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पीएम के आगमन के एकदिन पहले कल 11 मई को इंडी गठबंधन के इन शीर्ष नेताओं का पटना में होगा जुटान

डेस्क ; लोकसभा चुनाव के तीन चरण समाप्त हो चुके है। बाकी बचे चरणों को लिए सभी दल अपनी-अपनी प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए एड़ी-चोटी एक किए हुए है। 12 मई को पीएम बिहार दौरे पर पर आ रहे है। वहीं इससे ठीक एकदिन पहले कल 11 मई को पटना में इंडिया गठबंधन के दिग्गज नेताओं का जुटान होने जा रहा है। 

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 11 मई पटना में इंडिया गठबंधन के शीर्ष नेताओं राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद, माकपा के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी और भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य के साथ पटना में मीडिया से बात करेंगे। वे इनके साथ एनडीए को घेरेंगे।

इसके बाद कल शनिवार को ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर में सभा करेंगे। खड़गे का बिहार में यह दूसरा चुनावी दौरा होगा। 

पार्टी सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद का 11 से 13 मई तक बिहार दौरा संभावित है। वे तीन दिन में कई सभा करेंगे। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दूसरी बार बिहार में चुनावी सभा का कार्यक्रम अभी तक तय नहीं है। माना जा रहा है जल्द राहुल गांधी की चुनावी सभा तय होगी। प्रियंका गांधी का भी चुनावी कार्यक्रम बिहार में तय होना बाकी है।

चिराग का पलड़ा हुआ भाड़ी तो चाचा पारस को भतीजे के लिए जागा प्यार, कहा-सामने से गुजर जाते है घर नहीं आते

डेस्क : सत्ता ऐसी चीज है कि यह अपनो की बीच भी दरार पैदा कर देती है। कुछ ऐसा ही आज से तीन साल पहले पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान द्वारा अपनी मेहनत से खड़ी की गई पार्टी लोजपा पर वर्चस्व को लेकर हुई थी। पार्टी पर कब्जा को लेकर स्वर्गीय रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान और उनके छोटे भाई पशुपति कुमार पारस के बीच जंग छिड़ गई थी। जिसका अंत पार्टी के दो फाड़े के रुप में हुआ था। उस दौरान चिराग अकेले पड़ गए थे। पारस पार्टी के सभी सांसदों को साथ लेकर अलग पार्टी लोजपा (राष्ट्रीय) बना लिया और केन्द्र में मंत्री बन गए।

लेकिन समय बदला और तीन साल बाद चिराग पासवान ने अपने चाचा को पटखनी दे दी। चिराग जहां अपने पिता के पंरपंरागत सीट हाजीपुर सीट से टिकट लेने में कामयाब रहे। वहीं चाचा पारस को इसबार एक भी सीट हासिल नहीं हुआ और सभी के सभी पांच सीट चिराग की पार्टी लोजपा (रामविलास) के खाते में आ गई। हर ओर से शिकस्त मिलने के बाद अब चाचा पशुपति कुमार पारस का अपने भतीजे के प्रति प्यार जगा है।  

पशुपति पारस ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा है कि चिराग पासवान मेरे घर के आगे से हर दिन आते जाते हैं लेकिन कभी घर नहीं आते हैं। वह मुझसे छोटे हैं और मैं रिश्ते में बड़ा हूं। पहले उन्हें पहल करनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने भतीजा से नाराजगी जताते हुए कहा कि नामांकन में चिराग पासवान की ओर से कोई निमंत्रण नहीं मिला था। उनके भतीजे चिराग पासवान ने उनको फोन नहीं किया था।

बता दें चिराग पासवान ने अपने नामांकन के बाद कहा था कि चाचा पशुपति कुमार पारस को वह पिता तुल्य मानते है। आज वे मेरे नामांकन में आते तो हर गिले शिकवे भूलकर मैं उनके गले लगता। 

चिराग निमंत्रण देंगे करेंगे चुनावी प्रचार

वहीं पशुपति पारस ने यह भी कहा कि वो चिराग पासवान के लिए चुनावी प्रचार करने के लिए तैयारी हैं। अगर चिराग उन्हें खुद बुलाते हैं तो। पारस ने कहा कि, चिराग पासवान प्रचार के लिए बुलाते हैं तो वह हाजीपुर अवश्य जाएंगे और उनके लिए जनता से वोट मांगेंगे। पारस ने कहा कि पहले जो बातें हुईं उसे भुलाकर वे भतीजे की सहायता के लिए तैयार हैं। लेकिन वह ऐसा तब करेंगे जब उन्हें चिराग पासवान बुलाएंगे।

सभी 40 सीट पर होगी एनडीए की जीत

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चर्चा करते हुए पारस ने कहा कि देश की 75 फ़ीसदी जनता नरेंद्र मोदी के साथ है। नरेंद्र मोदी के विकास और ल्याणकारियों कार्यों ने आम लोगों का जीवन पूरी तरह बदल डाला है। इसका लाभ लोकसभा चुनाव में एनडीए के सभी दलों के प्रत्याशियों को होगा। पारस ने दावा किया कि बिहार में सभी 40 सीटों पर एनडीए गठबंधन के प्रत्याशी विजयी होंगे और इंडिया गठबंधन को जनता एक भी सीट नहीं देगी।

बिहार में चौथे चरण के चुनाव पर देश-प्रदेश की टिकी है नजरें, इन दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा है दांव पर

डेस्क : बिहार में तीन चरण का चुनाव संपन्न हो चुका है। वहीं अब चौथे चरण की सीटों पर चुनाव प्रचार के लिए महज 48 घंटे शेष रह गया है। चौथे चरण में 13 मई को होने वाले मतदान में बिहार के कई दिग्गज नेताओं के प्रतिष्ठा दांव पर है जिसपर देश-प्रदेश की नजरे टिंकी है। 

इस चौथे चरण में प्रदेश के पांच सीटों- मुंगेर, बेगूसराय, समस्तीपुर (सु.), उजियारपुर और दरभंगा में 13 मई को मतदान है। जिसमें एनडीए के तीन दिग्गज नेता बेगूसराय से बीजेपी के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह और उजियारपुर से केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और मुंगेर से जदयू के दिग्गज नेता राजीव रंजन सिर्फ उर्फ ललन सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर है। 

इन सभी सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के उम्मीदवारों के बीच सीधी टक्कर है। पांच में से चार सीटों पर दोनों गठबंधनों के उम्मीदवार पहली बार आमने-सामने हैं। सिर्फ एक सीट उजियारपुर में भाजपा के नित्यानंद राय और राजद के आलोक कुमार मेहता के बीच दूसरी बार टक्कर है। इससे पहले भी 2014 में भी ये दोनों चुनाव मैदान में आमने सामने हुए थे। जिसमें नित्यानंद राय की जीत हुई थी। नित्यानंद राय के सामने जीत बरकरार रखते हुए हैट्रिक लगाने की चुनौती है। 

गिरिराज सिंह ने 2014 का चुनाव नवादा से और 2019 का चुनाव बेगूसराय से जीता। पिछले चुनाव में गिरिराज सिंह ने भाकपा के कन्हैया कुमार को हराया था। इस बार बेगूसराय में उनके सामने भाकपा के अवधेश राय हैं। दोनों के बीच पहली बार मुकाबला हो रहा है। 

2019 में मुंगेर से जीत चुके जदयू प्रत्याशी ललन सिंह की टक्कर बिहार के कुख्यात अशोक महतो की पत्नी राजद की अनीता देवी से है। जो पहली बार चुनाव मैदान में हैं। 

दरभंगा में भाजपा के मौजूदा सांसद गोपालजी ठाकुर के सामने राजद के पूर्व मंत्री ललित यादव हैं। दोनों पहली बार आमने-सामने हैं। ललित पांच बार के विधायक हैं। वर्ष 2019 में दरभंगा में गोपालजी ठाकुर ने राजद के पूर्व मंत्री अब्दुलबारी सिद्दिकी को हराया था।

समस्तीपुर लोकसभा सीट पर जदयू के दो मंत्रियों के बेटे-बेटी मैदान में

वहीं समस्तीपुर (सुरक्षित) लोकसभा सीट इसबार हॉट सीट है। इस सीट के चुनाव पर भी देश भर की निगाहें हैं। यहां जदयू के दो मंत्रियों के बेटे-बेटी चुनाव मैदान में आमने-सामने हैं। यहां से ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी लोजपा (आर) तो सूचना एवं जनसम्पर्क मंत्री महेश्वर हजारी के पुत्र सनी हजारी कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। इन दोनों ही युवा उम्मीदवारों का यह पहला चुनाव है। इस तरह इनका भी आमना-सामना पहली बार है।

पीएम मोदी का पटना आगमन : एयरपोर्ट की बढ़ी सुरक्षा व्यवस्था, एसपीजी ने अपने घेरे में लिया एयरपोर्ट

डेस्क : लोकसभा चुनाव को लेकर सभी दलों के दिग्गज नेताओं का चुनाव प्रचार जोरो पर है। पीएम मोदी भी एनडीए की प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए ताबड़-तोड़ जनसभा और रोड शो कर रहे है। इसी कड़ी प्रधानमंत्री का एकबार फिर बिहार का दौड़ा होने जा रहा है। पीएम मोदी 12 मई को राजधानी पटना आएंगे। वे दिन पटना में रहेंगे। इस दौरानवे पटना में रोड शो भी करेंगे। 

इधर प्रधानमंत्री के पटना आगमन को लेकर एयरपोर्ट पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। एसपीजी ने अभी से ही परिसर को सुरक्षा घेरे में ले लिया है। सीआईएसएफ के अफसरों और जवानों की संख्या बढ़ा दी गई है। आसमान से जमीन तक निगहबानी की तैयारी है।

एसपीजी के अफसर उन सभी बिंदुओं पर नजर रख रहे हैं जो संवेदनशील हैं। परिसर के भीतर त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया जा रहा है। जिस जगह पीएम के विशेष विमान की पार्किंग होगी वहां भी त्रिस्तरीय सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं। इन सबके बीच पीएम के आने और जाने के क्रम में यात्री विमान प्रभावित न हों इसके लिए व्यापक रणनीति बनाई जा रही है। 

कहा जा रहा है कि पीएम के आगमन से पांच मिनट पहले और पीएम के आगमन के पांच मिनट बाद ही यात्री विमानों की आवाजाही होगी। इस दौरान रनवे और परिसर की हर गतिविधि पर सीसीटीवी कैमरे से भी नजर रखी जाएगी।

आम यात्रियों का निकास के रास्ते ही होगा प्रवेश 

एयरपोर्ट के जिस रास्ते से पीर अली पथ की ओर प्रवेश मिलता है। उसे 12 मई को एक निश्चित समय के लिए बंद किया जाएगा। अभी जिस रास्ते से वाहनों का निकास होता है। उसी रास्ते से प्रवेश की व्यवस्था होगी। पीएम के रवाना होने के बाद फिर से व्यवस्था सामान्य कर दी जाएगी।

एक दिन निर्माण कार्य हो सकता है बंद 

माना जा रहा है कि 12 मई को परिसर में निर्माण कार्य पर रोक रहेगी। एयरपोर्ट पर रनवे की ओर आइसोलेशन बे और समानांतर टैक्सी ट्रैक का निर्माण चल रहा है। साथ ही टर्मिनल बिल्डिंग का काम भी तेजी से हो रहा है। ऐसे में 12 मई को पीएम के आगमन के दिन निर्माण कार्यों पर रोक रह सकती है।

बिहार में फिर आकाश से बरसी मौत : ठनका की चपेट में 5 महिला समेत 10 की गई जान, कई झुलसे


डेस्क : बिहार में एकबार फिर आकाश से मौत बरसी। जिसमें 10 लोगों की जान चली गई। वहीं कई गंभीर रुप से घायल है। 

दरअसल गुरुवार सुबह आई आंधी-बारिश के दौरान ठनका गिरने से 10 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में पूर्वी चंपारण के तीन, बेगूसराय के दो, समस्तीपुर, खगड़िया, अररिया, भागलपुर और गया के एक-एक व्यक्ति शामिल है। जिसमें पांच महिलाए शामिल है। 

पूर्वी चंपारण के केसरिया के बिजधरी ओपी की पश्चिमी सुंदरापुर पंचायत के मलाही टोला में रिंदु कुमारी (19) की ठनका से जान चली गई। वह हरेंद्र राय की पुत्री थी। वहीं। बेगूसराय के मंझौल में भी ठनका गिरने से दो महिलाओं की मौत हो गई।

पूर्वी चंपारण के हरसिद्धि थाना क्षेत्र की यादवपुर पंचायत के नासी टोला गांव के वार्ड 10 में गुरुवार सुबह ठनका गिरने से असलम हुसैन के पुत्र साबिर आलम (14) व तैयब हुसैन के पुत्र सोनू आलम (12) की मौत हो गई। जबकि दो किशोर झुलस गए। वहीं। समस्तीपुर के रोसड़ा थाना क्षेत्र के जाखड़ में ठनका गिरने से एक महिला की मौत हो गयी। मृतका की पहचान जाखड़ के सिमरहट्टी निवासी सुरेश पासवान की पत्नी बबीता देवी (48) के रूप में की गई है।

वहीं सीमांचल और पूर्वी बिहार के जिलों में बारिश के दौरान वज्रपात की चपेट में आने से तीन लोगों की मौत हो गई। मृतकों में एक महिला भी शामिल है। खगड़िया जिले के गोगरी थाना क्षेत्र अंतर्गत फुदकीचक बहियार में वज्रपात की चपेट में आने से 28 वर्षीय दशरथ महतो की मौत हो गई। मृत युवक फुदकीचक पतरोन गांव के रहनेवाले सुनील महतो का पुत्र था। इसके अलावा अररिया जिले के सिकटी प्रखंड स्थित बरदाहा वार्ड संख्या नौ में गुरुवार की दोपहर बारिश के दौरान ठनका गिरने से 35 वर्षीया महिला की जान चली गई। इस हादसे में उनका पति भी झुलस गया। घटना उस वक्त हुई जब महिला घास लाने गई थी। मृतका मणिका देवी बरदाहा निवासी बुलानंद चौधरी की पत्नी थी। 

जबकि भागलपुर के नाथनगर के मथुरापुर स्थित बगीचा में गुरुवार की सुबह तेज बारिश के दौरान ठनका से जगदीश मंडल के 17 वर्षीय पुत्र देवनारायण मंडल की मौत हो गई।

लोकसभा चुनाव 2024: उपेंद्र कुशवाहा को कितनी चुनौती दे पाएँगे भोजपुरी स्टार पवन सिंह?

बिहार की काराकाट लोकसभा सीट पर भोजपुरी अभिनेता और गायक पवन सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. उनकी उम्मीदवारी से इस सीट पर मुक़ाबला काफ़ी रोचक हो गया है.पहले बीजेपी ने पवन सिंह को पश्चिम बंगाल के आसनसोल सीट से उम्मीदवार बनाया था लेकिन इस पर विवाद हुआ और फिर पवन सिंह ने ख़ुद यहाँ से उम्मीदवारी छोड़ने का फ़ैसला किया.

अब काराकाट के चुनावी मैदान में पवन सिंह के सामने एनडीए के उपेंद्र कुशवाहा हैं. माना जा रहा है कि इन दोनों के बीच वोटों का बँटवारा होने से यहाँ इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार राजा राम सिंह को फ़ायदा हो सकता है.

इस सीट के चुनावी समीकरणों को समझने के लिए औरंगाबाद स्ट्रीट बज्ज की टीम काराकाट पहुँची

जब हम काराकाट लोकसभा इलाक़े में पहुँचे, तो पवन सिंह के पीछे बड़ी संख्या में युवा समर्थक और चाहने वाले नज़र आए. उपेंद्र कुशवाहा इलाक़े के स्थानीय नेताओं के साथ बैठक कर रणनीति तैयार करते दिखे, तो सीपीआई (एमएल) के राजा राम सिंह ग्रामीण इलाक़ों में जनसंपर्क करते दिखे.बिहार में एनडीए के दलों के बीच सीटों की साझेदारी में काराकाट लोकसभा सीट राष्ट्रीय लोक मोर्चा के उपेंद्र कुशवाहा के हिस्से में आई है.उपेंद्र कुशवाहा साल 2014 में इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं. हालाँकि साल 2019 में महागठबंधन उम्मीदवार के तौर पर काराकाट सीट से वे हार गए थे.बिहार में विपक्षी दलों में काराकाट सीट सीपीआई (एमएल) के हिस्से में आई है. सीपीआई (एमएल) ने फिर राजा राम सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है.वो पिछले तीन चुनावों से लगातार इस सीट पर हार का सामना कर रहे हैं. हालाँकि इस बार उनकी दावेदारी मज़बूत मानी जा रही है.काराकाट लोकसभा सीट साल 2008 में परिसीमन के बाद बनी है. इस सीट में बिहार के औरंगाबाद और रोहतास ज़िले के तीन-तीन विधानसभा क्षेत्र आते हैं.

पवन सिंह की दावेदारी कितनी बड़ी है

भोजपुरी फ़िल्म स्टार पवन सिंह इस इलाक़े के स्थानीय उम्मीदवार माने जाते हैं. उनके साथ न केवल अगड़ी जाति के समर्थक बड़ी संख्या में नज़र आते हैं बल्कि युवाओं के बीच भी इलाक़े में उनकी लोकप्रियता दिखती है.

पवन सिंह दावा करते हैं कि उन्होंने 12-14 साल से बीजेपी की सेवा की है और साल 2019 के चुनाव में भी उन्हें बीजेपी ने पश्चिम बंगाल के हावड़ा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने को कहा था लेकिन बाद में टिकट नहीं दिया गया.इस बार समर्थकों के कहने पर वो काराकाट से चुनाव लड़ रहे हैं.पवन सिंह कहते हैं, "जिससे भी मेरी बात हो रही है सब कहते हैं कि समय आने पर लोग यहाँ आते हैं और फिर दिखते नहीं हैं. काराकाट में कोई विकास ही नहीं हुआ है. मैं राजनीति का नया खिलाड़ी हूँ, मुझे मौक़ा मिला और कुछ नहीं किया तो लोग शिकायत कर सकते हैं."

पवन सिंह विकास को लेकर शिकायत तब कर रहे हैं, जबकि पिछले 15 साल से इस सीट पर एनडीए के सांसद रहे हैं, पिछले 10 साल से केंद्र में मोदी की सरकार है और पिछले दो दशक में बिहार में ज़्यादातर समय के लिए एनडीए की सरकार रही है.

काराकाट लोकसभा सीट पर यादव वोटरों का बड़ा असर माना जाता है. इसके अलावा इस सीट पर कुशवाहा, कुर्मी, राजपूत और वैश्य वोटरों की तादाद भी काफ़ी है.स्थानीय युवा वोटर गौतम कुमार कहते हैं, "काराकाट में केवल विकास का मुद्दा है. पवन सिंह निर्दलीय लड़ रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा सांसद बनकर दिल्ली चले जाते हैं. पवन सिंह स्थानीय हैं, जब भी हम उन्हें बुलाते हैं वो आ जाते हैं."

क्या उपेंद्र कुशवाहा के लिए हो सकती है मुश्किल

काराकाट सीट पर उपेंद्र कुशवाहा की सबसे बड़ी ताक़त उनका एनडीए का उम्मीदवार होना दिखता है. लेकिन यहाँ एनडीए के दलों और उनके कार्यकर्ताओं के बीच असमंजस की स्थिति भी रही है.

बीजेपी के स्थानीय नेता बिकू त्रिपाठी कहते हैं, "शुरुआत में यहाँ माहौल थोड़ा बिखरा हुआ था. यह सीट उपेंद्र कुशवाहा जी को दी गई है, जो सनातन के साथ हैं. पवन सिंह का ग्राफ़ भले ही बढ़ा हुआ दिखता है, लेकिन दर्शक और समर्थक में अंतर होता है. कोई भी स्टार बिना किसी पार्टी के नहीं जीत पाता है, यह भी समझना ज़रूरी है."

स्थानीय लोगों का मानना है कि उपेंद्र कुशवाहा भी बार-बार अपना पाला बदलते हैं और वो पहले राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी काफ़ी हमलावर रहे हैं.इस वजह से भी उन्हें इस सीट पर सामंजस्य बैठाने में मुश्किल आ सकती है.

गोह इलाक़े के मुन्ना कुमार राय के मुताबिक़ उन्हें माहौल बीजेपी का दिखता है, लेकिन लोगों के मन में विकास को लेकर बहुत किंतु और परंतु भी है. इसलिए फ़िलहाल चुनावी लिहाज से कुछ भी स्पष्ट नहीं दिख रहा है.

हालाँकि उपेंद्र कुशवाहा दावा करते हैं, "मुझे इस बार मुक़ाबला ज़्यादा आसान दिख रहा है क्योंकि मोदी जी ने 10 साल में सबके लिए काम किया है. राज्य सरकार का भी काम है. लोग चाहते हैं कि मोदी जी फिर से प्रधानमंत्री बनें."

बिहार में विपक्ष के महंगाई और रोज़गार के मुद्दे पर उपेंद्र कुशवाहा दावा करते हैं कि मोदी सरकार ने महंगाई को नियंत्रण में रखने की पूरी कोशिश की है और रोज़गार की ज़रूरत केवल नौकरी से पूरी नहीं की जा सकती, इसलिए केंद्र सरकार रोज़गार के मौक़े तैयार करने में भी लगी हुई है.

पवन सिंह की उम्मीदवारी पर उपेंद्र कुशवाहा कहते हैं, "जिनकी इच्छा है, वो चुनाव लड़ सकते हैं. संविधान सबको मौक़ा देता है लेकिन अभी इंतज़ार कीजिए. नामांकन पत्रों की जाँच और नाम वापसी तक कितने लोग उम्मीदवार रह जाएँगे, अभी यह तय नहीं है."

काराकाट लोकसभा सीट को लेकर एक बात यह भी मानी जाता है कि अगड़ी जाति और एनडीए के वोटों का बँटवारा पवन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के बीच होने से इसका सीधा लाभ महागठबंधन को हो सकता है.

सीपीआई (एमएल) की उम्मीद

काराकाट सीट का इतिहास एनडीए के पक्ष में दिखता है, तो साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव का परिणाम यहाँ पूरी तरह विपक्ष को समर्थन करता दिखता है.

काराकाट सीट से साल 2009 में जनता दल यूनाइटेड के महाबली सिंह चुनाव जीते थे. साल 2019 में भी इस सीट से महाबली सिंह की जीत हुई थी. लेकिन इस बार जेडीयू को एनडीए के दलों के बीच साझेदारी में अपनी यह सीट छोड़नी पड़ी है.

साल 2020 के विधानसभा चुनावों में काराकाट लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली सभी छह विधानसभा सीटों पर विपक्षी दलों ने जीत दर्ज की थी. इनमें रोहतास ज़िले की काराकाट सीट पर सीपीआई (एमएल) के अरुण सिंह की जीत हुई थी.

जबकि अन्य सभी पाँच सीटों पर राष्ट्रीय जनता दल ने जीत दर्ज की थी. जिसमें रोहतास की नोखा और डेहरी विधानसभा सीट, जबकि औरंगाबाद ज़िले की गोह, ओबरा और नबीनगर विधानसभा सीट शामिल हैं.

सीपीआई (एमएल) के उम्मीदवार राजा राम सिंह दावा करते हैं, "इस बार मैं महागठबंधन का उम्मीदवार हूँ. कोई इस मौक़े को गँवाना नहीं चाहता. मौजूदा हालात में गाँव की जनता मान रही है कि मोदी जी अगर रहें, तो लोकतंत्र नहीं बचेगा, संविधान नहीं बचेगा. गाँव के लोगों को लगता है सीपीआई (एमएल) लगातार ग़रीबों के साथ है."

राजा राम सिंह मानते हैं कि उपेंद्र कुशवाहा और पवन सिंह के बीच वोटों का बँटवारा होगा, इसके अलावा एनडीए के कई समर्थक खेती, किसानी और रोज़गार के मुद्दे पर विपक्ष के साथ खड़े हैं. लोगों ने आंबेडकर के संविधान को पढ़ लिया है और इसे बचाना है.

स्थानीय बुज़ुर्ग मुंशी प्रसाद कहते हैं, "माहौल अमीरी और ग़रीबी पर चलता है. इस साल वोटर का कुछ पता नहीं लग रहा है. माहौल के बारे में कुछ समझ में नहीं आ रहा है. कुछ महंगाई पर बोलते हैं, कुछ अन्य मुद्दे बताते हैं."

क्या कहते हैं लोग

काराकाट सीट के अलग-अलग इलाक़ों में लोगों से बात करने पर यहाँ त्रिकोणीय मुक़ाबले की पूरी संभावना दिखती है.

स्थानीय युवक राजू कुमार दावा करते हैं कि काराकाट सीट पर राजा राम सिंह, पवन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के बीच त्रिकोणीय मुक़ाबला होगा.

राजू के मुताबिक़ इलाक़े में रोज़गार, महंगाई और विकास बड़े मुद्दे हैं.

यहाँ के लोग काराकाट लोकसभा की अर्थव्यवस्था में सोन नदी के बालू का बड़ा योगदान बताते हैं. यह धान की फ़सल का भी मशहूर इलाक़ा है.

डेहरी के लोगों की शिकायत है कि इलाक़े में रोज़गार के साधन और विकास की बड़ी ज़रूरत है.

स्थानीय युवा जावेद अख़्तर कहते हैं, "यहाँ चुनाव में शिक्षा, रोज़गार, विकास यही सब मुद्दे हैं. सामने आप टूटे हुए पुल को देख रहे हैं, एक साल से बंद है. इसमें बीच में दरार आ गई है. यह पटना, आरा, विक्रमगंज जाने का मुख्य मार्ग है."

डेहरी इलाक़े में सोन नदी के पास बना यह रेलवे का एक आरओबी (रोड ओवर ब्रिज) है, जो फ़िलहाल इस्तेमाल में नहीं है.

लोगों का आरोप है कि एक साल से इसे ठीक नहीं किया गया है, जिसकी वजह से रेलवे लाइन पार करने के लिए वाहनों को क़रीब छह किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है.

इसी इलाक़े के शेषनाथ यादव ख़ुद ऑटो रिक्शा चलाते हैं. उनके गले पर आरजेडी का अंगोछा बताता है कि वो आरजेडी के समर्थक हैं और वो भी रेलवे लाइन के ऊपर बने आरओबी के बंद होने से नाराज़ हैं.

शेषनाथ दावा करते हैं कि काराकाट सीट पर मुक़ाबला राजा राम सिंह और पवन सिंह के बीच है और यहाँ से इस बार राजा राम सिंह के जीतने की संभावना ज़्यादा है, क्योंकि वो महागठबंधन के उम्मीदवार हैं.

काराकाट सीट पर क़रीब 19 लाख़ वोटर हैं. पिछले लोकसभा चुनावों में यहाँ 50 फ़ीसदी से भी कम वोटिंग हुई थी. यहाँ लोकसभा चुनावों के सातवें और अंतिम चरण में 1 जून को वोट डाले जाएँगे.

ज़ाहिर है इस सीट पर चुनाव प्रचार और ज़्यादा से ज़्यादा वोटरों को अपनी तरफ़ खींचने के लिए हर उम्मीदवार के पास काफ़ी वक़्त है, जो तय करेगा कि यह सीट किसके हिस्से में आ सकती है.

औरंगाबाद से स्ट्रीट बज्ज के लिए धीरेन्द्र पाण्डेय की रिपोर्ट

पीएम मोदी के पटना आगमन को लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम : रोड शो वाले मार्ग में भवनों का सत्यापन शुरू, पटना के होटलों की ली जा रही तलाशी

डेस्क : लोकसभा चुनाव को लेकर सभी दलों के दिग्गज नेताओं का चुनाव प्रचार जोरो पर है। पीएम मोदी भी एनडीए की प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए ताबड़-तोड़ जनसभा और रोड शो कर रहे है। इसी कड़ी प्रधानमंत्री का एकबार फिर बिहार का दौड़ा होने जा रहा है। पीएम मोदी 12 मई को राजधानी पटना आएंगे। वे दिन पटना में रहेंगे। इस दौरानवे पटना में रोड शो भी करेंगे। 

पहली बार पीएम का पटना में रोड शो, मार्ग के भवनों का किया जा रहा सत्यापन

पहली बार पटना में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का रोड शो होनेवाला है। पीएम मोदी के रोड शो के दौरान सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन की ओर सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किये जा रहे हैं। रोड शो के दौरान सुरक्षा इंतजामों में किसी तरह की कोई कमी न रहे इसके लिए पिछले दो दिनों से पटना पुलिस मुस्तैद है। जिन रास्तों से रोड शो गुजरेगा वहां स्थित भवनों के मालिकों का पुलिस सत्यापन कर रही है। अगर भवन में कोई किरायेदार रहता है तो उनकी कुंडली भी खंगाली जा रही है। सभी का आधार कार्ड जमा करवाया जा रहा है। हरेक दिन सभी रास्तों की जांच की जा रही है।

नेहरू पथ के अलावा इससे सटे अन्य इलाकों में विशेष निगरानी रखी जा रही है। रोड शो वाले इलाके की रूट मैपिंग भी की गई है। कहां और किस तरह की सुरक्षा व्यवस्था होगी इसका आकलन कर लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक एसपीजी के अधिकारी बिहार और पटना पुलिस के वरीय अधिकारियों के संपर्क में हैं।

भवनों पर तैनात रहेंगे सुरक्षा कर्मी 

रोड शो के रास्ते में आने वाले सभी ऊंचे भवनों पर सुरक्षाकर्मियों को भी तैनात किया जाएगा। इसके अलावा पटना पुलिस राजधानी व उसके आसपास के सभी होटलों, लॉज व अन्य जगहों की तलाशी ली जा रही है। होटलों के रजिस्टर खंगाले जा रहे हैं ताकि यह पता चल सके कि कौन लोग वहां ठहरे हैं। देर रात तक इन सभी इलाकों की निगरानी की जा रही है। सीसीटीवी कैमरों से भी शहर की निगेहबानी की जा रही है।

पाटलिपुत्र सीट से लगातार तीसरी बार बीजेपी प्रत्याशी रामकृपाल यादव ने किया नामांकन, उनके आशीर्वाद सभा में एनडीए के दिग्गज नेताओं का हुआ जुटान

डेस्क : पटना के दोनो लोकसभा क्षेत्र पाटलिपुत्र और पटना साहिब में अंतिम चरण में 1 जून को मतदान होना है। जिसके लिए नामांकन की प्रक्रिया जारी है। इसी कड़ी में पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार भाजपा के टिकट पर प्रत्याशी बनाए गए रामकृपाल यादव ने आज अपना नामांकन पर्चा दाखिल कर दिया। 

वहीं नामांकन दाखिल करने के बाद रामकृपाल यादव ने आशीर्वाद सभा बुलाई। जिसमें एनडीए के कई दिग्गज नेताओं का जुटान हुआ। इस आशीर्वाद सभा में हम सुप्रीमो व पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, भाजपा की तरफ से सम्राट चौधरी, जदयू के ओर मंत्री अशोक चौधरी सहित कई बड़े नेता भी मंच पर मौजूद थे। 

इससे पहले आज नामांकन के दौरान हजारों की संख्या में राम कृपाल यादव के समर्थक व एनडीए कार्यकर्ता पहुंचे थे। सभी ने लगातार तीसरी बार पाटलिपुत्र सीट से उनकी जीत होने की बात कही और नारे लगाए।

पाटलीपुत्र से लालू प्रसाद को शिकस्त देने वाले रंजन यादव फिर राजद में हुए शामिल, पार्टी में शामिल होते ही किया यह बड़ा दावा

डेस्क : लोकसभा चुनाव के बीच बिहार की सियासत से एक बड़ी खबर सामने आई है। राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद के पुराने सहयोगी रहे पूर्व सांसद रंजन प्रसाद यादव राजद में शामिल हो गए। पार्टी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने उनको राजद की सदस्यता दिलवाई।

बता दें रंजन यादव राजद के संस्थापक सदस्यों में थे। बाद में वह राजद छोड़कर जदयू के साथ हो चल गए थे। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने लालू प्रसाद को पाटलिपुत्र सीट से जदयू की टिकट पर शिकस्त दी थी। रंजन यादव ने फिर से राजद की सदस्यता ग्रहण कर ली है।

वहीं पार्टी में शामिल होने के बाद रंजन यादव ने कहा कि उनके और लालू यादव के बीच में शुरू से ही मधुर संबंध रहा है। रंजन यादव ने कहा कि 'लालू प्रसाद चार प्रधानमंत्री के साथ काम कर चुके हैं। 2024 के चुनाव में बिहार में राजद की जीत होगी। राजद सुप्रीमो लालू यादव बेटी मीसा भारती को पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से जीत दिलाने के लिए लगातार दांव-पेंच चल रहे हैं। इसी बीच पूर्व सांसद रंजन प्रसाद यादव अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ राजद में शामिल हो गए।

इस मौके पर राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि तेजस्वी ने 2024 चुनाव में सत्ता पक्ष को मुद्दों पर बात करने को कहा है, लेकिन वेलोग उल जुलूल बात कर रहे हैं। भाजपा के सत्ता में आने के लिए वैसे मुद्दों को उठा रही है, जिसका राजनीति से कोई मतलब नहीं है। 

2009 के लोकसभा चुनाव में पाटलिपुत्रा सीट पर लालू यादव को शिकस्त देने वाले डॉ। रंजन प्रसाद यादव ने आज राष्ट्रीय जनता दल की सदस्यता ग्रहण कर ली है। पाटलिपुत्रा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से लालू प्रसाद की बड़ी पुत्री मीसा भारती को हैट्रिक हार को बचाने के लिए उनके पुराने साथी फिर से साथ आ रहे हैं।

बिहार मे आकाशीय बिजली से 5 की मौत, 7 गंभीर रुप से घायल

डेस्क : पिछले एक महीने से बिहार में पड़ रही प्रचंड गरमी के बाद अचानक मंगलवार से मौसम का मिजाज बदल गया। प्रदेश के कई जिलों में दो दिनों से आंधी-पानी से तापमान में काफी गिरावट आई है। वहीं इसी बीच ठनका गिरने से पांच लोगों की मौत हो गई है। वहीं 7 गंभीर रुप से घायल है। 

बीते बुधवार को प्रदेश के पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी व शिवहर, नवादा व वैशाली में ठनका गिरने से दो किशोरी समेत पांच लोगों की मौत हो गई। हादसों में सात लोगों के घायल होने की सूचना है। सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

पूर्वी चंपारण के लखौरा थाना क्षेत्र के बहुअरी गांव के सरेह में बुधवार को ठनका गिरने से किशोरी की मौत हो गई, जबकि दो लोग घायल हो गये। मृतका की पहचान गांव के किशोरी सहनी की पुत्री रिंकू कुमारी (18) के रूप में हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि ठनका की चपेट में आने के बाद रिंकू कुमारी, मंटू कुमार व अनिता कुमारी को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां रिंकू की मौत हो गई।

वहीं, सीतामढ़ी के रून्नीसैदपुर प्रखंड के महिन्दवारा थाना क्षेत्र के गिद्धाफुलवरिया में बुधवार को वज्रपात की चपेट में आने से एक किशोरी की मौत हो गयी। हादसे में चार अन्य लड़कियां जख्मी हो गयीं। मृतका की पहचान गिद्धाफुलवरिया निवासी जयलाल महतो की पुत्री दौलत कुमारी (12) के रूप में की गयी है। 

शिवहर के नगर थाना क्षेत्र के उकनी गांव में भी बुधवार को वज्रपात से एक युवक की मौत हो गई। लोगों ने बताया कि शिवहर में तेज हवा के साथ झमाझम बारिश हो रही थी। युवक खेत में शौच करने गया था। इसी दौरान वज्रपात होने से युवक की मौत हो गई। उसकी पहचान उकनी गांव के विश्वनाथ साह के बेटे सुरेंद्र साह (25) के रूप में हुई है।

नवादा के गोविन्दपुर प्रखंड की थाली थाना क्षेत्र के एकतारा गांव में बीस वर्षीय युवक की वज्रपात से मौत हो गयी। मृतक मुकेश कुमार एकतारा गांव के बालेश्वर राम का छोटा बेटा था। वह मजदूरी कर अपना व अपने परिवार का भरन-पोषण करता था। घटना की रात वह शौच के लिए घर से बाहर बधार की तरफ निकला था।

वहीं वैशाली के राघोपुर के जुड़ावनपुर थाना क्षेत्र के पहाड़पुर पश्चिमी पंचायत के वार्ड नंबर एक में आकाशीय बिजली गिरने से एक पशुपालक और उसकी भैंस की मौके पर ही मौत हो गई। घर में सो रहे अकलू जब बारिश होने लगी तो बथान के बाहर बंधी भैंस को झोपड़ी में बांधने के लिए पहुंचा। इसी बीच बिजली झोपड़ी के नजदीक गिर गई। हादसे में अकलू और भैंस चपेट में आ गए।