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लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद जयराम महतो ने झारखंड के राजनितिक दलों की बढ़ायी टेंशन ,जेएमएम,आजसू के बाद बना बड़ा विकल्प

झारखंड डेस्क

लोकसभा चुनाव में झारखंड की राजनीति में जयराम महतो की उपस्थिति और उसके द्वारा प्राप्त वोट ने राजनितिक दलों की टेंशन बढ़ा दी है। हलाकि लोकसभा चुनाव में जयराम महतो की पार्टी एक भी सीट नही जीत पायी लेकिन जिस अनुपात में वोट मिला वह आने वाले कल के लिए जयराम महतो के राजनितिक भविष्य के लिए बहुत अच्छा संकेत है।

वैसे गिरिडीह लोकसभा सीट से जयराम महतो भले हीं हार गया लेकिन झारखंड की राजनीति में एक बहुत अच्छा अगाज का संकेत दे दिया।

 गिरिडीह से चुनाव लड़ रहे झारखंडी भाषा संघर्ष समिति (जेबीकेएसएस) के जयराम महतो ने 3 लाख 47 हजार 322 वोट लाया। उसने यह साबित कर दिया है कि झारखंड की राजनीति में आने वाले समय में वे बड़ा उलटफेर करने वाले हैं।

हारकर भी राजनीति मैदान का बना खिलाड़ी


गिरिडीह लोकसभा सीट पर एक बार फिर से आजसू के उम्मीदवार चंद्रप्रकाश चौधरी ने जीत दर्ज की। उन्होंने झामुमो उम्मीदवार मथुरा प्रसाद महतो को 80,880 वोटों से हराया। यहां जयराम महतो तीसरे नंबर पर रहे, लेकिन उन्होंने हर राउंड में शानदार प्रदर्शन कर सभी छह विधानसभा में अच्छी उपस्थिति दर्ज की। जयराम महतो को 3 लाख 47 हजार 322 वोट मिले। उनके वोट की चर्चा पूरे झारखंड में हो रही है। जयराम के वोट से यह तय हो गया कि आने वाले समय में वे झारखंड की राजनीति में मजबूत पकड़ रखने वाले हैं। 

जयराम महतो की दमदार उपस्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वे मथुरा महतो से मात्र 23 हजार वोटों से ही पीछे रह गए।

आजसू और झामुमो के लिए खतरे की घंटी,तीसरा मजबूत विकल्प जयराम महतो


झारखंड की राजनीति में जयराम महतो के उदय से आजसू और झामुमो के लिए खतरे की घंटी बज गई है। अबतक स्थानीय वोटों पर इन्हीं दो पार्टियों का कब्जा रहता था, लेकिन अब जयराम महतो के रूप में एक तीसरा मजबूत विकल्प झारखंड में सामने आ गया है। 

दरअसल, एनडीए गठबंधन के तहत गिरिडीह सीट आजसू पार्टी के हिस्से आई थी। वहीं 'इंडिया' गठबंधन के तहत झामुमो को यह सीट मिली। ऐसे में जयराम को मिले बंपर वोटों से एनडीए और 'इंडिया' के लिए भी खतरे की घंटी बज गई है।

जयराम महतो झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए बड़ा फैक्टर


जयराम महतो ने गिरिडीह, धनबाद, हजारीबाग, रांची और कोडरमा सीट पर दमदार उपस्थिति दर्ज कर यह साबित कर दिया कि झारखंड में इस साल प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में वे बड़ा फैक्टर बनने वाले हैं। खासकर कुर्मी बहुल सीटों पर जयराम फैक्टर काम करेगा। इसकी बानगी लोकसभा चुनाव में दिख गई है।

जयराम के प्रत्याशियों ने भी किया शानदार प्रदर्शन


जयराम महतो की पार्टी जेबीकेएसएस पूरे झारखंड में आठ सीटों पर चुनाव लड़ रही थी। गिरिडीह, हजारीबाग, धनबाद और रांची में जयराम महतो की पार्टी ने शानदार उपस्थिति दर्ज कराई है।

जयराम महतो के पार्टी को प्राप्त मत


गिरिडीह: जयराम महतो- 347322

रांची: दवेंद्रनाथ महतो- 132647

हजारीबाग: संजय मेहता- 157977

चतरा: दीपक गुप्ता- 12566

सिंहभूम: दामोदर सिंह- 44292

दुमका: बेनीलता टुडू- 19360

धनबाद: इकलाक अंसारी- 79653

कोडरमा: मनोज यादव- 28310

लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद जयराम महतो ने झारखंड के राजनितिक दलों का टेंशन बढ़ाया,जेएमएम,आजसू के बाद बना बड़ा विकल्प*

झारखंड डेस्क लोकसभा चुनाव में झारखंड की राजनीति में जयराम महतो की उपस्थिति और उसके द्वारा प्राप्त वोट ने राजनितिक दलों की टेंशन बढ़ा दी है। हलाकि लोकसभा चुनाव में जयराम महतो की पार्टी एक भी सीट नही जीत पायी लेकिन जिस अनुपात में वोट मिला वह आने वाले कल के लिए जयराम महतो के राजनितिक भविष्य के लिए बहुत अच्छा संकेत है। वैसे गिरिडीह लोकसभा सीट से जयराम महतो भले हीं हार गया लेकिन झारखंड की राजनीति में एक बहुत अच्छा अगाज का संकेत दे दिया। गिरिडीह से चुनाव लड़ रहे झारखंडी भाषा संघर्ष समिति (जेबीकेएसएस) के जयराम महतो ने 3 लाख 47 हजार 322 वोट लाया। उसने यह साबित कर दिया है कि झारखंड की राजनीति में आने वाले समय में वे बड़ा उलटफेर करने वाले हैं। *हारकर भी राजनीति मैदान का बना खिलाड़ी* गिरिडीह लोकसभा सीट पर एक बार फिर से आजसू के उम्मीदवार चंद्रप्रकाश चौधरी ने जीत दर्ज की। उन्होंने झामुमो उम्मीदवार मथुरा प्रसाद महतो को 80,880 वोटों से हराया। यहां जयराम महतो तीसरे नंबर पर रहे, लेकिन उन्होंने हर राउंड में शानदार प्रदर्शन कर सभी छह विधानसभा में अच्छी उपस्थिति दर्ज की। जयराम महतो को 3 लाख 47 हजार 322 वोट मिले। उनके वोट की चर्चा पूरे झारखंड में हो रही है। जयराम के वोट से यह तय हो गया कि आने वाले समय में वे झारखंड की राजनीति में मजबूत पकड़ रखने वाले हैं। जयराम महतो की दमदार उपस्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वे मथुरा महतो से मात्र 23 हजार वोटों से ही पीछे रह गए। *आजसू और झामुमो के लिए खतरे की घंटी,तीसरा मजबूत विकल्प जयराम महतो* झारखंड की राजनीति में जयराम महतो के उदय से आजसू और झामुमो के लिए खतरे की घंटी बज गई है। अबतक स्थानीय वोटों पर इन्हीं दो पार्टियों का कब्जा रहता था, लेकिन अब जयराम महतो के रूप में एक तीसरा मजबूत विकल्प झारखंड में सामने आ गया है। दरअसल, एनडीए गठबंधन के तहत गिरिडीह सीट आजसू पार्टी के हिस्से आई थी। वहीं 'इंडिया' गठबंधन के तहत झामुमो को यह सीट मिली। ऐसे में जयराम को मिले बंपर वोटों से एनडीए और 'इंडिया' के लिए भी खतरे की घंटी बज गई है। *जयराम महतो झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए बड़ा फैक्टर* जयराम महतो ने गिरिडीह, धनबाद, हजारीबाग, रांची और कोडरमा सीट पर दमदार उपस्थिति दर्ज कर यह साबित कर दिया कि झारखंड में इस साल प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में वे बड़ा फैक्टर बनने वाले हैं। खासकर कुर्मी बहुल सीटों पर जयराम फैक्टर काम करेगा। इसकी बानगी लोकसभा चुनाव में दिख गई है। जयराम के प्रत्याशियों ने भी किया शानदार प्रदर्शन जयराम महतो की पार्टी जेबीकेएसएस पूरे झारखंड में आठ सीटों पर चुनाव लड़ रही थी। गिरिडीह, हजारीबाग, धनबाद और रांची में जयराम महतो की पार्टी ने शानदार उपस्थिति दर्ज कराई है। जयराम महतो के पार्टी को प्राप्त मत गिरिडीह: जयराम महतो- 347322 रांची: दवेंद्रनाथ महतो- 132647 हजारीबाग: संजय मेहता- 157977 चतरा: दीपक गुप्ता- 12566 सिंहभूम: दामोदर सिंह- 44292 दुमका: बेनीलता टुडू- 19360 धनबाद: इकलाक अंसारी- 79653 कोडरमा: मनोज यादव- 28310
NEET के रिजल्ट को लेकर विवाद बढ़ा, रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप,मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट तक

NEET के रिजल्ट को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। आरोप है कि इसके रिजल्ट में गड़बड़ी कि गयी है।साथ हीं एक केंद्र से सभी टॉपर को लेकर यह भी सवाल उठने लगा है । इस विषय से जुड़े विवाद बढ़ते ही जा रहे हैं। अब स्थिति यहां तक पहुंच गई कि मामलने ने सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे तक दस्तक दे दी है। कुछ दिन पहले NEET UG का रिजल्ट (Result) आने के बाद एक तरह से बवाल खड़ा हो गया है । रिजल्ट में गड़बड़ियों का आरोप लगाया जा रहा कि कि पेपर लीक हुआ है। इस विषय से जुड़े विवाद बढ़ते ही जा रहे हैं। अब स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे तक दस्तक दे दिया है। नए सिरे से परीक्षा कराने की मांग को लेकर इस एग्जाम के उम्मीदवारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है और नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने की मांग की जा रही है। आरोप लगाया जा रहा है कि 5 मई को हुई इस परीक्षा में काफी गड़बड़ी देखी गई है। उम्मीदवार ये तर्क दे रहे हैं कि नीट के पेपर लीक मामला संविधान के अनुच्छेद 14 में मिली समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है। सभी आरोपों को लेकर NTA ने अपने तरफ से सफाई दे दी है। उसने खुद को नीट एंड क्लीन बताया है। जबकि NEET-UG 2024 टॉपर्स के एक ही केंद्र से कई छात्रों का होना भी सवाल खड़ा करता है, हालांकि NTA के सूत्रों का कहना है कि उम्मीदवारों के परिणाम को लेकर कुछ गलतियां हुई हैं। NTA ने स्पष्ट किया कि इस केंद्र के विशिष्ट उम्मीदवारों को नॉर्मलाइजेशन के माध्यम एडजस्ट से पहले ही उनके हाई स्कोर थे। 24 लाख विद्यार्थियों ने कराया था रजिस्ट्रेशन आरोप ये भी लगाया जा रहा है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार NTA ने इतना आसान पेपर क्यों बनाया। इस वर्ष 24 लाख छात्रों ने पंजीकरण करवाया था। वहीं पिछले साल 20 लाख छात्रों ने पंजीकरण करवाया था। इसके अलावि इस साल पाठ्यक्रम में भी 15 प्रतिशत की कटौती की गई थी। NTA के DG ने कहा कि एनटीए ने परीक्षा प्रक्रिया को आयोजित करने में पूरी पारदर्शिता अपनाई है, छिपाने के लिए कुछ भी नहीं था।
एक्शन : मंत्री आलमगीर आलम के सारे विभाग मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने वापस लिये*


*रांची :* जेल में बंद मंत्री आलमगीर आलम के सारे विभाग मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने वापस ले लिए हैं। उल्लेखनीय है कि मंत्री टेंडर आवंटन कमीशन घोटाला में जेल में बंद हैं। इससे विभागीय कामकाज प्रभावित हो रहा था। ये सभी विभाग अब मुख्यमंत्री चंपई सोरेन संभालेंगे। इस संबंध में राज्य सरकार ने शुक्रवार को आधिकारिक अधिसूचना जारी की। मुख्यमंत्री के पास पूर्व में आवंटित विभागों के साथ-साथ संसदीय कार्य विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग तथा पंचायती राज विभाग भी रहेगा। ये चारों विभाग आलमगीर आलम के पास थे।
झारखंड से दो सांसदों को मिल सकता है केंद्रीय कैबिनेट में जगह आजसू की भी है चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कैबिनेट में कृषि व जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री का अहम दायित्व अर्जुन मुंडा के जिम्मे था।

केंद्र में नई सरकार के गठन की कवायद तेज गति से आगे बढ़ रही है। इस बीच यह खबर आ रही है कि झारखंड  से दो सांसदों को केंद्रीय कैबिनेट  में शामिल किया जा सकता है।

इसमें एक भाजपा से और दूसरे आजसू के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी शामिल हो सकते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  के दूसरे कैबिनेट में कृषि व जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री का अहम दायित्व अर्जुन मुंडा के जिम्मे था।

अर्जुन मुंडा खूंटी संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव हार चुके हैं। कोडरमा संसदीय क्षेत्र से लगातार दूसरी बार बड़े अंतर से चुनाव जीतीं अन्नपूर्णा देवी निवर्तमान सरकार में केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री हैं। उनको भी नए कैबिनेट में अवसर मिल सकता है।

निशिकांत और वीडी राम के नाम की भी चर्चा है। लोकसभा में भाजपा के पक्ष को दमदार तरीके से रखने वाले निशिकांत की छवि आक्रामक सांसद की रही है। साथ ही संताल इलाके में सिर्फ एक सीट गोड्डा पर भाजपा को जीत मिली है।

ऐसे में संताल परगना से प्रतिनिधित्व देने की बात सामने आई तो निशिकांत दूबे को अवसर मिल सकता है।

राज्य में लोकसभा की SC आरक्षित सीट पर पलामू से जीते बीडी राम की जीत भी अहम है।

दलित समाज को साथ जोड़े रखने की कवायद में भाजपा बीडी राम को मौका दे सकती है। बीडी राम लगातार तीसरी बार लोकसभा के सांसद चुने गए हैं।
झारखंड के पूर्व डीजीपी रहे बीडी राम भी जीत-हार के बड़े अंतर को बरकरार रखे हैं।
झारखंड के सभी स्कूलों में ग्रीष्म अवकाश समाप्त, कल से खुलेंगी सभी स्कूलें


झारखंड के विभिन्न जिलों में प्रचंड गर्मी के कारण लू के खतरे को देखते हुए सभी सरकारी स्कूलों में 7 जून 2024 तक ग्रीष्म अवकाश घोषित किया गया था।

झारखंड के सभी सरकारी स्कूलों में अब ग्रीष्मावकाश समाप्त होने को है।

सभी सरकारी स्कूल 8 जून से वापस अपने निर्धारित समय अनुसार संचालित की जाएगी।

गौरतलब है कि झारखंड के विभिन्न जिलों में प्रचंड गर्मी के कारण लू के खतरे को देखते हुए सभी सरकारी स्कूलों में 7 जून 2024 तक ग्रीष्म अवकाश घोषित किया गया था।

कल यानी 8 जून से सभी सरकारी स्कूलों में कक्षाएं पहले की तरह सामान्य रूप से संचालित होगी।

हालांकि अब भी तापमान में कुछ खास गिरावट नहीं आई है। अब भी कई जिलों में हीट वेव का खतरा बना हुआ है। इसलिए स्कूल जा रहे बच्चे अपने साथ पानी की बोतल अवश्य रखें।

*पिछले 7 साल से झारखंड मे देर से पहुंच रही है मानसून,इस साल भी 15 जून को पहुंचेगी,कृषक होंगे प्रभावित

झारखंड में मौसम का असर दिखना शुरू हो गया है। कभी कभी आसमान में बादल छाने लगे हैं। इससे मानसून की आहट महसूस होने लगी है। केरल में मानसून 6 जून को प्रवेश किया था। जिसका असर देश के कई भागों के साथ झारखंड पर भी दिख रहा है। यहां भी देरी से मानसून प्रवेश करेगा। *15 जून तक झारखंड में मानसून पुरी तरह हो जायेगा प्रवेश* इस बार संथाल के रास्ते झारखंड में मानसून पहुंचने वाला है। झारखंड में भी पांच दिनों की देरी से मानसून 15 जून तक प्रवेश करेगा। इसका असर किसानी पर भी पड़ेगा। देरी से मानसून आने के चलते वर्षा सामान्य से कम होने की संभावना है। पिछ्ले वर्ष भी 18-20 जून तक दी थी मानसून दस्तक पिछले वर्ष भी मानसून पांच दिनों की देरी से 18 से 20 जून तक झारखंड में प्रवेश किया था जबकि वर्ष 2022 को छह दिनों की देरी से मानसून ने झारखंड में प्रवेश किया था जबकि झारखंड में 12 जून को मानसून प्रवेश की बात कही जा रही थी। मौसम विज्ञानी इस लेटलतीफी का बड़ा कारण मौसम परिवर्तन को बता रहे हैं। वहीं सात जून को राज्य के उत्तर पूर्वी, दक्षिणी हिस्से यानी पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा और सरायकेला खरसावां के अलावे निकटवर्ती मध्य भाग में कहीं कहीं हीटवेव का असर देखने को मिलेगा। मध्य व उत्तर पश्चिमी हिस्सों में देश के पश्चिमी हिस्से से आ रही गर्म हवाओं ने क्लाउड बैंड के असर को कम कर दिया है। इन हिस्सों में लगातार सिमट रही हरियाली के कारण जहां लोगों को उमस भरी गर्मी से जूझना पड़ रहा है। लगातार कम हरियाली के कारण बारिश नहीं हो पा रही वहीं क्लाउड बैंड बनने के बाद भी इन क्षेत्रों में लगातार कम हो रही हरियाली के कारण वर्षा नहीं हो पा रही है। पिछले दस दिनों से राजधानी समेत पूरे राज्य के तापमान में दो-तीन डिग्री का उतार चढ़ाव का दौर लगातार बना हुआ है। देरी हुई तो किसानी होगी प्रभावित : राज्य में जब भी मानसून देरी से आया है, यहां सामान्य से कम वर्षा हुई है और इसका सीधा असर किसानी पर पड़ा है। दरअसल राज्य में मानसून में 1022.9 मिमी वर्षा को सामान्य माना जाता है। यहाँ 7 साल से देरी से पहुंच रहा है मानसून मौसम विज्ञान केंद्र के पिछले नौ साल के आंकड़ों को देखें तो सात वर्ष यहां मानसून देरी से पहुंचा है जबकि 2016 व 2021 को छोड़ दें तो हरेक बार सामान्य से कम वर्षा हुई है। 2018 में मानसून सबसे ज्यादा देरी से 25 जून को झारखंड में पहुंचा था और उस बार सबसे कम 784.4 मिमी वर्षा हुई थी। इस बार भी मानसून के तीन दिनों की देरी से आने की संभावना है। ऐसे में किसानों की परेशानी बढ़ सकती है। वर्ष 2022 और 2023 में 18 से 20 जून तक मानसून ने झारखंड में प्रवेश किया था।
चुनाव विश्लेषण: कल्पना की झारखंड राजनीति में बढ़ता कद,और कई सीट पर भाजपा की हार से प्रभावित होगा आगामी विधानसभा चुनाव...?

झारखंड राज्य में लोकसभा की पिछली बार की 12 सीटों में से तीन सीट भाजपा हार गई। दुमका, लोहरदगा और खूंटी में भाजपा की हार इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव में परेशानी उत्पन्न करने वाली है।

खास बात यह है कि गांडेय विधानसभा के उपचुनाव में झामुमो प्रत्याशी कल्पना सोरेन 25 हजार वोटों से चुनाव जीत गईं।

पार्टी कल्पना सोरेन के सामने कोई चुनौती नहीं खड़ी कर सकी। हालांकि, पलामू में भाजपा प्रत्याशी बीडी राम और चतरा में कालीचरण सिंह की जीत से वहां विधानसभा चुनाव में मदद मिलने की उम्मीद है।

कोल्हान और संताल में पहले से कमजोर है भाजपा

साल 2019 में हुए विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को कोल्हान और संताल क्षेत्र से निराशा हाथ लगी थी। बाबूलाल मरांडी के भाजपा में शामिल होने और प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी को आदिवासी बहुल क्षेत्र में बढ़त की उम्मीद थी। लेकिन लोकसभा चुनाव परिणाम ने पार्टी को निराश किया है।

अगर झामुमो-कांग्रेस गठबंधन इसी तरह से विधानसभा का चुनाव लड़ता है तो भाजपा को उनके किले को तोड़ने में परेशानी होगी। पार्टी ने इस बार अपने दो विधायक मनीष जायसवाल और ढुलू महतो को टिकट दिया था जो जीत गए हैं। इन दो सीटों पर भी नए उम्मीदवार तलाशने की चुनौती पार्टी के समक्ष होगी।

अनुपमा सिंह ने लोकसभा क्षेत्र के सभी मतदाताओं के प्रति आभार जताया,बोली आपके साथ हमेशा रहूंगी खड़ी


धनबाद : धनबाद लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा सिंह ने लोकसभा क्षेत्र के सभी लोगों के प्रति आभार प्रकट किया है. उन्होंने ढुलू महतो को जीत की बधाई देते हुए कहा कि धनबाद और बोकारो की देवतुल्य जनता ने उन्हें अपना भरपूर प्यार और सम्मान दिया है. इसके प्रति वह आभारी हैं. उन्होंने अपनी हार पर कहा कि यह उनकी हार नहीं बल्कि जीत है कि यहां के लाखों लोगों का उन्हें प्यार मिला. 

कुछ कमी जरूर रह गयी, जिसे वह अपनी मेहनत से दूर करेंगी. श्रीमती सिंह ने कहा कि वह इस इलाके में केवल चुनाव लड़ने के लिए नहीं आयीं थीं, वह धनबाद लोकसभा क्षेत्र के विकास के प्रति प्रतिबद्ध हैं और इसके लिए वह यहां लगातार काम करेंगी. 

उन्होंने अपना घर धनबाद को बताते हुए कहा कि वह यहां के लोगों के लिए हर समय उपलब्ध रहेंगी. उन्होंने खुद को मिले लाखों वोट के लिए भी लोगों का आभार जताया.

झारखंड में इनामी नक्सली के इनाम राशि पर होगी समीक्षा,77 हैँ इनामी नक्सली,4 पर एक करोड़ की है इनाम की राशि

झारखंड के इनामी नक्सलियों की क्षमता के अनुसार उनपर इनामी राशि दोबारा तय होने वाली है। इसका मूल्यांकन हर जिले की पुलिस कर रही है, जो अपनी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय भेजेगी। इसमें वैसे नक्सली जिनकी सक्रियता कम है, उनपर घोषित इनाम को हटाया जाएगा।

नक्सलियों की गिरफ्तारी के बाद उनके बयान, दस्ते की स्थिति, दस्तों में नक्सलियों की सक्रियता, उन्हें मिले पद और उस पद का इस्तेमाल और उनकी गतिविधियां आदि को पुलिस ने अपने मूल्यांकन के प्रारूप में लिया है।

 77 नक्सलियो पर किया ज्ञाभाई इनाम घोषित

वर्तमान में राज्य में 77 इनामी नक्सली हैं। इस सूची को 29 अप्रैल 2024 को संशोधित किया गया था। इससे पहले 72 नक्सली थे। 29 अप्रैल को 5 और नक्सलियों का नाम जोड़ा गया। अब दोबारा संशोधन की प्रक्रिया पुलिस ने अपनाई है। हर इलाके के इनामी नक्सलियों की सूची मांगी गई है।

 4 नक्सली पर है एक करोड़ की इनाम

राज्य में जो इनामी नक्सली हैं, उसमें सेंट्रल कमेटी मेंबर व पोलित ब्यूरो मेंबर में एक करोड़ के इनामी 4, स्टेट एरिया कमेटी के 25 लाख के 8, रीजनल कमेटी मेंटर के 15 लाख के 13, जोनल कमेटी मेंबर में 10 लाख के 11, सब जोनल कमेटी मेंबर के 5 लाख के 12, एरिया कमेटी मेंबर में दो लाख के 9, जबकि साधारण सदस्यों में एक लाख के 20 नक्सलियों के नाम हैं। इसमें सीपीआई माओवादी, पीएफआई, जेजेएमपी और टीपीसी के उग्रवादी शामिल हैं।

आईजी ऑपरेशन अमोल वी होमकर ने बताया कि सीपीआई माओवादी, पीएलएफआई, जेजेएमपी, टीपीसी के उग्रवादियों की इनाम की सूची में संशोधन जारी है। उनकी क्षमता के अनुसार ही इनामी राशि निर्धारित की गई है। सूचना देने वाले इसके हकदार होंगे।