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सुशील मोदी : 5 दशक तक बिहार के राजनीतिक पटल पर छाये रहे, राजनीति की काजल की कोठरी से बेदाग निकल दुनिया से हुए रुखस्त


डेस्क : बिहार की राजनीतिक जगत करीब में 5 दशक से बिहार भाजपा की धुरी रहे बिहार की सियासत के युगपुरुष सुशील कुमार मोदी का सोमवार को दिल्ली में निधन हो गया। कैंसर से पीड़ित सुशील मोदी ने बीते सोमवार रात 9 बजकर 29 मिनट पर 72 साल की उम्र में दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली। आज मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर पटना लाया जाएगा और यहीं दीघा घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ। सुशील मोदी को 9 अप्रैल को एम्स दिल्ली में भर्ती किया गया था।


*बचपन से आरएसएस और एबीवीपी से जुड़े रहे*


सुशील मोदी बचपन से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एवीबीपी) से जुड़े रहे। जब 70 के दशक में विश्वविद्यालयी शिक्षा के लिए पटना विश्वविद्यालय में नामांकन कराए तो छात्रों की समस्याओं को दूर करने के लिए वे हमेशा आगे रहे। यहीं उनका राजनीति से प्रथम परिचय हुआ।


*बीजेपी के स्थापना काल से जुड तेज-तर्रार नेता के रुप में आए सामने*


1973 में पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ के चुनाव में लालू प्रसाद अध्यक्ष और सुशील कुमार मोदी महासचिव निर्वाचित किए गए। इसके बाद वे सक्रिय राजनीति में शामिल होने लगे। 1974 के छात्र आंदोलन के तत्कालीन नायकों में वे प्रमुख रहे। 1980 में जब भाजपा का गठन हुआ तब वे स्थापना काल से ही उससे जुड़ गए और पार्टी के तेज-तर्रार नेता के रूरूप में उभर कर सामने आए।


*जेपी आंदोलन में बढ़-चढकर लिया हिस्सा, गए जेल*


1974 में जेपी आंदोलन में सुशील कुमार मोदी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आपातकाल के दौरान वह जेल भी गए थे। सुशील मोदी 1983 से लेकर 86 तक अखिल भारतीय व सुशील मोदी 1983 से लेकर 86 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में प्रदेश मंत्री, प्रदेश संगठन मंत्री सहित कई पदों पर रहने के बाद 1983 में उन्हें महासचिव बनाया गया था।


*सुशील मोदी का राजनीतिक सफर*


पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी छात्र जीवन से सामाजिक व राजनीतिक मुद्दों को लेकर जुझारू रहे। वे पांच दशक तक बिहार के राजनीतिक पटल पर छाये रहे। सुशील मोदी पहली बार पटना मध्य निर्वाचन क्षेत्र से विधायक बने और उन्हें भाजपा विधायक दल का मुख्य सचेतक बनाया गया। इसे अब कुम्हार विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। सुशील मोदी ने 1990 से 2004 के बीच तीन बार बिहार विधानसभा का चुनाव जीता। 1996 से 2004 तक वो बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे। उन्हें 2003 में भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया, वो इस पद पर 2005 तक रहे। उन्होंने 2005 में अपनी लोकसभा सदस्यता छोड़ दी और बिहार विधान परिषद के सदस्य बन गए, जिसके बाद उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने। वो 2020 में राज्यसभा के लिए चुने गए और इस साल की शुरुआत में सेवानिवृत्त हुए।


*लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और विधान परिषद चारों सदन के सदस्य रहे सुशील मोदी*


अपने तीन दशकों से अधिक के राजनीतिक करियर के दौरान सुशील कुमार मोदी ने विधायक, एमएलसी, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य सहित विभिन्न पदों पर कार्य किया। वो लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और विधान परिषद सहित सभी 4 सदनों के सदस्य रहने वाले बिहार के चंद नेताओं में से एक थे। उन्होंने 2005 से 2013 तक और फिर 2017 से 2020 तक बिहार के उपमुख्यमंत्री का पद भी संभाला।


*राजनीति के काजल की कोठरी से बेदाग निकले*


बिहार की राजनीति में मोदी बिहार के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री की लंबे समय तक अहम भूमिका निभाए। अपने इतने लंबे राजनीतिक कैरियर में उनते चरित्र पर कभी कोई दाग नहीं लगा और राजनीति की काजल की कोठरी से बेदाग निकल दुनिया से रुखस्त हो गए।
विधान मंडल पहुंचा पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी का पार्थिव शरीर, विस अध्यक्ष समेत कई नेताओं ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई

डेस्क : बिहार की राजनीतिक जगत करीब में 5 दशक से बिहार भाजपा की धुरी रहे बिहार की सियासत के युगपुरुष सुशील कुमार मोदी का सोमवार को दिल्ली में निधन हो गया। कैंसर से पीड़ित सुशील मोदी ने बीते सोमवार रात 9 बजकर 29 मिनट पर 72 साल की उम्र में दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली। आज मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर पटना लाया जाएगा और यहीं दीघा घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ। सुशील मोदी को 9 अप्रैल को एम्स दिल्ली में भर्ती किया गया था।

आज मंगलवार को उनका शव पटना पहुंचते ही उनके अंतिम दर्शन के लिए पटना एयरपोर्ट से लेकर उनके आवास तक तमाम बड़े नेताओं सहित उनके चाहनेवालों की भीड़ लगी रही। पटना आने के बाद सुशील मोदी के पार्थिव शरीर को पहले उनके आवास पर ले जाया गया। फिर पटना भाजपा कार्यालय लाया गया, जहां से अंतिम विदाई से पूर्व उनके पार्थिव शरीर को पटना विधान मंडल लाया गया।

इस दौरान विधान मंडल में फूलों से सजे वाहन में उनके शव को अंतिम दर्शन के लिए बिहार विधानसभा अध्यक्ष नवल किशोर यादव, दोनों डिप्टी सीएम, विजय कुमार चौधरी, अशोक चौधरी सभी बड़े नेता और विधानमंडल में काम करनेवाले कर्मियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
अलविदा सुशील मोदी : 5 दशक तक बिहार के राजनीतिक पटल पर छाये रहे, राजनीति की काजल की कोठरी से बेदाग निकल दुनिया से हुए रुखस्त


डेस्क : बिहार की राजनीतिक जगत करीब में 5 दशक से बिहार भाजपा की धुरी रहे बिहार की सियासत के युगपुरुष सुशील कुमार मोदी का सोमवार को दिल्ली में निधन हो गया। कैंसर से पीड़ित सुशील मोदी ने बीते सोमवार रात 9 बजकर 29 मिनट पर 72 साल की उम्र में दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली। आज मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर पटना लाया जाएगा और यहीं दीघा घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ। सुशील मोदी को 9 अप्रैल को एम्स दिल्ली में भर्ती किया गया था। *बचपन से आरएसएस और एबीवीपी से जुड़े रहे* सुशील मोदी बचपन से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एवीबीपी) से जुड़े रहे। जब 70 के दशक में विश्वविद्यालयी शिक्षा के लिए पटना विश्वविद्यालय में नामांकन कराए तो छात्रों की समस्याओं को दूर करने के लिए वे हमेशा आगे रहे। यहीं उनका राजनीति से प्रथम परिचय हुआ। *बीजेपी के स्थापना काल से जुड तेज-तर्रार नेता के रुप में आए सामने* 1973 में पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ के चुनाव में लालू प्रसाद अध्यक्ष और सुशील कुमार मोदी महासचिव निर्वाचित किए गए। इसके बाद वे सक्रिय राजनीति में शामिल होने लगे। 1974 के छात्र आंदोलन के तत्कालीन नायकों में वे प्रमुख रहे। 1980 में जब भाजपा का गठन हुआ तब वे स्थापना काल से ही उससे जुड़ गए और पार्टी के तेज-तर्रार नेता के रूरूप में उभर कर सामने आए। *जेपी आंदोलन में बढ़-चढकर लिया हिस्सा, गए जेल* 1974 में जेपी आंदोलन में सुशील कुमार मोदी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आपातकाल के दौरान वह जेल भी गए थे। सुशील मोदी 1983 से लेकर 86 तक अखिल भारतीय व सुशील मोदी 1983 से लेकर 86 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में प्रदेश मंत्री, प्रदेश संगठन मंत्री सहित कई पदों पर रहने के बाद 1983 में उन्हें महासचिव बनाया गया था। *सुशील मोदी का राजनीतिक सफर* पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी छात्र जीवन से सामाजिक व राजनीतिक मुद्दों को लेकर जुझारू रहे। वे पांच दशक तक बिहार के राजनीतिक पटल पर छाये रहे। सुशील मोदी पहली बार पटना मध्य निर्वाचन क्षेत्र से विधायक बने और उन्हें भाजपा विधायक दल का मुख्य सचेतक बनाया गया। इसे अब कुम्हार विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। सुशील मोदी ने 1990 से 2004 के बीच तीन बार बिहार विधानसभा का चुनाव जीता। 1996 से 2004 तक वो बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे। उन्हें 2003 में भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया, वो इस पद पर 2005 तक रहे। उन्होंने 2005 में अपनी लोकसभा सदस्यता छोड़ दी और बिहार विधान परिषद के सदस्य बन गए, जिसके बाद उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने। वो 2020 में राज्यसभा के लिए चुने गए और इस साल की शुरुआत में सेवानिवृत्त हुए। *लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और विधान परिषद चारों सदन के सदस्य रहे सुशील मोदी* अपने तीन दशकों से अधिक के राजनीतिक करियर के दौरान सुशील कुमार मोदी ने विधायक, एमएलसी, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य सहित विभिन्न पदों पर कार्य किया। वो लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और विधान परिषद सहित सभी 4 सदनों के सदस्य रहने वाले बिहार के चंद नेताओं में से एक थे। उन्होंने 2005 से 2013 तक और फिर 2017 से 2020 तक बिहार के उपमुख्यमंत्री का पद भी संभाला। *राजनीति के काजल की कोठरी से बेदाग निकले* बिहार की राजनीति में मोदी बिहार के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री की लंबे समय तक अहम भूमिका निभाए। अपने इतने लंबे राजनीतिक कैरियर में उनते चरित्र पर कभी कोई दाग नहीं लगा और राजनीति की काजल की कोठरी से बेदाग निकल दुनिया से रुखस्त हो गए।
विधान मंडल पहुंचा पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी का पार्थिव शरीर, विस अध्यक्ष समेत कई नेताओं ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई

डेस्क : बिहार की राजनीतिक जगत करीब में 5 दशक से बिहार भाजपा की धुरी रहे बिहार की सियासत के युगपुरुष सुशील कुमार मोदी का सोमवार को दिल्ली में निधन हो गया। कैंसर से पीड़ित सुशील मोदी ने बीते सोमवार रात 9 बजकर 29 मिनट पर 72 साल की उम्र में दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली। आज मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर पटना लाया जाएगा और यहीं दीघा घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ। सुशील मोदी को 9 अप्रैल को एम्स दिल्ली में भर्ती किया गया था।

आज मंगलवार को उनका शव पटना पहुंचते ही उनके अंतिम दर्शन के लिए पटना एयरपोर्ट से लेकर उनके आवास तक तमाम बड़े नेताओं सहित उनके चाहनेवालों की भीड़ लगी रही। पटना आने के बाद सुशील मोदी के पार्थिव शरीर को पहले उनके आवास पर ले जाया गया। फिर पटना भाजपा कार्यालय लाया गया, जहां से अंतिम विदाई से पूर्व उनके पार्थिव शरीर को पटना विधान मंडल लाया गया।

इस दौरान विधान मंडल में फूलों से सजे वाहन में उनके शव को अंतिम दर्शन के लिए बिहार विधानसभा अध्यक्ष नवल किशोर यादव, दोनों डिप्टी सीएम, विजय कुमार चौधरी, अशोक चौधरी सभी बड़े नेता और विधानमंडल में काम करनेवाले कर्मियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
आज विशेष विमान से पटना लाया जायेगा दिवंगत सुशील मोदी का पार्थिव शरीर, पटना के गुलबी घाट पर होगा अंतिम संस्कार*

डेस्क : बिहार की राजनीतिक जगत के लिए एक दुखद खबर है। करीब तीन दशक से बिहार भाजपा की धुरी रहे बिहार की सियासत के युगपुरुष सुशील कुमार मोदी का सोमवार को दिल्ली में निधन हो गया। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी यूरिनरी ब्लैडर के कैंसर से पीड़ित थे। सोमवार रात 9 बजकर 29 मिनट पर उन्होंने दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली। वहीं मिली जानकारी के मुताबिक, दिवंगत सुशील मोदी का पार्थिव शरीर आज मंगलवार को विशेष विमान से दिल्ली से पटना लाया जाएगा। उनके पार्थिव शरीर को राजेन्द्र नगर स्थित उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद पटना के गुलबी घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा। उनके अंतिम संस्कार में पक्ष और विपक्ष के कई नेताओं के शामिल होने की संभावना है।
*सुशील मोदी के निधन पर बिहार भाजपा के साथ-साथ तमाम पार्टी के नेताओं ने जताया शोक, बताया बिहार की राजनीति के लिए बड़ी क्षति*

डेस्क : बिहार की राजनीतिक जगत के लिए एक दुखद खबर है। करीब तीन दशक से बिहार भाजपा की धुरी रहे बिहार की सियासत के युगपुरुष सुशील कुमार मोदी का सोमवार को दिल्ली में निधन हो गया। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी यूरिनरी ब्लैडर के कैंसर से पीड़ित थे। सोमवार रात 9 बजकर 29 मिनट पर उन्होंने दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली। आज मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर पटना लाया जाएगा और यहीं अंतिम संस्कार होगा। सुशील मोदी को 9 अप्रैल को एम्स दिल्ली में भर्ती किया गया था। इधर उनके निधन की खबर के बाद बिहार के राजनीतिक जगत में शोक का लहर व्याप्त है। सुशील कुमार मोदी के निधन पर बिहार भाजपा के तमाम नेताओं ने शोक प्रकट किया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सह उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि उनका निधन भाजपा और बिहार के लिए बड़ी क्षति है। मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि पूरे भाजपा संगठन परिवार के साथ-साथ मेरे जैसे असंख्य कार्यकताओं के लिए यह अपूरणीय क्षति है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि उनके निधन से बिहार और देश की राजनीति को अपूरणीय क्षति हुई है। मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि सुशील मोदी का बिहार की राजनीति में अमूल्य योगदान रहा है। पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, विधान पार्षद संजय मयूख ने कहा कि अपने संगठन कौशल, प्रशासनिक समझ और सामाजिक राजनीतिक विषयों पर अपनी गहरी जानकारी के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, रामकृपाल यादव, विधायक संजीव चौरसिया, पंकज सिंह, राकेश सिंह, अशोक भट्ट सहित भाजपा के अन्य नेताओं ने भी सुशील मोदी के निधन पर शोक प्रकट किया। वहीं लोजपा (रा.) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान, योजना एवं विकास और ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, रालोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस, पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी शोक जताया है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने शोक व्यक्त करते हुए एक्स पर लिखा है कि " पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ के समय यानि विगत 51-52 वर्षों से हमारे मित्र भाई सुशील मोदी के निधन का अति दुःखद समाचार प्राप्त हुआ.वे एक जुझारू, समर्पित सामाजिक राजनीतिक व्यक्ति थे। ईश्वर दिवगंत आत्मा को चिरशांति तथा परिजनों को दुख सहने की शक्ति प्रदान करें."
*पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी के निधन पर पीएम और सीएम नीतीश कुमार ने जताया गहरा शोक*

डेस्क : बिहार की राजनीतिक जगत के लिए एक दुखद खबर है। करीब तीन दशक से बिहार भाजपा की धुरी रहे बिहार की सियासत के युगपुरुष सुशील कुमार मोदी का सोमवार को दिल्ली में निधन हो गया। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी यूरिनरी ब्लैडर के कैंसर से पीड़ित थे। सोमवार रात 9 बजकर 29 मिनट पर उन्होंने दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली। आज मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर पटना लाया जाएगा और यहीं अंतिम संस्कार होगा। सुशील मोदी को 9 अप्रैल को एम्स दिल्ली में भर्ती किया गया था। इधर उनके निधन की खबर के बाद बिहार के राजनीतिक जगत में शोक का लहर व्याप्त है। उनके निधन पर पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार ने गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुशील कुमार मोदी के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, मैंने आज सच्चा दोस्त और कर्मठ राजनेता खो दिया है। उनके निधन से राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। ईश्वर उनके परिजनों, समर्थकों और प्रशंसकों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करें। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि पार्टी में अपने मूल्यवान सहयोगी और दशकों से मेरे मित्र रहे सुशील मोदी जी के असामयिक निधन से अत्यंत दुख हुआ है। बिहार में भाजपा के उत्थान और उसकी सफलताओं के पीछे उनका अमूल्य योगदान रहा है। जीएसटी पारित होने में उनकी सक्रिय भूमिका हमेशा याद किया जाएगा।
*बड़ी खबर : तीन दशक से बिहार भाजपा की धुरी रहे पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी का निधन, राजनीतिक जगत मे शोक की लहर*

डेस्क : बिहार की राजनीतिक जगत के लिए एक दुखद खबर है। करीब तीन दशक से बिहार भाजपा की धुरी रहे बिहार की सियासत के युगपुरुष सुशील कुमार मोदी का सोमवार को दिल्ली में निधन हो गया। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी यूरिनरी ब्लैडर के कैंसर से पीड़ित थे। सोमवार रात 9 बजकर 29 मिनट पर उन्होंने दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली। आज मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर पटना लाया जाएगा और यहीं अंतिम संस्कार होगा। सुशील मोदी को 9 अप्रैल को एम्स दिल्ली में भर्ती किया गया था। *दिल्ली एम्स में चल रहा था इलाज* सुशील मोदी दिल्ली एम्स में इलाजरत थे। शुरू में एम्स दिल्ली में डॉक्टर अमलेश सेठ के नेतृत्व में उनका इलाज चला। इसके बाद डॉक्टर रंजीत साहू उनका इलाज कर रहे थे। सुशील मोदी पिछले छह महीने से गले के कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। हालांकि उन्होंने इसी वर्ष 3 अप्रैल को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपनी बीमारी को सार्वजनिक किया था। इसके बाद वे सोशल मीडिया पर सक्रिय भी नहीं रहे। उस समय उन्होंने कहा था कि पीएम को बता दिया है कि वे लोकसभा चुनाव में प्रचार नहीं करेंगे। इससे पूर्व ही पार्टी ने 40 स्टार प्रचारकों में सुशील मोदी को भी शामिल किया था। उनके इस ट्वीट के बाद उम्मीद की जा रही थी कि बेहतर उपचार से स्वस्थ होकर वह राजनीति में फिर से सक्रिय होंगे। लेकिन सोमवार को अचानक से उनके निधन की खबर आ गई।
लोकसभा चुनाव : बिहार के 5 लोकसभा सीटों पर शांतिपूर्ण मतदान संपन्न, शाम 6 बजे तक अनुमानत: 56.85% प्रतिशत हुआ मतदान

डेस्क : लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में आज 13 मई सोमवार को बिहार के पांच सीटों दरभंगा, उजियारपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय और मुंगेर शांतिपूर्ण तरीक से मतदान संपन्न हो गया। इसके साथ ही बिहार के दो केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और नित्यानंद राय समेत जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुंगेर के वर्तमान सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, दरभंगा के निवर्तमान सांसद गोपालजी ठाकुर के भाग्य का फैसला ईवीएम में बंद हो गया। 

आज चौथे चरण में लोकतंत्र के इस महापर्व के प्रति महिलाओं में भारी उत्साह देखने को मिला। बिहार के सभी पांच सीटों पर हुए मतदान की जो तस्वीर सामने आई उनमें महिलाओं की संख्या बड़ी तदाद में देखने को मिली। महिलाएं सुबह से ही लाइन में लगर अपना मत का प्रयोग कर रही थी। इसके साथ बुजुर्ग, दिव्यांग भी लोकतंत्र के इस महापर्व में अपनी हिस्सेदारी निभाए।  

वहीं चुनाव आयोग की ओर से बताया गया कि इस बार शाम 6 बजे तक की मिली सूचना के अनुसार 56.85% प्रतिशत मतदान हुआ है। वही पूरा आंकड़ा आज रात तक आने की संभावना है। 

चुनाव आयोग की ओर से बताया गया कि अबतक जो वोट प्रतिशत का आंकड़ा मिला है वह पिछले वर्ष 2019 की तुलना मे कम है। वर्ष 2019 में 59.20% मतदान हुआ था। 

वही आज जिन पांच सीटों पर मतदान हुआ है। उनमें सबसे ज्यादा बेगूसराय में 58.40% और सबसे कम मुंगेर में 55.00% वोट पड़े है। वहीं उजियारपुर में 56%, दरभंगा में 56.63% और समस्तीपुर में 58.10% मतदान हुआ है।

लोकसभा चुनाव : शाम 5 बजे तक ओवरऑल 54.14% प्रतिशत हुआ मतदान

डेस्क : लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में आज 13 मई सोमवार को बिहार के पांच सीटों दरभंगा, उजियारपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय और मुंगेर में सुबह के सात बजे से मतदान जारी है। सभी मतदान केन्द्रों पर सुरक्षा के पुख्ता इंताम किये गये है। मतदान को लेकर बूथों पर सभी नागरिक सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी है। आज के इस चौथे चरण के मतदान में बिहार के इन दो केन्द्रीय मंत्री समेत इन दिग्गज नेताओं के प्रतिष्ठा दांव पर है जिसपर देश-प्रदेश की नजरे टिंकी है। 

आज चौथे चरण में बंपर वोटिंग हो रही है। लोकतंत्र के इस महापर्व के प्रति महिलाओं में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। बिहार के सभी पांच सीटों पर हो रहे मतदान की जो तस्वीर सामने आ रही है। उनमें महिलाओं की संख्या बड़ी तदाद में देखने को मिल रही है। महिलाएं सुबह से ही लाइन में लगर अपना मत का प्रयोग कर रही है। इसके साथ बुजुर्ग, दिव्यांग भी लोकतंत्र के इस महापर्व में अपनी हिस्सेदारी निभा रहे है।  

वहीं चुनाव आयोग की ओर से जारी सूचना के अनुसार शाम के 5 बजे तक ओवरऑल 45.23 प्रतिशत मतदान हुआ है। जिसमें सबसे ज्यादा समस्तीपुर में 56.36% और सबसे कम मुंगेर में 51.44% वोट पड़े है। वहीं उजियारपुर में 54.93%, बेगूसराय में 54.08% और दरभंगा में 54.28% मतदान हुआ है।