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दीपक पुनिया-सुजीत कलकल को बड़ा झटका, टूट सकता है ओलिंपिक खेलने का ड्रीम, क्वालीफायर में भाग लेने की नहीं मिली अनुमति

#deepak_punia_and_sujeet_kalakal_denied_participation_in_olympic_qualifiers

पेरिस में इस साल 26 जुलाई से ओलंपिक खेला का आयोजन किया जाएगा, जिसको लेकर लगातार विभिन्न स्पोर्ट्स के क्वालिफायर राउंड आयोजित किए जा रहे हैं। वहीं इस इवेंट से पहले भारत के 2 पहलवानों को बड़ा झटका लगा है, जिसमें एक नाम टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने से काफी करीब से चूकने वाले दीपक पूनिया का है तो वहीं दूसरा नाम सुजीत कलकल का है।दरअसल, दीपक पुनिया और साथी पहलवान सुजीत कलकल को शुक्रवार को एशियाई ओलिंपिक क्वॉलिफायर में भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई।बताया गया कि मंगलवार को वे दुबई एयपोर्ट पर फंसने के बाद उन्हें शुक्रवार को सुबह 8 बजे तक बिश्केक शहर पहुंचना था। लेकिन वह ऐसा नहीं कर सके। दु

बई में भारी बारिश होने के कारण वे एयरपोर्ट पर ही फंसे रह गए और बिश्केक नहीं पहुंच पाए।दोनों पहलवान शुक्रवार सुबह 8 बजे के बाद मेजबान शहर बिश्केक पहुंचे। तब तक वजन मापने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी, जिसमें पहलवानों को अपना वजन दर्ज करना होता है और दिखाना होता है कि वे मानदंडों पर खरे उतरते हैं। जब भारतीय पहलवान पहुंचे तो आयोजकों ने उन्हें इसकी अनुमति देने से मना कर दिया। उन्होंने इस बारे में बताया कि दुबई में बाढ़ की वजह से ऐसा हुआ, लेकिन आयोजकों ने अभी तक कोई छूट नहीं दी। 

बता दें कि पहलवान अपने कोच कमल मालिकोव और फिजियो शुभम गुप्ता के साथ मंगलवार से ही दुबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर फंसे हुए थे, क्योंकि भारी बारिश के कारण बाढ़ आ गई थी और सबकुछ ठप्प पड़ गया था।इन दोनों खिलाड़ियों के अलावा 15 और रेसलर्स तय समय पर बिश्केक पहुंच गए हैं।

हालांकि, पेरिस ओलंपिक्स के लिए क्वालीफाई करने के लिए उनके पास एक और मौका होगा। इसके लिए उन्हें अगले महीने होने वाले वर्ल्ज क्वालीफायर्स में भाग लेना होगा।

*भारत में कोई चुनाव पर्यवेक्षक नहीं भेज रहा अमेरिका, बाइडन सरकार ने बताई ये वजह*
#us_said_not_sending_any_election_observers_to_india भारत में आज लोकसभा चुनाव को लेकर पहले चरण का मतदान हो रहा है। भारत में हो रहे लोकसभा चुनाव को लेकर अमेरिका की तरफ से बड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है।अमेरिका ने चुनाव पर्यवेक्षक भेजने से इनकार कर दिया है। अमेरिका ने कहा कि वह भारत में कोई भी चुनाव पर्यवेक्षक नहीं भेज रहा है, लेकिन भारत के साथ अपने रिश्ते और मजबूत करने के लिए उत्साहित है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सहायक प्रेस सचिव वेदांत पटेल से जब पूछा गया, "पिछले 75 वर्षों से भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के रूप में चुनाव आयोजित कर रहा है। भारत में शुरू हो रहा लोकसभा चुनाव दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक और सबसे बड़े चुनावों का एक और इतिहास बनाएगा। जून के दूसरे सप्ताह में भारत के लोग एक नई सरकार चुनेंगे। क्या अमेरिका इस चुनाव को लेकर कोई पर्यवेक्षक या कोई प्रतिनिधिमंडल भेज रहा है। इस सवाल के जवाब में प्रेस सचिव वेदांत पटेल ने कहा कि मुझे ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि अमेरिका भारत में चुनाव को लेकर कोई पर्यवेक्षक भेज रहा है। हम आमतौर पर भारत जैसे लोकतंत्र वाले देशों में पर्यवेक्षक नहीं भेजते हैं।निश्चित रूप से हम भारत के साथ अपने रिश्ते को गहरा और मजबूत करने के लिए उत्साहित हैं।हम चुनाव पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते है। बता दें कि आज देश के 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 लोकसभा सीटों पर मतदान हो रहा है। इनमें राजस्थान में 12, उत्तर प्रदेश में 8, मध्य प्रदेश में 6, बिहार में 4, पश्चिम बंगाल में 3, असम और महाराष्ट्र में 5, मणिपुर में 2 और त्रिपुरा, जम्मू कश्मीर तथा छत्तीसगढ़ में एक-एक सीट पर वोटिंग हो रही है. वहीं, तमिलनाडु (39), मेघालय की (2), उत्तराखंड (5), अरुणाचल प्रदेश (2), अंडमान निकोबार द्वीप समूह (1), मिजोरम (1), नगालैंड (1), पुडुचेरी (1), सिक्किम (1) और लक्षद्वीप (1) की सभी लोकसभा सीट पर भी मतदान हो रहा है। पहले चरण में देश की जनता में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है।
भारत में कोई चुनाव पर्यवेक्षक नहीं भेज रहा अमेरिका, बाइडन सरकार ने बताई ये वजह

#us_said_not_sending_any_election_observers_to_india

भारत में आज लोकसभा चुनाव को लेकर पहले चरण का मतदान हो रहा है। भारत में हो रहे लोकसभा चुनाव को लेकर अमेरिका की तरफ से बड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है।अमेरिका ने चुनाव पर्यवेक्षक भेजने से इनकार कर दिया है। अमेरिका ने कहा कि वह भारत में कोई भी चुनाव पर्यवेक्षक नहीं भेज रहा है, लेकिन भारत के साथ अपने रिश्ते और मजबूत करने के लिए उत्साहित है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सहायक प्रेस सचिव वेदांत पटेल से जब पूछा गया, "पिछले 75 वर्षों से भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के रूप में चुनाव आयोजित कर रहा है। भारत में शुरू हो रहा लोकसभा चुनाव दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक और सबसे बड़े चुनावों का एक और इतिहास बनाएगा। जून के दूसरे सप्ताह में भारत के लोग एक नई सरकार चुनेंगे। क्या अमेरिका इस चुनाव को लेकर कोई पर्यवेक्षक या कोई प्रतिनिधिमंडल भेज रहा है।

इस सवाल के जवाब में प्रेस सचिव वेदांत पटेल ने कहा कि मुझे ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि अमेरिका भारत में चुनाव को लेकर कोई पर्यवेक्षक भेज रहा है। हम आमतौर पर भारत जैसे लोकतंत्र वाले देशों में पर्यवेक्षक नहीं भेजते हैं।निश्चित रूप से हम भारत के साथ अपने रिश्ते को गहरा और मजबूत करने के लिए उत्साहित हैं।हम चुनाव पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते है।

बता दें कि आज देश के 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 लोकसभा सीटों पर मतदान हो रहा है। इनमें राजस्थान में 12, उत्तर प्रदेश में 8, मध्य प्रदेश में 6, बिहार में 4, पश्चिम बंगाल में 3, असम और महाराष्ट्र में 5, मणिपुर में 2 और त्रिपुरा, जम्मू कश्मीर तथा छत्तीसगढ़ में एक-एक सीट पर वोटिंग हो रही है. वहीं, तमिलनाडु (39), मेघालय की (2), उत्तराखंड (5), अरुणाचल प्रदेश (2), अंडमान निकोबार द्वीप समूह (1), मिजोरम (1), नगालैंड (1), पुडुचेरी (1), सिक्किम (1) और लक्षद्वीप (1) की सभी लोकसभा सीट पर भी मतदान हो रहा है। पहले चरण में देश की जनता में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है।

आप संजय सिंह का बीजेपी पर गंभीर आरोप, बोले-जेल में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ रची जा रही गहरी साजि‍श, हो सकता है कोई बी हादसा

#aam_aadmi_party_leader_sanjay_singh_says_tihar_jail_officials_conspiracy_against_arvind_kejriwal

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आम) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले केस में तिहाड़ जेल में बंद हैं। इस बीच केजरीवाल की सेहत को लेकर विवाद चल रहा है। ईडी का कहना है कि केजरीवाल जान बूझकर मीठा खा रहे हैं।ईडी का कहना है कि केजरीवाल अपनी जमानत के लिए एक आधार बना रहे हैं। केजरीवाल ने कोर्ट में कहा है कि उन्हें हाई ब्लड शुगर है, लेकिन वह जेल में आम व मिठाई खा रहे हैं। इस बीच आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गंभीर आरोप लगाए।संजय सिंह ने कहा कि केजरीवाल के खिलाफ साजिश हो रही है।उनके साथ किसी भी तरह का हादसा हो सकता है।संजय सिंह ने यह भी कहा कि वह इस मामले की शिकायत चुनाव आयोग और राष्ट्रपति से करेंगे।

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में एलजी, ईडी, और तिहाड़ जेल के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। संजय सिंह ने कहा केजरीवाल पर एलजी के अधिकारी, ईडी के अधिकारी और जेल प्रशासन के अधिकारी झूठी और भ्रामक खबरें फैलाते हैं। क्या ये लोग किसी बहाने से जहर देने की साजिश कर रहे हैं, क्या उन्हें मारने की साजिश कर रहे हैं? अरविंद केजरीवाल 30 साल से सुगर के मरीज हैं। वह इंसुलिन लेते हैं। किसी भी सुगर के मरीज को समय पर इंसुलिन ना मिले तो जान जा सकती है।

संजय सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि आपको याद होगा जब मैं जेल में था और अपनी कोर्ट की तारीख पर आया था तो मैंने एक बयान दिया था कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ गहरी साजिश का षड्यंत्र हो रहा है। काफी लोगों ने मेरे बयान पर एतराज किया था लेकिन जितना मैं बीजेपी को जानता हूं वो किसी की जान लेने की हद तक जा सकते हैं। संजय सिंह ने कहा कि मैं पूरी जिम्मेदारी और अरविंद केजरीवाल जी के परिवार की चिंता के साथ कह रहा हूं कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ गहरी साजिश रची जा रही है और जेल में उनके साथ कुछ भी हादसा हो सकता है। 

संजय सिंह ने आगे कहा कि अरविंद केजरीवाल के साथ जेल में जो आतंकियों जैसा सूलूक किया जा रहा है वो देख लिजिए, उनके परिवार को, पंजाब के मुख्यमंत्री को कैसे मिलवाया गया।संजय सिंह ने कहा, केजरीवाल इंसुलिन लेते हैं, ये सबको पता है, ये उनको क्यों नहीं दी जा रही है। ये सब पीएम के इशारे पर हो रहा है। जेल प्रसाशन केजरीवाल को इन्सुलिन क्यों नहीं दे रहा है। जबतक पीएम की तरफ से इशारा नहीं होता तब तक ऐसा नहीं हो सकता है। हम लोग चुनाव आयोग में शिकायत करेंगे। दोषी अधिकारी को बर्खास्त करने की मांग करेंगे। राष्ट्रपति से भी शिकायत करेंगे।

*लोकसभा चुनाव की वोटिंग के बीच पीएम मोदी ने तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी की जमकर की तारीफ, जानें अमरोहा की रैली में क्या कहा*
#pm_modi_in_amroha_said_mohammed_shami_did_amazing_performance_in_cricket देश में लोकसभा चुनाव का आगाज हो चुका है। आज पहले चरण के लिए वोटिंग जारी है। इस बीच प्रधानमंत्री मोदी का प्रचार अभियान भी जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के अमरोहा में कंवर सिंह तंवर के समर्थन में एक चुनावी रैली को संबोधित किया। इस रैली में पीएम मोदी ने टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी का नाम लिया। अपने संबोधन में उन्होंने क्रिकेट खिलाड़ी मोहम्मद शमी की जमकर तारीफ की। दरअसल, मोहम्मद शमी अमरोहा के ही रहने वाले हैं। ऐसे में पीएम मोदी ने अमरोहा में आकर शमी का भी जिक्र कर दिया है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरूआत राम-राम से की। उन्होंने कहा कि आज पहले चरण का मतदान हो रहा है। ये लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव का बहुत बड़ा दिन है। मेरा सभी मतदाताओं से अनुरोध है कि संविधान से मिले इस अधिकार का उपयोग जरूर करें।पीएम मोदी ने कहा कि विशेषकर मैं अपने युवाओं से आग्रह करूंगा, जो पहली बार वोट डालने जा रहे हैं कि वे ऐसा मौका जाने न दें, वो अवश्य वोट करें। पीएम मोदी ने आगे कहा, अमरोहा केवल ढोलक ही नहीं, देश का डंका भी बजाता है। उन्होंने कहा, क्रिकेट वर्ल्ड कप में भाई मोहम्मद शमी ने जो कमाल किया वो पूरी दुनिया ने देखा है। खेलों में शानदार प्रदर्शन के लिए केंद्र सरकार ने उन्हें अर्जुन पुरस्कार दिया है और योगी सरकार यहां के युवाओं के लिए स्टेडियम भी बनवा रही है। उन्होंने कहा, अमरोहा की एक ही थाप है- कमल छाप और अमरोहा का एक ही स्वर है- फिर एक बार मोदी सरकार। इस दौरान विपक्ष पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इंडी गठबंधन वाले सनातन से घृणा करते हैं। अभी मैं द्वारका गया और समुद्र में नीचे जाकर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की। लेकिन कांग्रेस के शहजादे कहते हैं कि समुद्र के नीचे पूजा करने योग्य कुछ है ही नहीं। हमारी हजारों वर्ष की आस्था और भक्ति को ये लोग सिर्फ वोटबैंक के लिए खारिज कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में पहले की सरकारें सामाजिक न्याय के नाम पर एसटी/एससी और ओबीसी को सिर्फ धोखा ही देती रही। भाजपा गांव, गरीब के लिए बड़े विजन और बड़े लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ रही है। लेकिन इंडी गठबंधन के लोगों की सारी शक्ति गांव, देहात को पिछड़ा बनाने में लगती है। इस मानसिकता का सबसे बड़ा नुकसान अमरोहा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश जैसे क्षेत्रों को उठाना पड़ा है।
*पहली बार मोबाइल नेटवर्क से जुड़ा देश के ये इलाका, पीएम मोदी ने ग्रामीणों से फोन पर की बात*
#himachal_telecom_connectivity_reaches_indias_first_village आज मोबाइल हमारी जिंदगी की अहम हिस्सा है। लोग बाहर निकलने से पहले कुछ भी भूल जाएं, पर अपना मोबाइल फोन नहीं भूल सकते। दरअसल, ये छोटा सा गैजेट आपके बड़े बड़े काम कर सकता है। आज तो लोगों के लिए मोबाइल ही पर्स से लेकर बैंक अकाउंट भी है। आप चाहे दस रूपये का सामना खरीदें या 10 हजार का इसी मोबाइल से पेमेंट हो रहा है। हालांकि, तकनीक के इस दौर में भी हमारे देश के कई इलाके ऐसे हैं जहां इसकी पहुंच नहीं है। हालांकि, धीरे-धीरे सरकार उन तक हर सुख सुविधा पहुंचा रही है। ऐसा ही एक गांव हिमाचल प्रदेश के स्पीति का ग्यू है। यह गांव पहली बार मोबाइल नेटवर्क से जुड़ा है। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्यू गांव के के निवासियों से फोन पर बात की। केंद्र की मोदी सरकार ने देश की सीमा पर बसे आखिरी गांव में नेटवर्क कनेक्टिविटी स्थापित कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इंडो-चाइना बॉर्डर के पास बसे हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति के कौरिक और ग्यू गांव में मोबाइल नेटवर्क स्थापित किया गया है। अहम बात है कि यह गांव चीन की सीमा के पास है, जो समुद्र तल से 14,931 फीट ऊंचाई पर स्थित है। इतनी ऊंचाई पर बसे इन गांव में मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी पहुंचने के बाद यहां के स्थानीय लोगों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को खुद फोन पर संपर्क किया और उनसे बातचीत की। इसका वीडियो भी सामने आया है। पीएम मोदी ने ग्यू गांव के लोगों से लोगों के साथ फोन पर 13 मिनट से अधिक बातचीत की है। पीएम मोदी ने ग्यू गांव के लोगों से फोन पर बातचीत में दिवाली के दौरान सीमावर्ती क्षेत्र की अपनी यात्रा के बारे में बात की है। पीएम मोदी ने कहा, "मैं यहां दीवाली पर भी आया था। आज लाहौल-स्पीति के दूर-सुदूर ग्यू गांव में पहली बार मोबाइल नेटवर्क पहुंचा है। इस गांव की भौगोलिक परिस्थितियां इतनी कठिन रही है कि यहां पर मोबाइल नेटवर्क पहुंचाना सबसे बड़ी चुनौती थी। इसका पता मुझे उस वक्त लगा था, जब मैं यहां आया था। तब, मैंने वहां के लोगों से कहा था कि मोबाइल नेटवर्क की कनेक्टिविटी के लिए जरूर कुछ ना कुछ करूंगा। वैसे वहां के कई लोग अपने परिवार वालों से दूर रहते हैं और उनको अपने परिवार से बात करने का मन करता होगा। उन्होंने कहा कि गांव को मोबाइल नेटवर्क से जोड़ने से डिजिटल इंडिया अभियान को गति मिलेगी। पीएम मोदी ने लोगों से कहा कि विद्युतीकरण के अभियान में सफलता मिलने के बाद अब सरकार सभी स्थानों को संचार प्रौद्योगिकी से जोड़ने पर प्राथमिकता से काम कर रही है। ग्यू गांव के मोबाइल नेटवर्क से जुड़ने के बाद ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। पीएम मोदी से बात करते हुए एक ग्रामीण ने उन्हें बताया विश्वास नहीं था कि उनका क्षेत्र मोबाइल नेटवर्क से जुड़ जाएगा। ग्रामीणों ने कहा कि पहले उन्हें अपने मोबाइल फोन का उपयोग करने के लिए करीब आठ किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी।
बीसीसीआई ने हार्दिक पंड्या के खिलाफ की कार्रवाई, ओवर गति के लगाया भारी जुर्माना

मुंबई इंडियंस को आईपीएल में नियम उल्लंघन के कारण उसके कप्तान हार्दिक पंड्या को इसकी कीमत चुकानी पड़ी। गुरुवार को मुल्लांपुर में आईपीएल 2024 मैच में पंजाब किंग्स के खिलाफ धीमी ओवर गति बनाए रखने के बाद एमआई कप्तान पर ₹12 लाख का जुर्माना लगा। बीसीसीआई ने कहा, "मुंबई इंडियंस के कप्तान हार्दिक पंड्या पर 18 अप्रैल को पीसीए न्यू इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, मुल्लांपुर में पंजाब किंग्स के खिलाफ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 मैच के दौरान धीमी ओवर गति बनाए रखने के बाद जुर्माना लगाया गया है।" पीबीकेएस बनाम एमआई मैच के बाद ,यह इस सीज़न में एमआई का पहला ओवररेट अपराध था।

धीमी ओवर गति के कारण MI को PBKS के खिलाफ मैच लगभग गंवाना पड़ा। पांच बार के चैंपियन को मैच के आखिरी दो ओवरों में सामान्य पांच के बजाय केवल चार फील्डर्स को रिंग के बाहर रखने के लिए मजबूर होना पड़ा ।

हार्दिक और तेज गेंदबाज आकाश मधवाल ने केवल चार बाउंड्री राइडर्स के साथ गेंदबाजी की, जब पीबीकेएस को 12 गेंदों पर 23 रनों की जरूरत थी।

हार्दिक ने धैर्य बनाए रखा और एक अच्छा अंतिम ओवर फेंका। एमआई कप्तान ने अपनी पहली तीन गेंदों में केवल चार रन दिए और फिर अपनी चौथी गेंद पर हरप्रीत बराड़ का महत्वपूर्ण विकेट हासिल किया। बरार ने शॉट खेलना चाहा लेकिन वह सीमा रेखा के लंबे हिस्से की ओर मार रहे थे और फाइन लेग पर मोहम्मद नबी के हाथों आउट हो गए ।

हालांकि, मैच के उतार-चढ़ाव खत्म नहीं हुए। पीबीकेएस के नंबर 11 खिलाडी कैगिसो रबाडा आए और अपनी टीम को लक्ष्य का पीछा करने के लिए पहली गेंद पर छक्का लगाया। पीबीकेएस को आखिरी ओवर में 12 रन चाहिए थे। मधवाल ने ओवर की शुरुआत वाइड से की. अगली गेंद एक बार फिर फुल और वाइड थी लेकिन रबाडा ने इस पर बल्ला चला दिया। गेंद डीप पॉइंट की ओर गई जहां नबी एक बार फिर अपने खेल के शीर्ष पर थे। उसने गेंद पर हमला किया, उसे सफाई से उठाया और स्ट्राइकर के छोर की ओर एक सपाट थ्रो फेंका।

रबाडा स्ट्राइक चाहते थे और दूसरे के लिए वापस आए लेकिन ईशान किशन के बेल्स उतारने से पहले वह क्रीज तक नहीं पहुंच सके। एमआई के फील्डर्स शुरुआत में उतने आश्वस्त नहीं थे, लेकिन जैसे ही रिप्ले में पता चला कि रबाडा अपनी क्रीज से दूर थे, वे जमकर जश्न मनाने लगे। उन्होंने यह मैच नौ रन से जीत लिया। यह एमआई की पिछले चार मुकाबलों में तीसरी जीत थी। 193 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए, पीबीकेएस एक समय 111/7 पर सिमट गया था, लेकिन आशुतोष शर्मा ने मेजबान टीम को खेल में वापस लाने के लिए एक तूफानी पारी खेली। दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 28 गेंदों में सात छक्कों की मदद से 61 रन बनाए और जब तक वह क्रीज पर थे, ऐसा लग रहा था कि पीबीकेएस के लिए यह आसान जीत है।

18वें ओवर की पहली गेंद पर गेराल्ड कोएत्ज़ी को छक्का मारने की कोशिश में आशुतोष आउट हो गए थे।  

मुंबई इन्डिंस का अगला मैच राजस्थान रॉयल्स के साथ 22 अप्रैल को सवाई मानसिंघ स्टेडियम , जयपुर।

ड्राइवर और सिक्योरिटी गार्ड को वोट डालने भेजा, खुद गाड़ी चलाकर मतदान करने पहुंचे मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा

#meghalaya_cm_conrad_sangma_drive_car_self_sends_driver_security_to_cast_vote 

लोकसभा चुनाव का आज पहले चरण के मतदान जारी है। पहले चरण में मेघालय 2 सीटों पर भी मतदान हो रहा है। मेघालय की दो सीटें – शिलांग, तुरा में मतदान को लेकर सुबह से ही लोगों का उत्साह देखा जा रहा है। इस बीच मेघालय के मुख्यमंत्री खुद गाड़ी चलाकर वोट डालने पहुंच। वेस्ट गारो हिल्स के एक मतदान केंद्र पर मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने सुबह-सुबह मतदान किया। उन्होंने बताया कि इलेक्शन के समय हर वोटर का वोट कीमती होता है तो मैंने अपने ड्राइवर और सिक्योरिटी गार्ड सबको कहा कि आप लोग वोट कीजिए। मेरी वजह से ऐसा नहीं होना चाहिए कि कोई वोट न दे पाए। हालांकि उन्हें एक बात का अफसोस रह गया।

मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा अपना वोट डालने के लिए तुरा में एक मतदान केंद्र पर कतार में खड़े दिखे। सुबह के 6:30 बजे, संगमा, जो राज्य की सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के अध्यक्ष हैं, तुरा के वाल्बकग्रे मतदान केंद्र पर पहुंचे और वोट डालने के लिए कतार में खड़े हो गए। वह खुद गाड़ी चलाकर मतदान केंद्र तक पहुंचे थे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "मैं सबसे पहले मतदान करने की उम्मीद में सुबह 6.30 बजे बूथ पर पहुंच गया। मैंने सोचा था कि जल्दी आकर जल्दी वोट करके चला जाऊंगा। लेकिन जब मैं यहा पहुंचा तो पूरा सेंटर भरा हुआ था। बहुत लोग वोट डालने के लिए आ चुके थे। मैंने सोचा था कि आज मुझे मेडल मिलेगा लेकिन देर हो गई आने में। साढ़े छह बजे तक 200 लोग आ चुके थे। उन्होंने कहा कि यह अच्छा मैसेज है कि लोग उत्साह के साथ भाग ले रहे हैं। लेकिन अफसोस है कि मुझे मेडल नहीं मिला।

वहीं, सीएम ने ये भी बता कि वो खुद गाड़ी चलाकर मतदान केन्द्र पहुंचे हैं। जो भी सिक्योरिटी है यहां पर, जो वोट दे चुके हैं या जो लोकल हैं उनको यहां रखा है। बाकी सबको अपने-अपने मतदान केंद्रों पर भेज दिया जिससे वो भी अपना वोट दे पाएं।

लोकसभा चुनाव 2024: सुबह नौ बजे तक सबसे ज्यादा बंगाल में 15 फीसदी मतदान, जानें दूसरे राज्यों में वोटिंग की रफ्तार

#lok_sabha_election_2024_phase_1_voting_percentage

राज्य कितना मतदान

पश्चिम बंगाल 15.09 प्रतिशत

बिहार 9.23 प्रतिशत

   

उत्तर प्रदेश 12.22 प्रतिशत

मध्य प्रदेश 14.12 प्रतिशत

त्रिपुरा 6.62 प्रतिशत

अंडमान निकोबार 8.64 प्रतिशत

अरुणाचल प्रदेश 4.95 प्रतिशत

असम 11.15 प्रतिशत

छत्तीसगढ़ 12.02 प्रतिशत

जम्मू कश्मीर 10.43 प्रतिशत

लक्षद्वीप 5.59 प्रतिशत

महाराष्ट्र 6.98 प्रतिशत

मणिपुर 8.43 प्रतिशत

मेघालय 13.30 प्रतिशत

मिजोरम 10.97 प्रतिशत

नगालैंड 8.61 प्रतिशत

पुडुचेरी 8.52 प्रतिशत

राजस्थान 10.67 प्रतिशत

सिक्किम 7.92 प्रतिशत

तमिलनाडु 8.21 प्रतिशत

उत्तराखंड 10.54 प्रतिशत

क्या बीजेपी के 'मिशन साउथ ' से उन्हें द्रविड़ गढ़ तमिलनाडु में प्रवेश करने में मदद मिलेगी

आजतक तमिलनाडु ने ऐसा मुकाबला नहीं देखा है, लकिन शुक्रवार को जब 62.3 मिलियन मतदाता राज्य की 39 लोकसभा सीटों के लिए 950 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे तब इस मुकाबले का ज़ोर पता चलेगा । लोगों के अनुसार द्रविड़ मुनेत्र कज़गम (डीएमके), पिछली बार की तरह 38 सीटों पर गठबंधन सरकार के साथ अपनी जीत दायर करेगी। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने पूर्व सहयोगी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) को दूसरे स्थान पर पहुंचाने के लिए एक गहन, मुखर और ऊर्जावान अभियान को पर्याप्त वोटों में बदल सकती है, और यदि यह तय है कि क्या ये वोट सीटों में तब्दील होंगे।

 विश्लेषकों का मानना है कि मुकाबले से डीएमके को फायदा हो सकता है। “वोटों का बंटवारा डीएमके के लिए फायदेमंद साबित होगा। द्रमुक विरोधी वोट पूरी तरह से अन्नाद्रमुक को नहीं जाएंगे और अन्नाद्रमुक विरोधी वोट पूरी तरह से द्रमुक को नहीं जाएंगे क्योंकि भाजपा का तीसरा विकल्प मौजूद है और भाजपा विरोधी वोट द्रमुक और अन्नाद्रमुक के बीच विभाजित हो जाएंगे, ”राजनीतिक विश्लेषक मालन नारायणन ने कहा। पोल्स के मेगा ओपिनियन पोल के अनुसार, दक्षिणी राज्य में इंडिया ब्लॉक 51% वोट शेयर के साथ 39 लोकसभा सीटों में से 30 सीटें जीतेगा, जबकि बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए 13% वोट शेयर के साथ पांच सीटें जीतेगा।

2019 में, DMK ने 33.52% वोट जीते; अन्नाद्रमुक, 19.39%; और भाजपा, 3.66%। लेकिन संख्याएँ भाजपा के लिए प्रतिनिधि नहीं हैं क्योंकि वह राज्य में अन्नाद्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा थी। इस बार बीजेपी ने कहा है कि वह इस हिस्सेदारी को काफी बढ़ाना चाहती है। कोयंबटूर से चुनाव लड़ रहे राज्य भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने हाल ही में कहा, "भाजपा अपने दम पर 20% और अपने सहयोगियों के साथ लगभग 30% मतदान करेगी।"

1967 से तमिलनाडु द्रमुक और अन्नाद्रमुक के बीच झूलता रहा है। इस चुनाव को भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने दिलचस्प बना दिया है जिसमें (टीटीवी दिनाकरन) की अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक से अलग हुई पार्टी), पट्टाली मक्कल काची और तमिल मनीला कांग्रेस, इंडिया जनानायगा काची और पुथिया नीधि काची शामिल हैं।

निश्चित रूप से, तमिल राष्ट्रवादी एस सीमान के नेतृत्व वाली नाम तमिझार काची (एनटीके), जो 2021 के विधानसभा चुनावों में डीएमके और एआईएडीएमके के बाद लगभग 7% वोट शेयर के साथ तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, भी मैदान में है।

अपने घोषणापत्र में, DMK ने राज्यपाल की नियुक्ति में मुख्यमंत्री की भूमिका और बाद की शक्तियों को प्रतिबंधित करने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 और नागरिकता संशोधन अधिनियम को रद्द करने की बात कही है। मुख्यमंत्री९(एमके स्टालिन) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर केंद्रीय धन जारी न करके और राज्यपालों के हस्तक्षेप के माध्यम से गैर-भाजपा शासित राज्यों को नियंत्रित करने का आरोप लगाया है। भाजपा ने राज्य में अपने विकास और हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाया है, हिंदी पट्टी में कल्याण के पहलू को कम कर दिया है, शायद तमिलनाडु के स्वस्थ सामाजिक संकेत के कारण इसने भ्रष्टाचार, वंशवाद शासन और सनातन धर्म के खिलाफ इसके कुछ नेताओं की टिप्पणियों के लिए द्रमुक पर भी निशाना साधा है।

प्रमुख विपक्षी दल अन्नाद्रमुक के लिए, 2022 में एडप्पादी पलानीस्वामी के पार्टी महासचिव के रूप में उभरने, ओ पनीरसेल्वम (ओपीएस) को बाहर करने के साथ ही सितंबर 2023 में एनडीए से अलग होने के बाद यह पहला बड़ा चुनाव है। दिलचस्प बात यह है कि सभी दल जो अन्नाद्रमुक का हिस्सा थे 2019 में देसिया मुरपोक्कू द्रविड़ कड़गम (डीएमडीके) के अलावा अन्य गठबंधन बीजेपी में शामिल हो गए हैं।  

अन्नाद्रमुक ने ज्यादातर मध्यम स्तर के पदाधिकारियों को बिना किसी वरिष्ठ और भारी वजन वाले उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा है। राजनीतिक विश्लेषक रामू मणिवन्नन ने कहा, “कैडरों को मैदान में उतारकर, वे उन तरीकों पर वापस चले गए हैं, जिनमें (एआईएडीएमके) पहले एमजीआर और (उनकी उत्तराधिकारी) जे.जयललिता के तहत काम करती थी।” "अन्नाद्रमुक खुद को एक कैडर आधारित पार्टी मानती है और कोई भारी-भरकम उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ रहा है, यह कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने का एक तरीका है।" 

तमिलनाडु जो प्रधानमंत्री का पक्ष ले रहा है,'' केएस नरेंद्रन, राज्य उपाध्यक्ष, भाजपा ने कहा। “2019 तक, डीएमके ने मोदी विरोधी मूड बनाया था, लेकिन अब, लोगों को एहसास हो गया है कि एमजीआर के बाद, (मोदी) गरीबों के नेता हैं।” (एआईएडीएमके) के आयोजन सचिव डी जयकुमार ने कहा कि यह भाजपा का भ्रम है कि (एआईएडीएमके) कमजोर है। जयकुमार ने कहा, ''2021 के विधानसभा चुनाव में डीएमके और एआईएडीएमके के बीच अंतर केवल 2.5% था।'' “लोग पहले से ही तीन साल के डीएमके शासन से तंग आ चुके हैं। वे अन्नाद्रमुक को वापस चाहते हैं।

डीएमके सांसद टीकेएस एलंगोवन ने राज्य में पार्टी के तीन साल के शासन की तुलना भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के 10 साल से करते हुए कहा, "सत्ता विरोधी लहर हमारे खिलाफ नहीं बल्कि मोदी के खिलाफ है।" "मोदी द्वारा किए गए झूठे वादों की कीमत उन्हें चुकानी पड़ेगी।" राजनीतिक विश्लेषक मालन नारायणन ने कहा कि पहली बार तमिलनाडु में ऐसा मुकाबला देखने को मिल रहा है और उन्होंने कहा कि विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में अंतर कम हो सकता है।

शुक्रवार को मतदान से पहले, तमिलनाडु के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सत्यब्रत साहू ने कहा कि राज्य के 68,321 मतदान केंद्रों में से 44,800 पर वेबकैम के जरिए निगरानी की जाएगी। चुनाव अधिकारियों ने 17 अप्रैल को अभियान समाप्त होने तक ₹1,300 करोड़ से अधिक की नकदी, शराब, ड्रग्स और मुफ्त चीजें जब्त की हैं।