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नई सरकार में अबकी बार मांगें बेशुमार.... मंत्रिमंडल के लिए आई TDP, JDU, चिराग, मांझी और शिंदे की डिमांड

लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद अब नई सरकार को लेकर उठापटक शुरू हो गयी है. आज शाम दिल्ली में बीजेपी ने नेतृत्व वाले एनडीए की अहम बैठक होने वाली है. लेकिन इन सबके बीच खबर आ रही है कि एनडीए के सहयोगियों ने सरकार गठन से पहले ही बीजेपी पर दवाब बनाना शुरू कर दिया है. 

सूत्र बता रहे हैं कि जेडीयू ने भी 3 कैबिनेट मंत्रियों की मांग की है. इसके अलावा शिवसेना के एकनाथ शिंदे भी 1 कैबिनेट और 2 MOS चाहते हैं. इसके अलावा चिराग पासवान 1 कैबिनेट और 1 राज्य मंत्री की मांग कर सकते हैं. जीतन राम माझी भी मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनना चाहते हैं.

सूत्रों के मुताबिक, टीडीपी सहित अन्य सहयोगी दलों की तरफ से भी डिमांड आ रही है. सबसे बड़ी डिमांड लोकसभा स्पीकर पद को लेकर रहने वाली है जिस पर टीडीपी दावा ठोकने लगी है. कहा जा रहा है कि नायडू 5 से लेकर 6 या फिर इससे ज्यादा भी मंत्रालय मांग सकते हैं.

ये मंत्रालय मांग सकती है TDP

1. लोकसभा स्पीकर का पद

2. सड़क-परिवहन

3. ग्रामीण विकास

4. स्वास्थ्य

5. आवास एवं शहरी मामले

6. कृषि

7. जल शक्ति

8. सूचना एवं प्रसारण

9. शिक्षा

10. वित्त (MoS)

एनडीए को मिला है बहुमत

बता दें कि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने लोकसभा चुनाव में 292 सीटें जीतीं, जबकि विपक्षी भारत ब्लॉक 234 सीटों पर आगे रहा. भाजपा 240 सीटों पर विजयी रही, जो 272 के बहुमत के आंकड़े से कम है. जबकि कांग्रेस 99 सीट जीतने में कामयाब रही, जो 2019 की 52 सीटों की तुलना में 47 सीटें अधिक है. एनडीए का वोट शेयर भी इस बार कम हुआ है. 

NDA के 5 बड़े सहयोगी

पार्टी सीटें

1. टीडीपी 16

2. जेडीयू 12

3. शिवसेना 7

4. LJP (रामविलास) 5

5. जेडीएस 2

स्पेशल स्टेटस मांग सकते हैं नायडू

मंत्रालय में इन डिमांड्स के अलावा चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश के लिए स्पेशल स्टेटस भी मांग सकते हैं. यह उनकी काफी पुरानी मांग रही है. बता दें कि स्पेशल स्टेटस का दर्जा ऐसे राज्यों को दिया जाता है, जो ऐतिहासिक रूप से देश के बाकी हिस्सों की तुलना में पिछड़े हुए हैं. इसका फैसला राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) लेता रहा है. तेलंगाना के अलग होने के बाद से ही चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश के लिए स्पेशल स्टेटस यानी विशेष राज्य का दर्जा मांगते रहे हैं. इसके पीछे उनका तर्क है कि हैदराबाद के तेलंगाना के पास जाने के बाद आंध्र प्रदेश की आर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ है.

चुनावी मेनिफेस्टों में दिए गारंटी कार्ड में महिलाओं को एक लाख देने के दावे के बाद कार्ड लेकर लखनऊ कांग्रेस कार्यालय पहुंची मुस्लिम महिलाएं, डाला

लोकसभा चुनाव के बीच एक तरफ एनडीए और इंडिया गठबंधन की जोड़तोड़ की राजनीति को लेकर हलचल मची हुई है तो वहीं लखनऊ कांग्रेस कार्यालय पर मुस्लिम महिलाओं ने हंगामा शुरू कर दिया है। लखनऊ कांग्रेस दफ्तर पर बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंच गईं हैं जो कांग्रेस दफ्तर के बाहर पार्टी का ही मैनिफेस्टो का गारंटी कार्ड लेकर नारेबाजी कर रही है। मुस्लिम महिलाएं गारंटी कार्ड में एक लाख रुपये देने वाले कांग्रेस के दावे वाले गारंटी कार्ड को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं। मुस्लिम महिलाओं ने कहा कि इंडिया ब्लॉक ने चुनाव प्रचार के दौरान एक लाख रुपये देने का वादा किया था। अब इंडिया ब्लॉक ने अच्छा प्रदर्शन किया है तो हम गारंटी कार्ड जमा करने आए हैं।

गारंटी कार्ड जमा कर रसीद मिलने का दावा

लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद अगले ही दिन बुधवार को लखनऊ स्थित कांग्रेस के पार्टी कार्यालय पर मुस्लिम महिलाएं कांग्रेस का एक लाख रुपये देने का गारंटी कार्ड लेकर जमा हो गईं। ये भी कहा है इंडिया ब्लाक ने अच्छा प्रदर्शन किया है। अब ये गारंटी कार्ड लेकर रसीद दे दो। कुछ महिलाओं ने रसीद मिलने का भी दावा किया। महिलाएं ‘गारंटी कार्ड’ में किए वादे की मांग करने लगीं। कुछ महिलाओं ने पहले से मिले कांग्रेस के गारंटी कार्ड को भी पार्टी कार्यालय में जमा कर दिया, जिस पर उनका नाम, पता और नंबर लिखा था।  

युवाओं और गरीब महिलाओं को 1 लाख देने का था वादा

लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान युवाओं और गरीब महिलाओं को एक लाख देने का वादा कांग्रेस ने अपने गारंटी कार्ड में किया था। इसमें युवाओं को एक लाख रुपये और गरीब महिलाओं के लिए भी एक लाख देने का वादा किया था। ऐसे में महिलाएं एक लाख रुपये देने की मांग कर रही हैं और कांग्रेस दफ्तर पर प्रदर्शन कर राहुल गांधी से वादा पूरा करने की मांग कर रही हैं।

महाराष्ट्र में अजित पवार भाजपा से नाराज, शिव सेना शिंदे के कई सांसद उद्धव ठाकरे के संपर्क में, पढ़िए, क्या बन रहा नया समीकरण

 महाराष्‍ट्र लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी (MVA) की शानदार जीत के बाद एक बार फिर राज्य की सियासत गरमाती नजर आ रही है। उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने चुनावों में खुद को असली शिवसेना और राकांपा साबित कर दिया है। बताया जा रहा है कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजीत पवार की राकांपा में घमासान मचा हुआ है। 

मीडिया खबरों के अनुसार, शिव सेना शिंदे गुट के 5 में से 4 सांसद उद्धव ठाकरे के संपर्क में बताए जा रहे हैं। शिंदे के बेटे श्रीकांत ही उनके साथ नजर आ रहे हैं। वे राजग की बैठक में भी शामिल होंगे।

इधर महाराष्‍ट्र के उपमुख्‍यमंत्री अजीत पवार का भी भाजपा से मोहभंग होता नजर आ रहा है। लोकसभा चुनावों में उनकी पार्टी को मात्र एक ही सीट पर सफलता मिली। यहां तक कि बारामती लोकसभा सीट पर उनकी पत्नी सुनेत्रा पंवार को भी सुप्रिया सुले के सामने हार का सामना करना पड़ा।

चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन के बाद अजीत पवार भाजपा से खासे नाराज हैं। कहा जा रहा है कि उनके करीबी प्रफुल्ल पटेल भी राजग की बैठक में शामिल होने दिल्ली नहीं आएंगे। 

पिछले साल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में टूट के बावजूद वरिष्ठ नेता शरद पवार ने महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में अग्रिम मोर्चे पर कमान संभाली और पार्टी को 10 में 8 सीटों पर जीत दिलाते हुए राज्य की राजनीति में अपने कद को और ऊंचा किया।

उल्लेखनीय है कि महाराष्‍ट्र चुनावों में कांग्रेस ने 13 सीटें जीती जबकि भाजपा को मात्र 9 सीटों से संतोष करना पड़ा। उद्धव की शिवसेना ने भी 9 सीटों पर जीत हासिल की वहीं शरद पवार की राकांपा 8 सीटें जीतने में सफल रही। अजीत पवार की पार्टी को मात्र 1 सीट पर संतोष करना पड़ा।

NDA ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, राष्ट्रपति को सौंपा समर्थन पत्र, PM मोदी का ऐलान- अगले 10 साल रहेगी एनडीए की सरकार

 लोकसभा चुनाव में एनडीए को मिले बहुमत के बाद अब नई सरकार के गठन को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। आज नरेंद्र मोदी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया। राष्ट्रपति को समर्थन पत्र सौंपा गया। बताया जा रहा है कि मोदी 9 जून को प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा- मुझे नया दायित्व देने के लिए आभार। मेरा एक ही लक्ष्य है- भारत माता और देश का विकास। बैठक में NDA के सभी 293 सांसद, राज्यसभा सांसद और सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और डिप्टी CM मौजूद थे।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्‌डा ने स्वागत भाषण दिया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा। अमित शाह ने इसका समर्थन किया और नितिन गडकरी ने अनुमोदन किया। जेडीएस अध्यक्ष कुमारस्वामी ने प्रस्ताव का समर्थन किया। एनडीए के संसदीय दल की बैठक बाद पीएम नरेंद्र मोदी पूर्व गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी से मिलने के लिए उनके घर पहुंचे। 

PM मोदी ने कहा, ''मैं बहुत जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं, एनडीए सरकार में हम अगले 10 साल में सुशासन, विकास, जीवन की गुणवत्ता और मेरा व्यक्तिगत सपना है। मैं लोकतंत्र की समृद्धि के बारे में सोचता हूं तो मानता हूं कि मध्यम वर्ग के जीवन में सरकार की दखल जितनी कम हो, उतना अच्छा है। आज के तकनीक के दौर में हम यह कर सकते हैं। हम विकसित भारत के सपने को साकार करके रहेंगे। विस्तार से कहूं तो सदन में किसी भी दल का कोई भी प्रतिनिधि होगा, मेरे लिए सब बराबर हैं। जब मैं सबका प्रयास करता हूं तो सदन में भी सब बराबर हैं। यह भी भाव है, जिसके कारण 30 साल से एनडीए आगे बढ़ा है। 

सबको गले लगाने में हमने कोई कमी नहीं रखी है। हमने 2024 में जिस टीम भावना से काम किया है और जमीनी स्तर पर किया है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ तस्वीरों के लिए नेताओं ने हाथ हिलाए और फिर तुम तुम्हारे रास्ते और हम हमारे रास्ते। हमने वाकई एकदूसरे का सहयोग किया है। हर किसी ने यही सोचा कि जहां कम, वहां हम। मैं कह सकता हूं कि हमारा 10 साल का अनुभव है। भारत के हर क्षेत्र और हर नागरिक की आकांक्षा और राष्ट्र की आकांक्षाओं के बीच अटूट नाता होना चाहिए। बीच से हवा न गुजर सके, ऐसा जुड़ाव होना चाहिए।''

पीएम ने कहा कि एनडीए का यह कार्यकाल बड़े फैसलों और तेज विकास का है। हम समय नहीं गंवाना चाहते। हम पांच नंबर से तीन नंबर की अर्थव्यवस्था पर पहुंच रहे हैं। यह खाली पांच-तीन का आंकड़ा नहीं है। इससे अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ेगा, उससे सरलता बढ़ेगी, देश की जरूरतें पूरी करने का सामर्थ्य बढ़ेगा। राज्यों का सहयोग भी इसमें उतना ही महत्वपूर्ण रहेगा। मेरा आग्रह है कि प्रतिस्पर्धी सहयोगात्मक संघवाद। हम अच्छा करने की स्पर्धा करें। जी-20 समिट हम एक जगह से कर सकते हैं, लेकिन हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठकें हुईं।

सर्वमत का सम्मान कर देश को आगे ले जाने की कोई कसर नहीं छोड़ेंगे” एनडीए संसदीय की बैठक में बोले पीएम मोदी*
#pm_modi_address_to_nda_parliamentary_party_meeting

लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद नई सरकार के गठन की कवायद तेज हो गई है। इसको लेकर देश की राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में बैठकों का दौर लगातार जारी है। इसी क्रम में बीजेपी नीत एनडीए संसदीय दलों की बैठक आज दिल्ली के आयोजित की गई।संसद के सेंट्रल हॉल में एनडीए संसदीय दल की बैठक में नरेन्द्र मोदी को नेता चुन लिया गया है। राजनाथ सिंह ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा था। इसके बाद वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह, नितिन गडकरी और राजग के साथी तेदेपा के चंद्रबाबू नायडू, जदयू के नीतीश कुमार, शिवसेना के एकनाथ शिंदे समेत अन्य नेताओं ने प्रस्ताव का समर्थन किया। *हमारे बीच विश्वास का पुल मजबूत- नरेंद्र मोदी* एनडीए संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद नरेंद्र मोदी ने सभी नेताओं का आभार जताया। उन्होंने कहा कि एनडीए का नेता चुना जाना मेरा सौभाग्य है। इसके लिए जितना धन्यवाद करूं, उतना कम है। ये पल मेंरे लिए भावुक कर देने वाला है। विश्वास ही सबसे बड़ी पूंजी है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि जब मैं 2019 में इस सदन में बोल रहा था, तो आप सभी ने मुझे नेता के रूप में चुना था, तब मैंने एक बात पर जोर दिया था, वह है विश्वास। आज जब आप मुझे यह भूमिका दे रहे हैं, तो इसका मतलब है कि हमारे बीच विश्वास का पुल मजबूत है। यह रिश्ता विश्वास की मजबूत नींव पर है और यही सबसे बड़ी पूंजी है। *हमारे पास महान नेताओं की विरासत* एनडीए संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, एनडीए राष्ट्र प्रथम के प्रति प्रतिबद्ध समूह है। शुरुआत में यह 30 साल के लंबे अंतराल के बाद इकट्ठा हुआ होगा। लेकिन आज मैं कह सकता हूं कि एनडीए भारत की राजनीतिक व्यवस्था में एक जैविक गठबंधन है और अटल बिहारी वाजपेयी, प्रकाश सिंह बादल, बालासाहेब ठाकरे जैसे महान नेताओं ने… जिन्होंने बीज बोया, आज भारत के लोगों ने एनडीए के भरोसे को सींचा और उस बीज को फलदायी बना दिया है। हम सभी के पास ऐसे महान नेताओं की विरासत है और हमें इस पर गर्व है। पिछले 10 वर्षों में हमने एनडीए की उसी विरासत, उन्हीं मूल्यों को लेकर आगे बढ़ने का और देश को आगे बढ़ाने का प्रयास किया है। *देश को आगे ले जाने की कोई कसर नहीं छोड़ेंगे-पीएम मोदी* पीएम मोदी ने कहा, हिंदुस्तान के राजनीतिक इतिहास में और गठबंधन की राजनीति के इतिहास में चुनाव पूर्व गठबंधन इतना कभी मजबूत नहीं हुआ, जितना एनडीए हुआ है। यह गठबंधन की जीत है। हमने बहुमत हासिल किया है। मैं कई बार कह चुका हूं। सरकार चलाने के लिए बहुमत आवश्यक है, लोकतंत्र का वही एक सिद्धांत है। देश चलाने के लिए सर्वमत बहुत जरूरी होता है। मैं आज देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आपने जिस तरह बहुमत देकर सरकार चलाने का सौभाग्य दिया है, हम सभी का दायित्व है कि सर्वमत का सम्मान कर देश को आगे ले जाने की कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। *नतीजों को लेकर मोदी का विपक्ष पर तंज* एनडीए संसदीय दल की बैठक में नरेंद्र मोदी ने नतीजों को लेकर विपक्ष पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि नतीजों के बाद हमने पूछा, ईवीएम जिंदा है या मर गया'। मगर ईवीएम ने विपक्ष को चुप करा दिया। 4 जून को लोकतंत्र को घेरने की तैयारी थी। अब 5 साल तक ईवीएम सुनाई नहीं देगा। विपक्ष निराशा लेकर मैदान में आया था। *कांग्रेस को तीन चुनावों में जितनी सीट उतनी सीट इस बार हमें- मोदी* मोदी ने कहा कि कांग्रेस को तीन चुनावों में जितनी सीट मिली, उतनी सीट हमे इस बार मिली है। 10 साल बाद भी कांग्रेस 100 के आंकड़े के पार नहीं पहुंची है। हम विजय को पचाना जानते हैं। न विजय का उन्माद, न पराजय का उपहास, न हम हारे थे और न हम हारे हैं। मोदी ने कहा कि देश को सिर्फ और सिर्फ एनडीए पर भरोसा है। विपक्ष ने भ्रम और झूठ फैलाया। लोगों को गुमराह किया। विपक्ष ने भारत को बदनाम करने की साजिश रची। उसने रुकावट डालने की कोशिश की।
नरेंद्र मोदी चुने गए NDA संसदीय दल के नेता, चंद्रबाबू नायडू-नीतीश की मौजूदगी में राजनाथ सिंह ने रखा प्रस्ताव

नरेंद्र मोदी को एनडीए संसदीय दल का नेता चुना गया है. शुक्रवार को पुराने संसद भवन में एनडी संसदीय दल की बैठक में राजनाथ सिंह ने यह प्रस्ताव रखा. इस दौरान सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पास किया गया. प्रस्ताव के दौरान टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मंच पर मौजूद रहे. इस दौरान भाजपा सांसद राजनाथ सिंह ने कहा,'मैं सभी नवनिर्वाचित सांसदों को बधाई देना चाहता हूं. आज हम एनडीए का नेता चुनने के लिए यहां आए हैं. मेरा मानना ​​है कि इन सभी पदों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम सबसे उपयुक्त है.'

अमित शाह ने कहा,' यह प्रस्ताव केवल यहां बैठे लोगों की इच्छा नहीं है. यह देश के 140 करोड़ लोगों का प्रस्ताव है. यह देश की आवाज है कि पीएम मोदी अगले 5 साल तक देश का नेतृत्व करें.' वहीं, एनडीए संसदीय दल की बैठक में भाजपा सांसद नितिन गडकरी ने नरेन्द्र मोदी को लोकसभा का नेता, भाजपा और एनडीए संसदीय दल का नेता नामित करने के प्रस्ताव का समर्थन किया.

आज है विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस, क्यों मनाया जाता है, WHO से जानिए फूड सेफ्टी डे का महत्व

आज विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस है. हर साल 7 जून के दिन विश्व स्वास्थ्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद खाद्य सुरक्षा के बारे में खाद्य उत्पादक, उपभोक्ता और सरकार को जागरूक करना है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार हर साल वैश्विक तौर पर 10 में से एक व्यक्ति दूषित खाना खाकर बीमार पड़ता है. कोई देश इससे अछूता नहीं है. 200 से ज्यादा बीमारियां खाने में बैक्टीरिया, वायरस, पैरासाइट और केमिकल्स की उपस्थिति के कारण होती हैं. इस चलते खाद्य सुरक्षा पर ध्यान देने पर जोर दिया जाता है. इस दिन को मनाने की शुरूआत 2018 में WHO और फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन के द्वारा की गई थी. इस दिन को मनाने की एक वजह लोगों को खाद्य सुरक्षा के महत्व से अवगत कराना भी है. भोजन बर्बाद ना करना और ऐसा खाना उपलब्ध कराना जो स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित हो इस दिन को मनाने से ही जुड़े मुद्दे हैं. विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 2023 की थीम, 'खाद्य मानक जीवन बचाते हैं' है. 

खाद्य सुरक्षा क्यों है जरूरी

WHO के अनुसार, विश्व खाद्य दिवस का महत्व केवल एक व्यक्ति या किसी एक वर्ग से नहीं है बल्कि इससे हम सभी जुड़े हुए हैं. चाहे आप सरकार के लिए काम करते हैं, फूड बिजनेस में हों या फिर खानपान की किसी दुकान में काम करते हों, आपको खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए जिससे खाना खाने वाले के स्वास्थ्य से समझौता ना हो. इसके लिए हाइजीन, प्रोडक्शन, स्टोरेज फेसिलिटी और खाने के दाम सभी का ध्यान रखना आवश्यक होता है.

खाद्य सुरक्षा इसीलिए जरूरी है क्योंकि खाना पूरी तरह सुरक्षित होगा तभी उसके पोषक तत्व बेहतर तरह से खाने वाले को मिल सकेंगे. इससे बच्चों का विकास बेहतर होगा और वयस्क ऊर्जा महसूस करेंगे. 

WHO का कहना है कि खाद्य सुरक्षा ही सेहत को सुनिश्चित करती है. इसके लिए फूड सप्लाई चेन और खाने से जुड़े हाइजीन का ध्यान रखना जरूरी है. साथ ही, फूड चेन से जुड़े सभी लोगों को खाद्य सुरक्षा के प्रति शिक्षित करने की आवश्यकता है. खाद्य मानक ही खाना खाने वाले की सेहत की गारंटी देते हैं. खाना पूरी तरह सुरक्षित होगा तो खाने वाला भी सुरक्षित रह सकेगा. 

कैसे सुनिश्चित करें खाने की सुरक्षा

खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए खाने की चीजों की सही तरह से सफाई जरूरी है. कुछ भी कच्चा खाने से पहले सब्जी या फल को अच्छी तरह धो लें. 

खाना पकाते हुए साफ-सफाई का ज्यादा से ज्यादा ध्यान रखें. खाना हाइजीनिक तरीके से ना बना हो तो उसे खाने से परहेज करें. 

बहुत से खाद्य पदार्थ पकाकर खाने ही सही होते हैं. खासकर मांस-मच्छी को पकाकर खाने की सलाह दी जाती है. 

खाने की चीजों को सही तरह से स्टोर करके रखना भी जरूरी है. 

बेक्टीरिया नष्ट हो जाए इसके लिए खाना गर्म करके खाना सही रहता है. 

खाना बनाने से पहले हाथों को साफ करें. खानपान के बर्तनों की साफ-सफाई पर भी ध्यान दें. 

खान पकाने के लिए इस्तेमाल हो रहा पानी भी साफ हो इसका ध्यान रखें. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. न्यूज़ फास्ट इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

महाराष्ट्र पहुंचा मानसून, जानिए MP-राजस्थान, UP समेत अन्य राज्यों में कब देगा दस्तक, अगले 24 घंटों में इन राज्यों में होगी झमाझम बारिश

देश में अभी गर्मी का दौर खत्म नहीं हुआ है। एक तरफ किसानों को मानसून का इंतजार है तो वहीं शहरी लोगों को गर्मी से राहत के लिए हल्की-फुल्की बारिश चाहिए। इस बीच मौसम विभाग में मानसून को लेकर एक बड़ा अपडेट दिया है। मानसून महाराष्ट्र पहुंच चुका है और जल्द ही दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में भी एंट्री ले लेगा।

देश में मॉनसून का आगमन हो चुका है और कुछ राज्यों में प्री-मॉनसून गतिविधियां भी शुरू हो चुकी हैं, लेकिन फिर भी कई इलाकों में गर्मी से राहत नहीं मिली है। , उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार के लोग मानसून का इंतजार कर रहे हैं, ताकि इस बेहाल कर देने वाली गर्मी से राहत मिल सके। 

मौसम विभाग की मानें तो दक्षिण-पश्चिम मॉनसून मध्य अरब सागर के कुछ और हिस्सों में आगे बढ़ गया है, कर्नाटक के अधिकांश भाग, महाराष्ट्र, तेलंगाना और तटीय आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्से, पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के अधिकांश भाग और उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के कुछ भाग में मॉनसून की एंट्री हो चुकी है। वहीं उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत कुछ जिलों में 9 और 10 मई को लू चलने की आशंका है। 

उत्तर प्रदेश में मानसून की एंट्री को लेकर मौसम विभाग ने कहा कि 18 से 20 जून के बीच वाराणसी या फिर से गोरखपुर से यूपी में मानसून की एंट्री होगी। 24 से 25 जून के आसपास लखनऊ में मानसून आ सकता है, जिसके बाद अच्छी बारिश होने की संभावना है। वहीं मानसून 15 से 17 जून तक मध्यप्रदेश में भी आ सकता है। 

वहीं बीते गुरुवार को भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने की तरफ से जारी किए गए मौसम पूर्वानुमान में कहा गया कि, “देश के कई राज्यों में अगले 5 दिन भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने कहा कि मध्य प्रदेश के उत्तर-पश्चिम वाले इलाके में एक चक्रवाती सिस्टम बना है, जो पश्चिम बंगाल तक फैले एक टर्फ से जुड़ा है। इसका असर बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल तक देखने को मिलेगा। अगले दो-तीन दिन तक यहां हल्की बारिश हो सकती है।

राजस्थान में तेज गर्मी से परेशान लोगों को राहत मिलने वाली है। अगले 24 घंटे में एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने वाला है। इसके असर प्रदेश में आंधी और झमाझम बारिश होने की संभावना है। बहुत जल्द ही मानसून जून अंत तक पूरे भारत में दस्तक देने जा रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि अगले तीन से चार दिनों में मुंबई सहित महाराष्ट्र के अधिक हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं।

कौन है कंगना रनौत को थप्पड़ मारने वाली कुलविंदर कौर, बॉलीवुड क्वीन को क्यों मारा थप्पड़? यहां जानिए सबकुछ

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत हमेशा चर्चाओं का विषय रही है, लेकिन अब उन्होंने राजनीति के सियासी पिच पर भी अपने कदम रख दिए हैं और मंडी से चुनाव लड़ते हुए उन्होंने भारी बहुमत से जीत हासिल की है और अब वह सांसद बन गई है। हर तरफ अभिनेत्री की चर्चाएं हो रही है। इस बीच कल चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर अभिनेत्री के साथ पंगा हो गया, जिसमें CISF की महिला जवान ने कंगना रनौत को थप्पड़ जड़ दिया।

इस घटना के दौरान का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर जबरदस्त तरीके से वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि कंगना रनौत गुस्से में नजर आ रही है, हालांकि कुछ देर तक चली इस मगजमारी के बाद कंगना रनौत दिल्ली के लिए रवाना हो गई। लेकिन उन्होंने इस मामले की शिकायत पुलिस को कर दी है।

इस पूरे घटनाक्रम से जुड़ा एक वीडियो CISF जवान कुलविंदर कौर का भी सामने आया है, जिसमें उन्होंने कंगना रनौत द्वारा दिए गए बयान पर अपना गुस्सा जाहिर किया है। इस बात से समझा जा सकता है कि कुलविंदर कौर अभिनेत्री के बयान से नाराज थी जिसके चलते ही उन्होंने इस घटनाक्रम को अंजाम दिया। कंगना रनौत से जुड़ी खबर सामने आने के बाद से सब लोग कुलविंदर कौर के बारे में सर्च कर रहे हैं कि आखिरकार ये CISF जवान कौन है, जिसने अभिनेत्री को थप्पड़ जड़ दिया। 

महिला कॉस्टेबल सुल्तानपुर लोधी की रहने वाली है और पंजाब के स्थानीय किसान नेता शेर सिंह की बहन है। अधिकारियों ने बताया है कि महिला सिपाही के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद उसे निलंबित कर दिया गया है। शेर सिंह महिवाल ने कहा, "मुझे मीडिया के जरिए पता चला कि चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर कुछ हुआ है। अब जानकारी मिली है कि ये मामला कंगना के मोबाइल और पर्स की चेकिंग के दौरान हुआ। कंगना ने किसान आंदोलन के दौरान कहा था कि वहां 100 रुपये में महिलाएं आई हैं।"

कुलविंदर कौर की शादी लगभग 6 वर्ष पहले जम्मू में हुई थी। वहीं जानकारी के अनुसार उसका भाई शेर सिंह महिवाल वासी गांव महिवाल किसान नेता है और किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के कपूरथला से संगठन सचिव की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं। कुलविंदर कौर करीब दो साल से चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर तैनात हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना से पहले तक उनका सर्विस रिकॉर्ड अच्छा रहा है। उनकी 15 साल की सर्विस में इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है। 

कंगना ने वीडियो जारी कर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मुझे बहुत ज्‍यादा फोन कॉल्‍स आ रहे हैं, मीडिया के भी और अपने शुभचिंतकों के भी. मैं सुरक्षित हूं। आज चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर जो हादसा हुआ वह सिक्‍योरिटी जांच के दौरान हुआ। जैसे ही मैं सुरक्षा जांच के बाद बाहर आई, दूसरे केबिन में एक सीआईएसएफ सुरक्षा कर्मचारी आई और उसने मेरे चेहरे पर मारा और गाली देने लगी। जब मैंने उससे पूछा कि ऐसा क्यों किया तो उन्‍होंने कहा कि वह किसानों के विरोध का समर्थन करती हैं। मैं सुरक्षित हूं लेकिन मेरी चिंता है कि पंजाब में जो आतंकवाद और उग्रवाद बढ़ रहा है, उससे कैसे निपटेंगे।"

तीन महीने बाद हटा आचार संहिता , लोकसभा चुनावों के ऐलान के बाद हुआ था लागू

लोकसभा चुनावी प्रक्रिया खत्म होने के साथ ही गुरुवार शाम को भारतीय चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार , चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। उन्होंने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 73 के तहत आयोग द्वारा जारी अधिसूचना की एक कॉपी राष्ट्रपति को सौंपी। इसमें 18वीं लोकसभा के आम चुनावों के बाद चुने गए सभी 543 लोकसभा सदस्यों के नाम अंकित हैं। इसी के बाद आयोग द्वारा देश भर में 16 मार्च से लगी आदर्श आचार संहिता को भी 06 जून की शाम से तुरंत प्रभाव से हटा लिया गया। इसके लिए आयोग ने आदेश की कॉपी राष्ट्रपति भवन के कैबिनेट सेक्रेटरी , सभी 36 राज्यों के मुख्य सचिव और मुख्य चुनाव अधिकारी को भेजी है। आयोग ने बताया कि आम चुनाव कराने की वजह से देश भर में लगी आदर्श आचार संहिता को हटा लिया गया है। इनमें वह राज्य भी शामिल हैं , जहां-जहां विधानसभा चुनाव भी हुए थे। हालांकि कर्नाटक , महाराष्ट्र और तेलंगाना के उन निर्वाचन क्षेत्रों में आचार संहिता अभी लागू रहेगी जहां द्विवार्षिक और उप चुनाव होना है।

भारत निर्वाचन आयोग ने बताया कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और दोनों चुनाव आयुक्तों ने गुरुवार अपराह्न 04:30 बजे राष्ट्रपति से मुलाकात की। इसके बाद तीनों वरीय अधिकारी और आयोग के अन्य ऑफिसर राजघाट पहुंचे। जहां दुनिया के इस सबसे बड़ी चुनावी प्रक्रिया के अच्छे से संपन्न होने पर आयोग ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन किया। आयोग के मुताबिक राष्ट्रपति ने निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने के लिए आयोग के साथ-साथ इस पूरी प्रक्रिया में लगे तमाम कर्मचारियों और अधिकारियों को बधाई दी है। सात चरणों में हुए आम चुनाव 2024 में कुल 65.79 फीसदी मतदान हुआ जो 2019 के मुकाबले एक फीसदी से कुछ अधिक कम है।