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छत्‍तीसगढ़ का ये मॉडल एमपी और पंजाब में होगा लागू: कैशलेस हेल्‍थ योजना को लेकर तीनों राज्‍यों के बीच हुआ एमओयू

रायपुर-  छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनी में कैशलेस स्वास्थ्य योजना का अध्ययन करने आई मध्यप्रदेश व पंजाब की टीमों ने योजना की भरपूर सराहना की हैं तथा इसे अपनी-अपनी विद्युत कंपनियों में लागू करने की मंशा जताई है। छत्तीसगढ़ पॉवर जनरेशन कंपनी के प्रबंध निदेशक एस.के. कटियार, प्रबंध निदेशक छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन एवं डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी राजेश कुमार शुक्ला की उपस्थिति में आयोजित इस बैठक में मध्यप्रदेश पॉवर जनरेशन कंपनी के प्रबंध निदेशक मंजीत सिंह ने इस योजना को कर्मचारी हित का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण माना। पंजाब पॉवर कार्पोरेशन के प्रतिनिधि ने बताया कि इस योजना से उन्हें नई राह मिली है। तीनों राज्यों की बिजली कंपनियों व छत्तीसगढ़ की क्रियान्वयन एजेंसी के बीच एक एम.ओ.यू पर हस्ताक्षर किए गए। जिसके अनुसार छत्तीसगढ़ पॉवर कंपनी के कैशलेस स्वास्थ्य योजना के माडल को मध्यप्रदेश तथा पंजाब में भी अपनाया जा सकता है।

इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक अशोक कुमार वर्मा तथा अतिरिक्त महाप्रबंधक विनोद कुमार अग्रवाल ने पीपीटी के माध्यम से योजना की प्रस्तुति दी। बैठक में मध्यप्रदेश व पंजाब स्टेट सेक्टर की सात पॉवर कंपनियों से आये अधिकारियों ने योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनी की टीम को बधाई दी व ताली बजाकर इस कार्य की प्रशंसा की। मध्यप्रदेश से आई टीम ने कहा कि यह माडल सुनियोजित तरीके से संचालित हो रहा है जिसका सीधा लाभ कर्मचारियों व पेंशनरों को मिलता देखना काफी सुखद है। उन्होंने छत्तीसगढ़ की योजना के पीछे की गई मेहनत, शोध और सोच को अनुकरणीय बताया।

मध्यप्रदेश पॉवर जनरेशन कंपनी के प्रबंध निदेशक मंजीत सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनी की कैशलेस स्वास्थ्य योजना के बारे में हमने जितना सुना था यहाँ आकर उससे भी बेहतर पाया है। इस योजना को मध्यप्रदेश की पॉवर कंपनियों में लागू करने के लिए हमारा आत्म-विश्वास बढ़ा है। यह योजना बहुत प्रभावी है।

पंजाब स्टेट पॉवर कार्पोरेशन से आए डी.के. गोयल ने कहा कि पंजाब में इसी तरह की कैशलेस योजना लागू की गई थी पर वह सफल नहीं हो सकी थी, यहाँ आकर हमने छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य योजना का सूक्ष्मता से अध्ययन किया है। छत्तीसगढ़ में बहुत मेहनत से रिसर्च की गई और योजनाबद्ध ढंग से इसे लागू किया गया है। हमने जिन दिक्कतों का सामना किया था उनका समाधान इस योजना में है।

मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के प्रतिनिधि अमित मेहरोलिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनी की स्वास्थ्य योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया गया है, कंपनी की ओर कर्मियों के लिए सामाजिक दायित्व का बेहतर उदाहरण है। बैठक में मध्यप्रदेश से मध्य क्षेत्र, पूर्व क्षेत्र तथा पश्चिम क्षेत्र पॉवर वितरण कंपनी तथा मध्यप्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। इस अवसर पर मानव संसाधन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अतिरिक्त महाप्रबंधक (जनसंपर्क) उमेश कुमार मिश्र द्वारा किया गया।

रायपुर में अवैध प्लाटिंग के खिलाफ चला निगम का बुलडोजर

रायपुर- रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह के निर्देश के बाद नगर निगम अवैध प्लाटिंग को लेकर कार्रवाई कर रही है। बुधवार को बोरियाखुर्द के दुर्गा विहार डूंडा में चल रही अवैध प्लाटिंग पर रोक लगा दिया गया। बिना परमिशन, ले आउट और टाउन एण्ड कंट्री प्लान के जमीन बेची जा रही थी।

निगम अधिकारियों ने बताया कि, कामरेड सुधीर मुखर्जी वार्ड-54 में दुर्गा विहार डूंडा में अज्ञात व्यक्तियों की ओर से करीब 5 एकड़ जमीन पर अवैध प्लाटिंग की गई थी। जहां बुलडोजर चलवा दिया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि, अवैध प्लाटिंग करने वाले लोगों ने जमीन पर मुरुम रोड बनाया था। सभी प्लाटों को डीपीसी कर घेरा गया था। जमीन के घेरा और ईंटों की नींव को बुलडोजर से तोड़ दिया गया है। साथ ही जमीन तक जाने वाले रास्ते को भी ब्लॉक किया गया है। आस-पास बनने वाले अवैध अंडर कंस्ट्रक्शन मकानों से बिजली कनेक्शन हटाने की कार्रवाई की गई है।

जमीन मालिक की जानकारी मांगी गई

जोन-10 नगर निवेश विभाग ने रायपुर तहसीलदार को पत्र लिखकर अवैध प्लाटिंग करने वाले लोगों की जानकारी मांगी है। जानकारी आते ही शासन के अधिनियम के प्रावधान के अनुसार अवैध प्लाटिंगकर्ताओं के खिलाफ संबंधित थाने में FIR दर्ज कराई जाएगी।

प्रदेश के स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्य सामग्री में होगा बदलाव, शिक्षकों के प्रभावी प्रशिक्षण के लिए बनाये जायेंगे मानदंड

 रायपुर- छत्तीसगढ़ में कक्षा 1 से 12वीं तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप पाठ्य सामग्री में बदलाव होगा. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए स्कूल शिक्षा सचिव ने बैठक ली. नवनियुक्त और सेवाकालीन शिक्षकों के प्रभावी प्रशिक्षण के लिए मापदंड बनेंगे. शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत अशासकीय संस्थाओं द्वारा भी समर कैंप का आयोजन होगा।

स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में की गई अनुशंसा अनुसार छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा को ध्यान में रखकर कक्षा 1 से 12वीं तक की पुस्तकों का शीघ्र निर्माण किया जाए. शिक्षा की गुणवत्ता के लिए प्रशिक्षण को प्रभावी बनाने डीपीआई समग्र शिक्षा और एससीईआरटी तीनों के समन्वय से एक सप्ताह के भीतर रणनीति बनाकर प्रशिक्षण प्रारंभ करें.

उन्होंने SCERT में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के त्वरित क्रियान्वयन के लिए शिक्षा गुणवत्ता, प्रभावी प्रशिक्षण पाठ्यक्रम निर्माण, पाठ्यचर्या निर्माण, वार्षिक कैलेंडर और शासकीय संस्थाओं की भूमिका को लेकर लोक शिक्षण संचालनालय समग्र शिक्षा और एनसीईआरटी के अधिकारियों के साथ बैठक की.

स्कूल शिक्षा विभाग के सभी प्रमुख निकायों के बेहतर समन्वय से ही शिक्षा गुणवत्ता में सुधार लाया जा सकता है. उन्होंने स्टेट करिकुलम फ्रेमवर्क के लिए स्टीयरिंग कमेटी की बैठक अशासकीय संस्थाओं के लिए रणनीति पाठ्य पुस्तक और प्रशिक्षण रणनीति एक सप्ताह में निर्धारित करने के निर्देश दिए हैं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप तहत कक्षा एक से बारहवीं तक पाठ्य पुस्तक नवंबर दिसंबर तक तैयार करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बुनियादी कार्य को प्राथमिकता प्रदान करने और अतिरिक्त कार्य जैसे छत्तीसगढ़ की अन्य भाषाओं बोलियां में सामग्री तैयार करने के निर्देश दिए हैं.

सिद्धार्थ कोमल परदेसी ने आज सबसे ज्यादा फोकस प्रशिक्षण को प्रभावित प्रशिक्षण बनाने पर दिया. उन्होंने कहा कि प्रशिक्षकों और शिक्षकों के चिन्हांकन व चयन का मापदंड निर्धारित किया जाए. उन्होंने आवश्यकता आधारित वी परिणाम मूलक प्रशिक्षण, अवधि में वृद्धि किए जाने बच्चों में लीडरशिप और पर्सनालिटी डेवलपमेंट सहित महत्वपूर्ण विषयों को शामिल करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में एससीईआरटी शिक्षा महाविद्यालय के अलावा प्रशासनिक कार्य करने वाले अधिकारियों अर्थात प्राचार्य स्तर की ट्रेनिंग छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी में भी अन्य शिक्षकों की ट्रेनिंग ठाकुर प्यारेलाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान जैसे शासकीय संस्थानों में भी किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश के शिक्षकों की संख्या को ध्यान में रखते हुए जिले और ब्लॉक स्तर पर भी गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा. उन्होंने 27 मई से सभी डाइट में व ब्लॉक मुख्यालय में 10 जून से प्रशिक्षण प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने यह भी निर्देशित किया की स्कूल खुलने से पहले ऐसा वार्षिक शैक्षिक कैलेंडर बनाया जाए जो शिक्षक रख सकें और पालक पढ़ सकें.

शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत अशासकीय संस्थाओं के कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए 33 जिलों में मैपिंग किए जाने के निर्देश भी दिए गए उन्होंने सभी अशासकीय संस्थाओं से समर कैंप लगाए जाने की अपील की है. उन्होंने राज्य में स्थापित होने वाले विद्या समीक्षा केंद्र पर भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए.

राज्य पात्रता परीक्षा के लिए ऑनलाईन आवेदन 9 जून तक

रायपुर- छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर छत्तीसगढ़ राज्य पात्रता परीक्षा 2024 का आयोजन किया जाना है। राज्य पात्रता परीक्षा के लिए ऑनलाईन आवेदन 9 जून 2024 तक लिए जाएंगे। परीक्षा में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी छत्तीसगढ़ व्यापम के पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन कर सकते हैं।

छत्तीसगढ़ राज्य पात्रता परीक्षा के कार्यक्रम अनुसार ऑनलाईन आवेदन की प्रारंभिक तिथि 13 मई और अंतिम तिथि 9 जून 2024 है। त्रुटि सुधार की सुविधा 10 जून से 12 जून तक रहेगी। परीक्षा 21 जुलाई 2024 को संभावित है।

पात्रता परीक्षा हेतु छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय निवासी प्रतिभागियों से किसी भी प्रकार की परीक्षा शुल्क नहीं ली जाएगी। पात्रता परीक्षा के संबंध में विस्तृत जानकारी व्यापम की वेबसाईट vyapam.cgstate.gov.in एवं https://vyapamaar.cgstate.gov.in से प्राप्त की जा सकती है।

मिशन 400 पार को सफल बनाने के लिए भाजपा महिला मोर्चा संकल्पित

रायपुर- भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा मिशन 400 पार को सफल बनाने के लिए देश के विभिन्न राज्यों में लगातार भाजपा की जीत के लिए चुनावी मैदान में उतर चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का मिशन 400 पार सफल बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी हर तरह से संकल्पित है। उसी कड़ी में छत्तीसगढ़ महिला मोर्चा की टीम भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही।

छत्तीसगढ़ प्रदेश की महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ महिला मोर्चा की तीन टोली बनाई गई। पहली टोली हरियाणा, दूसरी टोली बिहार और तीसरी टोली उड़ीसा के लिए रवाना हुई है। जिसका नेतृत्व स्वयं महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत कर रही है।

इस दौरान संवाददाताओं से चर्चा करते हुए महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्षशालिनी राजपूत ने कहा कि हम अपनी टीमों को अच्छी तरह से भाजपा के रीती नीति और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मिशन को पूरा करने के लिए अपनी संपूर्ण ताकत लगाकर बिहार एवं हरियाणा के घर-घर जाकर महिलाओं को देश के प्रति सनातन के प्रति भारतीय जनता के पार्टी के प्रति जागरूक कर उन्हें नरेंद्र मोदी के पक्ष में कमल पर वोट देने के लिए आग्रह करेंगें।

मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि हमारी टीम जिस प्रकार से अपने कुशल नेतृत्व और कुशल कार्यशैली से छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक विजय प्राप्त की ठीक उसी प्रकार से लोकसभा में भी विजय प्राप्त कर 11 में 11 सीटे जीतेगी। साथ ही साथ पूरे भारत में मोदी लहर कि सुनामी 400 पार कर एक नई क्रांति का आगाज करेगी। हमारे छत्तीसगढ़ की महिलाएं बड़ी बहादुर और होनहार है जिस प्रदेश में प्रचार करेंगी वहां पर कुछ कहने की बात नहीं रिजल्ट देखिएगा सत प्रतिशत आएगा इतना कहते हुए शालिनी राजपूत के मार्गदर्शन में सभी महिलाओं ने जय श्री राम का उद्घोष करते हुए अपनी टीम को लेकर आगे के लिए रवाना हुई।

इस दौरान महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत, प्रदेश उपाध्यक्ष मीनल चौबे, प्रदेश कोषाद्यक हेमलता शर्मा, प्रदेश सहकोषाध्यक्ष संध्या तिवारी, प्रदेश मीडिया सह प्रभारी आयुषी पांडे, निशा चौबे, आशा दुबे, कार्यकारिणी सदस्य मंजू सिंह, स्विटी कौशिक, मोहन कुमारी साहू, किरण साहू, वैशाली रत्नपारखी, निलिमा गोश्वामी, पार्वती प्रधानी, ममता गुप्ता, रीता मंडल, दिव्या कलिहारी, उमा शर्मा, रीता मंडल ,चेतना गुप्ता, मोनिका देवांगन, सोभा शर्मा, पूनम सोलंकी, सावित्री रजक, नमिता सिन्हा, रूपेशवरी साहू, सीमा साहू, तिलेश्वरी वर्मा, माया शर्मा, संगीता जैन, अरुणा सिंह, पुनीता डहरिया एवम प्रदेश के वरिष्ठ महिला मोर्चा पदाधिकारी, जिला अध्यक्ष एवम जिला पदाधिकारी सम्मिलित है।

ओडिशा की जनता मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने को तैयार: पुरन्दर मिश्रा

रायपुर- ओडिशा में हो रहे लोकसभा तथा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा अपने सकारात्मक रणनीति के साथ मैदान में है, जिसमें छत्तीसगढ़ के नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी मिली है। ओडिशा में प्रथम चरण के चुनाव होने के पश्चात् बचे अन्य विधानसभा तथा लोकसभा सीटों में होने वाले दूसरे चरण के मतदान के लिए नेताओं ने छत्तीसगढ़ में हुए मतदान के तर्ज पर रणनीति बना ली है। ओडिशा चुनाव के सह-प्रभारी एवं राजधानी रायपुर उत्तर के विधायक पुरन्दर मिश्रा लगातार, धुंआधार प्रचार कर मोदी की योजनाओं और विकास नीति को जनता के समक्ष परिचर्चा के माध्यम से उन्हे अवगत करा रहे हैं।

विधायक पुरन्दर मिश्रा संबलपुर लोकसभा के रेंगाली विधानसभा अंतर्गत ग्राम ठेमरा – डुंगरीपड़ा में जनता के बीच जाकर लोकसभा प्रत्याशी धर्मेंद्र प्रधान एवं विधानसभा प्रत्याशी नवरी नायक के पक्ष में मतदान करने की अपील की। पुरंदर मिश्रा ने ग्रामीण जनों को संबोधित करते हुए अवगत कराया कि वास्तविकता में जो ओडिशा को मिलना चाहिए था वह आज तक नहीं मिल पाया है। वर्तमान में लगभग 15 वर्षां से अधिक समय से चल रही भ्रष्ट सरकार ओडिशा के विकास कार्यों को करने में नाकाम रही है, जिसके कारण यहां गरीबी और बेरोजगारी का दर बढ़ते ही जा रहा है। सरकार में बैठे लोग आम जनता के पैसे से अपनी रोटी सेंक रहे हैं।

विधायक पुरन्दर मिश्रा ने कहा कि ओडिशा प्राकृतिक संसाधनों से अमीर है लेकिन यहां ज्यादातर लोग गरीब हैं। बी.जे.डी. ने लोगों की गरीबी दूर करने के लिए कुछ नहीं किया है। ओडिशा की अस्मिता खतरे में है। ओडिशा में भाजपा की सरकार बनते ही किसानां को 3,100/- रूपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी कर, सुभद्रा योजना के तहत हर महिलाओ/- प्रति माह नकद राशि भी सरकार देगी। क्षेत्र में आम जनमानस के आवागमन के लिए सीधे राजधानी से 75,000 कि.मी. की ग्रामीण और राजमार्ग सड़कों का निर्माण करके पूरे ओडिशा में विश्वस्तरीय कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगी।

छत्तीसगढ़ के अब तक के सबसे निष्क्रिय महापौर साबित हुए एजाज ढेबर: सुनील सोनी

रायपुर- भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुनील सोनी ने राजधानी के महापौर एजाज ढेबर के उस बयान को नितांत गैर जिम्मेदाराना बताया है, जिसमें ढेबर ने कहा है कि रायपुर शहर की समस्याओं का निदान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी नहीं कर सकते और वार्डों में जो समस्याएँ हैं, यह परेशानी हमेशा बनी रहेगी। सोनी ने कहा कि बड़े-बड़े वादों के सब्जबाग दिखाकर कांग्रेस की नगर सरकार जिस तरह नाकारा साबित हुई है, उसके बाद ढेबर अब जनाकांक्षाओं को पूर्ण करने से मुँह चुराने का काम कर रहे हैं। दरअसल मेयर ढेबर समेत तमाम कांग्रेसी नेता जमीनी समस्याओं और उनके सार्थक समाधान के उपायों से पूरी तरह दूर हैं और इसलिए पूरी कांग्रेस जन विश्वास खो चुकी है।

भाजपा सांसद सोनी ने तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि ढेबर समेत तमाम सियासी जुमलेबाज कांग्रेस नेताओं ने पिछले पाँच वर्ष के अपने शासनकाल में केवल शराब कारोबारियों, रेत माफियाओं, जमीन माफियाओं, काली कमाई में लगे बिल्डर्स, घोटालेबाजों के हितों का ही संरक्षण करने और अपनी-अपनी तिजोरियाँ भरने में अपना सारा ध्यान केंद्रित कर रखा था। सोनी ने कहा कि एक सामान्य आदमी की समस्याओं को जाना होता और उसके समाधान के ठोस उपायों पर ध्यान दिया होता तो ‘समस्या बनी रहेगी’ जैसा बयान देने की नौबत नहीं आती। समस्याएँ पैदा करना ही जिस कांग्रेस का कुलजमा राजनीतिक इतिहास रहा है, उससे समस्याओं के समाधान की सोच की उम्मीद ही बेमानी है।

भाजपा सांसद सोनी ने कहा कि अगर ढेबर में शहर की समस्याओं को दूर करने का जरा भी राजनीतिक पुरुषार्थ शेष नहीं रह गया है तो उन्हें अपने इस बयान के बाद शर्म महसूस करते हुए तुरंत महापौर का पद त्याग देना चाहिए और भाजपा के किसी पार्षद को महापौर बना देना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश चमक रहा है, लेकिन ढेबर रायपुर में लाइट, सफाई की समस्या पर हाथ खड़े कर रहे हैं। मोदी के आशीर्वाद से भाजपा का महापौर इस समस्या से जनता को चुटकियों में निजात जरूर दिलाएगा। सोनी ने कहा कि ढेबर ने जो कुछ भी कहा है, वह पाँच वर्षों तक राजधानी की जनता के साथ किए गए छलावे और धोखाधड़ी का दस्तावेज है।

कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की महिला नेत्रियों को दी बड़ी जिम्मेदारी, पूर्व सांसद छाया वर्मा और पूर्व मंत्री अनिला भेड़िया को इस राज्य

रायपुर-  AICC ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस की महिला नेत्रियों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. पूर्व राज्य सभा सांसद छाया वर्मा और पूर्व मंत्री अनिला भेड़िया लोकसभा चुनाव एक लिए हिमाचल प्रदेश में ऑब्जर्वर नियुक्त किया गया है. इस संबंध में AICC की ओर से आदेश जारी किया गया है.

जारी आदेश के अनुसार, छाया वर्मा को शिमला-04 लोकसभा क्षेत्र में चौपाल विधानसभा क्षेत्र के लिए पर्यवेक्षक बना गया है. वहीं पूर्व मंत्री अनिला भेड़िया को शिमला-04 लोकसभा क्षेत्र में ठियोग विधानसभा क्षेत्र के लिए पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है.

योजनाएं बंद लेकिन खाते में रकम, सरकार ने मांगा विभागों से जवाब, वित्त विभाग ने जारी किया पत्र

रायपुर- वित्त विभाग ने पिछली सरकार के कार्यकाल में संचालित और वर्तमान में बंद योजनाओं से जुड़ी अवशेष राशि को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. विभाग ने प्रदेश के सभी विभागों समेत जिला कलेक्टरों को आदेश जारी कर बंद योजनाओं की अवशेष राशि की जानकारी मांगी है.

जारी आदेश में कहा गया है कि वित्त विभाग के संज्ञान में आया है कि पूर्व में संचालित लेकिन वर्तमान में बंद विभिन्न योजनाओं के लिये प्राप्त राशि के विरूद्ध अव्ययित राशि बैंक खातों में शेष उपलब्ध है और उनका संधारण अभी भी राज्य और मैदानी कार्यालयों से किया जा रहा है. इसलिए वर्तमान में बंद योजनाओं के विरूद्ध बैंक खातों में शेष अव्ययित राशि तत्काल प्रभाव से राज्य शासन के खाते में जमा करते हुए संलग्न प्रपत्र में जानकारी संबंधित विभागाध्यक्ष को उपलब्ध करावें और प्रति वित्त विभाग को भेजें.

नाम बदलने की राजनीति: भूपेश सरकार ने BJP सरकार की चल रही शिक्षा व श्रम की कई योजनाओं का बदला था, जिस आत्मानंद पर कर रहे राजनीति, उसे भी 2019 मे

रायपुर- छत्तीसगढ़ में इन दिनों नाम बदलने को लेकर राजनीति खूब गरमायी हुई है. स्वामी आत्मानंद स्कूल के नाम परिवर्तन को लेकर लग रही अटकलों के बीच कांग्रेस लगातार सरकार पर हमलावर है. वो धर्म, संस्कार व सिद्धांतों का काकटेल बनाकर भाजपा पर लगातार निशाना लगा रही है.

बेशक, नाम बदलने को लेकर कांग्रेस मौजूदा वक्त में विपक्षी तेवर दिखा रही हो, लेकिन हकीकत तो यही है कि पिछले 5 सालों में कांग्रेस सरकार ने ही नाम बदलने का काम सबसे ज्यादा किया है. फिर चाहे बात स्कूल शिक्षा से जुड़ी योजनाओं की कर लें या फिर नगरीय निकाय से जुड़ी योजनाओं की लिस्ट देख लें. हैरानी की बात तो यही है कि जिस स्वामी आत्मानंद पर सबसे ज्यादा राजनीति मौजूदा वक्त में गरमायी हुई है, खुद कांग्रेस सरकार ने वो नाम पंडित दीनदयाल के नाम से बदलकर योजना में शामिल किया है.

प्रोत्साहन योजना का बदला नाम

2017 में छत्तीसगढ़ की तत्कालीन रमन सरकार ने “पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना” के नाम पर टापर्स बच्चों को सम्मानित करने की योजना बनायी थी. इस योजना के तहत मुख्यमंत्री की तरफ से कक्षा 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में मेरिट (प्रथम दस स्थान) में स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को लैपटॉप प्रदान किया जाता था, वहीं कक्षा 10वीं के मेधावी विद्यार्थियों को दो वर्ष के लिए प्रतिमाह रुपए 5000/- (प्रतिवर्ष 10 माह हेतु) एवं कक्षा बारहवीं के मेधावी विद्यार्थियों को दो वर्ष के लिए प्रतिमाह रुपए 10000/- (प्रतिवर्ष 10 माह हेतु) छात्रवृत्ति प्रदान किया जाता था.

दीनदयाल मेधावी प्रोत्साहन योजना का बदला नाम

2017 के बाद दो साल तक योजना संचालित हुई, लेकिन जैसे ही 2019 में भूपेश बघेल की सरकार बनी, तो सरकार ने “पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना” का नाम बदल दिया और “स्वामी आत्मानंद मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना” कर दिया. योजना के अन्तर्गत दसवी एवं बारहवीं की बोर्ड की परीक्षाओं में मेरिट (प्रथम दस स्थान) में स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को लेपटॉप प्रदान करने और तथा इसके अतिरिक्त कक्षा दसवीं एवं बारहवीं के मेधावी विद्यार्थियों को 1.25 लाख प्रोत्साहन राशि प्रदान करने का निर्णय लिया गया.

कांग्रेस ने कई योजनाओं का नाम बदला

कांग्रेस सरकार साल 2019 में जैसे ही सत्ता में आयी. कई योजनाओं व संस्थाओं का नाम उन्होंने परिवर्तित कर दिया. जगदलपुर स्थित बलीराम कश्यप मेडिकल कालेज का नाम बदलकर साल 2021 में कांग्रेस सरकार ने कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा के नाम पर कर दिया है. यही नहीं इससे पहले नगरीय प्रशासन और श्रम विभाग में चल रही सात योजनाओं के नाम भी पिछली सरकार ने बदले थे. इनमें से ज्यादातर योजनाएं पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर थीं. तब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष (मौजूदा मुख्यमंत्री) विष्णुदेव साय ने इसे कांग्रेस का राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया था. उन्होंने कहा था कि यह सरकार खुद कोई जनकल्याण का काम नहीं कर सकती, इस वजह से केवल नाम बदलकर झूठी वाहवाही लूटने की कोशिश कर रही है.

इन योजनाओं के बदले गए हैं नाम

- पं. दीनदयाल उपाध्याय स्वावलंबन योजना का नाम बदलकर राजीव गांधी स्वावलंबन योजना किया गया.

- पं. दीनदयाल उपाध्याय सर्वसमाज मांगलिक भवन योजना का नाम डा. बीआर आंबेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन योजना किया गया.

- पं. दीनदयाल उपाध्याय एलईडी पथ प्रकाश योजना का नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी एलईडी पथ प्रकाश योजना किया गया.

- पं. दीनदयाल उपाध्याय आजीविका केंद्र योजना का नाम राजीव गांधी आजीविका केंद्र किया गया.

- पं. दीनदयाल उपाध्याय शुद्ध पेयजल योजना का नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी शुद्ध पेयजल किया गया.

- राजमाता विजयाराजे कन्या विवाह योजना का नाम बदलकर मिनीमाता कन्या विवाह योजना किया गया.

- पं. दीनदयाल उपाध्याय अन्न श्रम सहायता योजना का नाम शहीद वीर नारायण सिंह श्रम सहायता योजना किया गया.