करने के बाद ग्राम महकोनी स्थित अमर गुफा गई. जहां जैतखाम काटे जाने और जैतखाम का अपमान किए जाने की जांच की. इसके बाद जांच दल बलौदा बाजार कलेक्ट्रेट परिसर पहुंची और बलौदा बाजार में हुई हिंसा घटना और आगजनी का निरीक्षण कर नुकसान का जायजा लिया. इसके बाद कांग्रेस ने प्रेस कांफ्रेस कर मीडिया से बातचीत की.

शिव डहरिया ने आगे कहा. कि दरअसल इस पूरे विवाद की शुरुआत 15-16 मई को महकोनी स्थित अमरगुफा से हुई है, जहां जैतखाम को नुकसान पहुंचाए जाने से सतनामी समाज अक्रोशित था. सतनामी समाज लगातार कार्यवाही की मांग कर रहा था. संतोष जनक कार्रवाई नहीं होने के कारण समाज में आक्रोश फैल गया और समाज के लोगों ने उग्र प्रदर्शन करने की चेतावनी के साथ जिला प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा. कहीं ना कहीं प्रशासन ने इस पूरे मामले में गंभीरता नहीं दिखाई और यही एक बड़ी वजह रही कि बलौदा बाजार में इतनी बड़ी हिंसक और आगजनी की घटना हुई.

बता दें, 10 जून को बलौदाबाजार में भयानक हिंसक घटना हुई जिसमें उपद्रवियों ने कलेक्ट्रेट परिसर में रखी सभी गाड़ियों में आग लगा कर खाक कर दिया. इतना ही नहीं भयानक आगजनी में पूरी सरकारी बिल्डिंग भी धूं-धूं कर जल गईं. हालांकि इस घटना के ठीक कुछ घंटों पहले ही उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने मामले की न्यायिक की घोषणा की थी. लेकिन इस हिंसक घटना को पूरे तैयारी के साथ बड़ी संख्या में आक्रोशित लोगों ने अंजाम दिया

पुलिस प्रशासन फेल : शिव डहरिया

वहीं कांग्रेस ने आज पीसी में कहा कि इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस प्रशासन का इंटेलिजेंस पूरी तरीके से फेल नजर आया. जानकारी होने के बावजूद पुलिस प्रशासन के तरफ से आंदोलनकारी को रोकने के लिए ना तो पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात की गई और न ही आंदोलन स्थल पर पेट्रोल बम, पत्थर, लाठी और डंडा से लैस लोगों के खिलाफ कोई एक्शन लिया गया. फलस्वरुप अक्रोशित जन सैलाब बेरिकेटिंग तोड़कर कलेक्ट्रेट कार्यालय तक पहुंची और वहां पर तोड़फोड़ के साथ ही आगजनी की घटना को अंजाम दिया.

पहले ही जांच कमेटी गठित कर दी जाती तो यह घटना नहीं होती : शिव डहरिया

मामले में जांच कमेटी के संयोजक शिव डहरिया ने घटना के लिए भाजपा की सरकार और प्रशासन को जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि अगर पहले ही जांच कमेटी गठित कर दी जाती तो यह घटना नहीं होती. इस दौरान उन्होंने बलौदा बाजार में हुई हिंसक घटना और आगजनी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया.

वहीं भीम आर्मी, भीम रेजिमेंट और भीम क्रांतिवीर के इस घटना में शामिल होने के सवाल पर शिव डहरिया ने कहा कि मामले में जो दोषी हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, लेकिन बेगुनाहों को ना पकड़ा जाए और उन्हें ना सताया जाए.

चिरमिरी में 240 सीटों के शासकीय पालिटेक्निक कालेज को मंजूरी, पालीटेक्निक में माइनिंग इंजीनियरिंग समेत डिप्लोमा के चार कोर्स होंगे संचालित

रायपुर-  आल इंडिया काउंसिल फार टेक्निकल एजुकेशन ने मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले में 240 सीटों के शासकीय पालिटेक्निक कालेज की स्थापना को मंजूरी दी है। यह पालिटेक्निक कालेज शैक्षणिक सत्र 2024-25 से संचालित होगा और इसकी स्थापना चिरमिरी में होगी। नवीन शासकीय पालिटेक्निक कालेज में सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए 60 सीट, जिओग्राफिक इंफार्मेशन सिस्टम (जीआईएस) एवं ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) में डिप्लोमा के लिए 60 सीट, मेकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए 60 सीट तथा माइनिंग इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए 60 सीटों का प्रावधान है। ये पालिटेक्निक कालेज छत्तीसगढ़ के स्वामी विवेकानंद टेक्निकल यूनिवर्सिटी, भिलाई से संबद्ध होगा।

मुख्यमंत्री ने कृषि एवं उद्यानिकी विभाग की समीक्षा की

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेश में विकास की गति को तेज करने आज विभागवार समीक्षा बैठकों का सिलसिला शुरू किया। बैठकों की शुरूआत अन्नदाताओं से जुड़े कृषि और उद्यानिकी विभाग की समीक्षा से हुई। बैठक में कृषि विकास, किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी मंत्री रामविचार नेताम भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय लंबे समय तक खेती-किसानी से जुड़े रहे हैं। उन्होंने जमीनी स्तर पर खेती-किसानी का कार्य किया है और इससे अपने परिवार का भरण-पोषण भी किया है। खेती-किसानी में उनके वृहद अनुभव की झलक समीक्षा बैठक में दिए गए निर्देशों में स्पष्ट रूप से सामने आयी। अपने खेती-किसानी के अनुभव साझा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि एक बार पहले जब उन्होंने डीएपी खाद की मांग की थी, तब उन्हें दूसरी खाद मिली, खाद के बोरे में डीएपी की मार्किंग थी, लेकिन बोरे में दूसरी खाद थी, हमारे किसान भाईयों के साथ यह न हो, यह सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता खेती-किसानी की बेहतरी को लेकर है। अतः किसानों को खेती-किसानी में सहुलियतें प्रदान करने के लिए खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। भण्डारण और वितरण की स्थिति की लगातार निगरानी की जाए। किसानों को खाद-बीज के वितरण के समय इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए कि किसानों को उनकी मांग के अनुरूप खाद और बीज मिले।

मुख्यमंत्री श्री साय ने किसानों की ज्यादा आमदनी के लिए प्रदेश में सुगंधित और महीन धान की किस्मों को ढूंढ कर इनके उत्पादन के लिए पूरे प्रदेश के किसानों को जागरूक करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में सुगंधित धान की लगभग 200 किस्में हैं। इनकी बाजार में अच्छी मांग है। इन किस्मों का विदेशों में निर्यात भी किया जा सकेगा। इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी।

उन्होंने उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के निर्देश देते हुए कहा कि जशपुर जिले में आम, लीची, कटहल का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। चाय का उत्पादन भी प्रारंभ हुआ है। इनके प्रसंस्करण इकाई की स्थापना भी की जाए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि खरीफ का सीजन आ गया है। मानसून भी इस वर्ष पहले आने की संभावना है। मानसून आते ही खेती-किसानी का कार्य तेज गति से शुरू हो जाएगा। अधिकारी खरीफ मौसम के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर लें। उन्होंने कहा कि खाद्य बीज का वितरण किसानों को मांग के अनुरूप दिया जाए। साथ ही वितरण का नियमित रूप से मॉनिटरिंग हो। मुख्यमंत्री श्री साय ने किसानों को जैविक खेती, आधुनिक खेती से जोड़ने तथा किसानों के लिए कृषि उपकरणों की उपलब्धता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि क्लस्टर बनाकर कृषि यंत्र थ्रेसर और हार्वेस्टर आदि कृषि उपकरण उपलब्ध कराए जाएं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने खेती-किसानी में टेक्नालॉजी के प्रयोग पर विशेष जोर दिया। अधिकारियों ने इस संबंध में हुए कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के तीन जिलों- महासमुंद, धमतरी और कबीरधाम में जल्द ई-गिरदावरी का कार्य प्रारंभ होगा। इसके लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। राज्य में एग्री स्टैक कार्यक्रम के तहत ई-गिरदावरी के संबंध में बताया कि इसमें किसानों और भू-नक्शों का डिजिटल डाटा बेस तैयार किया जाएगा। किसानों की रजिस्ट्री तथा नक्शों की जियो रिफ्रेंसिंग की जाएगी। इससे जीआईएस डिजिटल फसल सर्वेक्षण का काम मोबाइल एप के माध्यम से किया जाएगा। इससे गिरदावरी का कार्य आसान होगा और उसका डाटा भी तुरन्त योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए उपलब्ध हो जाएगा। छत्तीसगढ़ के तीन जिलों महासमुंद, धमतरी और कबीरधाम में यह कार्यक्रम पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने उद्यानिकी विभाग की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि उद्यानिकी फसलों के प्रति किसानों को जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि फूलों की मांग को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में फूलों की खेती को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने सोयाबीन, सेब, पॉम ऑयल, चाय की खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तर पर प्रोजेक्ट तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि फसल चुनते वक्त क्षेत्र की जलवायु के आधार पर निर्णय लें।

बैठक में जानकारी दी गई कि उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिए ‘सेंटर फॉर एक्सिलेंस’ की स्थापना की जाएगी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रति अधिक से अधिक किसानों को जागरूक करने के उद्देश्य से व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए। इसी तरह प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से जल ग्रहण क्षेत्र विकास को भी बढ़ावा देने पानी को रोेकने स्ट्रक्चर बनाए जाते हैं और आजीविका मूलक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाता है। इस पर अधिकाधिक काम हो। श्री साय ने आदिवासी बहुल जिलों में विश्व बैंक की सहायता से संचालित चिराग परियोजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए। इस योजना में समुदाय और परिवारों का सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण, परिवार के आहार पोषण स्तर में सुधार, भूमि एवं जल संरक्षण आदि के कार्य किए जाते हैं।

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि खरीफ सीजन 2024 के सभी आवश्यक तैयारियां विभाग द्वारा कर ली गई है। राज्य में खाद और बीज की पर्याप्त उपलब्धता है। किसानों की मांग के अनुरूप खाद बीज का भण्डारण किया जा रहा है। खरीफ सीजन 2024 के लिए किसानों द्वारा 544 लाख टन बीज के मांग के अनुरूप 431 लाख टन का भण्डारण कर लिया गया हैं। वहीं 261 लाख टन बीज का वितरण किसानों को किया जा चुका है। जबकि पिछले वर्ष आज की स्थिति में 402 लाख टन बीज का भण्डारण कर 165 लाख टन बीज का वितरण किया गया था।

मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने बताया कि खरीफ सीजन 2024 के लिए उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता है। किसानों के लिए 13.68 लाख मेट्रिक टन खाद की उपलब्धता को लक्ष्य लेकर तैयारी की गई है। इसमें यूरिया 6.50 लाख मेट्रिक टन, डीएपी 3.40 लाख मेट्रिक टन, एसएसपी 2 लाख मेट्रिक टन, एनपीके 1.20 लाख मेट्रिक टन और एनओपी उर्वरक 58 हजार मेट्रिक टन शामिल है। लक्षित रासायनिक खाद के विरूद्ध 10.38 लाख मेट्रिक टन (76 प्रतिशत खाद) का भण्डारण हो चुका है, वहीं 4.98 लाख मेट्रिक टन (36 प्रतिशत) खाद का वितरण किसानों को किया जा चुका है। खाद बीज वितरण की नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने केंद्र और राज्य प्रवर्तित योजनाओं की प्रगति की जानकारी बैठक में अधिकारियों से ली। उन्होंने कृषक उन्नति योजना के तहत किसानों को योजना के तहत दी जाने वाले भुगतान की राशि की जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि योजना में 26 लाख 66 हजार 489 किसान पंजीकृत है। 13 हजार 287 करोड़ रूपए का भुगतान किसानों को हो चुका है। खाता संबंधित त्रुटि के कारण 280 किसानों का लगभग 2 करोड़ रूपए का अंतरण शेष है। जल्द ही इन खातों का केवाईसी कर अंतरण कर लिया जाएगा।

अधिकारियों ने बताया कि सरगुजा के बलरामपुर में मक्का उत्पादन तथा प्रोसेसिंग के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, डॉ. बसवराजु एस., राहुल भगत, कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार सहित संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

नवपदस्थ कलेक्टर श्री क्षीरसागर ने विभिन्न शासकीय कार्यालयों का किया निरीक्षण


उत्तर बस्तर कांकेर, 13 जून 2024/ जिले के नवपदस्थ कलेक्टर श्री नीलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने आज जिला कार्यालय एवं संयुक्त कार्यालय में स्थित विभिन्न कार्यालयों का निरीक्षण किया। इस दौरान कलेक्टर श्री क्षीरसागर ने अपर कलेक्टर एवं कलेक्टोरेट स्टाफ कक्ष, जिला कोषालय कार्यालय, नजूल शाखा, स्थानीय निर्वाचन एवं सामान्य निर्वाचन, भू-अभिलेख शाखा, अभिलेखागार, डायवर्सन शाखा, एसडीएम कार्यालय, जिला आबकारी कार्यालय, खनिज विभाग, आदिवासी विकास विभाग, जिला विपणन अधिकारी, खाद्य अधिकारी, जनसम्पर्क कार्यालय सहित अन्य कार्यालयों का निरीक्षण किया। इसके पश्चात् उन्होंने संयुक्त कार्यालय में स्थित क्रेडा कार्यालय, आधुनिक अभिलेखागार, जिला अंत्यवसायी कार्यालय, पोस्ट ऑफिस, महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला योजना सांख्यिकी, पंजीयन कार्यालय, जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय, व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, नगर निवेश एवं श्रम विभाग के कार्यालय का भी निरीक्षण किया। कलेक्टर ने विभिन्न कार्यालयों के निरीक्षण के दौरान विभागीय कार्यों के बारे में जानकारी ली और कार्यालयीन दस्तावेजों को व्यवस्थित एवं साफ-सफाई रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी स्टाफ नियमित रूप से कार्यालय में अपनी उपस्थिति दें और आम नागरिकों से प्राप्त आवेदनों पर नियमानुसार समय-सीमा में कार्यवाही करें। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री जितेन्द्र कुर्रे सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

*14 जून को रक्तदान शिविर का आयोजन

उत्तर बस्तर कांकेर 13 जून 2024/ कलेक्टर एवं अध्यक्ष श्री नीलेशकुमार महादेव क्षीरसागर के निर्देशन एवं भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी जिला कांकेर के तत्वावधान में 14 जून को मातृ एवं शिशु अस्पताल अलबेलापारा में रक्तदान शिविर आयोजित किया जाएगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अविनाश खरे ने बताया कि रक्तदान करना पुण्य का काम है और आप अनजाने में ही लोगों की जिंदगी बचा लेते हैं। रक्तदान करने से बीमारियों के होने का खतरा भी कम हो जाता है। एक स्वस्थ व्यक्ति हर 3 महीने के अंतराल में रक्तदान कर सकता है। उन्होंने उक्त शिविर में आम नागरिकों, सामाजिक संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं, युवक-युवतियों और कर्मचारियों से अपील करते हुए कहा कि इस पुण्य कार्य में अधिक से अधिक भागीदारी करें, जिससे जरूरतमंद लोगों को आसानी से रक्त उपलब्ध हो सके।

    मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. खरे ने बताया कि देश में हर दिन करीब 12 हजार लोगों की मौत खून न मिलने के कारण से होती है और खून की यह कमी रक्तदान से जुड़ी भ्रांतियों एवं सही जानकारी के अभाव में होती है। भारत शासन के अनुसार हर वर्ष तकरीबन 15 लाख यूनिट ब्लड की आवश्यकता होती है, लेकिन केवल 11 लाख यूनिट ब्लड ही उपलब्ध हो पता है। यानी 4 लाख यूनिट रक्त की कमी हर साल होती है। आपका दिया हुआ एक यूनिट ब्लड तीन लोगों की जान बचा सकता है। रक्तदान करना पूरी तरह सुरक्षित है।

इससे न केवल शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि ब्लड प्रेशर और शरीर का वजन भी नियंत्रित रहता है। रक्तदान से हृदय का कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने का खतरा कम रहता है। कई लोगों में भ्रांति है कि रक्तदान से शरीर में कमजोरी आती है लेकिन यह सही नहीं है। रक्तदान करके हम दूसरों की जान तो बचाते ही हैं। नियमित रक्तदान से खून बनने की प्रक्रिया तेज होती है, अनेक प्रकार के जांच होने से शरीर की स्थिति का पता चलता है।

कौन कर सकता है रक्तदान?

जिसकी उम्र लगभग 18 से 65 के बीच हो, शरीर का वजन 40 किलोग्राम हो और हीमोग्लोबिन कम से कम 12.5 ग्राम होनी चाहिए। रक्तदान से पहले व्यक्ति के कुछ जांच करवाए जाते हैं। टेस्ट रिपोर्ट के हिसाब से ही तय होता है कि व्यक्ति रक्तदान कर सकता है या नहीं।

कौन रक्तदान नहीं कर सकता?

अगर आप हाई या लो ब्लड प्रेशर की बीमारी से ग्रसित हो टीवी के मरीज हूं या सिकलिन की बीमारी हो तो ब्लड डोनेट नहीं कर सकते।

राजनांदगांव जिले के मारगांव के ग्रामवासियों को जल जीवन मिशन के तहत मिल रहा शुद्ध पेयजल

रायपुर- राज्य शासन की जनकल्याणकारी योजना जल जीवन मिशन से राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव विकासखंड के ग्राम मारगांव के ग्रामवासियों को घर-घर नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल मिल रहा है। ग्राम मारगांव के ग्रामवासियों एवं महिलाओं ने में खुशी जाहिर की है। जल जीवन मिशन के तहत गांव के सभी घरों में टेप नल कनेक्शन दिया गया है। जिससे पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो रहा है। गांव की महिलाएं घर पर ही स्वच्छ जल मिलने से प्रसन्न है। पहले गांव की महिलाओं को पानी बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता था। बारिश के दिनों में बाहर से पानी लाने की समस्या, लंबी-लंबी कतार लगकर हैंडपंप तथा कुएँ से पानी भरना, समय अधिक लगने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। गर्मी के दिनों में जल स्तर नीचे चले जाने से कुओं का सूखना, हैण्डपंप बंद होना की समस्याएं आती थी। जिससे पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध नहीं हो पाता था। जल जीवन मिशन आने से गांव के सभी घरों में नल कनेक्शन के माध्यम से पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो रहा है। जिससे महिलाओं का समय और श्रम दोनों की बचत हो रही है।

जल जीवन मिशन योजना के तहत गांव में डिस्ट्रीब्यूशन 1990 मीटर एवं राइजिंग मेन 1993 मीटर की पाइप लाइन बिछाकर कुल 463 परिवारों को घर में नल से स्वच्छ जल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध किया जा रहा है। मारगांव के सरपंच डकेन्द्र चंद्राकर बताते हैं कि गांव के प्रत्येक घर में पर्याप्त मात्रा में सभी को नल से शुद्ध पानी मिल रहा है जिससे पूरे गांव में हर्ष का माहौल है। वार्ड नंबर 8 एवं 18 की निवासी भूमिका सिन्हा तथा फलटिन सिन्हा ने बताया की गाँव के प्रत्येक घर को नल और जल से जोडऩे की योजना से गाँव का सूखा खत्म हुआ है। योजना अब दु्रतगति से आगे बढ़ी है, जिससे ग्रामवासी अब राहत की सांस लेने लगे हैं। वार्ड नंबर 18 की मंजू सिन्हा एवं लक्ष्मी यादव ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि गांव के लोगों को पहले काफी सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता था, जैसे पानी भरने के लिए समुचित व्यवस्था न होना, बोरिंग का बंद पड़ जाना, कुओं का सूख जाना जैसी समस्याओं से ग्रामीणों को आये दिन जूझना पड़ता था। पहले ग्रामीणों को पानी भरने के लिए बहुत दूर जाना पड़ता था, कई बार रात्रि को पानी के लिए जाना, बरसात के दिनों में पानी के लिए कतार में खड़े रहना पड़ता था किन्तु जल जीवन मिशन अंतर्गत गांव के हर घर में टेप कनेक्शन मिलने से आज उनके समय की बचत हो रही है तथा वे आज सुरक्षित एवं गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। इस प्रकार मारगांव के ग्रामीणों का जीवन स्तर उन्नत हुआ है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने नवा रायपुर में निर्माणाधीन नवीन विधानसभा भवन की प्रगति की समीक्षा की

रायपुर-   विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज यहाँ अपने निवास कार्यालय में नवा रायपुर में निर्माणाधीन नवीन विधानसभा भवन, विधायक विश्रामगृह एवं विधानसभा के अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए बन रहे आवासों की प्रगति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि निर्माण कार्य अच्छी गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में पूर्ण करें। समय-समय पर प्रगति की समीक्षा की जाए। बैठक में उप मुख्यमंत्री अरूण साव, संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी, मुख्य सचिव अमिताभ जैन भी उपस्थित थे।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने बैठक में कहा कि विधानसभा भवन का निर्माण आने वाली पीढ़ियों को ध्यान में रखकर किया जाना है। हमारा प्रयास यह हो कि पूरा विधानसभा सौर ऊर्जा से संचालित हो। यह पूरे देश के लिए एक उदाहरण बने। उन्होंने कहा कि पूरा परिसर हरित वातावरण से सुसज्जित हो इसलिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण किया जाना चाहिए। उन्होंने परिसर में बागवानी के पौधों के अलावा छत्तीसगढ़ के मुख्य वृक्षों महुआ, कुसुम, साल और सागौन जैसे वृक्षों का रोपण किया जाए। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सिंह ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग के साथ ही ऐसी व्यवस्था अपनाने की बात कही जिससे पानी का पुनः उपयोग सिंचाई में भी किया जा सके। उन्होंने परिसर में एक प्राकृतिक तालाब भी निर्मित करने की बात कही जिससे पानी की उपलब्धता बनी रहे। निर्माण कार्य में तीव्रता और कसावट लाने के लिए अध्यक्ष डॉ. सिंह ने मुख्य सचिव को प्रति माह बैठक आयोजित कर समीक्षा करने की भी बात कही।

संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि निर्माण में उच्च एवं आधुनिक गुणवत्ता के सामान का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि यह विधानसभा देश भर में अनूठा बने इसका ध्यान रखते हुए निर्माण करें क्योंकि देश भर से लोग विधानसभा भ्रमण के लिए आते हैं। यह छत्तीसगढ़ की बड़ी पंचायत है तो इसकी छटा पूरे देश में दिखाई पड़नी चाहिए। छत्तीसगढ़ की संस्कृति की झलक के साथ ही सिरपुर जैसे धरोहरों की रेप्लीका भी दिखाई पड़नी चाहिए।

गौरतलब है कि नवा रायपुर अटल नगर के सेक्टर-19 में लगभग 20.78 हेक्टेयर भूमि पर 217.12 करोड़ की लागत से नवीन विधानसभा भवन का निर्माण किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत नवीन विधानसभा भवन, विधायक विश्रामगृह एवं विधानसभा के अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए आवास का निर्माण हो रहा है।

लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दिसम्बर 2024 तक सिविल कार्य और जून 2025 तक इंटीरियर से संबंधित कार्य पूर्ण कर लिए जायेंगे। नवीन विधानसभा भवन 200 विधायकों की क्षमता के हिसाब से निर्मित किया जा रहा है। यह भवन विधानसभा सचिवालय, 03 मीटिंग हॉल, कैंटीन, सेन्ट्रल हॉल, दर्शक दीर्घा, मीडिया लाऊंज, 1 सभागृह, आर्ट गैलरी, चिकित्सालय, बैंक और पोस्ट ऑफिस जैसी मूलभूत अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। नवीन भवन में संसद भवन के तर्ज पर कैबिनेट मीटिंग हॉल का भी निर्माण किया जा रहा है। भवन को छत्तीसगढ़ की संस्कृति बस्तर आर्ट, जशपुर आर्ट के साथ ही कंटेम्पररी अर्बन आर्ट से भी सुसज्जित किया जायेगा।

मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, विधानसभा सचिव दिनेश शर्मा, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, वित्त सचिव रजत बंसल, वन एवं पर्यावरण सचिव संगीता आर. सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे।