2014 के बाद कितना बदला वाराणसी?
#varanasichangedinmodigovt
दुनिया की सबसे प्राचीन नगरों में से एक
हिंदुओं का महत्वपूर्ण तीर्थस्थल
अब बना भारत की सियासत का केन्द्र
बाबा विश्वनाथ की नगरी को क्योटो बनाने की कवायद
दस वर्षों में काशी का हो गया कायाकल्प
पूरी तरह से बदला वाराणसी शहर का रूप-रंग
दुनिया के प्राचीनतम नगरों में एक शिव की यह नगरी हिंदुओं के महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों में एक है। देश के हरेक कोने से तीर्थयात्री यहाँ आते हैं। यह बाबा काशी विश्वनाथ के नाम पर दुनिया भर में विख्यात है। जो अब भारत की राजनीति का महत्वपूर्ण केंद्र है। इसका एकमात्र कारण देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यहां से लगातार दो वार जीत कर देश की बागडोर संभाल रहे हैं। अब तीसरी बार भी विजय रथ पर सवार होने को आतुर हैं। वाराणसी लोकसभा सीट पर अब एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी मैदान में हैं।
सन् 1956 में 24 मई को बनारस या काशी को वाराणसी नाम दिया गया। अब उस काशी को पिछले कुछ सालों से क्योटो बनाने की कवायद जारी है। पिछले दस वर्षों में वाराणसी एक विशिष्ट नगर के रूप में उभर कर आया है। नरेंद्र मोदी की सरकार के कार्यकाल में इस शहर का नये सिरे से कायाकल्प हो गया। तमाम चुनौतियों के बावजूद बनारस का नया रूप अब दुनिया के सामने है। प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों और विकास योजनाओं की बदौलत दुनिया भर में इस धार्मिक नगरी को एक अलग पहचान मिली है।
2014 में चुनाव जीतने के बाद मोदी कई बार वाराणसी गए। उन्होंने वाराणसी को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रोजेक्ट करने का मौक़ा कभी भी नहीं गंवाया। वे 2015 में जापान के प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे और 2018 में फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को भी वाराणसी ले कर गए। इसके अलावा 2019 में प्रवासी भारतीय सम्मेलन और 2023 की शुरुआत में काशी-तमिल संगमम के साथ ही जी-20 सम्मेलन की छह बैठकों से काशी का मान देश दुनिया में बढ़ा।
बीते दस वर्षों में वाराणसी के लिए विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की गईं। साल 2014 में पीएम मोदी के वाराणसी से लोकसभा का चुनाव जीतने से लेकर साल 2023 तक पिछले 9 सालों में वाराणसी शहर का रूप और रंग पूरी तरह से बदल चुका है। साल 2014 में नरेंद्र मोदी जब गुजरात मॉडल को यूपी की धार्मिक नगरी वाराणसी में लाने के मिशन से पहुंचे तो शुरुआत उन्होंने सफाई अभियान के साथ की। 2014 में वाराणसी की यात्रा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झाड़ू हाथ में थामा और अस्सी घाट के पास जगन्नाथ गली में स्वच्छता अभियान चलाया। एक तरह से इसी दिन वाराणसी के कायाकल्प को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने संकल्प ले लिया। वह कार्य अब तक जारी है।
2014 से लेकर 2021 तक वाराणसी में 310 योजनाएं शुरू की गईं। वहीं 162 परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ। इसके बाद प्रधावनमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 जुलाई 2021 को 1,500 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इनमें अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और कन्वेंशन सेंटर ‘रुद्राक्ष’ का भी उद्घाटन किया। बीएचयू में 100-बेड एमसीएच विंग, गोदौलिया में बहुस्तरीय पार्किंग, वाराणसी-गाजीपुर राजमार्ग पर तीन-लेन फ्लाईओवर पुल सहित अनेक सार्वजनिक परियोजनाएं थीं। साथ ही इनमें शहरी क्षेत्र के सड़क कार्यों के लिए 3.32 करोड़, तालाब और पार्क के सौंदर्यीकरण के लिए 2.86 करोड़़, ट्रांस वरुणा प्रोजेक्ट के लिए 19.49 करोड़ रुपये, गंगा पेयजल योजना के लिए 46.49करोड़ आदि भी शामिल हैं।
काशी विश्वनाथ मंदिर का विस्तारीकरण और सौन्दर्यीकरण योजना पीएम नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रॉजेक्ट था। 13 दिसंबर 2021 को काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का लोकार्पण भी कर दिया। मंदिर परिसर के नए और भव्य स्वरूप से काशी नगरी खिल उठी। साल 2023 में वाराणसी में पर्यटकों की संख्या में 7.3 करोड़ की वृद्धि हुई। निवेशक स्थानीय पर्यटन क्षेत्र में निवेश करने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। पिछले साल 40 से अधिक निवेशकों ने पर्यटन विभाग के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।
इस साल 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब वाराणसी पहुंचे तो उन्होंने 1800 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात दी। यहां उन्होंने देश में पहली बार रोप-वे पब्लिक ट्रांसपोर्ट का भी उद्घाटन किया। इस दिन प्रधानमंत्री ने शहरवासियों को 28 परियोजनाओं सौंपी और 19 प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास किया।
नरेंद्र मोदी के बनारस का सांसद और देश का प्रधानमंत्री बनने से पहले तक बनारस में भी दुश्वारियों का पहाड़ था। दूसरे शहरों की तरह यहां भी बदइंतजामी थी, सड़कें जर्जर, बिजली-पानी का संकट, कुंड-तालाब कब्जे में वगैरह-वगैरह। समय ने करवट ली, पीएम मोदी की चाहत के अनुरूप विकास की ओर बढ़े कदमों ने शहर में लटकते बिजली के तारों को गायब कर दिया। आईपीडीएस की सौगात से शहर की कई कालोनियों और मुहल्लों में बिजली के तार भूमिगत हो गए। काशी की प्राचीनता से मेल खाते लैंप पोस्टों से निकलती दूधिया रोशनी आपको पूरे शहर में दिखेगी। वर्तमान में बदलते बनारस की तस्वीरें इस बात की तस्दीक करती है कि आज जो है, वो कल से बेहतर है।
Mar 28 2024, 16:20