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रूस से भारत के लिए निकले तेल टैंकर जहाज पर लाल सागर में हूती विद्राहियों ने मिसाइल्स से किया हमला

रूस से भारत के लिए निकले एक तेल टैंकर जहाज पर लाल सागर में यमन के हूती विद्राहियों ने मिसाइल्स लॉन्च कर हमला कर दिया। ईरान समर्थित उग्रवादी संगठन ने शनिवार को इसकी जिम्‍मेदारी ली। एंड्रोमेडा स्टार तेल टैंकर के मालिक ने जहाज के क्षतिग्रस्त होने की सूचना दी है। उक्‍त जहाज रूसी व्यापार में शामिल है, जो रूस के प्रिमोर्स्क से भारत के वाडिनार के लिए निकला था।

शिप को हल्‍की-सी क्षति हुई: अमेरिका

यूएस सेंट्रल कमांड ने एक्स हैंडल के माध्‍यम से जानकारी देते हुए बताया कि एक मिसाइल दूसरे जहाज एमवी मैशा के पास गिरी, लेकिन उसे कोई नुकसान नहीं हुआ। बताया कि हूती विद्राहियों ने यमन से लाल सागर में तीन एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइलें लॉन्च की थी, जिससे एंड्रोमेडा स्टार को हल्‍का नुकसान हुआ।

हूती प्रवक्ता याह्या सारेया ने कहा कि पनामा झंडा लगा एंड्रोमेडा स्टार ब्रिटिश स्वामित्व वाला था, लेकिन एलएसईजी डेटा और एंब्रे के अनुसार, शिपिंग डेटा से पता चलता है कि इसे हाल ही में बेचा गया था। इसका वर्तमान मालिक सेशेल्स-पंजीकृत है।

जहाज पर हमला इजराइल, यूएस और ब्रिटेन से जुड़े जहाजों को निशाना बनाने के हूती विद्रोहियों के अभियान में रुकावट के बाद हुआ है।

UFO? न्यूयॉर्क में कैमरे में कैद हुआ रहस्यमयी ''उड़ता हुआ सिलेंडर''! पढ़िए, पूरा वाकया, वीडियो हो रहा वायरल

न्यूयॉर्क शहर के आसमान में उड़ती हुई एक रहस्यमयी वस्तु सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है और इसे अज्ञात उड़ने वाली वस्तु (UFO) के एक और दृश्य के रूप में देखा जा रहा है।

दरअसल, लागार्डिया हवाई अड्डे का आसमान पिछले महीने तब ध्यान का केंद्र बन गया जब 25 मार्च को एक वाणिज्यिक उड़ान में सवार एक यात्री मिशेल रेयेस ने अपने हवाई जहाज की खिड़की से एक असामान्य वस्तु देखने की सूचना दी। इसे "उड़ने वाला सिलेंडर" बताते हुए रेयेस ने विसंगति का वीडियो फुटेज कैप्चर किया, जिससे व्यापक अटकलें और चिंताएं फैल गईं।

रेयेस ने अधिकारियों को सचेत किया कि उसे जो लगा वह सुरक्षा के लिए ख़तरा हो सकता है, और तुरंत संघीय उड्डयन प्रशासन (एफएए) को ईमेल किया। रेयेस ने यूएस-आधारित ब्रॉडकास्टर न्यूज़नेशन के साथ एक साक्षात्कार के दौरान खुलासा किया, "मैंने जो पहला काम किया वह एफएए को ईमेल करना था ताकि उन्हें पता चल सके कि मैंने क्या देखा।"

दुर्भाग्य से, उसकी चिंताओं को अनदेखा कर दिया गया क्योंकि उसे एफएए से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। फुटेज ने ओहियो में म्यूचुअल यूएफओ नेटवर्क के राज्य निदेशक थॉमस वर्टमैन का ध्यान खींचा, जिन्होंने द न्यूयॉर्क पोस्ट के लिए एक विश्लेषण किया।

वीडियो की समीक्षा करने के बाद, वर्टमैन ने निष्कर्ष निकाला कि वस्तु न तो एक समाचार हेलीकॉप्टर, एक ड्रोन, न ही एक सैन्य-संचालित विमान थी। उन्होंने बताया कि वस्तु की ऊंचाई, आकार और एक प्रमुख व्यावसायिक उड़ान पथ से निकटता ने इन संभावनाओं को अत्यधिक असंभावित बना दिया है।

वर्टमैन ने बताया, "ड्रोन को कानूनी रूप से उस ऊंचाई पर उड़ना नहीं चाहिए," उन्होंने आगे कहा कि यदि वस्तु सैन्य या कानून प्रवर्तन गतिविधियों से संबंधित थी, तो यह आम तौर पर भारी तस्करी वाले हवाई मार्ग के इतने करीब संचालित नहीं होगी। उनके मूल्यांकन ने ऐसी अज्ञात वस्तुओं से उत्पन्न संभावित जोखिमों के बारे में चिंता जताई।

वर्टमैन, जिन्होंने संभावित अलौकिक यात्राओं का अध्ययन करने में वर्षों बिताए हैं, ने सुझाव दिया कि रहस्यमय सिलेंडर विमानन सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा कर सकता है। इस घटना ने विमानन विशेषज्ञों और संघीय अधिकारियों दोनों को हैरान कर दिया है, जिससे वस्तु की प्रकृति और इसकी उत्पत्ति की अधिक गहन जांच की मांग की जा रही है।

अमेरिका में यूएफओ देखा जाना आम बात है, हालांकि, पेंटागन को अब तक अलौकिक तकनीक का कोई सबूत नहीं मिला है।

इस साल मार्च में एक नई रिपोर्ट में, यह स्पष्ट किया गया कि अधिकांश दृश्य सामान्य वस्तुओं और घटनाओं की गलत पहचान थे। जांच का नेतृत्व एजेंसी के ऑल-डोमेन एनोमली रेजोल्यूशन ऑफिस (एएआरओ) ने किया था और यह 2022 की घोषणा का पालन करता है कि इन दृश्यों के लिए ऐसी कोई विदेशी उत्पत्ति नहीं है।

यूपी के लखीमपुर में फेरों से पहले नाराज हुई दुल्हन, बरातियों संग गाड़ी लेकर थाने पहुंचा दूल्हा, फिर पुलिस ने बनाई बिगड़ी बात

यूपी के लखीमपुर खीरी के गांव पकरिया में बृहस्पतिवार रात शादी समारोह में उस वक्त हंगामा खड़ा हो गया, जब दुल्हन ने शादी करने से इनकार कर दिया। काफी मान-मनौव्वल के बाद भी दुल्हन अपनी जिद पर अड़ी रही। इस पर दूल्हा और बराती थाने पहुंच गए। उन्होंने दुल्हन पक्ष के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस ने दुल्हन के पिता को बुलाया। थाने में पंचायत हुई, जिसमें दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया। इसके बाद दुल्हन ने दूल्हे के साथ फेरे लिए।

थाना खमरिया क्षेत्र में गांव कलुआपुर निवासी राधेश्याम अपने पुत्र शिवकुमार की बरात लेकर गांव पकरिया निवासी दुलारे के यहां पहुंचे। बरात का स्वागत सत्कार हुआ। दूल्हा पक्ष के लोग एक लाख रुपये में मंगलसूत्र, पायल, झुमकी, कुंडल आदि जेवर लाए थे। 32 हजार रुपये के कपड़े भी थे। देर रात लगभग 12:00 बजे जेवर व सामान दुल्हन के पास भेजे गए, तब दुल्हन ने कम जेवर आने की बात कहते हुए शादी से इनकार कर दिया।

दुल्हन के पिता व अन्य परिजन भी उसका पक्ष लेने लगे। इससे हंगामा शुरू हो गया। देर रात तक रिश्तेदारों और परिवार के लोगों में मान मनौव्वल का दौर चलता रहा, लेकिन दुल्हन शादी न करने की जिद पर अड़ी रही। बात नहीं बनने पर शुक्रवार तड़के दूल्हा पक्ष खमरिया थाने पहुंच गया और दुल्हन पक्ष के लोगों के विरुद्ध लिखित तहरीर दे दी। सभी बराती भी थाने आ गए।

तहरीर मिलने पर पुलिस ने कार्रवाई शुरू की। सुबह ही लड़की के पिता दुलारे को बुला लिया। दुलारे परिवार और अन्य रिश्तेदारों के साथ थाना खमरिया पहुंचे। इसके बाद दोनों पक्षों में वार्ता हुई। दूल्हा पक्ष ने बाद में और जेवर बनवाकर देने की बात कही। इस पर दोनों पक्षों में समझौता हुआ। इसके बाद बरात फिर पकरिया गांव गई और भावरें समेत अन्य शादी की रस्में कराई गईं। शुक्रवार दोपहर में शादी संपन्न हुई। पुलिस कर्मी भी मौके पर मौजूद रहे। शिवकुमार अपनी दुल्हन को विदा कराकर घर ले गया।

सरकार बच्चों की मौत जैसे संवेदनशील मामले में भी लापरवाह', MP में खुले बोरवेल पर HC ने की कड़ी टिप्पणी

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने खुले बोरवेल को साइलेंट किलर बताते हुए प्रदेश सरकार की ड्राफ्ट पालिसी को लेकर जमकर खिंचाई की है। इससे सबंधित एक याचिका पर सुनवाई के चलते अदालत ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार साइलेंट किलर बोरवेल में गिरने से बच्चों की मौत जैसे संवेदनशील मामले में भी लापरवाही बरत रही है। इतने गंभीर मामले में इससे पहले इस प्रकार की असंतोषजनक ड्राफ्ट पॉलिसी पहले कभी नहीं देखी गई। यह बर्ताव बेहद चिंताजनक एवं शर्मनाक है। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ एवं जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने शुक्रवार (26 अप्रैल) को सुनवाई के चलते ड्राफ्ट तैयार करने वाले अफसर का नाम 24 घंटे के अंदर बताने के निर्देश दिए। महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने सरकार की तरफ से उपस्थित होकर खेद जताया। साथ ही नई ड्राफ्ट पॉलिसी पेश करने के लिए दो हफ्ते की मोहलत देने का आग्रह किया।

उच्च न्यायालय ने सुनवाई के चलते पाया कि यह ड्राफ्ट पॉलिसी मुख्य सचिव के हस्ताक्षर से जारी हुई है। इस बीच मामले में न्यायालय के सहयोग के लिए नियुक्त कोर्ट मित्र अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने सुझाव दिया कि अगर अदालत अनुमति दे तो वह अपने स्तर पर अपेक्षाकृत बेहतर ड्राफ्ट पॉलिसी पेश कर सकते हैं। यह सुनने के बाद उच्च न्यायालय ने राज्य शासन और कोर्ट मित्र को दो हफ्ते के अंदर अपनी-अपनी ड्राफ्ट पॉलिसी पेश करने की जिम्मेदारी सौंप दी। इसी प्रकार मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त सहित सूचना आयुक्त के सभी पद रिक्त होने के लेकर दायर याचिका पर भी शुक्रवार को सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने प्रदेश सरकार को नियुक्ति के सिलसिले में जवाब पेश करने के लिए 4 हफ्ते की मोहलत दी है। लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता विशाल बघेल ने जनहित याचिका दायर कर बताया कि मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त समेत कुल 10 पद स्वीकृत हैं।

याचिका में बताया गया कि सितंबर 2023 में सिर्फ 3 पद भरे थे, जो मार्च 2024 में खाली हो गए। दलील दी गई कि सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत द्वितीय अपीलों का निपटारा करने हेतु 180 दिन की समयसीमा निर्धारित है। सूचना आयुक्तों की कमी के चलते राज्य सूचना आयोग में 10,000 से अधिक अपील एवं शिकायतें लंबे वक़्त से लंबित हैं। याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि मार्च 2024 में मुख्य सूचना आयुक्त के साथ शेष बचे सूचना आयुक्त के सेवानिवृत्त हो जाने के पश्चात् आयोग का काम ठप हो गया है। वहीं राज्य शासन की तरफ से उप महाधिवक्ता ब्रह्म दत्त सिंह ने उच्च न्यायालय को बताया कि सरकार द्वारा सूचना आयोग में आयुक्तों की नियुक्ति हेतु विज्ञापन जारी किया गया था। सरकार को 185 आवेदन प्राप्त हुए हैं जिन पर आगे की कार्रवाई की जा रही है। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को चार सप्ताह का वक़्त देते हुए पूरे मामले में जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं।

मध्य पूर्व संबंधों को ठीक करने की कोशिश में ओमान के साथ भारत करेगा व्यापार समझौता

नई दिल्ली - भारत और ओमान आने वाले महीनों में एक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे, भारत सरकार के दो अधिकारियों ने कहा, नई दिल्ली मध्य पूर्व में अपने संबंधों का विस्तार करना चाहती है, जहां बढ़ते तनाव प्रमुख शिपिंग मार्गों को खतरे में डाल रहे हैं।

एक अधिकारी ने बताया, "इससे भारत को एक रणनीतिक साझेदार और अस्थिर क्षेत्र में प्रमुख व्यापार मार्गों तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी।" भारत और ओमान के बीच वार्षिक व्यापार 13 अरब डॉलर से कम है, लेकिन यह रिश्ता नई दिल्ली के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि खाड़ी देश ओमान और ईरान के बीच होर्मुज की संकीर्ण जलडमरूमध्य का प्रवेश द्वार है, जो वैश्विक तेल शिपमेंट के लिए एक प्रमुख पारगमन बिंदु है।

गाजा में हमास के खिलाफ इजरायल का युद्ध ईरान के साथ शत्रुता तक फैल गया है, और यमन के ईरान-गठबंधन से आतंकवादियों ने गाजा में फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता का दावा करते हुए, लाल सागर क्षेत्र में बार-बार ड्रोन और मिसाइल हमले किए हैं।

अधिकारियों ने कहा कि व्यापार सौदे के लिए उस सरकार की मंजूरी की आवश्यकता है जो भारत में चल रहे राष्ट्रीय चुनावों में जीत हासिल करेगी, जिसके नतीजे 4 जून को घोषित किए जाने हैं। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरा कार्यकाल जीतने की व्यापक उम्मीद है।

खाड़ी सहयोग परिषद के साथ समझौते पर बहुत कम प्रगति करते हुए, भारत ने ओमान और संयुक्त अरब अमीरात जैसे जीसीसी सदस्य देशों के साथ द्विपक्षीय समझौते की ओर रुख किया है। अधिकारी ने कहा, ओमान के साथ नियोजित सौदा "प्रतिस्पर्धी बढ़त भी देता है क्योंकि जीसीसी पाकिस्तान और चीन के साथ व्यापार समझौतों पर बातचीत कर रहा है।"

अधिकारियों ने कहा कि ओमान कृषि उत्पादों, रत्न और आभूषण, चमड़ा, ऑटोमोबाइल, चिकि�

खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह लड़ेगा लोकसभा चुनाव, मां ने किया कंफर्म, इस सीट से ठोकेगा ताल*
#khalistani_separatist_amritpal_singh_contest_elections
खालिस्तानी समर्थक अलगाववादी और वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह खडूर साहिब लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ेगा। यह बात उनकी मां बलविंदर कौर ने कही। अमृतपाल सिंह की मां ने यह भी दावा किया कि उन पर चुनाव लड़ने के लिए दबाव डाला जा रहा है। मां बलविंदर ने कहा कि यह चुनाव वह किसी भी पार्टी के मंच पर नहीं लड़ेगा। सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेगा। खालिस्तानी समर्थक नेता फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। *अमृतपाल पर चुनाव लड़ने के लिए दबाव?* न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार अमृतपाल की मां बलविंदर कौर ने खुद उसके चुनाव लड़ने पर मुहर लगाई है। सिंह की मां बलविंदर ने दावा किया कि उन पर चुनाव लड़ने के लिए दबाव डाला जा रहा था। इसी क्रम में अब अमृतपाल खडूर साहिब सीट से राजनीतिक पारी की शुरुआत करेगा। मां बलविंदर ने कहा कि यह चुनाव वह किसी भी पार्टी के मंच पर नहीं लड़ेगा। सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेगा। उन्होंने कहा कि अमृतपाल पंजाब के मुद्दों को अच्छी तरह से जानता है और ये चुनाव उन्हीं मुद्दों पर लड़ा जाएगा। *अमृतपाल की मां ने लगाया गंभीर आरोप* इस दौरान अमृतपाल की मां ने आरोप लगाया कि अमृतपाल के पिता और चाचा जेल में मिलने गये थे, तो एजंसियों की मौजूदगी में बात भी नहीं हो सकी क्योंकि एजंसियां नहीं चाहतीं कि अमृतपाल चुनाव लड़े। मां ने दावा किया कि एजेंसियों को इस बात का डर है कि सरकार के ज़ुल्म और अन्याय की कहानियां दूसरे देशों तक भी पहुंचेंगी। अमृतपाल को लेकर ये खबर तब आ रही है जब, सिंह के पिता तरसेम सिंह द्वारा उनके लोकसभा चुनाव लड़ने की खबरों को खारिज करने के एक दिन बाद आई है। तरसेम सिंह ने कहा था कि अभी तक कुछ भी पुष्टि नहीं हुई है और चुनाव लड़ने का निर्णय स्थानीय लोगों का होना चाहिए और अगर लोग चाहेंगे तो अमृतपाल सिंह चुनाव लड़ेगा। तरसेम सिंह ने गुरुवार को डिब्रूगढ़ जेल में अपने बेटे के साथ एक संक्षिप्त मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह फैसला हमारा नहीं बल्कि स्थानीय जनता का होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अमृतपाल की चुनाव लड़ने की कोई इच्छा नहीं है, लेकिन अगर लोग चाहेंगे तो वह चुनाव लड़ेगा।
मणिपुर में फिर भड़की हिंसाः नारानसेना में कुकी उग्रवादियों का हमला, सीआरपीएफ के 2 जवान शहीद*
#manipur_two_crpf_personnel_lost_their_lives_in_an_attack_by_kuki_militants
मणिपुर में हिंसा थमती नहीं दिख रही है। लोकसभा चुनाव के एक दिन बाद ही यहां कुकी उग्रवादियों ने नारानसेना इलाके में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों पर हमला किया है। इस हमले में दो जवानों की मौत की भी खबर है। पुलिस ने बताया कि हमला आधी रात को शुरू हुआ और इलाके में 2:15 बजे तक जारी रहा।हमले में मारे गए जवान राज्य के बिष्णुपुर जिले के नारानसेना इलाके में तैनात सीआरपीएफ की 128वीं बटालियन के हैं। मणिपुर पुलिस के मुताबिक, इस घटना में दो और लोग घायल भी हुए हैं। बताया गया है कि उग्रवादियों ने मोइरांग पुलिस स्टेशन क्षेत्र के नरनसेना में इंडियन रिजर्व बटालियन के कैंप को निशाना बनाया। इस दौरान उग्रवादियों ने पहाड़ की चोटियों से अंधाधुंध गोलीबारी कर दी। इस दौरान हमलावरों ने कैंप पर कई बम भी फेंके, जिनमें से एक सीआरपीएफ के आउटपोस्ट के बाहर ही फट गया। इंफाल में भड़की थी हिंसा बता दें कि मणिपुर करीब एक साल से छिटपुट हिंसा की आग में झुलस रहा है। इससे पहले कुकी उग्रवादियों ने तीन जिलों कांगपोकपी, उखरूल और इंफाल पूर्व के ट्राइजंक्शन जिले में एक दूसरे पर फायरिंग की। इस गोलीबारी में कुकी समुदाय के 2 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद थौबल जिले के हेइरोक और तेंगनौपाल के बीच 2 दिनों तक क्रॉस फायरिंग हुई थी। इसके बाद इंफाल के पूर्वी जिले के मोइरंगपुरेल में फिर से हिंसा की आग भड़क उठी थी। मणिपुर में लगातार जारी है हिंसा का दौर पिछले साल तीन मई को मणिपुर में हिंसा का दौर शुरू हुआ था। अभी तक वहां पर 200 से ज्यादा लोगों की जान गई है। सुरक्षाबलों से जुड़े लोगों को भी वहां की हिंसा का शिकार होना पड़ा है। भारी संख्या में लूटे गए हथियारों की पूर्ण वापसी अभी तक नहीं हो सकी है। ज्यादातर लोगों को मणिपुर पुलिस पर भरोसा नहीं है, तो वहीं असम राइफल को लेकर भी समुदाय विशेष के लोगों में रोष देखा गया है। उपद्रवियों द्वारा आईईडी का डर दिखाकर सुरक्षा बलों के वाहनों को आगे नहीं बढ़ने दिया जाता था। स्थानीय पुलिस पर पक्षपात करने जैसे आरोप लग चुके हैं।
मणिपुर में फिर भड़की हिंसाः नारानसेना में कुकी उग्रवादियों का हमला, सीआरपीएफ के 2 जवान शहीद*
#manipur_two_crpf_personnel_lost_their_lives_in_an_attack_by_kuki_militants
मणिपुर में हिंसा थमती नहीं दिख रही है। लोकसभा चुनाव के एक दिन बाद ही यहां कुकी उग्रवादियों ने नारानसेना इलाके में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों पर हमला किया है। इस हमले में दो जवानों की मौत की भी खबर है। पुलिस ने बताया कि हमला आधी रात को शुरू हुआ और इलाके में 2:15 बजे तक जारी रहा।हमले में मारे गए जवान राज्य के बिष्णुपुर जिले के नारानसेना इलाके में तैनात सीआरपीएफ की 128वीं बटालियन के हैं। मणिपुर पुलिस के मुताबिक, इस घटना में दो और लोग घायल भी हुए हैं। बताया गया है कि उग्रवादियों ने मोइरांग पुलिस स्टेशन क्षेत्र के नरनसेना में इंडियन रिजर्व बटालियन के कैंप को निशाना बनाया। इस दौरान उग्रवादियों ने पहाड़ की चोटियों से अंधाधुंध गोलीबारी कर दी। इस दौरान हमलावरों ने कैंप पर कई बम भी फेंके, जिनमें से एक सीआरपीएफ के आउटपोस्ट के बाहर ही फट गया। इंफाल में भड़की थी हिंसा बता दें कि मणिपुर करीब एक साल से छिटपुट हिंसा की आग में झुलस रहा है। इससे पहले कुकी उग्रवादियों ने तीन जिलों कांगपोकपी, उखरूल और इंफाल पूर्व के ट्राइजंक्शन जिले में एक दूसरे पर फायरिंग की। इस गोलीबारी में कुकी समुदाय के 2 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद थौबल जिले के हेइरोक और तेंगनौपाल के बीच 2 दिनों तक क्रॉस फायरिंग हुई थी। इसके बाद इंफाल के पूर्वी जिले के मोइरंगपुरेल में फिर से हिंसा की आग भड़क उठी थी। मणिपुर में लगातार जारी है हिंसा का दौर पिछले साल तीन मई को मणिपुर में हिंसा का दौर शुरू हुआ था। अभी तक वहां पर 200 से ज्यादा लोगों की जान गई है। सुरक्षाबलों से जुड़े लोगों को भी वहां की हिंसा का शिकार होना पड़ा है। भारी संख्या में लूटे गए हथियारों की पूर्ण वापसी अभी तक नहीं हो सकी है। ज्यादातर लोगों को मणिपुर पुलिस पर भरोसा नहीं है, तो वहीं असम राइफल को लेकर भी समुदाय विशेष के लोगों में रोष देखा गया है। उपद्रवियों द्वारा आईईडी का डर दिखाकर सुरक्षा बलों के वाहनों को आगे नहीं बढ़ने दिया जाता था। स्थानीय पुलिस पर पक्षपात करने जैसे आरोप लग चुके हैं।
मणिपुर में फिर भड़की हिंसाः नारानसेना में कुकी उग्रवादियों का हमला, सीआरपीएफ के 2 जवान शहीद*
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मणिपुर में हिंसा थमती नहीं दिख रही है। लोकसभा चुनाव के एक दिन बाद ही यहां कुकी उग्रवादियों ने नारानसेना इलाके में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों पर हमला किया है। इस हमले में दो जवानों की मौत की भी खबर है। पुलिस ने बताया कि हमला आधी रात को शुरू हुआ और इलाके में 2:15 बजे तक जारी रहा।हमले में मारे गए जवान राज्य के बिष्णुपुर जिले के नारानसेना इलाके में तैनात सीआरपीएफ की 128वीं बटालियन के हैं। मणिपुर पुलिस के मुताबिक, इस घटना में दो और लोग घायल भी हुए हैं। बताया गया है कि उग्रवादियों ने मोइरांग पुलिस स्टेशन क्षेत्र के नरनसेना में इंडियन रिजर्व बटालियन के कैंप को निशाना बनाया। इस दौरान उग्रवादियों ने पहाड़ की चोटियों से अंधाधुंध गोलीबारी कर दी। इस दौरान हमलावरों ने कैंप पर कई बम भी फेंके, जिनमें से एक सीआरपीएफ के आउटपोस्ट के बाहर ही फट गया। इंफाल में भड़की थी हिंसा बता दें कि मणिपुर करीब एक साल से छिटपुट हिंसा की आग में झुलस रहा है। इससे पहले कुकी उग्रवादियों ने तीन जिलों कांगपोकपी, उखरूल और इंफाल पूर्व के ट्राइजंक्शन जिले में एक दूसरे पर फायरिंग की। इस गोलीबारी में कुकी समुदाय के 2 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद थौबल जिले के हेइरोक और तेंगनौपाल के बीच 2 दिनों तक क्रॉस फायरिंग हुई थी। इसके बाद इंफाल के पूर्वी जिले के मोइरंगपुरेल में फिर से हिंसा की आग भड़क उठी थी। मणिपुर में लगातार जारी है हिंसा का दौर पिछले साल तीन मई को मणिपुर में हिंसा का दौर शुरू हुआ था। अभी तक वहां पर 200 से ज्यादा लोगों की जान गई है। सुरक्षाबलों से जुड़े लोगों को भी वहां की हिंसा का शिकार होना पड़ा है। भारी संख्या में लूटे गए हथियारों की पूर्ण वापसी अभी तक नहीं हो सकी है। ज्यादातर लोगों को मणिपुर पुलिस पर भरोसा नहीं है, तो वहीं असम राइफल को लेकर भी समुदाय विशेष के लोगों में रोष देखा गया है। उपद्रवियों द्वारा आईईडी का डर दिखाकर सुरक्षा बलों के वाहनों को आगे नहीं बढ़ने दिया जाता था। स्थानीय पुलिस पर पक्षपात करने जैसे आरोप लग चुके हैं।
मणिपुर में फिर भड़की हिंसाः नारानसेना में कुकी उग्रवादियों का हमला, सीआरपीएफ के 2 जवान शहीद*
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मणिपुर में हिंसा थमती नहीं दिख रही है। लोकसभा चुनाव के एक दिन बाद ही यहां कुकी उग्रवादियों ने नारानसेना इलाके में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों पर हमला किया है। इस हमले में दो जवानों की मौत की भी खबर है। पुलिस ने बताया कि हमला आधी रात को शुरू हुआ और इलाके में 2:15 बजे तक जारी रहा।हमले में मारे गए जवान राज्य के बिष्णुपुर जिले के नारानसेना इलाके में तैनात सीआरपीएफ की 128वीं बटालियन के हैं। मणिपुर पुलिस के मुताबिक, इस घटना में दो और लोग घायल भी हुए हैं। बताया गया है कि उग्रवादियों ने मोइरांग पुलिस स्टेशन क्षेत्र के नरनसेना में इंडियन रिजर्व बटालियन के कैंप को निशाना बनाया। इस दौरान उग्रवादियों ने पहाड़ की चोटियों से अंधाधुंध गोलीबारी कर दी। इस दौरान हमलावरों ने कैंप पर कई बम भी फेंके, जिनमें से एक सीआरपीएफ के आउटपोस्ट के बाहर ही फट गया। इंफाल में भड़की थी हिंसा बता दें कि मणिपुर करीब एक साल से छिटपुट हिंसा की आग में झुलस रहा है। इससे पहले कुकी उग्रवादियों ने तीन जिलों कांगपोकपी, उखरूल और इंफाल पूर्व के ट्राइजंक्शन जिले में एक दूसरे पर फायरिंग की। इस गोलीबारी में कुकी समुदाय के 2 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद थौबल जिले के हेइरोक और तेंगनौपाल के बीच 2 दिनों तक क्रॉस फायरिंग हुई थी। इसके बाद इंफाल के पूर्वी जिले के मोइरंगपुरेल में फिर से हिंसा की आग भड़क उठी थी। मणिपुर में लगातार जारी है हिंसा का दौर पिछले साल तीन मई को मणिपुर में हिंसा का दौर शुरू हुआ था। अभी तक वहां पर 200 से ज्यादा लोगों की जान गई है। सुरक्षाबलों से जुड़े लोगों को भी वहां की हिंसा का शिकार होना पड़ा है। भारी संख्या में लूटे गए हथियारों की पूर्ण वापसी अभी तक नहीं हो सकी है। ज्यादातर लोगों को मणिपुर पुलिस पर भरोसा नहीं है, तो वहीं असम राइफल को लेकर भी समुदाय विशेष के लोगों में रोष देखा गया है। उपद्रवियों द्वारा आईईडी का डर दिखाकर सुरक्षा बलों के वाहनों को आगे नहीं बढ़ने दिया जाता था। स्थानीय पुलिस पर पक्षपात करने जैसे आरोप लग चुके हैं।