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गौवंश अभ्यारण्य योजना लाएगी छत्तीसगढ़ सरकार, सीएम विष्णुदेव साय ने अधिकारियों को दिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश…*

रायपुर- सड़कों पर खुले में घूमने वाले स्वामी विहीन गौवंशों की सुरक्षा एवं दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए साय सरकार प्रदेश में गौवंश अभ्यारण्य योजना ले कर आ रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अधिकारियों को इसके लिए कार्ययोजना बनाने के आवश्यक निर्देश दिए हैं। 

राज्य में पशुधन विकास विभाग, पंचायत, राजस्व एवं वन विभाग के समन्वय से गौवंश अभ्यारण्य संचालित करने की योजना है। इस योजना के क्रियान्वयन से सड़कों पर भूखे-प्यासे भटकने वाले गौवंश को न केवल नियमित आहार मिल सकेगा वरन् उनकी उचित देखभाल और चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध होगी। गौवंश अभ्यारण्य पशुधन के लिए उचित रहवासी वातावरण से परिपूर्ण होगा। 

गौरतलब है, कि सड़कों पर घूम रहे स्वामी विहीन पशुधन न केवल यातायात के लिए बाधा बन रहे हैं बल्कि ज्यादातर दुर्घटनाओं का कारण भी बनते हैं। भूख से बेहाल पशुधन द्वारा कूड़ा-कचरा एवं प्लास्टिक खाने से उनके स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। गौवंश अभ्यारण्य योजना इसे रोकने की दिशा में सकारात्मक कदम साबित होगी। 

भ्रष्टाचार मुक्त, सेवा, सुरक्षा और संवर्धन होगा योजना का ध्येय वाक्य: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है, कि ठोस कार्ययोजना के माध्यम से भ्रष्टाचार मुक्त, सेवा, सुरक्षा और संवर्धन का ध्येय वाक्य ले कर प्रदेश में स्वामी विहीन पशुधन के लिए गौवंश अभ्यारण्य की रूप रेखा बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। प्रस्तावित योजना लागू होने पर न केवल सड़कों पर भूखे-प्यासे भटकने वाले गौवंशों को नियमित आहार, देखभाल और चिकित्सकीय सुविधा मिलेगी वरन् दुर्घटनाओं पर भी लगाम लगेगी।

बेमेतरा में बारूद फैक्ट्री में ब्लास्‍ट, चार की मौत, छह घायल, हादसे को लेकर मुआवजे का एलान

बेमेतरा- छत्तीसगढ़ के बेमेतरा स्थित बेरला के ग्राम बोरसी में बारूद फैक्ट्री में शनिवार सुबह ब्लास्ट हुआ है। इसमें चार लोगों की मौत हो गई, जबकि छह लोग घायल हुए। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका भी जताई जा रही है।

वहीं इस हादसे बेमेतरा में हुए हादसे को लेकर छत्‍तीसगढ़ शासन ने मुआवजे का एलान किया है। घटनास्‍थल पर पहुंचे उपमुख्‍यमंत्री अरुण साव ने कहा, हादसे में मृतक के स्‍वजनों को 5 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। डिप्‍टी सीएम साव ने कहा, घटना की मजिस्ट्रेट जांच होगी। हादसे के लिए जिम्‍मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

झीरम कांड पर सियासत : BJP नेता शिवरतन बोले – छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त बनाने काम कर रही सरकार, PCC चीफ बैज नक्सलियों का कर रहे समर्थन

रायपुर- भाजपा एकात्म परिसर में आयोजित प्रेसवार्ता में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष, पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा ने बेमेतरा हादसे पर दुख जताया. उन्होंने झीरम कांड को लेकर कहा, 25 मई 2011 को झीरम घाटी की घटना घटी थी, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मारे गए थे. कांग्रेस के पीसीसी चीफ दीपक बैज जिस तिथि पर प्रदेश के बड़े नेताओं की मृत्यु हुई उसी दिन वे नक्सलियों का समर्थन कर रहे और नक्सलियों को निर्दोष बता रहे हैं. शर्मा ने कहा, छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के बाद यह तय किया कि 2 वर्षों के अंदर हम नक्सल मुक्त राज्य बनाएंगे, इसके परिणाम सबके सामने है.

भाजपा नेता शिवरतन ने कहा, 4 महीने के अंदर इतनी बड़ी संख्या में नक्सली मारे गए हैं. जब भी नक्सली मारे जाते हैं कोई न कोई नेता खड़े होकर कहते हैं कि वे नक्सली नहीं कोई और थे. 29 नक्सली मारे जाने के बाद पहला स्टेटमेंंट भूपेश बघेल का आया था. पीडिया की घटना के बाद कांग्रेस ने उस घटना को फर्जी बताया है. आज नक्सल से डरे नेता इस बात को स्वीकार कर रहे हैं तो उन्हें ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है. वास्तव में नक्सलवाद पर कांग्रेस की सोच क्या है, ये स्पष्ट नहीं है.

नक्सल घटना में उनका क्या स्टेटमेंट है ये स्पष्ट नहीं करते हैं. कांग्रेस नक्सलवाद पर कंफ्यूज है. कांग्रेस विधायक ने लिखा है कुछ लोग कंफ्यूज है और कुछ लोग चुनाव के दौरान नक्सलियों से सहयोग की भावना रखते हैं. कांग्रेस में सुरक्षा बलों के मनोबल को तोड़ने का काम किया है. पुलवामा में एयरस्ट्राइक होती है उसके बाद सर्जिकल स्ट्राइक होती है. प्रमाण मांगने के किए कांग्रेस के लोग सामने आते हैं और कोई दूसरा नहीं आता है. पीडिया की घटना में जांच कमेटी बना दिया है. इनकी हालत ये रही है.

शिवरतन ने कहा, जब भूपेश बघेल सीएम थे और कवासी लखमा मंत्री थे तो कुछ लोगों ने दावा किया था कि ये नक्सली नहीं स्थानीय रहवासी हैं. वास्तव में नक्सलवाद के मामले में कांग्रेस को अपनी भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए. वो नक्सलवाद की समाप्ति चाहते हैं तो सरकार और जवानों के साथ कदम से कदम मिलाकर चले. राजनीति करने के लिए कई मुद्दे हैं.

शिवरतन शर्मा ने पीसीसी चीफ बैज से सवाल पूछा है कि उनके कार्यकाल में कितने सुरक्षा बल, कितने निर्दोष मारे गए. कांग्रेस को अपनी भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए. वे नक्सलवाद मुक्त छत्तीसगढ़ देखना चाहते हैं या नक्सलियों का समर्थन करना चाहते हैं. नक्सल मुद्दे पर राजनीति करना ठीक नहीं है. राजनीति के लिए और भी विषय हैं. पीसीसी चीफ बैज नक्सलियों का समर्थन कर रहे हैं.

बेमेतरा बारूद फैक्ट्री हादसा: पूर्व सीएम बघेल ने जताया शोक, कहा- पीड़ितों को उचित मुआवजा दे सरकार

रायपुर- बेमेतरा में बारूद फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दुख प्रकट किया है. उन्होंने अपने संदेश में कहा कि 10-12 श्रमिकों के असामयिक निधन का दुखद समाचार मिला. ईश्वर से मृतात्माओं को सद्गति देने एवं घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं. सूचना है कि 3 घंटे तक बचाव दल नहीं पहुंचा है. शासन, प्रशासन बचाव कार्य सुनिश्चित करे एवं पीड़ितों को उचित मुआवजा दे.

बता दें कि बेरला ब्लॉक के ग्राम पिरदा स्थित स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड के बारूद फैक्ट्री में शनिवार सुबह ब्लास्ट हो गया, जिसमें 8-10 लोगों के मारे जाने और 10-12 लोगों के घायल होने की खबर है. ब्लास्ट के प्रभाव में आए लोगों के चिथड़े उड़ गए. मांस के टुकड़े दूर तक फैल गए हैं. ब्लॉस्ट का असर फैक्ट्री के कई किलोमीटर दूर तक महसूस किया गया. वहीं फैक्ट्री के आसपास स्थित कई मकानों के क्षतिग्रस्त होने की सूचना है. घटना की जानकारी मिलते ही बेरला ब्लॉक की जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची. फैक्ट्री में ब्लास्ट की आवाज से आस-पास के गांव के लोग बड़ी संख्या में घटनास्थल पर जमा हो गए है.

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई का असर, 33 ने किया आत्मसमर्पण…

बीजापुर- छत्तीसगढ़ में सरकार के नक्सल उन्मूलन अभियान का असर लगातार देखने को मिल रहा है। आज शनिवार को फिर से 33 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। 

एक जनवरी से लेकर अब तक 2024 मे बीजापुर में कुल 189 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है और 109 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण किया है।

बता दें, आत्मसमर्पण करने वाले 33 नक्सलियों में से तीन नक्सलियों पर सरकार ने कुल 5 लाख रुपयों का इनाम रखा था। आज माओवादियों ने DIG, CRPF और बीजापुर SP के समक्ष समर्पण किया है।

बीजापुर एसपी डॉ.जितेन्द्र यादव ने बताया कि, आज जो 33 नक्सलियों ने समर्पण किया है। वे आईडी प्लांट करना,रोड़ खोदना, पर्चे फेकने जैसे घटनाओं में शामिल रहे हैं। अच्छी बात यह है, कि यह जो लोग समर्पण किये हैं, ये लोग स्वंय से यहां आए हैं, और हमसे जुड़ रहे हैं। सरकार की मनशा अनुसार लगातार पुर्नवास नीति के तहत सफलता मिल रही है।

पीडिया में हुए मुठभेड़ पर सियासत : ग्रामीणों के हवाले से कांग्रेस का दावा-

रायपुर- पीडिया में हुए मुठभेड़ की जांच के लिए कांग्रेस ने समिति बनाई थी। आज इस मामले में राजीव भवन में प्रेसवार्ता लेकर प्रदेश अध्‍यक्ष दीपक बैज ने मीडिया को जानकारी दी। बैज ने कहा कि 10 मई 2023 को हुये इस मुठभेड़ में 12 लोगो की मौत हुई थी। 6 लोग घायल हुये, जिसके संबंध में पुलिस का दावा था कि मारे गये सभी लोग नक्सली थे। लेकिन घटना के बाद ग्राम पीडिया और ईतवार के ग्रामीणों का कहना है कि घटना में मारे गये सभी लोग नक्सली नहीं थे। ग्रामीणों के इस दावे के बाद प्रदेश कांग्रेस ने घटना की वस्तुस्थिति जानने एक जांच दल का गठन किया था जो मौके पर गई तथा ग्रामीणों से बात-चीत कर घटना के संबंध में जानकारी एकत्र किया।

16 मई को जांच दल सुबह 10 बजे बीजापुर से पीडिया के लिए संयोजक संतराम नेताम, सदस्यगण मान. विधायक इन्द्रशाह मंडावी, विक्रम मंडावी, जनकलाल ध्रुव, सावित्री मंडावी, रजनू नेताम, शंकर कुडियम एवं छविन्द्र कर्मा रवाना हुए। अस्वस्थ होने के कारण पूर्व विधायक देवती कर्मा जांच दल में शामिल नहीं हो पाई।

पीड़ित परिवार के परिजन सुक्की कुंजाम, ललिता, अवलम समली, बुधरू राम बारसे, पोदिया, बोदे से अलग-अलग पुछताछ कर ब्यान लिया गया जिन्हांने अपने ब्यान में बताया कि पीडिया नक्सली मुठभेड़ में मल्लेपल्ली निवासी बुधू ओयाम, पालनार निवासी कल्लू पुनेम, ईतावार निवासी-लक्खे कुजाम, उण्डा छोटू, उरसा छोटू सुक्कू ताती, चैतु कुंजाम, सुनीता कुजाम, क जागो बरसी, पीडिया निवासी सन्नु अवलम, भीमा ओयाम, दुला तामो को पुलिस ने नक्सली बताकर मार दिये। ईत्तावार निवासी कु. कुंजाम गुल्ली, कु. लेखा देवी, कुंजाम जिला, कुंजाम बदरू एवं पीडिया निवासी पोयाम नन्दू को घायल होना बताये। उन्होने यह भी बताया गया है कि मृतक मल्लेपल्ली निवासी बुधू ओयाम एवं पालनार निवासी कल्लू पूनेम नक्सली गतिविधियों में संगम सदस्य के रूप में कार्य करते थे। बाकि शेष मृतक व घायल किसी भी प्रकार के नक्सली गतिविधियों में शामिल नहीं थे। पुलिस निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बताकर ईनाम एवं प्रमोशन लेने के लिए घटना को अंजाम दिये है घटना का न्यायिक जांच होना चाहिए।

तेंदूपत्‍ता तोड़ने गए लोगों पर गोली चलाने का आरोप

बैज ने बताया कि बीजापुर के थाना-गंगालूर के अतिसंवेदनशील गांव पीडिया व ईतावर के ग्रामीण 10 मई को सुबह करीब 6 बजे पीडिया जंगल में तेन्दुपत्ता तोडने गये थे। इसी बीच पुलिस गश्त करते हुए पीडिया जंगल पहुंचा मृतक व घायल लोग पुलिस को देखकर भागने लगे कुछ लोग पेड के ऊपर चढ़ गये। इसी दौरान पुलिस अंधाधुंन फायरिंग करना शुरू कर दिया जिसमें 12 लोगों का घटना स्थल पर ही मौत हुआ शेष 6 लोगों का अभी भी जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है। पीडित परिवार व ग्रामीणों के अनुसार मल्लेपल्ली निवासी बुधू ओयाम, पालनार निवासी कल्लू पुनेम नक्सली गतिविधियों में संगम सदस्य के रूप कार्य करते थे। शेष मृतक व घायल कभी भी किसी भी प्रकार के नक्सली गतिविधियों शामिल नहीं थे और न ही कोई भी उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं था। पूछताछ से ऐसा प्रतीत होता है कि वास्तव 2 लोगों को छोडकर सभी मृतक व घायल लोग गांव में सामान्य जीवन यापन करते थे जिनको पुलिस ने नक्सली बताकर फर्जी मुठभेड़ में आदिवासियों को मारा है।

ग्रामीणों की शिकायते बेहद ही गंभीर और संवेदनशील है। आरोप पुलिस पर लगे है। आरोपों को गंभीरता को देखते हुये यह आवश्यक है कि इस मामले की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच की जानी चाहिये। कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश की निगरानी में इस मुठभेड़ की जांच कराई जाये।

कांग्रेस राज्य में शांति बहाली के सभी संवैधानिक और कानूनी प्रयासो में राज्य सरकार के साथ खड़ी है। सुरक्षा बालों की कार्यवाही में यह सुनिश्चित किया जाना चाहिये कि किसी भी निर्दोष की हत्या नहीं हो। बस्तर के आदिवासियों की जान माल की कीमत पर कोई भी समझौता कोई भी कार्यवाही कांग्रेस पार्टी को मंजूर नही है।

भाजपा झीरम का सच सामने नहीं आने देना चाहती : दीपक बैज

झीरम में अभी तक हुई किसी भी जांच में घटना के राजनैतिक षड़यंत्र की दिशा में कोई जांच नहीं हुई। न्यायिक जांच आयोग के कार्यकाल को जब कांग्रेस सरकार ने बढ़ाया तथा जांच के दायरे में घटना के षड़यंत्र को जोड़ा तब तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक हाईकोर्ट से स्टे लेकर आ गये। भाजपा झीरम की जांच रोकना क्यों चाहती है? कांग्रेस की सरकार बनने के बाद हमारी सरकार ने एसआईटी बनाकर षड़यंत्र की जांच करने का प्रयास किया, तब भी धरम लाल कौशिक एसआईटी की जांच रोकने हाई कोर्ट गये। एनआईए ने इस मामले की जांच बंद कर दिया था, एनआईए ने 24 सितंबर 2014 को अदालत में पहली चार्जशीट दाखिल किये, इसके बाद 28 सिंतबर 2015 को सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश किया, अर्थात एनआईए ने जांच बंद कर दिया था, लेकिन जैसे ही राज्य सरकार ने एसआईटी का गठन किया एनआईए ने फिर से जांच शुरू कर दिया और राज्य की एजेंसी के जांच को बाधित किया। कानूनन जब तक एनआईए मामले की फाइल राज्य को वापस नहीं करती एसआईटी जांच शुरू नहीं कर सकती थी। कांग्रेस के पूर्ववर्ती राज्य सरकार द्वारा बार-बार मांगे जाने के बावजूद एनआईए ने झीरम की केस फाइल नहीं दिया। एनआईए ने भी एसआईटी की जांच को रोकने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया, बाद में हाईकोर्ट ने एनआईए के स्टे को खारिज कर दिया। एनआईए हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गयी जहां सुप्रीम कोर्ट ने 21 नवंबर 2023 को एनआईए की याचिका को खारिज कर दिया। लेकिन तब तक राज्य में सरकार बदल गयी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राज्य की एसआईटी के जांच के रास्ते खुल गये। राज्य सरकार दरभा थाने में पीड़ित परिवारों की रिपोर्ट के आधार पर एसआईटी की जांच शुरू करें। झीरम मामले के 11 साल पूरे होने के बावजूद पीड़ितों के परिजनो और घायलों को न्याय नहीं मिला। भाजपा की सरकारों ने हमेशा झीरम की जांच को रोकने का प्रयास किया। झीरम हमले में कई घायलों और पीड़ितों और प्रभावितों तक से अब तक एनआईए ने बयान नहीं लिये है। यह आरोप पीड़ित और उनके परिजनों ने लगाया है। आखिर इतनी परदेदारी क्यों? किसको बचाने के लिये, किसके इशारे पर जांच की दिशा भटकायी जा रही है? भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को भय है कि झीरम का सच आने से उनके षड़यंत्र बेनकाब हो जायेंगे।

पत्रकार वार्ता में सांसद फूलोदेवी नेताम, जांच कमेटी के सदस्य संतराम नेताम, इंद्र शाह मंडावी, सावित्री मंडावी, वरिष्ठ नेता डॉ. शिवकुमार डहरिया, प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, गुरुमुख सिंह होरा, शकुन डहरिया, वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, दीपक मिश्रा, सुबोध हरितवाल, सुरेंद्र वर्मा उपस्थित थे।

पानी टंकियों की करनी चाहिये नियमित सफाई

रायपुर- दूषित जल से अनेक बीमारी व चर्म रोग होता है जिसके इलाज के लिए बहुत खर्च होता है, डॉक्टर की फीस, महंगी दवाई इनसे हम हमारा परिवार बच सकता है हम पीने के पानी के लिए आर ओ, वाटर प्यूरीफायर तो लगाते है पर घर की पानी की टंकी की सफाई पर ध्यान नही देते जिसका उपयोग हम ब्रश, नहाने इत्यादि के लिए करते है, ये बातें आज प्रेस क्लब में गौतम झा ने कही उन्होंने बताया की हम रायपुर में अभी अनेक स्थानों में पानी टंकी सफाई के दौरान देख रहे है कई घरों में तो सालो साल पानी की टँकी की सफाई नही होती जिससे टँकी में गाद जमा पड़ा रहता है । न्यूनतम राशि पर पानी की टँकी की सफाई करने वाली संस्था सफाई किंग द्वारा शनिवार को प्रेस क्लब में जागरूकता के उद्देश्य से प्रेस वार्ता आयोजित की गई जिसमें गौतम झा के साथ अर्चना झा व दूषित जल से होने वाले प्रभाव व रोकथाम की जानकारी देने के लिए ट्रू डायग्नोस्टिक्स से डॉ चन्द्राकर व पुरुषोत्तम मिश्रा मौजूद थे।

आस्था झा ने कहा कि जिस प्रकार हम रोज सुबह उठते है अपनी दिनचर्या में लग जाते है और नहा धो कर ही अपने कार्यस्थल पर जाते हैं उसी प्रकार हमें हर 3 महीने में अपने पानी के टंकी की स्थिति भी जानते रहना चाहिए यदि हम इतना भी नहीं करना चाहते है तो कम से कम एक साल में एक बार हमें अपनी पानी की टंकी की साफ़ सफाई कर ही लेनी चाहिए और यह काम हम खुद ही कर सकते हैं। यदि हम पानी टंकी की सफाई नहीं करते है तो दूषित जल से फैलने वाली बीमारियों का खतरा हमारे ऊपर हमेशा ही रहता है और इसके साथ ही साथ नल का पाइपलाइन भी जाम हो जाता है ।

पानी टंकी साफ़ करने का सरल उपाय-

1. टंकी पानी इस्तेमाल कर लेवे

2. बचे हुए पानी को मग के सहायता से बहार निकाल लेवे

3. किसी व्यस्क इंसान को टंकी के अंदर उतारकर टंकी की घिसाई करवा लें

4. वापस से गंदे पानी को मग के सहायता से बहार निकल लेवे

5. अंत में पानी की टंकी में फिटकिरी या क्लोरीन की गोली मिला दे ।

टंकी सफाई का कार्य इतना ही आसान है और यदि इन सब झंझट में पड़ना नहीं चाहते है तो साल में एक बार टाइम टेबल बना ले और किसी भी प्रोफेशनल टैंक क्लीनर से पानी टंकी की सफाई करवा सकते हैं नही तो हमारे द्वारा नाम मात्र के शुल्क पर टँकी सफाई का कार्य किया जा रहा जिसकी सेवा ली जा सकती है। श्री गौतम ने प्रेसवार्ता के अंत में कहा कि हम आर्थिक लाभ के लिए नही स्वच्छता सेहत के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से यह सेवा कार्य कर रहे है जिसमे हमे आपके साथ सहयोग की आवश्यकता है आशा करते है कि आप लोग हमारे जागरूकता कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना सार्थक योगदान देंगे।

बारूद फैक्ट्री में ब्लास्ट पर सीएम साय का ऐलान – हादसे की होगी मजिस्ट्रियल जांच, जान गंवाने और घायल मजदूरों को मिलेगा मुआवजा

रायपुर- बेमेतरा जिले के बोरसी गांव स्थित बारूद फैक्ट्री में हुए विस्फोट पर छत्तीसगढ़ सरकार ने दंडाधिकारी जांच का आदेश दिया है. इसके साथ ही हादसे में मृत और घायल मजदूरों के लिए मुआवजे की घोषणा की है. 

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर हादसे में मृत मजदूरों के परिजनों को पांच लाख रुपए एवं घायलों को पचास हजार रुपए आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है. इसके साथ ही घायलों को समुचित इलाज के लिए रायपुर लाए जाने के साथ मौके पर राहत एवं बचाव कार्य की उच्चस्तरीय निगरानी की जानकारी दी है.

सीएम साय ने बेमेतरा फैक्ट्री में ब्लास्ट पर जताया दु:ख, कहा-

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बेमेतरा जिले में बारूद फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट को लेकर दु:ख व्यक्त किया है। उन्होंने अपनी सोशल मीडिया एक्स (ट्वीटर) पर लिखा कि “बेमेतरा जिले के बोरसी गांव के बारूद फैक्ट्री में ब्लास्ट होने की दुःखद खबर आई है। घटना की जानकारी मिलते ही उच्चाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे दिए गए हैं। राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। जिसकी सतत निगरानी की जा रही है।”

बता दें, बेरला ब्लॉक के ग्राम पिरदा स्थित स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड के बारूद फैक्ट्री में शनिवार सुबह ब्लास्ट हो गया, जिसमें 8-10 लोगों के मारे जाने और 10-12 लोगों के घायल होने की खबर है।

वहीं छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने भी ट्वीट कर संवेदना जताई है। उन्होंने लिखा कि, बेमेतरा के ग्राम पिरदा स्थित बारूद फैक्ट्री में ब्लास्ट की दुःखद घटना का समाचार मिला। इस दुर्घटना में दिवंगत हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ और शोकाकुल परिजनों को इस दुखद समय में धैर्य प्रदान करें।

बारूद फैक्ट्री में ब्लास्ट के तीन घंटे बाद पहुंचे कलेक्टर रणवीर शर्मा, 4 घंटे बाद पहुंची दमकल गाड़ियां

बेमेतरा-  बेरला ब्लॉक के ग्राम बोरसी स्थित बारूद फैक्ट्री में शनिवार सुबह ब्लॉस्ट में 10 से लोगों के मारे जाने की आशंका है. इतनी बड़ी घटना के बाद भी बेमेतरा कलेक्टर रणवीर शर्मा तीन घंटे बाद घटनास्थल पर पहुंचे. वहीं 4 घंटे बाद दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची. 

बारूद फैक्ट्री में विस्फोट की आवाज 5-6 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी. विस्फोट की वजह से प्लांट का एक हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है, जहां काम करने वाले मजदूरों के शवों के चिथड़े दूर-दूर तक नजर आ रहे हैं, लेकिन घटना के दो घंटे बाद भी घटना के हताहतों की पुष्ट जानकारी तो दूर मलबा हटाने का काम तक शुरू नहीं हुआ है. इस बीच चार घायल मजदूरों को एंबुलेंस के जरिए उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया है.