कनाडा को उसी की भाषा में नरेंद्र मोदी का जवाब, जानें ट्रूडो की ओर से मिली जीत की शुभकामना पर क्या बोले प्रधानमंत्री
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नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री हैं। रविवार को उन्होंने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। लगातार तीसरी बार पद संभालाने पर दुनिया भर से बधाइयां मिल रही हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की तरफ से भी बधाई आई है। इस बधाई संदेश की भाषा दोनों देशों के बीच बढ़े राजनयिक तनाव साफ दिखा। दरअसल,जिस भाषा में जस्टिन ट्रूडो ने दिया था, ठीक उसी भाषा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाब दिया है
कनाडा की सरकार ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी को तीसरे कार्यकाल की जीत के लिए बधाई देते हुए कुछ ऐसा कहा, जिसे भारत पर तंज कहा जा सकता है। दरअसल कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिस ट्रूडो ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी की जीत के लिए बधाई देते हुए लिखा 'कनाडा की सरकार, भारत के साथ अपने संबंधों को बेहतर करने के लिए तैयार है और ये संबंध मानवाधिकार, विविधता और कानून के शासन के आधार पर होने चाहिए।'
जस्टिन ट्रूडो की ओर से चार दिन पहले सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए बधाई संदेश दिया गया था। लेकिन, शपथ ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई स्वीकार करते हुए ट्रूडो को जवाब दिया है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को चार दिन बाद जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा, "बधाई संदेश के लिए को धन्यवाद। भारत आपसी समझ और एक-दूसरे की चिंताओं के सम्मान के आधार पर कनाडा के साथ काम करने के लिए तत्पर है।"
बता दें कि, भारत और कनाडा के बीच खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड मामले में पिछले साल से ही विवाद चलता आ रहा है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पिछले साल संसद में खड़े होकर निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसियों की संलिप्तता के आरोप लगाए थे। भारत ने ट्रूडो के सभी दावों को निराधार बताया था। इसी के बाद से भारत और कनाडा के रिश्तों में तल्खी देखने को मिल रही है। कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में खालिस्तान आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिस ट्रूडो ने कनाडा की संसद में निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाया और कहा कि भारत को कनाडा में कानून के शासन का सम्मान करना चाहिए। हालांकि भारत ने कनाडा को आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था और बयान के संबंध में सबूत मांगे थे। इस मुद्दे पर भारत और कनाडा के रिश्तों में खटास आ गई थी।
Jun 10 2024, 19:03