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सरायकेला : विद्युत विभाग के लापरवाही से जनता फांक रहे हैं धूल


सरायकेला : राष्ट्रीय राजमार्ग 32 देश का मालवाहक व यात्री वाहनों की आवागमन के लिए काफी महत्वपूर्ण सड़क है। इस सड़क पर प्रतिदिन रात दिन हजारों वाहनों का आवागमन होता है। चांडिल बस स्टैंड से गोलचक्कर के बीच रेलवे बाईपास सड़क पर मरम्मती कार्य चल रहा है।

 बिजली विभाग के 33 केबीए एच टी लाइन का खंभा रहने के कारण बीच में करीब 50 मीटर सड़क मरम्मती नहीं हो पा रहा है।जिसके कारण दो पहिए एवं तीन पहिए वाहन चालकों को इस सड़क पर आवागमन करने में काफी कठिनाई होती है। 

धूप होने से धूल की आंधी उठ रही है, यात्रियों के आंख, नाक व मुंह में धूल घुसती है जिससे धूल जनित बीमारी से लोग ग्रसित है।

बताया गया कि उक्त स्थान पर रेलवे के जमीन पर बिना अनुमति से विद्युत विभाग द्वारा खंभा गाढ़ दिया गया है। रेलवे भूमि से डीपी संरचना कार्टिंग 33 केवी एचटी लाइन के स्थानांतरण करने के लिए 15 मार्च 2023 को दक्षिण पूर्व रेलवे टाटानगर कार्यालय द्वारा विद्युत सहायक अभियंता चांडिल अवर प्रमंडल को पत्र लिखा है। 

लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी बिजली खंभा का स्थानांतरण नहीं किया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विद्युत विभाग ने खंभा स्थानांतरण करने के लिए 29 लाख रूपए का बजट रेलवे विभाग को दिया है। जब रेलवे विभाग के बिना अनुमति से रेलवे भूमि पर खंभा गाढ़ दिया गया तो उसका स्थानांतरण के लिए रेलवे विभाग से बजट क्यों मांगा जा रहा है, समझ से परे है। इसे विद्युत विभाग की मनमानी कहा जा सकता है।

भाजपा सरकार के लापरवाही का नतीजा : सुखराम हेंब्रम 

झारखंड आंदोलनकारी झामुमो के वरिष्ठ नेता सह स्वच्छ चांडिल स्वस्थ्य चांडिल के संस्थापक सुखराम हेंब्रम ने कहा कि भाजपा सरकार के लापरवाही के कारण चांडिल के जनता के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग 32 पर आवागमन करने वाले लोगों को धूल खाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र के भाजपा सरकार जनता को लुभाने के लिए बड़े बड़े घोषणा कर रही है लेकिन धरातल पर कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। जनता सब जानती है लोकसभा चुनाव में लोकतंत्र की शक्ति का एहसास करा देगा। उन्होंने कहा कि ईचागढ़ विधानसभा के जनता समस्याओं के मकड़जाल में फंस कर कराह रही है और स्थानीय जनप्रतिनिधि चैन की नींद सो रहे हैं।

प्रकृति पूजा का महापर्व सरहुल ईचागढ़ के विभिन्न क्षेत्रो में धूम धाम से मनाया गया

सरायकेला: ईचागढ़ थाना क्षेत्र के पातकुम दिशूम मौजा देवलटाड़ नौवाडीह रुगड़ी , आगसिया में आदिवासी मांझी समाज द्वारा सरहुल कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों की संख्यां में आदिवासी समुदाय के लोगो द्वारा जाहेरगाढ पर भव्य रूप से बाहा महोत्सव का आयोजन किया गया।  

 नायके बाबा (पुजारी) ने विधिवत रूप से पूजा अर्चना कर सखुआ फूल पुरुषो को कान मे व महिलाओ को माथे के जूडो पर लगाया । साथ मे क्षेत्र की सुख शांति की कामना की गई ।

सभी लोगों ने जाहेरगाढ पर माथा टेका व प्रसाद के रुप मे खिचड़ी ग्रहण किया । बाहा (सरहूल) बाहा पर प्रकृति के प्रति कृतज्ञता जताने के साथ नये साल का उल्लास मनाया जाता है, प्रकृति में आए नए फल-फूल और धरती से उपजे अन्न का उपयोग किया जाता है. वास्तव में बाहा आदिवासियों के प्रकृति-प्रेम और जीवन-यापन के लिए उससे जुड़ाव को दर्शाता है। 

बाहा आदिवासी समाज के प्रमुख और महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है,यह पर्व बसंत ऋतु से शुरू होकर चैत्र शुक्ल तृतीया तिथि तक मनाया जाता है,संथाल परंपरा के अनुसार मुलु मोड़े माहा से बाहा (सरहुल) पर्व का आयोजन शुरू हो जाता है. दरअसल बाहा (सरहुल) मनाने के लिए कोई निश्चित तिथि नहीं है, इसे अलग-अलग गांवों में सुविधानुसार अलग-अलग तिथि को मनाया जाता है.

 इस पर्व में साल और महुआ के फूलों से प्रकृति की आराधना की जाती है. ग्रीष्म ऋतु में जब पेड़ों पर नए पत्ते और फल-फूल आते हैं, तब इस सुखद प्राकृतिक बदलाव का आदिवासी समाज के लोग बाहा पर्व के रूप में नाचते-गाते स्वागत करते हैं।

जाहेरथान में परंपरा के अनुसार प्रकृति की आराधना की गई, (नायके बाबा) लाया यानि पुजारी देवताओं की साल व महुआ के फूल से पूजा किए,इस दौरान ग्राम देवता, जंगल, पहाड़ और प्रकृति की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि और गांव के निरोग रखने की मन्नत किए,इस अवसर पर मुर्गी की बलि भी दी गई,रंग-बिरंगे फूलों से प्रकृति करती है शृंगार बाहा पर चारों ओर उमंग और उल्लास रहता है,कहते हैं बाहा खुशियों का पैगाम लेकर आता है।

ऐसे समय में घर फसल से भरा रहता है, पेड़-पौधों में फल-फूल रहता है. प्रकृति यौवन पर होती है, रंग-बिरंगे फूलों और पेड़ों में नए पत्तों से प्रकृति अपना श्रृंगार करती है।

ऐसा माना जाता है कि प्रकृति किसी को भी भूखे नहीं रहने देगी,शायद इसीलिए बाहा (सरहुल) पर्व धरती माता को समर्पित महत्वपूर्ण पर्व है,बाहा पर्व के आदिवासी समाज नई फसल का उपयोग करते हैं।

इसके साथ ही पेड़ों में लगे फल-फूल और पत्तों का भी उपयोग शुरू किया जाता है,इस पर्व को संताल, मुंडा, उरांव, हो, खड़िया समेत विभिन्न आदिवासी समुदाय के लोग हर्षोल्लास के साथ मनाते है।जिससे की सांस्कृतिक और प्राकृति धरोहर के सम्मान मे वृद्धि हो, कार्यक्रम मे हर वर्ष की भांति इस वर्ष हजारो-हजार तादात मे उमड़ पड़ा जनसैलाब, भव जुलुश निकला गया ।

इस मौके पर ब्रिक्रांत मांझी , कुलदीप मांझी भुवनेश्वर मांझी , बद्री नाथ मांझी, प्रकाश मांझी आदि हजारो- हजार महिला- पुरूष उपस्थित थे।

प्रकृति पूजा का महापर्व सरहुल ईचागढ़ के विभिन्न क्षेत्रो में धूम धाम से मनाया गया

सरायकेला: ईचागढ़ थाना क्षेत्र के पातकुम दिशूम मौजा देवलटाड़ नौवाडीह रुगड़ी , आगसिया में आदिवासी मांझी समाज द्वारा सरहुल कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों की संख्यां में आदिवासी समुदाय के लोगो द्वारा जाहेरगाढ पर भव्य रूप से बाहा महोत्सव का आयोजन किया गया।  

 नायके बाबा (पुजारी) ने विधिवत रूप से पूजा अर्चना कर सखुआ फूल पुरुषो को कान मे व महिलाओ को माथे के जूडो पर लगाया । साथ मे क्षेत्र की सुख शांति की कामना की गई ।

सभी लोगों ने जाहेरगाढ पर माथा टेका व प्रसाद के रुप मे खिचड़ी ग्रहण किया । बाहा (सरहूल) बाहा पर प्रकृति के प्रति कृतज्ञता जताने के साथ नये साल का उल्लास मनाया जाता है, प्रकृति में आए नए फल-फूल और धरती से उपजे अन्न का उपयोग किया जाता है. वास्तव में बाहा आदिवासियों के प्रकृति-प्रेम और जीवन-यापन के लिए उससे जुड़ाव को दर्शाता है। 

बाहा आदिवासी समाज के प्रमुख और महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है,यह पर्व बसंत ऋतु से शुरू होकर चैत्र शुक्ल तृतीया तिथि तक मनाया जाता है,संथाल परंपरा के अनुसार मुलु मोड़े माहा से बाहा (सरहुल) पर्व का आयोजन शुरू हो जाता है. दरअसल बाहा (सरहुल) मनाने के लिए कोई निश्चित तिथि नहीं है, इसे अलग-अलग गांवों में सुविधानुसार अलग-अलग तिथि को मनाया जाता है.

 इस पर्व में साल और महुआ के फूलों से प्रकृति की आराधना की जाती है. ग्रीष्म ऋतु में जब पेड़ों पर नए पत्ते और फल-फूल आते हैं, तब इस सुखद प्राकृतिक बदलाव का आदिवासी समाज के लोग बाहा पर्व के रूप में नाचते-गाते स्वागत करते हैं।

जाहेरथान में परंपरा के अनुसार प्रकृति की आराधना की गई, (नायके बाबा) लाया यानि पुजारी देवताओं की साल व महुआ के फूल से पूजा किए,इस दौरान ग्राम देवता, जंगल, पहाड़ और प्रकृति की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि और गांव के निरोग रखने की मन्नत किए,इस अवसर पर मुर्गी की बलि भी दी गई,रंग-बिरंगे फूलों से प्रकृति करती है शृंगार बाहा पर चारों ओर उमंग और उल्लास रहता है,कहते हैं बाहा खुशियों का पैगाम लेकर आता है।

ऐसे समय में घर फसल से भरा रहता है, पेड़-पौधों में फल-फूल रहता है. प्रकृति यौवन पर होती है, रंग-बिरंगे फूलों और पेड़ों में नए पत्तों से प्रकृति अपना श्रृंगार करती है।

ऐसा माना जाता है कि प्रकृति किसी को भी भूखे नहीं रहने देगी,शायद इसीलिए बाहा (सरहुल) पर्व धरती माता को समर्पित महत्वपूर्ण पर्व है,बाहा पर्व के आदिवासी समाज नई फसल का उपयोग करते हैं।

इसके साथ ही पेड़ों में लगे फल-फूल और पत्तों का भी उपयोग शुरू किया जाता है,इस पर्व को संताल, मुंडा, उरांव, हो, खड़िया समेत विभिन्न आदिवासी समुदाय के लोग हर्षोल्लास के साथ मनाते है।जिससे की सांस्कृतिक और प्राकृति धरोहर के सम्मान मे वृद्धि हो, कार्यक्रम मे हर वर्ष की भांति इस वर्ष हजारो-हजार तादात मे उमड़ पड़ा जनसैलाब, भव जुलुश निकला गया ।

इस मौके पर ब्रिक्रांत मांझी , कुलदीप मांझी भुवनेश्वर मांझी , बद्री नाथ मांझी, प्रकाश मांझी आदि हजारो- हजार महिला- पुरूष उपस्थित थे।

हमसब एकजुट होकर झारखंड की 14 सीटो पर भाजपा को हराएंगे: सीएम चम्पई सोरेन


सरायकेला : आदित्यपुर में आयोजित कई कार्यक्रमों में शामिल होने के उपरांत रविवार को शाम 4 बजे आदित्यपुर के नोवंता के सभागार में मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन की अध्यक्षता में महागठबंधन के नेताओ के साथ बैठक का आयोजन किया गया। जिसमे सरायकेला जिले में आनेवाली तीनों संसदीय क्षेत्र में महागठबंधन के प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने को लेकर मंथन किया गया। मुख्यमंत्री ने खुद एक एक बिंदु पर विचार किया और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। महागठबंधन के नेताओ द्वारा दिए गए सुझाव को भी कलमबंद किया गया। 

बैठक में कांग्रेस, राजद के जिला तथा प्रदेश स्तरीय नेता शामिल हुए। बैठक के उपरांत पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा की सरायकेला जिला एक महत्वपूर्ण जिला है, जिसमे रांची, सिंहभूम और खूंटी संसदीय क्षेत्र आता है। यह तीनों सीट महागठबंधन के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा की झारखंड में चौथा राउंड से लोक सभा का चुनाव शुरू होना है। 

इसके लिए महागठबंधन ने तैयारी पूरी कर की है। सरायकेला जिला एक बड़ा जिला है, जहां के मतदाता जीत का फैक्टर बनते है, और महागठबंधन यहां विपक्षी दल भाजपा से काफी आगे है। उन्होंने कहा की इस बार झारखंड की सभी 14 लोकसभा सीट पर महागठबंधन की जीत निश्चित है। भाजपा इस बार झारखंड के साथ पूरे देश से साफ हो जाएगा। उन्होंने कहा की भाजपा की केंद्र शासित सरकार में दलित, आदिवासी और पिछड़ों को केवल ठगा गया है। लेकिन अब हम सब एक विचारधारा के लोग मिलकर भाजपा का सफाया करेंगे। हमारे पुरखो ने बलिदान देकर देश को आजाद करवाया था, लेकिन इस दस वर्षों में भाजपा ईस्ट इंडिया कंपनी की तर्ज पर काम कर देश को कुछ पूंजीपतियों के हाथ अर्थव्यवस्था देकर अप्रत्यक्ष रूप से देश को गुलाम बनाने की साजिश रच रहा है। जमशेदपुर में कांग्रेस और झामुमो के दावे के कारण प्रत्याशी की घोषणा में हो रहे विलंब पर कहा की हमसब एकजुट है कोई मतभेद नहीं है, जल्द प्रत्याशी की घोषणा की जाएगी। बैठक के दौरान कांग्रेस प्रदेश महासचिव अजय सिंह, राजद प्रदेश महासचिव पुरेंद्र नारायण सिंह, कांग्रेस जिला अध्यक्ष अंबुज कुमार, सुरेशधारी, अवधेश सिंह, झामुमो जिला अध्यक्ष सुबेंदु महतो, गोपाल महतो, दीपक मंडल, कांग्रेस जिला प्रभारी संजीव श्रीवास्तव, राहुल यादव, संजय कुमार, दिवाकर झा, लालाबाबू सरदार, खिरोद सरदार, सविता साव, झरना मन्ना, संगीता प्रधान आदि मौजूद थे।

महागठबंधन नेताओ के साथ बैठक के बाद हॉल से बाहर निकलते बक्त मुख्यमंत्री के सिर में लगी चोट,मेडिकल टीम ने किया तत्काल इलाज

आदित्यपुर : महागठबंधन के नेताओ के साथ मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन की बैठक के उपरांत उनकी सुरक्षा में उस वक्त सेंध लग गयी जब सीएम बैठक के उपरांत हॉल से बाहर निकल रहे थे। 

मुख्यमंत्री जैसे गेट से बाहर निकले उनके सर पर फूल से सजा तोरण द्वार मुख्यमंत्री के सर पर गिर गया। जिसकी वजह से मुख्यमंत्री को हल्की चोट लगी है। जानकारी के अनुसार जब मुख्यमंत्री बैठक के उपरांत बाहर निकल रहे थे तो उनके काफिले में शामिल सुरक्षाकर्मी उन्हें घेरा में लेकर बाहर निकाल रहे थे।

 इसी क्रम में किसी ने गेट को अंदर की जगह बाहर खोल दिया। जिसकी वजह से उनके सर पर गेट गिर गया। इस घटना में सीएम के सर पर चोट लगी है। 

घटना के बाद तुरंत मुख्यमंत्री को होटल के कमरे में ले जाया गया, जहां मेडिकल टीम द्वारा उनका प्राथमिक उपचार किया गया है। 

बता दें की रविवार को मुख्यमंत्री आदित्यपुर में जहां कई कार्यक्रम में शामिल होने के उपरांत महागठबंधन की बैठक भाग लेने के लिए एक निजी होटल के सभागार कक्ष आए थे। हालांकि तोरण द्वार में फूल पत्ती और फोम होने की वजह से कोई बड़ी घटना नहीं घटी।

सरायकेला:चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के पुरियारा गांव में सप्ताहव्यापी श्रीमद्भागवत कथा महायज्ञ एवं प्रवचन का हुआ शुभारंभ।


सरायकेला : चांडिल अनुमंडल क्षेत्र पुरियारा गांव में सप्ताहव्यापी श्रीमद्भागवत कथा महायज्ञ एवं प्रवचन का शुभारंभ हुआ। महायज्ञ हेतु आज गांव की 108 माताओं व बालिकाओं ने कलश यात्रा निकाली।

खेलाई चंडी तालाब में विधिवत पूजा अर्चना करने के बाद कलश में जल उठाकर व्रतियों ने गांव से भ्रमण किया। श्री श्री सार्वजनिक लक्ष्मी नारायण वरदायिनी मंदिर प्रांगण पहुंची, जहां कलश स्थापना किया गया। लक्ष्मी नारायण वरदायिनी मंदिर प्रांगण में प्रतिदिन संध्या काल में श्रीमद्भागवत कथा प्रवचन सुनाई जाएगी। 

यह अनुष्ठान आगामी 21 अप्रैल तक चलेगी, जिसमें प्रतिदिन संध्या काल में 4 से 6 : 30 बजे तक आरती तथा संध्या 7 बजे से रात्रि 10 बजे तक प्रवचन सुनाई जाएगी।

नीमडीह थाना अंतर्गत पुरियारा गांव में मथुरा वृंदावन से आए सनातन दासजी महाराज द्वारा कथा वाचन किया जाएगा। वहीं, प्रतिदिन सुबह से दोपहर तक सत्यनारायण गोस्वामी एवं शंभूनाथ गोप द्वारा श्रीमद्भागवत कथा का मूल पाठ किया जाएगा। इस पूरे अनुष्ठान का संचालन पुरियारा ग्रामप्रधान विवेकानंद गोप द्वारा किया जा रहा है। 

वहीं, अनुष्ठान को सफल बनाने के लिए नारायण चंद्र गोप, विश्वनाथ गोप, दिलीप सिंह, दीपक, सिदाम गोप, कालीपद सिंह, मनोज दास, हरमोहन गोप, जयन्त गोप, शिवचरण गोप आदि सक्रिय भूमिका में उपस्थित रहेगा।

नारायण आईटीआई लुपुंगडीह परिसर में डॉक्टर भीम राव अंबेडकर जयंती मनाई गई

सरायकेला : आज नीमडीह थाना क्षेत्र के नारायण आईटीआई लुपुंगडीह परिसर में डॉक्टर भीम राव अंबेडकर जयंती मनाई गई एवं उनके तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया इस अवसर पर संस्थान के संस्थापक डॉक् टर जटाशंकर पांडे ने कहा भारतीय राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक बीआर अंबेडकर की स्मृति में 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती या भीम जयंती मनाई जाती है। यह अंबेडकर का जन्मदिन है, जिनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था। उनके जन्मदिन को भारत में कुछ लोगों द्वारा 'समानता दिवस' भी कहा जाता है।

 अंबेडकर जयंती के जुलूस उनके अनुयायियों द्वारा मुंबई में चैत्य भूमि और नागपुर में दीक्षा भूमि पर निकाले जाते हैं । वरिष्ठ राष्ट्रीय हस्तियों, जैसे राष्ट्रपति , प्रधान मंत्री और प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं के लिए नई दिल्ली में भारतीय संसद में अंबेडकर की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करना एक प्रथा है ।

 यह दुनिया भर में विशेष रूप से दलितों , आदिवासियों , श्रमिक श्रमिकों, महिलाओं और उन लोगों द्वारा भी मनाया जाता है जिन्होंने उनके उदाहरण के बाद बौद्ध धर्म अपनाया था। भारत में, बड़ी संख्या में लोग धूमधाम से जुलूस निकालकर अंबेडकर की स्मृति में स्थानीय प्रतिमाओं के दर्शन करते हैं।

 2020 में दुनिया में पहली बार ऑनलाइन अंबेडकर जयंती मनाई गई.  बाबासाहेब अम्बेडकर का जन्मदिन 14 अप्रैल 1928 को पुणे में जनार्दन सदाशिव रानापिसे, द्वारा सार्वजनिक रूप से मनाया गया था , जो एक अम्बेडकरवादी और सामाजिक कार्यकर्ता थे। उन्होंने बाबा साहेब की जयंती या अंबेडकर जयंती की परंपरा शुरू की. अंबेडकर ने 1907 में अपनी मैट्रिक पास की। 

फिर, उन्होंने एलफिंस्टन कॉलेज से अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान में बीए ऑनर्स किया । उन्होंने मास्टर ऑफ आर्ट्स के लिए कोलंबिया विश्वविद्यालय , न्यूयॉर्क में दाखिला लिया और 1927 में अर्थशास्त्र में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। 1916 में, उन्होंने ग्रेज़ इन में बार कोर्स के लिए प्रवेश लिया इसके साथ ही उन्होंने लंदन से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की एक और थीसिस भी की । 

अर्थशास्त्र स्कूल अम्बेडकर 64 विषयों में मास्टर थे और 11 भाषाओं में पारंगत थे। इस अवसर पर मुख्य रूप से मौजूद रहे ऐडवोकेट निखिल कुमार , प्राचार्य जयदीप पांडे,कृष्ण पद महतो,पवन कुमार महतो,गौरव महतो,अजय मंडल, देबकृष्ण महतो आदि लोग उपस्थित थे।

हथनेबेड़ा वन में स्थापित मां संबलेश्वरी मंदिर पहुंची भाजपा प्रत्याशी सह सांसद गीता कोड़ा, की पूजा अर्चना लिया मां का आशीर्वाद

चाईबासा: प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी मगदागौड़ कमेटी के द्वारा पश्चिमी सिंहभूम जिले के नोवामुण्डी प्रखंड क्षेत्र में पड़ने वाले हथनाबेड़ा में स्थापित मां संबलेश्वरी मंदीर में सालाना पूजा सह मेला का आयोजन किया गया।मां संबलेश्वरी मंदीर में गौड़ समुदाय के लोगों की बड़ी आबादी की जुटान होती है,इस मंदीर में कोलहान से गौड़ समुदाय के लोग आते ही पड़ोसी राज्य यानी ओड़िसा और बंगाल से श्रद्दालु पूजा अर्चना करने पहूंचतें है।

कहते मां संबलेश्वरी मंदिर में जो सच्चे मन से पूजा अर्चना करते है उन भक्तों की मुरादें पुरी हो जाती।इस वार्षिक पूजा सह मेला में सोमबार को हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी भाजपा प्रत्याशी सह सांसद गीता कोड़ा मां संबलेश्वरी मंदीर पहूंची और पहले पुजा अर्चना की और मां संबलेश्वरी का आर्शिवाद ली।उसके बाद मगधागौड़ कमेटी के द्वारा भाजपा प्रत्याशी गीता कोड़ा का भव्य स्वागत किया और सभी नें एक स्वर में अपना आशीर्वाद दिया।उसके बाद भाजपा प्रत्याशी सह सांसद गीता कोड़ा नें जहां मगधागौड़ कमेटी के लोगों का अभिवादन स्वीकार करते हुए सभी को शुभकामनाएं दी और कही पहले भी आप लोगों की समस्याओं का निदान के लिए हम खड़े रहें है और आगे भी रहेगें हम आप लोगों का रिणी है मां संबलेश्वरी से अराधना कि की क्षेत्र का विकास के साथ साथ मगदागौड़ कमेटी भी निरंतर अगे बढ़ता रहे।बस आप सबों का आर्शिवाद चाहिए,इस पर कमेटी के लोगों नें कहा पहले भी था और आज भी है और आगे भी मां संबलेश्वरी की आशिम कृपा रहेगी आप पर।इसके बाद कृतन मण्डली और मेले का जायजा भी लिया गया।

पहले तो एक महिला होने के नाते गीता कोड़ा नें झामुमो प्रत्याशी जोबा माझी को दी शुभकामनाएं।

पत्रकार से बाते करते हुए कहा भाजपा प्रत्याशी सह सांसद गीता कोड़ा नें कही की पहले हम एक महिला है और महिला होने के नाते मेरे लिए हर्ष की बात है की एक महिला प्रत्याशी मेरे सामने है और मैं झामुमो प्रत्याशी जोबा माझी को शुभकामनाएं दी।गीता कोड़ा ने कही की जोबा माझी को चुनाव मैदान में उताड़ा है,सभी अपने अपने तरिके से जनता के समक्ष अपनी बातों को रखेगें,चुनाव है।उसके बाद भाजपा प्रत्याशी सह सांसद गीता कोड़ा नें विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि यहां बेरोजगारी चरम पर है।सिंहभूम लोकसभा में इतना माइंस होते हुए भी एक समय में छोटा बड़ा मिलाकर 35-40 माइंस चला करता था आज सारे के सारे बंद पड़े है।हमने लगातार झारखंड मुक्ती मोर्चा के सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया ताकी माइंस खोला जाय।बेरोजगारी के कारण यहां के हजारों लोग,युवा और महिलाएं रोजगार के लिए पलायन ना करें और पलायन होने से रोका जाय लेकिन एक नहीं सुनी गई।वहीं यह भी कहा गया की आज संविधान की बात कर रही है विपक्षी क्यों नहीं जेएमएम की सरकार नें अब तक पंचायतों का अधिकार नहीं दिया गया है।पेशा कानुन अब तक क्यों लागु नहीं किया,जबकी केंद्र सरकार नें पेशा कानुन बना दिया है,अब तक क्यों नहीं लागु किया ये जेएमएम की सरकार नहीं चाहती है गांव का विकास हो और लोगों को उनका अधिकार मिले ये सारे बातों को लेकर चुनाव मैदान में उतरेगें।

एक सवाल पर भाजपा प्रत्याशी सह सांसद गीता कोड़ा नें कहा कि धोखा तो जेएमएम की सरकार और नेताओं नें यहां के लोगों को धोखा दिया है,छला है।कहा हम रोजगार देगें कितने लोगों को रोजगार दिया गया बताये जेएमएम की सरकार।हां पेपर लिक करवाकर अपने चहेते और भाई भतिजों को बीडीओ और सीओ बनाने का साजिश रचा गया था ताकी यह प्रयास था की झारखंड को लुट सके।ये तो अच्छा हूआ की समय रहते हुए पेपर लीक होने का खुलाशा हो गया और झारखंड लुटने का प्रयास विफल हो गया।किसे रोजगार दिया यह बताना चाहिए इसलिए झारखंड मुक्ति मोर्चा के सरकार और नेताओं नें झारखंड के लोगों को धोखा दिया है।

स्वीप" अंतर्गत वोटर अवेयरनेस को लेकर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में चलाया गया मतदाता जागरूकता अभियान।


सरायकेला: आगामी लोकसभा आम निर्वाचन 2024 के दौरान जिले में शत-प्रतिशत मतदान सुनिश्चित करने के मद्देनजर जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त श्री रवि शंकर शुक्ला के द्वारा मतदाता जागरूकता कोषांग को विभिन्न प्रतियोगिताओं, कार्यक्रमों आदि का आयोजन कर अधिक से अधिक मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया गया है।

 इसी क्रम में जिला स्वीप कोषांग के अंतर्गत आज JSLPS द्वारा खरसावां प्रखंड के कृष्णपुर पंचायत, चांडिल प्रखंड के घोड़ानेगी, चौका, भादूडीह पंचायत,नीमडीह प्रखंड के झिमड़ी पंचायत, सरायकेला के मुंडातांड पंचायत अंतर्गत जागरूकता रैली शपथ आंगनबड़ी सहिया, सेविका(बीएलओ) के द्वारा आगामी लोकसभा आम निर्वाचन 2024 हेतु स्वीप के तहत मतदाता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस दौरान मतदाता जागरूकता को लेकर बनाए गए मतदाता जागरूकता को लेकर रंगोली प्रतियोगिता आयोजन व पोस्टर के माध्यम से अपने-अपने क्षेत्र में "चुनाव का पर्व देश का गर्व" आई एम रेडी टू वोट थीम के तहत मतदाता जागरूकता के माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया। साथ ही उपस्थित सभी मतदाताओं को आगामी लोकसभा आम निर्वाचन 2024 में मतदान करने हेतु  मतदाता शपथ कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।

इस दौरान आंगनबाड़ी सहिया सेविका ने अपने-अपने क्षेत्र में सभी मतदाताओं को आगामी लोकसभा आम निर्वाचन 2024 में सभी मतदाताओं को जागरुक करते हुए बिना लोभ लालच या दबाव में आए हुए अपने नजदीकी मतदान केन्द्रो में जाकर अपना बहुमूल्य मतों का उपयोग को लेकर गांव-गांव घूम-घूम कर मतदान करने हेतु अपील की।

सरायकेला : स्वीप कार्यक्रम के तहत इचागढ़ प्रखंड में मतदाता जागरूकता अभियान चलाया गया

सरायकेला : लोकतंत्र का महापर्व लोकसभा आम निर्वाचन 2024 के निमित्त स्वीप कार्यक्रम के तहत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। 

इसी क्रम में आज प्रखण्ड ईचागढ़ के ग्राम आतरग्राम मे स्विप के तहत् मछुआरा तथा आम ग्रामीणों के साथ बैठक कर मतदाता जागरूकता अभियान के तहत निष्पक्ष एवं बिना प्रलोभन के मताधिकार का प्रयोग हेतु जागरूक किया गया एवं मतदाताओं द्वारा ली जाने वाली शपथ ग्रहण कराया गया एवं अन्य लोगों को भी मतदान करने हेतु प्रेरित करने का भी अपील किया गया इसी क्रम में आज प्रखण्ड ईचागढ़ के ग्राम टिकर मे मतदाता स्विप कार्यक्रम के तहत् कैवर्त टोला के मछुवारों तथा आम ग्रामीणों के साथ बैठक कर मतदाता जागरूकता अभियान के तहत निष्पक्ष एवं बिना प्रलोभन के मताधिकार का प्रयोग हेतु जागरूक किया गया एवं मतदाताओं द्वारा ली जाने वाली शपथ ग्रहण कराया गया एवं अन्य लोगों को भी मतदान करने हेतु प्रेरित करने का भी अपील किया गया।

 इसके अलावा मतदान के महत्व तथा निर्वाचन प्रणाली के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही 1950 वोटर हेल्पलाइन नंबर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और सभी को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि उनका नाम वोटर लिस्ट में दर्ज हो। यदि किसी का नाम वोटर लिस्ट में नहीं है तो उसे बीएलओ के माध्यम से या वोटर हेल्प लाइन एप के माध्यम से फॉर्म 6 अवश्य भरने और प्रत्येक नागरिक को अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए। 

उन्हें शपथ दिलाई गई कि वे लोकतंत्र के इस महापर्व में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। साथ ही अपने घरों व आस पड़ोस के लोगों को मतदान के लिए जागरूक करने का हर संभव प्रयास करेंगे। साथ ही उन्हें अपने स्तर पर मतदाताओं को जागरूक करने लिए अपनी सकारात्मक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया गया।