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मोहन चरण माझी आज लेंगे ओड़िशा के सीएम पद की शपथ, जानें सरपंच से विधायक और मुख्यमंत्री बनने का सफर*
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ओडिशा में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 147 सीटों में से 78 पर रिकॉर्ड जीत हासिल की है। राज्य की सत्ता में करीब 24 साल से राज कर रही बीजेडी को हराकर इस बार बीजेपी पहली बार प्रदेश में सरकार बना रही है। ओडिशा की क्योंझर सीट से भाजपा विधायक मोहन चरण माझी आज राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह शाम पांच बजे भुवनेश्वर के जनता मैदान में होगा। माझी के शपथ ग्रहण में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर 2:30 बजे पहुंचेंगे। प्रदेश में पहली बार सरकार बनाने जा रही भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को विधायक दल की बैठक के बाद माझी के नाम का एलान किया था।इसके साथ ही भाजपा ने प्रदेश में दो उप मुख्यमंत्री बनाने का भी फैसला लिया है। इन दो उप मुख्यमंत्रियों में कनकवर्धन सिंहदेव और प्रभाती परिडा का नाम शामिल है।माझी के नाम का एलान 11 जून को हुई विधायक दल की बैठक में किया गया। भाजपा ने वरिष्ठ पार्टी नेता राजनाथ सिंह और भूपेंद्र यादव को ओडिशा में विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया था। मोहन चरण माझी का जन्म 6 जनवरी 1972 को क्योंझर जिले के सदर थाना क्षेत्र के रायकला में हुआ था। उनकी शैक्षणिक योग्यता बैचलर ऑफ आर्ट्स है। माझी ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1997 में की थी। वह 1997 से लेकर साल 2000 तक सरपंच रहे। इसके बाद 2000 में वह क्योंझर से पहली बार विधायक चुने गए। उन्होंने 2000, 2004, 2019 और 2024 में भाजपा के टिकट पर क्योंझर सीट से जीत दर्ज की है । वह 28 फरवरी, 2005 से 9 मार्च, 2009 तक विपक्ष के उप मुख्य सचेतक थे। सरपंच से अपनी राजनीति की शुरुआत करने वाले माझी जब पहली बार विधायक बने थे तब नवीन पटनायक पहली बार राज्य के सीएम पद की शपथ ले रहे थे।वो बीजेपी के समर्पित कार्यकर्ता माने जाते हैं। इन्हें संगठन में काम करने का अच्छा अनुभव भी है। संघ में भी इनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है। इससे पहले बीजेडी के नवीन पटनायक ने राज्य में लंबा शासन किया है। वो साल 2000 से लगातार 2024 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। वे इस पद पर 24 साल और 98 दिन तक रहे। लेकिन इस बार ओडिशा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने राज्य की सत्ता में काबिज बीजू जनता दल के विजयरथ को रोक दिया और बड़ी जीत दर्ज की। सूबे की 147 सीटों में से बीजेपी ने 78 पर कब्जा किया।
चंद्रबाबू नायडू आज लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ, जानें कैबिनेट में किसे-किसे मिल रही जगह

#chandrababunaidutakeoathaschiefminister_today 

चंद्रबाबू नायडू आज आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। मंगलवार को टीडीपी और एनडीए ने नायडू को अपने विधायक दल नेता चुना। जिसके बाद आज चौथी बार नायडू आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने जा रहा हैं। चंद्रबाबू नायडू के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री मोदी भी मौजूद रहेंगे। नायडू समेत 25 विधायक मंत्रीपद की शपथ लेंगे। मंत्रियों की लिस्ट में चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश का भी नाम शामिल है।

पवन कल्याण हो सकते हैं डिप्टी सीएम

जनसेना के संस्थापक एवं अभिनेता पवन कल्याण को आंध्र प्रदेश में नायडू के नेतृत्व वाली सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद दिए जाने की संभावना है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पवन कल्याण के साथ पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति के अध्यक्ष नादेंदला मनोहर को भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावना है।

मंत्रियों की लिस्ट

• कोलू रविंद्र

• नाडेंडला मनोहर

• पी नारायण

• वंगलापुडी अनिता

• सत्यकुमार यादव

• आपका रामनायडू

• एनएमडी फारूक

• अनाम रामनारायण रेड्डी

• पय्यवुला केशव

• अनज्ञानी सत्यप्रसाद

• कोलुसु पार्थसारधि

• बलवीरंजनेयस्वामी

• गोत्तीपति रवि

• कांडला दुर्गेश

• गुम्मदी संध्यारानी

• जनार्दन रेड्डी

• टीजी भरत

• एस सविथा

• वासमशेट्टी सुभाष

• कोंडापल्ली श्रीनिवास

• मंदीपल्ली राम प्रसाद रेड्डी

• नारा लोकेश

बता दें कि आंध्र प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में राज्य की 175 में से 135 सीटें जीतकर चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली तेलुगु देशम पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनी। चुनाव में पवन कल्याण की जनसेना पार्टी ने 21 सीटें जीती हैं और भाजपा को भी आठ सीटों पर जीत हासिल हुई है। वहीं जगनमोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसीपी महज 11 सीटों पर सिमट गई है। आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में टीडीपी, जनसेना और भाजपा गठबंधन बनाकर चुनाव मैदान में उतरीं थीं।

जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर आतंकी हमला! दिखे दो-तीन आतंकी, 2 दिन पहले ही रियासी में बस को बनाया था निशाना

जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर आतंकियों ने कायराना हिमाकत की है। दहशतगर्दों ने जम्मू संभाग के जिला कठुआ की तहसील हीरानगर के सोहल इलाके में गोली चलाई है। फायरिंग की सूचना पर पहुंचे सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है और तलाशी अभियान चलाया हुआ है। घटनास्थल पर लोगों ने अपने-अपने घरों की लाइटें बंद दी हैं, ताकि आतंकी उनके घर में न घुस जाएं। स्थानीय लोगों के मुताबिक उन्होंने दो से तीन संदिग्धों को देखा है। ये सभी फायरिंग करके जंगल की ओर भाग गए। बता दें कि दो दिन पहले रविवार को ही रियासी में आतंकियों ने घात लगाकर तीर्थयात्रियों की बस को निशाना बनाया था। गोलीबारी में ड्राइवर ने नियंत्रण खो दिया जिससे बस खाई में जा गिरी। इसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी और 41 लोग घायल हुए थे। सुरक्षा बलों ने जम्मू और राजोरी जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है और आतंकवादी हमले के बाद से ही तलाशी अभियान जारी है। उधमपुर-रियासी रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक रईस मोहम्मद भट ने कहा कि सुरक्षा बलों को कुछ सुराग मिले हैं। जांच आगे बढ़ाई जा रही है। पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की 11 टीमें आतंकवादियों की तलाश में जुटे हुए हैं। रविवार को हुए हमले में बस में सवार नौ लोगों की मौत हो गई। इनमें तीन उत्तर प्रदेश और चार राजस्थान के थे। बस चालक और कंडक्टर रियासी के थे। राजस्थान के सभी मृतक एक ही परिवार के थे। इनमें पूजा और उसका दो साल का बेटा टीटू साहनी थे। मृतकों में पांच के शरीर पर गोली लगने के निशान हैं। वहीं, 41 घायलों में से 10 को गोली लगी है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।
पीएम मोदी की समर्थकों से खास अपील, बोले-‘मोदी का परिवार’ से ताकत मिली, अब सोशल मीडिया से हटा सकते हैं
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लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिवार को लेकर भी खूब विवाद हुआ था। एक तरफ नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर पर‍िवारवाद को लेकर निशाना साधा था, तो विपक्ष ने मोदी के पर‍िवार को लेकर हमला बोला था। जिसके बाद बीजेपी ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट में ‘मोदी का परिवार’ लिखकर प्रधानमंत्री का समर्थन किया था। अब चुनाव जीतने और तीसरी बार कार्यभार संभालने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से ‘मोदी का परिवार’ हटा लेने की अपील की है।

पीएम मोदी ने एक्स पर ट्वीट करते हुए कहा कि चुनाव अभियान के समय पूरे भारत में लोगों ने मेरे प्रति स्नेह दिखाते हुए अपने सोशल मीडिया पर ‘मोदी का परिवार’ का परिवार जोड़ा था। इससे मुझे बहुत ताकत मिली। भारत की जनता ने एनडीए को लगातार तीसरी बार बहुमत दिया है, जो एक तरह का रिकॉर्ड है। जनता ने हमें अपने देश की भलाई के लिए काम करते रहने का जनादेश दिया है।

उन्होंने कहा, हम सभी के एक परिवार होने का संदेश दिए जाने के बाद मैं एक बार फिर भारत के लोगों को धन्यवाद देता हूं और आग्रह करता हूं कि अब आप अपने सोशल मीडिया अकाउंट से 'मोदी का परिवार' हटा दें। डिसप्ले का नाम बदल सकता है। लेकिन भारत की प्रगति के लिए प्रयास करने वाले एक परिवार के रूप में हमारा बंधन मजबूत और अटूट बना हुआ है।

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने 3 मार्च को पटना के गांधी मैदान में हुई एक रैली में पीएम मोदी पर निशाना साधा था। आरजेडी प्रमुख ने परिवार का जिक्र करते हुए पीएम मोदी पर व्यक्तिगत हमला भी बोला था। लालू के हमले के बाद बीजेपी नेताओं के साथ-साथ केंद्रीय मंत्रियों ने अपने सोशल मीडिया हैंडल में ‘मोदी का परिवार’ जोड़ लिया था। इसे लेकर सोशल मीडिया पर ट्रेंड भी चला था। बीजेपी नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों ने लालू यादव के बयान की निंदा भी की थी।
“अगर प्रियंका वाराणसी से चुनाव लड़तीं तो मोदी 2-3 लाख वोटों से हार जाते”, राहुल गांधी का बड़ा दावा
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लोकसभा चुनाव को खत्म होने और सरकार के गठन के बाद भी हार-जीत पर सियासत जारी है। इस बीच राहुल गांधी ने रायबरेली में आयोजित आभार सभा में पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला।रायबरेली के सांसद राहुल गांधी ने कहा है कि अगर प्रियंका गांधी वाराणसी से चुनाव लड़ जातीं तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो-तीन लाख वोट से चुनाव हार जाते। रायबरेली सीट से चुनाव जीतने के बाद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी रायबरेली की जनता का आभार प्रकट करने के लिए वहां पहुंचे थे।

आभार सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला।राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान की जनता ने अपने वोट से मोदी को जवाब दिया है। लोगों ने ये बताया कि वह नफरत और हिंसा की राजनीति नहीं चाहती।उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि हमें प्रमुख मुद्दों से नहीं भटकना है। देश के जरूरी मुद्दों की ही राजनीति करनी है। हमें नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलनी है।

*नरेंद्र मोदी की साख लगातार गिर रही-राहुल*
उत्तर प्रदेश की रायबरेली और केरल की वायनाड लोकसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर जोरदार हमला बोला।उन्होंने कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साख लगातार गिर रही है। उन्होंने कहा कि अगर वाराणसी लोकसभा सीट से प्रियंका गांधी चुनाव लड़ती तो पीएम मोदी की हार निश्चित थी।

*मोदी-योगी दोनों का प्रभाव लगातार कम हो रहा-राहुल*
राहुल गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के चुनाव नतीजे इस बात का सबूत हैं कि अब यहां से मोदी और योगी, दोनों का प्रभाव लगातार कम हो रहा है। लोग अब बीजेपी की तोड़-फोड़ की राजनीति को अच्छी तरह से समझ चुके हैं। राहुलं गांधी ने कहा कि इस बार कांग्रेस पार्टी रायबरेली, अमेठी सहित पूरे हिंदुस्तान में एक होकर लड़ी।

*अयोध्या में मिली हार पर कसा तंज*
फैजाबाद सीट पर भाजपा के हारने पर राहुल गांधी ने चुटकी ली। उन्होंने कहा कि ये अध्योध्या की सीट हार गए हैं। इसके मतलब साफ हैं। मंदिर की प्राण  प्रतिष्ठा में अरबपति लोग बुलाए गए, पूरा बॉलीवुड आया। अंबानी और अडानी आए लेकिन एक गरीब व्यक्ति को वहां आमंत्रित नहीं किया गया। इसके जवाब उस क्षेत्र की जनता ने दिया है। जनता ने अपना महत्व बताया है।
ओडिशा के नए मुख्यमंत्री होंगे मोहन चरण माझी, दो डिप्टी सीएम के नाम का भी ऐलान
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ओडिशा का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसकी घोषणा हो गई है। मोहन माझी ओडिशा के नए मुख्यमंत्री होंगे। बीजेपी विधायक दल की बैठक में मोहन चरण माझी के नाम पर मोहर लग गई है। उन्हें भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया। भुवनेश्वर में हुई बैठक में बतौर केंद्रीय पर्यवेक्षक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव मौजूद रहे। बैठक के बाद रक्षा मंत्री ने घोषणा की कि भाजपा नेता मोहन चरण माझी ओडिशा के नए मुख्यमंत्री होंगे।

बीजेपी यूपी, राजस्थान की तरह ओडिशा में भी दो डिप्टी सीएम वाला फॉर्मूला अमल में लाई है। कनक वर्धन सिंह देव और प्रवती परिदा को उपमुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है।विधायक दल की बैठक के बाद देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भाजपा नेता मोहन चरण माझी ओडिशा के नए मुख्यमंत्री होंगे। के.वी. सिंह देव और पार्वती परिदा को राज्य का उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा। ये फैसला विधायक दल की बैठक में लिया गया है।

विधायक दल का नेता चुनने के बाद अब भाजपा नेता राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा करेंगे। ओडिशा में भी बुधवार को सीएम पद का शपथ ग्रहण समारोह होना है। इस शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री मोदी भी मौजूद रह सकते हैं। शपथ ग्रहण के लिए भाजपा ने बीजद नेता नवीन पटनायक को भी आमंत्रण दिया है। शपथ ग्रहण समारोह के चलते ओडिशा में 12 जून को आधे दिन की छुट्टी देने का एलान किया गया है।

बता दें कि भाजपा ने ओडिशा विधानसभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज करते हुए ओडिशा में करीब 24 साल से सत्ता पर काबिज बीजद को सत्ता से बेदखल किया है। ओडिशा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की 147 विधानसभा सीटों में से 78 पर जीत दर्ज की है। वहीं बीजद 51 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। कांग्रेस को राज्य में 14, सीपीआईएम को 1 सीट मिली है। वहीं तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं।
1000 रूपये देने के वादे पर घिरे केजरीवाल, आतिशी के घर के बाहर महिलाओं का प्रदर्शन

लोकसभा चुनाव 2024 में विपक्षी दलों के किए गए वादें उनकी गले की फांस बनते दिख रहे हैं। पहले ही कांग्रेस की चुनावी वादे “खटाखट” स्कीम से काफी फजीहत हो चुकी है। अब जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री आम आदमी पार्टी की भी मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है।

शराब घोटाला मामले में दिल्ली की सीएम अरविंद केजरीवाल जेल में हैं।इधर उनकी सरकार की मंत्री आतिशी के घर के बाहर कई महिलाओं ने प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि चुनाव से पहले आम आमदी पार्टी ने एक-एक हजार रुपये महिलाओं को देने का वादा किया था। लेकिन अभी तक नहीं दिया गया है।

दिल्ली महिला मंच की सदस्यों ने केजरीवाल सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने सीएम केजरीवाल पर झूठे वादे करने का आरोप लगाया। महिलाओं ने दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी के घर के बाहर जमकर नारेबाजी की।

बता दें कि इससे पहले आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा का भी महिलाएं घेराव कर चुकी हैं। लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद कांग्रेस की गारंटी पार्टी0 के लिए परेशानी खड़ी करने लगी है। चुनाव परिणाम आने के दूसरे दिन कांग्रेस के लखनऊ स्थित दफ्तर में अचानक बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं पहुंच गईं। उन्होंने कहा कि अब राहुल गांधी उनके वादों को पूरा करेंगे, वो चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने चुनाव में कहा था कि वो महिलाओं के खाते में प्रतिमाह 8500 रुपए डालेंगे। हम उनके इसी वादे को देखते हुए कार्यालय आए हैं।
पश्चिम बंगाल में दहशत में बीजेपी कार्यकर्ता, घर छोड़ने को मजबूर, पार्टी कार्यालय को बनाया बसेरा*
#bjp_worker_in_west_bengal_hiding_in_party_offices
पश्चिम बंगाल एक ऐसा राज्य है जहां राजनीतिक हिंसा की संस्कृति अन्य भारतीय राज्यों की तुलना में कहीं अधिक है।यहां राजनीतिक हिंसा का लंबा इतिहास है, जो कई दशकों से चला आ रहा है और जिस ने राज्य की राजनीति पर जटिल और गहरा प्रभाव डाला है। हाल ही में खत्म हे लोकसभा चुनाव के दौरान भी हिंसक घटनाएं हावी रहीं। अब चुनाव खत्म होने के बाद भी हिंसा भड़कने का खतरा मंडरा रहा है।लगातार हमलों से भयभीत कई भाजपा कार्यकर्ता घर छोड़ने पर मजबूर हैं।इनमें कुछ ने पार्टी कार्यालयों में शरण ली रखी है। 2021 में हुए विधानसभा चुनाव और 2023 के पंचायत चुनाव के बाद भी बीजेपी कार्यकर्ताओं को बेघर होना पड़ा था, आज भी पश्चिम बंगाल में लोग उसी गंभीर स्थिति से गुजर रहे हैं।इसलिए कई भाजपाइयों ने अपने परिवार के साथ सुरक्षित स्थानों में शरण ली है। कई लोग वोट डालने के बाद घर छोड़ कहीं और चले गए। इसे लेकर विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्यपाल को पत्र लिखा है। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता और नंदीग्राम से भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस को लिखे पत्र में कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद 10,000 भाजपा कार्यकर्ता और उनके परिवार असुरक्षित हैं, जिनमें से कई लोग पार्टी कार्यालय में रुके हैं।
मणिपुर, मर्यादा, दूसरों के मत का सम्मान...बहुत कुछ बोल गए भागवत, इशारों-इशारों में किसे दिया संदेश?
#mohan_bhagwat_on_manipur_election_and_modi_govt

देश में लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद नई सरकार का गठन भी हो गया है। चुनावी नतीजों और सरकार के शपथ ग्रहण के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत का बड़ा बयान आया है।सोमवार नागपुर के एक कार्यक्रम में मोहन भागवत ने चुनाव में संघ को घसीटे जाने, चुनाव में मर्यादा, मणिपुर में अशांति, दूसरों के मत का सम्मान जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखी। कार्यक्रम में बोलते हुए श्री भागवत ने नई सरकार और विपक्ष को भी सलाह दी।

मोदी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के ठीक एक दिन बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर, चुनाव,राजनीतिक दलों के रवैये पर बात की। भागवत ने सभी धर्मों को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों का सम्मान है।संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि चुनाव परिणाम आ चुके हैं। सरकार भी बन चुकी है। जो हुआ, क्यों हुआ, कैसे हुआ? ये लोकतंत्र के नियम हैं, समाज ने अपना मत दे दिया है, संघ के लोग इसमें नहीं पड़ते हैं। हम चुनाव में परिश्रम करते हैं। जो सेवा करता है वो मर्यादा से चलता है। काम करते सब लोग हैं लेकिन कुशलता का ध्यान रखना चाहिए। ऐसी मर्यादा रखकर काम करते हैं। मर्यादा ही अपना धर्म और संस्कृति है।

नागपुर में आरएसएस प्रशिक्षुओं की सभा को संबोधित करते हुए भागवत ने संसद इसलिए होती है क्योंकि सहमति हो. स्पर्धा की वजह से इसमें दिक्कत आती है. इसलिए बहुमत की बात होती है। चुनाव में संघ जैसे संगठन को भी घसीटा गया। कैसी-कैसी बातें की गईं। तकनीक का सहारा लेकर ऐसा किया गया। विद्या का उपयोग प्रबोधन करने के लिए होता है लेकिन आधुनिक तकनीक का गलत इस्तेमाल किया गया।

भागवत ने आगे कहा कि सरकार बन गई है। वही सरकार (एनडीए) फिर से आ गई है। पिछले 10 साल में बहुत कुछ अच्छा हुआ है। वैश्विक स्तर पर पहचान अच्छी हुई है। प्रतिष्ठा बढ़ी है। विज्ञान और संस्कृति के क्षेत्र में हम आगे बढ़ रहे हैं लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हम चुनौतियों से मुक्त हो गए हैं। हमें अभी अन्य समस्याओं से राहत लेनी है।

इसी दौरान मोहन बागवत ने हिंसाग्रस्त मणिपुर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 10 साल पहले मणिपुर में शांति थी। ऐसा लगा था कि वहां बंदूक संस्कृति खत्म हो गई है, लेकिन राज्य में अचानक हिंसा बढ़ गई है। आरएसएस प्रमुख ने कहा,मणिपुर की स्थिति पर प्राथमिकता के साथ विचार करना होगा। चुनावी बयानबाजी से ऊपर उठकर राष्ट्र के सामने मौजूद समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने चुनावी बयानबाजी से बाहर आकर देश के सामने मौजूद समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा,मणिपुर पिछले एक साल से शांति स्थापित होने की प्रतीक्षा कर रहा है।

संघ प्रमुख के बयान को बीजेपी चीफ जेपी नड्डा के बयान से भी जोड़कर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि नड्डा ने कुछ दिन पहले कहा था कि अब बीजेपी अब अपने पैरो पर खड़ी है। यही नहीं, इस बार के चुनाव में बीजेपी ने संघ से कोई मदद भी नहीं मांगी थी। पिछले दो चुनावों में संघ यूपी से लेकर बिहार तक काफी एक्टिव था। लेकिन इस बार आरएसएस यूपी से भी दूर रहा। सूत्रों के मुताबिक नड्डा के बयान के बाद तो स्वयंसेवक भी एक्टिव नहीं रहे। अब भागवत के बयान को चुनाव परिणाम के बाद नड्डा के बयान से ही जोड़ा जा रहा है।
यूरोपीय यूनियन के चुनाव में दक्षिणपंथी दलों की बड़ी जीत, इटली की पीएम मेलोनी किंग मेकर
#far_rightists_won_european_union

यूरोपीय संघ (ईयू) के चुनावों में धुर दक्षिणपंथी दलों को बड़ी सफलता मिली है। चुनाव में धुर दक्षिणपंथी दलों ने कई देशों की पारंपरिक सत्तारूढ़ ताकतों को बड़ा झटका दिया है, जिसमें फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की पार्टी को भी करारी हार का सामना करना पड़ा। वहीं, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की धुर दक्षिणपंथी पार्टी ब्रदर्स ऑफ इटली ईयू चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। जॉर्जिया मेलोनी की पार्टी की सीटें यूरोपीय संघ संसद में दोगुनी हो गई हैं। चुनावी नतीजों के बाद मेलोनी अपने देश के साथ-साथ यूरोप की मजबूत नेता के रूप में भी उभरकर सामने आई हैं।

जर्मनी की धुर दक्षिणपंथी पार्टी 'अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी' को भले ही अपने उम्मीदवारों से जुड़े घोटाले का सामना करना पड़ा हो लेकिन पार्टी ने देश के चांसलर ओलाफ शोल्ज की ‘‘सोशल डेमोक्रेट्स’ पार्टी को मात देने के लिए पर्याप्त सीट जुटा ली हैं।जर्मनी में ‘अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी' के कई शीर्ष उम्मीदवारों का नाम घोटालों में शामिल रहा लेकिन इसके बावजूद पार्टी का मत प्रतिशत बढ़ा। पार्टी ने 2019 में 11 प्रतिशत मत हासिल किए थे, जो बढ़कर 16.5 प्रतिशत हो गए। वहीं, जर्मनी के सत्तारूढ़ गठबंधन में तीन दलों का संयुक्त मत प्रतिशत मुश्किल से 30 प्रतिशत से ऊपर रहा।

मेलनी की ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी ने ईयू के चुनाव में इटली में 28.8 फीसदी वोट हासिल किए हैं। वो जिस गठबंधन में हैं उसमें शामिल फ्रोजा इटालिया पार्टी को 9.6 फीसदी व लेगा पार्टी को 9.1 फीसदी वोट मिले हैं। अब गठबंधन में मेलनी की स्थिति और मजबूत हुई है।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को भी चुनाव में करारी शिकस्त झेलनी पड़ी है। जिसके कारण मैक्रों ने राष्ट्रीय संसद को तुरंत भंग कर मध्यावधि चुनावों की घोषणा कर दी। मैक्रों के लिए यह बड़ा राजनीतिक जोखिम है, क्योंकि उनकी पार्टी को और अधिक नुकसान सहना पड़ सकता है। मैक्रों ने अपनी करारी शिकस्त को स्वीकार करते हुए कहा, 'मैं आपका जनादेश स्वीकार करता हूं, आपकी चिंताओं से वाकिफ हुआ हूं और मैं इन्हें हल किये बिना नहीं जाऊंगा।' उन्होंने कहा कि अचानक चुनाव की घोषणा करना केवल उनकी लोकतांत्रिक साख को रेखांकित करता है।