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राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर पूर्व सीएम बघेल ने खाया ‘बोरे बासी’, सोशल मीडिया पर शुरु किया कैंपेन

रायपुर- राष्ट्रीय मजदूर दिवस के मौके पर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने रायगढ़ में बासी खाकर सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर किया है. 

माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेट्फॉर्म एक्स पर पूर्व सीएम ने राष्ट्रीय मजदूर दिवस की शुभकामनाएं दी. इसके साथ ही उन्होंने प्रदेशवासियों से बोरे-बासी खाते हुए फोटो-वीडियो को हैशटैग के साथ शेयर करने की भी अपील की है। बता दें, पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने अपने कार्यकाल के दौरान छत्तीसगढ़ में मजदूर दिवस को ‘बोरे बासी दिवस’ घोषित किया था. 

पीसीसी चीफ दीपक बैज सहित कांग्रेस नेताओं ने खाई बासी

कांग्रेस पार्टी ने अपने कार्यकाल से आज के दिन को बोरे बासी दिवस के रूप में मनाने की परंपरा को जारी रखा हुआ है. आज पू्र्व सीएम के अलावा  प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज सहित कांग्रेस के कई नेताओं ने भी अपने-अपने परिवार के साथ बासी का आनंद लिया और सोशल मीडिया पर तस्वीरें साझा कर  कैंपेन का हिस्सा बनते हुए मजदूर दिवस की शुभकामनाएं दी हैं.

क्या होता है बोरे और बासी

छत्तीसगढ़ राज्य में अधिकतम मजदूर बोरे और बासी का सेवन करते हैं. दरअसल, चांवल को पका कर उसे पानी में भिगा दिया जाता है और इसे आम के आचार या टमाटर की चटनी के साथ खाया जाता है. वहीं बासी रात में पके हुए चांवल को पानी में भिगाकर रखा जाता है और सुबह आचार, सब्जी या चटनी के साथ इसका सेवन किया जाता है. आपको बता दें, गर्मियों के दिन में बासी का सेवन करन काफी सेहतमंद होता है.

कोरबा में बोले अमित शाह, नरेन्‍द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाएं, नक्‍सलवाद की समस्‍या खत्‍म कर देंगे

कोरबा- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कटघोरा में जनसभा को संबोधित किया। जिसमें उन्‍होंंने कांग्रेस को नक्‍सलवाद सहित कई मुद्दों पर घेरा।

कटघोरा की संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह चैतुरगढ़ की आदिशक्ति महिषासुर मर्दिनी को नमन करते हुए कहा कि थोड़ा विलंब हो गया, गर्मी भी हो गई है। धूप में लोग खड़े हैं. सभी लोगों को प्रणाम कर विलंब होने की क्षमा चाहता हूं।

अमित शाह ने सभा में उपस्थित लोगों से पूछा कि अयोध्या में राम मंदिर बनना चाहिए था कि नहीं, लेकिन मंदिर के मसले को कांग्रेस लटकाए रही। शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने 11 में 9 सीट देकर दूसरी बार नरेन्द्र मोदी को पीएम बनाया और उन्होंने 22 जनवरी को श्री राम मंदिर बना स्थापित किया। उन्‍होंने कहा कि 500 साल बाद हम भाग्यवान लोगों का दिन आया जब हमने रामलला के ललाट पर सूर्य तिलक को देखा। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का सोनिया, खरगे और राहुल बाबा को निमंत्रण भेजा, पर कोई भी प्राण प्रतिष्ठा में नहीं आए।

नक्सल समस्या को जड़ समेत उखाड़ देंगे

शाह ने कहा कि भूपेश सरकार नक्सलवाद को बढ़ावा देती रहे। वहीं विष्णु देव साय की सरकार बनने और विजय शर्मा के गृहमंत्री बनने के बाद चार माह में 50 लोगों को ढेर कर दिया गया और 350 लोगों ने सरेंडर किया। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने झारखंड, ओडिशा बिहार, मध्य प्रदेश से नक्सलवाद समाप्त किया है। छत्तीसगढ़ छूट गया, पर नरेन्‍द्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बना दो, दो साल में नक्सलवाद समाप्त कर देंगे।

10 साल में किए ढेर सारे कार्य

अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने 2014 में कहा था कि हमारी सरकार दलित, गरीब आदिवासी की होगी। 10 वर्ष में ढेर सारे काम किए, हर गरीब को घर, नल, गैस सिलेंडर, पांच लाख तक बीमा, हर व्यक्ति को पांच किलो हर माह राशन दिया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने मुफ्त में कोरोना का टीका लगाया है।

शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने का मतलब गरीब के कल्याण की चिंता करना, जनजातियों के सम्मान की चिंता करना है। कांग्रेस संसद में नहीं रहती और यहां भी नहीं रहती। हमें नहीं मालूम कहां रहती है। उन्होंने कहा कि कोरबा के विकास की जिम्मेदारी मोदी पर छोड़ दीजिए।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की झूठ बोलने की नियति बन गई है। फेक वीडियो बनाकर प्रचारित किया जा रहा है। बहुमत होने के बाद भी हमने आरक्षण नहीं हटाया। इसका उपयोग हमने राम मंदिर बनाने, धारा 370 हटाने, नोटबंदी व ट्रिपल तलाक को हटाने में उपयोग किया। शाह ने कहा हम एससी, एसटी समेत अन्य आरक्षण नहीं हटाएंगे, बल्कि कांग्रेस को भी नहीं हटाने देंगे। कांग्रेस कार्यकाल में आदिवासी के लिए ठोस कदम नहीं उठाया। बिरसा मुंडा की जयंती मना कर आदिवासी वर्ग को सम्मान दिया। मोदी ने आदिवासी बहन द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बना कर आदिवासियों का सम्मान किया।

खरगे कहते हैं कि मोदी आएंगे तो गरीब को नुकसान होगा। 25 करोड़ गरीबों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने का फायदा हुआ अथवा नहीं। 12 करोड़ शौचालय से फायदा हुआ अथवा नहीं। 14 करोड़ को नल से जल दिया, फायदा मिला की नहीं। 60 करोड़ लोगों को पांच लाख तक स्वास्थ्य लाभ के लिए राशि दिया। यह फायदा है अथवा नहीं।

शाह ने कहा कि खरगे एक परिवार के लिए क्यों झूठ बोल रहे हैं। चार जून के बाद ठीकरा आपके सिर पर फूटने वाला है। ये किसी के नहीं होती है, बड़ी लंबी सूची है। इसमें आप भी शामिल हो जाएंगे। आपके पद की भी बलि चढ़ने वाली है।

भारतीय जनता पार्टी श्रमिक विरोधी है : दीपक बैज

रायपुर- प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने श्रमवीरों को मजदूर दिवस की बधाई देते हुये लोगों से आह्वान किया है। इस दिन श्रम का सम्मान करते हुये सभी हमारे पारंपरिक भोजन बोरे बासी को खाये और बोरे बासी खाते हुये अपनी तस्वीर सोशल मीडिया में अवश्य पोस्ट करें। बोरे बासी छत्तीसगढ़ की अस्मिता संस्कृति का प्रतीक है। यह हमारे किसानों, मजदूरों के सम्मान के साथ अपनी परंपरा पर अभिमान होगा।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि भाजपा किसान और छत्तीसगढ़ संस्कृति विरोधी है। इसीलिये वे बोरे बासी का विरोध कर रहे है। पूंजीपति मित्रों के मुनाफे के लिए मोदी सरकार ने मजदूरों के रोजगार और सामाजिक सुरक्षा दोनों को खत्म करने का षड्यंत्र रचा है। केंद्रीय सदन में विपक्ष दल के सांसदों को बाहर करके एक ही दिन में बिना चर्चा के दर्जनों श्रम कानूनों में श्रमिक विरोधी संशोधन किए गए। कारोबार सुगमता के नाम पर 27 मौजूदा कानून को समाप्त कर नए कानून में 75 प्रतिशत श्रमिकों को बाहर कर दिया गया। अब नई कंपनी में महिला रूम व बच्चों के देखभाल के लिए क्रेज बनाना भी अनिवार्य नहीं होगा न्यूनतम वेतन कानून, बोनस कानून, अनुबंध कानून, कर्मचारी क्षतिपूर्ति कानून, संविदा श्रमिक कानून, असंगठित मजदूर कानून, स्वास्थ्य एवं बीमा कानून आदि नहीं रहेंगे। काम के घंटे जो मोदी सरकार से पहले 8 घंटे थे, उसे बढ़कर 12 घंटा किया गया, तमाम तरह की सुविधाए और छिन लिया गया। औद्योगिक इकाइयों को अपने हिसाब से मजदूर रखने और निकालने की आजादी दे दी गई है। अब मजदूरों की बदहाली पर श्रम न्यायालय भी संज्ञान नहीं ले पाएगा और ना ही ऊपर किसी अपील में सुनवाई होगी। शोषण के खिलाफ़ हड़ताल और प्रदर्शन तक के अधिकार एक झटके में समाप्त कर दिए गए, मोदी सरकार ने मजदूरों का हक छीना है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि पूंजीपति मित्रों के प्रभाव में मोदी सरकार ने श्रमिकों की आवाज दबाने भारतीय कारखाना अधिनियम, औद्योगिक विवाद अधिनियम, ट्रेड यूनियन अधिनियम, समान पारिश्रमिक अधिनियम, न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, वेतन भुगतान अधिनियम, बोनस भुगतान अधिनियम, यौन उत्पीड़न अधिनियम, बाल श्रम निषेध, मातृत्व लाभ अधिनियम, कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम जैसे महत्वपूर्ण कानून को आंशिक या पूर्ण रूप से स्थगित कर दिया है। नई मजदूरी कोड मेहनतकश मजदूरों के लिए पूरी तरह धोखा है, यह मजदूरों के अधिकारों पर हमला है।

कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता राधिका खेड़ा और संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद के बीच विवाद, वीडियो आया सामने

रायपुर- छत्तीसगढ़ कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में भारी बहस, तू-तू, मैं-मैं, हंगामा, रोने की चर्चा है. यह चर्चा कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता राधिका खेड़ा के उस ट्वीट के बाद तेज हो गई, जिसमें उन्होंने माता कौशल्या के मायके में बेटियों के सुरक्षित नहीं होने और पुरुष मानसिकता से ग्रसित लोगों के हावी होने को लेकर की. साथ ही यह भी कहा है कि वह कुछ खुलासा करेंगी. 

दरअसल, यह पूरा मामला जुड़ा है संचार विभाग में घटित घटना से. संचार विभाग में मंगलवार शाम को राधिका खेड़ा मीडियावालों को बाइट के लिए आमंत्रित किया था. बाइट देने के बाद बाद वह संचार विभाग मौजूद थीं. मीडिया के लोग बाइट लेने के बाद जा चुके थे. कुछ देर में संचार अध्यक्ष प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला के कमरे के बाहर बहस होने की आवाजें आने लगी.

जानकारी के मुताबिक, सुशील आनंद शुक्ला और राधिका खेड़ा के बीच कुछ-कुछ बातों को लेकर तीखी बहस होने लगी. बहस बढ़ते-बढ़ते इस कदर बढ़ गई की नौबत तू-तू, मैं-मैं और उससे आगे की आ गई थी. बढ़ते विवाद के बीच बताया जा रहा है कि राधिका खेड़ा कांग्रेस भवन से रोते हुए बाहर निकली और अपने होटल के लिए रवाना हो गई.

कांग्रेस भवन के अंदर हुई बहसबाजी की बात ज्यादा देर तक छिपी नहीं रही और राधिका खेड़ा के एक्स पर पोस्ट के साथ ही धीरे-धीरे बाहर आने लगी. राधिका खेड़ा ने घटना के कुछ घंटों बाद ही यह पोस्ट की.

उनके इस पोस्ट के बाद लोग कई तरह के कयास लगाने लगे. हालांकि, कांग्रेसियों की आपसी चर्चा और मीडिया फैलते रायता के बाद यह साफ हुआ कि मामला कांग्रेस भवन में आपसी समन्वय और हस्तक्षेप से जुड़ा हुआ है. यह भी स्पष्ट हो गया कि कई दिनों से चली आ रही खींचताना का नतीजा सुशील आनंद शुक्ला और राधिका खेड़ा के बीच हुई बहस है.

कांग्रेस भवन में हुई बहसबाजी पर विराम लगता उससे पहले ही एक वीडियो सामने आ गया. वीडियो कांग्रेस भवन का है. वीडियो में राधिका खेड़ा की आवाज सुनाई पड़ रही है. वीडियो में राधिका किसी बड़े कांग्रेस नेता से बात कर रही है. और रोते हुए यह कह रही है कि वह कांग्रेस पार्टी छोड़ रही है. उनके साथ दशकों की राजनीति में कभी ऐसा नहीं हुआ है. वहीं इस मामले की शिकायत राधिका खेड़ा ने दिल्ली पार्टी कार्यालय, वरिष्ठ नेताओं से कर दी है.

इस मामले में कांग्रेस संचार अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि यह पार्टी का आंतरिक मामला है. जैसा प्रचारित मीडिया में हो रहा है, वैसा कुछ भी नहीं है. पार्टी के इस मामले को सुलझा लिया जाएगा. जिसकी जो भी शिकायतें है दूर कर ली जाएगी.

वहीं चुनाव के मौके पर भाजपा का एक तरह से कांग्रेस को घेरने के लिए बैठे-बैठाए मुद्दा मिल गया है. भाजपा प्रवक्ता केदार गुप्ता ने वीडियो जारी कर कहा है कि राधिका का खेड़ा का वीडियो देखकर दुख हुआ है. लेकिन भाजपा राधिका से यह कहना चाहती है कि आप कांग्रेसियों बच लीजिए, छत्तीसगढ़ में आपको कुछ नहीं होगा यह साय सरकार, मोदी जी की गारंटी है. कांग्रेस अपने महिलाओं को सम्मान नहीं करती, यह राधिका खेड़ा के वीडियो से स्पष्ट हो गया है.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने श्रमिकों के साथ खाया बोरे बासी, कहा- ये झोपड़ी में रहकर लोगों के लिए महल बनाते हैं, इन पर टिका है हमारा विकास

रायपुर- मजदूर दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय राजधानी रायपुर के गांधी चौक में आयोजित ‘कामगारों का सम्मान समारोह’ में शामिल हुए. इस दौरान सीएम साय ने श्रमिकों के साथ बोरे बासी भी खाया. वहीं मुख्यमंत्री ने श्रमिक दिवस की सभी श्रमिकों को शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि श्रमिकों के साथ भोजन करने का मौका मिला. यहां श्रमिकों को 5 रुपये में भरपेट भोजन मिलता है. रमन सरकार के दौर से यह योजना शुरू हुई थी. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया भारत सरकार में 2 साल लेबर मिनिस्टर के रूप में काम किया. मैं गांव का रहने वाला हूं, श्रमिकों की समस्या हम समझते हैं. इतना कोई नहीं समझ पाएगा. ये झोपड़ी में रहकर लोगों के लिए महल बनाते हैं. श्रमिकों को नमन करता हूं, हमारा विकास इन्हीं पर टिका है.

खड़गे के बयान पर सीएम साय का पलटवार

मल्लिकार्जुन खड़गे के राम और शिव को लड़ाने वाले बयान पर सीएम ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस मुद्दा विहीन हो गई है. पूरे देश और छत्तीसगढ़ में जनता का विश्वास खो चुकी है. मुद्दे से भटक गए हैं और कुछ भी बोल रहे हैं.

महतारी वंदन योजना की आज नहीं आएगी तीसरी किस्त, जानिए सीएम विष्णुदेव साय ने क्या कहा ….

रायपुर- छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी वंदन योजना की तीसरी किस्त का इंतजार कर रही महिलाओं के लिए एक जरूरी खबर है. आज मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 70 लाख 12 हजार से अधिक महिलाओं के खाते में करीब 655 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने वाले थे और इसकी तैयारी भी पूरी कर ली गई थी. मगर इस बीच सीएम विष्णुदेव साय ने वितरण किये जाने वाली राशि को लेकर बड़ा अपडेट दिया है. उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि महतारी वंदन योजना की तीसरी किस्त की राशि आज जारी नहीं होगी. महिलाओं के खाते में पैसे कल ट्रांसफर किये जाएंगे. सीएम साय ने कामगार सम्मान कार्यक्रम में शामिल होने के दौरान यह जानकारी दी है.

पूर्व पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी भाजपा में हुए शामिल, अमित शाह की सभा में थामा बीजेपी का दामन


रायपुर- छत्तीसगढ़ के पूर्व वन बल प्रमुख (पीसीसीएफ) राकेश चतुर्वेदी भाजपा में शामिल हो गए हैं. कोरबा जिले के कटघोरा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सभा में उन्होंने भाजपा में प्रवेश किया. मंच पर गृहमंत्री विजय शर्मा, मंत्री ओपी चौधरी, लखनलाल देवांगन, श्याम बिहारी जायसवाल, केदार कश्यप और भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडे मौजूद हैं. बता दें कि भूपेश बघेल सरकार में राकेश चतुर्वेदी वन महकमे के मुखिया थे.

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कटघोरा के मेला ग्राउंड में चुनावी सभा को संबोधित करने वाले हैं.. शाह भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडे के पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगे.

78 साल की बुजुर्ग को पोस्टल बैलेट से वोट देने का अधिकार, हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला, जानिए पूरा मामला…

बिलासपुर- 78 वर्षीय बुजुर्ग महिला के लिए पोस्टल बैलेट से वोट डालने की व्यवस्था करने के निर्देश हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को दिए हैं. पोस्टल बैलेट से मतदान के लिए बुजुर्ग महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद हाईकोर्ट बिलासपुर ने यह फैसला दिया.

हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि मतदान करना भारत के लोंगों का संवैधानिक और मूलभूत अधिकार है. इससे किसी को वंचित नहीं किया जा सकता है. जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की एकल पीठ ने चुनाव आयोग को निर्देश देते हुए कहा है कि बिलासपुर निवासी 78 वर्षीय महिला के लिए पोस्टल बैलेट से वोट डालने की व्यवस्था की जाए. कोर्ट ने यह भी कहा है कि जो कोई भी किसी कारण से चलने में असमर्थ है उससे हर बार स्थानीय विकलांगता का प्रमाणपत्र भी नहीं मांगा जा सकता. चुनाव आयोग या जिला प्रशासन चाहे तो ऐसे म़ामलों में पोस्टल बैलेट से वोट देने के आवेदनों की जांच भी कर सकता है, लेकिन मतदान की व्यवस्था तो करनी ही होगी.

दरअसल, बिलासपुर की मुंगेली रोड निवासी 78 वर्षीय सरला श्रीवास्तव ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसमें बताया गया, कि वह बुजुर्ग होने के साथ ही आर्थराइटिस की मरीज है. चलने फिरने में समर्थ नहीं है. इसलिए उन्हें पोस्टल बैलेट से वोटिंग की अनुमति दी जाए. उन्होंने पोस्टल बैलेट से वोटिंग की अनुमति के लिए बिलासपुर जिला निर्वाचन अधिकारी के पास भी आवेदन किया था, लेकिन नियमों का हवाला देते हुए उसे खारिज कर दिया गया.

याचिका में बताया गया कि जिला निर्वाचन अधिकारी ने पोस्टल बैलेट के लिए आवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया, कि सरकार ने बुजुर्ग मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलट से वोटिंग करने वाले चुनावी नियम में बदलाव किया है. अब केवल 85 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग मतदाता ही पोस्टल बैलट से वोटिंग कर सकेंगे. इससे पहले अभी तक 80 साल से ज्यादा उम्र के लोग इस सुविधा के पात्र थे. इसके लिए चुनाव संचालन नियम 1961 में संशोधन किया गया. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा, कि वोट डालना भारतवंशी के लिए संवैधानिक अधिकार है. इससे किसी को वंचित नहीं किया जा सकता. याचिकाकर्ता के लिए स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल सर्टिफिकेट भी जारी किया है, जिसमें साफ है कि सरला श्रीवास्तव चलने फिरने में सक्षम नहीं है.

स्पंज आयरन इंडस्ट्री के विरोध में उतरे ग्रामीण, कार्रवाई नहीं होने पर लोकसभा चुनाव बहिष्कार की दी चेतावनी

बलौदाबाजार- एक बार फिर ग्रामीण स्पंज आयरन इंडस्ट्री के विरोध में सड़क पर उतरे हैं और कलेक्टर को कार्रवाई न होने पर लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है.

बलौदाबाजार से लगभग दस किमी दूर ग्राम खजरी के ग्रामीण वहां लग रहे स्पंज आयरन इंडस्ट्री का प्रारंभ से ही विरोध कर रहे हैं. पूर्व में कलेक्टर-एसडीएम को आवेदन देकर विरोध दर्ज कराया था और प्रदर्शन भी किया था पर प्रशासन की ओर से कोई कार्यवाही न होने और स्पंज आयरन इंडस्ट्री का पुनः कार्य प्रारंभ होने से नाराज ग्रामीण आज कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और कलेक्टर को लोकसभा चुनाव बहिष्कार का आवेदन दिया.

ग्रामीणों का कहना है कि पहले कंपनी यहां पावर प्लांट लगाई थी, जिससे उड़ते धुंए और कोयले से तो हम परेशान थे. अब कंपनी प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से बगैर पंचायत का एनओसी लिए स्पंज आयरन इंडस्ट्री लगाने जा रही है. इससे आसपास के ग्रामीण परेशान हैं और भविष्य में होने वाले खतरे को लेकर चिंतित हैं. रायपुर के उरला, सिलतरा और उसके आसपास के गांव का हाल देख चुके हैं. वही यहां पर शिवनाथ नदी व जम नैया नाला है, जिसका ऊपयोग पीने के पानी के लिए करते हैं. इससे वह भी प्रदूषित हो जाएगा. इसे देखते हुए हम सब ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं.

ग्रामीणों ने कहा, पूर्व में जब विरोध किए थे तो प्रशासन ने सहयोग करने की बात कही थी पर आज पुनः कंपनी काम चालू कर दिया है, जिसे लेकर हम विरोध करने आए हैं. तत्काल कार्रवाई नहीं होती है तो चुनाव बहिष्कार करेंगे. इसे लेकर कलेक्टर को आवेदन दिया है.

मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी : कलेक्टर

वहीं कलेक्टर केएल चौहान ने ग्रामीणों को समझाया और कहा कि चुनाव बहिष्कार आवश्यक नहीं है. मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि पहले भी जब कंपनी पावर प्लांट लगाईं थी जिसका राख सड़कों पर फेक दिया था और गांव में डाल दिया था, जिससे पानी प्रदूषित होने लगा था. उस वक्त ग्रामीणों ने विरोध किया था पर अब कंपनी पावर प्लांट की आड़ में स्पंज आयरन इंडस्ट्री डाल रही है, जिसका ग्रामीण विरोध कर रहे हैं.

हिंसा की राह छोड़कर 16 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण, 8 और 5 लाख के इनामी नक्सली भी शामिल


बीजापुर- माओवादियों की खोखली विचारधारा और हिंसा की राह छोड़कर 16 माओवादियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में LOS कमांडर, सीएनएम कमांडर, LGS सदस्य शामिल है.

बता दें कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षाबलों की ओर से माओवादी विरोधी अभियान चलाया जा रहा है. पुलिस, माओवादियों से आत्मसमर्पण के लिए अपील कर रही है, जिसका व्यापक असर माओवादियों पर देखने को मिल रहा है. इसके तहत् ही आज 8 और 5 लाख के इनामी नक्सलियों समेत 16 माओवादियों ने पुलिस के सामने हथियार डाले हैं.

आत्मसमर्पित माओवादी पुलिस कैंपों पर हमले, हत्या, मुठभेड़ जैसी कई घटनाओं में शामिल रह चुके हैं. पुलिस अधीक्षक बीजापुर के सामने आत्मसमपर्ण करने वाले माओवादियों को छत्तीसगढ़ शासन की ओर से माओवादी पुनर्वास नीति के तहत 25-25 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई.